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Save Water Essay in Hindi – जल संरक्षण पर निबंध

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Save Water Essay in Hindi – जल संरक्षण पर निबंध

Save Water Essay

Essay on Save Water in Hindi ( 200 words )

जल भगवान का दिया हुआ अमूल्य उपहार है और यह हमारी मूलभूत आवश्यकता है। इसकी जरूरत हमें विभिन्न क्रियकलापों के लिए होती है लेकिन मनुष्य इसे अंधाधुंध प्रयोग कर रहा है जिससे जल निरंतर कम होता जा रहा है। जल का सही तरीके से प्रयोग करना ही जल सरंक्षण है। वैसे तो हमारी पृथ्वी का दो तिहाई हिस्सा पानी है लेकिन सिर्फ 1 प्रतिशत जल ही स्वच्छ जल उपलब्ध है और यदि हम इसी तरह से जल को बर्बाद करके रहेंगे तो आने वाले समय में पानी नहीं मिलेगा जिसके अभाव में धरती पर जीवन खत्म हो जाऐगा।

जल सरंक्षण आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत बन चुका है जिसे हम सबको समधना चाहिए और हमें जल का प्रयोग सुनियोजित तरीके से करना चाहिए। हम वर्षा के जल को भी सरंक्षित कर सकते हैं और उसका प्रयोग कपड़े आदि धोने में कर सकते हैं। हमें नलों को खुला नहीं छोड़ना चाहिए। जल को दुषित होने से भी रोकना होगा। कारखानों को नदियों से दुर लगाना चाहिए। हम सबको मिलकर जल सरंक्षण को अपनाना होगा ताकि आने वाले समय में भी हमें पानी मिल सके और पृथ्वी पर वनस्पति और सभी जीव अच्छे से जीवन यापन कर सकें।

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Save water Essay in Hindi 300 words

धरती पर समस्त जीवन चक्र को बनाए रखने के लिए हवा, पानी और भोजन जरूरी है, किसी एक की कमी के बिना कोई भी जीवित नहीं रह सकता । जल को अमूल्य संपत्ति कहा जाता है और इस की एक-एक बूंद हमारे लिए बहुत जरूरी है । धरती पर वैसे तो जल का 70% प्रतिशत भाग है लेकिन हम उपयोग कर सके उतना 1% प्रतिशत जल है । अत: में हमें जल को सोच समझ कर उपयोग करना चाहिए ।

हमें जल क्यों बचाना चाहिए

आपने यह स्लोगन तो सुना ही होगा कि “जल है तो कल है” यदि जल ही खत्म हो गया तो हमारा कल भी खत्म हो जाएगा। धरती पर अगर इंसानों को जिंदा रहना है, तो जल अवश्य बचाना होगा । पानी के लिए हमारे वैज्ञानिकों ने बहुत सारे ग्रहों पर research किया, मगर सभी ग्रहों में से सिर्फ पृथ्वी में ही पानी है । भारत, अफ्रीका और एशिया के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को स्वच्छ पानी के लिए लंबी दूरी (लगभग 4 किमी। से 5कि.मी.) तय करनी पड़ रही है। दुनिया में कई ऐसे देश है जहां पर पानी की कमी है, Example=दुबई । दुबई एक ऐसा देश है, जहां पर पानी प्रति लीटर 100 रुपए में बिकता है । ऐसी ही स्थिति आने वाले कुछ ही समय में भारत की भी हो सकती है ।

जल को कैसे बचाना है-

1. पानी का दुरुपयोग कम करना पड़ेगा, जितने पानी की जरूरत है, उतना ही पानी यूज करना है । बर्तन धोते समय या फिर ब्रश करते समय पानी का जितना हो सके उतना कम उपयोग करना है ।

2. गाड़ी, हौंडा या फिर कोई भी दूसरे साधन को पाइप लाइन के द्वारा धोते समय पानी का उपयोग कम करना है । इसके लिए पाइप की जगह बाल्टी का यूज कर सकते हैं ।

3. जहां पर भी आपको नल खुला हुआ दिखे, तुरंत ही उस समय नल को बंद कर दीजिए । या फिर आपको कोई भी व्यक्ति पानी का दुरुपयोग करता दिखे, तो उसे पानी का महत्व समझाइए‌‌।

4. वॉशिंग मशीन में रोज-रोज कपड़े धोने से अच्छा है, तीन-चार दिन के बाद कपड़े इकट्ठे होने पर वॉशिंग मशीन में साफ करें ।

5. नहाते समय शॉवर की बजाय बाल्टी एवं मग का प्रयोग करें, क्योंकि इससे पानी की काफी बचत होगी ।

Jal Sanrakshan Par Nibandh ( 400 words )

जल प्रकृति द्वारा मानव को दिया गया एक अनमोल तोफहा है, जिसका मूल्य लगाना बहुत कठिन है| जल के बिना जीवन का कोई महत्त्व नहीं, न ही कोई अस्तित्व है, फिर चाहे वो जीवन पशुओ का हो या मनुष्यों का । किन्तु आधुनिक युग में आदमी की लापरवाही ने धरती पर जल की कमी जैसी समस्या को उत्पन्न कर दिया है, जिसके भयंकर परिणामस्वरूप आज कई इलाके सूखाग्रस्त है एवं पीने योग्य पानी के लिए तरस रहे है ।

पृथ्वी के तीन चौथाई भाग पर पानी है, किन्तु पीने योग्य पानी की मात्र बहुत कम है । मनुष्य अपनी नियमित गतिविधियों के चलते नहाने, धोने, भोजन बनाने आदि में इतना जल बर्बाद करता है, जिसका कोई हिसाब नहीं है ।

जल सरंक्षण का अर्थ ( Meaning of Jal Sanrakshan ):

जल सरंक्षण का साधारण अर्थ है, किसी भी भांति जल को बचाना । आप खुद ही सोचे कि धरा पर केवल ३% जल पीने लायक है, इससे ज्यादा चिंताजनक बात और क्या हो सकती है । विशेषज्ञों के अनुसार यदि जल सरंक्षण के उपाय नहीं किये गए एवं इसी प्रकार जल की बर्बादी चलती रही तो अगला विश्व युद्ध जो होगा वो जल के ऊपर एकाधिकार करने के लिए होगा, जिसमे मनुष्य का विनाश निश्चित है ।

जल सरंक्षण के उपाय:

पानी को बचाने के लिए सर्वप्रथम तो सभी लोगो के भीतर जागरूकता एवं जल की बढती कमी के प्रति चिंता का उत्पन्न होता अति आवश्यक है । मनुष्य ने अपनी भूलो के कारण प्रकृति को काफी नुकसान पहुचाया है, इसलिए यदि वह आने वाली पीढियों के अस्तित्व को बचाना चाहता है, तो उसे निम्न उपाय करने चहिये:-

• रोजमर्रा के कार्य जैसे कपडे धोना, बर्तन धोंना, खाना बनाना आदि में कम से कम जल की खपत करे । • शौच के लिए बरसात के पानी या खारे पानी का इस्तेमाल भी किया जा सकता है । • पौधों को पानी देने के लिए पाइप के अलावा फुहारे वाली बाल्टी का इस्तेमाल करे । • पानी की रिसाव एवं टपकने की समस्या का भी शीघ्र समाधान हो एवं बरसात के पानी को इकठा करने के उपाय किये जाये ।

जल सरंक्षण हम सबका कर्तव्य है, ये केवल सरकार या एक संस्था का दायित्व नहीं । क्योकि:-

“ये जल है, अमृत है, ये जल ही जीवन है, इसकी बूंदों का मूल्य चुकाना कठिन है” ।

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जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi

जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi

आप इस पोस्ट में जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi पढेंगे। साथ ही पानी बचाने के आवश्यकताओं और उपायों के बारे में भी हमने विस्तार से बताया है। यह लेख हमें जल के महत्व को समझाता है। इसको हमने स्कूल और कॉलेज के बच्चों के लिए 1500+ शब्दों मे लिखा है।

आईये शुरू करते हैं – जल संरक्षण पर निबंध हिन्दी में

Table of Contents

प्रस्तावना Introduction

ईश्वर ने हमें पांच महत्वपूर्ण तत्व दिए हैं जल, वायु, अग्नि, आकाश, और पृथ्वी। कभी कल्पना की है कि इन पांच तत्वों में से एक तत्व ना रहे तो क्या होगा? जी हाँ ! हर एक तत्व का एक अलग महत्व है जिसमे से जल का एक बहुत ही अनमोल महत्व है। आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी ‘जल ही जीवन है’।

जल संरक्षण क्या है? What is Conservation of Water in Hindi?

स्वच्छ और पेयजल का व्यर्थ बहाव ना करते हुए उसको सही तरीके से उपयोग में लाकर जल के बचाव की ओर किए गए कार्य को जल संरक्षण कहते हैं। जल के बिना मनुष्य का जीवन संभव नहीं है। 

पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत भाग पानी है जिसका 96.5 प्रतिशत नमकीन या समुद्री पानी है और मात्र 3.5 प्रतिशत ही पीने लायक पानी है। इससे यह साफ़ पता चलता है कि आने वाले वक्त में मनुष्य के लिए जल का कितना बड़ा अभाव होने वाला हो। इसलिए हमें आज से ही जल संरक्षण का कार्य शुरू करना होगा।

जल संरक्षण का काम किसी नेता या सरकारी संस्थान का काम नहीं है। इसे हमें घर-घर से शुरू करना होगा। अगर हम शुरू करेंगे तो धीरे-धीरे हमें देख कर हमारे आसपास के लोग और आने वाली पीढ़ी भी सीखेंगे।

जल संरक्षण का महत्व Importance of Water Conservation in Hindi

हम सभी को जल के महत्त्व को और भविष्य में जल की कमी से संबंधित समस्याओं को समझने चाहिए। धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जल का संरक्षण और बचाव बहुत जरूरी होता है, क्योंकि बिना जल के जीवन संभव नहीं है। पृथ्वी पूरे ब्रह्मांड में मात्र एक ऐसा ग्रह है जहां पानी और जीवन आज की तारीख तक मौजूद है।

पृथ्वी पर हर चीजों को पानी की जरूरत होती है जैसे पेड़- पौधे, जीव- जंतु, कीड़े, इंसान और अन्य जीवित चीजें। हमें पीने, खाना पकाने, नहाने, कपड़े धोने, कृषि आदि जैसी हर गतिविधियों में पानी की आवश्यकता होती है। इसीलिए पानी बचाने के लिए केवल हम ही जिम्मेदार हैं।

आईये एक-एक करके जानते हैं हमें जल संरक्षण की ज़रुरत क्यों है?

जल संरक्षण की आवश्यकता क्यों है? Why to Conserve Water in Hindi?

  • मनुष्य जल के बिना जीवित नहीं रह सकता है। यह पानी बचाने का सबसे बड़ा कारण है।
  • शहरी क्षेत्रों में लोगों को पानी की बहुत किल्लत होती है। इसका सबसे बड़ा कारण प्रदूषण है और बढती जनसंख्या है। परन्तु जिस प्रकार आज सरकार ने पानी का बिल लेना शुरू कर दिया है और बाजारों में पीने का पानी तेज़ी से बिक रहा है यह साफ़ पता चलता है की पेयजल में तेज़ी से कमी आ रही है।
  • पीने का पानी कम होने के कारण लोग अशुद्ध पानी का सेवन कर रहे हैं जिसके कारण मनुष्य को बड़ी-बड़ी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
  • बड़े-बड़े किसान अधिक लोभ के कारण ज्यादा-ज्यादा से बोरेवेल खुदवा रहे हैं जिससे वे भू-जल का ज्यादा भाग गर्मियों के महीने में कृषि के लिए उपयोग कर रहे हैं। इसका सीधा असर पृथ्वी के जल स्तर पर पड़ रहा है और कुछ वर्षों की अच्छी खेती के बाद उनकी धरती बंजर होते जा रही है।
  • मनुष्य को पानी की आवश्यकता हर क्षेत्र में है जैसे पीने, भोजन बनाने, स्नान करने, कपड़े धोने, फसल उगाने, आदि के कार्य में।
  • जल की कमी से प्रकृति का संतुलन बुरी तरह से बिगड़ते जा रहा है जो पृथ्वी के हर जीव को संकट की और लेते जा रहा है।

जल संकट के कारण Reasons of Water Crisis in Hindi

  • हमारे देश में औद्योगिकीकरण, शहरीकरण और खनिज संपदा का बड़ी मात्राओं में विद्रोहन तथा कल कारखानों के विषैले रासायनिक अवशिष्टओ का उत्सर्जन होने से जल संकट निरंतर बढ़ रहा है इससे ना तो खेती-बाड़ी के लिए पर्याप्त पानी मिल पा रहा है और ना ही पेयजल की आपूर्ति हो पा रही है।

जल संकट के प्रभाव Effects of Water Crisis in Hindi

जल संकट के कारण तालाब सरोवर एवं कुएं सूख रहे हैं, नदियों का जलस्तर घट रहा है और जमीन का जलस्तर भी लगातार कम होते जा रही है, जिसके कारण अनेक प्रकार के जीव जंतु एवं पादपों का अस्तित्व मिट गया है, खेतों की उपज घट गई है और वन भूमि सूख रही है तथा धरती का तापमान लगातार बढ़ते जा रहा है। इस तरह से जल संकट का दुष्परिणाम देखने को मिल रहा है।

जल संरक्षण के उपाय How to Conserve Water in Hindi?

  • फ़ैक्टरी व कारख़ानों से निकलने वाले गंदे पानी को एक सुनिश्चित जगह पर निर्धारित किया जाना चाहिए जिससे वह अशुद्ध पानी, शुद्ध पानी के जल स्रोतों से ना मिल जाये।
  • समरसेबल पंप से निकलने वाले पानी को हम सब जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं जो कि गलत है। हमें उतना ही इस्तेमाल करना चाहिए जितना की हमें जरूरत है।
  • सार्वजनिक स्थलों पर लगाए गए पानी की टंकियों को ऑटोमेटिक करना चाहिए जिससे शुद्ध जल की बर्बादी ना हो सके।
  • हम सभी को जागरूक नागरिक की तरह जल संरक्षण का अभियान चलाते हुए बच्चों और महिलाओं में जागरूकता लानी होगी। स्नान करते समय हमें शावर टब का प्रयोग ना करके बाल्टी में पानी लेकर नहाना चाहिए जिससे हम बहुत जल बता सकते हैं।
  • रसोई में जल की बाल्टी या टब में बर्तन साफ करें तो पानी बहुत बचाया जा सकता है।
  • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा वर्षा जल संचयन के प्रोजेक्ट शुरू किये जाने जाने चाहिए।
  • गांव कस्बों और नगरों में छोटे बड़े तालाब बनाकर वर्षा जल का संरक्षण किया जाए।
  • नगरों और महानगरों में घरों कि नालियों में पानी को गड्ढा बनाकर एकत्रित किया जाए और पेड़ पौधे की सिंचाई के काम में लाया जाए तो साफ पानी की बचत की जा सकती है।
  • यदि प्रत्येक घर के छत पर वर्षा जल का भंडार करने के लिए एक या दो टंकी बनाया जाए और उन्हें मजबूत जालिया फिल्टर कपड़े से ढक दिया जाए तोहर नगर में जल संरक्षण किया जा सकेगा।
  • घरों मुहल्लों और सार्वजनिक पार्कों स्कूलों अस्पतालों दुकानों मंदिरों आदि में नली की टोटियां खुली या  टूटी रहती है, तो अनजाने ही प्रतिदिन हजारों लीटर जल बेकार हो जाता है। इस बर्बादी को रोकने के लिए नगर पालिका एक्ट में टोंटियों की चोरी को दंडात्मक अपराध बनाकर, जागरूकता भी बढ़ानी होगी।
  • विज्ञान की मदद से आज समुद्र के खारे जल को पीने लायक बनाया जा रहा है। गुजरात के आदि नगरों और प्रत्येक घर में पीने के जल के साथ-साथ घरेलू कार्यों के लिए खारे जल का प्रयोग करके शुद्ध जल का संरक्षण किया जा रहा है। इसे बढ़ावा देना चाहिए।
  • गंगा तथा यमुना जैसी बड़ी नदी की सफाई करना बहुत जरूरी है। बड़ी नदियों के जल का शोधन करके पेयजल के रूप में प्रयोग किया जा सके। शासन प्रशासन को लगातार सक्रिय रहना होगा।
  • जंगलों को काटने से हमें दोहरा नुकसान हो रहा है। पहला यह कि वाष्पीकरण ना होने से वर्षा नहीं हो पाती है तथा भूमिगत जल सूख जाता है। बढ़ती हुई जनसंख्या और औद्योगिकीकरण के कारण जंगल और वृक्षों के अंधाधुन काटने से भूमि की नामी लगातार कम होते जा रही है, इसीलिए वृक्षारोपण लगातार किया जाना चाहिए।
  • पानी का दुरुपयोग हर स्तर पर कानून के द्वारा प्रचार माध्यमों से प्रचार करके तथा विद्यालयों में पर्यावरण प्रदूषण की तरह जल संरक्षण विषय को अनिवार्य रूप से पढ़ाकर रोका जाना जरूरी है। अब समय आ गया है कि केंद्रीय और राज्यों की सरकारों जल संरक्षण को नए विषय बनाकर प्राथमिक से उच्च स्तर तक नई पीढ़ी को बताने का कानून बनाएं।

जल संरक्षण पर 10 लाइन 10 lines on Conservation of Water in Hindi

  • स्वच्छ  और पेयजल का व्यर्थ बहाव न करते हुए उसको सुनिश्चित तरीके से उपयोग मे लाकर जल के बचाव की ओर किए गए कार्य को जल संरक्षण कहते हैं।
  • हम सभी को जल के महत्त्व को और भविष्य में जल की कमी से संबंधित समस्याओं को समझने चाहिए।
  • धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जल का संरक्षण और बचाव बहुत जरूरी होता है, क्योंकि बिना जल के जीवन संभव नहीं है।
  • पृथ्वी पर हर चीजों को पानी की जरूरत होती है जैसे पेड़ पौधे, जीव जंतु, कीड़े, इंसान और अन्य जीवित चीजें।
  • हमें पीने, खाना पकाने, नहाने, कपड़े धोने, कृषि आदि जैसी हर गतिविधियों में पानी की आवश्यकता होती है। इसीलिए पानी बचाने के लिए केवल हम ही जिम्मेदार हैं।
  • पेयजल की कमी होने से लोग इसका उपयोग कम से कम करें। शुद्ध जल कम होने के कारण लोगों को बड़ी बड़ी बीमारियां शुरू हो जाएगी।
  • धरती के अंदर जल का स्तर कम होने से धरती बंजर होने लगेगी और धीरे-धीरे करके चटकना शुरू कर देगी जो भूकंप जैसे हालातों को बढ़ावा देती है।
  • फैक्ट्री व कारखाने से निकलने वाले गंदे पानी को एक सुनिश्चित जगह पर निर्धारित कर दिया जाना चाहिए, जिससे साफ पानी गंदा ना हो।
  • समरसेबल पंपों से निकलने वाले पानी को हम सब जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं जो कि गलत है, हमें उतना ही इस्तेमाल करना चाहिए जितना हमें जरूरत है।

निष्कर्ष Conclusion

अंत में बस में कहूँगी –

जल है तो जीवन है और जीवन है तो पर्यावरण है पर्यावरण से धरती है और धरती से हम सब हैं

जल को जीवन का आधार मानकर समाज में नई जागृति लाने का प्रयास किया जाए। अमृत जल जैसा जनजागरण किये जाए। जल चेतना की जागृति लाने से जल संचय एवं जल संरक्षण की भावना का प्रयास होगा तथा इससे धरती का जिवन सुरक्षित रहेगा।

जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi) आपको कैसा लगा कमेंट के माध्यम से बताइये और हमारे साथ जुड़े रहें।

2 thoughts on “जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi”

Fantastic and very nice

Very very fantastic essay on conservation of water

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ESSAY KI DUNIYA

HINDI ESSAYS & TOPICS

Essay on Water in Hindi – जल का महत्व पर निबंध

December 14, 2017 by essaykiduniya

Here you will get Paragraph, Short Essay on Water in Hindi Language, Pani ka Mahatva Essay in Hindi Language for students of all Classes in 100, 200, 300, 400 & 500 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में जल का महत्व पर निबंध मिलेगा।

Essay on Water in Hindi – जल का महत्व पर निबंध

Essay on Water in Hindi Language

5 Lines on Water in Hindi 

1. जल मनुष्य, पशु पक्षी और पेड़ पौधो की जरूरत है इसी की वजह से है हरियाली है और देश भी इतना खुबसूरत है।

2. जल से ही आज है और जल से ही है कल कभी भी मत छोड़ो तुम बेमतलब का बहता नल।

3. जल को दुषित मत करो इसके अभाव में होने वाले दुष्परिणामों से डरो।

4. जल को कहते है नीर और पानी इसे बर्बाद करके मत करो नादानी।

5. अगर आज जल को नहीं बचाओगे, कभी जल भी नहीं पाओगे तो बिना जल के जीवन कहाँ से लाओगे।

Short Essay on Water in Hindi – जल का महत्व पर निबंध (200 words)

जल प्रकृति का इंसान को दिया हुआ सबसे अनमोल उपहार है। हम इसका प्रयोग अपनी दिनचर्या में करते हैं। हमारी पृथ्वी चारों तरफ से पानी से घिरी हुई है। लेकिन धरती पर स्वच्छ पानी सिर्फ 3 प्रतिशत है जिसमें से अधिकांश पहाड़ो पर बर्फ के रूप में जमा हुआ है। हमें जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता है। हम रोज कपड़े धोने, बर्तन धोने, नहाने, खाना बनाने और अन्य बहुत सारे क्रियाकलापों में पानी का प्रयोग करते हैं। पानी हाईड्रोजन और ऑक्सीजन से मिलकर बनता है और यह मनुष्य से लेकर पशु पक्षी और पौधों के लिए भी बहुत जरूरी हैं।

जल के बिना तो हम भोजन प्राप्त भी नहीं कर सकते क्योंकि अगर बारिश नहीं होगी तो फसलें भी नहीं होगी। पानी की वजह से ही किसी भी ग्रह पर जीवन संभव है। लेकिन बहुत सो लोग पानी के महत्व को नहीं समझते हैं। वह इसका इस्तमाल बिना सोचे समझे करते हैं और पानी को बर्बाद करते हैं। हमारे पास पहले ही स्वच्छ जल का अभाव है और जो है हम उसे भी दुषित करते जा रहे हैं। हमें चाहिए कि हम बहुपयोगी जल को गंदा न करे और उसे सरंक्षित भी करे।

Essay on Water in Hindi Language – जल का महत्व पर निबंध ( 300 words )

जल जीवित रहने के लिए अत्यंत आवश्यक है। जल के बिना धरती पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। पृथ्वी भी एकमात्र ऐसा ग्रह है जिसपर जीवन संभव है क्योंकि यहाँ पर पानी की व्यवस्था है। हम प्रतिदिन विभिन्न क्रियकलापों जैसे नहाने, कपड़े धोने, बर्तन धोने आदि के लिए पानी का उपयोग करते है। पानी मनुष्य के साथ साथ पशु और पौधों के लिए भी जरूरी है। पानी से ही पौधों का विकास होता है। हमारी पृथ्वी का 70 प्रतिशत भाग जल है लेकिन उसमें से ताजा और पीने लायक पानी केवल 0.98 प्रतिशत है।

यदि हम पानी को इसी प्रकार बर्बाद करते रहे तो एक समय ऐसा आऐगा कि हमें पीने के लिए भी पानी नहीं मिलेगा। वर्तमान में भी बहुत से शहर ऐसे है जहाँ पर पानी का अभाव है। पानी के बिना पेड़ और वनस्पति भी नहीं होंगे इसलिए हमें पानी को बचाने की आवश्यकता है। हमें पानी को बर्बाद होने से भी बचाना है और साथ ही प्रदुषण मुक्त भी बनाना होगा। हमें पानी का सीमित मात्रा में प्रयोग करना चाहिए और चलते हुए नलों को बंद करना चाहिए। हमें वर्षा के पानी को भी संचय करना चाहिए और पानी को स्वच्छ करने का कर्तव्य करना चाहिए। नदियों में पूजा पाठ के नाम पर राख आदि को नहीं बहाना चाहिए। उद्योगों को नदियों से दूर लगाना चाहिए।

यदि हम पानी को इसी तरह बरबाद करते रहेंगे तो आने वाले समय में पानी के अभाव में ही तीसरा विश्व युद्ध होगा और बिना पानी के धरती पर भी जीवन समाप्त हो जाऐगा। पानी को बचाना कोई पारिवारिक या सामाजिक मुद्दा नहीं है बल्कि यह एक वैश्विक मुद्दा है और पूरे विश्व को मिलकर ही पानी को बचाना होगा। बच्चों को पानी की अहमियत को समझना चाहिए और पानी को बर्बाद करने की बजाय बचाना चाहिए।

Essay on Water in Hindi Language – जल का महत्व पर निबंध (400 words)

यह सच है कि दुनिया में जमीन की तुलना में अधिक पानी है। लेकिन इनमें से अधिकांश समुद्र के पानी के रूप में है, जो मानव उपभोग के लिए अयोग्य है, क्योंकि मनुष्य को जीवित रहने के लिए मीठे पानी की आवश्यकता होती है। यह प्यारा भक्षक प्रकृति द्वारा वर्षा, नदी और जमीन या अच्छी तरह से पानी के रूप में प्रदान किया जाता है। भारत एक ऐसा देश है जिसमें बड़ी मीठी जल संसाधन है। बढ़ती आबादी और उचित मेटर मैन-एजमेंट की कमी के कारण, यह पानी बहुत दुर्लभ हो गया है। इसलिए देश में लगभग कहीं भी पेयजल की तीव्र कमी है। यह पानी की आपूर्ति में लगातार कटौती, विशेषकर शहरी क्षेत्रों में देखा जा सकता है। यह वास्तव में हमारे घर में पिछले रविवार को हुआ था।

पानी की बर्बादी के बारे में कोई सोचा नहीं है, जो अक्सर दोषपूर्ण पानी के नल, या हमारे घरों में पानी के लापरवाह संचालन के कारण होता है, हमारे दिमाग को उत्तेजित करता है हम अपने पहाड़ क्षेत्रों में पेड़ों को कम करने या औद्योगिक और घरेलू अपशिष्ट जल से निकलने वाली हमारी नदियों के प्रदूषण से पानी की आपूर्ति से जुड़े नहीं हैं। अगर केवल हम इन कारकों पर अधिक ध्यान दे सकते हैं, तो हम पानी की आपूर्ति में कटौती से बचने में सक्षम होंगे।

Essay on Uses of Water in Hindi Language ( 500 words )

भूमिका-.

जल हमारा जीवन है क्योंकि इसके बिना मनुष्य, वनस्पति और पशुओं का कोई भी अस्तित्व नहीं है। पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जहाँ पर पानी पाया जाता है और उसी वजह से यहाँ पर जीवन संभव है। बिना पानी के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। हमारी पृथ्वी का 71 प्रतिशत हिस्सा पानी से ढका हुआ है जिसमें से स्वच्छ जल केवल 0.97 प्रतिशत ही है। पानी सो ही जीवन का आधार है।

जल का प्रयोग-

हम प्रतिदिन विभिन्न क्रियकलापों के लिए पानी का प्रयोग करते हैं।

1. पीने के लिए स्वच्छ जल- हर व्यक्ति प्रतिदिन 2 लीटर पानी पीता है जिससे उसकी प्यास बुझती है और शरीर को भी सही तरह से कार्य करने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। 2. स्वच्छता के लिए जल- हम प्रतिदिन स्नान करने, अपने शरीर की सफाई करने और घरों की सफाई करने के लिए पानी का प्रयोग करते है। 3. कपड़े धोने के लिए- हमें अपने कपड़ो को स्वच्छ और साफ सुथरा रखने के लिए पानी का ही प्रयोग करना पड़ता है। 4. वनस्पति के लिए-  वनस्पति को उगने के लिए और पेड़ पौधों के विकास के लिए भी पानी की ही आवश्यकता होती है। 5. मनोरंजन के लिए- पानी का प्रयोग मनोरंजन के लिए भी किया जाता है। ज्यादातर लोग छुट्टियों में नौका विहार, रिवर राफ्टिंग आदि गतिविधियों में भाग लेते है। 6. नलिकाओं के लिए- गलियों और नालियों मों से कूड़ा करकट बहाने के लिए भी पानी का ही प्रयोग किया जाता है। 7. बिजली के लिए- बड़ी बड़ी नदियों पर बाँध बनाकर पानी का प्रयोग बिजली उत्पन्न करने के लिए भी किया जाता है। 8. भोजन के लिए- भोजन को बनाने के लिए पानी की आवश्यकता होती है और पानी से बहुत से स्वादिष्ट पेय पदार्थ भी बनाए जाते है। 9. सौंदर्य के लिए-  पानी सही मात्रा में पीने से सौंदर्य को भी बढ़ाया जा सकता है। इसे झुरियाँ खत्म होती है और मोटापा भी कम होता है। 10. आग बुझाने के लिए- जब कभी भी कहीं पर भी आग लगती है तो उस पर पानी डालकर ही काबू पाया जाता है। 11. जमीन के लिए- जल जलक्रीय करता है जिसमें यह भाप बनकर उड़ जाता है और बादल बनकर बरसता है। वह वर्षा जमीन की उपजाऊ शक्ति को बनाए रखती है। 12. मछली पालन- मछलियाँ बिना जल के जीवित नहीं रह सकती है इसलिए उनके पालन के लिए पानी की आवश्यकता होती है और मछली पालन बहुत से लोगों का रोजगार है। 13. उद्योग-  उद्योगों में भी विभिन्न तरह के क्रियकलापों के लिए जल की आवश्यकता होती 14. यातायात-  जहाजों के द्वारा यातायात और सामान भेजने के लिए पानी का ही उपयोग किया जाता है।

निष्कर्ष-

हम अपनी दैनिक दिनचर्या में बहुत से कार्यों के लिए पानी पर निर्भर है और पानी के बिना हमारा जीवन असंभव है। हम सबको पानी का सही तरीके से सीमित मात्रा में प्रयोग करना चाहिए क्योंकि जल है तो कल है। हमें जल का दुरूपयोग नहीं करना चाहिए और इसे बर्बाद होने से बचाना चाहिए।

हम आशा करेंगे कि आपको यह निबंध ( Essay on Water in Hindi – जल का महत्व पर निबंध ) पसंद आएगा।

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जल का महत्व पर निबंध 300 शब्द | Importance of Water Essay in Hindi

पानी एक ऐसा पदार्थ है जो मानव और जानवरों दोनों के लिए आवश्यक है इसके बिना किसी भी मानव और जानवर अस्तित्व इस पृथ्वी पर रह पाना संभव नहीं है एक मनुष्य और जानवर खाने के बिना 4 से 5 दिन तक जीवित रह सकता है’ लेकिन जल के बिना वह कुछ घंटों के अंदर ही मर जाएगा |  क्योंकि आप लोगों को मालूम है कि मानव जाति का शरीर जल पदार्थों से मिलकर बना हुआ है  |  ऐसे में अगर आपके शरीर में पानी की कमी हो जाए तो आप की मौत निश्चित है पानी का इस्तेमाल केवल पीने के लिए नहीं बल्कि कई प्रकार के चीजों के लिए किया जाता है इसलिए कुल मिलाकर कहें तो जीवन में पानी का महत्त्व सबसे अधिक है |

जल का संघटन

जाल ऑक्सीजन और हाइड्रोजन दो पदार्थों से मिलकर बना हुआ है |  पृथ्वी के 70% भाग पर जल उपस्थित है | आपको जानकर हैरानी होगी जल का प्रतिशत पानी खारा है जो पीने के योग्य नहीं है केवल 3% पानी ऐसा है जिसका इस्तेमाल हम पीने के लिए करते हैं | जाल एक रासायनिक पदार्थ है जिसका रसायनिक सूत्र h2o है | रंगहीन, गंधहीन होता है।  इसका कोई रंग नहीं होता है इसमें आप जो भी कलर मिला देंगे पानी उसी रंग का हो जाएगा पानी का स्वभाव घुलनशील और  अघुलनशील होता है यानि कहने का मतलब है कि कुछ पदार्थ पानी में घुल सकते हैं और कुछ नहीं उदाहरण नमक, चीनी, अम्ल, क्षार आदि। पानी में घुल जाते हैं कुछ पदार्थ पानी में घुलनशील नहीं होते, जैसे तेल और वसा। यहां देखें:- 15 अगस्त पर निबंध

जल का उपयोग

दुनिया के पट्टे एक जीव के द्वारा जल का इस्तेमाल होता है मनुष्य जल के द्वारा अपनी दैनिक दिनचर्या संबंधित सभी कामों को पूरा करता है जबकि जानवर जल पीने के लिए और नहाने के लिए इस्तेमाल करते हैं जल के अंदर रहने वाले कीड़े मकोड़े और बड़ी मछलियां जल से जीवित रहती हैं जल ना हो तो तो उनका जीवन पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा |  इसलिए आसान शब्दों में कहें तो जल का उपयोग दुनिया के प्रत्येक प्राणी के द्वारा किया जाता है जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है |

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Importance of water essay in hindi | जल का महत्व पर निबंध |600 शब्द, जल ही जीवन है’.

जल ही जीवन है या एक सत्य है आज हमारे जीवन में जितने भी दैनिक दिनचर्या की चीजें हैं उन्हें पूरा करने के लिए पानी की आवश्यकता है और अगर पानी ना हो तो हमारा जीवन बेकार और अधूरा सा हो जाएगा क्योंकि कोई भी काम बिना पानी के कर पाना संभव नहीं है एक अध्ययन के मुताबिक बिना खाना के हम 7 दिनों तक जीवित रह सकते हैं  जबकि बिना पानी के आप 3 दिनों से ज्यादा जीवित नहीं रह सकते हैं मनुष्य के शरीर में 70% भाग पानी है हम आपको बता दे कि बिना पानी के कई ऐसे जानवर हैं जिनकी मृत्यु 10 सेकेंड के अंदर हो सकती है उदाहरण के तौर पर मछली और जल में रहने वाले कीड़े मकोड़े इत्यादि

हालांकि आज के समय में मनुष्य के अनैतिक क्रियाकलापों के कारण जल प्रदूषित हो जा रहा है जिसके कारण में जल संबंधित कई प्रकार के गंभीर बीमारी हो जा रही है इसलिए हम सबको जल को प्रदूषित होने से रोकना होगा क्योंकि अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आने वाले दिनों में पीने के पानी की समस्या उत्पन्न होगी और ऐसे में समुचित मानव जाति का विनाश हो सकता है इसलिए आपको जल के महत्व को समझना होगा | दुनिया के जितने भी बड़े इंडस्ट्रियल  कारखाने हैं उनमें भी जल की आवश्यकता पड़ती है इसलिए जल के दुरुपयोग को रोकना होगा | जल  केवल इंसानों को बल्कि पौधों और जानवरों के लिए भी  आवश्यक है | 

जल का संरक्षण

जल का संरक्षण करना प्रत्येक मानव का परम कर्तव्य है क्योंकि अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आने वाले दिनों में पीने के पानी के स्रोत समाप्त हो जाएंगे कई बार देखा गया है कि लोग बिना मतलब के पानी दुरुपयोग करते हैं कई लोग नल को खुला छोड़ देते हैं जिससे जल बर्बाद होता है इसलिए हमें जल संरक्षण संबंधित कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए और उन में लोगों को जल संरक्षण कैसे किया जाए उसके बारे में जानकारी देनी चाहिए ताकि लोग समझ सके के जल सरक्षण अगर हम नहीं करते हैं तो इसका दुष्परिणाम काफी भयंकर होगा जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है |

पृथ्वी पर प्रत्येक मानव और प्राणी के जीवन का संबंध जल से जुड़ा हुआ है अगर जल के स्रोत समाप्त हो गया है तो सभी प्राणी और मानव की मृत्यु निश्चित है और समुचित पृथ्वी का विनाश भी हो सकता है क्योंकि पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व जल से ही है इसलिए हमें जल को बचाना होगा ताकि हम अपने आप को और आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित कर सकें |

Also Read: ओणम पर शुभकामनाएं सन्देश

जल ही जीवन है पर निबंध | Essay On Importance of Water in Hindi Download PDF

Essay On Importance of Water PDF: जल ही जीवन है निबंध का अगर आप पीडीएफ (PDF) प्राप्त करना चाहते हैं तो उसका पीडीएफ फाइल हम आपको आर्टिकल में उपलब्ध करवाएंगे इसलिए आप हमारे साथ आर्टिकल पर बने रहिएगा पीडीएफ का लिंक हम आपको नीचे दे रहे हैं-

Download PDF:

जल का महत्व 10 लाइन | Jal ka Mahatva Par Nibandh in Hindi

water tap essay in hindi

  • जल मनुष्य प्राणी के लिए आवश्यक है
  • जल का रासायनिक सूत्र h2o है
  • जल के द्वारा हम अपने दैनिक जरूरत संबंधित क्रियाकलाप को पूरा करते हैं
  • पृथ्वी पर 70 प्रतिशत भाग जल है
  • केवल 2.7% जल का इस्तेमाल पीने के लिए होता है |
  • जल का कोई रंग नहीं होता है
  • जल में तेल वसा घुलनशील नहीं होते हैं
  • जल की तीन अवस्थाएं होती हैं ठोस द्रव गैस
  • 78% पानी महासागर में पाया जाता है
  • जल के बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है |

इन FESTIVAL के बारे में भी जाने:-

  • 15 अगस्त की देशभक्ति शायरी
  • स्वतंत्रता दिवस पर स्टेटस
  • 15 अगस्त पर देशभक्ति कविता
  • स्वतंत्रता दिवस पर भाषण
  • अमृत महोत्सव 2022 पर कविता, भाषण, स्लोगन, शायरी, थीम

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Water Is Life Essay In Hindi

जल ही जीवन है निबंध – Water Is Life Essay In Hindi

जल ही जीवन है निबंध – (essay on water is life in hindi), विश्व में गहराता जलसंकट – deep water scarcity in the world.

  • प्रस्तावना,
  • जल का महत्त्व,
  • जलाभाव का परिणाम,
  • जल की उपलब्धता,
  • भावी जल संकट,

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

जल ही जीवन है निबंध – Jal Hee Jeevan Hai Nibandh

प्रस्तावना– वेदों में कहा गया है–’आप एव ससर्जादौ’ अर्थात् परमात्मा ने सबसे पहले जल की सृष्टि की। पुराणों में विष्णु के प्रथम अवतार वाराह द्वारा जलमग्न पृथ्वी का उद्धार किए जाने का वर्णन मिलता है। प्रलय अर्थात् सृष्टि का अन्त होने पर समस्त धरती जलमग्न हो जाती है।

इन बातों को हम मिथक कह सकते हैं, किन्तु विज्ञान के अनुसार जल जीवन या जीव–सृष्टि की प्रथम शर्त है। चन्द्रमा या मंगल पर जीवन की खोज में जुटे वैज्ञानिकों की आशा का बिन्दु भी, वहाँ कहीं न कहीं जल की उपस्थिति पर ही टिका है। शब्दकोश भी जल और जीवन को पर्यायवाची बताता है।

Water Is Life Essay

जल का महत्त्व– सम्पूर्ण सौरमण्डल में आज तक ज्ञात ग्रहों में पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है जहाँ जल का अपार भण्डार है। जल के बिना जीवन की कल्पना ही असम्भव है। जल ने ही पृथ्वी पर चर–अचर जीव जगत् को सम्भव बनाया है। जीवाणु लेकर स्थूलतम जीव हाथी तक और शैवाल से लेकर गगनचुम्बी वृक्षों तक सभी का जीवनाधार जल ही है। मानव शरीर में भी सर्वाधिक मात्रा जल की ही है।

जल की कमी हो जाने पर जीवन के लाले पड़ जाते हैं और कृत्रिम उपायों से शरीर में उसकी पूर्ति करनी पड़ती है। हमारे भोजन, वस्त्र, भवन, स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संतुलन सभी के लिए जल का कोई विकल्प नहीं है। हमारी सुख–सुविधा, आमोद–प्रमोद और मनोरंजन भी जल से जुड़ा हुआ है। घरों में कपड़े धोने, भोजन बनाने, स्नान करने और गर्मी से बचने को कूलर चलाने में जल ही सहायक होता है।

जलाशयों में तैरकर और नौकाविहार करके हम आनन्दित होते हैं। हमारी गृह–वाटिकाओं में जल चाहिए। पार्कों और वनांचलों की हरियाली जल पर ही टिकी है। जल के बिना कृषि की कल्पना ही नहीं की जा सकती। जीवन के अस्तित्व और पोषण से जुड़ी किसी भी वस्तु को देख लीजिए, किसी न किसी स्तर पर उसे जल के योगदान की आवश्यकता अवश्य होती है।

Water Is Life Essay In Hindi

जलाभाव का परिणाम– कल्पना कीजिए कि पृथ्वी कभी जल–विहीन हो जाय तो क्या दृश्य उपस्थित होगा ? सारा जीव जगत् तड़प–तड़प कर दम तोड़ेगा। यह मनोरम हरीतिमा, ये इठलाती नदियाँ, झर–झर करते निर्झर, लहराते सागर, रिमझिम बरसते मेघ, ये चहल–पहल, दौड़ते वाहन, नृत्य–संगीत के आयोजन, ये मारामारी, सब कुछ नामशेष हो जाएँगे।

जल की उपलब्धता– प्रकृति ने जीवनाधार जल की प्रभूत मात्रा मानव जाति को उपलब्ध कराई है। पृथ्वी का लगभग तीन–चौथाई भाग जलावृत है। इसमें मानवोपयोगी जल की मात्रा भी कम नहीं है। नदियों, सरोवरों, झीलों आदि के रूप में पेयजल उपलब्ध है।

भावी जल–संकट–आज प्रकृति के इस निःशुल्क उपहार पर संकट के बादल मँडरा रहे हैं। नगरों और महानगरों के अबाध विस्तार ने तथा औद्योगीकरण के उन्माद ने भूगर्भीय जल के मनमाने दोहन और अपव्यय को प्रोत्साहित किया है। भारत के अनेक प्रदेश, जिनमें राजस्थान भी सम्मिलित है, जल स्तर के निरंतर गिरने से संकटग्रस्त हैं। जल की उपलब्धता निरंतर कम होती जा रही है।

इस संकट के लिए मनुष्य ही प्रधान रूप से उत्तरदायी है। अति औद्योगीकरण से बढ़ रहे भूमण्डलीय ताप (ग्लोबल वार्मिंग) से, ध्रुवीय हिम तथा ग्लेशियरों के शीघ्रता से पिघलने की आशंका व्यक्त की जा रही है। वैज्ञानिक घोषणा कर रहे हैं कि अगली तीन–चार दशाब्दियों में गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र आदि का केवल नाम ही शेष रह जाएगा। हिम तथा ग्लेशियरों के पिघलने से समुद्र का जल–स्तर बढ़ जाएगा तथा समुद्र तट पर बसे शहर खत्म हो जायेंगे।

उपसंहार– ‘जल है तो जीवन है’ इस सच को राजस्थान से अधिक और कौन जानता है। जल जैसी बहुमूल्य वस्तु के प्रति हमारा उपेक्षापूर्ण रवैया कितना घातक हो सकता है, यह उपर्युक्त विवरण से स्पष्ट है। अतः अभी से जल–प्रबंधन के प्रति जागरूक होना हमारे लिए जीवित रहने की शर्त बन गया है।

अतः परम्परागत एवं आधुनिक तकनीकों से जल के संरक्षण और भंडारण का कार्य युद्ध–स्तर पर होना चाहिए। जनता और प्रशासन दोनों के उद्योग और सहयोग से ही इस भावी संकट से पार पाना सम्भव है।

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जल के महत्व पर निबंध हिन्दी मे Essay on Importance of water in Hindi

इस लेख में आप जल के महत्व पर निबंध हिन्दी मे (Short essay on importance of water in Hindi) पढ़ सकते हैं। पानी का महत्व हमारे जीवन मे कितना है इस लेख को पढ़ कर आप जान सकते हैं। यह निबंध 1000 शब्दों मे स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए लिखा गया है। छोटे बच्चे भी इससे एक लघु निबंध बना कर लिख सकते हैं। आई जानते हैं जल ही जीवन क्यों है ?

आईए जल के महत्व पर निबंध हिन्दी मे Short Essay on Importance of water in Hindi शुरू करते हैं …

प्रस्तावना Introduction (जल के महत्व पर निबंध – 1000 Words)

मनुष्य जीवन में जल का बहुत बड़ा महत्व है। जल के बिना कुछ भी संभव नहीं है। जल के बिना मनुष्य के जीवन की कल्पना तक नहीं की जा सकती है। पृथ्वी पर जल पाया जाता है इसलिए इसे ब्रह्मांड का एक अनोखा ग्रह कहा जाता है। जल के कारण ही आज मनुष्य जाति पृथ्वी पर विकसित हो सकी है। मनुष्य, पशुओं, पेड़-पौधों सभी को जल की जरूरत है।

यदि पृथ्वी से जल समाप्त हो जाए तो कोई भी जीव जंतु जीवित नहीं रह पाएंगे क्योंकि सभी जीव जंतु जल का उपयोग करते हैं। यह चिंता का विषय है कि मनुष्य ने अपनी व्यवसायिक गतिविधियों के द्वारा पृथ्वी पर पाए जाने वाले जल को संकट में डाल दिया है।

पृथ्वी के 78% भाग पर महासागर पाए जाते हैं जिनमें नमकीन जल मिलता है परंतु यह पीने के योग्य नहीं होता है। पीने योग्य जल को मीठा जल या मीठा पानी कहते हैं। पृथ्वी पर मौजूद कुल जल में से 2.7 प्रतिशत जल ही पीने योग्य है।

पढ़ें: जल है तो कल है पर निबंध

मनुष्य जीवन मे जल का महत्व Importance of water in human life

मनुष्य के लिए जल बहुत महत्वपूर्ण है। बिना भोजन किए मनुष्य 7 दिनों तक जीवित रह सकता है पर बिना जल पिए वह 3 दिन में ही मर जाएगा। हम सभी लोगों को प्यास लगती हैं और प्यास बुझाने के लिए जल का प्रयोग करते हैं।

स्वस्थ रहने के लिए एक व्यक्ति को प्रतिदिन कम से कम 2 से 3 लीटर पानी का सेवन करना चाहिए। प्यास लगने पर जब पानी नहीं मिलता है तो बड़ी बेचैनी अनुभव होती है। इससे ही जल का महत्व पता चलता है।

मनुष्य के लिए जल ही जीवन है। हमें जल का संरक्षण करना चाहिए क्योंकि पृथ्वी से जल तेजी से विलुप्त हो रहा है। मनुष्य की व्यवसायिक गतिविधियों ने आज पीने लायक जल को संकट में डाल दिया है। बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों द्वारा प्रदूषण फैलाया जा रहा है।

रासायनिक कचरे को नदियों झीलों तालाबों में बहाया जा रहा है जिससे जल दूषित हो रहा है। हमें इसे रोकने के लिए मजबूत कदम उठाने होंगे।

स्वस्थ रहने के लिए जल का महत्व Importance of water to stay healthy

मनुष्य के शरीर में 65 से 80% तक जल पाया जाता है। रक्त में 7% जल होता है। स्वस्थ रहने के लिए हमें साफ और शुद्ध जल का सेवन करना चाहिए। दूषित जल पीने से पीलिया, गैस, संक्रामक रोग, चेचक , पेचिश, दस्त जैसी बीमारियां हो जाती हैं। दस्त के रोग में शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है। इसलिए ओआरएस (ORS) का घोल रोगी को दिया जाता है।

जल को साफ करने के लिए उसमें ब्लीचिंग पाउडर, फिटकरी डाली जाती है। यदि जल दूषित हो तो उसे उबालना चाहिए, जिससे उसके सभी बैक्टीरिया मर जायें। जल को साफ कपड़े से छानकर पीना चाहिए।

पेड़-पौधों के लिए जल का महत्व Importance of water for plants

मनुष्य की तरह पेड़ पौधों को भी जल की आवश्यकता होती है। पौधे अपनी जड़ों से जल ग्रहण करते हैं और सभी शाखाओं पत्नियों तक जल पहुंचा देते हैं। पेड़-पौधों के तने में जल एकत्रित होता है। बिना पानी के कोई भी पेड़-पौधे विकसित नहीं होते है। पानी ना मिलने पर सभी पेड़ पौधे मुरझा जाते हैं और शीघ्र ही सूख जाते हैं।

हम जितनी प्रकार की सब्जियां फल खाते हैं वह सभी पेड़ पौधों से प्राप्त होते हैं। मनुष्य के जीवित रहने के लिए पेड़ पौधों का जीवित रहना बहुत आवश्यक है। बिना पानी के सभी पेड़ पौधे सूख जाएंगे और कोई फसल नहीं होगी।

गेहूं मक्का चावल जैसी मूलभूत अनाज की खेती जल के द्वारा ही संभव हो पाती है। यदि पृथ्वी से जल ही गायब हो जाए तो कोई भी फसल नहीं हो पाएगी और मनुष्य भूख से मर जाएगा।

पशु पक्षी और अन्य जीवो के लिए जल का महत्व Importance of water for animals and birds

मनुष्य की तरह पशु पक्षियों और अन्य जीवो को भी प्यास लगती है। गाय भैंस बकरी भेड़ शेर भालू, पक्षी और दूसरे जीव भी पानी पीते हैं। यह एक ऐसी चीज है जिसके बिना कोई भी जीवित नहीं रह सकता है। कुछ ही ऐसे दुर्लभ जीव हैं जो ना के बराबर पानी का सेवन करते हैं पर अधिकतर पशु-पक्षी और जीव-जंतु पानी का इस्तेमाल करते हैं।

रेगिस्तान में पाए जाने वाले ऊंट को “रेगिस्तान का जहाज” कहते हैं क्योंकि वह एक ही बार में 50 लीटर तक पानी पीकर अपने शरीर में संचित कर लेता है और कई दिनों तक बिना पानी के जीवित रह सकता है। परंतु उन कई दिनों बाद अगर उसे भी जल पीने को नहीं मिल तो उसकी भी मृत्यु हो जाएगी।

जल संरक्षण के उपाय How to conserve water?

जल एक कीमती संसाधन है। इसे व्यर्थ में बर्बाद नहीं करना चाहिए। सभी टंकियों को ठीक कराना चाहिए जिनसे लगातार पानी गिरता रहता है। नहाते समय बहुत अधिक पानी नष्ट नहीं करना चाहिए। आवश्यकता के अनुसार पानी इस्तेमाल करना चाहिए।

वर्षा के पानी को हार्वेस्ट करना चाहिए और उसे किसी टैंक या तालाब में एकत्रित करना चाहिए। वाहनों गाड़ियों और घर की सफाई करते समय जल बहुत अधिक नष्ट नहीं करना चाहिए। दूषित पानी को नदियों तालाबों जिलों में नहीं छोड़ना चाहिए। इससे जल दूषित होता है और उसके अंदर के मछलियाँ और दूसरे जीव जंतु मर जाते हैं।

जल के महत्व पर 10 पंक्तियां 10 Lines on importance of water इन importance of water in Hindi

  • जल का रासायनिक नाम H2O है। इसमें हाइड्रोजन के दो अणु और ऑक्सीजन का एक अणु होता हैं।
  • धरती का 71 प्रतिशत भाग जल है परंतु 3% जल ही पीने योग्य है।
  • जल से बिजली उत्पादन किया जाता है। बिजली मनुष्य के लिए बहुत उपयोगी है।
  • जल दो प्रकार का होता है- मीठा जल और खारा जल। समुद्र में खारा जल पाया जाता है जो पीने के योग्य नहीं होता है।
  • जल के बिना पृथ्वी पर कोई भी मनुष्य जीव जंतु जीवित नहीं रह सकता है।
  • फसलों के उत्पादन और कृषि के लिए जल का इस्तेमाल किया जाता है।
  • बिना जल के कोई पेड़ पौधे विकसित नहीं हो सकते हैं।
  • स्वस्थ रहने के लिए एक वयस्क व्यक्ति को 2 लीटर (8 आउंस) जल प्रतिदिन पीना चाहिए।
  • वर्षा के रूप में जल का बहुत महत्व है। वर्षा होने पर सभी पेड़ पौधे हरे हो जाते हैं और उन्हें नया जीवन प्राप्त होता है।
  • सिर्फ पीने के लिए ही नहीं कपड़े साफ करने के लिए, घर की सफाई, बर्तन धोने के लिए भी जल का महत्व बहुत अधिक है। जल की मदद से ही हम भोजन पकाते हैं।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख के अंत मे हम यही कह सकते हैं की जल का हमारे जीवन मे बहुत बड़ा महत्व है। इसे जितना हो सके हमें बचाना होगा। जल संरक्षण के नए तकनीक निकालने होंगे जिससे मनुष्य भुजल को संरक्षित कर सकें। हमें स्वयं ही जल के महत्व को समझ कर अपने घर से इस मुहिम का शुरुआत करना होगा जिससे हम अपने अमोल पानी को बच सकें।

साथ ही अपने बच्चों और आस-पास के लोगों को भी जल के महत्व को समझना होगा। आशा करते हैं आपको जल के महत्व पर यह निबंध (Importance of Water Essay in Hindi) पसंद आया होगा। अपने विचार कमेन्ट के माध्यम से हमें बताएं।

water tap essay in hindi

नमस्कार रीडर्स, मैं बिजय कुमार, 1Hindi का फाउंडर हूँ। मैं एक प्रोफेशनल Blogger हूँ। मैं अपने इस Hindi Website पर Motivational, Self Development और Online Technology, Health से जुड़े अपने Knowledge को Share करता हूँ।

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15 Comments

जल के बिना जीवन संभव नही है जल ही जीवन है I am saving water

Water is life

Very excellent essay a very most importent for life

Good very informative Save water!! save life!!

very help to me like thank

Very Nice We should SAVE WATER!!!

Sir, H2O me Hydrogen ke 2 aur Oxygen ke 1 atom hote hain…

Right, Done

Very nice I am saving the water

It is so good

जल है तो कल है | अत्यंत ज्ञानवर्धक और रोचक निबंध लेखन |

you tell us how is water important in ours life . so we have to save it , protect it from polluted & reduce of it. if we do these things we will get success to save water . if we save water , we will able to save all over the world & environment . so ”SAVE WATER, SAVE LIFE , save ENVIRONMENT ” .

water tap essay in hindi

जल पर निबंध

Essay on Water in Hindi : जल एक प्रकार का इस सृष्टि का जीवन दाता है यह सृष्टि पूरी जल के ऊपर ही निर्भर है। जल के बिना ना तो कोई इंसान या ना कोई जीव जीवित रह सकता है। और ना ही जल के बिना पेड़ पौधे भी जीवित नहीं रह सकते हैं। जल इस प्रकृति के लिए बहुत ही जरूरी है, इसलिए कहा जाता है कि “जल ही जीवन है।” हम यहां पर जल पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में जल के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

water tap essay in hindi

Read Also:  हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध

जल पर निबंध | Essay on Water in Hindi

जल पर निबंध ( 250 word ).

हमारे शरीर में 70% जल की मात्रा होती है। सिर्फ हमारा शरीर ही नहीं बल्कि पृथ्वी भी लगभग 2 तिहाई जल से घिरी हुई है। हमें जीने के लिए हवा, पानी और जमीन की आवश्यकता होती है। यह हमारे शरीर में ईंधन का कार्य करते हैं इसलिए मनुष्य को जीवित रहने के लिए इन तीन तत्व की आवश्यकता होती है। पृथ्वी पर जल की मात्रा अधिक है। इसलिए पृथ्वी पर जीवन संभव है। पानी न होने पर दुनिया के सभी जीव मर जायेगे। जल सबसे महत्वपूर्ण पदार्थों में से एक है।

जल को पीने के अलावा कई अन्य जरूरत की चीजों में भी इस्तेमाल किया जाता है। दुनिया में सभी जीवित व्यक्तियों के लिए जल की आवश्यकता होती है। जल के बिना कोई भी इंसान जीवित नहीं रह सकता है। धरती पर हर जीवन पानी के आधार पर टिका हुआ है। एक छोटे पौधे को भी बढ़ने के लिए जल की आश्यकता होती है।

हम यह भी कह सकते है जो वस्तुएं सजीव होती है, उन्हें जल की आवश्यकता होती है। जल से ही मनुष्य का भोजन बनाता है। बिना जल के ना ही खेती की जा सकती और ना ही भोजन पकाया जा सकता है। इसलिए मनुष्य को जीवन जीने के लिए जल की आवश्यकता पड़ती है, बिना जल के जीवन यापन नहीं कर सकता है।

जल पर निबंध ( 800 Word )

जल मनुष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण पदार्थों में से एक है। यह सिर्फ मनुष्य के लिए ही नहीं बल्कि जंतुओं और पेड़-पौधों के लिए भी बहुत आवश्यक है। जल के ना होने पर दुनिया में कोई भी व्यक्ति जीवित नहीं रह सकता है। जल का इस्तेमाल सिर्फ पानी पीने के लिए ही नहीं बल्कि अपने दैनिक कार्यों जैसे स्नान, कपड़े आदि को धोने के लिए और खाना बनाने, सफाई करने में भी इसका प्रयोग किया जाता है।

मनुष्य अपने जीवन में बिना जल के जीवन यापन नहीं कर सकता है। विश्व में सभी जीवित वस्तुओं के लिए जल जरूरी होता है। छोटे से छोटे जीवों से लेकर बड़े जीवों तक सभी को पानी की जरूरत होती है। जल के बिना इनका कुछ भी अस्तिस्त्व नहीं होता है।

जल का संगठन

जल दो परमाणु से मिलकर बना होता है, जिसमें हाइड्रोजन के दो परमाणु और ऑक्सीजन का एक परमाणु शामिल होता है। जल का रासायनिक सूत्र H2O  होता है। जल के मुख्यता तीन अवस्था होती है। प्रथम ठोस, दूसरा द्रव्य और तीसरा गैस। जल को आप तीनों रूप में बदल सकते है।

पृथ्वी पर लगभग 70% जल है। लेकिन इसका 97 % हिस्सा खारा है। इस जल को किसी भी प्रयोग में नहीं लाया जा सकता है। एक प्रकार का रासायनिक पदार्थ होता है जो कि रंगहीन, गंद हीन और स्वाद हीन होता है।

जल का अपना कोई रंग नहीं होता है। जल को जिस भी रंग में घोला जाए उसी रंग को ग्रहण कर लेता है। जल का क्वथनांक 100% °C होता है। यह बहुत ही अच्छा विलायक होता है। जल में आप नमक चीनी मिलाएंगे तो उसमें जल्द ही मिल जाता है। जल मैं कुछ ऐसे भी पदार्थ होते हैं जो घुलनशील नहीं होते हैं जैसे कि तेल और वसा। इन पदार्थों को जल में कितना भी निश्चित कर लो यह आपस में घुलनशील नहीं होंगे।

बिना जल के हमारे शरीर का कोई भी कोष कार्य नहीं कर सकता है। हमें जल सीधे या फल या सब्जियों के माध्यम से लेना चाहिए। इसमें जल की पर्याप्त मात्रा उपस्थित होती है। हमें स्वस्थ फलों और सब्जियों को प्राप्त करने के लिए भरपूर जल की आवश्यकता होती है। किसी भी फसल के लिए जल की आवश्यकता बहुत जरूरी है।

जल महत्वपूर्ण क्यों है

विश्व के किसी भी व्यक्ति को जीवन जीने के लिए जल की आवश्यकता जरूर होती है। यहां तक कि एक छोटा कीड़ा से लेकर बड़ी मछली तक बिना जल के अपने जीवन की आकांक्षा नहीं कर सकती हैं। हम तो मनुष्य हैं, बिना जल के हम 1 दिन का भी गुजारा नहीं कर सकते। विश्व में जल की उपस्थिति के कारण ही आज लोगों का जीवन संभव हो पाया है।

जल हमारे लिए कैसे आवश्यक है

• भोजन बनाने और भोजन करने के बाद पचाने के लिए जल की आवश्यकता होती है।

• खाना पकाने के लिए

• भोजन करना

• सफाई करना

• कपड़े और अन्य चीजों को धोने के लिए

• बर्तन को साफ करना और घर की अन्य चीजों की सफाई करना।

इन सब के अलावा सब्जियों और फलों के लिए भी जल की जरूरत होती है। जल एक महत्वपूर्ण पदार्थ है यद्यपि आपने कई बार सागर महासागर के जल को देखा होगा लेकिन आपको जानकारी के लिए बता दें कि हम उस जल का प्रयोग पीने के लिए नहीं कर सकते हैं क्योंकि सागर और महासागर का जल अत्यंत खारा होता है।

विश्व का सिर्फ 3% जल ही ऐसा है जिसका हम प्रयोग कर सकते है। नीचे हम आपको कुछ ताजे पानी की जल स्रोत के बारे में बताएंगे जिन का प्रयोग हम पीने के पानी के रूप में कर सकते हैं।

• भूमिगत जल

कुछ अन्य भी जल सोच है, जिनका प्रयोग हम स्वच्छ जल को निकालने में कर सकते हैं।

जल ही जीवन का अर्थ

हम जल के बिना अपने जीवन की आस नहीं कर सकते है। बिना जल के हम कुछ दिन भी जीवित नहीं रह सकते है। हमारे शरीर में 70% जल की मात्रा है। जल के बदले मे हमारा शरीर कार्य करता है। प्रत्येक दिन पानी की अधिक मात्रा खपत हो रही है। मनुष्य के द्वारा पानी को दूषित करने से स्वास्थ्य संबंधित अधिक बीमारियां भी फैल रही हैं। इसलिए स्वस्थ पानी हमारे शरीर को तंदुरुस्ती प्रदान करता है।

जल के बिना हमारे दैनिक गतिविधियां जैसे सुबह उठकर ब्रश करना, शौच करना, नहाना और भोजन बनाने के लिए जल की आवश्यकता होती है। बिना जल के हम इसके बारे में कुछ भी कल्पना नहीं कर सकते हैं। कुछ बहुत बड़े उद्योग पानी का अत्यधिक इस्तेमाल करते हैं। उन्हें अपनी प्रक्रिया को करने के लिए हर चरण में जल का प्रयोग करना पड़ता है। ऐसा नहीं है की सिर्फ मनुष्य ही जल का उपभोग करता है, बिना जल के मनुष्य ही नहीं बल्कि जानवर और पेड़ पौधे भी जल के बिना बेकार है।

आज के समय में बहुत सारे लोग जल का दुरुपयोग करते हैं। वह दिन भी दूर नहीं है जब लोग जल की एक एक बूंद के लिए तरसेंगे। बहुत सारे ऐसे लोग होते हैं, जो किसी भी काम को करने के लिए अत्यधिक जल का इस्तेमाल करते हैं और उसको ऐसे ही नालियों में फैला देते हैं।

हमें जल का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए, बल्कि इसका इस्तेमाल कम से कम और जरूरत के लिए करना चाहिए। आज के समय मे सबसे अधिक प्रदूषण फैक्ट्रियां करती है। इनकी फैक्ट्री से निकलने वाला जल आस पास के क्षेत्र में प्रदूषण करता है और वहां के लोगों का स्वास्थ्य भी बिगड़ जाता है।

जल बहुत जरूरी है, फिर भी लोग इसको अधिक मात्रा में बर्बाद करते है। जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। बहुत सारा जल नालियों मे बहकर बेकार हो रहा है। वो दिन भी दूर नहीं जब लोग साफ जल पीने के लिए तरस जायेगे। इसलिए हम आप सभी से यही निवेदन करते हैं, कि प्राकृतिक के इस कीमती संसाधन को बर्बाद ना करें, जितना ज्यादा हो सके जल को बचाने की कोशिश करें।

आज के आर्टिकल में हमने  जल पर निबंध ( Essay on Water in Hindi)  के बारे में बात की है। मुझे पूरी उम्मीद है, की हमारे द्वारा इस आर्टिकल में जानकारी आप तक पहुंचाई गयी है, वह पसंद आई होगी। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल से सम्बंधित कोई भी सवाल है। तो वह हमें कमेंट में बता सकता है।

  • स्वास्थ्य पर निबंध
  • वन पर निबंध
  • जल का महत्त्व पर निबंध

Ripal

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जल संरक्षण पर निबंध | Water conservation Essay in Hindi

by Editor January 19, 2019, 2:56 PM 26 Comments

जल का महत्व हम जितनी जल्दी समझ जाएँ हमारे लिए उतना अच्छा है और जल संरक्षण के प्रयास हमें अब शुरू करने की आवश्यकता है। धरती पर सीमित जल-भंडार को बचाने के लिए आज सभी को जल संरक्षण की ओर अपना ध्यान आकृष्ट करने की जरूरत है। 

जल संरक्षण पर निबंध ( 200 शब्द) 

एक तरफ धरती पर साफ पीने लायक पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ हम किसी ना किसी कारणवश धरती के अमूल्य जल को बर्बाद कर रहे हैं। यदि ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब धरती पर पीने लायक पानी बचेगा ही नहीं। हमारी धरती पर 70% भूभाग जल का है लेकिन मात्र 1 प्रतिशत जल ही ऐसा है जो मानव अपने उपयोग में ले सकता है, बाकी का अधिकांश जल समुद्र का खारा पानी है और बर्फ़ीला है।

जल संरक्षण आज बहुत जरूरी हो गया है। अपने रोजिंदा जीवन में जिस प्रकार हम जल का दुरुपयोग करते हैं उस पर रोक लगाने की जरूरत है। दुनिया के कई देश जल की भारी कमी का सामना कर रहे हैं। भारत के कई राज्यों में लोगों को पानी के लिए दूर–दूर तक जाना पड़ता है।

जल का हम सही उपयोग करें और जल के स्त्रोतों को बढ़ाएं तो पानी की समस्या से हम निजात पा सकते हैं। जल का संरक्षण करने के लिए हमें बरसात के पानी का संग्रह करना चाहिए, नदियों और अन्य पानी के स्त्रोत को प्रदूषित नहीं करना चाहिए और साथ ही साथ अपने रोजिंदा जीवन में जल का सदुपयोग करना चाहिए।

जल संरक्षण पर निबंध (3 00 शब्द) 

जल को जीवन कहा जाता है अतः इसके मूल्य को समझकर हमें जल संरक्षण पर अधिक ज़ोर देने की आवश्यकता है। धरती पर मनुष्य के उपयोग के लायक मात्र 1 प्रतिशत जल बचा है, यदि हमने सजग होकर पानी को बचाने के लिए उचित कदम नहीं उठाए तो हमारी आने वाली पीढ़ी को भारी जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।

जल संरक्षण के लिए हमें सबसे पहले अपने रोजिंदा जीवन में पानी की बचत करनी चाहिए। अपने रोजिंदा कार्यों को करने के लिए हम जरूरत से ज्यादा पानी इस्तेमाल करते हैं, यह एक तरह से पानी की बरबादी है अतः यह आदत हमें बदलनी चाहिए। जितने पानी की आवश्यकता हो हमें उतना ही पानी उपयोग में लेना चाहिए।

दूसरा कदम जल संरक्षण के लिए हम यह उठा सकते हैं की बरसात के जल का अधिक से अधिक संग्रह करना। बरसात के मौसम मे वर्षा का साफ जल यूं ही बर्बाद हो जाता है अतः इस जल का हमें संग्रह करना होगा। वर्षा के जल का संग्रह करने के लिए जगह-जगह छोटे-छोटे तालाब और जलाशय हम बना सकते हैं।

तीसरा काम हम ये कर सकते हैं वो यह की अपने नदी, तालाब, जलाशय को साफ रखना। जी हाँ, यदि हम नदी, तालाब आदि में प्रदूषण न करें और उन्हें शुद्ध रखें तो उनका आस्तित्व बना रहेगा। नदियों का जल हमारे लिए पानी का सबसे बड़ा स्त्रोत है अतः उनका संरक्षण हमें जरूर करना चाहिए।

इसके उपरांत वनों को कटाई पर भी रोक लगनी चाहिए क्यूंकी बरसात को लाने के पीछे वृक्षों का योगदान महत्वपूर्ण होता है अतः अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर जंगलों को बढ़ाना चाहिए।

धरती पर जल संरक्षण के लिए सभी लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है क्यूंकी सबसे अधिक पानी की बरबादी हम अपने घरों में अलग-अलग कार्यों को करने में करते हैं। जल अब सीमित मात्रा में ही बचा है अतः जितनी जल्दी हम जल संरक्षण की आदत को अपनाएं उतना हमारे लिए अच्छा है।

जल संरक्षण पर निबंध (5 00 शब्द) 

जल इस धरती की सबसे अमूल्य वस्तु है। जिस प्रकार हम हवा और भोजन के बिना जीवित नहीं रह सकते उसी प्रकार हम जल के बिना भी जीवित नहीं रह सकते। धरती पर समस्त जीवसृष्टि के लिए जल सबसे महत्वपूर्ण है। धरती पर जल का विशाल भंडार होने के बाद भी मात्र 1 प्रतिशत पानी ही हमारे उपयोग के लिए बचा है, क्यूंकी बाकी का पानी या तो खारा है या बर्फ के पहाड़ों के रूप में है।

आज सबसे अधिक आवश्यकता जल को बचाने की है क्यूंकी आने वाले समय में हमें भीषण जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। जिस प्रकार से हम अनमोल जल को बरबाद कर रहे हैं उसे देखकर तो ऐसा ही लगता है की आने वाली पीढ़ी के लिए जल बचेगा ही नहीं।

आज सबसे ज्यादा ज़ोर जल संरक्षण पर देने की आवश्यकता है।

क्या है जल संरक्षण

जल संरक्षण में पीने लायक ताजे पानी के संसाधन का रक्षण करना और वर्तमान और भविष्य में जल की मांग को पूरा करने के लिए सभी नीतियों और गतिविधियों को शामिल किया गया है। जन संख्या वृद्धि, घरेलू उपयोग और अंधा धुंध विकास के कारण पानी का उपयोग जरूरत से ज्यादा बढ़ा है। जलवायु परिवर्तन के कारण भी जल की कमी की समस्या को बढ़ा दिया है।

आज ऐसी पहल की आवश्यकता है जो धरती पर जल को बचा सके और उसका भविष्य के लिए संरक्षण कर सके। विश्व के सभी देशों ने जल संरक्षण के लिए कदम उठाए हैं। भारत में भी जल के संसाधनों जैसे की नदियों, तालाबों, जलाशयों आदि को बचाया जा रहा है, उन्हें साफ किया जा रहा है। पानी का संग्रह किया जा रहा है ताकि आपने वाली पीढ़ी को हम जल संकट से बचा सकें।

जल संरक्षण के उपाय

जल संरक्षण के लिए हमें कई कदम उठाने की जरूरत है क्यूंकी किसी ना किसी रूप में हम पानी का दुरुपयोग कर रहे हैं और उसे बचाने और संग्रहीत करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं, जल संरक्षण के लिए हम निम्न कदम उठा सकते हैं:

  • जल संरक्षण में एक रणनीति वर्षा जल संचयन है। तालाबों, झीलों, नहरों का निर्माण करना, पानी के जलाशय का विस्तार करना वर्षा जल संचयन के विभिन्न तरीके हैं। इससे भूगर्भ जल भी बढ़ेगा और जल संचय भो होगा।
  • भूगर्भ जल के संरक्षण पर उचित कदम उठाने की जरूरत है।
  • घरों में पानी के मीटर लगाने की जरूरत है जिससे लोगों को पानी का महत्व समझ में आएगा और पानी का दुरुपयोग बंद होगा।
  • खेतों में सिंचाई के लिए टपक पद्धति और फुवारे का उपयोग करने से पानी को बचा सकते हैं।
  • घर में नहाने, बर्तन धोने, शौचालय आदि में ढेर सारा पानी इस्तेमाल किया जाता है अतः वहाँ हमें समझदारी से पानी का उपयोग करना चाहिए
  • वनों की कटाई के कारण वर्षा पर भी प्रभाव पड़ता है अतः वनों की कतयो रोककर उनका विस्तार बढ़ाना चाहिए

इस प्रकार के कई कदम हैं जो हम जल संरक्षण के लिए उठा सकते हैं। सबसे जरूरी है जागरूकता जिसका अभाव लोगों को जल का महत्व नहीं समझा पाता। अतः एक सामजिक जागरूकता भी जरूरी है।

जल संरक्षण पर विस्तृत निबंध (10 00 शब्द) 

धरती पर समस्त जीवन चक्र को बनाए रखने के लिए हवा, पानी और भोजन जरूरी है, किसी एक की कमी के बिना कोई भी जीवित नहीं रह सकता। जल को अमूल्य संपत्ति कहा जाता है और इसकी एक-एक बूंद हमारे लिए बहुत कीमती है। धरती पर वैसे तो जल का 70 प्रतिशत भाग है लेकिन हम उपयोग कर सकें उतना मात्र 1 प्रतिशत जल है। अतः हमें बड़ी सोच-समझ के साथ सीमित जल का उपयोग करना चाहिए।

जल संरक्षण क्या है?

जल संरक्षण, अनावश्यक रूप से पानी के उपयोग को कम करने के लिए कुशलतापूर्वक पानी का उपयोग करने का एक अभ्यास है। आज हमारे लिए जल संरक्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि ताजा स्वच्छ जल एक सीमित संसाधन है, साथ ही बहुमूल्य भी है। जल सभी के जीवन के पोषण के लिए एक आवश्यक संपत्ति है और स्थानीय उपयोग से लेकर कृषि और उद्योग के लिए उपयुक्त सभी गतिविधियों की मूलभूत मांग है। अतः इस प्राकृतिक संसाधन का संरक्षण पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण है।

मानव आबादी के नियमित रूप से बढ्ने से जल संसाधनों पर गंभीर दवाब पैदा हो गया है। नदी, तालाब, झील, जलाशय और भूजल के दुरुपयोग से जल की भीषण कमी का सामना आज हमें करना पड़ रहा है और शायद आने वाले वर्षों में यह संकट और अधिक बढ़ने वाला है।

आज हमें पानी को बचाने की कोशिशों में तेजी लाने की आवश्यकता है और जल संरक्षण पर गंभीर विचार करने की जरूरत है।

क्यूँ जरूरी है जल संरक्षण

आबादी और उद्योग की वृद्धि के कारण ताजे जल स्रोतों की हमारी जरूरत बढ़ रही है, लेकिन हमारे पास जल का सीमित संग्रह बचा है। ऐसी हालत में जल संरक्षण ही एक मात्र उपाय है जो हमें और आने वाली पीढ़ी को जल के संकट से बचा सकता है।

पानी के संरक्षण में असफल होने से पानी की पर्याप्त आपूर्ति की कमी हो सकती है, जिसके कठोर परिणाम हो सकते हैं। इनमें पानी की लागत बढ़ना, कम खाद्य आपूर्ति, स्वास्थ्य संबंधी खतरे और राजनीतिक संघर्ष शामिल हैं।

जल की कमी के कारण पर्यावरण का संतुलन भी बिगड़ेगा और वन, उपवन, वन्य जीव आदि पर संकट आ सकता है, अतः जल संरक्षण जरूरी है।

जल पूरी जीवसृष्टि के लिए महत्वपूर्ण है और धरती पर इसका सीमित स्त्रोत हमें इस बात की ओर प्रेरित करता है की हम जल संरक्षण की ओर ध्यान दें, अन्यथा हमारी आने वाली पीढ़ी को पीने के लिए एक बूंद जल के लिए भी संघर्ष करना पड़ेगा।

जल संरक्षण कैसे करे?

ऐसे बहुत से तरीके हैं जिनको अपनाकर हम जल का संरक्षण कर सकते हैं। यदि हम जल का सीमित उपयोग करें और उसे बचाने के लिए उचित कदम उठाएँ तो जल का सीमित भंडार लंबे समय तक बना रह सकता है।

वर्षा के पानी का संग्रह करना –  वर्षा के जल का संग्रह ना करना हमारी सबसे बड़ी भूल है। आज भी वर्षा का साफ पानी समुद्र, गटर, नालियों में बह जाता है और व्यर्थ हो जाता है। इस पानी का यदि हम संग्रह करें तो हर साल जो जल संकट हमें देखना पड़ता है उससे राहत मिल सकती है। बरसात के जल को हम नहर, तालाब, जलाशय, कुंड आदि बनाकर संग्रहीत कर सकते हैं। इस संग्रहीत किए जल का उपयोग हम घर के उपयोग, उद्योगों और कृषि कार्यों में कर सकते हैं। हम गावों, शहरों के आसपास तालाब बना सकते हैं, विशाल नहरों का निर्माण कर पानी के संकट वाले क्षेत्रों को राहत पहुंचा सकते हैं।

भूगर्भ जल का रक्षण – भूगर्भ जल अर्थात जमीन के अंदर स्थित जल जो की हम कुवों, हैंडपंप आदि से निकालते हैं। अधिक भूगर्भ जल निकालने के कारण और उसका दुरुपयोग होने के कारण भूगर्भ जल में भी कमी आती है। भूगर्भ जल का हमें रक्षण करना चाहिए। तालाब, जलाशय आदि बनाने से भूगर्भ जल का स्तर बढ़ता है। भूमि प्रदूषण भी रोकने की आवश्यकता है क्यूंकी उसके कारण भूगर्भ जल दूषित होता है।

दैनिक कार्यों में जल का सही उपयोग – सबसे अधिक पानी का उपयोग यदि कहीं किया जाता है तो वो है घरेलू कार्यों में। हम अपने रोजिंदा जीवन में बड़ी मात्रा में पानी का दुरुपयोग करते हैं, क्यूंकी हम इस बात से अंजान होते हैं की यह जल सीमित मात्रा में ही धरती पर उपलब्ध है।

नहाने में, कपड़े व बर्तन धोने में, वाहनों को धोने के लिए, त्योहारों के समय, घर की साफ-सफाई के समय आदि ऐसे बहुत से कार्य हैं जिनमें हम पानी को बर्बाद करते हैं। यदि हम अपनी जवाबदारी को समझकर पानी का सदुपयोग करें तो काफी हद तक जल संरक्षण में अपना योगदान हम दे सकते हैं।

  • हमेशा नल को कसकर बंद करें ताकि उनमें से पानी ना बर्बाद हो।
  • अपने नल के अंदर और आसपास किसी भी लीक की तुरंत मरम्मत करें। (एक रिसाव से प्रति वर्ष कई हजार लीटर पानी बर्बाद हो सकता है।)
  • अपने पानी के उपयोग को कम करने के लिए अपने नल पर एक जलवाहक या पानी के प्रवाह को कम करने वाले लगाव का उपयोग करें।
  • बर्तन धोते समय कभी भी लगातार पानी न चलाएं।
  • ब्रश करते समय, जब आप वास्तव में ब्रश कर रहे हों तो पानी बंद कर दें। (यह सामान्य रूप से उपयोग किए जाने वाले पानी का लगभग 80% बचाता है।)
  • लो-फ्लश शौचालय स्थापित करके आप पानी के उपयोग को 40% से 50% तक कम कर सकते हैं
  • लॉन और उद्यानों को गर्म मौसम के दौरान प्रतिदिन केवल 5 मिलीमीटर पानी की आवश्यकता होती है। वसंत, पतझड़ या शांत मौसम के दौरान कम पानी की आवश्यकता होती है अतः उस समय पानी कम इस्तेमाल करें।
  • घरों में पानी के मीटर लगाने से हम इस पानी के दुरुपयोग को रोक सकते हैं।

26 Comments

जल शक्ति अभियान पर निबन्ध बताओ

Ager hm water nhi save krenge to really aisa time ayega ki hm log ya hmari ane vali genration ko water milega nhi hoga

ji ha roli ji yesha possible ha

Hame rai dene se nahi hoga hame kuchh karna chahiye

Agar hum water ko save nahi kare to aaisa hi hoga

Nice nibandh

????thank you

जल क्या है इस पर परी जानकारी का एक आर्टिकल है आप अपने ब्लॉग में मेंशन कीजिए ना प्लीज प्लीज

Save water Save life

I am Anvesha. I am a student studying in class VI and I needed a 200 words essay on water conservation in Hindi. Thanks for the help.

Save Save Save water we can help to save the life

very gud info …. jal hi jivan hei …

Thanks sir/ma,am

Very good essay, that too in Hindi language

Thanks 👍 it’s very good essay

Ohhhhhh……….. Nooooooo…………. This eassy is good but………………..👍 I don’t like to complete projects………..😔 But thanks ….☺️

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Water Conservation Essay in Hindi: जल संरक्षण पर निबंध 100, 200 और 500 शब्दों में 

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  • Updated on  
  • फरवरी 14, 2024

जल संरक्षण पर निबंध

Water Conservation Essay in Hindi: जल संरक्षण के महत्व को समझने से छात्रों में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित करने में मदद मिलती है। वे जल संसाधनों की सीमित प्रकृति और जल की गुणवत्ता और उपलब्धता पर मानवीय गतिविधियों के प्रभाव के बारे में सीखते हैं। छात्रों को जल संरक्षण के बारे में पढ़ाने से उन्हें शुरू से ही स्थायी आदतें अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। वे पानी का कुशलतापूर्वक और जिम्मेदारी से उपयोग करना सीखते हैं, जो पानी की बर्बादी को कम करने और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने में योगदान देता है। जल संरक्षण पर निबंध के बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

This Blog Includes:

जल संरक्षण पर 100 शब्दों में निबंध, जल संरक्षण पर 200 शब्दों में निबंध, वर्तमान में पानी की कमी – एक गंभीर मुद्दा, water conservation essay in hindi पर 10 लाइन्स .

Water Conservation Essay in Hindi 100 शब्दों में नीचे दिया गया है:

पानी जीवित हर चीज़ के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम इसका उपयोग घर में खाना पकाने, नहाने, पीने और सफाई जैसे कई कामों के लिए करते हैं। चूँकि हम बहुत अधिक पानी का उपयोग करते हैं, इसलिए इसे बचाना वास्तव में महत्वपूर्ण है। हवा की तरह ही पानी भी जीवन के लिए जरूरी है। लेकिन बहुत अधिक पानी का उपयोग करना, पानी को गंदा करना और पर्याप्त पानी न होना जैसी समस्याएं भी हैं। इसीलिए हम हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाते हैं। यह लोगों को यह सिखाने का दिन है कि पानी इतना महत्वपूर्ण क्यों है और हम इसे कैसे बचा सकते हैं। हम कम समय में शॉवर लेना, नल खुला न छोड़ना, अपने पानी को साफ रखना और बारिश के पानी को इकट्ठा करना जैसे काम करके पानी बचा सकते हैं।

Water Conservation Essay in Hindi 200 शब्दों में नीचे दिया गया है:

पानी पृथ्वी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन यह सभी के लिए पर्याप्त नहीं है। 2022 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 2 अरब लोगों को पीने का साफ पानी नहीं मिलता है। इससे उनके बीमार पड़ने की संभावना अधिक हो जाती है। जलवायु परिवर्तन बार-बार बाढ़ और सूखे का कारण बनकर हालात को बदतर बना रहा है, इसलिए हमें वास्तव में पानी बचाने की जरूरत है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी के लिए पर्याप्त पानी हो, पानी बचाना महत्वपूर्ण है। हम खेती, कारखानों और घरों के लिए बहुत सारा पानी उपयोग करते हैं। पानी बचाकर, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि चारों ओर घूमने के लिए बहुत कुछ है और इसके लिए झगड़ों से बचा जा सकता है। पानी बचाने से प्रकृति को संतुलित रहने में भी मदद मिलती है क्योंकि हर चीज़ को जीने के लिए पानी की ज़रूरत होती है। कम पानी का उपयोग करने का मतलब इसे हम तक पहुंचाने के लिए कम ऊर्जा का उपयोग करना भी है।

ऐसे कई तरीके हैं जिनसे हम पानी बचा सकते हैं, जैसे वर्षा जल एकत्र करना, पानी बचाने वाले उपकरणों का उपयोग करना और पानी बर्बाद न करना। यदि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अभी और भविष्य में सभी के लिए पर्याप्त पानी हो, तो हमें आज से ही पानी बचाना शुरू करना होगा।

जल संरक्षण पर 500 शब्दों में निबंध

water conservation essay in hindi 500 शब्दों में नीचे दिया गया है:

जल संरक्षण आज की दुनिया में पर्यावरण प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण पहलू है। हमारा ग्रह पानी की कमी और प्रदूषण से संबंधित बढ़ती चुनौतियों का सामना कर रहा है, इसलिए व्यक्तियों, समुदायों और राष्ट्रों के लिए इस बहुमूल्य संसाधन के संरक्षण को प्राथमिकता देना अनिवार्य हो गया है। घरों से लेकर औद्योगिक संचालन तक, वर्तमान और भावी पीढ़ियों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए पानी का सतत उपयोग आवश्यक है। इस निबंध में, हम जल संरक्षण के महत्व, इसकी विभिन्न रणनीतियों और जीवन के इस महत्वपूर्ण तत्व को संरक्षित करने में हमारी जिम्मेदारी को जानेंगे। 

दुनिया भर में पानी की कमी एक बड़ी समस्या है, जब हर किसी के लिए पर्याप्त ताज़ा पानी उपलब्ध नहीं होता है। ऐसा तब होता है जब पानी की मांग उपलब्ध मात्रा से अधिक होती है। यह अलग-अलग तरीकों से दिखाई देता है, जैसे पीने के लिए साफ पानी न होना, खेती या कारखानों के लिए पर्याप्त पानी न होना और नदियों और झीलों का सूखना।

पानी की कमी होने के कई कारण हैं:

  • जलवायु परिवर्तन: मौसम अजीब होता जा रहा है, जो इस बात से खिलवाड़ करता है कि कितना पानी है।
  • बढ़ती जनसंख्या: जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ती है, भोजन के लिए अधिक अवसर होते हैं और अधिक लोगों को पानी की आवश्यकता होती है।
  • ग्लोबल वार्मिंग: यह चीजों को गर्म बना रहा है और पानी को बिगाड़ रहा है।
  • खराब जल प्रबंधन: कभी-कभी, लोग पानी का बुद्धिमानी से उपयोग नहीं करते हैं या बाद के लिए पर्याप्त बचत नहीं करते हैं।
  • जल प्रदूषण: गंदा पानी पीने या अन्य चीजों के लिए उपयोग करने के लिए सुरक्षित नहीं है।
  • बहुत अधिक मांग: हम अपने हर काम में अधिक पानी का उपयोग कर रहे हैं।
  • बाढ़: बहुत अधिक पानी भी एक समस्या हो सकता है, खासकर अगर यह फसलों या इमारतों को बहा ले जाए।
  • सूखा: पर्याप्त बारिश नहीं होने का मतलब पौधों, जानवरों और लोगों के लिए पर्याप्त पानी नहीं है।
  • खराब कृषि तकनीकें: कभी-कभी, किसान बहुत अधिक पानी का उपयोग करते हैं या इसका सही तरीके से उपयोग नहीं करते हैं।
  • पानी की बर्बादी: कभी-कभी, हम अपनी ज़रूरत से ज़्यादा पानी का उपयोग कर लेते हैं।

ये सभी चीजें मिलकर हर किसी के लिए पर्याप्त पानी प्राप्त करना वास्तव में कठिन बना सकती हैं, इसलिए यह पता लगाना महत्वपूर्ण है कि पानी का बेहतर उपयोग कैसे किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी के लिए पर्याप्त पानी हो।

पानी की कमी से निपटने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि अभी और भविष्य में सभी के लिए पर्याप्त पानी हो, पानी बचाना बेहद महत्वपूर्ण है। यहां तक कि आपके द्वारा किए जाने वाले छोटे-छोटे काम भी मदद कर सकते हैं, जैसे जब आप नल का उपयोग नहीं कर रहे हों तो उसे बंद कर देना।  यहां कुछ अन्य तरीके दिए गए हैं जिनसे हम पानी बचा सकते हैं:

  • ड्रिप सिंचाई: यह तकनीक पानी को सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाने में मदद करती है, जिससे बर्बादी कम होती है।
  • मृदा प्रबंधन: अच्छी मृदा पद्धतियाँ पानी को बनाए रखने और इसे पौधों के उपयोग के लिए उपलब्ध रखने में मदद करती हैं।
  • सूखा-सहिष्णु फसलें: कम पानी में जीवित रहने वाली फसलें लगाने से कृषि में पानी बचाने में मदद मिलती है।
  • मल्चिंग: मिट्टी में गीली घास की एक परत डालने से नमी बनाए रखने और वाष्पीकरण को कम करने में मदद मिलती है।
  • पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग: बगीचों में पानी देने या शौचालय में फ्लश करने जैसी चीजों के लिए उपचारित अपशिष्ट जल का उपयोग करने से ताजे पानी को बचाने में मदद मिलती है।
  • वर्षा जल संचयन: छतों से वर्षा जल एकत्र करना और बाद में उपयोग के लिए इसे संग्रहीत करना पानी बचाने का एक शानदार तरीका है।
  • अलवणीकरण: समुद्री जल को मीठे पानी में बदलने से तटीय क्षेत्रों में जल आपूर्ति को पूरा करने में मदद मिल सकती है।
  • जागरूकता फैलाना: पानी बचाना क्यों महत्वपूर्ण है, इस बारे में दूसरों से बात करना अधिक लोगों को अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित कर सकता है।
  • जल सफाई अभियानों का समर्थन करना: प्रदूषित जल स्रोतों को साफ करने के अभियानों में दान देना या उनमें भाग लेना यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि हमारे पास उपयोग करने के लिए साफ पानी है।
  • उचित जल प्रबंधन: कृषि से लेकर उद्योग और घरों तक जीवन के सभी पहलुओं में पानी का बुद्धिमानी और कुशलता से उपयोग करने से इस बहुमूल्य संसाधन के संरक्षण में मदद मिलती है।

ये कदम उठाकर और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करके, हम सभी पानी के संरक्षण और आने वाली पीढ़ियों के लिए स्थायी जल आपूर्ति सुनिश्चित करने में भूमिका निभा सकते हैं।

जल संरक्षण केवल एक जिम्मेदारी नहीं है बल्कि हमारे ग्रह और इसके निवासियों की भलाई के लिए एक आवश्यकता है। अपने दैनिक जीवन में छोटे-छोटे बदलावों को लागू करके और बड़ी पहलों का समर्थन करके, हम सामूहिक रूप से अपने जल संसाधनों के संरक्षण में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। चाहे वह घर पर पानी बचाने की आदतें अपनाना हो, कृषि और उद्योग में टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देना हो, या बेहतर जल प्रबंधन नीतियों की वकालत करना हो, पानी की कमी के खिलाफ लड़ाई में हर प्रयास मायने रखता है। आइए हम अपने लिए, भावी पीढ़ियों के लिए और अपने ग्रह के स्वास्थ्य के लिए इस बहुमूल्य संसाधन को सुरक्षित रखने का प्रयास करें। साथ मिलकर, हम सभी के लिए एक टिकाऊ और जल-सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।

जल संरक्षण पर 10 लाइन्स नीचे दी गई है:

  • वर्तमान और भावी पीढ़ियों के लिए मीठे पानी की स्थायी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल संरक्षण आवश्यक है।
  • जल संरक्षण से जल की कमी को कम करने में मदद मिलती है, जो लाखों लोगों को प्रभावित करने वाली एक गंभीर वैश्विक समस्या है।
  • घर पर जल-बचत अभियान को लागू करना, जैसे जल-कुशल उपकरणों का उपयोग करना, पानी की बर्बादी को काफी कम कर सकता है।
  • कृषि, उद्योग और घर सभी जिम्मेदार जल उपयोग और प्रबंधन के माध्यम से जल संरक्षण में भूमिका निभाते हैं।
  • वर्षा जल संचयन, बाद में उपयोग के लिए वर्षा जल को एकत्रित और संग्रहीत करके जल संरक्षण का एक सरल लेकिन प्रभावी तरीका है।
  • कृषि में ड्रिप सिंचाई तकनीक सीधे पौधों की जड़ों तक पानी पहुंचाकर पानी की बर्बादी को कम करती है।
  • जल संरक्षण के महत्व के बारे में जन जागरूकता अभियान व्यक्तियों को जल-बचत की आदतें अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।
  • बागवानी या सफाई जैसे गैर-पीने योग्य उद्देश्यों के लिए पानी का पुन: उपयोग करने से पानी की खपत कम हो सकती है।
  • उद्योगों में जल-कुशल प्रौद्योगिकियों और बुनियादी ढांचे को लागू करने से पानी के उपयोग को कम करने और दक्षता को अधिकतम करने में मदद मिल सकती है।
  • इस बहुमूल्य संसाधन की सुरक्षा के लिए प्रभावी जल संरक्षण रणनीतियों को विकसित करने और लागू करने में सरकारों, समुदायों और व्यवसायों के बीच सहयोग महत्वपूर्ण है।

जल संरक्षण से तात्पर्य अपशिष्ट को कम करने और वर्तमान और भविष्य की जरूरतों के लिए मीठे पानी की स्थायी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पानी का बुद्धिमानीपूर्वक और कुशलता से उपयोग करने के अभ्यास से है।

जल संरक्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पानी की कमी को कम करने, प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने और सभी के लिए स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल तक पहुंच सुनिश्चित करने में मदद करता है। यह जल उपचार और वितरण से जुड़ी ऊर्जा खपत को भी कम करता है।

आप लीकेज को ठीक करके, छोटे शॉवर लेकर, उपयोग में न होने पर नल बंद करके, जल-कुशल उपकरणों का उपयोग करके, बाहरी उपयोग के लिए वर्षा जल एकत्र करके, और पौधों को पानी देने या शौचालयों को फ्लश करने जैसे गैर-पीने योग्य उद्देश्यों के लिए गंदे पानी का पुन: उपयोग करके घर पर पानी का संरक्षण कर सकते हैं।

आशा है कि आपको इस ब्लाॅग में जल संरक्षण पर निबंध (water conservation essay in hindi) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी प्रकार के अन्य कोर्स और सिलेबस से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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जल बचाओ पर निबंध (Save Water Essay in Hindi)

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Save Water Essay in Hindi – पानी पृथ्वी पर सबसे महत्वपूर्ण और मूल्यवान प्राकृतिक संसाधन है। यह पूरे जीवन को बनाए रखता है। जल के बिना जीवन नहीं है। जल न केवल मनुष्य के लिए बल्कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण है। पर्याप्त पानी के बिना इंसानों के साथ-साथ जानवरों का भी अस्तित्व असंभव है। ताजी हवा के बाद पानी किसी भी जीव के जीवित रहने के लिए दूसरा सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है। 

इस ग्रह पर प्रत्येक जीवित प्राणी के जीवित रहने के लिए पानी आवश्यक है, चाहे वह एक छोटा कीड़ा, पौधा या पूर्ण विकसित पेड़ हो। जंतु और पौधे जल के बिना जीवित नहीं रह सकते। पृथ्वी की सतह का लगभग 71% हिस्सा पानी से ढका हुआ है। दुर्भाग्य से, उपलब्ध पानी का केवल 3% ही मीठा पानी है। मीठे पानी का लगभग दो-तिहाई हिस्सा जमे हुए ग्लेशियरों और बर्फ की चोटियों के रूप में है। शेष छोटा हिस्सा भूजल और सतही जल के रूप में उपलब्ध है। 

हम कई उद्देश्यों के लिए पूरी तरह से पानी पर निर्भर हैं। पानी का उपयोग कृषि में फसलों की सिंचाई के लिए किया जाता है। हम पीने, खाना पकाने, सफाई, नहाने और अन्य घरेलू कार्यों के लिए पानी का उपयोग करते हैं। पानी का उपयोग मनोरंजक गतिविधियों के लिए किया जाता है। उद्योगों में, पानी का उपयोग शीतलक, विलायक के रूप में और अन्य निर्माण कार्यों में भी किया जाता है। जल की सहायता से जल विद्युत उत्पन्न की जाती है। पानी का उपयोग नौवहन और माल के परिवहन के लिए भी किया जाता है। यह हमें बताता है कि कैसे पानी जीवन का सबसे आवश्यक घटक है और पानी की हर बूंद जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए इस ग्रह पर जीवन को बचाने के लिए जल संरक्षण जरूरी है।

जल का महत्व: (Save Water Essay in Hindi)

  • जल का मूल उपयोग पीने, नहाने, कृषि, सिंचाई, आतिथ्य सत्कार, कारखानों आदि में होता है।
  • पानी रक्त परिसंचरण में मदद करता है और मानव शरीर में चयापचय में सुधार करता है
  • संपूर्ण जलीय पारिस्थितिकी तंत्र पानी में स्थित है। यह सभी जलीय जंतुओं का घर है
  • भूमि और वायु के बाद जल परिवहन का एक प्रमुख स्रोत है।
  • पानी हमारे शरीर की कोशिकाओं को लार स्राव और ऑक्सीजन वितरण में सहायता करता है।
  •  कुछ देशों के पास अपने निवासियों के लिए प्रचुर मात्रा में जल संसाधन हैं और लोगों की सेवा करते हैं, जबकि अन्य के पास जीवित रहने के लिए भी प्राकृतिक संसाधनों की कमी है।

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ताजे पानी की कमी हमारे अस्तित्व के लिए खतरा बन गई है। कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार पानी की मात्रा और गुणवत्ता दिन-ब-दिन कम होती जा रही है। हालाँकि पृथ्वी लगभग 71% जल से आच्छादित है, लेकिन गुण यह है कि हम इसे दैनिक जीवन में घरेलू उद्देश्यों के लिए उपयोग नहीं कर सकते हैं। पानी की गुणवत्ता इतनी खराब है कि कुछ स्थानों पर लोग दूषित पानी के कारण होने वाली एलुरु जैसी कई जल जनित बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। 

ये उदाहरण आंखें खोलने वाले उदाहरण हैं और हमारे और हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए बेहतर जीवन स्थितियों के लिए इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

ताजे पानी की कमी के कारण नीचे दिए गए हैं: (Below are the Reasons for Shortage of Fresh Water)

  • जनसंख्या वृद्धि से पानी की अत्यधिक खपत होती है। 
  • रोजाना अत्यधिक पानी की बर्बादी।
  • उद्योगों के तेजी से विकास ने उनसे अपशिष्ट पदार्थ के उचित निपटान की समस्या को बढ़ा दिया है। इन उद्योगों के अपशिष्ट उत्पादों में अत्यधिक जहरीले तत्व होते हैं जो नदियों और अन्य जल निकायों को प्रदूषित कर रहे हैं। 
  • फसलों के उपचार के लिए उपयोग किए जाने वाले कीटनाशक और रासायनिक उर्वरक भी ताजे पानी को प्रदूषित करते हैं। 
  • सीवेज का कचरा जो नदियों में फेंक दिया जाता है, पानी को पीने और धोने के लिए अनुपयुक्त बना रहा है जिससे हैजा, पीलिया और टाइफाइड जैसी कई जल जनित बीमारियाँ हो रही हैं।  
  • प्लास्टिक का उपयोग और जल निकायों में लापरवाही से उसका निपटान जलीय जीवन को प्रभावित कर रहा है और पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को और भी अस्त-व्यस्त कर रहा है।
  • ग्लोबल वार्मिंग पृथ्वी पर पानी की कमी का एक और प्रमुख कारण है। कई तरह के शोधों के अनुसार, ग्लोबल वार्मिंग के कारण वर्ष 2050 तक दुनिया को पानी की कमी के लिए और अधिक तनाव का सामना करना पड़ेगा।

 हमें अब ताजे पानी की कमी के बारे में जागरूक होने और इसे रोकने के लिए पर्याप्त उपाय करने की आवश्यकता है। 

पानी बचाना: समय की आवश्यकता

बेहद खराब मौसम की स्थिति के कारण कई जगहों पर अत्यधिक पानी की कमी का सामना करना पड़ता है, जिससे कम वर्षा होती है और भूजल की कमी होती है। दुनिया के अन्य हिस्सों में, भूजल या तो अनुपयोगी है या अत्यधिक उपयोग किया जाता है। जैसे-जैसे दुनिया की आबादी बढ़ रही है, वैसे-वैसे उद्योगों और वैश्वीकरण में वृद्धि हो रही है, जिससे भूजल का अत्यधिक उपयोग हो रहा है और इसके परिणामस्वरूप पानी की कमी हो रही है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों से पता चलता है कि इस ग्रह पर बहुत से लोगों के पास स्वच्छ और ताजा पीने का पानी नहीं है। ये स्थितियाँ दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही हैं, और हमें इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए एक तत्काल योजना की आवश्यकता है। पानी की कमी को नियंत्रित करने के लिए इस ग्रह पर प्रत्येक व्यक्ति और हर देश की सरकार द्वारा विभिन्न सामूहिक उपाय किए जाने हैं।

सरकार को जल संरक्षण के लिए कुछ सख्त नियम बनाने चाहिए। सरकार और नागरिकों को जागरूकता पैदा करने और “जल संरक्षण” को बढ़ावा देने के लिए पहल करनी होगी। भारत में मोदी सरकार द्वारा की गई ऐसी ही एक पहल “जनशक्ति फॉर जलशक्ति” थी। यह कार्यक्रम उज्जवल भविष्य की दिशा में काम करने के साधन के रूप में शुरू हुआ।

कुछ राज्य सरकारों द्वारा की गई पहल:

  • पंजाब सरकार ने जलभराव से बचने और नाली के रिसाव को ठीक करके जल संसाधनों को बचाने में योगदान दिया।
  • राजस्थान सरकार ने छोटे तालाबों के निर्माण की पहल की है, जिससे राजस्थान के स्थानीय लोगों को कई तरह से मदद मिली है।
  • तेलंगाना के गांवों ने भविष्य में उपयोग के लिए वर्षा जल के संरक्षण के लिए पानी की टंकियों का निर्माण किया है।

ये राज्य एक प्रेरणा हैं, और अन्य राज्यों को भी जल, जल निकायों और भूजल के संरक्षण और सफाई के लिए एक कदम आगे बढ़ाना चाहिए।

पानी की बचत इस धरती पर रहने वाले हर इंसान की सार्वभौमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए और है।

ऐसे कई तरीके हैं जिनसे हम पानी बचा सकते हैं और उनके प्रदूषण को कम कर सकते हैं:

  • प्रतिदिन पानी बचाने के लिए जिम्मेदार बनें। पानी की आवश्यक मात्रा का ही उपयोग करें और बर्बादी से बचें। हमें पानी का सदुपयोग करना चाहिए।
  • कपड़े धोने के लिए हमें वाशिंग मशीन का पूरी क्षमता से उपयोग करना चाहिए। 
  • हमें हाथ-मुँह धोते समय नल नहीं चलने देना चाहिए। 
  • वाष्पीकरण को कम करने के लिए हमें पौधों को शाम या सुबह जल्दी पानी देना चाहिए।
  • हमें बारिश के पानी को छतों पर जमा करने और घरेलू उद्देश्यों के लिए पानी का पुन: उपयोग करने का प्रावधान करना चाहिए।
  • बड़े समुदायों और किसानों को वर्षा जल संचयन के अभ्यास को अपनाना चाहिए। 
  • औद्योगिक कचरे को नदियों में फेंकने के बजाय उचित तरीके से उपचारित किया जाना चाहिए।
  • हमें प्लास्टिक का उपयोग बंद करना चाहिए और उसका उचित तरीके से निपटान करना चाहिए।
  • हम सामाजिक अभियानों और अन्य तरीकों से पानी की समस्या के प्रति लोगों को जागरूक कर सकते हैं।
  •  हमें अपने बच्चों को कम उम्र से ही पानी बचाने के बारे में शिक्षित करना चाहिए। 
  • पानी को बचाने और पानी की कमी को रोकने के लिए पानी का पुन: उपयोग करना एक महत्वपूर्ण तरीका है। नहाने के पानी को पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता है और रोपण या सफाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • वर्षा जल संचयन वर्षा जल एकत्र करने और भविष्य में उपयोग के लिए उसे संरक्षित करने की विधि है।
  • भूजल का संरक्षण भूजल के संरक्षण और भविष्य में इसका उपयोग करने की एक और महत्वपूर्ण विधि है।
  •  जलभराव की रोकथाम।

जल के बिना हम अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं। यह अफ़सोस की बात है कि मानव जाति ने ईश्वर के इस अनमोल उपहार की उपेक्षा की है। जीवन को बचाने के लिए जल का संरक्षण जरूरी है। इस ग्रह पर सभी जीवों को जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। अगर हम पानी की बचत या संरक्षण को महत्व नहीं देंगे तो हमारी आने वाली पीढ़ियों को पानी की कमी का सामना करना पड़ेगा।

जल बचाओ जीवन बचाओ पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

रोजाना पानी कैसे बचाएं.

जल की प्रतिदिन उतनी ही मात्रा का उपयोग करने से जल की बचत की जा सकती है जितनी जल की आवश्यकता है। आवश्यकता से अधिक पानी का उपयोग करने से अत्यधिक उपयोग होता है।

क्या पानी बचाना जरूरी है?

हाँ। पानी बचाना जरूरी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सभी जीवन रूप इस पर निर्भर करते हैं, और जल संसाधन दुर्लभ हैं।

पानी की बर्बादी को कैसे कम करें?

सावधानी बरतकर पानी को बचाया जा सकता है। हमें पानी को अनावश्यक रूप से खोना या प्रदूषित नहीं करना चाहिए और जब भी हम कर सकते हैं इसे बचाएं।

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दा इंडियन वायर

पानी की समस्या और समाधान : कारण, उपाय

water tap essay in hindi

By मनीष कुमार साहू

पानी की समस्या और समाधान

विषय-सूचि

पानी की कमी के महत्वपूर्ण कारण (reasons for water scarcity in hindi)

1. पानी का अत्यधिक दुरुपयोग.

पानी का दोहन एक ऐसा कारण है जो कि पानी की कमी के प्रमुख कारणों में माना जाता है यह सिर्फ लोगों के नहाते-धोने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कृषि, जानवरों फैक्ट्रियों आदि के द्वारा भी पानी का बड़े पैमाने पर दोहन हो रहा है। इसके अलावा भी बहुत सारे क्षेत्रों में पानी का आना बनाया सदुपयोग होना भविष्य के लिए एक बहुत बड़ा खतरा है।

2. जल प्रदूषण

जल प्रदूषण एक बड़ी समस्या है खासकर अगर हम विश्व के उन हिस्सों की बात करें, जहां पर कचरा निकासी का कोई मजबूत ढाँचा नहीं है। ये कचरे कुछ भी हो सकते हैं, जैसे कि किसी तेल फैक्ट्री के कचरा, रासायनिक फैक्ट्री का कचरा, आम आदमी के जीवन शैली से उत्पन्न कचरा, तथा पशुओं के मृत शरीरों से उत्पन्न कचरा आदि।

इससे कोई फर्क नही पड़ता कि ये कचरे क्या हैं, किस रूप में हैं, लेकिन ये जरूर समझा जाना चाहिए कि इन सभी से पानी बुरी तरह से प्रदूषित होता है।

3. सूखा

पानी की कमी की बात कर रहे हो तो सूखे का नाम आना लाजमी है। भारत ही नहीं विश्व के कई क्षेत्रों में सूखे की स्थिति बराबर बनी रहती है। जब पानी बरसेगा नहीं, तो भू जल का स्तर इतना नीचे हो जाएगा कि लोगों के लिए पानी निकालना लगभग असंभव हो जाएगा। सबसे बड़ी समस्या तो यह है कि इस स्थिति से निपटने के लिए हमारे पास ज्यादा कुछ खास होता भी नहीं है।

4. पानी के स्त्रोत की कमी

भौगोलिक तौर पर देखा जाए तो दुनिया के बहुत सारे क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर पानी के स्रोत ही नहीं है अगर है भी तो कई किलोमीटर दूर पर है इन परिस्थितियों में भी लोगों को जीवन जीने के लिए पानी तो चाहिए ही होता है।

पानी की कमी के प्रभाव (effects of water scarcity in hindi)

1. पीने के पानी की भारी कमी.

अगर आदमी दो-चार दिन में एक बार ही नहायेगा तो चल जाएगा, अगर आदमी अपने कपड़ों को बार-बार नहीं धोएगा तभी भी चल जाएगा लेकिन अगर आदमी पानी नहीं पी पाएगा तो बिल्कुल नहीं चल पाएगा। सबसे बड़ा प्रभाव यही पड़ता है कि लोगों को पीने तक कि पानी के लिए दर-ब-दर भटकना पड़ता है।

स्वच्छ और साफ पानी की तो बात छोड़िए, बहुत सारे क्षेत्र तो ऐसे भी हैं जहाँ नदियों, जलाशयों तक के पानी के लिए लोगों को कई किलोमीटर तक भटकना पड़ता है।

2. अशिक्षा

पानी की कमी से अशिक्षा जैसी बड़ी समस्या भी भयंकर रुप ले लेती है। दरासल वो बच्चे जिन्हें स्कूल जाकर अपनी पढ़ाई करनी चाहिए थी, वह अपने माता पिता या बड़ो के साथ पानी खोजने में और उसके घर तक लाने में ही रह जाते हैं। स्कूल जाने तक का उन्हें मौका नहीं मिल पाता है।

3. भुखमरी

जरा सोचिए अगर पानी नहीं होगा अगर पानी नहीं होगा तो अन्न कैसे उगेंगे? अगर अन्न नही उगेंगे तो खाया क्या जाएगा? जिन लोगों के पास पीने का पानी नहीं हो पाता, वो अन्न नही उगा पाते। और वो इतने सक्षम भी नहीं होते हैं, कि वो अन्न खरीद सकें। इस स्थिति में वो भुखमरी का शिकार हो जाते हैं।

4. गरीबी

जो लोग अपना सारा समय पानी खोजने और उसको अपने घर में ही लगा देते हैं उनको दूसरी चीजों के लिए समय नहीं मिल पाता। फलस्वरूप वो दिन-प्रतिदिन गरीब होते चले जाते हैं।

5. बीमारियाँ

पानी आदमी के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन अगर यही पानी स्वक्ष ना हो और फिर भी पिया जाए जो की अक्सर पानी की कमी के क्षेत्र वाले में किया जाता है तो पानी काफी नुकसान भी पहुंचाता है नतीजा यह निकलता है कि उन लोगों को तमाम तरह की बीमारियां घेर लेती हैं।

जब भी समस्याएं होती हैं तो उनका उपाय भी होता है लेकिन जरूरत होती है उसको समझने और लागू करने कि यहां पर भी सारे बहुत सारे उपाय हैं जिन पर अगर ध्यान दिया जाए तो आने वाली पीढ़ी के लिए पानी बचाने में आसानी हो जाएगी।

पानी की समस्या का समाधान (water problem and solution in hindi)

1. शिक्षा-जागरूकता.

शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा बड़ी से बड़ी समस्या को हल करने में आसानी हो जाती जिसके पास पानी खोजने तथा उस को घर लाने का ही समय होता है उनको तो शिक्षित कर पाना थोड़ा मुश्किल है लेकिन बाकी की दुनिया जिसके पास फिलहाल पानी है उन को जागरुक करना बेहद जरूरी है उनके दिमाग में पानी की अनावश्यक उपयोग आने वाली पीढ़ी के लिए घातक हो सकता है पानी बचाने में मददगार हो सकता है

2. पानी पुनर्चक्रण के द्वारा

आज के इस टेक्नोलॉजी वाली युग में बहुत सारी तकनीकी जन्म ले रही है, जो पानी के पुनर्चक्रण (रीसाइकिल) यानी दोबारा उपयोग में लाने वाले लायक बदलने में सक्षम है। यह भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इस्राइल इसका एक जीता-जागता उदाहरण है। लेकिन यह जरूर देखा जाना चाहिए कि पानी को पीने लायक बनाने के चक्कर में प्रकृति के दूसरे तत्वों को नुकसान ना पहुंचे।

3. कृषि सिंचाई पद्धति में बदलाव करके

कृषि में सिंचाई में काफी सारा पानी थक जाता है लेकिन जिस से उस क्षेत्र का भूजल स्तर लगातार गिरता जाता है लेकिन अगर इससे किसान ड्रिप पद्धति या झूम पद्धति अपनाए तो पानी को बचाया जा सकता है। फिर जब खेतों में पानी की खपत कम होगी तो पीने लायक पानी की बचत होगी।

4. कचरा निकालने का व्यवस्था करके

स्वच्छ पीने लायक जल की शुरुआत होती है एक व्यवस्थित कचरा निकासी के ढांचे से। क्योंकि बिना स्वच्छ वातावरण के हम स्वच्छ पानी की कल्पना भी नहीं कर सकते। इसीलिए कचरा निकासी के लिए एक व्यवस्थित ढांचा बनाना बहुत जरूरी होता है।

5. जल संरक्षण करके

जल संरक्षण की दिशा में काफी कुछ किया जा सकता है जब बारिश होती है तो जल संरक्षण में कोई खास व्यवस्था ना होने की वजह से सारा पानी नालियों और नदियों के जरिए होते हुए समुद्र में चला जाता है। जिससे भूजल स्तर नही बढ़ पाता।

गांवों के बाहर बड़े- तालाब बनवाकर अगर उसी पानी को एकत्रित कर लिया जाय तो उससे भूजल स्तर सुधारने में काफी मदद तो मिलेगी ही साथ में उस पाने को सिंचाई में भी प्रयोग कर सकेंगे।

मनीष साहू, केंद्रीय विश्वविद्यालय इलाहाबाद से पत्रकारिता में स्नातक कर रहे हैं और इस समय अंतिम वर्ष में हैं। इस समय हमारे साथ एक ट्रेनी पत्रकार के रूप में इंटर्नशिप कर रहे हैं। इनकी रुचि कंटेंट राइटिंग के साथ-साथ फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी में भी है।

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Very good points.

ye samshya door kese hoge sahu ji

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वैश्विक जल संकट पर निबंध (Global Water Crisis Essay in Hindi)

जल समस्त सृष्टि तथा उसमें उपस्थित जीव-जंतु एवं वनस्पतियों के जीवन के मूल आधारों में से एक है, जल के बिना जीवन की कल्पना करना भी असम्भव है, यह मानव को जन्म से लेकर मृत्यु तक पोषित करता रहता है, इसके बदले में इसने मानव से कभी कोई शुल्क नहीं लिया फिर भी सृष्टि के सबसे समझदार प्राणी के पास तो इसके बारे में सोचने का समय ही नहीं था। लोग ठीक ही कहते हैं कि किसी भी चीज की कीमत हमें तब समझ आती है जब वो हमसे दूर चली जाती है। ठीक ऐसा ही जल के साथ हुआ, इसकी कीमत लोगों को तब समझ आयी जब देश तथा विदेश के कई शहर ज़ीरो ग्राउंड वाटर लेवल पर आकर खड़े हो गए। आज पूरा विश्व पीने के पानी के संकट से जूझ रहा है, अनियंत्रित पानी की खपत से ग्राउंड वाटर लेवल तेजी से नीचे जा रहा है।

वैश्विक जल संकट पर छोटे एवं बड़े निबंध (Short and Long Essays on Global Water Crisis in Hindi, Vaishwik Jal Sankat par Nibandh Hindi mein)

नमस्कार साथियों आज मैं वैश्विक जल संकट पर छोटे एवं बड़े निबंध प्रस्तुत कर रहा हूँ, मुझे आशा है की इसके माध्यम से दी गई जानकारी आपको पसंद आयेगी तथा आप इसको यथा संभव उपयोग भी कर सकेंगे।

वैश्विक जल संकट पर निबंध (250 – 300 शब्द)

जब किसी क्षेत्र में जल उपयोग की माँग बढ़ जाये तथा आपूर्ति कम हो जाये एवं जल संसाधनों द्वारा भी इसकी पूर्ति न की जा सके, तो उस क्षेत्र में निवास करने वाले लोग पानी की कमी से जूझने लगते हैं। पानी की इस कमी को जल संकट के नाम से जाना जाता है। वर्तमान समय में भारत के 21 शहर लगभग ज़ीरोग्राउंड वाटर लेवल से जूझ रहे हैं।

वैश्विक जल संकट के कारण

वैश्विक जल संकट के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं-

  • वर्षा की मात्रा में कमी।
  • अनियंत्रित पानी की खपत।
  • जनसंख्या में वृद्धि।
  • उचित जल संरक्षण तकनीक का अभाव।
  • जागरूकता का अभाव।
  • उचित एवं दण्डात्मक कानून का अभाव। इत्यादि

वैश्विक जल संकट के प्रभाव

वैश्विक जल संकट के कुछ प्रमुख प्रभाव निम्नलिखित हैं-

  • कृषि उत्पादन में जल की मुख्य भूमिका होती है जिसके फलस्वरूप कृषि उत्पादन प्रभावित होता है।
  • जल संकट से आजीविका का खतरा उत्पन्न होता है, जो व्यक्ति के प्रवासन के लिए जिम्मेदार होता है।
  • जल की कमी से देशों की GDP प्रभावित होती है।
  • वैश्विक जल संकट का प्रत्यक्ष एवं नकारात्मक प्रभाव जैव विविधता पर पड़ता है।
  • जल संकट वाले क्षेत्रों में सीमित जल स्रोतों पर अधिकार के लिए हिंसक झड़प एवं कानून व्यवस्था बिगड़ने की संभावना रहती है। इत्यादि।

जल संकट को दूर करने के उपाय

  • खेती में उन फसलों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, जिनके उत्पादन  में कम पानी की आवश्यकता होती है।
  • वर्षा के जल को संग्रहीत करने हेतु टैंकों, चेक-डैम और तालाबों आदि की व्यवस्था की जानी चाहिए।
  • नुक्कड़ नाटकों, अखबारों तथा टेलीविज़न आदि के माध्यम से लोगों में जागरूकता लाकर।
  • दैनिक जीवन में होने वाले खपत को नियंत्रित करके, इत्यादि।

वर्तमान समय में जल संकट ने सम्पूर्ण विश्व में हाहाकार मचाया हुआ है। राष्ट्रीय ही नहीं अन्तराष्ट्रीय स्तर पर भी यह एक ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है। सरकारें इससे निपटने के लिए योजनाएं बना रही हैं, सामाजिक कार्यकर्ता लोगों को जागरूक कर रहे हैं तथा वैज्ञानिक इसके विकल्प तलाशने में लगे हैं। उम्मीदों पर कायम इस दुनिया के ज्यादातर लोग जल संकट से जंग लड़ रहे हैं, इस उम्मीद के साथ की जीत उनकी होगी।

वैश्विक जल संकट पर बड़ा निबंध – 1100 शब्द

प्रस्तावना ( जल संकट का अर्थ )

सामान्य शब्दों में कहे तो जल संकट का सीधा सा अर्थ होगा पीने योग्य पानी की कमी अर्थात जब किसी क्षेत्र में पानी की मांग बढ़ जाए और जल संसाधनों द्वारा उसकी आपूर्ति न हो पाये तो हम कहेंगे की वह क्षेत्र जल संकट से जूझ रहा है। ऐसे क्षेत्रों में पानी की कमी से कृषि एवं व्यापार दोनों प्रभावित होता है और लोगों का जीवन बेहाल हो जाता है, मजबूरन उन्हें पलायन करना पड़ता है।

वैश्विक जल संकट के आंकड़े

कितने आश्चर्य की बात है कि धरातल का एक बड़ा भाग (लगभग 70 प्रतिशत) जल से घिरा हुआ है फिर भी यहाँ पीने के पानी की कमी है। वास्तव में बात यह है कि धरातल का भले ही 70 प्रतिशत भाग जल से घिरा है परन्तु पीने योग्य पानी कुल जल का मात्र 3 प्रतिशत ही है, उसमें भी मानव सिर्फ 1 प्रतिशत मीठे जल का उपयोग पीने के रूप में कर पाता है। जल संकट से संबंधित कुछ आंकड़े निम्नलिखित है-

  • संयुक्त राष्ट्र ने अपने एक रिपोर्ट में बताया है कि पिछले 100 वर्षों में पानी का खपत छः गुणा बढ़ गया है।
  • नीति आयोग द्वारा 2018 में एक अध्ययन किया गया जिसमें 122 देशों के जल संकट की सूची में भारत का 120वाँ स्थान था।
  • वैश्विक जल संकट का सामना कर रहे दुनिया के 400 शहरों में से, शीर्ष 20 में भारत के 4 शहर (मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, तथा चेन्नई ) उपस्थित है।
  • संयुक्त जल प्रबंधन सूचकांक हमें बताता है कि जल्द ही भारत के लगभग 21 शहर शुन्य भू-जल स्तर पर पहुचँने वाले है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एक व्यक्ति को अपने दैनिक कार्यों के लिए लगभग 25 लीटर पानी की जरूरत होती है परन्तु दिल्ली, मुम्बई जैसे बड़े शहरों में प्रति व्यक्ति खपत 150 लीटर से भी ज्यादा है, इत्यादि।

भारत में जल संकट के कारण

भारत में जल संकट केकुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित है-

  • भौगोलिक स्थिति

जल संकट की समस्या भारत के दक्षिणी एवं उत्तर-पश्चिमी भागों में मुख्य रूप से विद्यमान है क्योंकि इन क्षेत्रों की विशेष भौगोलिक स्थिति के कारण यहाँ वर्षा काफी कम मात्रा में होती है जिसके फलस्वरूप यहाँ का भू-जल स्तर गिरता जाता है और एक समय के बाद यहाँलोग जल संकट से जूझने लगते हैं।

  • मानसून की अस्थिरता

मानसून की अस्थिरता भारत में जल संकट का एक बड़ा कारण है। हाल ही में एल निनो- El Niño (गर्म जलधारा) के प्रभाव से वर्षा की मात्रा में कमी हुई है।

  • कृषि पारिस्थितिकी

भारतीय कृषि क्षेत्र का भी जल संकट को बढ़ावा देने में योगदान रहा है क्योंकि यहाँ की कृषि परिस्थितिकी उन फसलों के अनुकूल है जिनके पैदावार में अत्यधिक जल की जरूरत होती है।

  • पुर्नउपयोग के प्रयास का अभाव

वर्तमान में भारत के शहरों में जल संकट ने विकट रूप धारण कर लिया है इसके बावजूद भी शहरी क्षेत्रों में जल संसाधन के पुर्नउपयोग का प्रयास नहीं किया गया है, यहाँ आज भी उपयोग के बाद जल को नदियों में बहा दिया जाता है।

  • जागरूकता का अभाव

लोगों में जल के संरक्षण एवं उसके सीमित संसाधनों आदि के प्रति जागरूकता का आभाव दिखता है, जिसके कारण जल संकट की समस्या गहराती जा रही है।

गांव में पानी की समस्या

ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण का उचित प्रबंध न होने के कारण कुछ गाँवों का जल स्तर लगभग 300 फीट से भी नीचे चला गया है तथा कुछ गाँवों में भू-जल के रूप में खारा जल उपस्थित है। बादली प्रोजेक्ट और रेनीवेल परियोजनाओं (Badli Project And Rainiwell Projects) के बावजूद भी यहाँ के लोगों के जीवन में कुछ खास परिवर्तन नहीं आया है। आज भी जल संकट से जूझते इन गाँवों की महिलाएं कोसों दूर से जल लाने को मजबूर हैं।

शहरों में पानी की समस्या

देश के लगभग सभी युवाओं का सपना होता है कि उनका शहर में अपना एक घर हो क्योंकि वहाँ का जीवन काफी आसान एवं आराम दायक होता है। वहाँ शिक्षा, स्वास्थ्य, नौकरी तथा व्यापार आदि के लिए उत्तम साधन उपलब्ध होते हैं, यही कारण है कि वहाँ पर लोग गाँवों से जाकर बसते जा रहे हैं परन्तु जनसंख्या ज्यादा तथा जल संसाधनों के सीमित होने के कारण वहाँ भी जल संकट गहराता जा रहा है। 2001 में शहरों में निवास करने वाले लोगों की संख्या 28 करोड़ थी, 2011 में बढ़ कर यह 37.7 करोड़ हो गई थी, ऐसा अनुमान है कि 2030 में यह आंकड़ा 60 करोड़ को पार कर लेगा। 

वैश्विक जल संकट का दुष्प्रभाव

  • जल की कमी (जल संकट) के कारण अनेक पावर प्लांट बंद हो गए तथा कई बंदी की कगार पर हैं, जिससे बिजली की उत्पादन एवं आपूर्ति दोनों प्रभावित हुई है।
  • जल संकट ने कृषि को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किया है, क्योंकि भारतीय जलवायु के अनुसार यहाँ अत्यधिक पानी में पैदा होने वाली फसलें उगाई जाती हैं।
  • ग्रामीण लोग जल संकट से परेशान होकर शहरों की ओर प्रस्थान करने को मजबूर हो जाते हैं।
  • जल की कमी अधिकांश जीवों के मृत्यु का कारण भी बनती है, जो जैव विविधता के लिए हानिकारक सिद्ध होता है।
  • जल संकट देश की GDP को बुरी तरह से प्रभावित करता है क्योंकि अधिकतर उत्पादन कार्यों में जल की आवश्यकता होता है, इत्यादि।

वैश्विक जल संकट से बचने के उपाय

जल संकट से निपटने के लिए हमें निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए-

  •  वर्षा जल संचयन

जल वर्षा संचयन एक ऐसी तकनीक है जिसमें वर्षा के जल द्वारा ग्राउण्ड वाटर को रिचार्ज किया जाता है, वर्षा जल का संचयन निम्न विधियों द्वारा किया जा सकता है-

  • सतही जल संग्रह प्रणाली
  • बांध बनाकर
  • भूमिगत टैंक , इत्यादि
  • रीसाइक्लिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से उपयोग किये गए जल को शोधित करके पुनः उसे उपयोग में लाया जाता है।
  • कम पानी वाले फसलों का उपयोग करके।
  • लोगों में जागरूकता लाकर। इत्यादि

जल संरक्षण के फायदे

  • मानव स्वास्थ्य की दृष्टि से।
  • कृषि में पैदावार की दृष्टि से।
  • पानी की बचत से उर्जा की बचत होती है।
  • जल संरक्षण के माध्यम से हम पर्यावरण को भी संरक्षित कर सकते हैं।
  • जल का संरक्षण जैव विविधता के दृष्टि से अत्यधिक है।
  • वर्षा के मौसम में जगह-जगह जल के जमाव से मुक्ति।
  • ग्राउण्ड वाटर रिचार्ज होता रहता है। इत्यादि

उपरोक्त बातें जल की कीमत और मानव जीवन में उसकी उपयोगिता को सिद्ध करती हैं तथा साथ ही ये भी बताती हैं की वर्तमान में उसका क्या हाल है, लोगों ने कैसे मनमानी ढंग से उसका उपयोग किया है और आज खुद जलसंकट से जूझ रहे हैं। हालांकि सरकार तथा लोगों ने समय रहते इसकी सुध ले ली तथा रेनीवेल एवं बादली प्रोजेक्ट जैसे अनेक योजनोओं की भी शुरूआत की परन्तु अभी तक जल संकट से निपटने की कोई सटीक तकनीक विकसित नहीं हुई है जो मानव को पूर्ण रूप में इससे छुटकारा दिला सके।

मैं आशा करता हूँ कि वैश्विक जल संकट पर प्रस्तुत यह निबंध आपको पसंद आया होगा तथा साथ ही साथ मुझे उम्मीद है कि ये आपके स्कूल आदि जगहों पर आपके लिए उपयोगी भी सिद्ध होगा।

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  • भारतीय अर्थव्यवस्था पर तेल की बढ़ती कीमतों के प्रभाव पर निबंध
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वैश्विक जल संकट पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions on Global Water Crisis in Hindi)

उत्तर- 1993

उत्तर-  22 मार्च (22 nd  March)

उत्तर-  21 शहर

उत्तर-  इसका मुख्‍यालय फरीदाबाद में स्थित है।

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