मेरे पड़ोसी पर निबन्ध |My Neighbour in Hindi

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मेरे पड़ोसी पर निबन्ध |My Neighbour in Hindi!

पड़ोस में रहने वाले व्यक्ति हमारे पड़ोसी होते हैं । पड़ोस के लोग एक-दूसरे के सहायक होते हैं । खुशी का अवसर हो चाहे दुख का, पड़ोसी जितने काम आते हैं उतने दूर रहने वाले सगे-संबंधी नहीं । हमें पड़ोसियों के साथ मधुर व्यवहार करना चाहिए ।

आवश्यकता पड़ने पर पड़ोसियों को एक दूसरे की मदद करनी चाहिए । मेरे घर के सामने शर्मा जी का परिवार रहता है । शर्मा जी किसी प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक हैं । शर्मा जी का पूरा परिवार धार्मिक प्रवृत्ति का है । शर्मा जी एवं उनकी पत्नी रोज मंदिर जाते हैं । प्रत्येक मंगलवार को उनके यहाँ भजन-कीर्तन होता है ।

शर्मा जी का लड़का मेरे साथ पड़ता है । हम दोनों अच्छे मित्र हैं । मैं शर्मा जी के पास ट्‌यूशन पढ़ने जाता हूँ । शर्मा जी मुझे बहुत प्यार से पढ़ाते हैं । उनका हँसमुख स्वभाव पूरे महल्ले में प्रसिद्ध है । वे सभी के साथ बड़ी मीठी बोली में बातें करते हैं । मेरे तथा उनके परिवार के बीच खान-पान और मित्रता का नाता है ।

मेरे घर के ठीक पीछे मुहम्मद सलीम जी का परिवार रहता है । हमारे छत सटे हुए हैं अत: प्रतिदिन ही सलीम जी के परिवार के सदस्यों से हमारी बातचीत होती है । सलीम जी एक दरजी हैं तथा शहर के मुख्य बाजार में उनकी दुकान है । हमारे घर के सभी कपड़े सलीम जी की दुकान में ही सिलते हैं ।

ADVERTISEMENTS:

सलीम जी बड़े ही सच्चे व नेकदिल इसान हैं । वे नियम से नमाज पड़ते हैं । हम लोग जब भी उनकी दुकान पर जाते हैं वे बड़े प्रेम से बातें करते हैं तथा कुछ न कुछ खाने के लिए भी देते हैं । ईद के अवसर पर सभी पड़ोसियों की उनके घर विशेष दावत होती है । सलीम जी पड़ोसियों की सहायता के लिए हर समय तैयार रहते हैं । सलीम जी का बड़ा लड़का हाँकी का बहुत अच्छा खिलाड़ी है । उसके साथ महल्ले के बच्चे हॉकी खेलना सीखते हैं ।

मेरे घर की बाईं ओर मोहनदास जी का परिवार रहता है । मोहनदास जी एक हट्टे-कट्टे व्यक्ति हैं । उनकी आवाज बड़ी रोबीली है तथा मूँछें कड़ी-कड़ी हैं । ये पुलिस विभाग में हवलदार हैं । इनके कारण चोर-उचक्के हमारे महल्ले में घुसने की हिम्मत नहीं करते हैं ।

इनकी आवाज इतनी कड़कदार है कि अनजान बच्चे सुनें तो डर जाएँ । परंतु दिल से ये एक नेक व्यक्ति हैं । इनका परिवार काफी बड़ा है जिसके कारण इनके घर में हमेशा चहल-पहल बनी रहती है । इनके घर के बच्चे कभी-कभी आपस में इतना लड़ते हैं कि महाभारत का दृश्य उपस्थित हो जाता है । परंतु लड़ाई-झगड़ा हमेशा मोहनदास जी की अनुपस्थिति में होता है ।

हमारी दाई ओर एक व्यापारी परिवार रहता है । इस परिवार के सभी सदस्य काफी उदंड एवं दुष्ट हैं । इस परिवार को पड़ोसियों से कोई मतलब नहीं घर के सदस्य आए दिन आपस में लड़ते रहते हैं । इनकी आपसी लड़ाई के कारण सभी पड़ोसी दु:खी रहते हैं ।

गाली-गलौच और अभद्र भाषा में बातचीत करना इनका स्वभाव है । इनके कारण पड़ोस की शांति भंग हो जाती है । यही कारण है कि कोई भी पड़ोसी इस परिवार से तनिक भी सहानुभूति नहीं रखता । इस प्रकार मेरे अधिकतर पड़ोसी अच्छे हैं । अच्छे पड़ोसियों का होना हमारे लिए सौभाग्य की बात है । हमें पड़ोसियों के साथ मित्रता का व्यवहार रखना चाहिए ।

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मेरे पड़ोसी पर निबंध essay on my neighbour in hindi

मेरे पड़ोसी पर निबंध essay on my neighbour in hindi : प्रिय दोस्तों आपका स्वागत हैं आज हम Students और School kids के लिए simple Language में यहाँ my neighbour का Short में Hindi Essay बता रहे हैं.

neighbour के विषय में हम सभी जानते हैं. ये हमारे घर के आसपास रहते है neighbour ही हमारे सुख दुःख के सच्चे साथी होते हैं. चलिए पड़ोसी पर दिया गया निबंध (Essay) पढ़ते हैं.

मेरे प्यारे दोस्तों आज के निबंध में हम मेरे नेबर यानी पड़ोसी पर 3 छोटे बड़े निबंध यहाँ दिए गये हैं. स्कूल में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए सरल एस्से आप यहाँ पढ़ सकते हैं तथा अपने ज्ञानवर्धन के लिए उपयोग कर सकते हैं.

(150 Words) मेरे पड़ोसी पर निबंध | My Neighbour Essay In Hindi And English

हमारे पड़ोस में रहने वाले पड़ोसी पर सरल भाषा में यहाँ कई निबंध दिए गये हैं. इन निबंध में हमने सच्चा पड़ोसी कैसा होता है उनका हमारे साथ व्यवहार किस तरह का होता है क्यों नेबर को परमेश्वर कहा जाता है आदि बिंदु इसमें कवर करेगे.

My Neighbour Essay : Being humans we live in groups after the family member Neighbour is own. we share & spent with him happiest and sorrow with our Neighbour.

in this My Neighbour Essay, we are talking about the importance of Neighbour, why these are the partner of our every moment. 

Neighbour Essay In Hindi And English is helpful for students and children they read in class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10. short and long length (100, 150, 200, 250, 300, 350, 400, 500) words essay on My Neighbour gave blow first in English language after that in Hindi language.

Essay In English

Mr. Jain is next door neighbor. I live in bazar sita ram. MR Jain is a teacher. he serves in ramjas school Karol Bagh. he is the good-natured fellow. his wife is a gentle lady. he has cultured children.

we respect the feelings of each other. MR jain is not proud. he belongs a middle-class family. he is regular in his duty routine. he gets up early. he goes for a walk. after taking bath, he worships god for a few minutes. he is a God fearing.

he calls on us. he asks about our welfare. he exchanges sweets on Diwali. his wife is a fine lady. both of them treat us like relatives.

we are on good terms with our Neighbour. no doubt, my good terms with our Neighbour, is a friend relative, and guide, to me.

हिंदी निबंध

श्री जैन मेरे घर के पास ही रहते है, वो मेरे अच्छे पड़ोसी हैं। मैं सीता राम बाजार में रहता हूं। एमआर जैन एक शिक्षक है। वह रामजास स्कूल करोल बाग में पढ़ाते है। वे अच्छी प्रकृति वाले इंसान है। उनकी पत्नी एक सभ्य महिला है। उनके बच्चे अच्छी तरह सुसंस्कृत एवं सभ्य है।

हम एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हैं। मुझे अपने पड़ोसी एमआर जैन पर गर्व  है। वह एक मध्यम श्रेणी के परिवार से संबंधित है। वह नियमित रूप से अपनी ड्यूटी करते है। वे सुबह जल्दी उठते है। उठने के बाद ये मोर्निंग वाक पर जाते है। स्नान करने के बाद, वह कुछ मिनटों के लिए भगवान की पूजा करते है।

कभी कभी वो हमें अपने घर पर बुलाता है, हमारे हाल-चाल के बारे पूछता है. दिवाली इत्यादि त्योहारों पर मिठाई आदान प्रदान करते है. उसकी पत्नी एक अच्छी महिला है। वे दोनों रिश्तेदारों की तरह हमारे साथ व्यवहार करते हैं।

हमारे अपने पड़ोसी के साथ अच्छे रिश्ते हैं। निस्संदेह, हमारे पड़ोसी के साथ मेरे रिश्ते, मेरे लिए एक दोस्त एवं रिश्तेदार, मार्गदर्शक की तरह हैं।

(200 शब्द) मेरे पड़ोसी पर निबंध My Neighbour in Hindi

हमारे आसपास कुछ ऐसे लोग होते हैं जो अलग-अलग स्वभाव के होते हैं जिनमें से कुछ लोगों का स्वभाव अच्छा होता है तो कुछ लोगों का स्वभाव थोड़ा अडि़यल होता है।

अक्सर हमें पड़ोसी के तौर पर कुछ अच्छे और कुछ बुरे लोग मिलते हैं जो लोग अच्छे होते उनके साथ हमारी अच्छी पटती है और जो लोग बुरे होते हैं उनके साथ हमारी बातचीत नही होती है।

अगर हम हमारे पड़ोसी के बारे में बात करें तो हमारे पड़ोसी मिस्टर शर्मा जी है जिनका नाम अनिल शर्मा है और उनकी पत्नी का नाम माधुरी शर्मा है।

यह दोनों बहुत ही साधारण स्वभाव के हैं। अनिल शर्मा जी एलआईसी एजेंट है तो वहीं माधुरी शर्मा जी सामान्य ग्रहणी है और दोनों ही काफी अच्छे पढ़े-लिखे हैं।

इनके घर में जब भी कोई समस्या आती है तो हम एक पड़ोसी की तौर पर नहीं बल्कि एक परिवार के तौर पर उनके घर की समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करते हैं, वही जब हमारे घर में कोई समस्या होती है अथवा कोई खुशी का पल आता है तो शर्मा जी अपनी पत्नी के साथ हमारे घर के सुख और दुख में भी शामिल होते हैं।

हम तकरीबन 3 साल से एक दूसरे के पड़ोसी हैं और आज तक कभी भी हमारी किसी भी बात को लेकर बहस नहीं हुई है। हम दोनों हर त्यौहार और पर्व एक दूसरे के परिवार के साथ मिलकर मनाते हैं। हमें उम्मीद है कि हमारा यह दोस्ताना और मिलनसार पड़ोसी का व्यवहार लगातार बना रहेगा।

400 शब्द मेरे पड़ोसी निबंध

हमारे घर के अगल बगल में जो लोग रहते हैं उन्हें पड़ोसी कहकर बुलाया जाता है। जो लोग हमारे घर के अगल-बगल रहते हैं उनके पड़ोसी हम होते हैं और हम जिन लोगों के घर के अगल-बगल रहते हैं वह हमारे पड़ोसी होते हैं।

पड़ोसी अच्छे भी होते हैं और बुरे भी होते हैं।यह कुल मिलाकर इस बात पर डिपेंड करता है कि पड़ोसियों का स्वभाव कैसा है।

अगर किसी व्यक्ति को अच्छा पड़ोसी मिल जाता है तो उसे पड़ोसी नहीं बल्कि उसे उसके परिवार का सदस्य मिल जाता है यह किस्मत की बात होती है कि किसे अच्छा पड़ोसी मिले और किसे नहीं।

हमारे पड़ोसी जो है उनका नाम शशांक सिंह है जो कि बहुत ही अच्छी फैमिली से संबंध रखते हैं और वह स्वभाव से भी काफी अच्छे और मिलनसार हैं।

जिस तरह से शशांक सिंह स्वभाव अच्छे हैं ऊसी तरह उनकी पत्नी सरिता सिंह भी काफी मिलनसार स्वभाव की हैं।शशांक सिंह प्रोफेशन से एक डॉक्टर है वहीं सरिता सिंह एक हाउसवाइफ है।

मेरी माता जी भी धार्मिक प्रवृत्ति की हैं और सरिता सिंह भी धार्मिक प्रवृत्ति की हैं इसलिए मेरी माता जी और सरिता सिंह की आपस में बहुत ही बनती है।

डॉक्टर होने के नाते शशांक सिंह के पास काफी अच्छी दौलत है परंतु उन्हें अपनी दौलत का जरा सा भी घमंड नहीं है। वह सिर्फ अपने पड़ोसियों की ही नहीं बल्कि अपने पास आने वाले पेशेंट की भी भरपूर देखभाल करते हैं और अपनी हैसियत के हिसाब से पेशेंट की सहायता भी करते हैं।

डॉक्टर होने के नाते जब भी हमें हेल्थ से संबंधित कोई समस्या आती है तो हम सबसे पहले डॉक्टर शशांक को ही अपनी समस्या के बारे में इंफॉर्मेशन देते हैं और वह हमें हमारी स्थिति के हिसाब से उचित दवाई बताते हैं।

डॉ शशांक और हमारा परिवार तकरीबन 2 साल से एक दूसरे के पड़ोसी के तौर पर रह रहा है और इन 2 सालों में हमारे बीच इतना अच्छा संबंध स्थापित हो चुका है.

हमें यह लगता ही नहीं कि डॉ शशांक 2 साल पहले तक हमारे लिए कोई अनजान व्यक्ति थे, बल्कि हमें लगता है कि हम डॉक्टर शशांक को काफी पहले से ही जानते हैं और यह हमें हमारे परिवार के सदस्य की तरह ही लगते हैं।

हमारा परिवार भी डॉक्टर शशांक के हर सुख और दुख में शामिल होता है और उन्हें अपना दोस्त और अपने परिवार का मेंबर ही मानता है। डॉ शशांक जैसा पड़ोसी पाकर हम तो काफी खुश हैं।

पड़ोसी पर निबंध 600 शब्द

हमारे जीवन में पड़ोसी की बड़ी भूमिका होती हैं जीवन के सबसे ख़ुशी के या गमगीन पलों में वे ही हमारा साथ निभाते हैं. दोस्त बदले जा सकते हैं मगर नेबर नहीं बदले जा सकते हैं. इसलिए हमारा उनके साथ अच्छा व्यवहार होने जरुरी हैं.

एक अच्छे पड़ोसी को परमेश्वर की संज्ञा दी जाती हैं. जब कभी घर में रिश्ता आता है या किसी के बारे में जानना हो तो उसकी टोह उसके पड़ोसियों से ही ली जाती हैं.

जब भी जीवन में विपदा के पल आते हैं तो पड़ोसी ही ढाढस बंधाते नजर आते हैं. नजदीकी दोस्त या रिश्तेदार भी ऐसे पलों में साथ नहीं होते हैं वे भी पड़ोसी की सूचना पर ही पहुँचते हैं. हरेक व्यक्ति को चाहिए कि उनका अपने पड़ोसियों से अच्छा बर्ताव हो तो जीवन स्वर्ग बन जाता हैं.

पड़ोसी अच्छे या बुरे नहीं होते हैं बल्कि हमारा व्यवहार ही उन्हें अच्छा या बुरा बनाता हैं. यदि हम जरूरत पड़ने पर अपने पड़ोसियों की मदद करते हैं उनके आवश्यक कोई वस्तु हमारे पास हैं तो उन्हें देने में संकोच नहीं करते हैं तो निश्चय ही वे भी आपके साथ अच्छा बर्ताब करेगे तथा वक्त पड़ने पर आपकी भी पूरी मदद करेंगे.

दो पड़ोसियों के बीच का रिश्ता सहयोग की बुनियाद पर टिका होता हैं जो लेनदेन तथा मदद से और मजबूत होता जाता हैं.

हमारे धर्म के ग्रंथों में अतिथि को देवता माना गया हैं मगर पड़ोसी देवता से बढ़कर होता हैं जो ख़ुशी के समय खुशियों को दुगुनी करता हैं तो दुःख में हाथ बटाकर धीरज दिलाता हैं.

एक दिन की बात हैं ठंड का मौसम था हमारे घर के सभी लोग खा पीकर जल्दी सो गये थे. तेज जाड़े के बीच में अपने कमरे में पढ़ रहा था देर रात सोने की कोशिश कर रहा था मगर नींद नहीं आ रही थी,

शरीर में हल्का ज्वर था मैं उठा पानी पीया और फिर सोने की कोशिश करने लगा मगर बुखार ओर तेज होता गया. अंत में कपकपाने वाली ठंड के साथ बुखार ने मुझे अपनी गिरफ्त में ले लिया.

मैंने मम्मी पापा को आवाज दी बड़ा भाई भी घर पर था, सभी मेरे पास आ गये रात के दो बजे थे मगर बुखार के मारे मेरी हालत और खराब हो रही थी. हमारे घर के पास ही चौधरी चाचा का घर हैं वे अचानक बाहर निकले तो देर रात हमारे घर में सुगबुगाहट सुनकर उन्होंने मेरे पापा को फोन किया, जब वे सारी बात समझ गये तो मेरे घर आए.

उन्होंने आते ही मुझे देखा और पिताजी की तरफ मुड़कर बोले अब डॉक्टर के पास चलना होगा, बुखार बहुत तेज हैं सुबह होने में भी देर हैं. हमारे शहर के अस्पताल बंद हो चुके थे. वे अपने एक दोस्त डॉक्टर को फोन मिलाते हुए अपने घर गये तथा अपनी गाड़ी मेरे घर के आगे लाकर हमें चलने के लिए बोलने लगे.

मुझे उठाकर गाड़ी में लिटाया और कुछ ही मिनट में हम डोक्टर किल्निक में पहुँच गये. जहाँ मेरे पड़ोसी चौधरी चाचा का दोस्त स्वयं डॉक्टर था.

उन्होंने मुझे कुछ इंजेक्शन व दवाई देकर आराम करने को कहा, आधे घंटे बाद ज्वर उतर गया और मैं चौधरी चाचा के पास गया और उन्हें धन्यवाद देते हुए अब घर चलने को कहने लगा. इस तरह हम रात के चार बजे वापिस घर लौट आए.

मेरे लिए यह जीवन का सबसे कठिन पल था, जब मेरे पड़ोसी मेरे लिए देवदूत बनकर आए और जब पूरा शहर सो रहा था तो वे हमारी मदद के लिए जगते रहे. तब से मैंने एक पड़ोसी के महत्व को जाना हैं.

उस घटना के बाद से मेरा अपने पड़ोसियों के प्रति नजरिया बदल गया. अब मेरा दिल उन्हें पराया मानने की बजाय अपना मानने लगा.

हम मानव हैं साथ ही एक सामाजिक प्राणी भी. हमें कभी मदद की आवश्यकता होती हैं तो कभी दूसरों के दुःख दर्द में साथ भी देना चाहिए. पड़ोसी अच्छे और बुरे भी होते हैं.

कुछ अच्छे संत महापुरुष स्वभाव के लोग होते हैं जो हमेशा आगे बढ़कर सभी की मदद करते हैं. मेलजोल से रहते हैं एक दूसरे के घर आते जाते हैं तथा तन मन धन से एक दूजे का सहयोग भी करते हैं.

वहीँ पड़ोसी एक अन्य तरह के भी होते हैं. जो स्वभाव से कंजूस, चिडचिडे, बात बात पर झगड़ा करने वाले, जोर जोर से चिल्लाने वाले या केवल लोगों की मदद व उधार चीजे लेने वाले तथा दूसरे की जरूरत पड़ने पर मदद की बजाय मना कर देने वाले अथवा बहाना खोजने वाले होते हैं. ऐसे पड़ोसी के साथ अधिक घुलमिल नहीं जाए तो भी मुहं से गलत शब्द या गाली गलोच नहीं करना चाहिए.

हमें अच्छे तथा बुरे दोनों प्रकार के पड़ोसियों के साथ संतुलित व्यवहार रखना चाहिए. पता नहीं कब किसका ह्रदय परिवर्तित हो जाए या हमारे किसी शब्द या व्यवहार से किसी को ठेस पहुँच जाए तथा वह मन ही मन हमेशा बदला लेने का अवसर ढूढता रहे.

इसलिए हमेशा अपने पड़ोसी के साथ मधुर रिश्ते रखे. जो लोग आपकी या दूसरों की मदद करते हैं उन्हें अपना दोस्त बनाए. उनके घर भी जाए तथा उन्हें अपने घर पर भी आमंत्रित करे तथा आवश्यकता पड़ने पर अपने पड़ोसी की दिल खोल कर मदद करे.

__पड़ोसी पर हिंदी निबंध समाप्त__

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दा इंडियन वायर

मेरे पड़ोसी पर निबंध

my neighbourhood in hindi essay

By विकास सिंह

essay on my neighbour in hindi

अच्छे पड़ोसी एक आशीर्वाद हैं। वे ज़रूरत के समय में एक दूसरे की मदद करते हैं और खुशियाँ और दुख साझा करते हैं। एक अच्छा पड़ोसी होने से जीवन बहुत अधिक आनंदमय और सुखद हो जाता है। यह हमें सुरक्षित महसूस कराता है। यह उनके परिवारों से दूर रहने वाले लोगों के लिए विशेष रूप से सच है।

मेरे पड़ोसी पर निबंध, short essay on my neighbour in hindi (200 शब्द)

मददगार और सकारात्मक लोगों से घिरे पड़ोस में रहना सुरक्षित, सुरक्षित और सुखद लगता है। मेरे पड़ोस में रहने वाला परिवार जिंदादिल है। उनके परिवार में छह सदस्य हैं – दादा-दादी, माता-पिता और दो बच्चे। हर सदस्य हंसमुख और मददगार है। हम लगभग एक दशक से एक ही पड़ोस में रह रहे हैं और हमारे पड़ोसी हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं।

इन वर्षों के दौरान कई घटनाएं हुई हैं जहां वे बहुत मदद और समर्थन साबित हुए हैं। मुझे याद है जिस दिन मैं अपनी दादी के साथ घर पर अकेली थी। मेरी दादी कुछ घरेलू काम कर रही थीं जब उनका टखना मुड़ गया और वह फर्श पर गिर गईं। वह अपने आप उठ नहीं पा रही थी। मैं उस समय सिर्फ सात साल का था और उसके खड़े होने में मदद नहीं कर सकता था। मैं लगभग आँसू में था।

मैंने अपने पड़ोसियों को फोन किया और वे तुरंत मदद के लिए आए। मैं वास्तव में उनका शुक्रगुजार था। यह सिर्फ एक घटना है। ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जिनमें उन्होंने हमारी मदद की है। जब भी उन्हें किसी भी मदद की आवश्यकता होती है, हमारा परिवार भी उनका समर्थन करता है। पिछले साल, जब उनके घर का नवीनीकरण हो रहा था, तो हमने उन्हें कुछ दिनों के लिए हमारे साथ रहने के लिए आमंत्रित किया।

हमने जीवन में विभिन्न ऊंचाइयों और चढ़ावों को एक साथ देखा है और आशा करते हैं कि हमारा बंधन आने वाले वर्षों तक बरकरार रहेगा।

मेरे पड़ोसी पर लेख, article on my neighbor in hindi (300 शब्द)

प्रस्तावना:.

हम एक परमाणु परिवार में रहते हैं। मेरे पिता एक आईटी फर्म में काम करते हैं और मेरी माँ एक शिक्षक हैं। मेरा कोई भाई-बहन नहीं है और न ही शहर में हमारा कोई रिश्तेदार है। हम गर्मियों की छुट्टी के दौरान ही अपने दादा-दादी और चचेरे भाई से मिलने जाते हैं।

शुरू में जब हम यहां शिफ्ट हुए तो मुझे काफी अकेलापन महसूस हुआ। हालाँकि, मैं जल्द ही अपने नए पड़ोसी मीरा से मिला। मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई कि वह मेरे जैसी ही उम्र की थी। हम दोनों उस समय आठ साल के थे। मुझे शुरू से ही उसका साथ मिला। हम बहुत अच्छे से जुड़े और मैं वास्तव में बेहतर महसूस करने लगा। मैं अब अकेला या उदास नहीं था।

हमारे नए पड़ोसी के साथ हमारा बंधन

जैसे मीरा से मेरी दोस्ती हो गई, वैसे ही मेरी माँ के साथ मेरी माँ भी हो गई। मीरा की माँ एक गृहिणी हैं। मेरी माँ और वह अक्सर शाम की चाय साथ में खाते हैं। हम ऐसे दिनों के लिए तत्पर हैं क्योंकि यह हमें एक-दूसरे के स्थान पर खेलने की अनुमति देता है। हमें विभिन्न खिलौनों और खेलों के साथ खेलने का मौका मिलता है।

अन्य दिनों में, हम एक साथ पार्क में जाते हैं। हम अलग-अलग आउटडोर गेम खेलते हैं, झूलों का आनंद लेते हैं और भरपूर आनंद लेते हैं। हम अपने अंतिम अवकाश के दौरान उसी समर कैंप में शामिल हुए। कार्यदिवस के दौरान यह शिविर प्रतिदिन तीन घंटे के लिए था। हमने इस दौरान कला और शिल्प, नृत्य, संगीत और बोर्ड गेम जैसी कई गतिविधियों में भाग लिया।

हम दोनों कला और शिल्प कार्य का आनंद लेते हैं। समर कैंप से लौटने के बाद भी हमने कई क्राफ्ट आइटम एक साथ तैयार किए। हर साल छुट्टियों के दौरान, हम मॉल में भी जाते हैं। हमें पड़ोसी हुए तीन साल हो चुके हैं और यह बहुत मजेदार रहा है।

निष्कर्ष:

मुझे इतना अच्छा पड़ोसी देने के लिए मैं वास्तव में भगवान का शुक्रगुजार हूं। मीरा बस सर्वश्रेष्ठ है। उसका परिवार भी बहुत मिलनसार है। मुझे खुशी है कि हमारी माताएँ भी आपस में मित्र हैं।

मेरे पड़ोसी पर निबंध, essay on my neighbor in hindi (400 शब्द)

हमारे पड़ोसी पहले लोगों में से एक हैं जो हम आपातकालीन स्थिति के दौरान संपर्क कर सकते हैं। जिनके पास अच्छे पड़ोसी हैं वे सुरक्षा की भावना के साथ रहते हैं। दूसरी ओर, जो लोग अपने पड़ोसियों के साथ अच्छी तरह से नहीं जुड़ते हैं, उनकी ज़रूरत के समय में कठिन समय हो सकता है।

हमें अच्छा पड़ोसी चाहिए:

यहाँ हमें अच्छे पड़ोसियों की आवश्यकता है:

  • अच्छे पड़ोसी संकट के समय हमारा समर्थन करते हैं। किसी भी तरह की समस्या उत्पन्न होने पर वे हमारी मदद करने के लिए वहां मौजूद हैं।
  • वे गर्मजोशी और मिलनसार होते हैं इसलिए अगर हम हमें परेशान करते हैं तो हम उनमें विश्वास कर सकते हैं। यह हमारे तनाव और बोझ को कम करने का एक अच्छा तरीका है।
  • वे पड़ोस को सकारात्मकता से भरते हैं और इसे रहने के लिए बेहतर जगह बनाते हैं।
  • अच्छे पड़ोसियों से घिरा पड़ोस बच्चों के लिए सुरक्षित है।
  • बुजुर्ग लोगों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाता है और अच्छे पड़ोसी होने पर अकेलापन महसूस नहीं करते हैं।
  • अच्छे पड़ोसी हमेशा एक-दूसरे के लिए होते हैं। वे एक दूसरे की जरूरतों के प्रति संवेदनशील हैं।
  • अच्छे पड़ोसी त्योहारों और अन्य विशेष अवसरों को एक साथ मनाते हैं। खुशी तब दोगुनी हो जाती है जब लोग एक साथ ऐसे खास दिन मनाते हैं।
  • जो बच्चे गर्म और मैत्रीपूर्ण पड़ोस में बढ़ते हैं, वे एक आकर्षक व्यक्तित्व विकसित करने की संभावना रखते हैं। वे साझा करना और देखभाल करना भी सीखते हैं।

प्राचीन समय के दौरान पड़ोसी

भले ही हमारे पड़ोसियों को अच्छी तरह से जानना और उनके साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना महत्वपूर्ण है, लेकिन शहरों में रहने वाले लोग ऐसा करने का प्रयास नहीं करते हैं। वे आमतौर पर इसके लिए अपनी व्यस्त जीवन शैली को दोषी मानते हैं। यह पुरानी पीढ़ियों से संबंधित लोगों के बिल्कुल विपरीत है।

पहले के समय में, लोग अपने पड़ोसियों को बहुत अधिक महत्व देते थे। उन्होंने अपने पड़ोसियों के साथ संबंध बनाने का प्रयास किया। उनके पड़ोसी उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा थे। वे अक्सर अपने पड़ोसियों को अपने स्थान पर आमंत्रित करते थे। वे शाम के समय नियमित रूप से मिलते थे। पड़ोस के बुजुर्ग लोग चिट चैट के लिए दोपहर के भोजन के बाद एक साथ बैठ गए। उन्होंने देर शाम तक एक-दूसरे की कंपनी का आनंद लिया और रात के खाने के समय ही घर लौटे।

बुजुर्ग महिलाएं सुबह या शाम के समय मंदिर जाती थीं। वे एक दूसरे के साथ बातचीत करने के लिए पड़ोस के पार्क में बैठ गए। दूसरी ओर, बच्चे घंटों तक एक साथ खेले। आस-पड़ोस की महिलाएँ अक्सर बाजार जाती थीं। उन्होंने घर के कामों में एक-दूसरे की मदद की। वे सभी एक बड़े खुशहाल परिवार के रूप में रहते थे। यह परंपरा भारतीय गांवों में आज भी जारी है।

हमें अपने पड़ोस में रहने वाले लोगों के लिए अच्छा होना चाहिए अगर हम उसी तरह से व्यवहार करना चाहते हैं। हमारा जीवन अच्छे पड़ोसियों की संगति में अधिक समृद्ध और खुशहाल बनता है।

मेरे पड़ोसी पर निबंध, 500 शब्द:

हम एक सोसाइटी में रहते हैं। प्रत्येक मंजिल पर आठ परिवार हैं। समाज में कई मंजिलें और कई टावर हैं। यह इसे एक बड़ा पड़ोस बनाता है। हमारे समाज का आवासीय कल्याण संघ बहुत सक्रिय है। वे सुनिश्चित करते हैं कि हम सभी एक साथ विभिन्न त्योहार मनाएं। विभिन्न त्योहारों पर बड़े आयोजन किए जाते हैं। यह सभी पड़ोसियों को करीब लाता है और उन्हें अच्छी तरह से बंधने में मदद करता है। मुझे इस पड़ोस में रहने का वास्तव में अच्छा अनुभव है लेकिन कुछ घटनाएं इतनी अच्छी नहीं रही हैं।

मेरे पड़ोसियों के साथ कुछ अच्छे अनुभव

हम अपनी मंजिल पर रहने वाले अधिकांश परिवारों के साथ अच्छे पदों पर हैं। मेरे माता-पिता पड़ोसियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने के महत्व को समझते हैं और इस प्रकार उनके साथ संबंध बनाने का प्रयास करते हैं।

हमारी मंजिल पर रहने वाली एक महिला मेरी दादी के साथ बहुत अच्छी दोस्त है। वे दोनों शाम के समय मंदिर जाते हैं। सर्दियों की दोपहर के दौरान वे पार्क में बैठते हैं और बुनना करते हैं। मेरी माँ अक्सर उसे अपने घर आमंत्रित करती है ताकि दो बुजुर्ग महिलाएँ एक साथ समय बिता सकें।

मेरे पड़ोसी में भी मेरे दो बहुत अच्छे दोस्त हैं। मैं हर शाम उनके साथ पार्क में जाता हूं। हम एक साथ खेलते हैं जैसे हमारी माताएं बैठती हैं और एक दूसरे के साथ चैट करती हैं। हम खेलने के लिए एक दूसरे के स्थान पर भी जाते हैं। मुझे अपने पड़ोस में अच्छे दोस्त रखने में बहुत अच्छा लगता है, क्योंकि यह छुट्टी के समय को बहुत अधिक मजेदार बनाता है। मेरे माता-पिता काम कर रहे हैं। वे दोनों सुबह काम पर जाते हैं और शाम तक ही लौटते हैं। मैं दिन के दौरान अपने दादा-दादी के साथ रहती हूं।

चूंकि वे बड़े हो चुके हैं, वे मेरे साथ नहीं खेल सकते। लेकिन वे मुझे अपने पड़ोस के दोस्तों को घर बुलाने की अनुमति देते हैं या मुझे कुछ समय के लिए अध्ययन करने के बाद कुछ घंटों के लिए वहां जाने देते हैं। मेरे पड़ोस के दोस्तों की कंपनी मेरी छुट्टियों को सुपर मजेदार और रोमांचक बनाती है। मैं शाम के समय उनके साथ तैराकी और साइकिल पर जाता हूं। इस तरह की गतिविधियों के लिए जाने पर मेरे एक पड़ोसी मित्र की माँ हमारे साथ होती है।

हम अपने पड़ोसियों के साथ दिवाली और नए साल के अवसर पर उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। इन अवसरों को मनाने के लिए हम दोपहर का भोजन या रात का भोजन भी साथ में करते हैं।

मेरे पड़ोसियों के साथ कुछ बुरे अनुभव:

जबकि हमारे कुछ पड़ोसी वास्तव में मधुर हैं और हमारे अच्छे और बुरे समय में हमारे साथ खड़े हैं, दुर्भाग्य से, हमारे पास कुछ परेशान पड़ोसी भी हैं। जब पड़ोसियों की बात आती है तो हमारे पास बुरे अनुभवों का हिस्सा होता है। हमारी मंजिल पर तीन लड़कियों ने एक अपार्टमेंट किराए पर लिया है। वे अक्सर देर शाम के घंटों के दौरान जोर से संगीत बजाते हैं। इससे हमारी नींद बाधित होती है। हमारे पास इस दौरान पढ़ाई करने का कठिन समय भी है।

हमने उनसे कई बार वॉल्यूम कम रखने का अनुरोध किया है। लेकिन ऐसा लगता है कि वे दूसरों की चिंता नहीं करते। हमारे पड़ोसियों में से एक और काफी अजीब है। यह चार – दो बच्चों और उनके माता-पिता का परिवार है। हमने उनसे संपर्क करने और उनसे दोस्ती करने की कोशिश की है। हालांकि, ऐसा लगता है कि उनके माता-पिता चाहते हैं कि वे हमसे दूरी बनाए रखें। वे अक्सर अशिष्ट व्यवहार करते हैं और फर्श पर किसी के साथ अच्छी तरह से बंधन नहीं करते हैं।

अच्छे पड़ोसी होना बहुत अच्छी बात है। हालांकि, हर किसी के पास यह विशेषाधिकार नहीं है। मुझे खुशी है कि मेरे पड़ोस में कुछ अच्छे लोग हैं।

मेरे पड़ोसी पर निबंध, long essay on my neighbour in hindi (600 शब्द)

मुझे अपने पिता की नौकरी के कारण हर कुछ वर्षों में एक नए स्थान पर स्थानांतरित होने की आवश्यकता है। नए माहौल के साथ तालमेल बिठाना मुश्किल है। नए परिवेश और लोगों के अनुकूल होने में समय लगता है। हालाँकि, हम अब तक भाग्यशाली रहे हैं जब पड़ोसियों की बात आती है। हमारे हमेशा अच्छे पड़ोसी रहे हैं।

हमारे पड़ोस में बूढ़ी औरत

जब मैं पाँच साल का था, हम लखनऊ चले गए। मैं वास्तव में उस जगह से प्यार करता था। हम तीन साल वहां रहे और मैंने उस जगह की कुछ सच्ची यादें ताजा कर दीं। मैं एक छोटे से सामने वाले लॉन के साथ हमारे एक मंजिला घर से प्यार करता था, मुझे उस जगह की स्वादिष्ट व्यंजनों से प्यार था, मुझे हमारे सप्ताहांत की सैर बहुत पसंद थी लेकिन सबसे ज्यादा मुझे अपने परिवार की पड़ोस की बूढ़ी औरत से प्यार था। उसका नाम श्रीमती शुक्ला था।

वह हमारे घर के बगल में ही रुकी थी और हम उसके साथ बहुत अच्छे से जुड़े थे। मेरे पास उनके घर पर आने की पहले दिन ही एक धुंधली सी याद है। उसने हमारे लिए चाय और नाश्ता तैयार किया और पड़ोस में हमारा स्वागत किया। हमें एक बार घर पर महसूस हुआ। वह अपने सामने के लॉन में बैठी और सर्दियों के दोपहरों के दौरान स्वेटर बुनती थी। मेरी माँ अक्सर बुनाई की कुछ तकनीकों को सीखने के लिए उनके साथ जुड़ गई। उसने एक बार मेरी गुड़िया के लिए एक छोटा नीला स्वेटर बुना था। मुझे इसे प्राप्त करने में बहुत खुशी हुई।

कई बार जब मेरे माता-पिता खरीदारी करने गए, तो उन्होंने हमें श्रीमती शुक्ला के यहाँ छोड़ दिया। उसने हमारी बहुत अच्छी देखभाल की। गर्मी की छुट्टियों के दौरान उनके पोते-पोतियों ने उनसे मुलाकात की। हम उस समय का इंतजार कर रहे थे जब हमें उन बच्चों के साथ वास्तव में अच्छी तरह से मिला। हम अक्सर उन्हें अपनी जगह पर बुलाते थे और दिन भर खेलते थे। कई बार, हम उनकी जगह पर भी गए और बहुत मज़ा आया।

हमारे पड़ोस में पंजाबी परिवार

जब मैं आठ साल का था, तो हम चंडीगढ़ शिफ्ट हो गए। यह एक सुन्दर शहर है। यह सुंदर घरों और परिवेश के साथ बहुत अच्छी तरह से योजनाबद्ध है। हमने एक अच्छे इलाके में एक अपार्टमेंट किराए पर लिया। जगह का माहौल काफी सुखदायक था और इसलिए हमारे पड़ोसी थे। हमारे अगले दरवाजे के पड़ोसी एक पंजाबी परिवार थे। यह एक संयुक्त परिवार था। परिवार में कुल सात सदस्य थे।

उनकी बेटी लगभग मेरी ही उम्र की थी और मुझे उसके साथ बहुत अच्छा लगने लगा। वह अक्सर शाम के दौरान हमारी जगह पर आता था और हम घंटों खेलते थे। कभी-कभी, हम झूले लेने और बैडमिंटन खेलने के लिए पार्क में जाते थे। उसके दो भाई थे जो मेरे भाई से बड़े थे लेकिन बहुत मिलनसार थे। वे हमेशा मेरे भाई को उनके साथ क्रिकेट खेलने के लिए कहते थे। मेरा भाई उनके साथ खेलने के लिए उत्सुक था।

मेरी माँ भी उनकी माँ के साथ बहुत अच्छी दोस्त बन गईं। वे दोनों एक साथ खरीदारी करने गए। वे अक्सर व्यंजनों का आदान-प्रदान करते थे और घंटों चैट करते थे। चंडीगढ़ में हमने जो दो साल बिताए वो वाकई मजेदार थे। यह कहना गलत नहीं होगा कि हमारे पड़ोस में रहने वाले पंजाबी परिवार ने इसे और भी मजेदार बना दिया।

गुजराती युगल

मैंने इंदौर में बिताए एक साल को भी संजोया। मैं ग्यारह साल का था जब हम इस शहर में शिफ्ट हुए थे। यह उन शहरों से काफी अलग था जो मैं पहले रहता था। हमारे पड़ोस में एक गुजराती युगल रहता था। शिफ्ट होने से कुछ दिन पहले ही उन्होंने हमारा एक अपार्टमेंट खरीदा था।

इसलिए, यहां तक ​​कि वे उस समय अपनी जगह को अनपैक करने और सजाने में व्यस्त थे, जिस समय हम शिफ्ट हुए थे। जगह उनके लिए उतनी ही नई थी जितनी हमारे लिए थी। इसलिए, महिला अक्सर मेरी माँ के साथ आस-पास के स्थानों का पता लगाने के लिए बाहर जाती थी। उसने स्वादिष्ट करी पकाई और अक्सर हमें कुछ हिस्सा दिया। मुझे उसका गर्म और दोस्ताना स्वभाव पसंद था। उनके पति भी बहुत विनम्र और मददगार थे।

अच्छे पड़ोसी हमारे बचपन के अनुभवों को समृद्ध करते हैं। मुझे खुशी है कि हमारे पास कुछ बहुत अच्छे पडोसी हैं। मुझे उम्मीद है कि हम भविष्य में भी ऐसे सुंदर और मददगार लोगों से मिलते रहेंगे।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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मेरे पड़ोसी पर निबन्ध my neighbour essay in hindi

मेरे पड़ोसी पर निबन्ध : मैं लोदी कॉलोनी के सरकारी आवास में रहता हूँ। हमारा फ़्लैट पहली मंजिल पर है। मेरे पड़ोस में एक ईसाई परिवार रहता है। इस परिवार के मुखिया श्री टोनी क्लेयर हैं। उनके साथ उनकी पत्नी, जूलियट क्लेयर कर उनकी दो बेटियां हैं।

मेरे पड़ोसी पर निबन्ध (my neighbour in hindi)

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Essay on My Village in Hindi: जानिए मेरे गांव पर स्टूडेंट्स के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध

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  • Updated on  
  • अक्टूबर 23, 2023

Essay on my village in Hindi

ऊंची-ऊंची पहाड़ियों और हरी-भरी हरियाली के बीच बसा मेरा गांव सिर्फ एक ज्योग्राफिक लोकेशन से कहीं अधिक है। यह मेमोरीज, ट्रेडिशंस और क्लॉज कम्यूनिटीज की एक टेपेस्ट्री है। ग्रामीण जीवन के आकर्षण और महत्व के लिए सभी को जानकारी होनी चाहिए। प्रत्येक स्कूल या कॉलेज की परीक्षाओं में गांव पर निबंध के प्रश्न पूछे जाते हैं, Essay On My Village In Hindi, My village essay in Hindi के बारे में जानकारी यहां दी गई है। 

This Blog Includes:

मेरा गांव 100 शब्दों में निबंध, मेरा गांव 200 शब्दों में निबंध, गांव का जीवन कैसा होता है, गांव का वातावरण तथा काम, गांवों का महत्व, गांवों पर कोट्स, गांव के जीवन से जुड़े तथ्य.

मेरा गांव मेरे दिल में बसता है। मेरा एक छोटा सा गांव है, जो शांति और सामाजिक सांझ के माहौल के लिए बहुत प्रसिद्ध है। गांव के सभी लोग अपने साथी गांववालों के साथ एक परिवार की भावना से रहते हैं। हमारे गांव के आस-पास प्राकृतिक सौंदर्य और यहां की हरियाली सबसे ख़ास है। वहां के खेतों में फसलें उगती हैं और आकाश में चिड़ियों का गुंथन अमित सौंदर्य का दर्शन कराता है।

गांव के लोग एक साथ खेलते हैं, मिलकर मनाते हैं और साथ में प्रयास करते हैं। हमारे गांव में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं। मेरे गांव का माहौल शांतिपूर्ण है और यहां की सांझा कुछ ख़ास है। यहां के लोग एक-दूसरे के साथ एक गांव की भावना से जुड़े रहते हैं और हमारे गांव को अद्वितीय बनाते हैं। मेरे गांव के लोग समृद्धि और समरसता के प्रतीक हैं। हम विभिन्न जातियों और धर्मों के लोगों के साथ मिलकर रहते हैं और एक दूसरे की सहायता करने में समर्थ हैं।

हमारे गांव में कई पर्व और त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें सभी लोग भाग लेते हैं। यहां के उत्सव और मेले गांव को रंगीन बनाते हैं।

मेरे गांव का नाम रामगढ़ है। यह उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में स्थित है। रामगढ़ मेरी जन्मभूमि है। यह पूरी तरह से प्रकृति से घिरा हुआ है। हमारा यह गांव सुंदरता, ताजगी और शांति काभरा हुआ स्वर्ग है। मेरे गांव में हर यहां साल तरह-तरह के फल, फूल उगते हैं। मेरे गाँव में लगभग 500 से भी अधिक घर बने हुए हैं। यहां करीब दो हजार लोग रहते हैं।  हमारे गांव में सभी प्रकार के धर्मों के लोग प्रेम और सुख-शांति से रहते हैं। 

मेरे गाँव में बच्चों के पढ़ने के लिए एक प्राइमरी स्कूल है और एक हाई स्कूल भी बना है। मेरे गाँव में डाक भेजने के लिए एक पोस्ट ऑफिस और मरीजों के उपचार के लिए एक अस्पताल भी है। मेरा गाँव का आज के समय के कम्युनिकेशन सिस्टम के मामले में बहुत डेवलप है। गाँव की पंचायत सड़क के माध्यम से पास के भारत के नेशनल हाईवे से जुड़ा हुआ है। हमारे गाँव की सभी मुख्य सड़कें पक्की हैं तथा वाहनों के आने जाने के लिए बहुत चौड़ी हैं।

हमारे गांव में अलग-अलग प्रोफेशंस के लोग रहते हैं, लेकिन मुख्यत: हमारे गांव के अधिकतर लोग किसान हैं। इसके साथ गांव के कुछ लोग मछली पकड़ने, बुनाई, हस्तशिल्प, दुकानदारी आदि से जुड़े हैं। इसके अलावा, कुछ लोग मजदूर के रूप में भी काम करते हैं। एक गाँव का एक मुख्य बाज़ार भी है जो एक सप्ताह में दो लोगों की खरीद दारी के लिए एक बार आयोजित होता है। इसकी वजह से गांव में लोगों के अपने पसंद की चीजें खरीदने और बेचने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। हमारे गाँव का तथा उसके आस-पास का मौसम बहुत अधिक सुहावना और सुन्दर है। यहां ताजी हवा और ऑक्सीजन मिलना संभव है। गांव में पीने का पानी स्वच्छ है एवं यह प्रदूषण मुक्त है मेरा गाँव दिन प्रतिदिन प्रगति कर रहा है। गांव का प्रत्येक बचा शिक्षा की ओर बढ़ रहा है और कई सारे छात्र पढ़ाई के लिए विदेश भी जा पा रहे हैं। मुझे अपने इस गांव पर बहुत अधिक गर्व है।

मेरा गांव 500 शब्दों में निबंध

My village essay in Hindi 500 शब्दों में निबंध दिया गया है-

मेरा गाँव आबादी में छोटा लेकिन मनमोहक है, यह मेरे दिल में एक बहुत ही विशेष स्थान रखता है। मेरा गांव प्रकृति की गोद में बसा हुआ है। यह शांति, सादगी और प्रेम से रहने वाले लोगों के घनिष्ठ समुदाय की भावना का प्रतीक है। हमारी तेजी से भागती हुई दुनिया में गांव दुर्लभ होता जा रहा है। वास्तव में मेरे गाँव की प्राकृतिक सुंदरता और जीवनशैली वास्तव में असाधारण है। यह गांव मेरे लिए यह एक ऐसा स्वर्ग है जहाँ समय धीमा लगता है, और ग्रामीण स्तर का जीवन का सार अपनी अलग ही महिमा में प्रकट होता है।

गांव का जीवन अपने प्राकृतिक सुंदरता और शांति से भरपूर होता है। यहां के लोग साथ में मिलकर सादगी और समरसता के साथ रहते हैं। खेतों में उगती हरियाली, गायों के विसर्पण की गंध और आसमान में चिड़ियों की चहचहाहट गांव का वातावरण सुखद बनाती हैं।

सबका एक-दूसरे के साथ एक खास रिश्ता है। समुदाय में उत्सव और त्योहारों का आयोजन होता है, जो लोगों को एकसाथ लाता है। खेती-बाड़ी के कामों के साथ-साथ गांव में विभिन्न शिक्षा और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है।

गांव में लोग आपसी सहायता करते हैं और एक-दूसरे के साथ साथीपन के भावना से जुड़े रहते हैं। यहां के बच्चे अपनी पारंपरिक भूमिकाओं और मौलिक विद्या को अपनाते हैं। गांव का जीवन नगरों की भागमभाग की भीड़-भाड़ से मुक्त है। यहां के लोग अपने विशेष संस्कृति और लोककला को बचाए रखते हैं। इस प्रकार, गांव न केवल एक स्थान है, बल्कि एक आत्मा का निवास है जो सदैव लोगों के दिलों में बसता है।

गांव का वातावरण स्वच्छ, प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर और शांतिपूर्ण होता है। पेड़-पौधों की हरियाली, नदियों का मनमोहक संगीत, और खुले आकाश के नीले रंग का दृश्य गांव को अद्वितीय बनाता है। गांव के लोग प्राथमिक रूप से कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में लगे होते हैं। खेतों में फसलों की खेती, गाय और भैंसों के पालन-पोषण के काम में लोग लगे रहते हैं। सबका एक-दूसरे के साथ साथीपन के भावना से जुड़ा होता है, और वे आपसी सहायता करते हैं। किसान अपनी मेहनत और ज़िम्मेदारियों के साथ-साथ गांव की सामृद्धि के लिए प्रतिबद्ध हैं। वे अपने कामों में मन, धन, और मेहनत लगाते हैं ताकि वे अच्छी खेती और पशुपालन कर सकें।

गांव का वातावरण खुद में ही एक शिक्षा है, जो लोगों को समरसता, गरिमा, और सादगी का महत्व सिखाता है। यहां के लोग अपने रोज़मर्रा के कामों में संतुष्ट रहते हैं और प्रकृति के साथ एक साथ जीने का आनंद लेते हैं। गांव में किसान अपने खेतों की देखभाल करते हैं, जो मुख्य रूप से फसलों की उपज बढ़ाने के लिए होते हैं। यहां की परंपरागत खेती तकनीकों का प्रयोग करती है और मौसम के अनुसार खेतों की जोड़बंदी करती है।

गांव के लोग बच्चों की शिक्षा को महत्व देते हैं और विद्या में उच्च योग्यता के लिए प्रयासरत होते हैं। स्थानीय स्कूल और साक्षरता अभियानों के माध्यम से वे शिक्षा को बढ़ावा देते हैं ताकि आने वाली पीढ़ियों का भविष्य बेहतर हो सके। गांव का जीवन खुद में एक शिक्षा है, जो सामृद्धि के लिए मेहनत, जोश, और साझेदारी की महत्वपूर्ण भावना सिखाता है। गांव में लोगों के बीच सहयोग और सामाजिक सांझा गांव की गरिमा को बनाए रखते हैं और यहां का जीवन अपनी अलगीपन में अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है।

गाँव किसी भी देश के सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनका महत्व समाज के विभिन्न पहलुओं और राष्ट्र के समग्र विकास से गहराई से जुड़ा हुआ है।  गांवों के महत्व को उजागर करने वाले कुछ प्रमुख कारण यहां दिए गए हैं-

  • कृषि का केंद्र: गाँव कृषि की रीढ़ हैं, जो अधिकांश भोजन का उत्पादन करते हैं जो ग्रामीण और शहरी दोनों आबादी का भरण-पोषण करता है।  वे फसल की खेती, पशुधन पालन और अन्य कृषि गतिविधियों में संलग्न हैं।  गांवों का कृषि उत्पादन न केवल देश का पेट भरता है, बल्कि निर्यात के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।
  • संस्कृति का संरक्षण: गाँव अक्सर परंपराओं, संस्कृति और विरासत के भंडार होते हैं।  वे सदियों पुराने रीति-रिवाजों, अनुष्ठानों और प्रथाओं को कायम रखते हैं जो किसी देश की पहचान के लिए अंतर्निहित हैं।  ये अनूठी परंपराएँ किसी राष्ट्र की सांस्कृतिक विविधता को जोड़ती हैं और उसके इतिहास के एक जीवित संग्रहालय के रूप में काम करती हैं।
  • रोज़गार के अवसर: गाँव रोज़गार का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं, विशेषकर कृषि क्षेत्र में।  वे खेती, पशुपालन और विभिन्न अन्य संबंधित गतिविधियों में रोजगार प्रदान करते हैं।  इसके अलावा, गांवों में लघु-स्तरीय कुटीर उद्योग कई निवासियों को आजीविका के अवसर प्रदान करते हैं, जिससे शहरी प्रवास कम होता है।
  • पर्यावरण संतुलन: गाँव अक्सर प्रकृति से घनिष्ठ संबंध बनाए रखते हैं।  ग्रामीण पर्यावरण जैव विविधता के लिए आवश्यक है, और कई गाँव जंगलों, नदियों और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षक हैं।  वे पारिस्थितिक संतुलन और स्थिरता बनाए रखने में योगदान देते हैं।
  • शहरी क्षेत्रों के लिए आपूर्ति श्रृंखला: गाँव शहरी क्षेत्रों में कच्चे माल, खाद्य उत्पाद और श्रम की आपूर्ति करते हैं, जिससे शहरों के कामकाज में सहायता मिलती है।  वे आवश्यक संसाधनों के स्रोत हैं जिन पर शहरी आबादी भरोसा करती है, जिससे शहरी जीवन का सुचारू संचालन सुनिश्चित होता है।
  • शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ: हालाँकि कुछ गाँवों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच सीमित हो सकती है, लेकिन उनमें धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।  ग्रामीण आबादी के लिए गाँव के स्कूल और स्वास्थ्य सेवा केंद्र आवश्यक हैं, जिससे शिक्षा और चिकित्सा सेवाएँ उन लोगों के लिए सुलभ हो जाती हैं जिन्हें अन्यथा उन तक पहुँचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती।
  • हस्तशिल्प को बढ़ावा: कई गाँव अपने अद्वितीय हस्तशिल्प और कुटीर उद्योगों के लिए जाने जाते हैं।  वे पारंपरिक कला और शिल्प उत्पादों का उत्पादन करते हैं, सांस्कृतिक विविधता में योगदान करते हैं और कारीगरों के लिए आय का स्रोत प्रदान करते हैं।
  • सामाजिक एकजुटता: गांवों में अक्सर समुदाय और सामाजिक जुड़ाव की मजबूत भावना होती है।  गांवों में लोग एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं, जिससे अपनेपन और आपसी सहयोग की भावना को बढ़ावा मिलता है।

मेरा गाँव सिर्फ एक भौगोलिक स्थान नहीं है;  यह यादों, परंपराओं और समुदाय की मजबूत भावना से भरी जगह है।  हमारे इस गांव के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता।  यह हमारी जड़ों, हमारे मूल्यों और जीवन के सरल लेकिन गहन तरीके की याद दिलाता है जिसे हममें से कई लोग प्रिय मानते हैं।  जैसे-जैसे हम तेजी से बदलती दुनिया में आगे बढ़ रहे हैं, हमारे गांवों के महत्व को याद रखना और उनके विकास और संरक्षण की दिशा में काम करना महत्वपूर्ण है।  केवल ऐसा करके ही हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि ग्रामीण जीवन का आकर्षण, संस्कृति और सार आने वाली पीढ़ियों के लिए हमारे जीवन और हमारे राष्ट्र को समृद्ध बनाते रहें।  मेरा गाँव हमेशा मेरे दिल में एक विशेष स्थान रखेगा, एक ऐसी जगह जहाँ अतीत वर्तमान से मिलता है, और जहाँ एकजुटता और लचीलेपन की भावना पनपती है।

My Village Essay In Hindi के ऊपर कोट्स यहां दिए गए हैं-

  • गाँव वे हैं जहाँ आपको असली लोग, असली दोस्त, असली रिश्ते और असली सुंदरता मिलती है। – इटालो कैल्विनो
  •  गाँव में जीवन शांत हो सकता है, लेकिन नीरस नहीं है। यह सरल और समृद्ध दोनों हो सकता है।  – ओरिकुची शिनोबू
  • गांव में आप अभी भी धरती के सांस लेने की आवाज सुन सकते हैं।  – विलियम डॉयल
  • गांव खुली किताबों की तरह हैं; वे परंपराओं, संस्कृति और पीढ़ियों के ज्ञान की कहानियां सुनाते हैं। – अज्ञात
  • किसी राष्ट्र का दिल उसके गांवों में होता है, जहां लोगों की आत्मा बसती है। – महात्मा गांधी

My village essay in Hindi के जीवन से जुड़े तथ्य यहां दिए गए हैं-

  • बलिया, एक गाँव जो दूषित पानी के कारण आर्सेनिक विषाक्तता की समस्या का सामना कर रहा था, ने इस समस्या पर सफलतापूर्वक काबू पा लिया है, जिससे इसके निवासी आर्सेनिक विषाक्तता के हानिकारक प्रभावों से मुक्त हो गए हैं। भारतीय गांवों के बारे में ये सात उल्लेखनीय तथ्य हैं जो आपको आश्चर्यचकित कर सकते हैं।
  • गुजरात के साबरकांठा जिले के एक छोटे से गांव पुंसारी ने व्यापक CCTV कवरेज सहित अपने उन्नत बुनियादी ढांचे के लिए ध्यान आकर्षित किया है। गांव में वाईफाई और वातानुकूलित कक्षाओं जैसी सुविधाएं हैं, जो इसे काफी उल्लेखनीय बनाती हैं।
  • मेघालय का एक गांव मावलिनोंग अपने मातृसत्तात्मक समाज के लिए जाना जाता है। 2003 में, डिस्कवर इंडिया पत्रिका ने इसे “एशिया का सबसे स्वच्छ गांव” करार दिया। आगंतुकों का दावा है कि यहां एक भी सिगरेट का बट नहीं मिलेगा।
  • बिहार का एक सुदूर गांव धरनई, लगभग तीन दशकों से बिजली की कमी के कारण रात में अंधेरे से पीड़ित था। हालाँकि, सौर ऊर्जा प्रणाली की बदौलत अब इसमें पर्याप्त रोशनी है।
  • केरल का एक गाँव, पोथनिक्कड़, प्राथमिक से लेकर उच्च विद्यालय स्तर तक, निजी संस्थानों सहित अपने उत्कृष्ट स्कूलों की बदौलत 100 प्रतिशत साक्षरता दर का दावा करता है।
  • महाराष्ट्र में स्थित हिवरे बाज़ार, पोपटराव पवार के प्रयासों की बदौलत एक संघर्षरत गाँव से एक समृद्ध गाँव में बदल गया। गाँव ने नशीले पदार्थों पर प्रतिबंध लगा दिया और पशुपालन और वर्षा जल संचयन जैसी गतिविधियों में निवेश को प्रोत्साहित किया।
  • कर्नाटक का एक गांव कोकरेबेल्लूर अपने पक्षी-अनुकूल समुदाय के लिए प्रसिद्ध है। यहां के निवासी पक्षियों के साथ सौहार्दपूर्ण ढंग से रहते हैं, जो भारत के कई अन्य स्थानों से बिल्कुल अलग है, जहां पक्षियों को अक्सर फसल के कीटों के रूप में देखा जाता है।

My village essay in Hindi के लिए टिप्स निम्न हैं- 1. आकर्षक परिचय : एक आकर्षक परिचय के साथ शुरुआत करें।  पाठक को आकर्षित करने के लिए किसी कहानी, तथ्य या संक्षिप्त विवरण का उपयोग करें। 2 . विवरण: अपने गाँव का स्पष्ट चित्र चित्रित करें।  इसके स्थान, प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन करें और संवेदी विवरण का उपयोग करें। 3 . विशिष्टता को उजागर करें: चर्चा करें कि आपके गांव को क्या अद्वितीय बनाता है, जैसे परंपराएं, स्थलचिह्न, या जीवन शैली, और उनके महत्व को समझाएं। 4. व्यक्तिगत अनुभव: अपने निबंध को प्रासंगिक बनाने के लिए गाँव में अपनी व्यक्तिगत यादें और अनुभव साझा करें। 5 . समुदाय और संस्कृति: परंपराओं, त्योहारों और लोगों की गर्मजोशी सहित समुदाय और स्थानीय संस्कृति की भावना का अन्वेषण करें। बताएं कि इन पहलुओं ने गांव के बारे में आपकी धारणा को कैसे आकार दिया है।

गांवों में पाई जाने वाले मुख्य जीवित प्राणी जो की शहरों में आसानी से नहीं मिलते वे हैं: गाय, बकरी, भैंस, पक्षियों, इंसान, बिल्ली, तितली, कुत्ता, पौधे और पेड़ हैं। 

गाँव में अधिकतर किसान रहते हैं और वार कृषि, पशुपालन, मछली पालन और मजदूरी करते है। हालांकि वर्तमान समय से गांव तेजी से डेवलप हो हैं और गांवों के लोग सिर्फ कृषि पर निर्भर ना होकर नए रोजगार के साधन अपना रहे हैं। 

आशा है कि आपको इस ब्लाॅग में Essay on my village in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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निबंध (Hindi Essay)

आजकल के समय में निबंध लिखना एक महत्वपूर्ण विषय बन चुका है, खासतौर से छात्रों के लिए। ऐसे कई अवसर आते हैं, जब आपको विभिन्न विषयों पर निबंधों की आवश्यकता होती है। निबंधों के इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए हमने इन निबंधों को तैयार किया है। हमारे द्वारा तैयार किये गये निबंध बहुत ही क्रमबद्ध तथा सरल हैं और हमारे वेबसाइट पर छोटे तथा बड़े दोनो प्रकार की शब्द सीमाओं के निबंध उपलब्ध हैं।

निबंध क्या है?

कई बार लोगो द्वारा यह प्रश्न पूछा जाता है कि आखिर निबंध क्या है? और निबंध की परिभाषा क्या है? वास्तव में निबंध एक प्रकार की गद्य रचना होती है। जिसे क्रमबद्ध तरीके से लिखा गया हो। एक अच्छा निबंध लिखने के लिए हमें कुछ बातों का ध्यान देना चाहिए जैसे कि – हमारे द्वारा लिखित निबंध की भाषा सरल हो, इसमें विचारों की पुनरावृत्ति न हो, निबंध के विभिन्न हिस्सों को शीर्षकों में बांटा गया हो आदि।

यदि आप इन बातों का ध्यान रखगें तो एक अच्छा निबंध(Hindi Nibandh) अवश्य लिख पायेंगे। अपने निबंधों के लेखन के पश्चात उसे एक बार अवश्य पढ़े क्योंकि ऐसा करने पर आप अपनी त्रुटियों को ठीक करके अपने निबंधों को और भी अच्छा बना पायेंगे।

हम अपने वेबसाइट पर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रकार के निबंध(Essay in Hindi) उपलब्ध करा रहे हैं| इस प्रकार के निबंध आपके बच्चों और विद्यार्थियों की अतिरिक्त पाठ्यक्रम गतिविधियों जैसे: निबंध लेखन, वाद-विवाद प्रतियोगिता और विचार-विमर्श में बहुत सहायक हो साबित होंगे।

ये सारे ‎हिन्दी निबंध (Hindi Essay) बहुत आसान शब्दों का प्रयोग करके बहुत ही सरल और आसान भाषा में लिखे गए हैं। इन निबंधों को कोई भी व्यक्ति बहुत ही आसानी से समझ सकता है। हमारे वेबसाइट पर स्कूलों में दिये जाने वाले निबंधों के साथ ही अन्य कई प्रकार के निबंध उपलब्ध है। जो आपके परीक्षाओं तथा अन्य कार्यों के लिए काफी सहायक सिद्ध होंगे, इन दिये गये निबंधों का आप अपनी आवश्यकता अनुसार उपयोग कर सकते हैं। ऐसे ही अन्य सामग्रियों के लिए भी आप हमारी वेबसाइट का प्रयोग कर सकते हैं।

Essay in Hindi

 
 
 
 
 
 
 
 
 
  
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

मेरे घर पर निबंध 10 lines (Essay On My House in Hindi) 100, 200, 300, 400, 500, शब्दों मे

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Essay On My House in Hindi – दुनिया में तरह-तरह के लोग रहते हैं। कुछ भाग्यशाली होते हैं जिन्हें सभी सुविधाएं प्राप्त होती हैं जबकि कुछ को नहीं। विशेष रूप से, भारत में लगभग 80% आबादी गरीबी रेखा से नीचे रहती है। केवल कुछ भाग्यशाली लोगों के पास जमीन का एक टुकड़ा होता है जहां वे घर बना सकते हैं या एक फ्लैट खरीद सकते हैं। जहां तक ​​मेरा संबंध है, मैं सौभाग्यशाली हूं कि चार दीवारों और एक छत से घिरा हुआ हूं। यह एक छोटा सा लेकिन खूबसूरत घर है जिसे हम घर कहते हैं। यह मेरे माता – पिता की मेहनत और त्याग का फल है।

मेरा घर पर निबंध 10 लाइन (My House Essay 10 Lines in Hindi)

  • 1) मेरा घर मध्य प्रदेश के छोटे से शहर में स्थित है।
  • 2) मेरे घर का निर्माण मेरे दादाजी ने कई साल पहले किया था।
  • 3) मेरे छोटे से घर में तीन कमरे और दो हॉल हैं।
  • 4) मेरा घर बैंगनी और सफेद रंग से रंगा हुआ है।
  • 5) हमारे घर के बाहर नीम का एक बड़ा पेड़ है।
  • 6) मेरा घर मेरा कम्फर्ट ज़ोन है जहाँ मैं शांति और सुकून महसूस करता हूँ।
  • 7) मेरे घर के पिछवाड़े में, हमारा एक छोटा सा बगीचा है।
  • 8) मेरे घर को साफ-सुथरा रखने की जिम्मेदारी मेरी मां की है।
  • 9) मेरे घर में, मैं अपने माता-पिता और एक बड़ी बहन के साथ रहता हूँ।
  • 10) मुझे अपने घर को सजाने में बहुत मजा आता है और यह मुझे बहुत पसंद है।

मेरे घर पर 100 शब्दों का निबंध (100 Words Essay On My House in Hindi)

मेरा अद्भुत घर शहर के बाहरी इलाके में है। हमारा घर बगीचों और सुरम्य परिवेश के लिए बहुत सारे कमरे के साथ एक विशाल भूखंड पर स्थित है। मेरे घर में तीन बेडरूम, एक किचन, एक डाइनिंग रूम और एक लिविंग रूम है। पूरी तरह से क्षेत्र को घेरने वाली एक लंबी परिसर की दीवार के ऊपर, हम सजावटी लताएँ उगाते हैं। हमारे प्रत्येक रहने की जगह में विशाल खिड़कियों के लिए हमारा घर विशाल लगता है और बहुत सारी प्राकृतिक रोशनी है। हर सुबह जब हम नाश्ता करते हैं, तो हमें लॉन और पिछवाड़े में फूलों का एक सुंदर दृश्य दिखाई देता है। घर बनाने के लिए ईंट, सीमेंट, टाइल, संगमरमर और लकड़ी सहित कई प्रकार की सामग्री का उपयोग किया गया था। मेरा घर दुनिया की सबसे अद्भुत जगह है, और मेरे दोस्तों को यहां आना अच्छा लगता है।

मेरे घर पर 200 शब्दों का निबंध (200 Words Essay On My House in Hindi)

मेरे घर का विवरण

मेरा घर मेरे पड़ोस के पास बना हुआ था। मेरे पिता के सेना में रहने के दौरान मेरा परिवार और मैं सरकार द्वारा प्रदान किए गए फ्लैट में रह रहे थे। हालांकि, मेरे माता-पिता ने सौहार्दपूर्ण ढंग से हमारे शहर में स्थानांतरित होने और सेवा अवधि के दौरान ही वहां रहने का फैसला किया। हमारा घर पहले से ही मेरे गांव में था। हमारे पास पाँच बेडरूम, एक किचन और एक विशाल बरामदा है। हमारे लिए एक छोटी सी झोपड़ी भी है। गर्मियों में रहने के लिए यह आदर्श स्थान है। महानगरीय सेटिंग्स में, भवन का आकार घरों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण होता है। मेरे घर के पास के खेत हरे रंग की अद्भुत छटा बिखेर रहे हैं। इसने हमें और अधिक जागरूक किया कि हमारा घर कितना प्यारा था।

मेरे घर के बाहर की जगहें

हमारे घर के सामने काफी खुली जगह है क्योंकि मेरा घर पिच पर बना हुआ था। मेरे पिता ने इस क्षेत्र में गायों और कुत्तों के लिए मामूली पशु आश्रय स्थल बनाए और उनका इस्तेमाल बागवानी के लिए किया। उसी के लिए कुछ निर्माण कार्य भी किया गया था। हम स्थानीय वन्यजीवों और पक्षियों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था करते हैं। मेरे परिवार के साथ मिलकर, इन गतिविधियों ने मेरे घर को रहने के लिए सबसे प्यारी जगह बना दिया। पूरे घर के मेरे पसंदीदा हिस्सों में से एक यह स्थान है।

मेरा घर पर 300 – 400 शब्द निबंध (300 – 400 Words Essay On My House in Hindi)

आमतौर पर कहा जाता है कि किसी भी व्यक्ति के लिए रोटी, कपड़ा और मकान तीन आवश्यक वस्तुएं हैं। प्राय: हम देखते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति इन तीनों पक्षों की प्राप्ति के लिए संघर्ष करता है और बाद में अन्य इच्छाओं की पूर्ति करता है। अगर हमारे पास रहने के लिए घर है तो हमारे मन में पूर्ण संतुष्टि की भावना लाता है।

मेरा घर मेरे गांव के इलाके में बना है। हुआ यह था कि मेरे पिता की सेवा के दौरान हम सरकार द्वारा प्रदान किए गए एक अपार्टमेंट में रह रहे थे। लेकिन सेवा अवधि समाप्त होने के बाद, मेरे माता-पिता ने हमारे गाँव में रहने का फैसला किया, क्योंकि यह एक शांतिपूर्ण जगह है। हमारे गांव में हमारा घर पहले से ही था।

विशेषताएँ – हमारे पास पाँच कमरे, एक रसोई, एक शौचालय और एक बड़ा बरामदा है। वहां हमारी एक छोटी सी झोपड़ी भी है। गर्मियों के दिनों में यह रहने के लिए सबसे अच्छी जगह साबित होती है। शहरों के घरों की तुलना में घर का आकार बड़ा होता है। मेरा घर हरे-भरे खेतों से घिरा हुआ है। इसने हमें सुंदरता की भावना प्रदान की। शहर की तुलना में गांव में प्रदूषण का स्तर बहुत कम है। मेरा घर गांव में होते हुए भी हर सुविधा से लैस है। गांवों में लोग बहुत मददगार स्वभाव के होते हैं।

मेरा घर बाहर से देखने पर एक मिनी हवेली जैसा है। हम हर साल दीवाली के दौरान अपने घर का रखरखाव और सफेदी करने में कामयाब रहे। मेरे परिवार ने मेरे घर को मेरे लिए घर बनाया। इसमें मेरे माता, पिता, दो भाई और मैं शामिल हैं। त्योहारों के दौरान, हमारे परिवार के सभी सदस्य एक साथ मिलते हैं और जश्न मनाते हैं। हमारे घर में कई खास यादें हैं।

मेरे घर के बाहर जगह का उपयोग

जैसे मेरा घर हमारे ही खेत में बना है; इसलिए हमारे घर के सामने काफी खाली जगह है। मेरे पिता ने इस जगह का इस्तेमाल बागवानी और गायों और कुत्तों जैसे जानवरों के लिए छोटे आश्रय स्थल बनाने के लिए किया। इसके लिए थोड़ा निर्माण कार्य भी करना था। हमने वहां पर पशु-पक्षियों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था की। इन गतिविधियों और मेरे परिवार ने मेरे घर को रहने के लिए सबसे प्यारा स्थान बना दिया। यह क्षेत्र पूरे घर के मेरे पसंदीदा भागों में से एक है।

घर हमारे लिए हमारे माता-पिता की एक सुंदर रचना है। मैं अपने घर से प्यार करता हूं क्योंकि यह सुरक्षा और जीवंतता की भावना देता है। परिवार के सदस्य का प्यार और स्नेह हमारे घर को स्वीट होम बना देता है।

मेरे घर पर 500 शब्दों का निबंध (500 Words Essay On My House in Hindi)

दुनिया में हर तरह के लोग होते हैं। कुछ भाग्यशाली हैं जिनके पास सुविधाएं हैं जबकि कुछ नहीं हैं। खासतौर पर भारत जैसे देश में, जहां की बहुसंख्यक आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करती है। यहां अपना घर होना किसी लग्जरी से कम नहीं है, जो मुझे शुक्र है। मुझे चार दीवारों और एक छत से सुरक्षित होने का सौभाग्य प्राप्त है।

यह मेरे माता-पिता की कड़ी मेहनत है जिसने हमें यह आशीर्वाद दिया है। आज की दुनिया में बहुत से लोग हमेशा उन चीजों के बारे में शिकायत करते रहते हैं जो उनके पास नहीं हैं। जिसके पास घर है उसे बंगला चाहिए। जिसके पास बंगला है वह महल चाहता है। महल में रहने वाला टापू चाहता है। यह कभी न खत्म होने वाला सिलसिला चलता रहता है। हालाँकि, अगर हम अपने से नीचे के लोगों को देखें, न कि उन लोगों को जो हमसे ऊपर हैं, तो हम अधिक खुश होंगे।

एक अंडररेटेड आशीर्वाद

घर होना एक अंडररेटेड आशीर्वाद है। अगर आपको अभी तक इसका एहसास नहीं हुआ है, तो आप किसी भी व्यक्ति से जाकर पूछ सकते हैं, जिसके पास घर नहीं है। तभी आप महसूस करेंगे कि एक घर होना कितना बड़ा वरदान है। जरूरी नहीं है कि घरों को नवीनतम सुविधाओं से शानदार ढंग से भरा गया हो। यदि आपके सिर पर छत है तो एक घर पूर्ण है।

इसके अलावा, अगर आपके आसपास आपके प्रियजन हैं, तो इससे बड़ा आशीर्वाद कोई नहीं हो सकता। इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, आपको अपने घर के महत्व का एहसास होना चाहिए। यहां तक ​​कि मुझे भी नहीं पता था कि मेरा घर कितना कीमती है, जब तक कि एक घटना ने मेरा दृष्टिकोण बदल नहीं दिया।

हम बड़े हो रहे थे। नौकरानी जो हमारे यहाँ काम करती थी हमेशा सुबह जल्दी आ जाती थी और शाम को चली जाती थी। यहां तक ​​कि जब मेरी मां ने उन्हें समय पर काम पूरा करने के लिए जल्दी जाने के लिए कहा, तो उन्होंने ऐसा कभी नहीं किया। दूसरी ओर, वह अतिरिक्त काम करती थी। बाद में हमें पता चला कि उसके पास वास्तव में कभी कोई घर नहीं था। वह बस एक झोंपड़ी थी जिसमें एक कुर्सी और एक तह थी। और वह ज्यादातर समय हमारे घर पर बिताना पसंद करती थी क्योंकि उसके पास बिजली और साफ पानी जैसी सभी बुनियादी सुविधाएं थीं।

इस घटना ने मुझे अहसास कराया कि कैसे मैंने अपने घर को हल्के में लिया। यह वास्तव में एक अंडररेटेड आशीर्वाद है जिसे दूसरों द्वारा अनदेखा किया जाता है। बहुत देर होने से पहले हमें अपने घरों को महत्व देना चाहिए।

मैं अपने पैतृक घर में अपने दादा-दादी, माता-पिता और भाई-बहनों के साथ रहता हूं। मेरे दादाजी ने अपनी मेहनत से यह घर बनाया है। इसमें चार कमरे, एक किचन, दो बाथरूम और एक आंगन है। मेरा घर कम से कम पचास साल पुराना है।

मैं अपने घर की सुंदरता की प्रशंसा करता हूं। विंटेज वाइब्स इसे और भी खूबसूरत बनाते हैं। मेरे दादा-दादी के आंगन में एक छोटा सा बगीचा है जो मेरे घर में हरियाली जोड़ता है। इसके अलावा इसके दो पेड़ भी हैं। एक अनार का पेड़ और दूसरा मेंहदी का पेड़ । वे हमें छाया और मीठे फल प्रदान करते हैं।

मेरे घर की छतें बहुत ऊंची हैं क्योंकि इसे कई साल पहले बनाया गया था। इसमें विंटेज स्विचबोर्ड हैं जो इसे बहुत ही अनोखा लुक देते हैं। मेरा घर चार सड़कों के बीच में स्थित है। यह किसी दूसरे घर से जुड़ा हुआ नहीं है। मेरे घर में हर तरफ से चार प्रवेश द्वार हैं।

जब भी मेरे दोस्त मेरे घर आते हैं, वे ढेर सारी तस्वीरें क्लिक करते हैं। यहां तक ​​कि मेरे रिश्तेदार भी घर के इंटीरियर को पसंद करते हैं जो आधुनिक और पुरानी वास्तुकला का मिश्रण है। मेरा घर भूरे और बेज रंग में रंगा हुआ है और यह हमारे इलाके में सबसे अलग है।

मेरे घर पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (FAQs)

Q.1 घर के लिए मूल शब्द क्या है.

उत्तर. हाउस शब्द की उत्पत्ति एक पुराने अंग्रेजी शब्द ‘हस’ से हुई है जिसका अर्थ है आश्रय।

प्र.2 प्रारंभिक मानव आश्रय प्राप्त करने के लिए कहाँ रहते थे?

उत्तर. प्रारंभिक मानव शरण पाने के लिए गुफाओं, तंबुओं और प्राकृतिक वातावरण में रहा करते थे।

प्र.3 मानव ने घरों में रहना कब प्रारंभ किया?

उत्तर. मनुष्य ने लगभग 10,000 वर्ष पूर्व घरों में रहना प्रारंभ किया।

प्र.4 मिट्टी के घर ठंडे क्यों रहते हैं?

उत्तर. मिट्टी ऊष्मा की कुचालक होती है और इस प्रकार मिट्टी के घर ठंडे रहते हैं।

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    (150 Words) मेरे पड़ोसी पर निबंध | My Neighbour Essay In Hindi And English. हमारे पड़ोस में रहने वाले पड़ोसी पर सरल भाषा में यहाँ कई निबंध दिए गये हैं.

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    मेरे पड़ोसी पर हिंदी निबंध Essay On My Neighbour In Hindi ( 200 शब्दों में ) मेरे पड़ोस में रहने वाला परिवार जीवन से भरा है। उनके परिवार में छह सदस्य हैं – दादा-दादी, माता-पिता और दो बच्चे। हर सदस्य हंसमुख और मददगार है। हम लगभग एक दशक से एक ही पड़ोस में रह रहे हैं और हमारे पड़ोसी हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं।.

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