PHD कितने साल की होती है? कैसे करें?[2023] : PHD Kitne Saal Ki Hoti Hai | Full Details
PHD Kitne Saal Ki Hoti Hai or PHD Kaise kare ?- दोस्तों आज के इस लेख के माध्यम से आप जानने वाले हैं पीएचडी कितने साल की होती है तथा पीएचडी करने में कितना समय लगता है और कौन-कौन पीएचडी कर सकता है कितनी फीस लगती है सभी प्रश्नों के जवाब आपको इस पोस्ट में मिलने वाले हैं ।
पीएचडी(PHD) का अर्थ डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (Doctor of Philosophy) है। जिसे संक्षिप्त में पीएचडी PHD कहा जाता है। इस कोर्स को करने के बाद आपके नाम के आगे डॉक्टर (Dr.) शब्द सम्मिलित हो जाता है। यह एक डॉक्टरल डिग्री है।
पीएचडी करने के बाद रिसर्च या फिर एनालिसिस भी कर सकते हैं। इस डिग्री करने के उपरांत आप उस विषय के एक्सपर्ट कहलाएंगे। आपको उस विषय के बारे में पूरा ज्ञान हो जाएगा यदि आपका सपना है किसी महाविद्यालय या विश्वविद्यालय में एक प्रोफेसर बनना तो आपके पास यह डिग्री होना अनिवार्य है। इस डिग्री के बगैर आप प्रोफेसर नहीं बन सकते हैं ।
दोस्तों कैरियर के दृष्टिकोण से देखा जाए तो पीएचडी सबसे महत्वपूर्ण कोर्सों में से एक माना जाता है क्योंकि इस डिग्री से सम्मानित उम्मीदवार किसी विशेष विषय विशेषज्ञ हासिल किए हुए होते हैं इसलिए किसी विशेष बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करना उनकी प्राथमिकता होती हैं ।
लेख की विषय सूची
पीएचडी कितने साल की होती है – PHD Kitne Saal Ki Hoti Hai
दोस्तों आमतौर पर PHD कोर्स में 3 साल का समय लगता है। जिसमें 6 सेमेस्टर होते हैं। उम्मीदवार को अधिकतम 6 साल के अंतराल में कोर्स पूरा करना होता है अर्थात उम्मीदवार 6 साल तक इस कोर्स को पूरा कर सकता है।
पीएचडी कोर्स में आपको कम से कम 3 साल का समय तो लगेगा ही उसके बाद आपको इस कोर्स को पूरा करने में 6 साल तक का समय दिया जाता है उसके अंदर आपको इस कोर्स को पूरा करना होता है आपको हर टॉपिक को डिटेल में रिसर्च करने का मौका मिलता है। तो दोस्तों PHD Kitne Saal Ki Hoti Hai यह आपको समझ आ गया होगा।
पीएचडी कोर्स की फीस कितनी है – PHD Course Ki Fees Kitni Hoti Hai
दोस्तों पीएचडी कोर्स की फीस की बात की जाए तो इसकी फीस संस्थान व इंस्टिट्यूट के आधार पर अलग-अलग होती है लेकिन सरकारी संस्थान से अगर आप पीएचडी कर रहे हैं तो उसकी फीस प्राइवेट संस्थान के मुकाबले बहुत ही कम होती है ।
पीएचडी कोर्स मुख्यतः 3 वर्ष का होता है जो 6 सेमेस्टर में बटा होता है कॉलेज इस कोर्स की फीस सेमेस्टर या वार्षिक अवधि के अनुसार मांगते हैं प्राइवेट इंस्टीट्यूट में पीएचडी कोर्स की फीस 30,000 से ₹50,000 के बीच होती है जबकि सरकारी संस्थान में यह फीस लगभग 15,000 से ₹20,000 के बीच होती है और अगर आप छात्रवृत्ति के पात्र हैं तो आपको सारी फीस छात्रवृत्ति के रूप में वापस मिल जाती है ।
पीएचडी के लिए योग्यता – PHD Ke Liye Yogyata
दोस्तों पीएचडी के लिए जो सब योग्यता चाहिए वह निम्नलिखित हैं :-
-सबसे पहले पोस्ट ग्रेजुएशन पास करना होगा
-पोस्ट ग्रेजुएशन में 55% नंबर या इससे अधिक होने चाहिए
-आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 5% की छूट दी जाती है
-पीएचडी कोर्स में एडमिशन के लिए कोई एज लिमिट नहीं होती है। कभी भी आप पीएचडी कर सकते हैं चाहे आपकी उम्र कितनी भी हो
दोस्तों पीएचडी कोर्स में आपको अच्छे से पढ़ाई भी करनी पड़ेगी क्योंकि यह कोई साधारण एग्जाम नहीं है। जिसमें आप किसी कुंजी से उत्तर रट कर पासिंग मार्क्स ले आएंगे इसके लिए आपको बहुत अच्छे से पढ़ना होता है। अगर आपका मन किताबों में नहीं लगता तो यह फील्ड आपके लिए नहीं है इसके साथ साथ धैर्य होना भी जरूरी है ।
PHD में आपको कम से कम 3 साल का समय तो लगेगा ही उससे आगे 6 साल तक का समय भी लग सकता है। पीएचडी करना एक जिम्मेदारी का कोर्स होता है इसमें आपको रिसर्च से संबंधित सभी प्रकार का ज्ञान दिया जाता है और साथ ही किसी नए तथ्यों की खोज करने का भी ज्ञान दिया जाता है।
पीएचडी कैसे करें – PHD Kaise Kare
दोस्तों किसी भी तरह की डिग्री करने के लिए पहले आपको 12वीं पास करना जरूरी होता है 10th पास करने के बाद आप वही सब्जेक्ट चुने जिसमें आपको आगे चलकर पीएचडी करना चाहते हैं।
– दोस्तों आपको 11वीं और 12वीं में अच्छे अंकों के साथ उस सब्जेक्ट को पास करना होगा जिसमें आप आगे चलकर पीएचडी करना चाहते हैं ताकि आपको आसानी से आगे मदद मिल सके
– जब आप 12वीं पास कर लेते हैं तो उसके बाद आपको स्नातक की पढ़ाई पूरी करनी होगी
– स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद आपको पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए आवेदन करना होगा और पोस्ट ग्रेजुएशन आपको अच्छे अंकों के साथ करना है ताकि आगे चलकर पीएचडी में आपको कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े
– पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद आपको UGC Net Test देना होता है आपको इसे किलियर करना बहुत ही जरूरी होता है इस एग्जाम के लिए आप कोचिंग भी ले सकते हैं यह प्रवेश परीक्षा थोड़ी कठिन होती है लेकिन अब पीएचडी करने के लिए इसे किलियर करना अनिवार्य कर दिया गया है।
– आप इस एग्जाम को क्लियर कर देते हैं तो दोस्तों आप पीएचडी के लिए योग्य हो जाते हैं अब आपको जिस कॉलेज या विश्वविद्यालय से पीएचडी का कोर्स करना है उस विश्वविद्यालय का एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करके आप पीएचडी में दाखिला ले सकते हैं।
पीएचडी करने के बाद करियर ऑप्शन – PHD Ke Baad Career Option
दोस्तों पीएचडी कोर्स करना जितनी मेहनत का काम है। उसका फल भी उतना ही मीठा होता है। पीएचडी करने में आपको लंबा समय लगता है लेकिन एक बार इसे पूरा करने पर आपका भविष्य उज्जवल और सुरक्षित हो जाता है।
पीएचडी कोर्स करने के बाद आपको इसके बहुत ज्यादा फायदे मिलने वाले हैं पीएचडी के बाद अगर आप चाहे तो टीचिंग में अपना अच्छा करियर बना सकते हैं। पीएचडी करके आप यूनिवर्सिटी और कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर जैसे बड़े पद पर काम करते हैं आगे जाकर आप प्रोफेसर भी बन सकते हैं।
इसमें आपकी सैलरी भी बहुत ज्यादा होती है एक टीचर के मुकाबले तो बहुत ही ज्यादा और इसमें आपके नाम के आगे डॉक्टर भी लगा होता है। इसके अलावा भी बहुत सारे कैरियर ऑप्शन है। पीएचडी कोर्स करने के बाद आपका जो मन हो उस क्षेत्र में अपना कैरियर बना सकते हैं। or PHD Kitne Saal Ki Hoti Hai देखें।
दोस्तों हमें उम्मीद है कि आज इस लेख के माध्यम से आप लोग समझ गए होंगे कि PHD Kitne Saal Ki Hoti Hai , PHD Kaise kare और पीएचडी कोर्स कौन कौन कर सकता है इसकी फीस क्या होती है। पीएचडी करने के बाद आपको क्या-क्या कैरियर ऑप्शन प्राप्त होते हैं। अगर फिर भी आपको पीएचडी से संबंधित कोई भी डाउट है तो आप कमेंट कर सकते हैं। जल्द से जल्द आपके सवालों का जवाब देने का प्रयास किया जाएगा, धन्यवाद
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पीएचडी कितने साल का कोर्स है, 12वीं के बाद पीएचडी कैसे करें – सम्पूर्ण जानकारी
पीएचडी के कोर्स ड्यूरेशन के बारे में अधिकतर स्टूडेंट्स को कन्फूजन होता है। कई जगह सुनने में आता है की पीएचडी 3 साल में हो जाती है, तो कई जगह बताते है की 3 से 5 साल या 3 से 6 साल में हो जाती है आखिरकार पीएचडी कितने साल का कोर्स है ? इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको सही में बताएँगे की आखिरीकर पीएचडी कोर्स का ड्यूरेशन कितना होता है यानी कि आप कितने दिनों में अपना पीएचडी कोर्स कंप्लीट कर सकते हैं। इसके साथ ही आपको बताएँगे की 12वीं के बाद पीएचडी कैसे करें, कितना खर्चा आता है और पीएचडी के लिए उम्र सीमा क्या है।
पीएचडी कितने साल का कोर्स है ?
Phd Regulation 2016 के तहत UGC ने बताया है की पीएचडी कोर्स कंप्लीट करने का न्यूनतम अवधि 3 साल होता है, वही अधिकतम 6 साल होता है। यानि की पीएचडी का मिनिमम ड्यूरेशन 3 साल और मैक्सिमम 6 साल है, इसके अलावा भी कुछ पार्टिकुलर स्टूडेंट को कुछ और छूट दिए जाते हैं जैसे की यदि आप एक फीमेल रिसर्चर हैं या आप पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आते हैं और आपका डिसेबिलिटी 40% से अधिक है तो आपको अपना पीएचडी कंप्लीट करने 2 साल का समय ओर दिया जा सकता है। यानी कि आपके पास कुल मिलाकर के अधिकतम 8 साल का समय पीएचडी कंप्लीट कर लेने का होता है।
इसके साथ ही यदि आप वुमन केटेगरी से आते हैं या फिर आप एक फीमेल है तो आपको एक और रिलैक्सेशन मिलता है और वह है मटेरलिटी लीव और उसके साथ-साथ चाइल्ड केयर लिव जो कि आपके पूरे पीएचडी के दौरान 240 दोनों का मिलता है यानी कि ओवरआल देखा जाए तो एक फीमेल कैटेगरी के स्टूडेंट को पीएचडी कंप्लीट करने के लिए लगभग 9 साल दिया जाता है, जो की बहुत जरूरी भी है।
एक नॉर्मल स्टूडेंट को पीएचडी कम्पलीट करने के लिए 3 से 6 साल का समय दिया जाता है, लेकिन बहुत सारे यूनिवर्सिटी मैक्सिमम टाइम ड्यूरेशन 5 साल भी रखते हैं, लेकिन यूजीसी रेगुलेशन 2016 के तहत साफ-साफ मेंशन है की आपको पीएचडी के लिए मिनिमम 3 साल और मैक्सिमम 6 साल दिए जाएंगे। आप की जानकारी के लिए बता दे की जो मिनिमम 3 साल दिए गए है उसमें 6 महीना का कोर्स वर्क भी शामिल होता है यानी कि 3 साल के अलावा कोर्स वर्क नहीं होगा, ऐसा नहीं है कि कोर्स वर्क को लेकर के आपको मिनिमम 3.5 साल लग जाएंगे। इसलिए नार्मल स्टूडेंट्स को पीएचडी कम्पलीट करने के लिए मिनिमम 3 साल ही लगेगा यानी की 3 साल से पहले आप अपना थीसिस सबमिट नहीं कर सकते हैं।
कई स्टूडेंट्स के जहन में एक सवाल आता है की जैसे UG के लिए 3 साल और PG के लिए 2 साल का समय फिक्स्ड होता है तो क्या पीएचडी के लिए ऐसा नहीं होता है ? तो इसका जवाब है की पीएचडी में फिक्स्ड ड्यूरेशन नहीं होता है क्योंकि आप सभी को पता है कि UG PG में एक सिलेबस होता है, उसी सिलेबस को आपको एक सर्टेन टाइम में कंप्लीट करना होता है, उसके बाद एग्जाम होता है और उसके बाद आप क्वालीफाई करके डिग्री ले लेते हो।
पीएचडी के केस में आप एक फिक्स्ड समय में डिग्री नहीं ले सकते हो। यहां पर आपको एक प्रॉब्लम को चुनना होता है, इसके बाद उस प्रॉब्लम पर डाटा कलेक्शन और उसको एनालाइज करना होता है और उनसे आपको इनफॉरमेशन निकाल करके एक कुछ नया चीज समाज के सामने प्रस्तुत करना होता है। यानि की आपको कुछ शोध करके लोगों के सामने लाना होता है जो की बहुत आसान काम नहीं है। कुछ नया खोज करना बहुत ही मुश्किल काम है इसी वजह से यहां पर 3 साल से 6 साल का कॉन्सेप्ट UGC लेकर आया गया है। ओवरआल हम कह सकते है की मिनिमम 3 साल में आप अपना पीएचडी कंप्लीट कर सकते हैं और मैक्सिमम आप 6 साल का समय ले सकते हो, हालाँकि कुछ विशेष परिस्थितियों में आप 8 से 9 साल तक का समय भी ले सकते हो।
12वीं के बाद पीएचडी कैसे करें ?
जैसी ही स्टूडेंट्स 12 वीं पास कर लेते है उनको ग्रेजुएशन की चिंता लग जाती है, कई स्टूडेंट पीएचडी के बारे में सोचते है, लेकिन आप को बता दे की आप 12 वीं के बाद डायरेक्ट पीएचडी नहीं कर सकते है,आपको पहले ग्रेजुएशन करना होगा, उसके बाद आपको मास्टर डिग्री करना होगा, उसके बाद ही आप पीएचडी में एडमिशन ले सकते है।
अब सबसे पहले बात कर लेते कि इसके लिए क्या मिनिमम क्वालिफिकेशन होनी चाहिए तो देखोगे पीएचडी करने के लिए जरूरी है कि आपकी मास्टर डिग्री कंप्लीट होनी चाहिए या फिर आपका एमफिल कंप्लीट होना चाहिए। पीएचडी का कोर्स सामान्य 3 साल का होता है लेकिन इसको करने में स्टूडेंट को जनरली 4 से 5 साल लग जाते हैं।
कई स्टूडेंट्स का सवाल होता है की पीएचडी करने के लिए कितने परसेंटेज मार्क्स होने चाहिए तो आपको बता दे की आपकी क्लास 12th के मार्क्स इंर्पोटेंट नहीं है यानी कि आपकी क्लास 12th में मार्क्स ज्यादा है या कम है उससे कोई मतलब नहीं है। आप बस क्लास 12 पास हो वह आपके लिए काफी है। अब बारी आती है ग्रेजुएशन की, ग्रेजुएशन में कितने परसेंटेज मार्क्स होने चाहिए तो आपको बता दे की ग्रेजुएशन के भी मार्क्स इंर्पोटेंट नहीं है, अगर आपके ग्रेजुएशन में थोड़े कम मार्क्स आ गए तो आपको बिल्कुल भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। सबसे इंपोर्टेंट पोस्ट ग्रेजुएट होता है यानी कि जो ग्रेजुएशन के बाद हम लोग 2- 3 साल का जो पीजी करते हैं वह सबसे ज्यादा इंपोर्टेंट होता है।
PG आप किसी भी सब्जेक्ट या किसी भी स्ट्रीम से कर सकते हैं जैसे कि एमकॉम, एमए, एमएससी जो भी आपको करना है। अब बारी आती है कि पोस्ट ग्रेजुएट में कितने परसेंटेज मार्क्स होने चाहिए तो आपको बता दे की अगर आप जनरल केटेगरी से हो तो पीजी में आपके मिनिमम 55% मार्क्स होने चाहिए और अगर आप रिजर्व कैटेगरी से हो तो मिनिमम आपके 50% मार्क्स होने चाहिए। इसके बाद आप NET/JRF या RET/SIT के थ्रू पीएचडी में एडमिशन ले सकते है।
पीएचडी करने में कितना खर्च आता है?
अगर आपने JRF (जूनियर रिसर्च फैलोशिप ) क्वालीफाई कर लिया है तो फाइनली आपको पढ़ाई करने के लिए फैलोशिप मिलेगी जो लगभग 35000 रुपए/महीना होगी और जब तक आप पढ़ाई करोगे तब तक वह आपको अधिकतम 5 साल तक मिलती रहेगी तो यहां पर आपका अपना कुछ नहीं लगने वाला है क्योंकि फेलोशिप के माध्यम से ही आप आसानी से पढ़ाई भी कर सकते है और इससे आपका बहुत सारा पैसा भी बच जाएगा या फिर आप इसे अन्य उपयोग में भी ले सकते है।
लेकिन यदि आपको फैलोशिप नहीं मिली है यानि की आप सिर्फ नेट क्वालीफाई हो और आप किसी नेशनल यूनिवर्सिटी से पीएचडी करते हो तो भी आपको कुछ मात्रा में अमाउंट दिया जाता है। लेकिन यदि आपने नेशनल यूनिवर्सिटी से भी पीएचडी नहीं की है और आपने JRF भी क्वालीफाई नहीं किया है तो उसके बाद आपको कितनी फीस देनी पड़ेगी ?
आपकी जानकरी के लिए बता दे की अगर आप किसी गवर्नमेंट या ऐडेड यूनिवर्सिटी से पीएचडी करते हैं तो आपको बहुत ज्यादा फीस नहीं देनी पड़ेगी। आपको लगभग लगभग ₹5000 से लेकर ₹20000/वार्षिक के हिसाब से फीस देनी पड़ेगी वहीं अगर आप प्राइवेट यूनिवर्सिटी से पीएचडी करते हैं तो यहां आकड़ा ₹50000 से लेकर ₹1 लाख के बीच में हो सकता है तो यह डिपेंड करता है कि आप कहां से पीएचडी के लिए एनरोलमेंट कर रहे हैं। अगर आप प्राइवेट यूनिवर्सिटी से पीएचडी करेंगे तो आपको ज्यादा फीस पे करनी पड़ेगी और अगर आप गवर्नमेंट यूनिवर्सिटी से पीएचडी करेंगे तो आपको बहुत कम फीस में काम चल जायेगा।
यह भी पढ़े – 👉 पीएचडी करने के बाद सैलरी कितनी मिलती है ?
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पीएचडी कितने साल की होती है | PhD Kitne Saal Ki Hoti Hai
आज के इस लेख के माध्यम से हम जाने वाले हैं कि “पीएचडी कितने साल की होती है | PhD Kitne Saal Ki Hoti Hai” तथा पीएचडी करने की न्यूनतम और अधिकतम समय कितना लगता है।
पीएचडी से संबंधित सभी प्रकार के सवालों का जवाब आज हम जानने वाले हैं जैसे :- पीएचडी क्या है? तथा कौन-कौन पीएचडी कर सकता है? और पीएचडी करने में कितने पैसे खर्च होते हैं?
पीएचडी (PhD) का अर्थ डॉक्टर ऑफ़ फिलॉसफी (Doctor of Philosophy) है, जिसे संक्षिप्त में पीएचडी कहा जाता है, इस कोर्स को करने के बाद आप के नाम के आगे डॉ (Dr.) शब्द सम्मिलित हो जाता है। यह एक डाक्टरल डिग्री (Doctoral Degree) है।
पीएचडी विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदत उच्च शैक्षिक डिग्री होती है पीएचडी का फुल फॉर्म डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (Doctor of Philosophy) होता है।
पीएचडी एक स्नातकोत्तर (Postgraduate) डॉक्टरेट (Doctoral) की डिग्री है, जो उन छात्रों को प्रदान की जाती है जो अपने विषय में ज्ञान के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान देने वाले एक प्रमुख शोध को पूरा करने की पुर्णतः कोशिश करते है।
पीएचडी करने के लिए आपके पास मास्टर डिग्री होनी चाहिए दुसरे शब्दों में कहे तो आपकी Post Graduation पूरी होनी चाहिए। Post Graduation डिग्री में आपके मार्क्स 60% के आस पास होने चाहिए। तभी आप पीएचडी करने के योग्य होते हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में महानता हासिल करना अपने आप में एक अनोखा काबिलियत है, PhD एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा शिक्षण शैली में महानता प्राप्त करने का अवसर मिलता है, आप पीएचडी करके शिक्षण शैली में महंत प्राप्त कर सकते हैं।
इस डिग्री को प्राप्त करने के कई अवसर मिलते हैं, कभी-कभी महान उद्देश्य को पूरा करने के बाद इस डिग्री से उम्मीदवार को नवाजा जाता है और कोर्स के माध्यम से भी किसी विशेष क्षेत्र में PhD की डिग्री प्राप्त किया जा सकता है।
यह एक सर्वोच्च डिग्री होने के साथ-साथ किसी विषय में विशेषज्ञ होने का अवसर प्रदान करता है, लेकिन इस डिग्री को प्राप्त करने के लिए कुछ नियम एवं शर्तें होते हैं, जो उम्मीदवार इस नियम को पूरा करते हैं उन्हें ही यह डिग्री के योग्य माने जाते हैं।
कैरियर के दृष्टिकोण से देखा जाए तो पीएचडी सबसे महत्वपूर्ण कोर्स में से एक माना जाता है, क्योंकि इस उपाधि से सम्मानित उम्मीदवार किसी विशेष विषय विशेषज्ञ हासिल किए हुए होते हैं, इसलिए किसी विशेष बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करना उनकी प्राथमिकता होती है।
यदि आपको किसी महाविद्यालय या विश्वविद्यालय में एक प्रोफेसर बनना है, तो आपके पास यह डिग्री होना अनिवार्य है, इस डिग्री के बगेर आप प्रोफेसर नहीं बन सकते हैं।
आप इस डिग्री के बाद रिसर्च या फिर एनालिसिस भी कर सकते है, इस डिग्री करने के उपरांत आप उस विषय के एक्सपर्ट कहलायेंगे आपको उस विषय के बारे में पूरा ज्ञान हो जायेगा।
अक्सर लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि “पीएचडी कितने साल की होती है | PhD Kitne Saal Ki Hoti Hai” क्योंकि पीएचडी करने की सटीक जानकारी उनको नहीं मिल पाती है।
आज के इस लेख के माध्यम से हम टीचर बनने की प्रक्रिया को स्टेप बाय स्टेप बताने का प्रयास किए हैं, आप इस लेख को पूरा पढ़े ताकि आपको बारीकी से जानकारी मिल पाए।
Table of Contents
पीएचडी कोर्स की अवधि का बात किया जाए तो आमतौर पर पीएचडी कोर्स 3 साल की होती है, जिसमे छः सेमेस्टर होते हैं, जिसमे उम्मीदवारों को अधिकतम छः साल के अंतराल में कोर्स पूरा करना होता है, अर्थात विद्यार्थी छः साल तक इस को पूरा कर सकता है।
पीएचडी कोर्स की अवधि हर जगह अलग-अलग हो सकती है जो पूरी तरह से इंस्टिट्यूट और सिलेबस पर निर्भर करता है।
पीएचडी करते समय यह सुविधा भी दी जाती है कि हम अपने इस 3 साल के कोर्स को 6 साल तक भी खत्म कर सकते हैं। इस कोर्स को करने में हमें हर टॉपिक के विषय में डिटेल में रिसर्च करने को मिलता है, जिससे हमारा जड़ बहुत ही मजबूत हो जाता है और बड़ी ही आसानी से किसी भी टॉपिक को सॉल्व करने के लिए सक्षम हो जाते हैं।
PhD Course Highlights
जरुर पढ़ें :- गणित में कौन कौन सी जॉब होती है?
PhD कोर्स की फ़ीस कितनी होती है ( PhD Course Ki Fees Kitni Hoti Hai)
पीएचडी कोर्स की फीस की बात की जाए तो इसकी फीस इंस्टिट्यूट एवं संस्थान के आधार पर अलग अलग होती है, सरकारी संस्थान की फ़ीस प्राइवेट इंस्टिट्यूट की तुलना में कम होता है।
पीएचडी कोर्स मुख्यतः 3 वर्ष का कोर्स होता है जो 6 सेमेस्टर में बटा होता है। कॉलेज, इंस्टीट्यूट इस कोर्स की फीस समेस्टर या वार्षिक अवधी का अनुशार मांग करते हैं।
प्राइवेट इंस्टिट्यूट में पीएचडी कोर्स की न्यूनतम फ़ीस 20000 रुपये से 30000 रुपये के करीब तथा अधिकतम फ़ीस 30000 रुपये से 50000 रुपये के बीच होता है।
जबकी सरकारी संस्थान में न्यूनतम फ़ीस 15000 रुपये से 25000 रुपये के बीच तथा अधिकतम फ़ीस 40000 रुपये से 60000 रुपये तक होता है।
जरुर पढ़ें :- 12 वीं के बाद कंप्यूटर कोर्स सूची
पीएचडी की तैयारी कैसे करें (PhD ki Taiyari Kaise Kare)
आपको Phd की तैयारी करने के लिए कुछ विशेष बातों को ध्यान में रखना होगा। इससे आपको पीएचडी करने में काफी मदद मिलेगी, और पीएचडी को आप आसानी से कर सकेंगे।
- पीएचडी की तैयारी करने के लिए सबसे पहले प्रीवियस ईयर पेपर खरीदें आप उन पेपरों के जरिए यह जान सकते हैं, कि पीएचडी में किस प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं।
- आप उनकी सहायता ले सकते हैं, जिन्होंने पहले से पीएचडी कर चुके हैं या जो पीएचडी कर रहे हैं, उनसे आपको बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है।
- अपने पीएचडी के विषय के बारे में हमेशा जानने की इच्छा रखें और उस विषय से संबंधित सभी प्रकार के पहलुओं को बारीकी से जाने और उन पर हमेशा रिसर्च करते रहें।
- आप अपने विषय के अनुसार अपना तैयारी को बढ़ा सकते हैं आपका विषय यदि करंट अफेयर्स है तो आप अखबार पढ़ सकते हैं और करंट नॉलेज को बढ़ा सकते हैं।
जरुर पढ़ें :- जीएसटी में करियर कैसे बनाएं
पीएचडी कैसे करें (PhD Kaise Karen)
किसी भी तरह की डिग्री करने के लिए आपको 12th पास होना जरूरी होता है। इसके लिए आपको 10th पास करने के बाद वही सब्जेक्ट को चुनना चाहिए, जिस सब्जेक्ट्स में आप पीएचडी करना चाहते है।
आपको नीचे स्टेप बाई स्टेप बताने का प्रयास किए हैं कि पीएचडी कैसे करें आप पूरा पढे ताकि क्लेयर समझ पाए जो कि निम्नलिखित है। :-
- आपको अपने इन सब्जेक्टस में 11th और 12th में अच्छे अंकों के साथ पास होना है। आपके जितने मार्क्स ज्यादा होंगे उतनी ही आपको आगे पीएचडी करने में आसानी होगी और मदद मिलेगी।
- जब आप अपनी 12th पूरी कर लेते हैं। फिर आपको जिस सब्जेक्ट में रूची हो उस सब्जेक्ट के लिए प्रवेश परीक्षा दें और इस एंट्रेंस एग्जाम को पूरा करें। फिर इसके बाद अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी करें।
- आपको जिनता हो सके अच्छे अंकों के साथ पास होना है। जिनते अंक ज्यादा होंगे आपके लिए पीएचडी के लिए रास्ते उतने ही आसान बनते रहेंगे, क्युकी मेरिट लिस्ट मार्क्स के आधार पर ही निकाल जाता है।
- जब आपकी स्नातक पूरी हो जाती है तब फिर आपको पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए अप्लाई करना है। आपने जिस सब्जेक्ट में स्नातक की है, यदि आप उस सब्जेक्ट में ही अपनी मास्टर डिग्री करते हैं तो आपके लिए आसानी रहेगी।
- आपको अपनी स्नातक और मास्टर डिग्री में कम से कम 60% तक अंक लाने है ताकि आगे एंट्रेंस एग्जाम के लिए कोई समस्या न हो और एन्ट्रन्स इग्ज़ैम के लिए एलीजिबल हो पाए।
- पोस्ट ग्रेजुएशन पूरी हो जाती है तो आपको अब UGC Net Test देना होता है और आपको इसे क्लियर करना बहुत ही जरूरी होता है। इस एग्जाम के लिए आप कोचिंग भी ले सकते हैं।
- ये प्रवेश परीक्षा थोड़ी कठिन होती है। UGC Net Exam पहले नहीं होता था। लेकिन अब पीएचडी करने के लिए इसे क्लियर करना अनिवार्य कर दिया गया है।
- आप इस एग्जाम को क्लियर कर देते हैं तो आप पीएचडी के योग्य हो जाते हैं। अब आपको जिस कॉलेज या विश्वविद्यालय में पीएचडी करनी है, उस विश्वविद्यालय का एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करके आप पीएचडी में दाखिला ले सकते हैं।
जरुर पढ़ें :- 12वीं के बाद शिक्षक (Teacher) कैसे बने?
पीएचडी कोर्स करने के लिए भारत की टॉप यूनिवर्सिटी
यदि आपने अपने अच्छे मार्क्स के साथ ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कम्पलीट कर चुके है और एक अच्छी यूनिवर्सिटी से पीएचडी कोर्स करना चाहते है तो आपके लिये नीचे दी गयी यूनिवर्सिटी सबसे बेस्ट है, आप नीचे दिए कॉलेज/यूनिवर्सिटी में पीएचडी के लिए अप्लाई कर सकते है, जो कि निम्नलिखित है। :-
- इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बैंगलोर
- जवाहर लाल यूनिवर्सिटी
- अमिती यूनिवर्सिटी नोएडा
- के.सी.जी. कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी चेन्नई
ऊपर दिए गए चार भारत की टॉप यूनिवर्सिटी में से हैं इस यूनिवर्सिटी में आप पीएचडी कर सकते हैं यूनिवर्सिटीओं में बहुत सारी सुविधाएं मिलती है जिससे आपको पीएचडी करने में आसानी होती है।
आप जल्दी पीएचडी करने का सोच रहे हैं तो आपको पीएचडी सरकारी कॉलेज या यूनिवर्सिटी से करना चाहिए क्योंकि उसमें कोर्स फी बहुत कम होती है और आसानी से अब कर सकते हैं।
जरुर पढ़ें :- साइंस में कौन-कौन सी जॉब होती है?
पीएचडी के लिए योग्यता (PhD Ke Liye Yogyata)
पीएचडी के जो सब योग्यता चाहिए वो निम्नलिखित है:-
- सबसे पहले पोस्ट ग्रेजुएशन पास करें।
- पोस्ट ग्रेजुएशन में 55% नंबर या इससे अधिक होने चाहिए।
- आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 5% की छूट मिलती है।
- हर यूनिवर्सिटी के लिए मिनिमम परसेंट में थोड़ा-बहुत अंतर हो सकता है।
- पीएचडी की कोई एज लिमिट नहीं है, कभी भी आप पीएचडी कर सकते है।
- आप अपने मास्टर के सब्जेक्ट में ही पीएचडी कर सकते हैं।
इनके अलावा भी कुछ क्वालिटीज होना जरूरी है जैसे कि :- आपकी पढ़ाई में रुचि होनी चाहिए। पीएचडी कोई साधारण एग्जाम नहीं है जिसमें आप किसी कुंजी (guide) से उत्तर रटकर पासिंग मार्क्स ले आएंगे। इसके लिए बहुत ज्यादा पढ़ना होता है।
अगर आपका मन किताबों में नहीं लगता तो यह फील्ड आपके लिए नहीं है। इसके साथ-साथ धैर्य होना जरूरी है। पीएचडी में आपको कम से कम तीन साल लगते हैं। इसीलिए ये सोचकर ही कदम बढ़ाएं कि आप इतना समय दे सकते हैं।
पीएचडी करना एक जिम्मेदारी का कोर्स होता है अर्थात इसमें आपको रिसर्च से संबंधित सभी प्रकार का ज्ञान दिया जाता है और साथ ही किसी नए तथ्यों की खोज करने का भी ज्ञान दिया जाता है।
यही कारण है कि इस कोर्स को करने में 3 साल का समय रहता है लेकिन अधिक से अधिक 6 साल तक भी लग सकता है और 6 साल तक भी आप इस कोर्स को कर सकते हैं।
जरुर पढ़ें :- कॉमर्स में कौन-कौन सी जॉब होती है?
पीएचडी के बाद करियर ऑप्शन (PhD Ke Baad Career Option)
दोस्तों पीएचडी जितनी मेहनत का काम है, इसका फल भी इतना ही मीठा होता है। भले ही आप PhD करके एक लंबा समय बिता देते हैं। लेकिन एक बार इसे पूरा करने पर आपका भविष्य उज्जवल होता है।
PhD करने के बाद आपको बहुत फायदे है। PhD के बाद अगर आप चाहें तो टीचिंग में अच्छा करियर बना सकते हैं।
PhD करके आप यूनिवर्सिटीज और कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर जैसे बड़े पद पर काम करते हैं, आगे जाकर आप प्रोफेसर भी बन सकते हैं।
आपकी सैलरी और भत्ते एक टीचर की तुलना में काफी अच्छा होते हैं। सामाजिक रुतबा भी बहुत ज्यादा होता है क्यूंकि इसमें उनके नाम के आगे अक्सर डॉक्टर लगा होता है।
पीएचडी के बाद ऊपर दिए गए करियर ऑप्शंस के अलावा भी बहुत सारे सेक्टर है जहां पीएचडी करके अच्छा करियर आप बना सकते हैं।
जरुर पढ़ें :- पीसीएस (Pcs) में कौन कौन सी पोस्ट होती है
पीएचडी करने के लिए एडमिशन कैसे लें ?
PhD में एडमिशन लेने के लिए सबसे पहले आपको एन्ट्रेंस एग्जाम देना होता है। इसमें सबसे पहले नाम आता है UGC NET का। साइंस के स्टूडेंट CSIR UGC NET exam देते हैं।
एक और एग्जाम होता है जिसे GATE कहते हैं। अगर आप इंजीनियरिंग से जुड़े सब्जेक्ट से पीएचडी करना चाहते हैं तो आप यह एग्जाम दे सकते है।
कुछ यूनिवर्सिटीज और इंस्टीट्यूट अपनी तरफ से प्रवेश परीक्षा भी लेते हैं। जैसे JNU PhD entrance, BHU RET, TIFR (टाटा इंस्टीट्यूट के लिए), BITS (बिड़ला इंस्टीट्यूट), AIIMS, BARC (भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर)।
एंट्रेंस एग्जाम पास होने के बाद इंटरव्यू होता है।
इन्टरव्यू में जो कैंडिडेट्स सलेक्ट होते हैं उनको पीएचडी में एडमिशन मिल जाता है। कुछ यूनिवर्सिटीज NET या GATE एग्जाम पास करने पर डायरेक्ट एडमिशन दे देती हैं लेकिन सभी यूनिवर्सिटी ऐसे नही करती है।
ये सभी एग्जाम बहुत मुश्किल होते हैं। लेकिन अगर आप पूरी मेहनत से तैयारी करें तो सब कुछ आसान हो जाता है।
सलेक्शन के बाद आपको एक गाइड या सुपरवाइजर के अंडर पीएचडी करनी होती है। वो आपको गाइडलाइन, कोर्स की पूरी जानकारी दे देते हैं। उसके मुताबिक आपको स्टडी करनी होती है।
इस दौरान आपको सेमिनारों में भाग लेना होता है। अपने रिसर्च पेपर पब्लिश करने होते हैं और कई तरह की एकेडमिक गतिविधियों में भाग लेना होता है।
उपरोक्त दिए गए सभी तथ्यों को उसके बाय स्टेप बाप पढ़ेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि पीएचडी करने के लिए एडमिशन कैसे लें।
यह भी पढ़ें :- टीचर बनने के लिए क्या करें
दोस्तों, हम उम्मीद करते है कि आज के इस लेख (article) के माध्यम से आप लोग समझ गए होंगे कि “पीएचडी कितने साल की होती है | PhD Kitne Saal Ki Hoti Hai” जिसकी पुरी जानकारी इस लेख के माध्यम से देने का कोशिश किए हैं।
यदि आपको यह जानकारी “पीएचडी कितने साल की होती है | PhD Kitne Saal Ki Hoti Hai” अच्छी लगी हो तो आप WhatsApp, Facebook के जरिये Share भी कर सकते हैं, ताकि और भी लोगों को यह जानकारी मिल पाए।
आपके मन में यदि कोई सवाल एवं सुझाव हो तो Comments Box में आप पोस्ट कर के हमे पूछ सकते हैं, जल्द से जल्द आपके सवालों का जवाब देने का प्रयास किया जाएगा, धन्यवाद।
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इस लेख में हमने जाना :-
पीएचडी कितने साल की होती है | PhD Kitne Saal Ki Hoti Hai | PhD Course Ki Fees Kitni Hoti Hai | PhD ki Taiyari Kaise Kare | PhD Kaise Karen | PhD Ke Liye Yogyata | PhD Ke Baad Career Option |
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[2024 में] PhD Kitne Saal Ki Hoti Hai | पीएचडी कितने साल की होती है
दोस्तों आज के इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं कि पीएचडी कितने साल की होती है ? इसी के साथ-साथ आपको यह भी बताएंगे कि
- पीएचडी क्या है?
- पीएचडी कैसे करें?
- पीएचडी की फीस कितनी होती है?
- पीएचडी कौन कर सकता है?
- पीएचडी का फुल फॉर्म क्या है?
Table of Contents
PhD Kitne Saal Ki Hoti Hai ( पीएचडी कितने साल का कोर्स है )
कुछ साल पहले तक पीएचडी 18 महीने का कोर्स होता था लेकिन वर्तमान में पीएचडी न्यूनतम 3 साल की होती है यानी आपको 3 साल में अपनी पीएचडी सबमिट करनी पड़ती है।
लेकीन पीएचडी को पूरा करने के लिए आपको अधिकतम 5 वर्ष का समय दिया जाता है। यानी पीएचडी करने की न्यूनतम समय सीमा 3 वर्ष है और अधिकतम समय सीमा 5 वर्ष होती है।
विद्यार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ही इसकी अधिकतम सीमा 5 वर्ष की गई है। क्योंकि Students जिस विषय से पीएचडी करते हैं उस विषय में उनको गहनता से रिसर्च करनी पड़ती है जिसकी वजह से कई बार 3 वर्ष का समय कम पड़ जाता है।
यानी अगर सीधे शब्दों में बात करें तो पीएचडी 3 साल की होती है और इसमें 6 सेमेस्टर होते हैं। पीएचडी को अधिकतम 5 वर्ष में सब्मिट करने की सुविधा दी जाती है।
कुछ विश्वविद्यालय में पीएचडी करने की समय सीमा इससे भिन्न भी हो सकती है क्योंकि यह उस विश्वविद्यालय या इंस्टीट्यूट के सिलेबस पर भी डिपेंड करता है।
इसीलिए इंटरनेट पर कुछ जगह आपको PhD करने की न्यूनतम समय सीमा 3 वर्ष और अधिकतम समय सीमा 6 वर्ष बताई जाती है।
अब आप यह तो जान चुके हैं कि पीएचडी कितने साल की होती है? आइये अब पीएचडी से जुड़े अन्य तथ्यों को भी जान लेते हैं।
इसे भी पढे– [2024 में] PhD Karne Ke Fayde | पीएचडी करने के फायदे
पीएचडी क्या है
पीएचडी शिक्षा के क्षेत्र में प्रदान की जाने वाली सर्वोच्च डिग्री है। PhD को डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी ( Doctor of Philosophy ) कहा जाता है।
लेकिन आम बोलचाल की भाषा में इसे पीएचडी के नाम से ही जाना जाता है। PhD, मास्टर डिग्री कंप्लीट करने के बाद ही की जा सकती है।
PhD करने वाला व्यक्ति अपने नाम से पहले डॉक्टर लिख सकता है। PhD करने के बाद Students प्रोफेसर बनने का सपना पूरा कर करते हैं।
पीएचडी का फुल फॉर्म क्या होता है
पीएचडी एक संक्षिप्त नाम है। पीएचडी का फुल फॉर्म डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी होता है, जिसे इंग्लिश में Doctor of Philosophy कहा जाता है। पीएचडी की डिग्री को हिंदी में “ विद्या वाचस्पति “ की उपाधि कहा जाता है।
पीएचडी करने के लिए जरूरी योग्यता
ऐसे विद्यार्थी जो पीएचडी करना चाहते हैं, उन्हें पीएचडी करने के लिए जरूरी योग्यताओं के बारे में अच्छे से पता होना चाहिए।
पीएचडी कौन कर सकता है? इस सवाल को लेकर अक्सर विद्यार्थियों के मन में काफी सारी शंकाएं होती हैं। जैसे- क्या B.Ed के बाद पीएचडी कर सकते हैं?
क्या B.A के बाद पीएचडी कर सकते हैं? और कुछ लोगों का तो यह भी सवाल होता है कि क्या 12वीं कक्षा के बाद पीएचडी कर सकते हैं?
इसीलिए आपको पीएचडी करने के लिए जरूरी योग्यताओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी नीचे दी गई है। यदि आप पीएचडी करना चाहते हैं तो आपके पास निम्नलिखित योग्यताएं होनी अनिवार्य है:
- आपकी मास्टर डिग्री यानी पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री कंप्लीट होनी चाहिए।
- यदि आप सामान्य वर्ग में आते हैं तो आपके पोस्ट ग्रैजुएट डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होने चाहिए।
- यदि आप एससी/एसटी/ओबीसी वर्ग में आते हैं तो आपके पोस्ट ग्रैजुएट डिग्री में न्यूनतम 50% अंक होने चाहिए।
- उक्त सभी योग्यताएं पुरुष एवं महिलाएं दोनों के लिए समान होती हैं।
- आपका यूजीसी नेट ( UGC NET) एंट्रेंस एग्जाम क्लियर होना चाहिए।
- यदि आपका यूजीसी नेट एंट्रेंस एग्जाम क्लियर नहीं है तो आप विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किए जाने वाले एंट्रेंस एग्जाम को पास करके भी पीएचडी कर सकते हैं।
पीएचडी के विषय
PhD कोर्स किसी एक सब्जेक्ट से किया जाता है। पीएचडी का मतलब है उस सब्जेक्ट में विस्तृत ज्ञान अर्जित करना। विद्यार्थी जिन सब्जेक्ट से अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री कंप्लीट करते हैं ज्यादातर उन्हीं में से किसी एक सब्जेक्ट से वह अपनी मास्टर डिग्री कंप्लीट करते हैं।
जिस सब्जेक्ट से आप मास्टर डिग्री कंप्लीट करते हैं उस सब्जेक्ट से आपको पीएचडी करनी चाहिए है। क्योंकि उस सब्जेक्ट में आपकी पकड़ सबसे अच्छी होती है।
सभी विश्वविद्यालय में PhD कराने के लिए काफी सारे Subject होते हैं, जिनमें से कुछ विषय निम्नलिखित हैं।
- अर्थशास्त्र
- वाणिज्य प्रबंधन
- सामाजिक कार्य
इसे भी पढे– क्या आप 2024 में B.Ed के बाद पीएचडी कर सकते हैं
पीएचडी की फीस कितनी होती है
PhD की डिग्री शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बड़ी डिग्री होती है। इसलिए विद्यार्थियों के मन में पीएचडी की फीस को लेकर सवाल उठता है कि आखिर पीएचडी की फीस कितनी होती है? उनको लगता है कि पीएचडी की फीस काफी ज्यादा होती होगी।
आपको बता दें कि पीएचडी की डिग्री जितनी बड़ी है उसके मुकाबले इसे करने के लिए इसकी फीस काफी कम होती है।
यदि आप किसी सरकारी केंद्रीय विश्वविद्यालय से पीएचडी करेंगे तो आपको सालाना लगभग 5000 रूपये फीस देनी पड़ेगी।
वहीं अगर आप किसी सरकारी राजकीय विश्वविद्यालय से पीएचडी करेंगे तो आपको सालाना लगभग 10000 रूपये फीस देनी पड़ेगी।
पीएचडी करने के लिए जो एंट्रेंस एग्जाम दिया जाता है उसकी रजिस्ट्रेशन फीस लगभग 700 रूपये होती है।
लेकिन यदि आप किसी प्राइवेट विश्वविद्यालय या कॉलेज से पीएचडी करते हैं तो आपकी पीएचडी की फीस लगभग 20000 रूपये से 50000 रूपये सालाना हो सकती है
पीएचडी करने वाले विद्यार्थी को कितनी स्कॉलरशिप मिलती है
यदि कोई स्टूडेंट JRF/NET क्लियर करने के बाद पीएचडी कर रहा है तो उसे सरकार की तरफ से लगभग 35000 से 40000 रूपये हर महीने फैलोशिप मिलती है।
PhD की डिग्री 3 साल की होती है, जिसे अधिकतम 5 सालों में पूरा किया जा सकता है। ऐसे में यदि कोई विद्यार्थी अपनी पीएचडी की डिग्री अधिकतम 5 साल में पूरा करता है तो उसे 5 साल तक हर महीने लगभग 40,000 रुपए स्कॉलरशिप के रूप में मिलते हैं।
पीएचडी कैसे करें
यदि आपने मास्टर डिग्री 55% अंकों के साथ पास की है तो विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित की जाने वाली पीएचडी प्रवेश परीक्षा पास करके आप पीएचडी में एडमिशन ले सकते हैं।
कहने का मतलब है कि कुछ विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी में एडमिशन करने के लिए प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं, प्रवेश परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों का इंटरव्यू लिया जाता है जो विद्यार्थी इंटरव्यू में पास हो जाते हैं उनको पीएचडी में एडमिशन मिल जाता है।
पीएचडी में एडमिशन लेने के लिए दूसरा तरीका है यूजीसी नेट एंट्रेंस एग्जाम पास करना। यदि आप इंजीनियरिंग से संबंधित किसी सब्जेक्ट से पीएचडी करना चाहते हैं तो आपको GATE एंट्रेंस एग्जाम पास करना पड़ेगा।
इन Entrance Exam को पास करने के बाद विद्यार्थियों का इंटरव्यू होता है। जो विद्यार्थी इंटरव्यू में पास हो जाते हैं उनको पीएचडी में एडमिशन मिल जाता है।
कुछ विश्वविद्यालय द्वारा NET या GATE परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को भी पीएचडी में डायरेक्ट ऐडमिशन देते हैं यानी वहां इंटरव्यू नहीं लिया जाता है।
जब आपका पीएचडी के लिए एडमिशन हो जाता है तो आपको एक गाइड प्रोवाइड कराया जाता है। आप अपनी पूरी पढ़ाई यानी रिसर्च इसी गाइड की देख रेख में करते हैं।
पीएचडी की पढ़ाई के दौरान आपको चुने गए सब्जेक्ट पर गहनता से अध्ययन करना होता है। आपको उस विषय पर Thesis भी लिखनी पड़ती है।
इसे भी पढे– PhD Course क्या है, कैसे करें, योग्यता, सैलरी से जुडी सम्पूर्ण जानकारी
पीएचडी के बाद क्या करें
पीएचडी करने वाले विद्यार्थियों के मन में यह सवाल भी होता है कि पीएचडी करने के बाद वह क्या क्या कर सकते हैं। इसलिए हमने पीएचडी करने के बाद आप क्या-क्या कर सकते हैं इसकी जानकारी नीचे दी है।
- पीएचडी करने के बाद आप किसी भी विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्य कर सकते हैं।
- आप किसी भी प्राइवेट कॉलेज या यूनिवर्सिटी में पढ़ा सकते हैं।
- आप रिसर्च के फील्ड में कार्य कर सकते हैं।
PhD Kitne Saal Ki Hoti Hai | FAQs
पीएचडी कितने साल का कोर्स होता है.
पीएचडी कोर्स 3 साल का होता है लेकिन इस कोर्स को अधिकतम 5 साल में पूरा कर सकते हैं।
पीएचडी डिग्री में कितने विषय होते हैं?
पीएचडी केवल एक विषय से की जाती है।
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में अपने जाना की PhD Kitne Saal Ka Hota Hai. यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते हैं। ताकि आप जैसे और भी स्टूडेंट्स को यह जानकारी मिल सके।
यदि आपका किसी भी तरह का कोई सवाल या सुझाव है तो हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं हम हम आपके सवाल का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे।
PhD Kitne Saal Ki Hoti Hai : इस लेख को पढ़ने और हमारे ब्लॉग www.HelperMind.com पर Visit करने के लिए आपका दिल से धन्यवाद!
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हैलो दोस्तों, HelperMind.Com एक हिंदी ब्लॉग है, यहां आपको सेल्फ-हेल्प बुक समरी, एजुकेशनल, Iformational और मोटिवेशनल आर्टिकल पढ़ने को मिलेंगे। वैसे तो यह ब्लॉग खासतौर से Students के लिए बनाया गया है। लेकिन इसमें दी गयी जानकारियां हर इंसान के लिए उपयोगी साबित होंगी। धन्यवाद!
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PhD kaise kare: जानिए स्टेप बाय स्टेप गाइड
- Updated on
- मई 17, 2023
Ph.D. रीसर्च के आधार पर की जाने वाली डिग्री है। जिसमे विद्यार्थी अपनी पसंद के मुताबिक़ विषय चुनकर उसपर विस्तार से ज्ञान हासिल कर सारी जानकारी को एक जगह एकत्रित करता है जिसे थीसिस कहा जाता है। इसका मकसद यह रहता की आगे उस विषय पर जान्ने के लिए उस थीसिस का इस्तमाल किया जा सकता है और विषय पर जानकारी ली जा सकती है। एक Ph.D. होल्डर ज़्यादातर प्रोफेसर , असिस्टेंट प्रोफेसर , लेखक आदि के रूप में अपने भविष्य को आकार देते है । लेकिन स्कोप बेहद है। PhD kaise kare इसके लिए योग्यता, आवेदन प्रक्रिया, टॉप यूनिवर्सिटीज आदि के बारे में इस ब्लॉग में विस्तार से बताया गया है।
This Blog Includes:
Phd क्या है, phd क्यों करें, प्रोफेशनल डॉक्टरेटस, उच्च डॉक्टरेटस, न्यू रूट phd, टॉप पीएचडी कोर्सेज, phd होल्डर की ज़िम्मेदारीयां, phd kaise kare स्टेप बाय स्टेप गाइड, phd के लिए दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज़, टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज़ , पीएचडी की फीस, phd के लिए योग्यता , आवेदन प्रक्रिया, phd के लिए एंट्रेंस एग्जाम, phd के लिए छात्रवृत्तियां, phd के बाद करियर और सैलरी.
PhD की फुल फॉर्म Doctor of Philosophy है। PhD विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदान की जाने वाली विद्या-संबंधी डिग्री में सबसे ऊंची डिग्री मानी जाती हैं । PhD साथ-साथ एक पोस्ट ग्रेजुएट कि डॉक्टरेट डिग्री हैं जिसकी पूर्ती के बाद PhD करने वाले के नाम से पहले डॉ लग जाता हैं। वो विद्यार्थी जो अपने पसंद के विषय में महारथ हासिल करना चाहतें हैं। पीएचडी को चुनते हैं जिसमें उन्हें उस विषय पर रीसर्च कर उसकी बेहतर जानकारी होना और उस पर लिखना शामिल होता हैं। एक पीएचडी होल्डर अपना करियर किसी भी तरह से शुरू कर सकता हैं। मूलतः विद्यार्थीओ का पीएचडी करने का उद्देश्य प्रोफेसर बनना या रिसर्चर बनना होता हैं।
PhD शिक्षा प्रणाली का एक महत्पूर्व अंग हैं। PhD का मूल उद्देश्य ही नई खोज को जन्म देना और अलग अलग विषयो के बारे में गहरायी से ज्ञान अर्जित कर उसे सब तक पहुँचाना हैं। नई स्किल्स को उभारना और विकसित करना, नई चीज़ो को जान पाना और समझ पाना इसकी असल परिभाषा हैं। तो अगर आप वे व्यक्ति हैं जो किसी विषय कि गहराई में जाने में दिलचस्पी रखता हैं तो पीएचडी आपके लिए हैं।
PhD के प्रकार
एक समय था जब PhD कि महत्वता को कम बढ़ावा दिया जाता था या कह लीजिये कि PhD कम प्रचलित हुआ करती थी। लेकिन समय के साथ PhD होल्डर्स के लिए कई द्वार खुले और PhD कि महत्वता बढ़गयी। अब PhD सिर्फ ज्ञान अर्जित करने स्त्रोत नहीं हैं। कई नौकरिया और प्रोफेशंस PhD होल्डर्स को ही प्राथमिकता देते हैं जोकि PhD होल्डर्स के करियर को बेहतरी कि और ले जाता हैं और नए विकल्प प्रदान करता हैं। Ph.D. कैसे करें, के इस ब्लॉग में PhD के कुछ प्रकार विस्तार में दिए गए हैं:
एक प्रोफेशनल डॉक्टरेट का मूल उद्देश्य वास्तविक समस्याओं पर रिसर्च कर उसे लागू करना हैं। जटिल परिस्तिथ्यो का उपाय निकालना और उसको डिज़ाइन करना ताकि प्रोफेशनल कार्यो में विपदा आने पर उसका निवारण हो सके। वो प्रोफेशन कोई भी हो सकता हैं। लेकिन किन कार्यो से उस समस्या का उपाय निकलेगा ये रिसर्च करके ही मालूम चल सकता हैं। इस प्रकार के PhD कोर्स को इंजीनियरिंग, मेडिसिन जैसे विषयों पर रिसर्च करने के लिए विद्यार्थियों द्वारा चुना जाता है। PhD के इस प्रकार को उन विद्यार्थियों द्वारा चुना जाता है, जो डिग्री पूरी करने के बाद एक विशेष प्रोफेशनल करियर विकल्प को चुनना चाहते हैं।
उच्च डॉक्टरेट एक प्रकार हैं जिसमे स्कॉलर्स को औपचारिक रूप से सार्वजनिक मान्यता दी जाती हैं। वो PhD होल्डर्स जिन्होंने अपने विषय में सामाजिक तौर पर एक अलग छाप छोड़ी हैं उन्हें ये डिग्री देकर सम्मानित किया जाता हैं। इस प्रकार की डिग्री के लिए कैंडिडेट को इंटरनल और एक्सटर्नल एग्ज़ामीनर कमिटी की सिफ़ारिश पर विशेष ग्रांट्स की आवश्यकता होती है। Ph.D. के इस प्रकार में Doctor of Divinity (DD), Doctor of Literature/ Letters (DLit/D’Litt/LitD/LittD), Doctor of Science (DS/SD/DSc/ScD), Doctor of Civil Law (DCL), Doctor of Music (DMus/MusD) और Doctor of Law (LLD) जैसे कई पुरस्कार शामिल हैं।
PhD के इस प्रकार में एडमिशन लेने के लिए विद्यार्थियों को PhD शुरू करने से एक वर्ष पहले MRes यानी एक साल रिसर्च में मास्टर डिग्री लेना अनिवार्य है। इस कोर्स में पढ़ाए गए सभी आयामों को प्रैक्टिकल अनुभव और इंडिपेंडेंट रिसर्च के साथ मिलाकर परिणाम पर आया जाता हैं।। विद्यार्थियों के पास एजुकेशन, मीडिया, एडवांस IT, भाषाओ और बिज़नेस जैसे क्षेत्र में रिसर्च करने के लिए विस्तृत तरीके और बेहतर स्किल्स कि ज़रूरत होती है।
कई बार कुछ कारण वर्श ऑफलाइन PhD करना और क्लास लेना मुमकिन नहीं हो पाता हैं। ऐसे विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन PhD एक अच्छा विकल्प हैं। जैसा कि आप नाम से समझ पा रहे होंगे इस कोर्स में आपको यूनिवर्सिटी जाकर अपनी डिग्री पूरी करना अनिवार्य नहीं हैं। दुनिया कि वो आबादी जो काम करती हैं और डॉक्टरेट डिग्री चाहती हैं वो इस विकल्प के माध्यम से डिग्री पा सकते हैं। नीचे कुछ PhD कोर्सेज़ की लिस्ट दी गई है:
टॉप पीएचडी कोर्सेज की लिस्ट नीचे दी गई है:
साइंस स्ट्रीम में बेस्ट पीएचडी कोर्स
- PhD in physics
- PhD in Chemistry
- PhD in Mathematics
- PhD in Bioscience
- PhD in Clinical Research
- PhD in Biotechnology
- PhD in zoology
- PhD in Bioinformatics
- PhD in Environmental Science and Engineering
ह्यूमैनिटी में बेस्ट पीएचडी कोर्स
- PhD Economics
- PhD in Humanity
- PhD in Geography
- PhD in English
- PhD in Psychology
- PhD in Physiology
- PhD in Arts
- PhD in social work
- PhD in Public Policy
इंजीनियरिंग में बेस्ट पीएचडी कोर्स
- PhD in Civil Engineering
- PhD in Engineering and Technology
- PhD Computer Science Engineering
- PhD in Information Technology
- PhD in Chemical Engineering
- PhD in Mechanical Engineering
- PhD in Electronics and Communication Engineering
बिजनेस और मैनेजमेंट में बेस्ट पीएचडी कोर्स
- PhD in Business Administration
- PhD in Management
- PhD in Commerce
- PhD in Marketing/Brand Management
- PhD in Accounting and Financial Management
मेडिकल में बेस्ट पीएचडी कोर्स
- PhD in Paramedical
- Doctorate of Medicine (Cardiology)
- PhD in Medicine
- PhD in Radiology
- PhD in Medical Physics
- PhD in Pathology
- PhD in Neuroscience
- Doctor of Medicine in Homeopathy
PhD होल्डर की ज़िम्मेदारीयां विस्तार से नीचे दिए टेबल में दी गयीं हैं:
PhD kaise kare के लिए step-by-step guide नीचे दिया गया है:
- Step 1: कैंडिडेट को 12 साल की बुनियादी शिक्षा ( कक्षा 1st -12th ) पूरी होना अनिवार्य हैं।
- Step 2: PhD करने के लिए किसी भी विषय से बैचलर डिग्री में पास होना अनिवार्य हैं।
- Step 3: आपको कम से कम 50%-55% के साथ मास्टर डिग्री में पास होना ज़रूरी है। मास्टर डिग्री में पास होने के बाद ही आप PhD के लिए योग्य साबित होते हैं।
- Step 4: मास्टर डिग्री के बाद PhD में एडमिशन लेने के लिए आपको UGC-NET, TIFR,JRF-GATE या स्टेट लेवल के एंट्रेंस एग्ज़ाम पास करने होंगे।
- Step 4: एंट्रेंस एग्ज़ाम पास करने के बाद आप अपनी पसंद और कोर्स के अनुसार PhD के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
- Step 5: अधिकतर PhD कॉलेजेस में एडमिशन लेने के लिए व्यक्तिगत इंटरव्यू आयोजित किया जाता है। वह क्लियर करने के बाद ही आपको PhD में एडमिशन मिलता है।
PhD kaise kare और कहाँ से करें के लिए दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज़ की लिस्ट नीचे दी गई है:
PhD kaise kare और कहाँ से करें के लिए टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज़ की लिस्ट नीचे दी गई है:
- दिल्ली विश्वविद्यालय
- JNU, दिल्ली
- बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी
- महाऋषि दयानन्द यूनिवर्सिटी
- अन्नामलाई यूनिवर्सिटी
- एडम्स यूनिवर्सिटी
- अलाहबाद स्टेट यूनिवर्सिटी
- बनस्थली विद्यापीठ
- डॉ बी.आर.आंबेडकर यूनिवर्सिटी ऑफ़ सोशल साइंस
- जैन यूनिवर्सिटी
- गुरु घासीदास विश्वविद्यालय
- अरुणाचल यूनिवर्सिटी ऑफ़ स्टडीज़
किसी भी कॉलेज में पीएचडी की फीस बहुत से फैक्टर्स पर निर्भर करती है। सरकारी कॉलेज में PhD की फीस लगभग ₹20,000 से ₹60,000 तक हो सकती है। जबकि प्राइवेट कॉलेज में ₹30,000 से ₹1,50,000 तक हो सकती है।
- आईआईटी बॉम्बे (IIT B) – लगभग ₹60,000
- आईआईटी दिल्ली – लगभग ₹45,000
- आईआईटी कानपुर – लगभग ₹65,000
- यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली – लगभग ₹10,000
- आईआईटी मद्रास – लगभग ₹20,000
योग्यताओ से अर्थ है , वो बातें जो PhD करने से पहले आपको रखनी होंगी ध्यान में। जिनकी पूर्ती ना होने पर आप PhD में एडमिशन नहीं ले पाएंगे। विश्विद्यालयों की बात करें तो सभी विश्विद्यालयों का माप दंड एक सा नहीं होता। सामान्य तौर पर हर यूनिवर्सिटी में निम्नलिखित योग्यताओ का होना आवश्यक है।
- PhD कोर्स में अप्लाई करने के लिए विद्यार्थीयों को 10+2 में कम से कम 50% अंकों के साथ पास होना आवश्यक है।
- PhD के लिए आपको संबंधित कोर्स में मास्टर डिग्री कम से कम 50%-55% अंकों के साथ पास करनी ज़रूरी है।
- भारत में PhD कोर्स में एडमिशन लेने के लिए आपको UGC-NET , TIFR, JRF-GATE या स्टेट लेवल के एंट्रेंस परीक्षा पास करने होंगे।
- विदेश में PhD करने के लिए कोई विशेष एंट्रेंस परीक्षा नहीं है, हालाँकि कुछ यूनिवर्सिटीज़ द्वारा एंट्रेंस परीक्षा संचालित करवाई भी जाती है।
- इंटरनेशनल विद्यार्थियों को भी PhD में एडमिशन लेने के लिए एक रिसर्च प्रपोज़ल, रिसर्च इंटरेस्ट एंड मेथोडोलॉजी की आवश्यकता होती है। जिससे आपके रिसर्च में आपकी दिलचस्पी और कार्य की गंभीरता का माप दंड लगाया जाएगा।
- आपकी अंग्रेजी में कुशलता को मापने के लिए एक अच्छा IELTS/ TOEFL स्कोर महत्व रखता है।
- स्टेटमेंट ऑफ़ पर्पस यह एक लिखित स्टेटमेंट होती है जो आपके व्यक्तित्व को दर्शाती है।
- अंग्रेजी में निबंध
- लेटर ऑफ़ रिकमेन्डेशन या LOR s
- अपडेटेड प्रोफेशनल रज़ूमे
किसी भी कोर्स में प्रवेश के लिए हर यूनिवर्सिटी की एक निर्धारित आवेदन प्रक्रिया होती है। सभी छात्रों का एडमिशन इसी प्रक्रिया के आधार पर होता हैं और जो इस प्रक्रिया को सफलता से पूर्ण कर लेते हैं उनका एडमिशन हो जाता हैं। भारत में आने वाली यूनिवर्सिटीज़ की आवेदन प्रक्रिया और विदेश में आने वाली यूनिवर्सिटीज़ की आवेदन प्रक्रिया में अंतर हैं। आइए इन्हे विस्तार से समझते हैं।
विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है–
- आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं।
- एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे।
- अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP , निबंध, सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS , TOEFL , SAT , ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है।
- यदि आपने अभी तक अपनी IELTS , TOEFL , PTE , आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
- आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीजा और छात्रवृत्ति / छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे ।
- अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है।
भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है–
- सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
- यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
- फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
- अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
- इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
- यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।
PhD के लिए आवश्यक दस्तावेज
PhD kaise kare के लिए आवश्यक दस्तावेज नीचे दिए गए हैं:
- आपका शैक्षणिक रिकॉर्ड (12th,बैचलर डिग्री,मास्टर डिग्री)
- अंग्रेजी में कुशलता का प्रमाण पत्र ( मुख्य रूप से IELTS/ TOEFL स्कोर )
- लेटर ऑफ़ रिकमेन्डेशन या LOR s
- स्टेटमेंट ऑफ़ पर्पस यह एक लिखित स्टेटमेंट होती है जो आपके व्यक्तित्व को दर्शाती है।
- अपडेटेड प्रोफेशनल रिज्यूमे
पीएचडी के लिए एंट्रेंस एग्जाम की लिस्ट नीचे दी गई है:
- CSIR – UGC NET
- JNU Entrance Examination
- AIIMS PhD Entrance Exam
PhD kaise kare इसके लिए आप नीचे दी गई टॉप स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई कर सकते हैं :
PhD के बाद आप प्रोफेस्सर के अलावा राइटर, रिसर्चर, बैंक इन्वेस्टर आदि क्षेत्रों में भी अपना करियर बना सकते हैं। आपकी सैलरी में आपके स्किल्स और एक्सपीरियंस के अनुसार उतार-चढ़ाव आते हैं। PhD के बाद कुछ प्रसिद्ध जॉब प्रोफाइल और उनकी सैलरी glassdoor.co.in के अनुसार नीचे दी गई है:
जी नहीं, PhD करने के लिए कोई age limit नहीं होती।
-आपका शैक्षणिक रिकॉर्ड (12th,बैचलर डिग्री,मास्टर डिग्री) -अंग्रेजी में कुशलता का प्रमाण पत्र ( मुख्य रूप से IELTS/ TOEFL स्कोर ) -लेटर ऑफ़ रिकमेन्डेशन या LOR s – स्टेटमेंट ऑफ़ पर्पस यह एक लिखित स्टेटमेंट होती है जो आपके व्यक्तित्व को दर्शाती है। -अंग्रेजी में निबंध -अपडेटेड प्रोफेशनल रज़ूमे
जी, हाँ भारत में PhD के लिए UGC-NET, स्टेट लेवल या यूनिवर्सिटी लेवल के एंट्रेंस एग्ज़ाम पास करना आवश्यक है।
PhD Admission 2021: नई शिक्षा नीति के तहत फैसला किया गया है कि PhD कोर्स में एडमिशन के लिए अभ्यर्थियों का NET क्वालीफाई करना जरूरी है.
-केमिस्ट्री में P hD- केमिकल रिसर्च सेंटर्स एंड लेबोरेटरीज में एनालिस्ट -जियोलॉजी में p hd- जियोलॉजिकल सेंटर्स में हेड ऑफ़ सर्विस -न्यूट्रीशन में phd- साइंटिफिक एडवाइजर -बायोकेमिस्ट्री में p hd- पेटेंट लॉयर -लॉ में p hd- गवर्नमेंट सेक्टर्स में एडवाइजरी पोजीशन्स -इंग्लिश लिटरेचर में p hd- कॉलेज प्रोफेसर आदि।
Phd में आप अपनी मर्ज़ी से विषय का चुनाव कर सकते है। यह आप पर निर्भर करता है। कुछ प्रमुख phd के विषय निम्नलिखित हैं। हिंदी , अंग्रेजी , होम साइंस , एग्रीकल्चर , इतिहास , फाइन आर्ट्स , सर्जरी , जियोलॉजी , जियोग्राफी , अकॉउंटिंग , बायोमिस्ट्री , फार्मेसी आदि।
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हिमानी महर्षि
A writer with more than 3 years of experience in various fields of communication, I takes great pleasure in helping students and their parents by addressing their queries regarding their journey to study abroad via blogs, News and Quora.
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M Sc Statistics in Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth Varanasi Dates, Entrance Exams, Eligibility, Selection, Admission Process 2024
Mahatam gandhi kashi vidyapeeth in varanasi m sc statistics admission 2023.
Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth in Varanasi is a State Government in Uttar Pradesh. Founded in 10 February 1921, the university is located in Varanasi. University offers M Sc Statistics Courses in various fields. Admission to all these courses is based on merit in national & state-level entrance test scores or entrance test / personal interview conducted by the University itself. The university offers various need and merit-based scholarships for needy students. The campus is well equipped with various facilities for students such as a hostel, transport facilities, playground, Wifi campus, computer lab, ATM facility, central library, cafeteria, workshop, extracurricular activities, music room, and auditorium, etc.
Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth in Varanasi Highlights
Mahatam gandhi kashi vidyapeeth in varanasi application form 2024.
If you are looking for top universities in Uttar Pradesh then check eligibility and apply on time. Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth in Varanasi releases the application form for admission 2024 for all its courses. Important details on Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth in Varanasi Application Form 2024 are as follows.
The university releases Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth Varanasi 2024 Application Form at www.mgkvp.ac.in
You should enter personal details, educational information, and contact details correctly in the Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth Imphal application form.
Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth in Varanasi invites applications from interested students on a yearly basis.
The application form fees for Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth Imphal admission form is as per the notification.
Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth in Varanasi Admission Application Form: How to Apply?
For applying to Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth, the students must follow these steps:
Required Documents
The students submit the following documents:
- Mark sheets
- Recent passport-size photo
- Date of birth proof
- Caste certificates
Facilities of Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth in Varanasi
The campus of Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth in Varanasi offers accommodation for its teaching faculties, non-teaching staff, and nursing staff, as well as a hostel for resident doctors and students of both genders. Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth in Varanasi also provides a range of recreational amenities, including a contemporary gymnasium, an indoor sports complex, and outdoor sports facilities. Furthermore, BU Karamsad facilities include various dining options, such as student mess, cafeterias, and restaurants, as well the college provides banking services, ATMs, photocopying facilities, and a bookstore.
Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth in Varanasi M Sc Statistics Admission
Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth in Varanasi M Sc Statistics is a 2 Years duration, a postgraduate level degree which is offered by various. This course is available in various specializations such as Biology, Physics, Chemistry, Microbiology, Botany, Zoology, Biotechnology, Mathematics, Environmental Sciences, life sciences, and many more. The duration of the degree also depends on the specialization as opted by the student. Through the course, students can acquire advanced theoretical as well as practical knowledge in terms of various M Sc Statistics. Specialisations. Candidates interested in pursuing M Sc Statistics courses have to fill out the application form and appear for the entrance exam to seek admission in Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth in Varanasi of India. Candidates can visit the official website for the application form.
Eligibility Criteria For M Sc Statistics At Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth in Varanasi
A candidate must have completed a Bachelor’s degree in science from a recognized university.
A candidate must have scored at least more than 50% marks in the B.Sc. program.
There is no age limit for pursuing a Master Of Science In Statistics degree.
M Sc Statistics Course Details
Types of m sc statistics courses.
The M Sc Statistics course is one of the most popular and sought-after courses in India. The demand for M Sc Statistics is increasing rapidly every year as the minimum requirement for many jobs is M Sc Statistics and better salaries are offered for the candidates who have completed M Sc Statistics in Various Streams. The various ways to pursue M Sc Statistics degree by the students are provided below.
M Sc Statistics Full-Time Regular Course
Master Of Science In Statistics is offered as a regular full-time course in any stream by Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth in Varanasi in India.
The duration of the M Sc Statistics Course of full-time is two years however, some of the institutions do offer the course for four years.
The full-time course is a preferred mode, as most science-related courses require practical exposure.
M Sc Statistics Distance Education
Many prestigious and highly reputed universities and colleges do offer M Sc Statistics in distance education, the duration of the course may range from two to five years, and that depends upon the offering institution.
Even though M Sc Statistics in distance mode is not a very good option, it is still opted by working professionals and those who want to do such a course but cannot afford the fee structure.
The M Sc Statistics admission to distance mode is taken on the basis of merit as well as entrance-based.
M Sc Statistics Online
Master Of Science In Statistics course can also be pursued in an online mode by the students.
The colleges and universities, which are from outside India, mainly offer the online mode of education at the postgraduate level.
M Sc Statistics online courses are also available for 2-4 years, which depends on the college where the students have planned to take M Sc Statistics admission.
The M Sc Statistics admission process is mainly merit-based for online courses.
As M Sc Statistics online is mainly offered by foreign universities, the average M Sc Statistics course fee structure updated soon.
Syllabus of M Sc Statistics - Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth in Varanasi
The Syllabus for M Sc Statistics admission from Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth in Varanasi varies depending on the specialization chosen. However, some common topics covered in the M Sc Statistics program at the Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth in Varanasi are:
- Ancillary Mathematics
- Measure Theory and Probability
- Distribution Theory
- Matrix Algebra and Numerical Analysis (Practical)
- Distribution Theory (Practical)
- Computer Programming (Practical)
- Inference I
- Sample Surveys
- Linear Models and Regression Analysis
- Inference I (Practical)
- Sample Surveys (Practical)
- Linear Models and Regression Analysis (Practical)
- Inference II
- Design of Experiments
- Time Series Analysis
- Inference II (Practical)
- Design of Experiments (Practical)
- Time Series Analysis (Practical)
- Multivariate Analysis
- Econometrics and Economic Statistics
- Environmental Statistics
Note : The exact syllabus may vary for different specializations, and candidates are advised to check the Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth Varanasi website for more details
Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth in Varanasi Master Of Science In Statistics - M Sc Statistics Admission Date
Please note that the application deadline for the early round is earlier than the regular and late rounds. Applicants who apply in the Earlybird round will be given priority over those who apply in the regular or late rounds.
To apply for an M Sc Statistics. program at Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth in Varanasi, please visit the university website: www.mgkvp.ac.in
Here are some additional details about the admission process:
Applicants must have a bachelor's degree in a relevant field with a minimum of 50% marks.
Applicants must have a valid score in the Graduate Aptitude Test in Engineering (GATE) or any other equivalent national-level entrance exam.
Applicants must submit the following documents:
- Application form
- Transcripts of all academic records
- Scores of any national-level entrance exams
- Two passport-size photographs
Selection Criteria Master Of Science In Statistics [M Sc Statistics] at Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth in Varanasi
How to apply for master of science in statistics - [m sc statistics] course at mahatam gandhi kashi vidyapeeth in varanasi.
1. Research the Available Programs : Visit the respectable website of Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth in Varanasi and explore the M Sc Statistics applications provided in diverse disciplines. Identify the precise department or college that aligns with your desired area of specialization.
2. Check Eligibility Criteria : Review the eligibility standards for the M Sc Statistics application, Ensure that you meet the instructional qualifications, including protecting relevant bachelor's diplomas from a diagnosed university, and some other particular requirements referred to by the university.
3. Obtain the Application Form : Obtain the utility shape for the M Sc Statistics software. You can download it from the university's website or request it from the admissions office.
4. Fill within the Application Form : Complete the software form with correct and applicable facts. Provide information inclusive of your private statistics, educational historical past, contact details, and any other required statistics.
5. Gather Required Documents : Collect all the important documents for your utility,. These generally include:
Academic transcripts: Submit copies of your instructional transcripts, consisting of undergraduate degree certificates and mark sheets.
Proof of identification: Include a replica of your identity document (e.g., passport, Aadhaar
Letters of recommendation: Some universities may require letters of recommendation from academic referees who can attest to your educational capabilities and ability.
Statement of motive: prepare an assertion of cause (SOP) or nonpublic assertion that outlines your motivation for pursuing an M Sc Statistics diploma, your research pursuit, and your destined professional dreams.
" Other helping files: Depending on the university's necessities, you may need to offer additional documents consisting of a resume, work reveals in certificates or any specific documents associated with the program or area you are applying to.
1. Pay the Application Fee : Pay the application charge, if relevant. Check the university's internet site or contact the admissions office for records about the fee technique and fee amount. Ensure that you follow the required fee commands.
2. Submit the Application : Submit your completed utility form alongside all of the required files to the admissions workplace of Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth in Varanasi. Follow the commands provided with the aid of the university concerning the submission procedure, whether or not it is through a web utility portal, electronic mail, or mail.
3. Track Application Status : After filing your application, maintain the music of the application status. The university may provide updates through its reputable internet site or through email. Make certain to reply directly to any communication from the university at some point in the selection manner.
Job Profiles After Completed M Sc Statistics Course At Mahatam Gandhi Kashi Vidyapeeth Varanasi
Check out some of the MSc jobs in India, in the tabulation form below.
Offered Course
Admission Helpline Numbers
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