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समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)

समाचार पत्र

वर्तमान काल में यदि संसार के किसी भी कोने में कोई भी घटना घटित हो तो उसके अगले दिन हमारे पास उसकी खबर आ जाती है। ऐसा सिर्फ समाचार पत्रों के कारण ही संभव हो होता है। आज के समय में बिना समाचार पत्र के जीवन की कल्पना करना भी काफी कठिन है। यह वो पहली और आवश्यक वस्तु है, जिसे सभी हर सुबह सबसे पहले देखते हैं। यह हमें पूरे विश्व में हो रही घटनाओं के बारे में जानकारी देकर वर्तमान समय से जुड़े रखने में हमारी मदद करता है। समाचार पत्र व्यापारियों, राजनितिज्ञों, सामाजिक मुद्दों, बेरोजगारों, खेल, अन्तरराष्ट्रीय समाचार, विज्ञान, शिक्षा, दवाइयों, अभिनेताओं, मेलों, त्योहारों, तकनीकों आदि की जानकारी हमें देता है। यह हमारे ज्ञान कौशल और तकनीकी जागरूकता को बढ़ाने में भी हमारी सहायता करता है।

समाचार पत्र पर बड़े तथा छोटे निबंध (Long and Short Essay on Newspaper in Hindi, Samachar Patra par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (300 शब्द).

आजकल, समाचार पत्र जीवन की एक आवश्यकता बन गया है। यह बाजार में लगभग सभी भाषाओं में उपलब्ध होता है। एक समाचार पत्र खबरों का प्रकाशन होता है, जो कागजों पर छापा जाता है और लोगों के घरों में वितरित किया जाता है। अलग-अलग देश अपना अलग समाचार संगठन रखते हैं। अखबार हमें अपने देश में हो रही सभी घटनाओं के साथ ही संसार में हो रही घटनाओं से भी अवगत कराते हैं। यह हमें खेल, नीति, धर्म, समाज, अर्थव्यवस्था, फिल्म उद्योग, फिल्म (चलचित्र), भोजन, रोजगार आदि के बारे में बिल्कुल सटीक जानकारी देता है।

समाचार पत्र का उपयोग

पहलेके समय में, समाचार पत्रों में केवल खबरों का विवरण प्रकाशित होता था। हालांकि, अब इसमें बहुत से विषयों के बारे में खबरें और विशेषज्ञों के विचार यहाँ तक कि, लगभग सभी विषयों की जानकारी भी निहित होती है। बहुत से समाचार पत्रों की कीमत बाजार में उनकी खबरों के विवरण और उस क्षेत्र में प्रसिद्धि के कारण अलग-अलग होती है। समाचार पत्र या अखबार में दैनिक जीवन की सभी वर्तमान घटनाएं नियमित रुप से छपती है हालांकि, उनमें से कुछ हफ़्ते या सप्ताह में दो बार, एक बार या महीने में एक बार भी प्रकाशित होती है।

समाचार पत्र

समाचार पत्र लोगों की आवश्यकता और जरूरत के अनुसार लोगों के एक से अधिक उद्देश्यों की पूर्ति करता है। समाचार पत्र बहुत ही प्रभावी और शक्तिशाली होते हैं और संसार की सभी खबरों व सूचनाओं को एक साथ एक स्थान पर लोगो को पहुंचाते हैं। सूचनाओं की तुलना में इसकी कीमत बहुत कम होती है। यह हमें हमारे चारों ओर हो रही सभी घटनाओं के बारे में सूचित करता रहता है।

यदि हम प्रतिदिन नियमित रुप से समाचार पत्र पढ़ने की आदत बनाते है, तो यह हमारे लिए काफी लाभदायक हो सकता है। यह हम में पढ़ने की आदत को विकसित करता है, हमारे प्रभाव में सुधार करता है और हमें बाहर के बारे में सभी जानकारी देता है। यहीं कारण है कि कुछ लोगों को नियमित रुप से प्रत्येक सुबह अखबार पढ़ने की आदत होती है।

निबंध 2 (400 शब्द)

इन दिनों समाचार पत्र बहुत ही महत्वपूर्ण वस्तु है। यह सभी के लिए अपने दिन की शुरुआत करने के लिए पहली और महत्वपूर्ण वस्तु है। अपने दिन की शुरुआत ताजी खबरों और सूचनाओं के साथ करना बहुत ही बेहतर होता है। यह हमें आत्मविश्वासी बनाता है और हमारे व्यक्तित्व को सुधारने में हमारी मदद करता है। यह सुबह में सबसे पहले हम सभी को ढेर सारी सूचनाओं और खबरों की जानकारी प्रदान करता है। देश का नागरिक होने के नाते, हम अपने देश व दूसरे देशों में होने वाली सभी घटनाओं और विवादों के बारे में जानने के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। यह हमें राजनीति, खेल, व्यापार, उद्योग आदि के बारे में सूचित करता है। यह हमें बॉलीवुड और व्यावसायिक हस्तियों के व्यक्तिगत जीवन के बारे में भी जानकारी देता है।

समाचार पत्र का इतिहास

हमारे देश भारतवर्ष में अंग्रेजों के आने के पहले तक समाचार पत्रों का प्रचलन नहीं था। अंग्रेजों ने ही भारत में समाचार पत्रों का विकास किया। सन 1780 में भारत का सबसे पहला समाचार पत्र कोलकाता में प्रकाशित किया गया जिसका नाम था “दी बंगाल गैजेट” जिसका सम्पादन जेम्स हिक्की ने किया था। यही वो क्षण था जब से भारत में समाचार पत्रों का विकास हुआ। आज भारत में विभिन्न भाषाओं में समाचार पत्र प्रकाशित किये जा रहे हैं।

समाचार पत्र क्या है ?

समाचार पत्र हमें संस्कृति, परम्पराओं, कलाओं, पारस्परिक नृत्य आदि के बारे में जानकारी देता है। ऐसे आधुनिक समय में जब सभी व्यक्तियों को अपने पेशे या नौकरी से अलग कुछ भी जानने का समय नहीं है, ऐसी स्थिति में यह हमें मेलों, उत्सवों, त्योहारों, सांस्कृतिक त्योहारों आदि का दिन व तारीख बताता है। यह समाज, शिक्षा, भविष्य, प्रोत्साहन संदेश और विषयों के बारे में खबरों के साथ ही रुचि पूर्ण वस्तुओं के बारे में बताता है, इसलिए यह हमें कभी भी नहीं ऊबाता है। यह हमें हमेशा संसार में सभी वस्तुओं के बारे में अपने रुचि पूर्ण विषयों के माध्यम से प्रोत्साहित करता है।

वर्तमान समय में, जब सभी लोग अपने जीवन में इतने व्यस्त है, ऐसे में उनके लिए बाहरी संसार के बारे में सूचनाओं या खबरों की जानकारी होना बहुत ही मुश्किल से संभव है, इसलिए समाचार पत्र इस तरह की कमजोरी को हटाने का सबसे अच्छा विकल्प है। यह हमें केवल 15 मिनट या आधे घंटे में किसी घटना की विस्तृत जानकारी दे देता है। यह सभी क्षेत्रों से संबंधित व्यक्तियों के लिए बहुत ही लाभदायक है क्योंकि यह सभी के अनुसार जानकारियों को रखता है जैसे विद्यार्थियों, व्यापारियों, राजनेताओं, खिलाड़ियों, शिक्षकों, उद्यमियों आदि।

निबंध 3 (500 शब्द)

समाचार पत्र हमारे पास प्रतिदिन सुबह में आता है और इसे पढ़कर काफी जानकारी प्राप्त होती है, जिसके कारण हमें कई तरह की सुविधाएं प्रदान करता है। समाचार पत्र दिन-प्रतिदिन अपने बढ़ते हुए महत्व के कारण सभी क्षेत्रों में बहुत ही प्रसिद्धि प्राप्त कर रहा है, चाहे वो क्षेत्र पिछड़े हुआ हो या उन्नत समाज में लोग अपने ज्ञान स्तर और सामयिक घटनाओं, विशेष रुप से राजनीति और बॉलीवुड के बारे में जानने के लिए अधिक उत्साहित रहते हैं। विद्यार्थियों के लिए समाचार पत्र पढ़ना बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सभी के बारे में सामान्य जानकारी देता है। यह उनकी किसी भी सरकारी या गैर-सरकारी नौकरी के लिए तकनीकी या प्रतियोगी परीक्षा को पास करने में भी हमारी मदद करता है।

समाचार पत्र का महत्व

समाचार पत्र पढ़ना बहुत ही रुचि का कार्य है। यदि कोई इसे नियमित रुप से पढ़ने का शौकीन हो गया तो वह कभी भी समाचार पत्र पढ़ना नहीं छोड़ सकता/सकती। यह विद्यार्थियों के लिए बहुत अच्छा है क्योंकि यह हमें सही ढंग से अंग्रेजी बोलना सिखाता है। अखबार अब देश के पिछड़े हुए क्षेत्रों में भी बहुत प्रसिद्ध हो गए हैं। किसी भी भाषा को बोलने वाला व्यक्ति समाचार पत्र पढ़ सकता है क्योंकि यह विभिन्न भाषाओं जैसे कि हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू आदि में प्रकाशित होता है। समाचार पत्र हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमारे लिए दुनिया भर के कोनों से सैंकड़ों खबरें लाता है।

समाचार पत्र: राजनीति की सभी गतिविधियों की जानकारी

समाचार हमारे लिए सबसे पहली रुचि और आकर्षण है। बिना समाचार पत्र और खबरों के, हम बिना पानी की मछली से अधिक और कुछ नहीं हैं। भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहाँ जनता का अपने देश पर शासन होता है, इसलिए उनके लिए राजनीति की सभी गतिविधियों को जानना बहुत आवश्यक है। आधुनिक तकनीकी संसार में, जहाँ सब कुछ उच्च तकनीकियों पर निर्भर करता है, समाचार और खबरें कम्प्यूटर और इंटरनेट पर भी उपलब्ध हैं। इंटरनेट का प्रयोग करके, हम संसार की सभी सूचनाओं को प्राप्त कर सकते हैं। किसी भी सामाजिक मुद्दे के बारे में सामान्य जनता में जागरूकता बढ़ाने के लिए समाचार पत्र सबसे अच्छा तरीका है। इसके साथ ही यह देश की आम जनता और सरकार के बीच संवाद करने का सबसे अच्छा तरीका है।

आज की लोकप्रिय व्यवस्था में समाचार पत्रों का अत्यधिक महत्व होता है। समाचार पत्र ज्ञानवर्धन का साधन होते हैं इसलिए हमें नियमित रूप से उनका अध्ययन करनी की आदत डालनी चाहिए। समाचार पत्रों के बिना आज के युग में जीवन अधुरा है। आज के समय में समाचार का महत्व बहुत बढ़ चुका है क्योंकि आज के आधुनिक युग में शासकों को जिस चीज से सबसे ज्यादा भय है वह समाचार पत्र हैं।

Newspaper Essay in Hindi

निबंध 4 (600 शब्द)

समाचार पत्र बहुत ही शक्तिशाली यंत्र है जो व्यक्ति के आत्मविश्वास और व्यक्तित्व को विकसित करता है। यह लोगों और संसार के बीच वार्ता का सबसे अच्छा साधन है। यह ज्ञान का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है। यह अधिक ज्ञान और सूचना प्राप्त करने के साथ ही कुशलता के स्तर को बढ़ाने का सबसे अच्छा स्रोत है। यह लगभग सभी क्षेत्रों में उपलब्ध होता है, इसके साथ ही इसकी कीमत भी बहुत कम होती है। हम समाचार पत्रों तक आसानी से पहुँच सकते हैं। इसके लिए हमें केवल किसी भी समाचार पत्र के संगठन में सम्पर्क करके इसके लिए केवल भुगतान करने की जरूरत होती है। यह देश की विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित होता है। बहुत सारे लोग प्रतिदिन सुबह बहुत ही साहस के साथ समाचार पत्र का इंतजार करते हैं।

समाचार पत्र का सकारात्मक प्रभाव

समाचार पत्र समाज के लोगों को सकारात्मक रुप से प्रभावित करता है क्योंकि आज के समय में  सभी लोग देश की सामयिक घटनाओं को जानने में रुचि रखने लगे हैं। समाचार पत्र सरकार और लोगों के बीच जुड़ाव का सबसे अच्छा तरीका है। यह लोगों को पूरे संसार की सभी बड़ी व छोटी खबरों का विवरण प्रदान करता है। यह देश के लोगों को नियमों, कानूनों और अधिकारों के बारे में जागरूक बनाता है। समाचार पत्र विद्यार्थियों के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि ये विशेष रुप से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर का सामान्य ज्ञान और सामयिक घटनाओं के बारे में बताता है। यह हमें सभी खुशियों, विकासों, नई तकनीकियों, शोधो, खगोलीय और मौसम में बदलावों, प्राकृतिक वातावरण आदि की सूचना देता है।

यदि हम प्रतिदिन नियमित रुप से समाचार पत्र पढ़ने की आदत बनाते है, तो यह हमारी बहुत मदद करता है। यह हम में पढ़ने की आदत विकसित करता है, हमारे प्रभाव में सुधार करता है और हमें बाहर के बारे में सभी जानकारी देता है। कुछ लोगों में समाचार पत्र को प्रत्येक सुबह पढ़ने की आदत होती है। वे समाचार पत्र की अनुपस्थिति में बहुत अधिक बेचैन हो जाते हैं और पूरे दिन कुछ अकेलापन महसूस करते हैं।

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थी भी अपने मस्तिष्क को वर्तमान सामयिक घटनाओं से जोडे रखने के लिए नियमित रुप से अखबार पढ़ते हैं। समाचार पत्र आकर्षक मुख्य शीर्षक लाइन के अन्तर्गत सभी की पसंद के अनुसार बहुत अधिक खबरों को प्रकाशित करते हैं इसलिए इससे कोई भी परेशान नहीं होता। हमें विभिन्न अखबारों को पढ़ना जारी रखना चाहिए और इसके साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों और मित्रों को भी समाचार पत्र पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

समाचार पत्र से होने वाले लाभ

समाचार पत्र पढ़ने से हमें बहुत सारे फायदे हैं। समाचार पत्रों से हमें देश-विदेश में हो रही हर तरह के घटनाओं का नवीन ज्ञान मिलता है। नए अनुसंधान, नयी खोजें और नई ख़बरें की जानकारी हमें समाचार पत्रों से ही मिलती है। इसमें प्रकाशित होने वाली सरकारी सूचनाओं, आज्ञाओं और विज्ञापनों से हमें आवश्यक और महत्वपूर्ण जानकारी मिल जाती है, कहीं कोई दुर्घटना हो जाये, भूकंप या बाढ़ जैसी आपदा आ जाए तो इसकी जानकारी हमें समाचार पत्रों के माध्यम से तुरंत मिल जाती है। इसके साथ ही समाचार पत्र एक व्यवसाय बन गया है। जिससे हजारों संपादकों, लेखकों, रिपोर्टरों व अन्य कर्मचारियों को रोजगार मुहैया होता है।

समाचार पत्रों से हानि

समाचार पत्रों से जहां इतने लाभ हैं, वहां इनसे कुछ हानियां भी हैं। कभी-कभी कुछ समाचार पत्र झूठे समाचार छापकर जनता को भ्रमित करने का कार्य भी करते हैं। इसी तरह कुछ समाचार पत्र साम्प्रदायिक भावनाओं को को भड़काने का कार्य करते हैं, जिसके कारण समाज में दंगे जैसी घटनाएं उत्पन्न हो जाती है। जिससे चारों ओर अशांति का माहौल व्याप्त हो जाता है। इसके साथ ही सरकार की सही नीतियों को भी कभी-कभी गलत तरीके से पेश करके जनता को भ्रमित करने का कार्य किया जाता है। जिसके कारण देश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल व्याप्त हो जाता है।

समाचार पत्रों में सामाजिक मुद्दों, मानवता, संस्कृति, परम्परा, जीवन-शैली, ध्यान, योगा आदि जैसे विषयों के बारे में कई सारे अच्छे लेख संपादित होते हैं। यह सामान्य जनता के विचारों के बारे में भी जानकारी प्रदान करता है और बहुत से सामाजिक तथा आर्थिक विषयों को सुलझाने में हमारी सहायता करता है। इसके साथ ही समाचार पत्रों के द्वारा हमें राजनेताओं, सरकारी नीतियों तथा विपक्षी दलों के नीतियों के बारे में भी जानकारी प्राप्त होती है। यह नौकरी ढूँढ़ने वाले की, बच्चों को अच्छे स्कूल में प्रवेश दिलाने, व्यापारियों को वर्तमान व्यापारिक गतिविधियों को जानने, बाजार के वर्तमान प्रचलन, नई रणनीतियों आदि को समझनें तथा जानने में भी हमारी मदद करता है। यहीं कारण है कि वर्तमान समय में समाचार पत्र को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ भी कहा जाता है।

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newspaper essay in hindi pdf

Essay On Newspaper in Hindi – समाचार पत्र बड़ी शीटों का एक सेट होता है जिसमें मुद्रित समाचार, कहानियां, सूचना, लेख, विज्ञापन आदि होते हैं। यह हमें आस-पास के साथ-साथ सीमाओं के पार की घटनाओं पर अद्यतित रखने में एक बड़ी भूमिका निभाता है। समाचार पत्र दुनिया भर के समाचारों का एक संग्रह है जो हमें हमारे घरों के बाहर होने वाली महत्वपूर्ण चीजों के बारे में अद्यतित रखता है। हमें दैनिक आधार पर समाचार पढ़ने का अभ्यास करना चाहिए। यह एक अच्छी आदत है क्योंकि यह आपके सामान्य ज्ञान में सुधार करती है और आपको अपने देश के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों से अवगत कराती है।

आप अपने बच्चों और बच्चों को अखबार पढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं और उनका ज्ञान बढ़ा सकते हैं। यह उन्हें अपने देश की राजनीति, सामाजिक संरचना और भूगोल से भी परिचित कराएगा। समाचार पत्र पढ़ना कुछ ऐसे शौक हैं जिन्हें लगभग कहीं भी किया जा सकता है और इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है।

अखबार पर 10 लाइनें (10 Lines on Newspaper in Hindi)

  • 1) समाचार पत्र एक ऐसा प्रकाशन है जहाँ समाचार कागज पर छपे होते हैं और घरों में प्रसारित किए जाते हैं।
  • 2) ऐसे समाचार पत्र हैं जो दैनिक, साप्ताहिक और पाक्षिक यानी 15 दिनों के आधार पर छपते हैं।
  • 3) समाचार पत्र कई भाषाओं में छपता है जिसमें हिन्दी समाचार पत्र व्यापक रूप से प्रसारित होता है।
  • 4) भारत में बहुत से लोग हिंदी अखबार पढ़ते हैं और उसके बाद हिन्दी और अन्य भाषाओं का।
  • 5) समाचार पत्र दुनिया भर में क्या हो रहा है इसकी खबर और जानकारी देता है।
  • 6) आमतौर पर लोग अखबार पढ़ना पसंद करते हैं जिसमें उनके स्थानीय क्षेत्र या शहर की खबरें और जानकारी होती है।
  • 7) राजनीति, अर्थव्यवस्था, खेल, राष्ट्रीय आदि जैसे विभिन्न विषयों के लिए समाचार पत्रों में अलग-अलग खंड होते हैं।
  • 8) समाचार पत्रों को बेहतर तरीके से समझाने के लिए समाचार पत्र तस्वीरों का उपयोग करते हैं।
  • 9) समाचार पत्रों में हास्य श्रृंखला, वर्ग पहेली, दैनिक राशिफल और मनोरंजन के लिए मौसम का पूर्वानुमान भी शामिल है।
  • 10) समाचार पत्र में एक पृष्ठ को संपादकीय कहा जाता है जहां प्रसिद्ध पत्रकार और लेखक किसी भी विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हैं।

इसके बारे मे भी जाने

  • Essay On Mobile Phone
  • Essay On Internet
  • Essay On Dussehra
  • Essay On Cricket

समाचार पत्र पर लंबा और छोटा निबंध

  • हमने छात्रों के लिए हिन्दी में अखबार पर कुछ सरल और आसान, लंबा और छोटा निबंध उपलब्ध कराया है।
  • समाचार पत्रों पर ये हिन्दी निबंध आपको समाचार पत्रों की उपयोगिता और लोगों को सूचित, सुरक्षित और एकजुट रखने में उनके महत्व की प्रशंसा करने देगा।
  • आप इन अखबारों के निबंधों का उपयोग अपने स्कूल के असाइनमेंट या निबंध लेखन, वाद-विवाद, प्रतियोगिताओं में कर सकते हैं।

समाचार पत्र निबंध 1 (100 शब्द)

आजकल समाचार पत्र के बिना जीवन की कल्पना करना कठिन है। यह पहली और सबसे महत्वपूर्ण चीज है जिसे हर कोई हर सुबह देखता है। समाचार पत्र भी हमें दुनिया भर की हर खबर के बारे में अप-टू-डेट रखने में बहुत मदद करता है। इससे हमें पता चलता है कि समाज, देश और दुनिया में क्या चल रहा है। अखबार दुनिया के हर कोने से हम तक हर खबर और विचार पहुंचाता है। समाचार पत्र व्यापारियों, राजनेताओं, सामाजिक मुद्दों, बेरोजगार लोगों, खेल, खेल, अंतर्राष्ट्रीय समाचार, बच्चों, विज्ञान, शिक्षा, चिकित्सा, मशहूर हस्तियों, मेलों, त्योहारों, प्रौद्योगिकियों आदि के बारे में जानकारी लाता है। यह हमारे ज्ञान, कौशल और विस्तार में हमारी मदद करता है। तकनीकी जागरूकता।

समाचार पत्र पर निबंध 2 (150 शब्द)

आधुनिक युग में समाचार पत्रों की क्रांति पूरे देश में फैल चुकी है। आजकल, हर कोई अपने ज्ञान के बारे में बहुत जागरूक हो गया है। रोजाना अखबार पढ़ना एक अच्छी आदत है। हम सभी को अपने दैनिक जीवन में समाचार पत्र पढ़ने का अभ्यास करना चाहिए। यह हमें नवीनतम रुझानों और परंपराओं के बारे में बताता है। यह स्कूलों, कॉलेजों, अदालतों, राजनीति, कार्यालयों, होटलों, रेस्तरां और बाजारों में नई चीजों के बारे में बताकर हमारी मदद करता है।

समाचार पत्र किसी भी धर्म, जाति या पंथ के सभी (अमीर या गरीब) द्वारा उपयोग की जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण चीज है। यह हमारे स्कूल प्रोजेक्ट्स और होम वर्क्स को तैयार करने में हमारी बहुत मदद करता है। यह हमें नए शोधों, नई तकनीकों, बाजार के सभी उच्च और निम्न और बहुत सी चीजों के बारे में बताता है। ब्रांड और सब्सक्रिप्शन के हिसाब से कई तरह के अखबार और मैगजीन होते हैं।

समाचार पत्र निबंध 3 (200 शब्द)

आज के समय में समाचार पत्र जीवन की एक आवश्यकता बन गया है। यह बाजार में लगभग सभी भाषाओं में उपलब्ध है। समाचार पत्र समाचार का एक प्रकाशन है जो कागज पर छप जाता है और सभी को उनके घर पर वितरित किया जाता है। विभिन्न देशों की अपनी समाचार प्रकाशन एजेंसियां ​​हैं। समाचार पत्र हमें अपने देश के साथ-साथ पूरी दुनिया में क्या हो रहा है, इसके बारे में सब कुछ देता है। हम आपको खेल, राजनीति, धर्म, समाज, अर्थव्यवस्था, फिल्म उद्योग, चलचित्र, भोजन, रोजगार आदि विषयों से संबंधित सटीक जानकारी देते हैं।

पहले, समाचार पत्रों को केवल समाचार विवरण के साथ प्रकाशित किया जाता था, लेकिन वर्तमान में इसमें विभिन्न विषयों के बारे में समाचार और विचार लगभग हर चीज में होते हैं। बाजार में विभिन्न समाचार पत्रों की कीमत उनके समाचार विवरण और क्षेत्र में लोकप्रियता के अनुसार अलग-अलग होती है। वर्तमान दैनिक मामलों वाले समाचार पत्र दैनिक रूप से छपते हैं, लेकिन उनमें से सप्ताह में दो बार, सप्ताह में एक बार या महीने में एक बार छपते हैं।

समाचार पत्र लोगों की आवश्यकता और आवश्यकता के अनुसार एक से अधिक उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं। समाचार पत्र बहुत प्रभावी और शक्तिशाली होते हैं जो दुनिया भर की सभी जानकारी एक ही स्थान पर देते हैं। यह जो जानकारी देता है उसकी तुलना में इसकी कीमत बहुत कम होती है। यह हमें अपने आसपास होने वाली सभी घटनाओं के बारे में अच्छी तरह से सूचित रखता है।

समाचार पत्र निबंध 4 (250 शब्द)

आज के समय में अखबार बहुत ही महत्वपूर्ण चीज है। हर किसी के लिए दिन की शुरुआत करना सबसे पहली और जरूरी चीज होती है। अपने दिन की शुरुआत ताजा खबरों और सूचनाओं से अपने दिमाग को भरकर करना बेहतर है। समाचार पत्र हमें आत्मविश्वासी बनाता है और हमारे व्यक्तित्व को निखारने में मदद करता है। सुबह सबसे पहले यह परिवार के प्रत्येक सदस्य को ढेर सारी सूचनाओं के साथ अभिवादन करता है। देश के एक नागरिक के रूप में, हम देश या अन्य देशों में चल रहे सभी पेशेवरों और विपक्षों को जानने के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। यह हमें राजनीति, खेल, व्यापार, उद्योग आदि के वर्तमान मामलों के बारे में सूचित करता है। यह हमें बॉलीवुड और व्यावसायिक हस्तियों के व्यक्तिगत मामलों के बारे में भी सूचित करता है।

समाचार पत्र हमें संस्कृतियों, परंपराओं, कलाओं, शास्त्रीय नृत्य आदि के बारे में बताते हैं। ऐसे आधुनिक समय में जब सभी के पास अपनी नौकरी के अलावा अन्य चीजों के बारे में जानने का समय नहीं है, यह हमें मेलों, त्योहारों के दिनों और तारीखों के बारे में बताता है। अवसर, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि। यह समाचारों के साथ-साथ समाज, शिक्षा, भविष्य, प्रेरक संदेश और विषयों आदि के बारे में दिलचस्प बातों का संग्रह है, इसलिए यह हमें कभी बोर नहीं करता। यह हमें हमेशा अपने दिलचस्प विषयों के माध्यम से दुनिया की हर चीज के बारे में उत्साहित और उत्साहित करता है।

आधुनिक समय में, जब हर कोई अपने दैनिक जीवन में इतना व्यस्त है, उनके लिए बाहरी दुनिया के बारे में कोई विचार या ज्ञान प्राप्त करना शायद ही संभव हो, इसलिए ऐसी कमजोरी को दूर करने के लिए समाचार पत्र सबसे अच्छा विकल्प है। यह हमें केवल 15 मिनट या आधे घंटे में एक विशाल ज्ञान देता है। यह सभी क्षेत्रों के लोगों के लिए फायदेमंद है क्योंकि इसमें छात्रों, व्यापारियों, राजनेताओं, खिलाड़ियों, शिक्षकों, उद्योगपतियों आदि सभी के लिए ज्ञान है।

समाचार पत्र पर निबंध 5 (300 शब्द)

हर सुबह अखबार हमारे पास आता है और मुझे अपनी बालकनी में चाय के गर्म कप के साथ अखबार रखना अच्छा लगता है। दिन-ब-दिन अखबार अपने बढ़ते महत्व के कारण पिछड़ा हो या अगड़ा हर क्षेत्र में लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है। समाज में लोग अपने ज्ञान स्तर और देश के वर्तमान मामलों खासकर राजनीति और बॉलीवुड के बारे में अधिक जागरूक हो रहे हैं। अखबार पढ़ना छात्रों के लिए सबसे अच्छी गतिविधि है क्योंकि यह हर चीज के बारे में सामान्य ज्ञान देता है। यह उन्हें सरकारी नौकरी या गैर-सरकारी नौकरियों के लिए किसी भी तकनीकी और प्रतियोगी परीक्षा को मात देने में मदद करता है।

न्यूज पेपर पढ़ना बहुत ही दिलचस्प काम है। अगर किसी को इसकी आदत हो जाए तो वह अखबार पढ़ना कभी नहीं छोड़ता। यह छात्रों के लिए अच्छा है क्योंकि यह हमें सही उच्चारण के साथ धाराप्रवाह हिन्दी बोलने के लिए प्रेरित करता है। समाचार पत्र देश के पिछड़े इलाकों में लोकप्रिय हो रहे हैं। कोई भी भाषा बोलने वाले लोग समाचार पत्र पढ़ सकते हैं क्योंकि यह क्षेत्रों के अनुसार हिंदी, हिन्दी , उर्दू आदि भाषाओं में उपलब्ध है। समाचार पत्र हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दुनिया भर से हमारे लिए बहुत सारी खबरें लाता है।

समाचार हमारे लिए सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण रुचि और आकर्षण है। समाचार पत्र और समाचार के बिना हम कुछ भी नहीं हैं और पानी के बिना मछली की तरह हैं। भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहाँ जनता अपने देश पर शासन करती है इसलिए उनके लिए राजनीति में प्रत्येक गतिविधि के बारे में जानना आवश्यक है।

आधुनिक तकनीकी दुनिया में जहां सब कुछ उच्च तकनीक पर निर्भर करता है, समाचार कंप्यूटर और इंटरनेट पर भी उपलब्ध हैं। इंटरनेट का उपयोग करके हम दुनिया के बारे में सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आम जनता के बीच किसी भी सामाजिक मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समाचार पत्र सबसे अच्छा तरीका है। यह देश की सरकार और उसकी जनता के बीच संचार का सबसे अच्छा तरीका है।

समाचार पत्र पर निबंध 6 (400 शब्द)

समाचार पत्र एक शक्तिशाली उपकरण है जो व्यक्ति के आत्मविश्वास और व्यक्तित्व को बढ़ाता है। यह बाहरी दुनिया और लोगों के बीच संचार का सबसे अच्छा साधन है। ज्ञान का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम। यह अधिक ज्ञान और जानकारी प्राप्त करने के साथ-साथ कौशल स्तर को बढ़ाने का एक अच्छा स्रोत है। यह बहुत कम कीमत पर सभी क्षेत्रों में उपलब्ध है। हम किसी भी अखबार तक आसानी से पहुंच सकते हैं। हमें बस किसी भी अखबार से संपर्क करने और उसकी सदस्यता लेने की जरूरत है। यह देश की विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित होता है। सुबह-सुबह सभी लोग पूरी हिम्मत के साथ अखबार का इंतजार करते हैं।

समाचार पत्रों ने समाज के लोगों को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। देश के करेंट अफेयर्स को जानने में हर किसी की दिलचस्पी हो गई है। समाचार पत्र सरकार और लोगों के बीच ज्ञान की सबसे अच्छी कड़ी है। यह लोगों को पूरी दुनिया के बारे में हर बड़ी और छोटी जानकारी देता है। यह लोगों को देश में उनके नियमों, विनियमों और अधिकारों के बारे में अच्छी तरह से जागरूक करता है। समाचार पत्र छात्रों के लिए विशेष रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह उन्हें बहुत सारे सामान्य ज्ञान और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के करंट अफेयर्स प्रदान करता है। यह हमें सभी घटनाओं, विकास, नई तकनीक, अनुसंधान, ज्योतिष, मौसमी परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाओं आदि के बारे में जानकारी देता है।

समाचार पत्र में सामाजिक मुद्दों, मानवता, संस्कृतियों, परंपराओं, जीवन जीने की कला, ध्यान, योग आदि पर भी अच्छे लेख होते हैं। इसमें आम जनता के विचारों की जानकारी होती है और विभिन्न सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को सुलझाने में मदद मिलती है। इसके प्रयोग से राजनीतिज्ञों, उनके बारे में समीक्षा, अन्य राजनीतिक दलों सहित कुछ सरकारी नीतियों के बारे में जान सकते हैं। यह नौकरी चाहने वालों को नई नौकरी खोजने में मदद करता है, छात्रों को सर्वश्रेष्ठ स्कूल में भर्ती होने में मदद करता है, व्यवसायियों को वर्तमान और महत्वपूर्ण व्यावसायिक गतिविधियों, बाजार के मौजूदा रुझानों, नई रणनीतियों आदि के बारे में जानने में मदद करता है।

यदि हम दैनिक आधार पर इसे पढ़ने की आदत बना लें तो समाचार पत्र हमारी बहुत मदद करते हैं। यह पढ़ने की आदतों को विकसित करता है, हमारे लहजे में सुधार करता है और हमें बाहर के बारे में सब कुछ जानने देता है। कुछ लोगों को सुबह इस अखबार को पढ़ने की अत्यधिक आदत होती है। समाचार-पत्र के अभाव में वे बहुत बेचैन हो जाते हैं और सारा दिन यही अनुभव करते हैं कि कुछ छूट गया है। प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने की तैयारी कर रहे छात्र करंट अफेयर्स के बारे में अपने दिमाग को अपडेट रखने के लिए नियमित रूप से समाचार पत्र पढ़ते हैं। समाचार पत्र में सभी की पसंद के अनुसार आकर्षक शीर्षकों के तहत बड़ी मात्रा में जानकारी होती है ताकि कोई भी बोर न हो सके। हमें तरह-तरह के अखबार पढ़ते रहना चाहिए और परिवार के अन्य सदस्यों और दोस्तों को भी अखबार पढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

समाचार पत्र पैराग्राफ पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

हम अखबारों पर पैराग्राफ कैसे लिखते हैं.

समाचार पत्रों पर एक पैराग्राफ लिखने के लिए, हमें समाचार पत्र पढ़ने के महत्व, समाचार पत्र में क्या उम्मीद की जा सकती है, प्रत्येक पाठक को क्या रुचि हो सकती है, यह व्यक्ति को कैसे मदद करता है आदि जैसी जानकारी जोड़ने की आवश्यकता है।

समाचार पत्र हमारे जीवन में कितने महत्वपूर्ण हैं?

बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो समाचार पत्र पढ़े बिना अपने दिन की शुरुआत नहीं कर सकते हैं। समाचार पत्र हमें दुनिया भर में होने वाली सभी घटनाओं के बारे में जानकारी देते हैं और हमें अप-टू-डेट रहने में मदद करते हैं।

Hindi Essay

समाचार पत्र पर निबंध | Essay on Newspaper in Hindi 500 Words | PDF

Essay on newspaper in hindi.

Essay on Newspaper in Hindi 500 + Words (Download PDF) समाचार पत्र पर निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10 के लिए। एक अखबार कागज पर छपा एक प्रकाशित खबर होता है। ये विभिन्न भाषाओ में नियमित रूप से जारी किया जाता है जैसे इंग्लिश, स्पेनिश, इतालियन आदि । यह दिन में एक बार या सप्ताह में एक बार प्रकाशित होता है । अख़बार वर्तमान घटनाओं और समाचारों के बारे में जानकारी देता है। आइये जानते है कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं इस निबंध के माध्यम से – Essay on Newspaper in Hindi

आज दुनिया के किसी भी कोने की खबर कुछ ही पलों में पूरी दुनिया में बिजली की तरह फैल जाती है। प्रिंटिंग प्रेस के विकास के साथ, समाचार पत्र समाचार देने लगे। आज समाचार पत्रों के माध्यम से पूरी दुनिया की खबरों का विस्तृत विवरण चारों तरफ पहुंचता रहता है। आज का समाचार पत्र संचार का सशक्त और सार्थक माध्यम है। आज के युग में समाचार पत्रों का बहुत महत्व है।

समाचार पत्रों की उत्पत्ति और विकास

अखबार की उत्पत्ति सोलहवीं शताब्दी में चीन में हुई थी। दुनिया का पहला अखबार ‘पेकिंग गजट’ है, लेकिन यह अखबार का एक बहुत ही प्रारंभिक और प्राचीन रूप है। लेकिन अखबार के कुछ परिष्कृत और आधुनिक रूप का इस्तेमाल पहली बार 17 वीं शताब्दी में इटली के बेसिन प्रांत में छपाई के रूप में किया गया था। उनकी खबर अन्य जगहों पर पहुंचाई गई। फिर धीरे-धीरे यूरोप के अन्य देशों में इसका विकास बढ़ता गया।

अखबार का प्रिंटिंग प्रेस से गहरा संबंध है। प्रिंटिंग मशीनों के विकास के साथ-साथ समाचार पत्रों के विकास में भी वृद्धि हुई है। समाचार पत्रों का उपयोग न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पूरी दुनिया में किया जाता है।

समाचार पत्र के प्रकार

अखबार कई तरह के होते हैं। उन्हें दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक, वार्षिक आदि में विभाजित किया जा सकता है। दैनिक समाचारों में हर प्रकार के समाचारों को प्रमुखता दी जाती है।

अन्य पत्रिकाओं में समकालीन विषयों पर विभिन्न लेखकों के लेख, कुछ घटनाओं की समीक्षा, किसी भी गणमान्य व्यक्तियों के साक्षात्कार प्रकाशित होते हैं। कई पत्रिकाएँ वर्ष में एक बार एक विशेष अंक प्रकाशित करती हैं। जिसमें साहित्यिक, राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक, पौराणिक विषयों पर सूचनात्मक सार सामग्री का विशाल संग्रह होता है।

समाचार प्रचार का माध्यम

समाचार पत्र आसपास के क्षेत्रों में होने वाली घटनाओं की खबर प्रसारित करने का एक शक्तिशाली माध्यम हैं। समाचार पत्र प्रत्येक देश के शासकों के विभिन्न कार्यक्रमों को हर जगह प्रसारित करते है। समाचार पत्र विश्व संगठनों की विभिन्न गतिविधियों को आगे बढ़ाते हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दुनिया में दूर-दूर तक बने हुए हैं।

हमारे देश में कई बड़े समाचार पत्र राष्ट्रीय स्तर के होते हैं। जिनके संवाददाता हर क्षेत्र में मौजूद हैं, जो अपने-अपने क्षेत्र की घटनाओं को मुख्य कार्यालय तक पहुंचाते हैं.

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समाचार पत्र ज्ञान के साधन 

समाचार पत्र न केवल समाचार प्रसारित करते हैं बल्कि विभिन्न विषयों के ज्ञान को बढ़ाने में भी मदद करते हैं। नियमित रूप से अखबार पढ़ने के कई फायदे हैं। इन्हें पढ़कर इतिहास, भूगोल, राजनीति, साहित्य, विज्ञान और मानव दर्शन का ज्ञान सहज ही प्राप्त हो जाता है।

विभिन्न साप्ताहिक, पाक्षिक और मासिक पत्रिकाओं में कई साहित्यिक और दार्शनिक लेख निकलते रहते हैं जो विभिन्न अनुभवी और विद्वान लेखकों द्वारा संकलित किए जाते हैं। दैनिक समाचार पत्र के सम्पादकीय में समसामयिक विषयों पर अत्यंत सारगर्भित विचार एवं रहस्यमयी जानकारी सामने आती रहती है, जिसमें उस विषय का गहन ज्ञान प्राप्त होता है।

विज्ञापन का साधन

अखबारों में कई व्यावसायिक विज्ञापन निकलते रहते हैं, जिनमें विभिन्न कंपनियों में निर्मित सामानों का प्रचार किया जाता है। इनमें पाठकों को प्रत्येक वस्तु के गुण-दोष में उपयोग का ज्ञान होता है।

सरकारी, गैर सरकारी और निजी क्षेत्र में नौकरी के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन भी आते हैं, जिसमें पाठक अपनी योग्यता के अनुसार आवेदन भेजते हैं। कई पत्र केवल रोजगार के लिए प्रकाशित होते हैं जैसे रोजगार समाचार आदि।

मनोरंजन का साधन

समाचार पत्र जनता का मनोरंजन भी करते हैं। कई मनोरंजक कहानियाँ, चुटकुले, प्रश्न, पहेलियाँ आदि दैनिक समाचार पत्रों में आती हैं, विशेषकर शनिवार और रविवार के समाचार पत्रों में। इसके अलावा साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक पत्रिकाओं में भरपूर मनोरंजन सामग्री उपलब्ध है। इनमें कहानियों, कविताओं और ग़ज़लों आदि का सुंदर संग्रह होता है।

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समाचार पत्र ज्ञान का एक प्रमुख स्रोत हैं। इसलिए इनका नियमित अध्ययन करना चाहिए। आज के युग में समाचार पत्रों के बिना मनुष्य अधूरा है। अखबारों में बड़ी ताकत होती है। बहुत शक्तिशाली राष्ट्र भी उनके सामने घुटने टेकते हैं। आधुनिक युग में यदि शासकों को कोई भय है तो वह है समाचार पत्र। समाचार पत्र राजनेताओं, अधिकारियों और व्यापारियों के अनुसार अनुचित व्यवहार को उजागर करने का एक शक्तिशाली माध्यम है जो किसी से नहीं डरते। वह अखबारों से डरता है। किसी भी देश में समाचार पत्रों की स्वतंत्रता में कटौती नहीं की जानी चाहिए। गंदे और भ्रामक पत्रों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। अश्लील विज्ञापनों को प्रकाशित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

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Q&A. on Newspaper in Hindi

अखबार किस बारे में है.

उत्तर – एक अखबार कागज पर छपा एक प्रकाशित खबर होता है। ये विभिन्न भाषाओ में नियमित रूप से जारी किया जाता है जैसे इंग्लिश, स्पेनिश, इतालियन आदि । यह दिन में एक बार या सप्ताह में एक बार प्रकाशित होता है । अख़बार वर्तमान घटनाओं और समाचारों के बारे में जानकारी देता है।

अखबार का क्या महत्व है?

उत्तर – समाचार पत्र लोगों को हर प्रकार की खबरे प्रदान करता हैं चाहे वह राजनैतिक, मनोरंजन, या खेल जगत से हो। इसके अलावा, यह हमें जागरूक नागरिक बनने में मदद करता है। यह महत्वपूर्ण मुद्दों पर लोगों की राय जनता तक पहुंचाता है।

अखबार का आविष्कार किसने किया?

उत्तर – ऐसा माना जाता है की जर्मन भाषा के रिलेशन एलर फ़र्नेमेन अंड गेडेनकवुर्डिजेन हिस्टोरियन, जिसे 1605 से स्ट्रासबर्ग में जोहान कैरोलस द्वारा मुद्रित किया गया था, को अक्सर पहले समाचार पत्र के रूप में मान्यता दी जाती है।

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6+ समाचार पत्र पर निबंध – Essay on Newspaper in Hindi

Essay on Newspaper in Hindi : दोस्तों आज हमने समाचार पत्र पर निबंध  कक्षा 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है. इस निबंध की सहायता से सभी विद्यार्थी परीक्षाओं में निबंध लिख सकते है.

समाचार पत्र हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बन गए है यह में देश विदेश की सभी सूचनाओं को एक ही स्थान पर उपलब्ध करवाते है.

समाचार पत्रों से हमें सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, बाजार, स्वास्थ्य इत्यादि पर लेख प्रकाशित होते है. यह सभी के लिए फायदेमंद है इसलिए सभी वर्ग के लोगों को समाचार पत्र पढ़ना चाहिए.

Essay on Newspaper in Hindi

Get Some Essay on Newspaper in Hindi for class 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12 Students

Best Essay on Newspaper in Hindi 200 Words

समाचार पत्र सूचना क्रांति का एक प्रमुख अंग है , वर्तमान में लोगों के सुबह की शुरुआत अखबार पढ़ते हुए होती है. हमारे भारत देश में समाचार पत्र कई भाषाओं जैसे – हिंदी अंग्रेजी तमिल पंजाबी कन्नड़ तेलुगू महाराष्ट्र उर्दू इत्यादि है और आजकल तो क्षेत्रीय भाषाओं में भी समाचार पत्र उपलब्ध है.

समाचार पत्र सूचनाओं का भंडार होता है इसमें हमें देश विदेश, व्यापार, राजनीति, अर्थव्यवस्था, समाज, रोजगार शेयर मार्केट, फसलों के भाव, स्वास्थ्य संबंधी जानकारी, विज्ञान, अंतरिक्ष, फिल्म उद्योग, भोजन और देश-विदेश में घटने वाली छोटी से छोटी घटना का विवरण होता है.

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समाचार पत्र प्रतिदिन सूचना पाने का सस्ता और सुलभ स्त्रोत है. इसकी पहुंच शहरों से लेकर गांव और ढाणियों तक है प्रत्येक व्यक्ति को अखबार पढ़ना अच्छा लगता है क्योंकि इसमें सभी के रुचि के हिसाब से खबरें और मनोरंजन सामग्री भी उपलब्ध होती है.

समाचार पत्र में विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक सूचनाएं और बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट भी इनमें आता है इसलिए विद्यार्थियों को भी समाचार पत्र बहुत अच्छे लगते है.

प्रत्येक समाचार पत्र की कीमत उनकी प्रतिष्ठा और लोकप्रियता के हिसाब से अलग-अलग होती है. समाचार पत्र है प्रतिदिन, साप्ताहिक, मासिक रूप से छपते है. इनका उद्देश्य लोगों तक हर प्रकार की सूचना प्रतिदिन पहुंचाना होता है.

Samachar Patra Essay in Hindi 500 Words

भूमिका –

पुराने जमाने में लोगों तक सूचना पहुंचाने का कोई साधन नहीं था, या तो किसी को घोड़े पर भेज कर या फिर कबूतर के गले में चिट्ठी बांधकर सूचना का आदान प्रदान किया करते थे. लेकिन वक्त बदलता गया और समाचार पत्र का उद्गम हुआ.

इसके आने के बाद तो जैसे सूचनाओं का भंडार ही मिल गया. सर्वप्रथम समाचार पत्र इटली के बेसिन नामक जगह पर छपा था. इसके बाद सभी देशों ने इसकी महत्वता समझी और सभी स्थानों का इसका उपयोग होने लगा. 18वीं शताब्दी में अंग्रेजों द्वारा भारत में भी समाचार पत्रों को छापना शुरू कर दिया था.

समाचार पत्रों का महत्व – Samachar Patra ka Mahatva

समाचार पत्र की महत्वता का पता इसी से लगाया जा सकता है कि इसे प्रत्येक वर्ग का व्यक्ति पढ़ना पसंद करता है और सभी इसको खरीदने की क्षमता भी रखते है इसलिए समाचार पत्र सूचना पहुंचाने का सबसे सस्ता और सुलभ साधन है.

समाचार पत्र का महत्व दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है और इनको पढ़ने वालों की संख्या में भी बढ़ती हो रही है क्योंकि इसको बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी पढ़ना पसंद करते है, सभी के लिए इसमें कुछ ना कुछ सूचनाएं दी हुई होती है.

व्यापारी वर्ग के लोग इसे इसलिए पढ़ते हैं क्योंकि उन्हें प्रतिदिन के बाजार भाव पता लग जाते हैं और देश दुनिया में बाजार की स्थिति कैसी है यह भी पता लगता है साथ ही व्यापारी लोग अपनी व्यावसायिक उन्नति के लिए अखबार में विज्ञापन प्रकाशित करवा सकते है इससे उनको बहुत लाभ प्राप्त होता है.

विद्यार्थियों के लिए समाचार पत्र बहुत ही महत्व की वस्तु है क्योंकि इसमें विज्ञान राजनीति शिक्षा और विभिन्न योजनाओं की जानकारी संबंधी बातें छपी हुई होती है साथ ही बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट भी अखबारों में प्रकाशित होता है.

रोजगार ढूंढ रहे युवाओं के लिए अखबार बहुत महत्व की चीज है क्योंकि देश-विदेश में जितनी भी कंपनियां हैं वे सभी भर्ती के लिए अखबारों में सूचना देती है जो कि युवाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण सूचना होती है.

अन्य वर्ग के लोग भी देश विदेश और अपने आस पास घट रही घटनाओं की जानकारी चाहते है इसलिए वे अखबार पढ़ते हैं और अपनी जिज्ञासा को शांत करते है. आजकल तो अखबारों में खबरों के साथ-साथ विशेषज्ञों की राय और अन्य महत्वपूर्ण सूचनाएं भी प्रकाशित होने लगी है जो कि सभी वर्ग के लोगों को लुभाती है.

समाचार पत्र देश दुनिया की खबर देने के साथ-साथ सत्य और असत्य में फर्क भी बताते है, वे राजनीति में चल रही घटनाओं का विश्लेषण करके प्रकाशित करते है. जो भी सरकार घोटाले बाजी करती है उनको प्रमुखता से दिखाती है और जनता को सच बताते है.

यह सरकार की आवाज जनता तक और जनता की आवाज सरकार तक पहुंचाने का सबसे अच्छा साधन है.

निष्कर्ष –

वर्तमान में खबर और सूचनाएं पाने के लिए समाचार पत्र सबसे प्रमुख स्त्रोत है. भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग इसे कहीं पर भी ले जाकर पढ़ सकते है. अगर अखबार नहीं होते तो शायद दुनिया इतनी तेजी से प्रगति नहीं कर पाती. हालांकि अब सूचनाएं पहुंचाने के अनेक टेक्नोलॉजी वाले साधन आ गए है.

लेकिन शांतिपूर्वक और आराम से सूचनाएं तो अखबार में ही पढ़ी जा सकती है. किसी भी देश या विदेश की स्थिति जानने के लिए वहां का अखबार पढ़ लेने मात्र से वहां की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है.

Full Essay on Newspaper in Hindi 1800 Words

प्रस्तावना –

मानव के मस्तिष्क में हमेशा कौतूहल और जिज्ञासा की दो वृतिया रही है जिनके कारण हमेशा वह दूसरों और आसपास की घटनाओं को जानने की इच्छा रखता है. समाचार पत्र उन सभी इच्छाओं की पूर्ति करता है यह प्रत्येक वर्ग के लोगों की इच्छा पर उपयुक्त उतरता है.

व्यापारी लोग देश विदेश के बाजार की स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रतिदिन समाचार पत्र पढ़ते है. विद्यार्थी देश विदेश में चल रही है घटनाओं और शिक्षा संबंधी लेख पढ़ने के लिए, समाजशास्त्री समाज की नई व्यवस्थाओं की जानकारी के लिए, साहित्यकार नए युग में चल रही रचनाओं और राजनीतिक जानकारी के लिए समाचार पत्र पढ़ते है.

आज अगर किसी भी देश की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक स्थिति का जायजा लेना हो तो वहां का समाचार पत्र पढ़ लेना ही काफी होगा. समाचार पत्र ने पूरी दुनिया को जैसे मुट्ठी में बंद कर लिया है इसमें देश के छोटे से भाग की घटना की जानकारी से लेकर विदेश की घटनाओं का प्रतिदिन मुद्रण होता है जोकि दुनिया में चल रही सभी गतिविधियों की जानकारी हमें एक जगह प्रदान कर देता है.

इसीलिए समाचार पत्र को किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का चौथा स्तंभ कहा जाता है क्योंकि यही सरकार और जनता के मध्य संप्रेषण स्थापित करता है.

समाचार पत्र का इतिहास –

आज से 3 शताब्दी पहले तक समाचार पत्र का नाम तक नहीं था उस समय लोग एक दूसरे तक सूचना पहुंचाने के लिए संदेश वाहक, कबूतर के माध्यम से संदेश पहुंचाते थे. लेकिन सूचना पहुंचने में कई दिनों या फिर कभी कभी तो महीनों का समय लग जाता था तब तक तो नई सूचना आ जाती थी.

शीघ्र सूचना की प्राप्ति के समाचार पत्र का उद्गम हुआ, समाचार पत्र का जन्म 16 वी शताब्दी में इटली के बेसिन नगर में हुआ इसके बाद इसका विस्तार उत्तरोत्तर बढ़ता गया. धीरे-धीरे लोगों ने इसकी उपयोगिता कालो का मानना शुरू कर दिया और अन्य देशों में भी इसका विस्तार होने लगा.

17 वी शताब्दी के प्रारंभ में इंग्लैंड में भी इसका उपयोग होने लगा इसके बाद तो जैसे समाचार पत्रों को पंख लग गए प्रत्येक देश के नागरिकों को समाचार पत्र पढ़ना अच्छा लगने लगा फिर तो इसकीचहू और ख्याति फैल गई.

भारत देश एक गरीब और गुलाम देश था इसलिए यहां पर समाचार पत्र आने में वक्त लगा लेकिन 18वीं शताब्दी में अंग्रेजों द्वारा भारतवर्ष में भी इसका पर्दापर्ण कर दिया गया क्योंकि भारत जैसे देश में सूचनाएं पहुंचाने के लिए अंग्रेजों के पास कोई साधन नहीं था.

भारत में समाचार पत्र की ख्याति को देखते हुए ईसाई पादरियों ने अपने धर्म के प्रचार प्रसार के लिए “समाचार दर्पण” नामक पत्र निकाला. इसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए ब्रह्म समाज के संस्थापक राजा राममोहन राय ने को “कौमुदी” नामक समाचार पत्र का सफल संपादन किया था.

ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने “प्रभात” नामक समाचार पत्र का संपादन किया उस समय यह समाचार पत्र में बहुत लोकप्रिय हुआ था. धीरे-धीरे समाचार पत्र का विस्तार हुआ और इसका सभी क्षेत्रीय भाषाओं में संपादन होने लगा.

मुद्रण कला का विकास –

भारत में मुद्रण कला का विकास समाचार पत्रों के विकास की कहानी है भारत में जैसे-जैसे समाचार पत्रों को छापने की नई नई मशीनों का विकास हुआ उसी तेजी से समाचार पत्रों की संख्या में भी वृद्धि हुई है. वर्तमान में सभी शहरों का स्थानीय समाचार पत्र स्थानीय भाषा में प्रकाशित होने लगा है जो कि इसकी लोकप्रियता और बहुलता को दर्शाता है.

समाचार पत्र का व्यवसाय करने के लिए बहुत से व्यक्तियों की आवश्यकता होती है इसमें सर्वप्रथम समाचार पत्र छापने की मशीन, मशीन मैन, कंप्यूटर, कंप्यूटर ऑपरेटर, कागज, संपादक और संवादाता की जरूरत होती है यह बहुत से लोगों का रोजगार का साधन भी है.

समाचार पत्रों के लाभ –

समाचार पत्रों का मानव जीवन में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बहुत उपयोग है इनकी उपयोगिता का उल्लेख इनके उपभोग के आधार पर अलग-अलग बांटा है जोकि निम्नलिखित है –

(1) प्रतिदिन सूचनाओं का स्रोत – समाचार पत्र से हमें प्रतिदिन देश विदेश की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, खेल मनोरंजन, समाज, रोजगार, विज्ञान, मौसम, बाजार और अन्य घटनाओं की जानकारी एक ही स्थान पर मिल जाती है.

साथ ही समाचार पत्र और सभी वर्ग के लोग पढ़ सकते हैं क्योंकि यह सस्ता और सुलभ होता है इसको कहीं पर भी ले जाया जा सकता है और पढ़ा जा सकता है.

(2) व्यापारी वर्ग – व्यापारी वर्ग को समाचार पत्र से बहुत अधिक लाभ मिलता है क्योंकि समाचार पत्र से सर्वप्रथम उन्हें देश-विदेश और स्थानीय बाजार की प्रतिदिन की स्थिति का पता लगता रहता है. और समाचार पत्रों के माध्यम से कोई भी व्यापारी अपनी वस्तु विशेष का विज्ञापन दे सकता है जिससे उसका व्यापार बढ़ता है.

साथ ही व्यापारी को बाजार में आ रही नई वस्तु की जानकारी मिलती है और टेक्नोलॉजी का भी पता चलता है जिससे व्यापारी भविष्य की तैयारी पहले से ही कर सकता है.

(3) युवाओं वर्ग – युवा वर्ग के लिए भी समाचार पत्र बहुत बहुमूल्य है क्योंकि इससे उन्हें संपूर्ण जानकारी मिलती है साथ ही सरकारी और गैर सरकारी नौकरियों की भर्तियों का भी पता लगता है.

जिससे युवा वर्ग उनकी तैयारी करके नौकरी पा लेता है. वर्तमान में तो युवा वर्ग की सहायता के लिए अखबारों में सिलेबस और विशेषज्ञों की राय भी दी जाने लगी है जो कि युवा वर्ग के लोगों को नौकरी पाने में सहायता प्रदान करता है.

(4) विद्यार्थियों और शिक्षक वर्ग – विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए तो समाचार पत्र सूचना का भंडार है यहां उन्हें प्रतिदिन नई सूचनाएं मिलती है. जिसे शिक्षक लोग पढ़कर विद्यार्थियों को बताते है विद्यार्थियों को भी देश में चल रही गतिविधियों का पूरा ध्यान रखा है. वर्तमान में समाचार पत्रों में विद्यार्थियों के लिए अलग से ही ज्ञानवर्धक लेख छपने लगे है जिससे विद्यार्थियों को उच्च दर्जे की शिक्षा मिलती है इनमें विदेशी और देसी शिक्षकों की राय भी छपती रहती है. शिक्षा के क्षेत्र में आ रहे हैं नए बदलाव की जानकारी पहले से ही विद्यार्थियों को मिल जाती है.

(5) किसान वर्ग – किसानों के लिए तो समाचार पत्र किसी वरदान से कम नहीं है क्योंकि मौसम की जानकारी उन्हें इसी से प्राप्त होती है जिससे वे समय पर अपनी फसल लगा पाते है साथ ही फसल की पैदावार को कैसे बढ़ाना है इसकी जानकारी भी विशेषज्ञों द्वारा और कृषि मंत्रालय द्वारा समय-समय पर प्रकाशित होती रहती है.

किसानों को समाचार पत्र से बाजार में चल रही फसलों के भाव और सरकारी योजनाओं का भी पता लगता है जिससे किसान वर्ग पहले की तुलना में अधिक लाभ कमा पाता है.

(6) सामान्य लोगों के लिए – सामान्य वर्ग के लोगों को बहुत अधिक जिज्ञासा होती है वे सभी क्षेत्रों की जानकारी रखना पसंद करते है इसलिए समाचार पत्र उनकी इच्छाओं पर सही बैठता है इससे उन्हें राजनीति, आर्थिक, साहित्यिक और अन्य छोटी-मोटी ताने घटनाओं की जानकारी मिलती है जो कि उनकी दिनचर्या को सरल बनाती है.

(7) गृहिणियों और बुजुर्गों के लिए – वर्तमान समय में गर्मियों के लिए समाचार पत्र बहुत उपयोगी हैं क्योंकि इनमें नए-नए व्यंजनों को बनाने की विधि प्रकाशित होती रहती है साथ ही बाजार में उपलब्ध सही और गलत वस्तुओं की भी जानकारी उपलब्ध होती है जिससे गर्मियों को बहुत अधिक लाभ मिलता है.

वर्तमान की भागदौड़ भरी जिंदगी में बुजुर्गों के लिए समय निकालना कठिन हो गया है इसलिए बुजुर्ग लोग अपना समय व्यतीत करने के लिए अखबार पढ़ते है इससे उनका समय भी व्यतीत हो जाता है और नई-नई जानकारियां भी उनको मिलती रहती है.

(8) प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार – समाचार पत्र प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध करवाते है समाचार पत्र बहुत अधिक मात्रा में छपते है इसलिए इन को प्रकाशित करने के लिए अधिक लोगों की आवश्यकता होती है जिससे प्रत्यक्ष रूप से लोगों को रोजगार मिलता है.

अप्रत्यक्ष रूप में समाचार पत्र का उपयोग एक दिन का ही होता है इसलिए एक दिन के बाद यह कोई काम का नहीं होता इसलिए इसको रद्दी में बेचा जाता है जिससे रद्दी वाले को रोजगार मिलता है और कुछ पैसे बेचने वाले को भी मिल जाते हैं.

(9) सरकार और जनता के बीच संप्रेषण का स्त्रोत- सरकार अपनी योजनाओं और नीतियों की जानकारी पहुंचाने के लिए समाचार पत्रों का उपयोग करती है और जनता की आवाज सरकार तक पहुंचाने के लिए अखबार के संवाददाता उनकी आवाज को अखबारों में प्रकाशित करते है.

जिससे जनता और सरकार के मध्य संप्रेषण बना देता है और सरकार को नई नीतियां और योजनाएं लागू करने में दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता है.

समाचार पत्रों से हानियां –

जहां समाचार पत्र हमारी सर्वांगीण सहायता करते है वहीं अनेक बार उनसे जनहित और राष्ट्रहित दोनों को बड़े घातक परिणाम भोगने पड़े है. कभी-कभी समाचार पत्र में गलत सूचना प्रकाशित हो जाने के कारण देश में बहुत बड़े बड़े दंगे हो जाते है. जनता का सरकार पर से विश्वास उठ जाता है. कई बार तो गलत सूचनाओं के कारण इतने दंगे भड़क जाते हैं कि कई महीनों तक कर्फ्यू लगा रहता है. कई बार कुछ स्वार्थी लोग अपनी हीन भावनाओं किसी जाति विशेष के लिए अखबार में प्रकाशित करवा देते हैं जिससे पूरे समाज में हीन भावना फैल जाती है.

जिससे पूरे राष्ट्र में अराजकता का माहौल पैदा हो जाता है और देश में विकास की गति धीमी पड़ जाती है. एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र का शत्रु बन जाता है. दूसरे विश्वयुद्ध में कुछ इसी प्रकार के कुतिसत और घृणापूर्ण विचार समाचार पत्रों के माध्यम से फैलाए गए जिसने विश्वयुद्ध को बढ़ावा दिया.

चारित्रिक दृष्टि से कभी-कभी समाचार पत्र अपने छोटे से स्वार्थ के लिए देश को गर्त में ढकेल देते है. समाचार पत्रों में अश्लील सामग्री और ऐसे चित्रों का उपयोग किया जाता है जो कि समाज के लिए किसी भी दृष्टि से अच्छे नहीं होते हैं इससे समाज के प्रत्येक व्यक्ति पर बुरा प्रभाव पड़ता है.

समाचार पत्र के प्रकार –

समाचार पत्र के प्रकार के होते है यह उनके प्रकाशित होने के समय पर निर्भर करता है कुछ प्रतिदिन प्रकाशित होते हैं तो कुछ, अर्द्ध साप्ताहिक, साप्ताहिक, अर्द्ध मासिक, मासिक रूप से प्रकाशित होते है.

समाचार पत्रों का एक रूप मैगजीन भी होती है जोकि किसी विषय विशेष पर सकती हैं जैसे राजनीतिक, सामाजिक, विज्ञान, आर्थिक विकास, साहित्यिक व्यापार इत्यादि पर प्रकाशित होती है.

भारत के प्रमुख समाचार पत्र –

हमारे भारत देश में कई प्रकार के समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं लेकिन उनमें से कुछ प्रमुख हैं जिनको सभी लोग पढ़ना पसंद करते हैं उनके नाम इस प्रकार हैं – द टाइम्स ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान टाइम, द इकोनॉमिक्स टाइम्स, द हिंदू, दैनिक भास्कर, अमर उजाला, लोकमत, दैनिक जागरण, राजस्थान पत्रिका, पंजाब केसरी, इंडियन एक्सप्रेस इत्यादि प्रमुख अखबार है.

उपसंहार –

आज प्रत्येक स्वतंत्र राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में समाचार पत्रों का बहुत अधिक सहयोग है. जनता को अपने द्वारा चुनी हुई सरकार की आलोचना करने और अपनी आवाज उठाने का संपूर्ण अधिकार प्राप्त है. प्रत्येक मनुष्य अपने विचारों को सरकार के सामने स्वतंत्र रूप से व्यक्त कर सकता है.

यह सब समाचार पत्रों के माध्यम से ही हो पाया है क्योंकि इन्हीं के माध्यम से हम अपनी आवाज को उठा सकते हैं और अन्य लोगों और सरकार तक पहुंचा सकते है. समाचार पत्रों को भी स्वतंत्र रूप से खबरें प्रकाशित करने चाहिए अगर इन पर किसी प्रकार की पाबंदी लगाई जाती है तो वह किसी राष्ट्र का गला घोटने के समान होगा.

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समाचार पत्र पर निबंध | Essay on Newspaper in Hindi

हेलो दोस्तों, आज हमलोग इस लेख में समाचार पत्र पर निबंध हिंदी में ( Newspaper essay in Hindi) पड़ेंगे जो कि आपको Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 व अन्य competitive examination जैसे कि SSC, UPSC, BPSC जैसे एग्जाम में अत्यंत लाभकारी साबित होंगे। समाचार पत्र पर निबंध (Essay writing on Newspaper ) के अंतर्गत हम समाचार पत्र से संबंधित पूरी जानकारी को विस्तार से जानेंगे इसलिए इसे अंत तक अवश्य पढ़ें।

(निबंध- 1) Short Essay on Newspaper in Hindi

समाचार पत्र को अंग्रेजी में NEWSPAPER कहते हैं। जिसका पूर्ण रूप होता है।

समाचार पत्र के बारे में कहा जा सकता है कि समाचार पत्र संसार की वर्तमान स्थिति का दर्पण है। विश्व में घटित घटनाओं का विश्वसनीय दस्तावेज है। सत्ता और विरोधी पक्ष के विचारों के गुण-दोष विवेचन का राजहंस है। ज्ञान-वर्धन का सबसे सस्ता, सरल और प्रमुख साधन है। मानवीय जिज्ञासा, कौतूहल और उत्सुकता की शान्ति का साधन है। लोकतंत्र का चतुर्थ स्तम्भ है।

समाचार पत्र केवल डेढ़-दो रुपए में विश्व-दर्शन करवाता है। कितना सस्ता साधन है, ज्ञानवर्धन का। हॉकर समाचार पत्र को घर पर डाल जाता है। बिना कष्ट किए ही हमें उसकी उपलब्धि हो जाती है। कितनी सुगम है इसकी प्राप्ति। जीवन और जगत् की अद्यतन जानकारी देने वाला विश्वसनीय दूत है, यह । इसकी प्रामाणिकता में सन्देह के लिए कोई स्थान नहीं।

समाचार पत्र का जन्म चीन
विश्व का प्रथम समाचार पत्र पीकिंग गजट
भारत का प्रथम समाचार पत्र बंगाल गजट
हिंदी का प्रथम समाचार पत्र उदन्त-मार्तण्ड
समाचार पत्र के जनक  जेम्स हिकी
विश्व का प्रथम समाचार पत्र द रिलेशन एलर फर्नेमेन एंड गेडेनकवुर्डिजेन हिस्टोरियन
(Collection of all Distinguished and Commemorable News)

समाचार पत्र का इतिहास 

समाचार पत्र का जन्म सोलहवीं शताब्दी में चीन में हुआ था। “पीकिंग गजट” विश्व का प्रथम समाचार पत्र था। अंग्रेजों के आगमन के पश्चात् मुद्रण कला के विकास के साथ-साथ भारत में भी समाचार पत्र का प्रारम्भ हुआ। भारत का प्रथम समाचार पत्र “ बंगाल गजट” था। इसके बाद ईसाई पादरियों ने समाचार पत्र निकाले। हिन्दी का पहला समाचार पत्र “उदन्त-मार्तण्ड” 30 मई, 1826 को प्रकाशित हुआ। यह हिंदी समाचार पेपर के रूप में प्रसिद्ध हुआ। यह साप्ताहिक था। तत्पश्चात् राजा राममोहन राय ने ‘कौमुदी’ और ईश्वरचन्द्र ने ‘प्रभाकर’ पत्र निकाले। आजकल तो समाचार पत्रों की बाढ़ आई हुई है।

सम्पूर्ण भारत में अंग्रेजी में 353, हिन्दी अखबार 2202, उर्दू में 509, तमिल में 344, मराठी में 302, कन्नड़ में 290 तथा मलयालम में 208 दैनिक समाचार पत्र छपते हैं।

आठ क्षेत्रीय कार्यालयों और 33 कार्यालयों एवं सूचना केन्द्रों द्वारा पत्र सूचना कार्यालय विभिन्न प्रसारण माध्यमों, जैसे प्रेस विज्ञप्तियाँ, प्रेस नोटों, विशेष लेखों, संदर्भ सामग्री, प्रेस ब्रीफिंग, साक्षात्कारों, संवाददाता सम्मेलनों और प्रेस दौरों आदि की सूचना 13 क्षेत्रीय भाषाओं में आठ हजार समाचार पत्रों तथा समाचार संगठनों तक पहुंचाता है। कम्प्यूटर और इन्टरनेट के माध्यम से दुनियाभर के समाचार पत्रों को भी ये सूचनाएं उपलब्ध हैं।

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समाचार पत्र के विषय

समाचार पत्र में देश-विदेश के ताजे समाचार तथा शासकीय, व्यापारिक एवं खेलकूद के समाचार पढ़िए। सरकारी आदेश, निर्देश, सूचनाएं देखिए। सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, साहित्यिक तथा सिने-संसार की गतिविधियों की जानकारी लीजिए। आकाशवाणी और दूरदर्शन के दिन-भर के कार्यक्रमों का विवरण पढ़िए चलचित्र जगत् का पोस्टमार्टम प्राप्त कीजिए।

समाचार पत्र के विज्ञापन व्यापार वृद्धि के प्रमुख साधन हैं। विज्ञापन समाचार पत्रों के आय के स्रोत भी हैं। संवाददाताओं, फोटोग्राफरों की आमदनी बढ़ाते हैं। लाखों कर्मचारियों को जीविका प्रदान करते हैं। लाखों हॉकरों को रोजी-रोटी देते हैं।

समाचार पत्र और लोकतंत्र

समाचार पत्र लोकतन्त्र के चतुर्थ स्तम्भ हैं, उसके जागरूक प्रहरी हैं। राजनैतिक बेईमानी, प्रशासनिक शिथिलता तथा भ्रष्टाचरण एवं मिथ्या आश्वासनों और जनता के अहितकर षड्यन्त्रों का पर्दाफाश करते हैं। 1974 से 1977 तक के आपत्कालीन तिमिरावृत भारतीय काल को चीर देने का श्रेय समाचार पत्रों को ही है। अमेरिका के वाटरगेट काण्ड का भण्डाफोड़ समाचार पत्रों ने ही किया था। चुनावों के खोखलेपन की शल्यक्रिया करने वाले ये समाचार पत्र ही हैं। भारत में प्रजातन्त्र के छद्म-वेश में परिवार तन्त्र की स्थापना के प्रति सचेत करने का दायित्व समाचार पत्र ही वहन किए हुए हैं।

समाचार पत्र के लाभ

समाचार पत्र सामाजिक कुरीतियों तथा धार्मिक अन्धविश्वासों को दूर कराने में सहायक सिद्ध हुए हैं। अखबार के सम्पादकीय बड़े-बड़ों के मिजाज ठीक कर देते हैं। ये सरकारी नीति के प्रकाशन तथा सरकार की आलोचना के भी सुन्दर साधन हैं। वास्तव में विचारों को स्पष्ट और सही रूप में प्रस्तुत करने के लिए समाचार पत्र से अधिक अच्छा साधन और कोई नहीं है। वर्तमान युग में विचारों की (बुद्धि की) प्रधानता है। सर्वत्र बुद्धिवाद का ही बोलबाला है। तर्कसम्मत और प्रभावोत्पादक ढंग से विचारों को प्रस्तुत करना ही सफलता की कुंजी है। इसके लिए समाचार पत्र सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण साधन हैं। प्रसिद्ध विचारक श्री हेन ने ठीक ही कहा है- आजकल हम विचारों के लिए संघर्ष करते हैं और समाचार पत्र हमारी किलेबन्दियाँ हैं।’

समाचार पत्र के प्रकार

समाचार संग्रह का प्रमुख साधन है- टेलीप्रिण्टर। समाचार पत्र कार्यालयों में लगी ये मशीनें अहर्निश टप-टप की ध्वनि में समाचारों को टंकित करती रहती हैं। टेलीप्रिण्टर को संचालित करती हैं-समाचार-एजेंसियाँ। ये समाचार-संग्रह की विश्व-व्यापी संस्थाएँ हैं। ये अपने संवाददाताओं द्वारा समाचार संग्रह करके टेलीप्रिण्टर द्वारा समाचार पत्रों को भेजती हैं। भारत में दो प्रमुख समाचार-एजेंसियों हैं-

(1) प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया तथा 

(2) यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (U.N.L.)।  इनके अतिरिक्त गुट निरपेक्ष समाचार एजेंसी पूल (N.A.N.A.P.) है।

दैनिक समाचार पत्र नवीनतम दैनिक समाचारों का दस्तावेज हैं, तो साप्ताहिक-पत्र साप्ताहिक गतिविधियों के मीमांसक दर्पण। पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक पत्र पत्रिकाएँ विषय-विशेष के रूप को उजागर करती हैं। ये विविध रूपा हैं- जैसे साहित्यिक, राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक आदि। विशिष्ट ज्ञानवर्धक सामग्री प्रस्तुत करना इनका ध्येय है।

जैसे-जैसे मानव में ज्ञान के प्रति जागरूकता बढ़ेगी, जीवन और जगत् की जानकारी के प्रति जिज्ञासा जागृत होगी, संसार की अद्यतन गतिविधियों के प्रति जल बिन मीन की तरह छटपटाहट होगी, वह ‘समाचार पत्रम् शरणम् गच्छामि’ के उद्घोष को मुखरित करेगा।

(निबंध- 2) Essay on Newspaper in Hindi Language

समाचार पत्र जन-जागरण के सर्वश्रेष्ठ, सर्वसुलभ सस्ते तथा सुगम साधन हैं। समाचार पत्र के लेखों से जनता पर जादू का-सा प्रभाव पड़ता है। वह बुरे कर्म से सचेत होती है, अच्छी और लाभप्रद बातों का लाभ उठाती है।

जनता को विकास-पथ पर अग्रसर होने के लिए सचेत करने को जन-जागरण कह सकते हैं। जनता को सतत जागृत रखना समाचार पत्रों का दायित्व है। जन-जीवन के जागरण की विविध दिशाएँ हैं-सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, पारिवारिक, आर्थिक, व्यापारिक, वैज्ञानिक, साहित्यिक आदि। वस्तुतः समाचार पत्र जन-जागरण के प्रहरी ही नहीं, मन्त्रदाता और मार्गदर्शक भी हैं।

महाकवि जयशंकर प्रसाद ने जागरण का अर्थ कर्म-क्षेत्र में अवतीर्ण होना माना है। वे लिखते हैं-‘कर्मक्षेत्र क्या है? जीवन-संग्राम।’ जनता को जीवन-संग्राम में अवतरित, करने में समाचार पत्र का महत्त्वपूर्ण स्थान है। इसीलिए कुछ महापुरुषों ने तो समाचारपत्रों को जनता के ‘शिक्षक’ माना है और जे. पार्टन ने उन्हें ‘जनता के विश्वविद्यालय’ स्वीकार किया है।

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समाचार पत्र और राजनीति

भारतीय स्वतन्त्रता-संग्राम में समाचार पत्रों ने जनता को राजनीतिक कर्तव्यों के प्रति जागरूक रखा। परतन्त्रता के युग में अंग्रेजों के दमन-चक्र के विरुद्ध सत्याग्रह के लिए वातावरण तैयार करने एवं अंग्रेजों के विरुद्ध जनाक्रोश उत्पन्न करने में समाचार पत्रों की भूमिका अविस्मरणीय थी।आपत्काल में इण्डियन एक्सप्रेस, वीर अर्जुन, प्रताप, पाञ्चजन्य आदि पत्रों ने अपने अग्रलेखों से जनता को जागरूक रखा।

किसी भी सरकार की नीतियों के आलोचक समाचार पत्र ही होते हैं। उनके सम्पादकीय लेख अधिनायकवादी सत्ताधारियों के मिजाज ठीक कर देते हैं। भारतीय शासन में बढ़ते और फैलते भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद तथा स्वार्थपूर्ति के लिए किए गए कुकर्मों का भंडाफोड़ भारत के समाचार पत्र ही करते रहे हैं। ब्रिटेन के प्रसिद्ध प्रधानमन्त्री डिजरायली का विचार था कि अत्याचारी शासक-वर्ग का सबसे बड़ा शत्रु समाचार पत्र हैं। प्रसिद्ध अमेरिकी संवाददाता जैक ऐम्डर्सन ने लिखा है, ‘समाचार पत्रों की स्वतन्त्रता एक पहरेदार कुत्ते की तरह है, जो कभी-कभी भयंकर रूप धारण कर सकती है और इसकी घ्राणशक्ति हमें उन अलमारियों तक ले जाती है, जिनमें सरकारों, बड़े-बड़े औद्योगिक संस्थानों तथा नेताओं की भयावनी योजनाएँ छिपी रहती हैं।’

अमेरिका के सुप्रसिद्ध ‘वाटरगेट काण्ड’ , जिसके कारण राष्ट्रपति निक्सन का पतन हुआ, जापान के शक्तिशाली प्रधानमंत्री काकुई तनाका के पतन एवं इंग्लैण्ड के मन्त्री प्रोफ्यूमा के सेक्स-काण्ड और अमेरिका के राष्ट्रपति क्विंटन के अवैध काम-सम्बन्ध के उद्घाटन का श्रेय समाचार पत्रों को ही है। भारत तो षड्यंत्रों और भ्रष्टाचरण का भवन बनता जा रहा है। नागरवाला काण्ड, बोफर्स काण्ड, चाराकाण्ड, शेयर मार्किट और बैंकों का षड्यन्त्र, एक से एक बढ़कर षड्यन्त्र होते हैं, जिन्हें समाचार पत्र ही उद्घाटित करते हैं। वे जनता के दुःख-दर्द से अनजान सत्ता की नींद हराम करते हैं।

समाचार पत्र की भूमिका

समाचार पत्र सामाजिक कुरीतियों से पर्दा उठाकर जनता को उनके विषाक्त परिणाम अवगत कराते हैं। दहेज की बलिवेदी पर चढ़ने वाली नारियों तथा सती प्रथा द्वारा आत्मदाह करने वाली पत्नियों के समाचारों को प्राथमिकता देते हैं। इधर’कल्याण’ पत्र ने धार्मिक क्षेत्र में जन-जागरण का जो कार्य किया है और कर रहा है, उसे भारतीय जनता विस्मृत नहीं कर सकेगी। उसमें धार्मिक जीवन की सुचारुता, शान्ति और प्रगति के लिए लेखों की भरमार रहती है। राष्ट्र की आर्थिक दशा का विश्लेषण करके जनता को सचेत करने में समाचार पत्र कभी पीछे नहीं रहे। आर्थिक विकास के साधनों के प्रयोग को समाचार पत्र प्रकाश में लाते रहते हैं। आर्थिक चेतना की जागृति के लिए तो भारत में अब अनेक आर्थिक दैनिक-पत्र भी छपते हैं।

जनता को वैज्ञानिक उन्नति की जानकारी देने एवं उसके हानि-लाभ से परिचित कराने का श्रेयसमाचार पत्रों को ही है। वैज्ञानिक पत्रिकाओं का उद्देश्य तो केवल यही है कि जनता वैज्ञानिक प्रयोगों और उनकी आश्चर्यजनक उपलब्धियों से परिचित रहे।जनता जानती है कि अब बड़ी-से-बड़ी बीमारी पर भी विज्ञान ने विजय प्राप्त कर ली है। तपेदिक, कैंसर, हृदय तथा मस्तिष्क रोगों से अब मानव मरता नहीं। इसी प्रकार स्वास्थ्य-रक्षा के साधनों, उनके कार्यक्रमों तथा उपायों को विस्तृत जानकारी देकर ये समाचार पत्र जनता को जागृत करते रहते हैं।

समाचार पत्र विश्व की घटनाओं का संक्षिप्त दस्तावेज हैं। प्रात: उठकर मानव ज्ञानवर्द्धन के लिए समाचार पत्र पढ़ता है। विश्व की घटनाओं के प्रति जानकारी प्राप्त करता है। व्यक्ति, समाज, राष्ट्र और विश्व के सन्दर्भ में उनका मूल्यांकन करता है। सन् 1974 में बंगलादेश में जब मार्शल लॉ लागू हुआ तो भारत की जनता सजग हो गई कि कहीं भारत पर उसका प्रभाव न पड़े। जागरूक जन-नेताओं की दूरदर्शिता सच निकली और जून, 1975 में भारत में आपत्स्थिति घोषित हो गई।

समाचार पत्र की ताकत

लोकतन्त्रात्मक राष्ट्रों में समाचार पत्र चतुर्थ जन-शक्ति है। यह जन-शकि जनता के अधिकारों के लिए लड़ती है और कर्तव्यपूर्ति के लिए जनता को प्रेरित करती है। सरकारनिर्माण के लिए मतदान के अवसर पर वह प्रत्येक प्रत्याशी और दल की गतिविधियों की समीक्षा करके उसकी अच्छाई-बुराई को स्पष्ट करती है, ताकि जनता मत डालते समय जागरूक रहे, राजनीतिज्ञों की धूर्तता के मोह-जाल में न फंस जाए।

वित्तीय घोटालों और काण्डों की राजनीति का पर्दाफास करना, जातीय हिंसा, साम्प्रदायिक विद्वेष तथा क्षेत्रीय आतंकवादी राजनीति से सरकार और जनता को सचेष्ट करना, दलीय राजनीतिक से लोकतांत्रिक मूल्यों की सुरक्षा के लिए तर्क करना तथा देशद्रोहियों की मतिविधियों से जागरित करना चतुर्थ जन-शक्ति का कर्तव्य है।

इस प्रकार जनता को जागरूक रखने का बहुत बड़ा श्रेय समाचार पत्रों को है। जनता के अधिकारों के लिए लड़ना और जनता को अपने कर्तव्यों के प्रति सचेत करना समाचारपत्र अपना धर्म समझते हैं। अत्याचार और अनाचार के विरुद्ध जनता में पाँचजन्य का घोष करके एवं उसे क्रान्ति के लिए प्रस्तुत करके, उसे आर्थिक, धार्मिक तथा सामाजिक विद्रोही तत्त्वों से सजग रखने में ही समाचार पत्रों की इतिकर्तव्यता है।

(निबंध- 3) Essay on Newspaper in Hindi 

समाचार पत्र वर्तमान जीवन का दर्पण है, अद्यतन ज्ञान का प्रदाता है। जीवन में विश्व हलचल की जानकारी का माध्यम है। यह जनता को जागृत करते का सर्वश्रेष्ठ, सर्वप्रिय, सस्ता तथा सुलभ साधन है। लोकतन्त्रात्मक राष्ट्रों में समाचार पत्र जन-शक्ति का चतुर्थ स्तम्भ है, क्योंकि यह जन-जीवन की भावनाओं की अभिव्यक्ति का माध्यम समाचार पत्र वर्तमान-युग की ‘बेड टी’ है। जिस प्रकार बिना “बेड टी” आज का तथाकथित सभ्य नागरिक बिस्तर के नीचे पाँव नहींरखता, उसी प्रकार मानसिक भूख मिटाने लिए ‘समाचार पत्र’ पढ़े बिना उसे चैन नहीं पड़ता। कुछ लोग प्रात: उठकर दर्पण में अपना मुंह देखते हैं, कुछ हथेलियों के माध्यम से आत्म-दर्शन करते हैं, उसी प्रकार आज का शिक्षित नागरिक समाचार पत्ररूपीदर्पण में विश्व-दर्शन किए बिना सन्तुष्ट नहीं हो पाता। वर्तमान-जीवन में समाचार पत्र का इससे बढ़कर महत्त्व क्या होगा कि समाचार पत्र पढ़ने का अभ्यस्त व्यक्ति प्रात:काल उसके दर्शनों के अभाव में ऐसा तड़पता है, जैसे जल के बिना मछली।

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समाचार पत्र और संस्कृति का संबंध

भारतीय संस्कृति का उद्घोष है, ‘वसुधैव कुटुम्बकम्।’ इसके कार्यान्वयन का भार वहन किया समाचार पत्रों ने। समाचार पत्र विश्व के समाचारों का संग्रह है, सांसारिक जीवन की गतिविधि का दर्पण है। वह वसुधा के समाचारों को समस्त कुटुम्ब तक पहुंचाना अपना लक्ष्य मानता है। इस प्रकार समाचार पत्र वर्तमान जीवन में ज्ञानवर्धन का माध्यम है। इसीलिए आजकल लड़ाई का मैदान विश्व के राष्ट्र कभी-कभी ही होते हैं। कारण, समाचार पत्रों ने इनका स्थान ले लिया है। नेताओं, राष्ट्र और राज्य के दृष्टिकोण के समर्थन, प्रचार एवं प्रसार के लिए समाचार पत्र प्रतिदिन अग्नि-वर्षा करने से नहीं चूकते। समाचार पत्र लोकतान्त्रिक राष्ट्रों में जन-शक्ति के महान् प्रदर्शक है। जनता की भावनाओं की अभिव्यक्ति का माध्यम है, राष्ट्र के कर्णधारों के बहरे कानों में जनता की आवाज फूंकने वाला पाँच जन्य है। भारत के सूखा पीड़ितों को बेहाली, जनता की असुरक्षा की घटनाओं, चोरी, डाके, बलात्कार, दलितों पर हुए अत्याचारों तथा पीड़ित जनता की चीत्कार को प्रकट कर भारत के समाचार पत्रों ने सरकार को झझकोरा है।

समाचार पत्र का महत्व

समाचार पत्र जन जागरण के वैतालिक हैं। एक सजग प्रहरी की भांति समाचारपत्र भयंकर रूप भी धारण कर सकते हैं। वे हमें अपनी दिव्य दृष्टि एवं तीव्र सूझबूझ के माध्यम से उन आलमारियों तक ले जाते हैं, जिनमें सरकारों, बड़े-बड़े औद्योगिक संस्थानों तथा स्वार्थी नेताओं की भयावनी योजनाएं छिपी रहती हैं। अमेरिका के सुप्रसिद्ध ‘वाटरगेट काण्ड’ , जापान के शक्तिशाली प्रधानमन्त्री काकुई तनाका का पतन, इंग्लैण्ड के मन्त्री प्रोफ्यूमा कासेक्स-काण्ड एवं भारत में बोफर्स काण्ड, चाराकाण्ड, क्रिकेट-मैच फिक्सिंग काण्ड आदि बीसियों काण्डों का प्रकाशन समाचार पत्रों द्वारा जन-जागरण के चलन्त प्रमाण हैं। इसीलिए विश्वविख्यात वीर नेपोलियन ने कहा था, ‘मैं लाखों विरोधियों की अपेक्षा तीन विरोधी समाचार पत्रों से अधिक भयभीत रहता हूँ।’

समाचार पत्र ही जनमत तैयार करने का सबसे सुलभ साधन है। प्रकाशित समाचारों, अग्रलेखों और सम्पादकीय टिप्पणियों में जनता की विचारधारा मोड़ने और दृष्टिकोण को बदलने की महती शक्ति होती है। आपत्काल की ज्यादतियों एवं संजय राज नारायण चरण सिंह की विभेदक नीतियों से राष्ट्र को खतरे की घण्टी बजा-बजाकर समाचार पत्रों ने इन सबके प्रति जनता के मनों में क्षोभ उत्पन्न किया। रूस के अधिनायकवादी रवैये पर समाचार पत्र ही टिप्पणियां लिख-लिखकर जनता को सही बात समझाने की चेष्टा करते रहे। अमेरिका की चौधराहट पर रोष प्रकट करने का कार्य समाचार पत्र ही करते हैं।

समाचार पत्र और विज्ञापन का संबंध

जीवन में विज्ञापन का बहुत महत्त्व है। किसी वस्तु, भाव या विचार को विज्ञापन द्वारा प्रसिद्ध किया जा सकता है, प्रधानता दिलाई जा सकती है। समाचार पत्र विज्ञापन का एक बड़ा साधन है। इसमें प्रकाशित विज्ञापन पढ़े जाते हैं। ये विज्ञापन पाठक पर अपना प्रभाव भी छोड़ते हैं। इसीलिए व्यापारी वर्ग विज्ञापन के लिए समाचार पत्रों का सहारा लेकर व्यापार की वृद्धि करते हैं। दूसरी ओर अपने विचारों के प्रचार और प्रसार के लिए राजनीतिक, सामाजिक तथा धार्मिक संस्थाएँ अपने-अपने अखबार निकालती हैं। समाचार पत्र योग्य वर या वधू, काम के लिए उपयुक्त कर्मचारी, कार्यालय या निवास के लिए उचित स्थान की खोज का श्रेष्ठ एवं सरल साधन बन गए हैं।

वर्तमान युग में नवोदित लेखकों एवं कवियों कवयित्रियों को प्रकाश में लाने का श्रेय भीसमाचार पत्रों को है। अपरिचित लेखकों को जनता समाचार पत्रों के माध्यम से आँखों पर बैठाती है, उनके प्रति श्रद्धा प्रकट करती है। यश के साथ-साथ समाचार पत्र आय का साधन भी हैं। लेखक को लेख का पारिश्रमिक मिलता है, कवि-कवयित्री को अपनी प्रकाशित कविता के लिए दक्षिणा प्राप्त होती है।

इन सबसे बढ़कर समाचार पत्र लाखों लोगों की आजीविका का साधन है। समाचारपत्रों के कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारी, सम्पादक, संवाददाता, फोटोग्राफर, समाचार एजेंसियों के कर्मचारी, कम्पोजिटर, मशीनमैन आदि लाखों लोग समाचार पत्रों से अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं।

समाचार पत्र के बिना आज का मानव जगत् की घटनाओं से अनभिज्ञ अंधेरे में ही रह जाता है।सुचारु जीवन जीने की कला से अनभिज्ञ रहता है। विश्व की कुटुम्बीय भावना को नकारता है। किसी कवि ने ठीक ही कहा- 

हैइस अन्धियारे विश्व में, दीपक है अखबार।  सुपथ दिखावे आपको, आँख करत है चार।।

(निबंध- 4) Newspaper Essay in Hindi

समाचार पत्र और लेखक.

पत्रकार लोकतंत्र में एक जागरूक प्रहरी की सार्थक भूमिका का निर्वाहक होता है और समाचार पत्र लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहां गया है। समाचार पत्र और पत्रकार ही समाज की खोई शक्ति को पुनः जागृत करने का कार्य करते हैं। पत्रकार ही अपने समाचार पत्र के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों और धार्मिक अंधविश्वासों को उजागर कर समाज को जागरूक बनाते हैं। कवि मनोहर लाल ‘रत्नम’ ने अपनी कविता ‘पत्रकार प्रहरी होता है’ में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया है कि-

लोकतंत्र की मर्यादा का, पत्रकार प्रहरी होता है।

मन का भावुक पत्रकार यह, समय पड़े जहरी होता है।

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सत्य घटना व जानकारी का स्रोत

लोकतंत्र में पत्रकार सत्य और सही बात कहने में बिल्कुल भी संकोच नहीं करता। राजनैतिक बेईमानी, प्रशासन की कमजोरियाँ, चहूँ ओर फैला भ्रष्टाचार, नेताओं के झूठे आश्वसनों का पत्रकार ही पर्दाफाश करता है। वर्तमान में पत्रकार दो प्रकार से देखे जा सकते हैं, एक तो प्रकाशन समुदाय से जुड़े पत्रकार जिसे आज हम ‘प्रिंट मीडिया’ के नाम से जानते हैं और (दूसरे मीडिया से जुड़े अर्थात् दूरदर्शन प्रणाली के पत्रकार दोनों के पत्रकार चाहे समाचार पत्र से जुड़े हों या दूरदर्शन से, समाचार एकत्र करने में अपने दायित्व का निर्वाह करते देखे गये हैं।

वर्तमान में युग दूरदर्शन का है और विभिन्न चैनलों के माध्यम से आज पत्रकार अपने कार्य को सुचारू रूप से कर रहे हैं। लोकतंत्र में पत्रकार आज इतना जागरूक है कि ‘तहलका’ और ‘तेलगी’ जैसे घिनौने कार्य का पत्रकारों ने अपनी जान पर खेलकर फर्दाफाश किया है। लोकतंत्र में इन पत्रकारों को इतनी स्वतंत्रता मिल पाना ही लोकतंत्र की जीत कही जा सकती है।

भारत देश प्रजातंत्र के भेष में परिवार तंत्र की स्थापना के प्रति समाज और देश को सचेत करने दायित्व इन पत्रकारों ने ही निभाया है। देश में हो रहे अनेकों काण्ड चारा घोटाला काण्ड, चीनी काण्ड, शेयर घोटाला काण्ड, बोफोर्स काण्ड, ताबूत काण्ड इत्यादि अनेकों घोटालों का भंडाफोड़ पत्रकारों ने ही किया है, यही कारण है कि आज बड़े-बड़े नेता भी यदि भय खाते हैं तो इस प्रकार के कर्तव्यनिष्ठ खोजी पत्रकारों से, जिनके प्रयास से नेताओं की काली करतूते जनता के सामने आती हैं।

पत्रकार अपनी लेखनी की पैनीधार से राजनीति की भी बखिया उधेड़ते ही रहते हैं। यदि देश का पत्रकार अपने कर्तव्य में विमुख हो जाये तो सारा समाज गेंदला हो जायेगा। पत्रकार अग्रणी होकर समाज में होरही अनेक घटनाओं की जानकारी जनता के समक्ष रखते

पत्रकार लोकतांत्रिक राष्ट्र ने जन-शक्ति का महान् प्रदर्शक है, जिसकी तत्परता से ही समाज में जागकरण आता है। पत्रकार ही जनता की भावनाओं की अभिव्यक्ति का माध्यम है। पत्रकारों का साहस है कि वह अपने उस खुफिया कैमरे के माध्यम से बिक्रीकर अधिकारियों, आयकर विभाग के कर्मचारियों, नेताओं और पुलिस को रिश्वत लेते हुए दूरदर्शन के चैनलों पर दिखाकर लोकतंत्र में अपने दायित्व को निभाया है, ताकि देश की जनता इनके असली स्वरूप को पहचान सके।

समाज का आम नागरिक तो रात को अपने घर में आराम कर रहा होता है और पत्रकार खबरें खोज रहा होता है। टी.वी. पर अनेक चैनलों ने नये ढंग से विस्तार के साथ समाचारों को प्रसारित करना प्रारंभ किया है जिनमें सनसनी, अचल हैंडरेड, पुलिस फाईल में, कालकपाल-महाकाल, वारदाता, सी.आई.डी., नाम से जो कार्यक्रम टी.वी. पर विभिन्न चैनलों द्वारा प्रसारित किये जाते हैं उनको बनाने में, फिल्माने में पत्रकारों का साहस और उनका कर्तव्य भी प्रशंसनीय है। तभी से कहा गया है कि अपने देश की सीमाओं का पत्रकार प्रहरी होता है।’

प्रहरी पत्रकार के प्रतिनिधि मंडल के मुखिया से यह पूछ लिया कि आपकी कार में ‘लालबत्ती’ किस हैसियत से लगी है, क्योंकि आप न तो विधायक हैं, न सांसद हैं और नही कोई मंत्री हैं तो गाड़ी पर लालबत्ती का कारण? इतना सुनते उस मुखिया के हिमायतियों ने पत्रकार के साथ मारपीट शुरू कर दी; उसी क्षण सभी टी.वी. चैनलों के पत्रकारों ने वह मारपीट और उस तथाकथित मुखिया नेता द्वारा बोली जा रही अभद्र भाषा को फिल्माकर पूरे देश को दिखा दिया। लोकतंत्र में पत्रकार ने केवल ‘लालबत्ती’ के अधिकार का प्रश्न ही पूछा तो हँगामा इतना हो गया कि जैसे किसी चोर को चोरी करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया हो।

आज के समय में पत्रकारिता का कार्य बड़ा जोखिम भरा है और जब तक पत्रकार निडर और निर्भीक नहीं है तब तक वह व्यक्ति पत्रकार के कार्य को भली प्रकार नहीं निभा सकता। आजकल तो महिलाएँ इस क्षेत्र में रुचि लेकर आगे आ रही हैं। भारत देश के नेता तो पूरे देश को दागी और कलंकित करने पर उतारू हो रहे लगते हैं और पत्रकार लोकतंत्र में अपने दायित्व को निभाने में तत्पर हैं।

लोकतंत्र में कपटतंत्र है, संविधान है मौन। 

पत्रकार है सजग देश का, और न्याय है मौन।

Frequently Asked Questions

उत्तर: 1816 में

उत्तर: अंग्रेजी में

उत्तर: गंगाधर भट्टाचार्य

उत्तर: कोलकाता में

उत्तर: जेम्स हिकी को

उत्तर: 1674 में

उत्तर: जोहान कैरोलस

दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा लेख समाचार पत्र पर निबंध (Essay on Newspaper) पढ़ कर अच्छा लगा होगा और आपके सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए होगें।

यदि आपको यह लेख News paper in hindi अच्छा लगा हो इससे आपको कुछ सीखने को मिला हो तो आप अपनी प्रसन्नता और उत्सुकता को दर्शाने के लिए कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook , Google+, Twitter इत्यादि पर Share कीजिए।

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  • ई-रूपी क्या है (What is eRUPI in Hindi)
  • बैंक दर क्या है (What is Bank Rate in Hindi)
  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष क्या हैं (What is IMF in Hindi)

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अच्छी व्याख्या एवं व्यायकरण

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दा इंडियन वायर

समाचार पत्र या अखबार पढ़ने पर निबंध

newspaper essay in hindi pdf

By विकास सिंह

reading newspaper essay in hindi

विषय-सूचि

समाचार पत्र पढ़ने पर निबंध, essay on newspaper reading in hindi (200 शब्द)

अख़बार पढ़ना सबसे अच्छी आदतों में से एक है, जिसे लोग अपना सकते हैं। यह एक जगह पर बैठे दुनिया भर की सभी घटनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है।

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और समाज में आराम से और शांति से रहने के लिए व्यक्ति को यह जानना चाहिए कि उसके आसपास क्या चल रहा है। समाचार पत्र न केवल आपके आसपास के क्षेत्र के बारे में जानकारी प्रदान करने में मदद करता है बल्कि आपको दुनिया भर की महत्वपूर्ण खबरों से परिचित कराता है।

पहले के समय में, केवल कुछ ही प्रकाशन होते थे लेकिन अब बाजार में कई समाचार पत्र उपलब्ध हैं। समाज में विभिन्न वर्गों की जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न डोमेन को कवर करने वाले विशेष समाचार पत्र हैं। उदाहरण के लिए, आप इकोनॉमिक टाइम्स, बिजनेस स्टैंडर्ड और द फाइनेंशियल एक्सप्रेस जैसे बिजनेस अखबारों पर हाथ रख सकते हैं।

इसी तरह, महानगरीय शहरों में क्या चल रहा है, यह जानने के लिए आप मेट्रोपॉलिटन डेली न्यूजपेपर चुन सकते हैं। हालांकि, सामान्य हित अखबार के लिए जाना सबसे अच्छा है जिसमें सभी प्रकार के स्थानीय और वैश्विक समाचार शामिल हैं। इन समाचार पत्रों को प्रासंगिक समाचार खोजने में आसान बनाने के लिए अलग-अलग खंडों में विभाजित किया गया है।

समाचार पत्र पढ़ना न केवल वर्तमान मामलों में एक अंतर्दृष्टि देता है, बल्कि शब्दावली को भी बढ़ाता है और पढ़ने के कौशल में सुधार करता है। इस प्रकार यह विशेष रूप से छात्रों के लिए अनुशंसित है।

समाचार पत्र पढ़ने पर निबंध, newspaper reading essay in hindi (300 शब्द)

प्रस्तावना :.

समाचार पत्र हमारे इलाके के साथ-साथ दुनिया के अन्य हिस्सों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। समाज में विभिन्न लोगों की जरूरतों और रुचि को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार के समाचार पत्र प्रकाशित किए जाते हैं। अखबार पढ़ना हर किसी के लिए फायदेमंद होता है। हालांकि, छात्रों को विशेष रूप से नियमित रूप से अखबार पढ़ने की सलाह दी जाती है क्योंकि ये उन्हें कई लाभ प्रदान करते हैं।

छात्र जीवन में समाचार पत्र का महत्व :

इसीलिए छात्रों के लिए अखबार पढ़ना महत्वपूर्ण है:

पढ़ना कौशल में सुधार :

छात्रों को अपने पढ़ने के कौशल को बढ़ाने के लिए अखबार को जोर से और स्पष्ट रूप से पढ़ना चाहिए। किसी भी खबर के तीन-चार पैराग्राफ पढ़ना जो उन्हें रोजाना रुचि देता है, उनके पढ़ने के कौशल को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

ज्ञानवर्धी :

समाचार पत्रों में खेल, राजनीति और व्यवसाय सहित विभिन्न क्षेत्रों के बारे में नवीनतम जानकारी शामिल है। नियमित रूप से अखबार पढ़ने से सामान्य ज्ञान को बढ़ाने में मदद मिलती है और इससे करंट अफेयर्स के बारे में भी जानकारी मिलती है। विभिन्न विषयों पर अच्छा ज्ञान होने से छात्रों को अपने साथियों पर बढ़त मिलती है।

शब्दावली को मजबूत करें :

समाचार पत्रों के लेख और समाचार लेखन में समृद्ध शब्दावली शामिल है। जो छात्र नियमित रूप से अखबार पढ़ते हैं, वे एक अच्छी शब्दावली विकसित करते हैं जो उन्हें उनके शिक्षाविदों में मदद करता है और विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने के साथ-साथ उनके काम भी आता है।

व्याकरण में सुधार करें :

नियमित रूप से अखबार पढ़ना भी व्याकरण को बेहतर बनाने का एक अच्छा तरीका है। जो छात्र नियमित रूप से अखबार पढ़ने की आदत को विकसित करते हैं, वे विराम चिह्नों के उपयोग की अधिक समझ विकसित करते हैं। वे ठीक से वाक्य रचना में कुशल भी हो जाते हैं। इस प्रकार यह उनके लेखन कौशल को बढ़ाने में भी मदद करता है।

प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करें :

नियमित रूप से अखबार पढ़ने से छात्रों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने में भी मदद मिलती है क्योंकि ये परीक्षण मुख्य रूप से उनके सामान्य ज्ञान का आकलन करते हैं।

निष्कर्ष :

छात्रों को हर दिन अपने शेड्यूल से कुछ समय निकालना चाहिए, इससे होने वाले कई लाभों के लिए अखबार पढ़ना चाहिए। माता-पिता और शिक्षकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे बच्चों में इस आदत को विकसित करें ताकि वे भविष्य के लिए बेहतर तैयारी कर सकें।

समाचार पढ़ने के लाभ, benefits of newspaper reading in hindi (400 शब्द)

समाचार पत्र सूचना का एक घर हैं। अखबार पढ़ने से कई फायदे मिलते हैं। हमारे स्थानीय क्षेत्रों के बारे में जानकारी प्रदान करने से लेकर हमें दुनिया भर में होने वाली घटनाओं से परिचित कराने तक, फिल्मी गपशप से मनोरंजन करने से लेकर प्रेरक लेखों के माध्यम से विचार के लिए भोजन की पेशकश करने तक, रोजगार के अवसर प्रदान करने से लेकर ब्रांड प्रचार के लिए स्थान प्रदान करने तक – समाचार पत्रों में बहुत कुछ है।

समाचार पत्र पढ़ने के लाभ :

करंट अफेयर्स से परिचित :.

समाचार पत्र हमें दुनिया भर की नवीनतम घटनाओं से परिचित कराते हैं। वर्तमान मामलों के बारे में जानकारी रखने के लिए नियमित रूप से समाचारों का पालन करना आवश्यक है। समाचार पत्र सभी महत्वपूर्ण समाचार घटनाओं को कवर करते हैं और समाचार का एक विश्वसनीय स्रोत होते हैं।

विभिन्न डोमेन में जानकारी प्रदान करता है :

समाचार पत्र राजनीति, सिनेमा, व्यापार, खेल और अधिक की दुनिया से समाचार कवर करते हैं। इस प्रकार, वे विभिन्न डोमेन में वर्तमान घटनाओं में एक अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।

नए अवसर खोजने का तरीका :

समाचार पत्रों में रोजगार और व्यवसाय के अवसर भी शामिल हैं। कई कंपनियां समाचार पत्रों के माध्यम से विभिन्न पदों के लिए उम्मीदवारों की तलाश करती हैं। इस प्रकार ये नौकरियों की तलाश के लिए एक अच्छी जगह हैं।

ब्रांड प्रचार :

उत्पादों और सेवाओं के विज्ञापन के लिए समाचार पत्र पर्याप्त जगह देते हैं। तो, ये ब्रांड प्रचार के लिए एक अच्छा साधन हैं। वे उपभोक्ताओं को व्यवसायों से जोड़ने में मदद करते हैं।

शब्दावली और व्याकरण में सुधार करने में मदद करता है :

समाचार और लेख जो समाचार पत्रों का हिस्सा बनते हैं, वे बहुत ही विद्वान और अनुभवी लेखकों द्वारा लिखे गए हैं। वे समृद्ध शब्दावली का प्रयोग करते हैं। इस प्रकार समाचार पत्र शब्दावली में सुधार करने का एक अच्छा साधन हो सकता है। नियमित रूप से समाचार पत्र पढ़ने से व्याकरण में सुधार करने में भी मदद मिल सकती है।

सामाजिक संपर्क बनाने में मदद करता है :

एक व्यक्ति जो नियमित रूप से अखबार पढ़ता है वह नवीनतम घटनाओं से अच्छी तरह वाकिफ है। वह अधिक ज्ञानी और सांसारिक ज्ञानी है। ऐसे लोग आत्मविश्वास के साथ विभिन्न विषयों पर बोल सकते हैं। वे कई लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं। वे समाज में सम्मानित हैं और हर कोई उनसे जुड़ना चाहता है। इस प्रकार नियमित रूप से अखबार पढ़ना सामाजिक संपर्कों के निर्माण में मदद करता है।

मारता है बोरियत :

बोरियत को ख़त्म करने के लिए समाचार पत्र एक अच्छा तरीका है। एक व्यक्ति जो रोजाना अखबार पढ़ने की आदत विकसित करता है, वह कभी ऊब महसूस नहीं कर सकता है क्योंकि उसके पास हमेशा एक कंपनी होगी।

एक व्यक्ति जो अखबार नहीं पढ़ता है वह जीवन में बहुत सी चीज़ों से वंचित रह जाता है। वह चीजों की संख्या के बारे में अनभिज्ञ रहता है जबकि एक व्यक्ति जो नियमित रूप से अखबार पढ़ता है, वह अधिक जानकार और आश्वस्त हो जाता है। न केवल छात्रों, व्यापारियों और कामकाजी पेशेवरों, अखबार को जीवन के हर क्षेत्र से जुड़े लोगों द्वारा पढ़ा जाना चाहिए। इसमें सभी के लिए कुछ न कुछ उपयोगी है। यह स्वयं को व्यस्त रखने और एक ही समय में ज्ञान प्राप्त करने का एक अच्छा तरीका है।

समाचार पत्र के महत्व पर निबंध, importance of newspaper reading in hindi (500 शब्द)

दशकों से अखबार पढ़े जा रहे हैं। उन्होंने एक क्रांति पैदा की जब वे पहली बार प्रकाशित हुए थे क्योंकि वे दूर-दूर रहने वाले लोगों को एक-दूसरे से जोड़ते थे। ये देश के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ दुनिया के अन्य हिस्सों में क्या हो रहा है, इसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक उपकरण के रूप में कार्य किया। हालाँकि, बहुत से लोगों ने समाचार वेबसाइटों और ऐप्स पर स्विच किया हो सकता है, हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि अखबार अभी भी समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और कई के लिए मूल्यवान है।

दैनिक जीवन में समाचार पत्र का मूल्य :

अखबार पढ़ना कई लोगों के लिए एक अनुष्ठान है। वे अखबार के पन्नों से गुजरे बिना अपना दिन शुरू नहीं कर पा रहे हैं। अख़बार पहली चीज़ों में से एक है जो उन्हें उठने के बाद चाहिए होती है। यहाँ जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित लोगों के लिए दैनिक जीवन में समाचार पत्र का मूल्य दिया गया है:

गृहिणियों के लिए समाचार पत्र का मूल्य :

गृहिणियां अपने दिन का अधिकांश हिस्सा अपने घरेलू कार्यों को पूरा करने में बिताती हैं। उनके पास एक दिन के दौरान कई कार्य हैं। वे शायद ही बाहर जाते हैं और इस तरह अक्सर अलग-थलग महसूस करते हैं। अखबार उन्हें बाहरी दुनिया से जोड़े रखता है। यह उन्हें बाकी समाज के साथ जुड़ने की भावना देता है।

बिजनेस मेन के लिए समाचार पत्र का मूल्य :

व्यवसायियों को एक सफल व्यवसाय करने के लिए अपने उद्योग के साथ-साथ सामान्य रूप से बाजार के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। प्रतिदिन समाचार पत्र पढ़ना उन्हें नवीनतम व्यावसायिक समाचारों से अपडेट रखता है। उनके लिए बिजनेस स्टैंडर्ड और इकोनॉमिक टाइम्स जैसे अखबारों की सिफारिश की जाती है।

कार्यशील पेशेवरों के लिए समाचार पत्र का मूल्य :

प्रतिस्पर्धा में आगे रहने के लिए, दुनिया भर में होने वाली नवीनतम घटनाओं के बारे में अच्छी तरह से पता होना चाहिए। यह ज्ञान का विस्तार करने का एक अच्छा तरीका है जो किसी भी डोमेन में काम करने वाले पेशेवरों के लिए आवश्यक है। एक पढ़ा-लिखा और पढ़ा-लिखा व्यक्ति चारों ओर से देखा और सम्मानित किया जाता है। यह काम पर उनकी वृद्धि की संभावना को बढ़ाता है।

छात्रों के लिए समाचार पत्र का मूल्य :

छात्रों को विशेष रूप से दैनिक समाचार पत्र पढ़ने के लिए कहा जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह उन्हें कई लाभ प्रदान करता है। सबसे पहले, यह पढ़ने के कौशल में सुधार करता है। यह अच्छा लेखन कौशल विकसित करने में भी मदद करता है क्योंकि यह शब्दावली को बढ़ाता है और व्याकरण में सुधार करता है। इसके अलावा, यह सामान्य ज्ञान को बढ़ाने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है जो प्रतियोगी परीक्षाओं को देते समय सहायक है। क्रॉसवर्ड पज़ल और सुडोकू जैसे खेल उनके विश्लेषणात्मक और अवलोकन कौशल के साथ-साथ उनके ज्ञान का परीक्षण करते हैं।

सेवानिवृत्त लोगों के लिए समाचार पत्र का मूल्य :

सेवानिवृत्त लोगों के लिए समाचार पत्र बहुत महत्व रखते हैं। ये वास्तव में इन लोगों द्वारा सबसे अधिक पढ़े जाते हैं। इसका एक कारण यह है कि ये लोग उस समय से हैं जब इंटरनेट नहीं था। समाचार पत्र उस समय के दौरान समाचार का एकमात्र स्रोत था। लिहाजा, उन्हें इसकी आदत है। हालांकि उनमें से कई ने इंटरनेट का उपयोग करना सीख लिया है, फिर भी वे ई-समाचार पर समाचार पत्र पसंद करते हैं। उनका अधिकांश अवकाश अखबार पढ़ने में व्यतीत होता है।

अखबारों में सभी के लिए बहुत कुछ है। ये अलग-अलग भाषाओं में और प्रभावी कीमत पर उपलब्ध हैं। इस प्रकार इन्हें खरीदा जा सकता है और कभी भी और कहीं भी आसानी से पढ़ा जा सकता है।

अखबार के फायदे और नुकसान निबंध, advantages of reading newspaper in hindi (600 शब्द)

बाजार में समाचार पत्र आसानी से उपलब्ध हैं। दुनिया भर के अखबारों में समाचारों के ये किफायती अंश शामिल हैं। हमारे देश के अधिकांश शहरी परिवारों ने अपने दैनिक समाचार प्राप्त करने के लिए समाचार पत्रों की सदस्यता ली है। ये दशकों से हमारे समाज का हिस्सा रहे हैं और ई-समाचार के युग में भी अपना आकर्षण बनाए हुए हैं।

समाचार पत्रों के लाभ :

समाचार पत्र कई फायदे प्रदान करते हैं। उनके द्वारा दिए गए विभिन्न लाभों पर एक नज़र है:

एक जगह पर सारी जानकारी :

समाचार पत्र एक छत के नीचे सभी जानकारी प्रदान करते हैं। यदि आपको किसी सामान्य-रुचि वाले समाचार पत्र की सदस्यता लेनी है, तो आपको कहीं और नवीनतम समाचारों की तलाश करने की आवश्यकता नहीं है। इन समाचार पत्रों को रणनीतिक रूप से विभिन्न वर्गों में विभाजित किया जाता है जैसे कि करंट अफेयर्स, अंतर्राष्ट्रीय समाचार, व्यवसाय, खेल, स्वास्थ्य, मनोरंजन, आदि। प्रत्येक अनुभाग अपने क्षेत्र से संबंधित समाचारों को शामिल करता है। इसलिए, दुनिया के किसी भी हिस्से में किसी भी क्षेत्र में होने वाली प्रत्येक महत्वपूर्ण घटना यहां उपलब्ध है।

मनोरंजन का साधन :

अखबारों में सिर्फ गंभीर खबरें नहीं होतीं, वे मनोरंजन का साधन भी हो सकते हैं। वे मनोरंजन उद्योग से समाचार होते हैं। उनके पास एक खंड भी है जिसमें पहेलियाँ, सुडोकू और अन्य ऐसे खेल शामिल हैं जो आपका मनोरंजन करेंगे।

विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध है :

हमारे देश में हिंदी और अंग्रेजी भाषा में अधिक आसानी से उपलब्ध होने के साथ विभिन्न भाषाओं में समाचार पत्र उपलब्ध हैं। तो, आप उस भाषा में एक अखबार चुन सकते हैं जिसमें आप नवीनतम घटनाओं के बारे में ज्ञान प्राप्त करने के लिए अच्छी तरह से वाकिफ हैं।

पढ़ने में आसान :

समाचार पत्र लागत प्रभावी हैं और बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं। आप अपनी आंखों पर दबाव डाले बिना इन्हें कहीं भी और कभी भी पढ़ सकते हैं।

शब्दावली और व्याकरण को बढ़ाता है :

नियमित रूप से अखबार पढ़ना समय के साथ शब्दावली बढ़ाने में मदद कर सकता है। यह व्याकरणिक कौशल में सुधार करने का एक अच्छा तरीका है।

समाचार पत्रों का नुकसान :

जबकि अख़बार कई फायदे देते हैं, लेकिन उनके नुकसान भी हैं। अखबारों के विभिन्न नुकसानों पर एक नजर:

कागज का अपव्यय :

प्रत्येक दिन लाखों अखबारों में कई लाख कागज़ों का उपयोग करके छापा जाता है। आज के समय में, जब सब कुछ ऑनलाइन हो गया है और हमें सलाह दी जाती है कि हम कागज के बिलों में इस्तेमाल होने वाले कागज को बचाने के लिए ई-वे बिल पर स्विच करें, अखबारों पर इतना कागज क्यों बर्बाद किया जा रहा है? समाचार आसानी से ऑनलाइन पढ़ा जा सकता है।

समय बर्बाद कर सकते हैं :

ज्यादातर लोग जो अखबार पढ़ते हैं उन्हें सुबह अपनी चाय के कप से पढ़ने की आदत होती है। इससे समय की बर्बादी हो सकती है। सुबह के घंटों में अधिक उत्पादक कार्यों के साथ होने के बजाय, लोग यह जानने के लिए अखबार से चिपके रहते हैं कि दूसरे क्या कर रहे हैं।

बासी समाचार :

इंटरनेट और समाचार चैनलों के युग में समाचार पत्र बासी समाचारों की पेशकश करते प्रतीत होते हैं। हमें दुनिया भर में नवीनतम घटनाओं के बारे में मिनटों में पता चल जाता है। समाचार पत्र एक दिन के बाद एक ही समाचार प्रदान करता है। अखबार छपने से पहले ही हमें विभिन्न घटनाओं के बारे में पहले से ही पता है।

मुड़े हुए तथ्य :

विभिन्न समाचार पत्र विभिन्न राजनीतिक दलों से प्रभावित होते हैं। इस प्रकार, समाचार पत्रों में बताए गए तथ्य कई बार मुड़ सकते हैं। इन पार्टियों के हित के लिए इन्हें घुमाया जाता है।

काम में बाधा डालना :

नियमित रूप से अखबार पढ़ना एक अच्छी आदत है, लेकिन कई लोग जो रोजाना इन्हें पढ़ते हैं, उन्हें इसकी लत लग जाती है। यह लत उनके काम में बाधा डाल सकती है क्योंकि वे किसी भी अन्य कार्य को शुरू करने से पहले पूरे पेपर के माध्यम से पढ़ते हैं।

इस प्रकार, अखबार फायदे और नुकसान दोनों प्रदान करते हैं। जानकारी और मनोरंजन प्रदान करना, पढ़ने के कौशल को बढ़ाना और व्याकरण और शब्दावली में सुधार करना कुछ फायदे हैं जबकि कागज का अपव्यय और तथ्यों की गलत व्याख्या कुछ नुकसान हैं। यह देखा गया है कि अखबारों द्वारा दिए जाने वाले फायदे नुकसान की संख्या को कम कर देते हैं। पढ़ने की पुरानी आदत इस प्रकार आज भी चली आ रही है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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MANOJ Kumar

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HINDI ESSAYS & TOPICS

Essay on Newspaper in Hindi – समाचार पत्र पर निबंध

October 26, 2017 by essaykiduniya

Here you will get Paragraph and Short Essay on Newspaper in Hindi Language for students of all Classes in 100, 400, 500, 600, 700 and 1000 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में समाचार पत्र पर निबंध मिलेगा।

Essay on Newspaper in Hindi – समाचार पत्र पर निबंध

Essay on Newspaper in Hindi

Essay on Newspaper in Hindi – समाचार पत्र पर निबंध ( 100 words )

अखबार देश दुनिया की खबरों का एक लेखा जोखा है जो कि अलग अलग भाषाओं में छपता है। हमें इसे रोज पढ़ना चाहिए क्योंकि यह हमें पूरे विश्व में हो रही गतिविधियों के बारै में बताता है और हमें जागरूक बनाता है। कुछ लोग सुबह उठते ही अखबार पढ़ते हैं जो कि अच्छी आदत है। अखबार की सबसे अच्छी बात यह है कि यह जितने रूपये में खरीदा जाता है पढ़ने के बाद लगभग उतने का ही बिक भी जाता है। स्कूलों में भी बच्चों को अखबार पढ़ने के लिए दिए जाते है और उनमें बहुत से दिमाग से हल करने वाले प्रश्न भी होते हैं।

Essay on Newspaper in Hindi – समाचार पत्र पर निबंध (400 Words) 

भूमिका –  आधुनिक युग विज्ञान का युग है। विज्ञान के चमत्कारों में समाचार-पत्र का अपना स्थान है। एक रुपये के समाचार पत्र को प्रातः उठने से पूर्व अपने बिस्तरे पर पाकर मानव संसार से अपना संबंध जोड़ता है। देश विदेश के समाचार के साथ मनोरंजन की सामग्री भी उसमें होती है। जन्म एवं प्रकार – कहते हैं कि समाचार-पत्र का जन्म सत्रहवीं सदी में इटली के वेनिस नगर में हुआ था। हमारे देश में सबसे पहले इण्डिया गजट’ नामक पत्र निकला। समाचार पत्र कई प्रकार के होते हैं। ये दैनिक, साप्ताहि.., पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक, अर्द्धवार्षिक और वार्षिक होते हैं। हिन्दुस्तान टाइम्स, नवभारत टाइम्स, वीर अर्जुन, पंजाब केसरी, आदि प्रसिद्ध दैनिक समाचार-पत्रों के नाम हैं।

लाभ – समाचार पत्रों के पाठन से अनेक लाभ हैं। भाषा के ज्ञान के साथ इतिहास, भूगोल, राजनीति, अर्थशास्त्र आदि का भी ज्ञान प्राप्त होता है। मनोरंजन के लिए इसमें कविताएँ, कहानियाँ, लेख, चुटकले, नाटक, पहेलियाँ आदि होते हैं। इसमें देश के नगर, ग्राम और प्रान्त के समाचारों के साथ विदेशी के समाचार भी होते हैं। देश की प्रत्येक गति विधि एवं उत्थान पतन की झाँकी इसमें मिलती है। ‘बाल जगत में बच्चों के लिए सामग्री होती है। ‘नारी जगत’ में नारी के लिए घर गृहस्थी की और ‘खेल जगत में खेल कुद की चर्चा और व्यापार जगत’ में कीमतों के उतार चढ़ाव का वर्णन होता है। सिनेमा प्रेमी भी अपनी मनोरंजक सामग्री समाचार-पत्र में पाते हैं। आज के जनतंत्र में इसकी विशेष उपयोगिता है।

हानियाँ – समाचार पत्र के सम्पादक की असावधानी के कारण या स्वार्थपरता के कारण कभी-कभी समाचार पत्र में वास्तविक तथ्य न देकर भ्रामक बातें छापी जाती हैं। इससे लाभ के स्थान पर हानि होती है। अश्लील विज्ञापन लोगों के मनों में विशेषकर बच्चों के मन में कुत्सित भावना उत्पन्न करते हैं। कुछ विज्ञापन जनता को ठगने के लिए भी दिये जाते हैं।

कार्यालय – समाचार पत्र का एक कार्यालय होता है। इसके दो विभाग होते हैं। एक विभाग में समाचार एकत्र किये जाते हैं और दूसरे विभाग में समाचार छापे जाते हैं। संवाददाता देश विदेश के भिन्न भिन्न क्रोनों से समाचार एकत्र करके डाक, तार,टेलीफोन, टेलीप्रिंटर आदि द्वारा कार्यालय को भेजते हैं। समाचारों को सुव्यवस्थित रूप देकर उन्हें छापने के लिए दूसरे विभाग में भेजा जाता है। इस प्रकार समाचार पत्र छपकर प्रातः सूर्य निकलने से पूर्व लोगों के पास पहुँचता है।

उपसंहार – संपादक का समाचारपत्र में विशेष महत्व होता है। वह जनता के विचारों का प्रतिनिधित्व करता है। उसे निर्भय होकर जनता के विचारों को अपना चाहिए और देश को उन्नति का मार्ग दिखाना चाहिए। लोगों को भी समाचार-पत्र से पूरा लाभ उठाना चाहिए। उन्हें अपने बच्चों में भी पढ़ने की आदत डालनी चाहिए।

Essay on Newspaper in Hindi – समाचार पत्र पर निबंध (500 words) 

आज कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं जो समाचार के महत्व को नहीं जानता । प्रातः उठते ही सबसे पहला काम जौ इम करते हैं वह है अखबार ढुढना। अखबार न मिले तो ऐसा लगता है जैसे हमारा कुछ गुम हो गया है। ऐसा केवल इसलिए कि हम जानना चाहते हैं कि संसार में क्या हो रहा है। हमारे अपने इर्द-गिर्द क्या हो रहा है। इसमें कोई सन्देह नहीं कि आकाशवाणी से दिन में कई बार समाचार प्रसारित होते हैं। दूर-दर्शन भी चित्रों के  साथ घटती हुई घटनाओं को दिखा कर समाचार देते हैं, फिर भी समाचार-पत्र का महत्त्व कम नहीं हुआ। इसका कारण यह है कि समाचार-पत्र विस्तारपूर्वक समाचार देते हैं।  समाचार-पत्र अंग्रेजों की देन हैं। सबसे पहले बंगाल के अंग्रेज पादरियो ने समाचार-पत्र निकाला, परन्तु आज तो यह लोगों के जीवन का अंग बन गया है। प्रत्येक भाषा में, प्रत्येक प्रदेश में समाचार-पत्र छपते हैं ।

आज, समाचार-पत्रों का बहुमुखी लाभ है। सबसे बड़ा लाभ यह है कि देश-प्रदेश के समाचार पढ़ने को मिल जाते हैं। आज समाचार-पत्रों द्वारा समाचार प्राप्त करने के और उन्हें प्रकाशित करने के साधन इतने बढ़ गए हैं कि यदि समाचार-पत्र छपने से आधे-घण्टे पहले कोई महत्त्वपूर्ण घटना संसार के किसी भी भाग में घट जाए तो वह प्रातः लोगों के हाथों में समाचार-पत्रों के माध्यम से पहुंच जाती है।  विज्ञापन का तो समाचार-पत्र बहुत बड़ा साधन हैं । जो समाचार-पत्र अधिक संख्याओं में छपते हैं उनके तो पृष्ठों के पृष्ठ ही विज्ञापनों से भरे रहते हैं। वास्तव में ये विज्ञापन एक ओर तो समाचार-पत्रों की आय को बढ़ाते हैं। दूसरी ओर समाचार-पत्रों के माध्यम से व्यापार में बड़ी वृद्धि करते हैं। इसके अतिरिक्त प्रत्येक समाचार-पत्र का एक पृष्ठ तो मण्डियों के उतार-चढ़ाव से सम्बन्ध रखता है, जो व्यापारियों के लिए बहुत उपयोगी होता है। आज के समाचार-पत्र वैवाहिक विज्ञापन और रिक्त स्थानों के विज्ञापन देकर समाज का बड़ा भला करते हैं ।  विभिन्न प्रकार की जानकारी के अतिरिक्त आजकल के समाचार-पत्र ज्ञान-वृद्धि के साथ साथ मनोरंजन का भी साधन हैं।

इनमें दिए गए सम्पादकीय तथा अन्य लेख ऐसे होते हैं जो विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा लिखे जाते हैं। और विभिन्न विषयों पर जानकारी देते हैं। इन लेखों के अतिरिक्त समाचारपत्रों में कहानियां, क्रमिक ढंग से उपन्यास, नाटक, लधु एकांकी भी छपते हैं। रविवार को संस्करण तो इस दष्टि से बड़ा महत्त्वपूर्ण है।  जहां समाचार-पत्रों के लाभ अधिक हैं वहां इसकी हानियां भी काफ़ी हैं। अधिकतर समाचार-पत्र ऐसे हैं जो निष्पक्ष नहीं होते। वे अपने दृष्टिकोण से ही बढ़ा-चढ़ा कर समाचार देते हैं। इससे सबसे बड़ी हानि तो यह होती है। कि लोगों के विचार उनसे प्रभावित हो जाते हैं। जो लोग एक से अधिक समाचार-पत्र पढ़ते हैं उनके विचार अवश्य ही निष्पक्ष रहते हैं। आजकल समाचार-पत्रों को अपने ऊपर आप ही कुछ बन्धन लगाने चाहिए ताकि साम्प्रदायिक आधार पर भकाने वाले समाचार न दें।

Essay on Newspaper in Hindi – समाचार पत्र पर निबंध (600 Words)

मानव और समाज का चोली-दामन का संबंध है। दोनों शब्द एक-दूसरे के पूरक हैं। मानव सामाजिक प्राणी होने के कारण, चाहता है कि अपने विचार लोगों तक पहुँचाए और उनके विचारों से अवगत हो। वह लोगों के सुख-दुख में भी हाथ बंटाना चाहता है अर्थात व्यक्तिगत संतुष्टि के बाद समाज से संबंध बनाए रखने के लिए बेचैन रहता है। उसकी इस इच्छा के पूरक हैं समाचारपत्र। समाचारपत्रों के माध्यम से वह संपूर्ण विश्व से अपना संबंध जोड़ लेता है। अतः समाचारपत्र आज के मानव जीवन का एक महत्त्वपूर्ण अंग बन गए हैं। अतः ‘आज का ताजा समाचार की ध्वनि मात्र से उसकी देह में बिजली की-सी गति आ जाती है। वह खान-पान, आराम और विश्व की सभी चिंताओं से मुक्त होकर समाचारपत्र के अध्ययन में अपनी सभी वृत्तियों को लगा डालता है।

समाचारपत्रों के अध्ययन से हमें विश्व में घटित होने वाली घटनाओं की जानकारी मिलती है। जो घटनाएँ विदेशों में अर्धरात्रि को घटित होती हैं उसकी सूचना हमें प्रात:काल के समाचारपत्रों में पढ़ने को मिल जाती है।  समाचारपत्रों के द्वारा जनता अपनी माँगों को अधिकारी वर्ग तक पहुँचा सकती है। अधिकारी वर्ग भी इसी के माध्यम से अपनी बात जनता तक पहुँचाते हैं। सामाजिक कुरीतियों के निवारण में भी समाचारपत्रों का विशेष योगदान रहा है। उनके परिणामों का नग्न चित्र जनता के समक्ष प्रस्तुत करके समाचारपत्र उन्हें समूल नष्ट करने में समर्थ हो सकते हैं। आज से कितने ही वर्ष पूर्व हमारे देश में ‘वृद्धविवाह’ और ‘बालविवाह’ की प्रथा पर्याप्त प्रचलित थी। समाचारपत्रों ने इन प्रथाओं के विरुद्ध अपने कालम के कालम रंग डाले। व्यंग्य लेख लिखे, व्यंग्य चित्र प्रकाशित किए और इनके कुपरिणामों का नग्न चित्र जनता के समक्ष रखा। फलतः आज हमारे देश में इनका प्रचलन नहीं के बराबर रह गया है।

समाचारपत्रों के अध्ययन से हमारे ज्ञान में वृद्धि होती है। इनमें बड़े-बड़े विद्वानों तथा राजनीतिज्ञों के लेख प्रकाशित होते रहते हैं जो हमारे भौगोलिक और साहित्यिक ज्ञान को बढ़ाते हैं। भिन्न-भिन्न देशों के आचार-विचार, रीति-नीति तथा शासनप्रणाली का परिचय देते हैं। समय-समय पर प्रकाशित होने वाले परीक्षोपयोगी लेख छात्रों को परीक्षा उत्तीर्ण करने में सहायता प्रदान करते हैं।  संकटापन्न स्थिति में समाचारपत्र राष्ट्र की सहायता में सदैव अपना सहयोग प्रदान करते रहे हैं। जब भी कभी राष्ट्र पर बाढ़, दुर्भिक्ष और भूकंप आदि प्राकृतिक आपदा के बादल मँडराए हैं, समाचारपत्रों ने धन-संग्रह के कार्य में महान योगदान दिया है।  समाचारपत्र व्यापार का भी साधन हैं। बेचने वाले व खरीदने वाले दोनों ही समाचारपत्र को अपने व्यापार का माध्यम बनाते हैं। वस्तुओं की मंदी-तेज़ी अर्थात ।

मावा के उतार-चढ़ाव की जानकारी भी खरीदार और बेचने वाले को मिलती रहती। अपना वस्तु का विज्ञापन देकर व्यापारी लोग अपने व्यापार को बढ़ाते ह। समाचारपत्र हमें मौसम, सभा आदि की सूचनाएँ भी देते हैं। नए-नए लेखकों के लेख प्रकाशित कर उन्हें बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।  समाचारपत्र शासन में फैले भ्रष्टाचार व धाँधलियों की आलोचना कर देश के कर्णधारों को शासन-व्यवस्था में सुधार करने के लिए प्रेरित करते हैं। परोक्ष रूप से शासकों पर इनका अंकुश रहता है। ब्रिटिश सामंतशाही के अत्याचारों का नग्न चित्रण जनता के समक्ष प्रस्तुत कर उसके हृदय में अंग्रेजों के प्रति वैमनस्यता भरने में जो कार्य समाचारपत्रों ने किया है, उससे कौन अनभिज्ञ है?

वास्तव में देखा जाए तो समाचारपत्र कामधेनु के समान हैं जो बेकारों को नौकरी, कुँवारों को पत्नी, सिनेमा-प्रेमियों को फिल्म की सूचना, व्यापारियों को वस्तुओं के भाव, गुमशुदा व्यक्तियों का परिवार वालों से मेल-मिलाप तथा साहित्यकारों को साहित्य संबंधी सामग्री प्रदान करते हैं, समाचारपत्र जनता के भूखे मस्तिष्क का भोजन हैं। ये समाज का जितना कल्याण करते हैं, शायद ही उतना कल्याण किसी अन्य वस्तु से होता हो।

Essay on Newspaper in Hindi – समाचार पत्र पर निबंध (700 words)

समाचार पत्र, जैसा कि उनके नाम से पता चलता है, हमें समाचार प्रदान करते हैं। अखबारों की लोकप्रियता और महत्व में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। आज हर कोई अखबार पढ़ना चाहता है। पिछड़े देश में समाचार पत्र बहुत लोकप्रिय हो गए हैं। वे अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू और अन्य सभी क्षेत्रीय भाषाओं में प्रकाशित होते हैं। वे सबके द्वारा बहुत रुचि के साथ पढ़े या सुनते हैं वे लोगों के दिमाग पर गहरा प्रभाव डालते हैं। समाचार पत्रों का सबसे महत्वपूर्ण कार्य हमें दुनिया की खबर लाने के लिए है समाचार उनके मुख्य हित और आकर्षण है वे हमें बताते हैं कि हमारे देश में न केवल दुनिया के दूसरे देशों में भी क्या हो रहा है समाचार पत्रों के बिना, हम ऐसे कुएं में एक मेंढक की तरह होंगे जो बाहरी दुनिया से कुछ नहीं जानता।

लोकतांत्रिक देश में, भारत की तरह, वे जनमत बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण साधन हैं। वे वर्तमान घटनाओं पर टिप्पणी करते हैं और सरकार के संचालन की आलोचना या सराहना करते हैं। यह उनके माध्यम से है कि जनता समस्याओं और उन समस्याओं को सुलझाने के विभिन्न संभावित तरीकों का सामना करने वाली समस्याओं का पता चलती है। इस प्रकार, वे सार्वजनिक दिमाग को शिक्षित करते हैं और लोगों को सार्वजनिक महत्व के मामलों पर अपनी राय रखते हैं। वे इस प्रकार लोकतंत्र को संभव बनाते हैं। हर कोई समाचार पत्र पढ़ना चाहिए। यह राष्ट्रीय एकीकरण के लिए आवश्यक है फ़िशिपारस प्रवृत्तियों को नीचे रखने के लिए यह आवश्यक है।

इसके अलावा, समाचार पत्र सरकार और लोगों के बीच संवाद का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी है। यह अखबारों के माध्यम से है कि सरकार अपने कार्यक्रमों, इसकी नीतियों और उसकी उपलब्धियों को लोगों से पहले रखती है। जनता सरकार के साथ अपनी असंतोष व्यक्त करने के लिए उनका उपयोग भी करती है। वे लोगों की शिकायतों को आवाज देते हैं और सुधार के उपाय सुझाते हैं। इस प्रकार, जनता की राय व्यक्त करके वे सरकार पर एक जांच के रूप में काम करते हैं वे लोकतंत्र के समुचित कार्य के लिए आवश्यक हैं। प्रेस लोकतंत्र में सभी शक्तिशाली है अपनी सफलता के लिए एक निशुल्क प्रेस आवश्यक है। समाचारपत्र विज्ञापन के एक महत्वपूर्ण माध्यम भी हैं। वे व्यापार और वाणिज्य की सहायता करते हैं अगर कोई व्यापार या उद्योगपति अपने व्यवसाय को बढ़ाना चाहता है, तो वह अपने सामानों को समाचार पत्रों में विज्ञापन करके ऐसा कर सकता है। वे नियोक्ता और कर्मचारियों को अपने ‘इच्छित’ कॉलम के माध्यम से मदद करते हैं। हर प्रकार के विज्ञापन की एक बड़ी संख्या विज्ञापन के साधन के रूप में अख़बारों की लोकप्रियता का स्पष्ट प्रमाण है।

लेकिन समाचार पत्रों में भी कुछ कमियां हैं। वे विभिन्न राजनीतिक दलों के लिए प्रचार के साधन के रूप में सेवा करते हैं। अक्सर उन विचारों और टिप्पणियां व्यक्त की जाती हैं जो लोगों को भ्रमित करती हैं और उन्हें भ्रमित करती हैं। लोग सत्य को समझने में नाकाम रहे कभी-कभी, समाचार भी मुड़ और विकृत होते हैं। दूसरे समय में, वे क्लास नफरत को हल करते हैं। उन्होंने सांप्रदायिक झगड़े के बीज बो दिए अखबारों के इस दुरुपयोग ने गुजरात, बिहार और देश के अन्य हिस्सों में आंदोलनों को प्रोत्साहित करने के लिए बहुत कुछ किया। अक्सर वे गलत विज्ञापन प्रकाशित करते हैं जो लोगों को धोखा देते हैं और लोगों को धोखा देते हैं और अश्लील चित्रों और विज्ञापनों को देकर सार्वजनिक स्वाद को भ्रष्ट करते हैं। लेकिन ये नुकसान अपने कई फायदे के मुकाबले कुछ नहीं हैं। वे वास्तव में लोगों के लिए महान उपयोग हैं इसलिए उन्हें हर तरह से प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। संपूर्ण, अखबार पढ़ने की आदत एक अच्छा है।

Essay on Newspaper in Hindi – समाचार पत्र पर निबंध (1000 Words) 

समाचार पत्र अथवा अख़बार दैनिक रूप से प्रदर्शित एक मुद्रित प्रकाशन है इसमें विभिन्न विषयों पर समाचार, विज्ञापन और लेख शामिल हैं। लोकतंत्र में समाचार पत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे सभी वर्गों के लोगों के लिए प्रवक्ता की भूमिका निभाते हैं और सार्वजनिक मुद्दों पर आवाज देते हैं। वे सरकार और शासन के बीच एक पुल के रूप में कार्य करते हैं। वे सामाजिक शोषण को रोकने में मदद करते हैं जो लोकतंत्र के अस्तित्व को खतरा दे सकते हैं। लगभग सभी अखबार दैनिक पढ़ता है यह रीडर को दुनिया के लिए एक खिड़की प्रदान करता है और कई चिंताओं को पूरा करता है एक यह हर सुबह जिज्ञासा के साथ पढ़ता है विभिन्न लोग अलग-अलग प्रयोजनों के लिए अखबार पढ़ते हैं|

युवा स्नातकों ने नौकरी-विज्ञापन पृष्ठों को छोड़ दिया। युवा क्रिकेट और अन्य खेलों में विस्तृत घटनाओं की तलाश करते हैं एक घर का प्रमुख सरकारी मामलों और अन्य घटनाओं के बारे में पढ़ता है व्यावसायिक उद्यमी व्यापार समाचार के माध्यम से जाते हैं होममेकर्स रसोई, स्वास्थ्य और सौंदर्य देखभाल युक्तियों जैसे विषयों को तलाशते हैं। आकस्मिक पाठक सनसनीखेज विषयों जैसे कि लूट, हत्या, अपहरण आदि की तलाश करते हैं। अन्य राशि चक्र के दैनिक भविष्यवाणियों के माध्यम से जाते हैं। ऐसे अन्य लोग हैं जो लेखों में रुचि रखते हैं और संपादक को पत्र हैं। जो लोग ग्लैमर दुनिया को प्यार करते हैं, वे फ़ैशन, फिल्में और फिल्म सितारों वाले पृष्ठों को पढ़ते हैं।

भारत एक विकासशील देश है। अधिकांश लोग गरीब और अशिक्षित हैं लोकतंत्र के सफल होने के लिए, सभी नागरिकों को साक्षर और उनके अधिकारों के साथ ही कर्तव्यों के बारे में सूचित किया जाना चाहिए। स्वार्थी उद्देश्य और निहित ब्याज वाले राजनेता, झूठे वादों के साथ गरीबों और अनपढ़ को धोखा देते हैं। समाचार पत्र इन्हें प्रकाश में लाने और जनमत बनाने के लिए सहायता करते हैं। समाचार पत्र सरकार और लोगों के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करते हैं। वे लोगों को सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों और गतिविधियों से अवगत कराते हैं। इससे लोगों को अपनी शिकायतों को उठाने का अवसर मिल जाता है जब आवश्यक हो यह लोगों को सरकार की योजनाओं और नीतियों को जानने में मदद करता है यह लोकतंत्र के लिए एक पूर्वापेक्षा है।

दूसरी तरफ, अखबार में भी लोगों को लोगों की समस्याओं के बारे में पता होता है। लोकतंत्र में, एक कुशल और निडर प्रेस होना चाहिए। प्रेस अखबारों, पत्रिकाओं, रेडियो और टेलीविजन के समाचार अनुभाग, और उनके लिए काम करने वाले पत्रकारों को संदर्भित करता है। प्रेस समाज का दर्पण है यह लोकतंत्र की निगरानी के रूप में कार्य करता है| यह सरकार की गतिविधियों को देखने के लिए प्रेस का कर्तव्य है। इसका कर्तव्य है कि सरकार की नीतियों की विफलता को उजागर करना और इसके दोषों को इंगित करना। भारत में प्रकाशित पहले अखबार को द बंगाल गैजेट कहा जाता था बॉम्बे समाचार सबसे पुराना दैनिक है जो अभी भी प्रचलन में है। यह पहली बार 1822 में गुजरात में प्रकाशित हुआ था। आनंद बाज़ार पत्रिका, पंजाब केसरी और द टाइम्स ऑफ इंडिया कुछ अन्य पुराने अख़बार हैं।

समाचार पत्र हमें स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं के बारे में नवीनतम जानकारी देते हैं। वे सार्वजनिक मुद्दों पर चर्चा के लिए एक मंच के रूप में काम करते हैं। समाचार पत्र समाज में प्रचलित सामाजिक और राजनीतिक बुराइयों पर प्रकाश डालते हैं और सार्वजनिक प्रतिक्रिया मांगकर उपचारात्मक उपायों का सुझाव देते हैं। इन बुराइयों में से कुछ अस्पृश्यता, दहेज, पीने, जुआ, नशे की लत इत्यादि हैं। समाचार पत्र लोगों को रवैया और कार्रवाई में बदलाव शुरू करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं ताकि इन बुराइयों को जड़ें। वर्तमान युग में, जीवन के सभी क्षेत्रों में भ्रष्टाचार व्यापक है। भ्रष्टाचार के खतरे को उजागर करने में समाचार पत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

लोगों को सरकार और अन्य एजेंसियों के विभिन्न विभागों में प्रचलित भ्रष्ट प्रथाओं से अवगत कराया जाता है। यह बहुत बार, सुधारात्मक उपायों में परिणाम कदाचार को रोकने के लिए लागू किया जा रहा है। समाचार पत्र लोगों को समाज के हर पहलू से अवगत कराते हैं। एक सप्ताह में एक बार, हर समाचार पत्र नौकरी चाहने वालों की जानकारी के लिए रोजगार के विभिन्न क्षेत्रों में रिक्तियों को प्रकाशित करता है। एक साप्ताहिक वैवाहिक पूरक भी लगभग हर समाचार पत्र के साथ प्रकाशित किया जाता है और इसलिए विशिष्ट समाचार और घटनाओं से संबंधित अन्य पूरक हैं। समाचार पत्रों ने विभिन्न टेलीविजन चैनलों और थिएटरों पर शो के कार्यक्रम को भी प्रकाशित किया है। इससे लोगों को अपने दिन को तदनुसार तैयार करने में मदद मिलती है। खेल से संबंधित समाचार आजकल बहुत महत्वपूर्ण हो गए हैं लगभग सभी अख़बार खेल-समाचार प्रकाशित करते हैं, जिनमें विस्तृत चित्र और चार्ट, अनुसूचियां, ड्रॉ, रिकॉर्ड आदि से जुड़े हैं। समाचार पत्रों में मौसम के पूर्वानुमान और अन्य उपयोगी आंकड़े भी शामिल होते हैं जैसे विभिन्न खाद्य वस्तुओं और उपभोक्ता ड्यूरेबल्स की कीमतें विभिन्न बाजारों में होती हैं।

कई एजेंसियों द्वारा समाचार पत्रों को सूचना दी जाती है प्रेस सूचना ब्यूरो प्रेस की सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों और गतिविधियों पर जानकारी देता है। यह लोगों से प्रतिक्रिया प्राप्त करता है| भारत में चार प्रमुख समाचार एजेंसियां हैं- प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई), संयुक्त समाचार ऑफ इंडिया (यूएनआई), समाचार पत्र और हिन्दुस्तान समाचार समाचार पत्र अंग्रेजी, हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में प्रकाशित किए जाते हैं। कुछ समाचार पत्र पीला पत्रकारिता में लिप्त हैं वे अपने पाठकों को विस्तारित करने के लिए आंशिक सत्य को अतिशयोक्ति और सनसनीखेज करने का सहारा लेते हैं प्रिंट मीडिया को अपनी शक्ति और पहुंच को समझना है। समाचार पत्र अपने पाठकों पर बहुत प्रभाव डाल सकते हैं| इसलिए, उन्हें केवल समाज की सही तस्वीर देने पर ध्यान देना चाहिए। देश के हर नागरिक के लिए समाचार पत्र पढ़ना आवश्यक है। अखबार की नियमित पढ़ाई पूरी दुनिया में विभिन्न घटनाओं के बारे में अच्छी तरह से जानकारी रखने में मदद करती है।

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समाचार पत्र का महत्व पर निबंध for Class 6, 7, 8, 9, 10

Essay on Importance of Newspaper in Hindi for Class 6, 7, 8, 9, & 10 Class Board Students. This Essay on Importance of Newspaper in Hindi also named as समाचार पत्र का महत्व पर निबंध. This essay will help You for exams.

Essay in Hindi – Importance of Newspaper for Class 6 – 10 Class Students

समाचार पत्र में देश दुनिया का समाचार बनने के कारण लोग हो सकता है इसे पढ़ते हैं। समाचार पत्र पढ़ने से हमें संस्कृति के बारे में भी ज्ञान मिलता है। रोजगार संबंधी जगह की समाचार पत्र में बताई जाती है। इसी कारण से युवा वर्ग बड़े उत्साह से समाचार पत्र पढ़ते हैं। वह समाचार पत्र में प्राप्त में जानकारी के आधार है रोजगार के लिए आवेदन करते हैं। देश के कई हिस्सों में केवल रोजगार संबंधी जानकारी देने वाले समाचार पत्र भी उपलब्ध है। पत्रों में केवल रोजगार संबंधित जगह तथा विद्यार्थियों के लिए उचित मार्गदर्शन होता है।

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समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध | Essay on Benefit of Learning from Newspapers in Hindi

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समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध | Essay on Benefit of Learning from Newspapers in Hindi!

समाचार-पत्र सूचनाओं व मानवीय संवेदनाओं के आदान-प्रदान का प्रमुख स्तंभ है । इसका इतिहास अपेक्षाकृत प्राचीन है । प्राचीन काल में यह क्षेत्र विशेष तक ही सीमित था परंतु छपाई की कला में नित नए अन्वेषणों व इसकी उपयोगिता को देखते हुए समाचार-पत्रों में समय के साथ व्यापकता आती गई।

आज समाचार-पत्रों की व्यापकता इतनी अधिक हो गई है कि ये जन-मानस का प्रमुख अंग बन चुके हैं । विश्वभर में अनेकों भाषाओं में समाचार-पत्र प्रकाशित होते हैं । हमारे देश में टाइम्स ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान टाइम्स, नवभारत टाइम्स, हिंदुस्तान आदि समाचार-पत्र हिंदी व अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित होते हैं । हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा में राष्ट्रीय स्तर पर समाचार-पत्रों का प्रकाशन होता है । इसके अतिरिक्त देश के विभिन्न भागों में क्षेत्रीय भाषाओं में भी समाचार-पत्र प्रकाशित होते हैं ।

समाचार-पत्र प्रजातांत्रिक शासन प्रणाली के प्रमुख स्तंभों में से एक हैं । इसके माध्यम से व्यक्ति अपने भावों, अनुभवों व संवेदनाओं को समाज व राष्ट्र के सम्मुख निष्पक्ष और निर्भय होकर व्यक्त कर सकता है । समाचार-पत्रों के माध्यम से किसी विशेष विषय से संबंधित लोगों का मत या उनकी राय भी जानी जा सकती है ।

समाचार-पत्रों के माध्यम से देश-विदेश की राजनीतिक उथल-पुथल व नेताओं के वक्तव्य आदि की जानकारी हम घर बैठे ही प्राप्त कर लेते हैं । इसके अतिरिक्त किसी राजनीतिक पहलू पर लिए गए किसी विशेष निर्णय के संदर्भ में विद्‌वानों व महान राजनीतिक विश्लेषकों द्‌वारा प्रस्तुत समीक्षा का भी हम अवलोकन कर सकते हैं । साथ ही साथ उस विशेष निर्णय अथवा घटना के संदर्भ में वांछित अपनी राय व अपना मत हम देश के सम्मुख रख सकते हैं ।

राजनीतिक उथल-पुथल के अतिरिक्त समाचार-पत्रों के माध्यम से हम क्षेत्रीय समाचार-पत्रों के द्‌वारा अपने शहर, कस्बे व ग्राम से संबंधित प्रमुख घटनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं । उरपने क्षेत्र व समाज के लिए किए गए प्रमुख कार्यों की जानकारी इन पत्रों के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है ।

इतना ही नहीं, व्यापारिक जगत की समस्त ताजा घटनाओं की जानकारी समाचार-पत्रों में उपलब्ध होती है । कंपनियों के शेयरों के घटते-बढ़ते मूल्यों का लेखा-जोखा तथा इसके अतिरिक्त किसी कंपनी द्‌वारा बाजार में निकाले गए नवीन उत्पाद की जानकारी हमें समाचार-पत्रों के माध्यम से मिलती है ।

ADVERTISEMENTS:

खेल जगत् में होने वाली हलचलों का पता भी हमें समाचार-पत्रों के माध्यम से प्राप्त होता है । निकट भविष्य में कौन से आयोजन किस तिथि को और कहाँ पर हो रहे हैं आदि की संपूर्ण जानकारी समाचार-पत्रों के माध्यम से हमें प्राप्त हो सकती है । विश्व के महानतम खिलाड़ियों को लोकप्रिय बनाने में समाचार-पत्र प्रमुख भूमिका अदा करते हैं ।

समाचार-पत्र निस्संदेह सूचनाओं एवं संवेदनाओं के आदान-प्रदान का एक प्रमुख स्त्रोत हैं । इसके अतिरिक्त समाचार-पत्रों के माध्यम से व्यक्ति अपने व्यापार, विवाह, नौकरी अथवा अन्य विषयों से संबंधित विज्ञापन भेज सकता है । विज्ञापन के माध्यम से व्यापारिक संस्थान अपने उत्पाद का प्रचार-प्रसार कर सकते हैं । विद्‌यार्थीगण अपने योग्य रिक्तियों के विज्ञापनों को देखकर अत्यंत प्रसन्न होते हैं ।

इसके अतिरिक्त आवश्यकता पड़ने पर विज्ञापनों के माध्यम से कर्मचारी की नियुक्ति की जा सकती है । केंद्रीय तथा प्रांतीय सरकारें कई लोकोपयोगी विज्ञापन समाचार-पत्रों में प्रकाशित करती है जिनसे जनसामान्य को लाभ होता है । इस माध्यम से विभिन्न बीमारियों के टीकाकरण, राजकीय समारोह, विकास के कार्यों आदि की जानकारी जनता तक पहुँचाई जाती है ।

अत: समाचार-पत्रों का मनुष्यों के जीवन में विशेष महत्व है । इसमें निहित जानकारी का वह कई रूपों में प्रयोग कर सकता है । समाचार-पत्र देश व समाज का आइना हैं । देश व समाज में घटने वाली समस्त घटनाप्नों की वास्तविक प्रस्तुति समाचार-पत्रों का दायित्व है । ये किसी दलगत भावना व पक्षपात पर आधारित नहीं हो सकते । समाचार-पत्र किसी एक व्यक्ति या समाज के लिए नहीं अपितु पूरे समाज व राष्ट्र के उत्थान की भावना पर कार्य करते हैं ।

यह बड़ी ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि कभी-कभी इन समाचार-पत्रों का देश के भ्रष्ट नेता, स्वार्थलोलुप मनुष्य दुष्प्रयोग करने की चेष्टा करते हैं । वे ऐसी खबरें प्रकाशित करवाते हैं जो देश में अलगाववाद व भ्रष्टाचार की भावना को बढ़ाती हैं । इसको रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए ताकि समाचार-पत्रों की विश्वसनीयता व लोकप्रियता सदैव बनी रहे और लोकतंत्र के प्रमुख स्तंभ के रूप में इसकी गरिमा सदैव कायम रहे ।

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Essay on newspaper in hindi समाचार पत्र पर निबंध.

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Essay on Newspaper in Hindi 150 Words

समाचार पत्र पर निबंध

समाचार पत्र हमें देश, दुनिया, हमारा शहर, राज्य और वर्तमान मामलों में क्या हो रहा है इस बारे में बहुत सारी जानकारी प्रदान करता है। यह सभी भाषाओं में उपलब्ध है इसलिए इसे पढ़ने में कोई बाधा नहीं हैं। काई भी भाषा बोलने वाले लोग इसे पढ़ सकते हैं। यह खेल, बॉलीवुड, राजनीति, प्रौद्योगिकी और कई चीजों के बारे में जानकारी देता है। यह लोगों के ज्ञान को बढ़ाता है।

यह दैनिक समाचारों के साथ खुद को अद्यतन करने में मदद करता है और सरकारी नौकरी के लिए प्रतिस्पर्धी और तकनीकी परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करना आसान होता है क्योंकि इन परीक्षाओं में मुख्य रूप से सामान्य ज्ञान प्रश्न होते है। हालांकि, तकनीकी प्रगति के साथ हमें स्मार्टफोन पर भी सभी खबरें मिलती हैं लेकिन आम जनता के बीच किसी भी सामाजिक मुद्दे के बारे में लोगों को जागरूक करने का सबसे अच्छा तरीका समाचार पत्र हैं। समाचार पत्र बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें वर्तमान मामलों के साथ अदयतन रखता है।

Essay on Newspaper in Hindi 300 Words

समाचार पत्र लोगों और संसार के बीच वार्ता का सबसे अच्छा साधन होने के साथ-साथ बहुत ही शक्तिशाली यंत्र भी है। यह ज्ञान और सूचना प्राप्त करने के साथ ही कुशलता के स्तर को बढ़ाने का सबसे अच्छा स्रोत है। यह किसी भी क्षेत्र में बहुत ही कम कीमत पर उपलब्ध है, जिसे हर समाचार पत्र प्रत्येक व्यक्ति तक बहुत ही आसानी से पहुंच जाता है। समाचार पत्र देश के विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित होता है, जिसको हर सुबह सभी बेसब्री से इंतजार करते हैं।

समाचार पत्र पूरे संसार की छोटी से बड़ी खबरें का विवरण प्रदान करता है। विद्यार्थियों के लिए भी समाचार पत्र बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि वह इससे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर का सामान्य ज्ञान और सामाजिक घटनाओं के बारे में ज्ञान प्राप्त करते हैं, जिन का फायदा उन्हें सरकारी कंपटीशन एग्जाम में होता है।

भारत में अंग्रेजों के आने से पहले समाचार पत्र का कुछ भी महत्त्व नहीं था, क्योकि समाचार पत्रों की कुछ जरूरत ही नहीं थी। अंग्रेजों ने ही भारत में समाचार पत्रों का विकास किया। “द बंगाल गजट” संन 1780, कलकत्ता में भारत का पहला समाचार पत्र प्रकाशित किया गया जिसका संपादन जेम्स हिक्की ने किया था।

लेकिन अब देश के सभी लोग अपने देश और संसार की ताज़ा घटनाओं को जानने में बहुत ही रुचि रखते हैं और चाहते हैं कि उन्हें समाचार जल्दी से जल्दी प्राप्त हो। सरकार और लोगों के बीच समाचार पत्र एक अहम भूमिका निभाता है। समाचार पत्र सरकार द्वारा बनाये गए नए नियमों और कानूनों के बारे में सभी को जागरूक कराता है।

समाचार पत्रों के लाभ होने के साथ-साथ इसकी कुछ हानियां भी हैं, जैसे कि कुछ समाचार पत्र झूठे समाचार शाप कर जनता को भ्रमित करते हैं, जिनसे संप्रदायिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है। इन्हीं झूठे समाचारो के कारण दंगे जैसी घटनाएं भी हो जाती है, जहां आशांति का माहौल पैदा हो जाता है। उदाहरण के तौर पर जैसे कि सरकार द्वारा बनाई गई नई नीतियों को जनता के आगे गलत तरीके से पेश करके उन्हें भ्रमित करना।

समाचार पत्रों के लाभ और हानि, दोनों का भार संपादक के ऊपर ही निर्भर होता है। अंत: संपादक को समाचार पत्र के महत्व को अच्छे से समझाना चाहिए। यदि वह धर्म, जाति, निजी लाभ जैसे विषयों को छोड़कर इमानदारी से अपना काम करें तो वह वास्तव में देश की सच्ची सेवा कर सकते हैं।

Essay on Newspaper in Hindi 500 Words

आज के युग में समाचार-पत्र का विशेष महत्त्व है। विज्ञान ने मानव को जो सुविधाएँ प्रदान की हैं उनमें से एक महत्वपूर्ण सुविधा समाचार-पत्र की है। इसमें संसार भर के समाचार छपते हैं। इसलिए आज का पढ़ा-लिखा मनुष्य प्रातः उठने के बाद सर्वप्रथम समाचार-पत्र को ही पढ़ता है। उसके बिना मानव-जीवन अधूरा है।

वर्तमान युग में समाचार-पत्र प्रजातन्त्र शासित देश की रीढ़ की हड्डी और उसके जागरूक प्रहरी हैं। भारत में सर्वप्रथम 1780 ई. में कलकत्ता में एक अंग्रेजी समाचार पत्र प्रकाशित हुआ ‘बंगाल गज़ट’ जो कि पूर्ण सरकारी अख़बार था। इसके पश्चात राष्ट्रीय आन्दोलनों के साथ-साथ भारत में पत्रकारिता का भी प्रचार होता गया। हिन्दी भाषा में सबसे पहला समाचार-पत्र ‘उदंत मार्तण्ड’ 30 मई 1826 ई. को प्रकाशित हुआ। भारत की आजादी की लड़ाई में समाचार-पत्रों और उनके सम्पादकों का विशेष योगदान रहा, जिसे भुलाया नहीं जा सकता।

“मुक दूत बन खबरें लाता, ज्ञान बढ़ाता, मन बहलाता। हमें जो उत्तम पथ दिखलाता, वह समाचार-पत्र कहलाता।”

छपने की प्रक्रिया

पहले समाचार-पत्र कार्यालय में समाचार इकट्ठे किए जाते हैं। फिर उन्हें एक निश्चित रूप दिया जाता है। इसके बाद उन्हें टाइप करके विज्ञापन आदि जोड़कर प्रैस में छापा जाता है। उसके बाद बाँटने वाले (हॉकर) इन्हें हमारे घरों तक पहुँचाते हैं। इस प्रकार समाचार-पत्र कई लोगों की रोजी-रोटी का साधन है।

पाठ्य-सामग्री

समाचार-पत्रों में मुख्य तौर पर राजनीतिक तथा महत्वपूर्ण रोजाना घटनाओं का वर्णन होता है। इसमें खेलकूद, व्यापार, बाजार भाव, रेडियो तथा दूरदर्शन के कार्यक्रमों की जानकारी तथा अनेक प्रकार के विज्ञापन भी होते हैं। सम्पादकीय लेख, विद्वानों के लेख, कविताएँ, स्त्रियों व बच्चों के लिए कहानी, कार्टून, आदि विभिन्न प्रकार की सामग्री भी होती है।

जनता की वाणी

समाचार-पत्र राजनीतिक खबरें अधिक लाता है क्योंकि राजनीति का बोलबाला है। लोग इसमें अधिक रुचि रखते हैं। समाचार-पत्र ही सरकार की ग़लत नीतियों की आलोचना करके सरकार पर अंकुश लगाने का काम भी करते हैं। समाचार-पत्र जनता की वाणी है। किसी ने इसे जनता की सदा चलती रहने वाली संसद भी कहा है।

संसार में लाभ-हानि का चोली दामन का साथ है। जब समाचार-पत्र राजनैतिक भेदभाव उत्पन्न कर जनता में मन-मुटाव बढ़ाते हैं सबसे बड़ी हानि तब होती है। ऐसे समाचार-पत्र देश को विनाश की ओर ले जाते हैं। फ़ीकी पत्रकारिता, अश्लील विज्ञापन एवं नग्नचित्र बच्चों के मन पर बुरा प्रभाव डालते हैं।

संपादकों का दायित्व

संपादकों को अपना दायित्व भली प्रकार से समझना चाहिए तथा किसी विशेष पार्टी या पूंजीपति के स्वार्थ का साधन न बनें। समाज में जागृति लाने, नारी की स्थिति सुधारने, युवा पीढ़ी में देशभक्ति की भावना जगाने, नैतिक चरित्र को ऊँचा उठाने आदि की कोशिश करनी चाहिए।

समाचार-पत्र आज भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अगर समाचार-पत्र सही मार्गदर्शक की भूमिका निभाते रहे तो भारत देश की गणना विकसित देशों में की जाने लगेगी।

“समाचार-पत्र पढ़ो, पढाओ, अज्ञान अंधेरा दूर मिटाओ।”

Essay on Newspaper in Hindi 600 Words

समाचार-पत्रों की उपयोगिता

भारत की राष्ट्रीय भाषा ‘हिन्दी’ का पहला समाचार पत्र सन् 1826 में निकला था। नवल किशोर नाम के एक महानुभाव द्वारा शुरू किए इस प्रथम समाचार पत्र का नाम था ‘उदंड मार्तण्ड’। समाचार-पत्रों का इससे पूर्व का इतिहास प्राप्त नहीं होता। लेकिन अगर समाचारपत्रों के इतिहास में झांकना चाहेंगे तो इस दुनिया में हिन्दी तथा दिल्ली समाचार पत्रों का इतिहास बहुत ही रोचक है। वस्तुत: इनका आविर्भाव जिस कालावधि में हुआ है वह भारतीय पराधीनता की कालावधि है। जब भारत राजनैतिक रूप से ही नहीं अपितु सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक रूप से भी अंग्रेजों के अधीन था। राजनैतिक पराधीनता के साथ-साथ भारत को पूरी तरह से सांस्कृतिक गुलामी देने का प्रयास भी अंग्रेजों द्वारा किया जा रहा था और कार्य कर रहे थे यह अंग्रेज पादरी। उन्होंने भारतीय समाज में ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से श्रीरामपुर में एक छापाखाना खोला था, जिसका उपयोग बाइबिल का हिन्दी रूपान्तरण करने और प्रकाशित करने के लिए किया जाता था। उसी समय भारतीय समाज मुद्रण कला से परिचित हुआ और उसने इसके प्रयोग को और सीखने के साथ-साथ इसकी महत्ता को भी समझा।

पराधीनता भारतीयों के लिए एक कटु सच्चाई थी। उससे मुक्ति की चेतना भी हमारे लोगों में थी किन्तु कोई ऐसा सटीक माध्यम हमें प्राप्त नहीं था जिसके माध्यम से हम इस पराधीनता के दबाव को अभिव्यक्त कर पाते। आखिर में वह माध्यम हमें समाचार-पत्रों के रूप में प्राप्त हुआ। भारतीय स्वाधीनता की लड़ाई प्रधानत: दो स्तरों पर लड़ी गई। प्रथम, जनांदोलन के स्तर पर और दूसरा, बौद्धिक-संघर्ष के स्तर पर। दूसरे स्तर पर लड़ी जाने वाली लड़ाई में इन समाचार-पत्रों की महनीय भूमिका रही। इसमें किसी भी प्रकार का संदेह नहीं कि बौद्धिक रूप से भारतीय जनता के मन से पराधीनता के भाव को निकालने और इसके खिलाफ संघर्ष करने के लिए प्रेरित करने में इन समाचार पत्रों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

19 वीं शताब्दी समाचार-पत्रों की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। इसमें हजारों की संख्या में समाचार-पत्रों का प्रकाशन आरंभ हुआ था। इन पत्रों की विषयवस्तु किसी एक विशिष्ट विषय से संबंधित नहीं होती थी, अपितु वे मानव-समाज के प्रत्येक अंग को अभिव्यक्त करने का प्रयास करते थे। इससे सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक एवं सांस्कृतिक जागरुकता का भी विकास हुआ जिसका महत्वपूर्ण योगदान परवर्ती स्वाधीनता आन्दोलन में रहा।

यह तो ऐतिहासिक रूप से समाचार-पत्रों की महत्ता का रेखांकन था, इसी के साथ समाचार पत्र मानव मन की अन्यतम निगूढ़ अकांक्षाओं की संतुष्टि का भी प्रयास करते हैं। वे हमारे हृदय की प्रधान जिज्ञासु-वृत्ति को शान्त और परिष्कृत करते हैं। मानव मस्तिष्क हमेशा से कुछ नवीन जानने का प्रयास करता रहा है और उसकी इस लालसा को आधुनिक काल में समाचार पत्रों ने पूरा किया।

समाचारपत्र अनेकानेक विषयों से संबंधित खबरों को संकलित कर उनके संबंध में ज्यादा से ज्यादा जानकारी पिरोकर आम जनता के समक्ष प्रस्तुत करते हैं, जिससे मानव मन अनेकानेक क्षेत्रों से संबंधित खबरों और जानकारियों को प्राप्त कर सकता है। इसकी जो सर्वाधिक उपयोगिता इस परिप्रेक्ष्य में हमें दिखलायी पड़ती है वह है – हमारे ज्ञान कोष की अपरिमित वृद्धि। नियमित रूप से समाचार-पत्र पढ़ते रहने से एक तरफ जहाँ हमारे ज्ञान संज्ञान में वृद्धि होती है वहीं हम समाचार-पत्र के जरिए अपने समूचे परिवेश के प्रति भी जागरुक होते जाते है।

इसके साथ ही एक अन्य उपयोगिता, जो समाचार-पत्रों की हमें दिखलायी पड़ती है, वह है मनोरंजन। समाचार पत्रों में मात्र बौद्धिक विषयों से संबंधित जानकारियां ही नहीं होतीं अपितु सामाजिक जीवन क्रीड़ा जगत से संबधित एवं पहेलीनुमा जानकारियां भी विद्यमान होती हैं। इससे हमारे मन का एक अन्य कौतुहल और मनोरंजन की मनोवृत्ति भी संतुष्ट होती है।

तो समाचार-पत्रों की प्रासंगिकता के संदर्भ में यही कहा जा सकता है कि समाचार पत्रों की सामजिक, राजनैतिक एवं सांस्कृतिक आयामों से हमारे जीवन में पूरी अनिवार्यता एवं उपयोगिता है।

Essay on Newspaper in Hindi 650 Words

समाचार पत्रों का इतिहास

डॉ. विजय नारायण सिंह ने समाचार-पत्रों की सामाजिक महत्ता और उनकी भूमिका को अपने निबंध में स्पष्ट करते हुए एक स्थान पर लिखा है: “समाचार- पत्र प्राय: दस से सोलह पृष्ठ के होते हैं। अत: उनमें अधिक समाचारों को स्थान मिलता है। अधिकांश देशों में रेडियो और टेलीविजन उन देशों की सरकारों के नियंत्रण में हैं। अत: वे प्राय: सरकारी दृष्टिकोण को ही प्रसारित करते हैं। सामान्यत: जनता इन माध्यमों के समाचारों को विश्वसनीय नहीं मानती हैं। समाचार-पत्रों में अनेक ऐसे हैं, जिनकी सूचनाओं को जनता सत्य और भरोसेमंद मानती हैं। उनमें सुदूर ग्रामीण अंचलों की घटनाएँ भी छपती हैं। इसलिए समाचार-पत्रों की पहुंच जन-सामान्य तक है। समाचार-पत्रों की महत्व के संबंध में विचार करने से पहले इस मीडिया के उस व्यापक और अति-दीर्घ इतिहास को जान लेना आवश्यक है, जो भारत में उपनिवेशवादी शासन के आरम्भिक दौर से जुड़ा हुआ है।

किसी विद्वान आलोचक की हिन्दी पत्रों को भारतीय समाज के संदर्भ में रखकर कही गयी। यह बात सम्पूर्ण सत्य ही है कि भारतीय समाज को उसकी राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक गुलामी और पराधीनता का बोध कराने में, समाचार-पत्रों की एक अविश्वसनीय भूमिका रही है। इन समाचार-पत्रों का महत्व इसी बात से समझा जा सकता है कि जब से, भारत में इन समाचार पत्रों का अभ्युदय होता है, तभी से भारतीय समाज आधुनिक काल में प्रवेश करता है। आधुनिक काल की विशेषता यह मानी जाती है कि उसमें अपने आस-पास के वातावरण और स्थितियों-परिस्थितियों के प्रति, एक गहरी सचेतनता निरन्तर विद्यमान रहती है। अगर इस सचेतनता और यथार्थवादिता को निर्मित करने वाले उपकरणों पर विचार करें तो स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि इन उपकरणों में सर्वाधिक उल्लेखनीय उपकरण समाचार पत्र ही माना जाता है।

जिस विकट दुर्भाग्य की स्थिति में भारत अंग्रेजों का गुलाम बना था, उसे कोई भी भारतवासी भूल नहीं सकता। अंग्रेजों ने जब यहा पर अपनी सत्ता स्थापित की तब उनके सम्मुख जो सबसे बड़ी समस्या खड़ी हुई थी वह थी, भारतीय समाज में सांस्कृतिक-भाषा की स्थिति। अंग्रेजों ने अपने शासन को दीर्घायु बनाए रखने को पूर्णतः आवश्यक माना। इसके लिए उन्होंने नाना प्रकार के उपक्रम भी किए। उन्हीं उपक्रमों में एक समाचार पत्रों का प्रकाशन भी था। सर्वप्रथम जेम्स आगस्ट नामक व्यक्ति ने ‘बंगाल गजट ऑफ कोलकाता जनरल एडवाइजर’ नामक पत्र प्रकाशित किया। हिन्दी भाषा में प्रकाशित पहला समाचार पत्र ‘उदण्ड मार्तण्ड’ था, जो सन् 1826 में प्रकाशित होना आरम्भ हुआ था। इसके बाद राजा राम मोहन राय ने ‘बंगदूत’ नामक पत्र प्रकाशित किया। इन दोनों सम्पादकों ने इसके कारणों को भी जनता के सामने प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने अपने समाचार पत्रों के आमुखों पर इस बात को स्पष्ट शब्दों में रेखांकित किया कि आज हमारा समाज जिस अधोगति और पतनशीलता का ग्रास बनता जा रहा है, उसे देखकर हमारे हृदयों में अत्यधिक क्षोभ व्युत्पन्न होता है। और हम अपने हृदय में समाजसुधार और देश सुधार की पवित्र भावना का स्वाभाविक अनुभव करते हैं। हमारी इसी पवित्र भावना का परिणाम हैं, ये समाचार-पत्र। कहने का आशय यहां पर यह है कि उसी समय जो समाचार पत्र प्रकाशित हो रहे थे, उनका एकमात्र उद्देश्य अपने भारतीय समाज को अधोगति की दुर्व्यवस्था से बाहर निकालना था।

हिन्दी में, जिस कालखण्ड को ‘भारतेन्दु युग’ कहकर संबोधित किया जाता है, उसे तो हिन्दी पत्रिका का प्रबल-काल ही कहना चाहिए। इस समय प्रत्येक साहित्यकाल ने अपने बल पर एकाधिक समाचार पत्रों को निकाला। इसके बाद तो वर्तमान तक अनेक समाचार पत्र विपुल संख्या में प्रकाशित हुए हैं। सन् 1913 में ‘प्रताप’ प्रकाशित हुआ। इसके बाद 1918 में विश्वमित्र’ नामक दैनिक समाचार पत्र प्रकाशित होना आरम्भ हुआ। इसी प्रकार ‘आज’ ‘हरिजन’, ‘हिन्दु’, ‘दैनिक जागरण’, ‘राष्ट्रीय सहारा’ और ‘पंजाब केशरी’ आदि अनेक महत्वपूर्ण समाचार पत्र प्रकाशित हो रहे हैं। समाचार पत्रों की इतनी विपुल संख्या इस क्षेत्र के बृहद भविष्य को सहज ही रेखांकित करती है।

Essay on Newspaper in Hindi 800 Words

विज्ञान ने आज मनुष्य के जीवन को बहुत बदल दिया है। छापेखाने का आविष्कार होने पर समाचारपत्र आरम्भ हुए। सर्वप्रथम चीन में ‘पीकिंग गज़ट’ नामक पत्र छपना आरम्भ हुआ था। आज तो ‘प्रैस’ अर्थात् समाचारपत्र को अत्यन्त शक्तिशाली साधन माना जाता है। जिस दल या विचारधारा वाले लोगों के हाथ में समाचारपत्र होते हैं वे सारी जनता को अपना अनुयायी बना लेते हैं।

समाचारपत्र अनेक प्रकार के होते हैं। कुछ दिन में एक बार और कुछ दो बार प्रकाशित होते हैं। इन्हें दैनिक कहा जाता है। प्रात:काल आने वाले को प्रातः संस्करण और सायंकाल को प्रकाशित होने वाले को उस समाचार पत्र का सायं संस्करण कह दिया जाता है। कुछ पत्र साप्ताहिक और पाक्षिक होते हैं। मासिक और त्रैमासिक को समाचारपत्र न कह कर पत्रिका का नाम दिया जाता है।

समाचार पत्र आज हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन चुके हैं। प्रात: उठते ही सब समाचारपत्र पढ़ते हैं। कई लोगों को तो इसके बिना चैन नहीं पड़ता। समाचारपत्र द्वारा थोड़े से पैसों में घर बैठे देश-विदेश के समाचारों का ज्ञान हो जाता है तथा जनता के सामान्य ज्ञान में वृद्धि होती है कि अमुक देश का शासक कौन है, अमुक स्थान पर कौन-सा सम्मेलन हो रहा है या अमुक दुर्घटना का वास्तविक कारण क्या था, आदि। समाचारपत्रों से यह भी पता चलता है कि सरकार कौन-कौन से नए कानून बना रही है और जनकल्याण के लिये कौन-कौन से पग उठा रही है।

राजनीतिक नेता तो अपने स्वार्थों के लिए मतभेद बढ़ाते हैं किन्तु समाचार पत्र एक देश की जनता को दूसरे देशों के वृत्तान्तों से परिचित करवा कर मतभेदों को मिटा कर सारे संसार को एकता के सूत्र में पिरोने का प्रयत्न करते हैं। समाचारपत्र व्यापार को बढ़ाने में भी सहायक होते हैं। कारखाने-दार अपने उत्पादनों की मांग और खपत बढ़ाने के लिये तथा व्यापारी अपनी दुकान की प्रसिद्धि के लिए समाचारपत्रों में इश्तहार छपवाते हैं। व्यापारियों को दूसरी मण्डियों की स्थिति का तथा वहां के भावों का ज्ञान होने से व्यापार में सहायता मिलती है।

समाचारपत्र अवकाश प्राप्त बूढ़े व्यक्तियों के लिए समय बिताने का एक अच्छा साधन है। वे प्राय: आदि के अंत तक सारा समाचारपत्र पढ़ जाते हैं। बेकार व्यक्ति रिक्त स्थान’ या ‘आवश्यकता के कालम में अपने लिए उचित नौकरी या धंधा ढूंढ सकते हैं। समाचारपत्रों में विवाह सम्बन्धी विज्ञापन भी होते हैं जिन के द्वारा वर अथवा वधू का उचित चुनाव करने में सहायता मिलती है।

समाचारपत्र विविध पर्वो या उत्सवों पर और कभी-कभी विशेष विषयों से सम्बन्धित विशेषांक भी निकालते हैं। समाचारपत्रों में बच्चों और महिलाओं के लिए विशेष स्तम्भ होते हैं। कहानी, कविता, चुटकले आदि साहित्यिक और मनोरंजन प्रधान रचनाएं भी पत्रों में प्रकाशित होती हैं। पृथक-पृथक पत्रिकाएं भी विशेष विषयों से सम्बन्ध रखती हैं : फिल्में, फैशन, स्वास्थ्य, बुनाई-कढ़ाई, पाक शास्त्र, मनोविज्ञान, अपराध-विज्ञान आदि। कहने का अभिप्राय यह है कि कोई क्षेत्र ऐसा नहीं, जिस का समाचारपत्र से सम्बन्ध न हो।

समाचार-पत्र जन-जन को सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, ऐतिहासिक, कानून तथा शिक्षा सम्बन्धी जानकारी पहुंचाता है। आज यदि कोई व्यक्ति समाचारपत्र के महत्त्व को नकारता है तो उसके लिए आधुनिक जगत की हलचलों से निरन्तर तालमेल बनाए रखना एक दुष्कर कार्य होगा। समाचार-पत्र आज हमारे जीवन का भाग बन चुके हैं। ये देश-विदेश के लोगों को परस्पर जोड़ने का एक प्रमुख साधन भी हैं।

समाचार-पत्र पूर्णत: निष्पक्ष होते हैं। विभिन्न तथ्यों को उनके मूल रूप में जनता के समक्ष प्रस्तुत करने का दायित्व समाचार-पत्र का ही है। अत: समाज के प्रति ये महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी का निर्वाह करते हैं। परन्तु यदि इसका गल्त प्रयोग होता है अथवा चंद लोगों द्वारा इसका प्रयोग निजी सेवाओं के लिए होता है तो ये समाज के लिए भयावह स्थिति उत्पन्न कर सकते हैं। अत: निष्पक्षता में ही इनकी महत्ता निहित है।

समाचार-पत्रों की उपयोगिता संचार के अन्य त्वरित साधनों की उपलब्धता के बावजूद बढ़ी है जो यह दर्शाता है कि विस्तृत एवं लिखित सामग्री का आज भी कोई विकल्प नहीं है। एक-दो रुपए में संपूर्ण बाहरी जगत् से साक्षात्कार समाचार पत्र ही करा सकते हैं, अन्य कोई माध्यम नहीं।

समाचारपत्रों के जहां उपरलिखित लाभ हैं, वहां कुछ हानियां भी हैं। कई समाचारपत्र अविश्वस्त और झूठी खबरें प्रकाशित करके किसी की पगड़ी उछालते हैं या किसी से रुपया ऐंठते हैं। कई समाचारपत्र पक्षपात के कारण उचित को अनुचित और अनुचित को उचित बतलाते हैं और इस प्रकार जनता से विश्वासघात करते हैं। कई बार स्वार्थवश किसी महत्त्वपूर्ण समाचार को दबा दिया जाता है और किसी छोटी सी घटना को खूब बढ़ा-चढ़ा कर प्रकाशित किया जाता है। कुछ पत्र अपनी बिक्री बढ़ाने के लिये नग्न और अर्धनग्न चित्र तथा अश्लील और उत्तेजक रचनाएं भी छापते हैं। इससे जनता की रुचि बिगड़ती है।

ज्यों-ज्यों मनुष्य का ज्ञान बढ़ता है त्यों-त्यों चिन्ता भी बढ़ती जाती है। संसार के किसी एक कोने में घटने वाली घटना दुनिया के अनेकों लोगों को सोचने और चिन्तन करके पर विवश कर देती है। यही कारण है कि मनोरोगों के डाक्टर आज के बढ़ते हुए मनोरोगों का एक कारण अखबार को भी मानते हैं। यदि समाचारपत्रों के सम्पादक निष्पक्ष होकर ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभाएं तो समाचार पत्रों द्वारा देश और मानवता की सेवा की जा सकती है।

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Note – Now you can also write Newspaper Essay in Hindi and send it to us. Now you can learn and write Newspaper Essay in Hindi for class 7 and onwords.

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  • समाचार पत्र का महत्व (Importance of Newspaper) – Hindi Essay

समाचार पत्र का महत्व – हिन्‍दी निबंध

प्रस्तावना:

मुद्रण कला के आविष्कार के बाद जो महत्वपूर्ण चीज सामने आई, वह है समाचार पत्र। प्रतिदिन सुबह सवेरे सारी दुनिया में घटित होने वाली घटनाओं, परिवर्तनों तथा अन्य सब प्रकार की हलचलों की सूचना देने वाला समाचार पत्र आज एक बडी आवश्यकता बन चुका है।

समाचार पत्र का आरंभ:

संसार का सबसे पहला समाचार पत्र कहाँ प्रकाशित हुआ, इस विषय में मतभेद है। समाचार पत्रों का आरंभ चाहे कहीं से भी हुआ हो लेकिन इसके प्रकाश और प्रसार का श्रेय फ्रांस तथा इंग्लैंड को ही जाता है। भारत में समाचार पत्र के रूप में ‘इण्डिया गजट’ सबसे पहले 1780 में प्रकाशित हुआ। हिंदी का पहला समाचार पत्र ‘उदण्ड मार्तण्ड था। ऐसे करते करते प्रदेशिक भाषाओं में समाचार पत्रों का आरंभ हुआ।

विभिन्न सूचनाएँ:

समाचार पत्रों में राजनीति और आर्थिक ही नहीं बल्कि अन्य प्रकार की सूचनाएँ एवं समाचार रहते हैं। ज्ञान विज्ञान से लेकर खेल जगत की सूच्नाएँ समाचार पत्र में रहती है। इसलिए समाचार पत्रों को विश्व जीवन का दर्पण कहा जाता है।

ससमाचार पत्र विज्ञापन के भी बहुत अच्छे साधन है। इन विज्ञापनों में नौकरी और व्यक्तिगत सूचना संबंधी विज्ञापनों से लेकर वैवाहिक, शिक्षा संबंधी विज्ञापनों तथा व्यापारिक विज्ञापन भी सम्मिलित है। पर्वों त्योहारों तथा विशेष अवसरों पर अपने विशेषांक तथा साप्ताहिक परिशिष्ट आदि में समाचार पत्र विशिष्ट सामग्री प्रकाशित करते हैं। इस प्रकार करते हैं। इस प्रकार समाचार पत्र सभी के लिए सिद्ध हैं।

कला और दायित्व:

समाचार पत्रों का सम्पादन एक विशिष्ट कला है, जो एक ओर तो पाठक की जिज्ञासा को जगाता होहै और दूसरी ओरे उसका समुचित समाधान प्रस्तुत करता है। समाचारों का चयन, उनके शीर्षक और भषा प्रयोग में सतर्कता और सावधानी बरतनी आवश्यकता है।

निर्वाह का साधन:

समाचार पत्र आजीविका के भी अच्छे साधन हैं। समाचार पत्रों में काम करने वाले लोगों के अतिरिक्त कागज़ उद्ध्योग, स्याहि उद्ध्योग, विज्ञापन एजेंसियों से लेकर घर घर अखबार पपहुँचाने वाले हॉकरों तक करोडों लोगों की रोजी रोटी समाचार पत्रों से चलती है। अत: हर दृष्टि से समाचार पत्रों की भूमिका महत्वपूर्ण है।

दैनिक जीवन मे समाचार पत्र कितनी महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाता है। यह हमें राजनीति से लेकर अन्य देशों के समाचार देता है। महानगरीय जीवन में तो सुबह उठते ही चाय के साथ समाचार पत्र पहली आवश्यकता है। समाचार पत्र का देर से आना भी एक बेचैनी का कारण बन सकता है।

Category: Essay , Hindi Essay (हिन्दी निबंध) , Long Essay (more than 100 words हिन्दी निबंध)

  • Dhivya Daya suuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuper!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! Reply January 18, 2020 at 12:10 PM
  • sanjana sharma ok-ok Reply December 25, 2017 at 3:28 PM
  • Nfifda Good Reply September 10, 2016 at 3:34 PM
  • dhruvi awesome one's can easily write the essay's Reply August 4, 2016 at 6:28 PM
  • Akmal khan Very amazing essay Reply March 2, 2016 at 7:40 PM
  • Veera Pandian Very easy !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! Reply September 30, 2015 at 4:41 PM
  • Deepanshi Amazing Essay!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! Reply July 11, 2013 at 7:00 PM
  • Ayushi Sneha TOO GUD AND PERFECT ESSAY. EASY TO MEMORIZE. Reply June 27, 2013 at 8:42 PM

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Essay on Newspaper in Hindi | हिंदी में समाचार पत्र पर निबंध | Samachar Patra Essay

essay on newspaper in hindi

Essay on Newspaper in Hindi: हर किसी के जीवन में समाचार पत्र का एक खास महत्व होता है। वैसे तो दूरसंचार के कई माध्यम आज हमारे बीच मौजूद है लेकिन समाचार पत्र की एक अपनी अलग ही उपयोगिता है।

अधिकतर लोगों के दिन की शुरुआत समाचार पत्र के साथ ही होती है। सुबह की चाय के साथ यदि समाचार पत्र हाथ में ना हो तो दिन अधूरा सा लगता है। समाचार पत्र से ही हमें देश दुनिया में घटित सारी घटनाएँ विस्तार से पता चलती है।

Table of Contents

समाचार पत्र की उपयोगिता – Utility of NewsPaper

समाचार पत्र ( Essay on Newspaper in Hindi)  की सबसे खास बात यह कि इसमे विविधता होती है। हमें एक ही जगह पर खेल,राजनीति देश-विदेश, साहित्य, स्वास्थ्य आदि चीजों से जुड़ी जानकारी मिल जाती है और जानकारी भी पूरे विस्तार से दी हुई होती है।

हालांकि कुछ समाचार पत्र ऐसे भी होते हैं जो किसी एक खास क्षेत्र की जानकारी देते हैं जैसे रोजगार समाचार पत्र रोजगार से संबंधित सभी जानकारी देते हैं।

भारत का पहला समाचार पत्र – India’s First NewsPaper

भारत का पहला स्वतंत्र समाचार पत्र ( Essay on Newspaper in Hindi ) 29 जनवरी 1780 को प्रकाशित हुआ था। इसे प्रकाशित करने वाले जेम्स ऑगस्ट हिक्की थे। इस समाचार पत्र का नाम कोलकाता जनरल एडवाइजर था। इसे हिक्की गैजेट भी कहा जाता था। यह समाचार पत्र न सिर्फ भारत का बल्कि एशिया का पहला समाचार पत्र था।

उपसंहार – Conclusion

भारत जैसे लोकतांत्रिक देश मे समाचार पत्र की आवश्यकता बहुत ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि हमारा देश अभी प्रगति के पथ पर है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि देश के हर नागरिक के पास सभी सूचनाएँ पहुचें।

समाचार पत्र पर निबंध हिंदी में – Essay on NewsPaper in Hindi (500 Words)

प्रस्तावना – Introduction

मनुष्य जिज्ञासू प्रवृत्ति का होता है। हर कोई यह जानना चाहता है कि हमारे समाज में किस तरह की घटनाएँ घटित हो रही है। इन बातों को जानकर ही मनुष्य अपने विवेक में वृद्धि करता है और उसकी ज्ञान की प्यास बुझती है।

मनुष्य की इस जिज्ञासा को शांत करने का एकमात्र साधन समाचार पत्र ही है। समाचार पत्र आज हर राष्ट्र की महती आवश्यकता बन गया है। समाचार पत्र के बिना मानव जीवन अधूरा सा प्रतीत होता है।

समाचार पत्र की भूमिका – Role of NewsPaper

दुनियाँ तेजी से बदल रही हैं लोग आज इंटरनेट के जमाने मे जी रहे हैं जहाँ सब कुछ हमारी उंगलियों के नीचे होता है। ऐसे में कभी कभी यह लग सकता है कि आज के युग मे समाचार पत्र की क्या प्रासंगिकता है।

समाचार पत्र ( Essay on Newspaper in Hindi) आज भी प्रासंगिक है और इसकी भूमिका भी बहुत बड़ी है। आज काफी न्यूज़ चैनल आ गए हैं लेकिन समाचार पत्र में समाचार पढ़ने का जो आनंद है वह समाचार देखने मे नही मिलता।

समाचार पत्र की खास बात यह है कि इसे हम कभी भी पढ़ सकते हैं। यदि सुबह वक़्त नही है तो शाम को पढ़ सकते है। बेवजह के प्रचार नही देखने पड़ते। यानी हम सिर्फ समाचार पढ़ना चाहते हैं तो पढ़ सकते हैं, जबकि टीवी में प्रचार भी देखने पड़ते हैं।

आपको एक ही जगह पर सभी जानकारियाँ मिल जाती है। अलग अलग क्षेत्रों की जानकारी के लिए हमें किसी तरह का इंतजार नही करना पड़ता। जबकि समाचार के टीवी चैनलl में कब किस तरह का समाचार दिखाया जाएगा यह तय नही रहता है। ऐसे में हमें हर तरह की जानकारी नही मिल पाती।

समाचार पत्र का महत्व – Importance of a NewsPaper

आज भी देश के अधिकतर लोग समाचार पत्रों को ज्यादा विश्वसनीय मानते हैं क्योंकि न्यूज़ चैनल में कई खबरें सिर्फ सनसनी फैलाने के लिए दिखाई जाती है। एक छोटी सी ख़बर को मिर्च मसाला लगातार दिखाया जाता है जिससे कि वह एक बड़ी ख़बर दिखने लगे।

जबकि समाचार पत्र में ऐसा कुछ नही होता। यहाँ जरूरी जानकारी ही छापी जाती है और साहित्यिक शब्दों का ही उपयोग किया जाता है।

यही वजह है कि आज सभी बड़े बड़े न्यूज़ चैनल ऑनलाइन लिखित समाचार भी प्रकाशित करते हैं क्योंकि वो यह बात भलीभांति जानते हैं कि आज भी लोग पढ़ना ज्यादा पसंद करते हैं, जहाँ तक बात समाचार की है।

समाचार पत्र का इतिहास – History of NewsPaper

विश्व मे पत्रकारिता का इतिहास – history of journalism in the world.

समाचार पत्र ( Essay on Newspaper in Hindi) का इतिहास बहुत पुराना है ऐसा कहा जाता है कि पहला समाचार पत्र रोम में 131 ई. में प्रकाशित हुआ था। इस पत्र का नाम Acta Diurna था जिसका मतलब था दिन की घटनाएँ।

लेकिन ये आज की तरह कागज पर प्रकाशित नही होते थे। ये पत्थर या किसी धातु की पट्टी में अंकित रहते थे। इनमे कुछ महत्वपूर्ण बातों का ही जिक्र होता था।

जैसे राज्य के प्रमुख अधिकारी के नाम, किसी नए नियम के बारे में जानकारी और क्षेत्र से जुड़ी विभिन्न लड़ाइयों के बारे में वर्णन होता था। इन पट्टिकाओं को कुछ तय जगहों पर ही रखा जाता था।

इसके बाद मध्यकाल आते आते यूरोप में भी समाचार पत्र छपने लगे। लेकिन इनमे कारोबार से संबंधित जानकारियाँ जैसे कि क्रय-विक्रय के मूल्य, कीमत में उतार चढ़ाव के बारे में जानकारी होती थी।

समाचार पत्र के क्षेत्र में बड़ा बदलाव तब आया जब 15वी सदी में ऐसी मशीन का आविष्कार हुआ जो छाप सकती थी। इसके पहले सब कुछ हाथ से ही लिखा जाता था।

आखिरकार 16 वी सदी में इस मशीन का पहली बार उपयोग किया गया और 1605 से इस मशीन के जरिए समाचार पत्र छपने लगा। पहले मुद्रित समाचार पत्र का नाम रिलेशन था।

भारत मे पत्रकारिता का इतिहास – History of journalism in India

कागज छापने की मशीन वैसे तो भारत मे 1674 में ही आ गई थी लेकिन पहले अखबार का प्रकाशन 1776 में पूरे 102 साल बाद हुआ। ईस्ट इंडिया कंपनी के एक पूर्व अधिकारी विलेम बाल्ट्स ने इसकी शुरुआत की थी। यह समाचार पत्र अंग्रेजी भाषा मे था।

लेकिन यह समाचार पत्र ब्रिटिश सरकार के अधीन था इसलिए यह सिर्फ सरकार और ईस्ट इंडिया कंपनी की खबरों को ही प्रकाशित करता था।

इसके बाद भारत के पहला स्वतंत्र समाचार पत्र का प्रकाशन 29 जनवरी 1780 हुआ था।

किसी भारतीय भाषा मे प्रकाशित होने वाला पहला समाचार पत्र, संवाद कौमुदी था जो बंगाली भाषा मे लिखा गया था। इसका प्रकाशन राजा राम मोहन राय ने 1819 में किया था।

गुजराती भाषा के पहले समाचार पत्र मुम्बईना समाचार की शुरुआत 1822 में हुई थी। वही हिंदी भाषा का पहला समाचार पत्र उदंत मार्तण्ड था जो 1826 में प्रकाशित हुआ था।

भारतीय समाचार पत्रों के सामने चुनौतियाँ – Challenges in front of Indian newspapers

उस दौर में सबसे बड़ी चुनौती थी कि समाचार पत्र किस भाषा मे प्रकाशित किया जाए। कुछ लोग का मानना था कि समाचार पत्र की भाषा व्यवहारिक होना चाहिए जबकि कुछ लोग शुद्ध हिंदी भाषा के पक्षधर थे।

लेकिन इस समस्या का समाधान लेखक भारतेंदु हरिश्चंद्र ने किया। उन्होंने ऐसी रचनाएँ रची है जिनकी न सिर्फ भाषा उत्कृष्ठ थी बल्कि सरल भी थी। इसी का अनुसरण समाचार पत्रों ने भी किया।

इसके अलावा दूसरी बड़ी चुनौती विचारधारा को लेकर थी। हर मुद्दे पर प्रकाशकों की राय अलग अलग होती थी। कुछ लोग पुरानी परंपराओं के पक्षधर थे वही कुछ लोग प्रगतिवादी सोच में परंपराओं को एक रुकावट मानते थे।

इसीलिए अपनी सोच का प्रचार-प्रसार करने के लिए नए नए समाचार पत्र ( Essay on Newspaper in Hindi) प्रकाशित होते गए।

समाचार पत्र जन संचार का एक बहुत पुराना माध्यम है लेकिन आज भी इसका एक अलग ही महत्व है। ऐसी उम्मीद है कि आगे आने वाले 100 सालों में भी समाचार पत्र इसी तरह अपनी उपयोगिता बनाए रखेंगे। दुनियाँ में बदलाव बहुत तेजी से हो रहे हैं, इस बीच समाचार पत्र का स्वरूप बदल सकता है लेकिन उपियोगिता ऐसी ही बरकरार रहेगी।

समाचार पत्र पर निबंध हिंदी में – Essay on NewsPaper in Hindi (3000 Words)

सुबह उठते ही हम सब समाचार पत्र ( Essay on Newspaper in Hindi) जरूर पढ़ते हैं। यदि किसी दिन समाचार पत्र न आए तो दिन कुछ अधूरा सा लगता है। देश दुनियाँ की सभी खबरों के लिए हम सब समाचार पत्र भी निर्भर रहते हैं।

समाचार पत्र के प्रति दीवानगी कभी घटने वाली नही है। हम अक्सर देखते हैं चाय, पान की दुकान में लोग बड़े ही शौक से समाचार पत्र पढ़ते है। समाचार पत्र में दी गई जानकारियाँ काफी ज्ञानवर्धक होती है तभी हम इसे कभी कभी दिन में एक से ज्यादा बार भी पढ़ लेते हैं।

समाचार पत्र का अर्थ – Meaning of newspaper

समाचार पत्र का अर्थ समाचार के अर्थ में छुपा है। जब हम एक बार खुद को देखते हैं तो पाते है कि हम कितने जिज्ञासू प्रवत्ति के हैं।

जब हम किसी से मुलाकात करते हैं तो सबसे पहले उसका हाल समाचार पूछते हैं क्योंकि हमें नैसर्गिक रूप से यह जानने में दिलचस्पी होती है कि किसी और के जीवन में चल क्या रहा है।

पत्रकारिता के पीछे हमारी यही मूल भावना छिपी है। समाचार पत्र हमारी जिज्ञासा को शांत करता हैं। हम सब यह जानने के लिए उत्साहित रहते हैं कि आखिर देश दुनियाँ में क्या घटित हो रहा है।

हमारे देश के बाकी हिस्सों में क्या घटनाएँ हो रही है, ये सभी सूचनाएँ हम तक समाचार पत्र पहुँचाता है। लेकिन समाचार पत्र के माध्यम से कोई ख़बर हम तक 24 घंटे बाद ही पहुँचती है।

समाचार पत्र के कार्य – Work of Newspaper

जब समाचार पत्र ( Essay on Newspaper in Hindi) की शुरुआत हुई थी तब इनके कार्य सीमित थे क्योंकि इनकी पहुँच भी सब लोगो तक नही होती थी। इस वजह से इनमे समाज के सभी घटकों की चर्चा नही होती थी लेकिन आज का समाचार पत्र काफी अलग है।

समाचार पत्र के कार्य आज काफी बढ़ गए हैं।

अपने क्षेत्र की ख़बर देते हैं.

समाचार पत्र के माध्यम से ही हमें अपने क्षेत्र में होने वाली किसी घटना का पता चलता है, क्योंकि टीवी न्यूज चैनल 24 घंटे में अधिकतर बड़े शहरों की ही खबरें दिखाते हैं।

इसमें भी वो उन्ही खबरों को दिखाते हैं जो कुछ ज्यादा बड़ी होती है। लेकिन आपके क्षेत्र का समाचार पत्र आपके जिले, पंचायत में घटित छोटी घटनाओं को भी छापता है।

राजनीति की खबरें मिलती है.

समाचार पत्र ( Essay on Newspaper in Hindi) के माध्यम से देश की राजनीति से जुड़ी तमाम खबरें एक ही जगह मिल जाती है। देश के सभी राज्यों की महत्वपूर्ण राजनीतिक खबरों को यहाँ जगह दी जाती है, जिनको पढ़ने के बाद हमें देश की राजनीति के बारे में बहुत कुछ जानने को मिल जाता है।

साथ ही विश्व राजनीति से जुड़ी खबरें भी प्रकाशित की जाती है। कुछ समाचार पत्र विश्व राजनीति पर ही केंद्रित होते हैं। वही कुछ समाचार पत्र विश्व राजनीति के बारे में ज्यादा गहराई से खबरें नही देते लेकिन तर्जुमा जरूर दे देते हैं।

खेल जगत से जुड़ी खबरें मिलती है.

सभी समाचार पत्रों में आखिरी का पन्ना खेल की खबरों के लिए ही समर्पित होता है। सभी खेलों से जुड़ी खबरें यहाँ संछिप्त में दी हुई होती है। हमारे देश मे क्रिकेट सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। इसीलिए क्रिकेट की खबरों को ज्यादा महत्व दिया जाता है।

सरकारी योजनाओं और नौकरियों की जानकारी मिलती है.

किसी भी सरकारी योजना की जानकारी भी समाचार पत्र के जरिए मिलती है। रोजगार निर्माण जैसे कई समाचार पत्र है जो मुख्य रूप से योजनाओं और सरकारी नौकरी से जुड़े हुए लेख ही प्रकाशित करते हैं।

बिजनेस जगत से जुड़े लोगों के लिए है निकलती है खबरें

समाचार पत्र सभी के लिए कोई न कोई महत्वपूर्ण जानकारी जरूर प्रकाशित करते हैं। कोई शेयर बाजार में निवेश करता है या फिर ऑटोमोबाइल से संबंधित कोई बिजनेस करता है तो उनके लिए काफी अहम जानकारियाँ प्रकाशित की जाती है।

कब किस कंपनी का IPO आने वाला है और किस कंपनी के शेयर की स्थिति अच्छी और खराब है इन सब बातों की जानकारी भी प्रकाशित की जाती है।

विशेष लेख भी होते हैं प्रकाशित.

कई समाचार पत्र सप्ताह के अंत मे कुछ विशेष लेख प्रकाशित करते हैं। ये लेख स्वास्थ्य,साहित्य, रिश्ते, रोजगार, शिक्षा आदि से जुड़े होते हैं। तो यह कह सकते हैं कि समाचार पत्र सिर्फ न्यूज़ संबंधी जानकारियाँ ही बस नही देते हैं।

साहित्य की महक भी समाचार पत्रों के कुछ विशेष अंकों से आती है। जैसे दैनिक भास्कर की मधुरिमा में हम देखते हैं कि किस तरह से नए लेखकों की कहानियाँ प्रकाशित की जाती है।

कई बड़े बड़े हस्तियों के साक्षात्कार प्रकाशित किये जाते हैं। परीक्षा के दिनों में विद्यार्थियों की सहायता हेतु कई अच्छे लेख प्रकाशित किये जाते हैं।

तो यदि यह कहें कि समाचार पत्र एक बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक कि जरूरतों का खयाल रखते हैं तो कहना बिलकुल भी गलत नही होगा।

समाचार पत्र के प्रकार – Types of Newspaper

समाचार पत्रों का विभाजन कई तरह से किया जा सकता है।

समाचार पत्र के वितरण के समय के अनुसार – According to the time of delivery of the newspaper.

सुबह वितरित होने वाले समाचार पत्र.

अधिकतर समाचार पत्र सुबह ही वितरित होते हैं। इन समाचार पत्रों में पिछले दिन की सभी महत्वपूर्ण खबरें होती है।

शाम को वितरित होने वाले समाचार पत्र

कुछ समाचार पत्र शाम को वितरित होते हैं ऐसे समाचार पत्रों में दिनभर घटित होने वाली घटनाओं का जिक्र होता है।

समाचार पत्र में मौजूद सामग्री के अनुसार – According to the content in the newspaper.

सामान्य सूचना देने वाले समाचार पत्र

ऐसे समाचार पत्रों ( Essay on Newspaper in Hindi) में हर तरह की जानकारी होती है लेकिन किसी भी क्षेत्र में गहराई से जानकारी नहीं दी जाती है। दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, नवभारत जैसे कुछ समाचार पत्र इस श्रेणी में आते हैं।

विशेष सूचना देने वाले समाचार पत्र

कुछ समाचार पत्र ऐसे होते हैं जो किसी क्षेत्र विशेष के बारे में ही जानकारी देते हैं। पूरे समाचार पत्र में किसी एक क्षेत्र के बारे में जानकारी होती है और जानकारी पूरी गहराई से दी जाती है ताकि पाठक सारी बातें समझ सकें।

ऐसे समाचार पत्र एक खास वर्ग को ध्यान में रखकर के प्रकाशित किए जाते हैं। रोजगार निर्माण ऐसे समाचार पत्र का एक उदाहरण है।

कितने बड़े क्षेत्र की जानकारी देते हैं उसके आधार पर.

क्षेत्रीय समाचार पत्र.

कुछ समाचार पत्र ( Essay on Newspaper in Hindi) ऐसे होते हैं जो किसी क्षेत्र विशेष की जानकारी ही देते हैं। ऐसे समाचार पत्रों को आमतौर पर उतनी प्रसिद्धि नही मिलती, लेकिन अपने क्षेत्र की जानकारी देने में वो सबसे अव्वल होते हैं।

राष्ट्रीय समाचार पत्र.

ऐसे समाचार पत्र जो पूरे देश के समाचार को प्रकाशित करते हैं, वो राष्ट्रीय समाचार पत्र कहलाते हैं। ऐसे समाचार राष्ट्रीय हितों को बहुत महत्व देते हैं और इनके मुख्य पृष्ठ पर देश की कोई बड़ी खबर ही प्रकाशित होती है। देश से जुड़े मुद्दों पर राय देने के लिए ये समाचार पत्र विशेषज्ञों के लेख भी प्रकाशित करते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय समाचार पत्र.

कुछ समाचार पत्र विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय खबरों को ही प्रकाशित करते हैं। ऐसे समाचार पत्र दैनिक अथवा साप्ताहिक हो सकते हैं। ऐसे समाचार पत्र अधिकतर वही लोग पढ़ते हैं जिन्हें विदेश से जुड़ी खबरों में विशेष रुचि होती है।

सामुदायिक समाचार पत्र.

ऐसे समाचार पत्र किसी समुदाय विशेष की जानकारी लिए होते हैं, जिन्हें पढ़ने वाले अधिकतर लोग उसी समुदाय के लोग होते हैं। ऐसे समाचार पत्र का दायरा काफी छोटा होता है।

वितरित होने के समय अंतराल के अनुसार – According to the time interval of delivery.

दैनिक समाचार पत्र.

ऐसे समाचार पत्र जिन्हें प्रतिदिन प्रकाशित किया जाता है, वो इस श्रेणी में गिने जाते हैं। ऐसे समाचार पत्र हर भाषा मे प्रकाशित होते है। देश की अधिकतर जनता दैनिक समाचार पत्र ही पढ़ती है।

साप्ताहिक समाचार पत्र.

ऐसे समाचार पत्र सप्ताह के आखिरी में शनिवार या रविवार को प्रकाशित होते हैं। इन समाचार पत्रों में खबरों को काफी विस्तार से छापा जाता है। जिन्हें बहुत गहराई से ख़बर पढ़ने में रुचि होती है वो ऐसे समाचार पत्र के पाठक होते हैं।

सप्ताह में दो बार,मासिक या छमाही समाचार पत्र.

कुछ समाचार पत्र इस अवधि में प्रकाशित होते है। ऐसे समाचार कुछ खास वर्ग के लिए होते हैं। किसी कंपनी की उपलब्धि ऐसे समाचार पत्रों में प्रकाशित की जाती हैं।

प्रकाशन के तरीके के अनुसार – According to the method of publication.

मुद्रित समाचार पत्र.

ऐसे समाचार पत्र जो प्रिंटिंग प्रेस से छापे जाते हैं, उन्हें मुद्रित समाचार पत्र कहा जाता है। ये पारंपरिक समाचार पत्र होते हैं, जिनका प्रकाशन बहुत पहले से हो रहा है।

टेबलॉयड समाचार पत्र

ऐसे समाचार पत्रों में लिखित ख़बर की अपेक्षा चित्रों के माध्यम से खबरों को बताने की कोशिश की जाती है। हालांकि समाचार प्रकाशित करने का यह तरीका सभी जगह इतना ज्यादा प्रसिद्ध नही है।

इसमे अधिकतर सनसनीखेज खबरें ही प्रकाशित की जाती है। इसका आकार बहुत छोटा होता है इस वजह से इन्हें पढ़ना बहुत आसान होता है।

मानक समाचार पत्र.

हम जो समाचार पत्र पढ़ते हैं अधिकतर वो मानक समाचार पत्र ही होते हैं। इनका आकार 38 x 58 सेमी होता है।

डिजिटल समाचार पत्र.

जैसे जैसे दुनियाँ ज्यादा डिजिटल होती गई वैसे ही समाचार पत्र का स्वरूप भी बदलता गया है। कुछ समाचार पत्रों का प्रकाशन अब डिजिटल रूप में होने लगा है। आज एक बहुत बड़ी तादाद में लोग डिजिटल समाचार पत्रों को पढ़ना पसंद करते हैं।

सभी समाचार पत्रों का विवरण – Details of all NewsPaper in hindi.

भारत मे प्रकाशित होने वाले कुछ प्रमुख समाचार पत्र इस प्रकार है:-

अमर उजाला भारत मे प्रकाशित होने वाला एक हिंदी समाचार पत्र है जो 6 राज्यों और कुछ केंद्र शासित प्रदेश को मिलाकर कुल 179 जिलों में वितरित किया जाता है। इस समाचार पत्र के कुल 6 संस्करण है।

एक रिपोर्ट में यह बताया गया है कि यह भारत मे पढ़ा जाने वाला चौथा सबसे लोकप्रिय समाचार पत्र है। इसके 4 करोड़ से भी ज्यादा नियमित पाठक है।

दैनिक जागरण.

यह समाचार पत्र 1942 से प्रकाशित हो रहा है। इसके मालिक जागरण प्रकाशन लिमिटेड है। नियमित प्रकाशित होने वाला यह समाचार पत्र 2017 में सबसे ज्यादा वितरित होने का एक नया रिकॉर्ड बनाया था। हिंदी समाचार पत्रों में इसका एक विशेष स्थान है।

नवभारत समाचार पत्र

नवभारत समाचार पत्र हिंदी भाषा का एक प्रमुख समाचार पत्र है जिसकी शुरुआत 1934 में हुई थी। यह समाचार पत्र कुल 14 संस्करणों में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में प्रकाशित होता है। पाठकों की संख्या की दृष्टि से यह भारत का छठवां सबसे लोकप्रिय समाचार पत्र है।

नवोदय टाइम समाचार पत्र

यह हिंदी में प्रकाशित होने वाला एक समाचार पत्र है जिसकी शुरुआत 2013 में दिल्ली में हुई थी। इस समाचार पत्र के मालिक पंजाब केसरी ग्रुप है, जो नवोदय टाइम्स के अलावा जगबानी समाचार पत्र प्रकाशित करते हैं।

जनसत्ता समाचार पत्र

इंडियन एक्सप्रेस लिमिटेड के द्वारा प्रकाशित होने वाला समाचार पत्र जनसत्ता हिंदी भाषा का एक प्रमुख समाचार पत्र है। यह ग्रुप हिंदी के अलावा इंग्लिश और मराठी भाषा में भी समाचार पत्र प्रकाशित करता हैं।

इनके द्वारा प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र द इंडियन एक्सप्रेस और द फाइनेंशियल एक्सप्रेस इंग्लिश भाषा के बहुत ही लोकप्रिय समाचार पत्र है।

नवभारत टाइम्स समाचार पत्र

नवभारत टाइम्स हिंदी पाठकों के बीच एक बेहद लोकप्रिय समाचार पत्र है इसकी शुरुआत 1946 में हुई थी। इस समाचार पत्र को प्रकाशित करने वाले Bennett, Coleman & Co. Ltd हैं जो The Times of India, The Economic Times जैसे कई लोकप्रिय समाचार पत्र भी प्रकाशित करते हैं।

दैनिक नवज्योति समाचार पत्र.

यह हिंदी भाषा मे प्रकाशित होने वाला समाचार पत्र है जिसकी शुरुआत 1936 में हुई थी। यह समाचार पत्र मुख्य रूप से राजस्थान के कई जिलों में प्रकाशित होता है।

हरि भूमि समाचार पत्र.

उत्तर और मध्य भारत मे प्रकाशित होने वाला समाचार पत्र हरिभूमि एक साप्ताहिक हिंदी भाषी समाचार पत्र है जिसकी प्रकाशन 1996 से शुरू हुआ था।

हिन्द समाचार

यह एक उर्दू भाषी समाचार पत्र है जो मुख्य रूप से मुम्बई में प्रकाशित होता है। इस समाचार पत्र को 1948 से पंजाब केशरी ग्रुप के द्वारा प्रकाशित किया जा रहा है।

द एशियन ऐज समाचार पत्र.

यह इंग्लिश भाषा में प्रकाशित होने वाला समाचार पत्र है इसका प्रकाशन फरवरी 1994 से हो रहा है फिलहाल इसके तीन ही संस्करण प्रकाशित होते हैं जो कि दिल्ली मुंबई और कोलकाता में वितरित किए जाते हैं।

बिजनेस लाइन समाचार पत्र

बिजनेस लाइन एक प्रमुख इंग्लिश भाषा का समाचार-पत्र है जिसको कस्तूरी एंड संस के द्वारा प्रकाशित किया जाता है। यह एक दैनिक समाचार पत्र है जिसमें बिजनेस से जुड़े तमाम चीजों के बारे में लेख प्रकाशित किए जाते हैं। इसका प्रकाशन 1994 से लगातार चला आ रहा है।

द हिंदू समाचार पत्र

द हिंदू एक इंग्लिश भाषा में प्रकाशित होने वाला समाचार पत्र है, जिसके मालिक दा हिंदू ग्रुप है। इस समाचार पत्र का प्रकाशन 1878 में शुरू हुआ था। शुरुआत में यह एक साप्ताहिक समाचार पत्र था लेकर 1889 से यह एक दैनिक समाचार पत्र बन गया। टाइम्स ऑफ इंडिया के बाद यह भारत का दूसरा सबसे लोकप्रिय अंग्रेजी समाचार पत्र है।

Mint समाचार पत्र.

यह एक अंग्रेजी भाषा मे प्रकाशित होने वाला समाचार पत्र है जिसका प्रकाशन 2007 से हो है। इसका प्रकाशन HT Media के द्वारा किया जाता है जो कि KK बिरला परिवार के द्वारा चलाया जाता है। यह समाचार पत्र मुख्य रूप से बिजनेस से जुड़े लेख प्रकाशित करता है।

दैनिक भास्कर समाचार पत्र.

दैनिक भास्कर समाचार पत्र की शुरुआत मध्यप्रदेश, भोपाल से 1948 में हुई थी। तब इसका नाम सुबह सवेरे था लेकिन 1958 में बदलकर दैनिक भास्कर रख दिया गया। इस समाचार पत्र ने न सिर्फ मध्यप्रदेश में बल्कि राजस्थान में भी अपनी छाप छोड़ी। 1995 तक यह मध्यप्रदेश में वितरित होने वाला यह प्रथम समाचार पत्र बन चुका था।

नई दुनियाँ समाचार पत्र.

नई दुनियाँ समाचार पत्र का प्रकाशन 5 जून 1947 से मध्यप्रदेश के इंदौर में शुरू हुआ था। इसमे खबरों को बेहद ही सरल भाषा मे प्रकाशित किया जाता था इसी वजह से यह पाठकों का पसंदीदा समाचार पत्र बन गया।

हिंदुस्तान टाइम्स समाचार पत्र.

इस समाचार पत्र का प्रकाशन 1924 से हो रहा है। इसकी शुरुआत महात्मा गाँधी ने की थी। अंग्रेजी भाषा मे प्रकाशित होने वाले इस समाचार पत्र ने भारत की आजादी में बहुत अहम योगदान दिया था। इस समाचार पत्र की मालिक सोभना भारती है। इसका प्रकाशन प्रतिदिन होता है।

द टाइम्स ऑफ इंडिया समाचार पत्र.

यह अंग्रेजी भाषा मे प्रतिदिन प्रकाशित होने वाला समाचार पत्र है, जो कि 1838 से प्रकाशित हो रहा है। यह भारत का सबसे लोकप्रिय अंग्रेजी समाचार पत्र है। यदि वितरण की दृष्टि से देखे तो दुनियाँ का यह 9वा सबसे ज्यादा बिकने वाला समाचार पत्र है।

द टेपेग्राफ समाचार पत्र.

यह प्रतिदिन प्रकाशित होने वाला अंग्रेजी भाषी समाचार पत्र है। इसका प्रकाशन 1982 से हो रहा है। यह टाइम्स ऑफ इंडिया का एक बड़ा पतिस्पर्धी है।

द ट्रिब्यून समाचार पत्र.

यह एक इंग्लिश समाचार पत्र है जो पाकिस्तान के लाहौर में सन 1881 में शुरू हुआ था। वर्तमान में यह पंजाब के लुधियाना,अमृतसर,चंडीगढ़,जालंधर और नई दिल्ली से प्रकाशित होता है।

समाचार पत्र पढ़ने के लाभ – Advantages Of Reading Newspaper

समाचार पत्र के लाभ निम्नलिखित हैं:-

व्यापारियों के लिए समाचार पत्रों का महत्व – Importance of newspapers for traders

यदि कोई व्यक्ति व्यापार से जुड़ा हुआ है तो उसके लिए भी समाचार पत्र बहुत महत्वपूर्ण है। समाचार पत्र में स्थानीय बाजार की स्थिति बताई जाती है। किस चीज का दाम बढ़ रहा है और किस चीज का दाम घट रहा है इन सभी चीजों के बारे में विस्तार से विवरण दिया जाता है।

यदि कोई नई वस्तु बाजार में आती है तो उसकी जानकारी भी समाचार पत्र के माध्यम से दी जाती है जिससे व्यापारी वर्ग लाभान्वित होते हैं।

विद्यार्थियों के लिए समाचार पत्र का महत्व – Importance of newspaper for students.

विद्यार्थियों का जीवन पूरी तरह से सीखने के लिए समर्पित होता है। ऐसे में समाचार पत्र विद्यार्थियों के लिए बहुत लाभदायक साबित हो सकता है।

समाचार पत्र के नियमित पाठन से ना सिर्फ विविध प्रकार की जानकारियाँ विद्यार्थियों को मिलती हैं, बल्कि साथ में उनके पाठनकला में भी उन्नति होती है।

यदि किसी विद्यार्थी की भाषा कमजोर है तो उसे नियमित रूप से समाचार पत्र का पढ़ना चाहिए साथ ही यह यह देखना चाहिए कि वह लेख किस तरह से लिखा गया है।

किसान वर्ग के लिए समाचार पत्र का महत्व – Importance of newspaper for the farmers.

समाचार पत्र, किसान वर्ग के लिए बहुत उपयोगी होता है। बारिश का पूर्वानुमान, मौसम से संबंधित जानकारियाँ समाचार पत्र में प्रकाशित होती है।

साथ ही बिजली विभाग भी लाइट की कटौती आदि के बारे में जानकारी समाचार पत्र के माध्यम से ही देता है। समाचार पत्र में किसानी से संबंधित नई-नई योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी जाती है।

साथ ही फसल की पैदावार और अधिक गुणवत्ता वाली फसल पैदा करने के बारे में विशेष लेख भी प्रकाशित किए जाते हैं इसलिए समाचार पत्र किसानों के लिए बहुत ही उपयोगी है।

गृहणियों के लिए समाचार पत्र का महत्व – Importance of newspaper for the housewives

समाचार पत्रों में कुछ विशेष प्रकार के लेख भी प्रकाशित किए जाते हैं जिनमें तरह-तरह के नए व्यंजनों के बारे में बताया जाता है। साथ ही घर की साज-सज्जा से जुड़े हुए कई विशेष बातों के बारे में भी लेख प्रकाशित किए जाते हैं।

घर में सुख शांति कायम रखने के लिए किन चीजों का विशेष ध्यान देना चाहिए ऐसे तमाम तरह के लेख जो विशेषज्ञों के द्वारा लिखे जाते हैं उनका प्रकाशन भी इनमे किया जाता है।

समाचार पत्र है रोजगार का साधन – Newspaper is a means of employment

समाचार पत्र के प्रकाशन और वितरण में कई लोगों को जरूरत पड़ती है। इसलिए एक तरह से समाचार पत्र का प्रकाशन रोजगार का जरिया भी है।

इसलिए ऐसे व्यक्ति जो पत्रकारिता के क्षेत्र में योग्यता रखते हैं वो रोजगार भी हासिल कर सकते हैं। वहीं अप्रत्यक्ष रूप से भी समाचार पत्र किसी ना किसी के लिए उपयोगी होते हैं।

जैसे समाचार पत्र 1 दिन के बाद व्यर्थ ही हो जाते है इसलिए हम इन्हें रद्दी वालों को बेच देते हैं जिससे उन्हें भी एक रोजगार मिल जाता हैं और हमारे घर में समाचार पत्र भी एकत्रित नहीं होते।

बेरोजगार युवाओं के लिए समाचार पत्र का महत्व – Importance of newspaper for unemployed youth.

ऐसे युवा जो रोजगार की तलाश कर रहे हैं उनके लिए भी समाचार पत्र में एक विशेष अंक प्रकाशित किया जाता है जहाँ रोजगार से संबंधित जानकारियाँ दी जाती हैं।

कई कंपनियां ऐसी होती हैं जो अपने यहाँ रिक्त स्थानों की पूर्ति के लिए समाचार पत्रों में इसकी सूचना देती हैं। यदि कोई व्यक्ति उस पद के लिए योग्य है तो वह जाकर उस कंपनी में साक्षात्कार दे सकता है और नौकरी पा सकता है।

समाचार पत्र के नुकसान – Disadvantages of Newspaper

समाचार पत्र के कुछ नुकसान निम्नलिखित है:-

राष्ट्रहित को पहुँचता है नुकसान.

समाचार पत्रों में कभी-कभी ऐसी जानकारियाँ प्रकाशित कर दी जाती है जिनका वास्तविक तथ्य से कोई संबंध नहीं होता। ऐसी खबरें समाज में एक उन्माद को जन्म देती है जिसकी वजह से हिंसात्मक क्रियाकलाप होने लगते हैं।

इतिहास में हमने देखा है कि कलम की ताकत बहुत बड़ी होती है। यदि इसका सदुपयोग किया जाए तो देश का विकास होता है वहीं यदि इसका दुरुपयोग किया जाए तो देश गर्त में भी जा सकता है।

कभी-कभी कुछ प्रकाशक किसी खास विचारधारा से इतना ज्यादा प्रभावित होते हैं कि वह उसे ही सही मानते हैं और उस के पक्ष में लेख प्रकाशित करते हैं।

जबकि पत्रकारिता का मूल सिद्धांत यह है कि जो खबर जिस तरह है उसको उसी रूप में पाठकों के सामने प्रस्तुत करना चाहिए, लेकिन कुछ संपादक लोगों को अपनी विचारधारा से प्रभावित करने की कोशिश करते हैं और इस चक्कर में वह राष्ट्रहित को भी दरकिनार कर देते हैं।

सीमित तकनीक का कर सकते हैं इस्तेमाल.

समाचार पत्र जहां एक ओर किसी खबर को बहुत गहराई तक बता सकते हैं लेकिन ऑडियो और वीडियो की कमी यहाँ पर जरूर खलती है। खराब तकनीक के कारण कभी-कभी समाचार पत्रों में जो तस्वीरें छापी जाती हैं वह भी स्पष्ट नहीं हो पाती जिससे पाठक के ऊपर एक अच्छा प्रभाव नहीं पड़ता।

उपसंहार Conclusion

पत्रकारिता का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है समाचार पत्र। इसी के संदर्भ में एक कवि ने कुछ खूबसूरत पंक्तियां कही है कि :-

खीचों न कमान को, न तलवार निकालों. जब तोप मुकाबिल हो, झट से अखबार निकालो.

यहाँ कवि कह रहा है कि तलवार से भी ज्यादा घातक अखबार है। अखबार में प्रकाशित खबरों को पढ़कर लोग उनसे प्रभावित होते हैं। समाचार पत्र की यही सबसे बड़ी जीत है। लेकिन समाचार पत्रों को भी हमेशा की तरह अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए।

आज पत्रकारिता में भी बहुत प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। लेकिन इस प्रतिस्पर्धा को जीतने के लिए किसी समाचार पत्र को गलत रास्ता अपनाना चाहिए क्योंकि देश की अधिकतर आबादी इनमें छपी खबरों को अक्षरशः सत्य मानती है और समाचार पत्रों ( Essay on Newspaper in Hindi) की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि जनता के इस अटूट विश्वास को वह कायम रखें।

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समाचार पत्र पर निबंध (अर्थ, महत्व) Essay Newspaper in Hindi

इस लेख में हमने सभी कक्षा के लिए समाचार पत्र पर निबंध (अर्थ, महत्व) हिन्दी में (Essay on Importance of Newspaper in Hindi) लिखा है। यह समाचार पत्र के महत्त्व और उपयोग पर एक 1800 शब्दों का विस्तार में लिखा गया निबंध है जिसमे हमने इसके इतिहास और लाभ के विषय में भी बताया है।

Table of Content

प्रस्तावना Introduction (Essay Newspaper in Hindi 1800 Words)

समाचार पत्र पर निबंध व महत्व पर विडियो.

समाचार पत्र पढ़ने के ज़बरदस्त लाभ IMPORTANCE OF NEWSPAPER READING IN HINDI

समाचार पत्र का महत्व और लाभ Importance and Advantages of Newspaper in Hindi

1. शिक्षा में समाचार पत्र का उपयोग use of newspaper in education.

किसी भी देश में समाचार पत्र और समाचार, शिक्षा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। समाचार का प्रयोग करके छात्र व्यावहारिक रूप से पुस्तकों के माध्यम से नई- नई चीजें सीख रहे हैं।

2. छात्रों के लिए समाचार पत्र का लाभ Benefits of Newspaper for Students

छात्रों को समाचार पत्र पढ़ने से विभिन्न लाभ मिल सकते हैं। जैसे अख़बार पढ़ने से शब्दावली बढ़ जाती है। अंग्रेजी सीखने वाले अख़बार से अपनी अंग्रेजी को और बेहतर बना सकते हैं।

3. करियर में समाचार पत्र का योगदान Importance of Newspaper in Career

नौकरी तलाशने वालों को अखबारों में नई नौकरियां और रोजगार के मौके मिल सकते हैं। अक्सर निजी कंपनियों और सरकारी विभाग, भर्ती एजेंसियां समाचार पत्रों को नौकरी विज्ञापनों और समाचारों के लिए एक प्रमुख स्रोत का उपयोग करती है। यही कारण है कि नौकरी चाहने वालों के लिए मौजूदा सरकार और निजी क्षेत्र के रोजगार के अवसरों के बारे में जानकारी मिलती है।

4. व्यापारियों के लिए समाचार पत्र का महत्व Importance of Newspaper for Businessman

5. गृहिणियों के लिए समाचार पत्र का महत्व benefits of newspaper for housewife.

हिंदी अंग्रेजी अखबारों के साप्ताहिक विशेष पृष्ठों में गृहिणियों को नए खाना पकाने के व्यंजनों के बारे में जानकारी मिलती है। जैसे अमर उजाला हिंदी अखबार में खाना पकाने के व्यंजनों, मिठाई बनाने की युक्तियां आदि प्रकाशित होती हैं, जो वास्तव में गृहिणियों को नए-नए व्यंजनों बनाने के लिए उत्तेजित करती हैं।

6. बुजुर्ग लोगों के लिए समाचार पत्रों का लाभ Newspaper benefits for Elderly people

7. राजनीतिज्ञों के लिए समाचार पत्र का महत्व importance of newspaper for politicians.

अखबार उन्हें नए मुद्दों और विचार-विमर्श करने में मदद करता है। लोकतंत्र में राजनीतिक ब्रांड निर्माण करने में भी मदद करता है।

9. शिक्षकों के लिए समाचार पत्र का महत्व Newspaper Importance for teachers

ऐसा इसलिए है क्योंकि वे इस विषय में विशेषज्ञ हैं, उन्हें पता है कि ऐसा कुछ क्यों हो रहा है और इसका सबसे अच्छा समाधान क्या होगा, ताकि ऐसी चीजों फिर कभी भविष्य में नहीं दुहरायी जाये।

10. रद्दी वाले के लिए समाचार पत्र का महत्व Importance of newspaper for Scrap man

इस्तेमाल किए गए या पुराने समाचार पत्र रद्दीवालों के लिए आय स्रोत हैं। वे गांव, शहर में प्रत्येक दरवाज़े पर जाते हैं और पुराने अख़बार एकत्र करते हैं और अगले खरीदारों को बेचते हैं।

11. प्रकाशकों के लिए समाचार पत्र का महत्व Benefits of Newspaper for Publishers

12. लोकतंत्र में समाचार पत्र का महत्व importance of newspapers in democracy.

अखबार में इन बातों को पढ़ने से लोगों को सरकार के अतीत, वर्तमान और भविष्य की गतिविधियों को समझने के लिए पर्याप्त जानकारी मिल जाते हैं। यही कारण है कि मुझे लगता है कि लोकतंत्र में स्थापित मूल्य के लिए अखबार महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष Conclusion

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समाचार पत्र पर निबंध Essay on Newspaper in Hindi

समाचार पत्र पर निबंध Essay on Newspaper in Hindi

क्या आप समाचार पत्र पर निबंध (Essay on Newspaper in Hindi) की तलाश कर रहे हैं? अगर हां तो इस लेख के बाद आपकी सारी तलाश पूरी होने वाली है।

इस लेख में हमने अखबार पर हिंदी में निबंध बेहद ही सरल भाषा में लिखा है। आज हमने इस लेख में समाचार पत्र का अर्थ, प्रकार, इतिहास, महत्व, विशेषता तथा 10 लाइन के बारे में लिखा है।

Table of Contents

प्रस्तावना (अखबार पर निबंध Essay on Newspaper in Hindi)

प्राचीन समय में कोई घटना या समाचार एक स्थान से दूसरे स्थान तक लोगों के द्वारा पहुंचता था। जिसमें श्रम तथा समय बहुत ही ज्यादा लगता था।

उसके बाद समाचार को ताम्रपत्र तथा कपड़े पर लिपिबद्ध करके लोगों तक पहुंचाया जाने लगा। लेकिन यह प्रक्रिया भी सीमित थी। क्योंकि बड़े पैमाने पर उपयोग लगभग असंभव था।

आधुनिक विज्ञान के प्रयोग से मनुष्य ने समाचार पत्र छापने जैसी मशीनों का आविष्कार किया है। जिसमें देश-दुनिया की खबरों को लिपिबद्ध करके जन समुदाय तक पहुंचाया जाता है।

पूरी दुनिया में आज हजारों समाचार पत्र मुहैया कराने वाली एजेंसियां मौजूद हैं। हालांकि टेलीविजन और सोशल मीडिया के आने से अखबार के उपयोग में बहुत ही बड़ी गिरावट देखने को मिली है लेकिन फिर भी कुछ लोग समाचार लेने के पारंपरिक तौर को ही पसंद करते हैं। 

समाचार पत्र जहां एक तरफ देश दुनिया की जानकारियां मुहैया करवाता है वहीं दूसरी ओर ज्ञान वर्धन का एक अच्छा स्त्रोत भी है। क्योंकि यह हमें खेल, नीतियों, धर्म, समाज, अर्थव्यवस्था, फिल्म उद्योग, फिल्म (चलचित्र), भोजन, रोजगार आदि के बारे में बिल्कुल सटीक जानकारी देता है।

समाचार पत्र का अर्थ Definition of Newspaper in Hindi 

जो पत्र देश दुनिया के सभी क्षेत्रों की खबरों को क्रमबद्ध और लिपिबद्ध करके प्रकाशित किया जाता है उसे समाचार पत्र कहते हैं।

दुनिया के हर देश की मुख्य समाचार कंपनियां होती हैं। भारत जैसे देश जहां पर राज्यीय और क्षेत्रीय भाषाओं की बहुलता हो वहां पर अनेकों न्यूज़ एजेंसीयां मौजूद होती हैं।

जब प्रिंटिंग प्रेस की संख्या बढ़ने लगी वैसे वैसे समाचार पत्र की परिभाषा भी बदलती गई। हर देश में सूचनाओं के प्रसारण के लिए एक खास मंत्रालय बनाया जाता है।

समाचार पत्र के प्रकार Types of Newspaper in Hindi

समय के साथ समाचार पत्र को कई विभागों में बाटा जाने लगा और कई समाचार पत्र तो सिर्फ किन्ही एक विभागों की खबरों को ही दर्शाने के लिए समर्पित हैं।

लेकिन इनके प्रकाशन के आधार पर इन्हें मुख्य चार भागों में बांटा जाता है। जिसमें राष्ट्रीय समाचार पत्र, अंतरराष्ट्रीय समाचार पत्र, स्थानीय समाचार पत्र, प्रादेशिक समाचार पत्र इत्यादि।

पहले समाचार पत्रों में सिर्फ देश विदेश की खबरें ही हुआ करती थी। लेकिन विज्ञान के विकास के बाद स्थानीय खबरें भी समाचार पत्र में प्रकाशित की जाने लगी। एक बार इनके प्रख्यात हो जाने के बाद कुछ समाचार पत्र हर क्षेत्र के लिए उनके स्थानीय खबरों को भी शामिल करने लगे।

जैसे-जैसे समाचार पत्रों और न्यूज़ चैनलों का दायरा बढ़ता गया वैसे-वैसे समाचार पत्र के एक विभाग का जन्म और हुआ। जिसे प्रांतीय या प्रादेशिक समाचार पत्र कहते हैं। इसमें मुख्य तौर पर राज्य स्तर की खबरों को शामिल किया जाता है।

राष्ट्रीय समाचार पत्रों में किसी भी देश की बड़ी खबरों को शामिल किया जाता है जिनमें सुरक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक खबरें मुख्य होती हैं।

अंतरराष्ट्रीय समाचार पत्रों में अधिकतर विकसित देशों की खबरें होती हैं। लेकिन कभी-कभी विकासशील देशों की बड़ी खबरों को भी इनमें शामिल किया जाता है।

इसके अलावा भी समाचार पत्रों को घटना के आधार पर, शिक्षा के आधार पर, समय के आधार पर किसी विषय विशेष के आधार पर भी प्रकाशित किया जाता है। लेकिन अब इनकी जगह मैगजीन्स ने लेना शुरू कर दिया है।

समाचार पत्र का इतिहास History of Newspaper in Hindi

दुनिया का सबसे पहला समाचार पत्र 59 ईसवी पूर्व ‘द रोमन एक्टा डिउरना’ को माना जाता है। जिसे शहरों के प्रसिद्ध स्थानों पर प्रकाशित किया जाता था। जिसके स्थापक जुलियस सीसर को माना जाता है। जिसके बाद आठवीं शताब्दी में चीन ने हाथ के द्वारा तैयार किए गए अखबार को प्रकाशित करना शुरू किया था।

लेकिन दुनिया के पहले समाचार पत्र  के रूप में “द रिलेशन एलर फर्नेमेन और गेडेनकवर्डिगेन हिस्टोरियन जोहान कैरोलस (1575-1634) को मान्यता दी गई है।

यह मुख्यतः यादगार स्मरण को संग्रहित करके प्रकाशित किया जाने वाला दुनिया का पहला अखबार था। जिसे  वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ न्यूज़पेपर ने मान्यता दी है। इस समाचार पत्र को उस वक्त के अमीर लोगों ने बहुत ही ज्यादा पसंद किया था। 

भारत में ब्रिटिश हुकूमत के जेम्स हिकी ने 1780 में “ बंगाल गजट” नामक एक अंग्रेजी समाचार पत्र प्रकाशित किया था।

भारत में ब्रिटिश हुकूमत होने के कारण यहां पर ज्यादातर अखबार जैसे कि द हिंदुस्तान टाइम्स, नेशनल हेराल्ड, पायोनियर, मुंबई मिरर इत्यादि अंग्रेजी में ही प्रकाशित होते थे उसके अलावा कुछ पत्र उर्दू तथा बंगला में प्रकाशित होते थे।

क्योंकि सारे समाचार पत्र अंग्रेजी में ही निकलते थे इसलिए लोगों तक किसी भी समाचार का पहुंचना बहुत ही मुश्किल था। इसका फायदा उठाकर अंग्रेज सिपाही मनमाना व्यवहार करते थे। जैसे लूट, हत्या, बलात्कार जैसी घटनाएं होने पर भी किसी को पता नहीं चलता था और ना ही मुकदमे होते तथा ना ही किसी को दंड दिया जाता था।

इसलिए  30 मई सन 1826 में भारत का पहला हिंदी अखबार “उदंत मार्तंड” प्रकाशित किया गया। जिसने अंग्रेजों द्वारा किए जा रहे अत्याचारों को खुलकर प्रकाशित किया गया था। यह एक साप्ताहिक समाचार पत्र था जो हर मंगलवार को निकलता था।

उस वक्त किसी भी समाचार पत्र को चलते रहने के लिए सरकारी सहयोग की आवश्यकता पड़ती थी। यूं तो अंग्रेजी हुकूमत ईसाई मिशनरीयों के लिए बहुत सारे आर्थिक सहाय प्रदान करती थी लेकिन उदंत मार्तंड को किसी भी प्रकार का सहयोग न मिला और 1827 में इसका प्रकाशन बंद करना पड़ा।

आजादी के बाद भारत के नागरिकों के लिए मूल अधिकारों और कर्तव्यों को संविधान में गठित किया गया जिसके बाद समाचार प्रकाशित करने वालों को विशेष रूप से स्वतंत्रता दी गई।

जिसके बाद आज तक अखबारों की गुणवत्ता सदा बढ़ी ही है। आज सोशल मीडिया के कारण समाचार मुहैया करवाना बेहद ही सरल हो गया है।

समाचार पत्र की विशेषता Newspaper Features in Hindi

भारत की आजादी में कलम ने भी अपनी भूमिका अदा की थी। जिसके कारण जन सामान्य को इस ताकत का अंदाजा हो चुका था। जिससे समाचार पत्र की विशेषता और भी ज्यादा बढ़ गई।

अखबार के माध्यम से जन जागरण को ज्ञान तथा समाचार का समुच्चय प्राप्त होता है। जिसके कारण न सिर्फ यह लोगों के हकों को सुरक्षित रखने के लिए एक जरूरी माध्यम बन चुका है बल्कि हजारों लोगों के लिए रोजगार का अवसर भी देता है।

समाचार की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसे जनसामान्य बेहद मामूली कीमत देकर खरीद सकता है तथा देश दुनिया की बड़ी छोटी खबरों को आसानी से जान सकता है।

यह एक सूचना माध्यम है जैसे कि रेडियो, टेलीविजन या इंटरनेट. आमतौर पर एक सस्ती कीमत है. इसकी बड़ी पहुंच है. इसे संग्रहीत किया जा सकता है.

समाचार पत्र का महत्व Importance of Newspaper in Hindi

हमारे जीवन में समाचार पत्र का महत्व बेहद ही अधिक है। हर घर में कोई न कोई अखबार पढ़ने का आदि होता ही है और अपने दिन की शुरुआत एक चाय तथा अखबार के साथ करना पसंद करता है।

समाचार पत्रों के माध्यम से कई लोगों की शिक्षा दीक्षा संपन्न हुई है। इसलिए समाचार पत्र में कई लेख शिक्षा को भी समर्पित होती है। जिसके माध्यम से सामान्य जन को ज्ञान का प्रकाश प्राप्त होता है।

इसके सामाजिक महत्व में यह एक तलवार का काम करता है। जो अन्याय तथा दुष्ट प्रवृत्ति के लोगों को सामान्य जन का भोग नहीं लेने देता तथा उनके पाप कर्मों को समाज के सामने लाता रहता है।

समाचार पत्र पर 10 लाइन Few Lines on Newspaper in Hindi

  • दुनिया का पहला समाचार पत्र 59 ईसवी पूर्व ‘द रोमन एक्टा डिउरना’ को माना जाता है।
  • चीन ने आठवीं शताब्दी में हस्तलिखित समाचार पत्रों का प्रयोग शुरू किया।
  • भारत का पहला हिंदी समाचार पत्र “ उदंत मार्तंड” था।
  • भारत में अंग्रेजों द्वारा प्रकाशित किया गया पहला अंग्रेजी पेपर “बंगाल गजट” था जो 1780 में प्रकाशित किया जाता था।
  • समाचार पत्र लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों से परिचित कराते हैं।
  • समाचार-पत्र शासन-नीति की आलोचना कर जनता को उसके प्रति सतर्क रखते हैं।
  • अमेरिका के राष्ट्रपति निक्सन के विरुद्ध समाचार पत्रों ने ही तो जनमत तैयार किया था।
  • तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी भारत की एकमात्र ऐसी नेता थीं जिन्होंने आपातकाल लगाकर अधिकतर समाचार पत्रों के संपादकों को गिरफ्तार करवा लिया था।
  • समाचार पत्र विज्ञापन के माध्यम से अपनी सबसे ज्यादा कमाई करते हैं।
  • समाचार उद्योग यह अरबों-खरबों रुपयों वाला उद्योग है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में अपने समाचार पत्र पर निबंध हिंदी में (Essay on Newspaper in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको पसंद आया हो। अगर यह निबंध आपको अच्छा लगा हो तो शेयर जरूर करें।

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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

  • सच्चा धर्म पर निबंध – (True Religion Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
  • पर्वतीय यात्रा पर निबंध – (Parvatiya Yatra Essay)
  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध – (Means Of Entertainment Essay)
  • मेट्रो रेल पर निबंध – (Metro Rail Essay)
  • दूरदर्शन पर निबंध – (Importance Of Doordarshan Essay)
  • दूरदर्शन और युवावर्ग पर निबंध – (Doordarshan Essay)
  • बस्ते का बढ़ता बोझ पर निबंध – (Baste Ka Badhta Bojh Essay)
  • महानगरीय जीवन पर निबंध – (Metropolitan Life Essay)
  • दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध – (Dowry Problem Essay)
  • सुरीला राजस्थान निबंध – (Folklore Of Rajasthan Essay)
  • राजस्थान में जल संकट पर निबंध – (Water Scarcity In Rajasthan Essay)
  • खुला शौच मुक्त गाँव पर निबंध – (Khule Me Soch Mukt Gaon Par Essay)
  • रंगीला राजस्थान पर निबंध – (Rangila Rajasthan Essay)
  • राजस्थान के लोकगीत पर निबंध – (Competition Of Rajasthani Folk Essay)
  • मानसिक सुख और सन्तोष निबंध – (Happiness Essay)
  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – (My Aim In Life Essay)
  • राजस्थान में पर्यटन पर निबंध – (Tourist Places Of Rajasthan Essay)
  • नर हो न निराश करो मन को पर निबंध – (Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Essay)
  • राजस्थान के प्रमुख लोक देवता पर निबंध – (The Major Folk Deities Of Rajasthan Essay)
  • देशप्रेम पर निबंध – (Patriotism Essay)
  • पढ़ें बेटियाँ, बढ़ें बेटियाँ योजना यूपी में लागू निबंध – (Read Daughters, Grow Daughters Essay)
  • सत्संगति का महत्व पर निबंध – (Satsangati Ka Mahatva Nibandh)
  • सिनेमा और समाज पर निबंध – (Cinema And Society Essay)
  • विपत्ति कसौटी जे कसे ते ही साँचे मीत पर निबंध – (Vipatti Kasauti Je Kase Soi Sache Meet Essay)
  • लड़का लड़की एक समान पर निबंध – (Ladka Ladki Ek Saman Essay)
  • विज्ञापन के प्रभाव – (Paragraph Speech On Vigyapan Ke Prabhav Essay)
  • रेलवे प्लेटफार्म का दृश्य पर निबंध – (Railway Platform Ka Drishya Essay)
  • समाचार-पत्र का महत्त्व पर निबंध – (Importance Of Newspaper Essay)
  • समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध – (Samachar Patr Ke Labh Essay)
  • समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)
  • व्यायाम का महत्व निबंध – (Importance Of Exercise Essay)
  • विद्यार्थी जीवन पर निबंध – (Student Life Essay)
  • विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध – (Students And Politics Essay)
  • विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध – (Vidyarthi Aur Anushasan Essay)
  • मेरा प्रिय त्यौहार निबंध – (My Favorite Festival Essay)
  • मेरा प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favourite Book Essay)
  • पुस्तक मेला पर निबंध – (Book Fair Essay)
  • मेरा प्रिय खिलाड़ी निबंध हिंदी में – (My Favorite Player Essay)
  • सर्वधर्म समभाव निबंध – (All Religions Are Equal Essay)
  • शिक्षा में खेलकूद का स्थान निबंध – (Shiksha Mein Khel Ka Mahatva Essay)a
  • खेल का महत्व पर निबंध – (Importance Of Sports Essay)
  • क्रिकेट पर निबंध – (Cricket Essay)
  • ट्वेन्टी-20 क्रिकेट पर निबंध – (T20 Cricket Essay)
  • मेरा प्रिय खेल-क्रिकेट पर निबंध – (My Favorite Game Cricket Essay)
  • पुस्तकालय पर निबंध – (Library Essay)
  • सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – (Information Technology Essay)
  • कंप्यूटर और टी.वी. का प्रभाव निबंध – (Computer Aur Tv Essay)
  • कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध – (Computer Ki Upyogita Essay)
  • कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध – (Computer Education Essay)
  • कंप्यूटर के लाभ पर निबंध – (Computer Ke Labh Essay)
  • इंटरनेट पर निबंध – (Internet Essay)
  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध – (Science Essay)
  • शिक्षा का गिरता स्तर पर निबंध – (Falling Price Level Of Education Essay)
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध – (Advantages And Disadvantages Of Science Essay)
  • विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा निबंध – (Health Education Essay)
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
  • विज्ञान के वरदान पर निबंध – (The Gift Of Science Essays)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
  • कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र–पुरुष – (Computer Essay)
  • मोबाइल फोन पर निबंध (Mobile Phone Essay)
  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
  • विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर पर निबंध – (Vigyan Ki Khoj Kampyootar Essay)
  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
  • परमाणु शक्ति और भारत हिंदी निंबध – (Nuclear Energy Essay)
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – (If I were the Prime Minister Essay)
  • आजादी के 70 साल निबंध – (India ofter 70 Years Of Independence Essay)
  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध (Importance Of National Integration)
  • भारत की ऋतुएँ पर निबंध – (Seasons In India Essay)
  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
  • किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन पर निबंध – (Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay)
  • राजनीति में अपराधीकरण पर निबंध – (Criminalization Of Indian Politics Essay)
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
  • बाल मजदूरी पर निबंध – (Child Labour Essay)
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
  • दहेज़ प्रथा पर निबंध (Dowry System Essay in Hindi)
  • जनसँख्या पर निबंध – (Population Essay)
  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
  • जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध – (Problem Of Increasing Population Essay)
  • भ्रष्टाचार : समस्या और निवारण निबंध – (Corruption Problem And Solution Essay)
  • मीडिया और सामाजिक उत्तरदायित्व निबंध – (Social Responsibility Of Media Essay)
  • हमारे जीवन में मोबाइल फोन का महत्व पर निबंध – (Importance Of Mobile Phones Essay In Our Life)
  • विश्व में अत्याधिक जनसंख्या पर निबंध – (Overpopulation in World Essay)
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध – (Problem Of Unemployment In India Essay)
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध – (Republic Day Essay)
  • भारत के गाँव पर निबंध – (Indian Village Essay)
  • गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध – (Republic Day of India Essay)
  • गणतंत्र दिवस के महत्व पर निबंध – (2020 – Republic Day Essay)
  • महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay)
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay)
  • परिवार नियोजन पर निबंध – (Family Planning In India Essay)
  • मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – (My Best Friend Essay)
  • अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay)
  • देश के प्रति मेरे कर्त्तव्य पर निबंध – (My Duty Towards My Country Essay)
  • समय का सदुपयोग पर निबंध – (Samay Ka Sadupyog Essay)
  • नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों पर निबंध (Rights And Responsibilities Of Citizens Essay In Hindi)
  • ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध – (Global Warming Essay)
  • जल जीवन का आधार निबंध – (Jal Jeevan Ka Aadhar Essay)
  • जल ही जीवन है निबंध – (Water Is Life Essay)
  • प्रदूषण की समस्या और समाधान पर लघु निबंध – (Pollution Problem And Solution Essay)
  • प्रकृति संरक्षण पर निबंध (Conservation of Nature Essay In Hindi)
  • वन जीवन का आधार निबंध – (Forest Essay)
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Environment Essay)
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)
  • पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi)
  • बढ़ते वाहन घटता जीवन पर निबंध – (Vehicle Pollution Essay)
  • योग पर निबंध (Yoga Essay)
  • मिलावटी खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य पर निबंध – (Adulterated Foods And Health Essay)
  • प्रकृति निबंध – (Nature Essay In Hindi)
  • वर्षा ऋतु पर निबंध – (Rainy Season Essay)
  • वसंत ऋतु पर निबंध – (Spring Season Essay)
  • बरसात का एक दिन पर निबंध – (Barsat Ka Din Essay)
  • अभ्यास का महत्व पर निबंध – (Importance Of Practice Essay)
  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – (Health Is Wealth Essay)
  • महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Tulsidas Essay)
  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

Essay on Newspaper for Students and Children

500+ words essay on newspaper.

Newspaper is a printed media and one of the oldest forms of mass communication in the world . Newspaper publications are frequency-based like daily, weekly, fortnightly. Also, there are many newspaper bulletins which have monthly or quarterly publication. Sometimes there are multiple editions in a day. A newspaper contains news articles from around the world on different topics like politics, sports, entertainment, business, education, culture and more. The newspaper also contains opinion and editorial columns, weather forecasts , political cartoons, crosswords, daily horoscopes, public notices and more.

essay on newspaper

History of Newspapers

Newspaper’s circulation started in the 17 th century. Different countries have different timelines to start the publication of Newspapers. In 1665, the 1 st real newspaper was printed in England. The first American newspaper named “Publick Occurrences Both Foreign and Domestick” was printed in 1690. Similarly, for Britain, it all starts from 1702 and in Canada, in the year 1752 the first newspaper named Halifax Gazette started its publication.

In the late 19 th century, newspapers became very common and were cheaply available due to the abolishment of stamp duty on them. But, in the early 20 th century, computer technology started replacing the old labor method of printing.

Importance of Newspaper

Newspaper is a very powerful medium of spreading information among people.  Information is a very vital thing as we need to know what is happening around us. Also, awareness to the happenings at our surrounding helps us in better planning and decision.

Government and other official announcements are done in a newspaper. Government and private sector employment-related information like job vacancies and different competitive related information are also published in the newspaper.

Weather forecasts, business-related news, political, economic, international, sports and entertainment-related all information are published in the newspaper. Newspaper is the ideal source of increasing current affairs. In most of the household in the current society, the morning starts with a reading newspaper.

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Newspaper and other Communication Channels

In this age of digitization, abundant data are available on the internet. Most of the news channel and newspaper publishing houses to cope up with the trend of digitization have opened their own website and mobile application. Information spreads instantly via social media and websites.

In this current scenario where information is almost available at real-time on the internet, the newspaper in its original form seems to face a treat of existence. However, the daily, weekly papers still hold its importance in this digital era. The newspaper is still considered as the authentic source of any information.

Most of the newspapers also have a special section for the young and school students to express and show their talent. Several articles on the quiz, essay, short story, painting are published which makes newspaper articles interesting among school students. It also helps in inculcating the habit of reading the newspaper from an early age.

Newspapers are a great source of information that can be available at home. Each and everyone must ensure to imbibe the habit of reading newspapers in their lives. In today’s digital world, online source of information is readily available but the authenticity and credibility of such information are not known. It is the newspaper which ensures to provide us accurate and verified information. Newspapers are permanent as because they have been able to earn the faith of the people with its validated information. Socially, the newspaper plays an important role in the upbringing and maintaining the morale and harmony of society to a larger extent.

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newspaper essay in hindi pdf

Newspaper Essay in Hindi | समाचार पत्र पर निबंध

Newspaper Essay in Hindi

Newspaper Essay in Hindi – ‘समाचार-पत्र संसार के दर्पण हैं. जैसे टेलीविज़न  एक ज्ञानवर्धक साधन है वैसे ही Newspaper भी. आज कल तो मोबाइल फ़ोन भी के कारण आप मिनिटों में दुनियाभर की खबरें, घटनाएं, मौसम की खबरें देख सकते हैं.

Newspaper Essay in Hindi

विश्व-भर से जोड़ने का साधन – समाचार-पत्र मनुष्य को विश्व-भर से जोड़ता है. प्रातः होते ही सारे संसार की महत्वपूर्ण जानकारियाँ समाचार-पत्र द्वारा उपलब्ध हो जाती हैं. इसलिए जेम्स एलिस ने कहा था – ‘समाचार-पत्र संसार के दर्पण हैं.’ लोकतंत्र का प्रहरी – समाचार-पत्र लोकतंत्र का सजक प्रहरी है. लोकतंत्र की सफलता के लिए आवश्यक है कि जनता सब कुछ जाने और अपनी इच्छा – अनिच्छा को प्रकट करे. नेपोलियन कहा करता था – ‘मैं लाखों संगीनों की अपेक्षा तीन विरोधी समाचार-पत्रों से अधिक डरता हूं.’ जनमत बनाने का साधन – ‘समाचार पत्र साधारण जनता के शिक्षक हैं.’ समाचार-पत्रों के संपादक, संवाददाता या अन्य अधिकारी जिस समाचार को जिस ढंग से देना चाहें, दे सकते हैं. आम जनता समाचार-पत्रों से सीधे प्रभावित होती है. विभिन्न समाज-सुधारक, चिंतक, विचारक, आंदोलन-कर्ता, क्रांतिकारी अपने विचारों को छापकर जनता को प्रभावित कर सकते हैं. ज्ञान – वृद्धि का साधन – आजकल समाचार-पत्र पाठकों की ज्ञान-वृद्धि भी करते हैं. विशेष रूप से रविवारीय पृष्ठों में छपी जानकारियां, नित्य नए आविष्कार, नए साधन, नए पाठ्यक्रमों की जानकारी, अद्भुत संसार की अद्भुत जानकारियां पाठकों का ज्ञान बढ़ाती हैं. रोगों की जानकारी तथा उनके इलाज के उपाय भी समाचारपत्र में छापे जाते हैं. मनोरंजन का साधन – आजकल समाचार-पत्र पाठकों के लिए मनोरंजन की रंग -बिरंगी सामग्री लेकर उपस्थित होते हैं. खेल-संसार, फिल्मी, चुटकुले, कहानियां, पहेलियाँ, रंग-भरो प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चे, किशोर और तरुण भी समाचार-पत्रों पर जान छिड़कते हैं. उपसंहार – समाचार-पत्रों से सर्वाधिक लाभ व्यापारियों, उद्योगपतियों और फैक्ट्रियों को होता है. प्रचार और विज्ञापन के द्वारा इनका माल रातोंरात देशव्यापी हो जाता है. इसके माध्यम से आप अपनी संपत्ति खरीद-बेच सकते हैं, सोना-चांदी और शेयरों के दैनिक भाव जान सकते हैं. सचमुच समाचार-पत्र सांसारिक सिद्धियों का भंडार है. यह ऐसा शब्द-संसार है जिसमें पूरा संसार बसा है.

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Britain’s Next Prime Minister Has Shown Us Who He Is, and It’s Not Good

A black-and-white photograph of Keir Starmer, seen from below and surrounded by people holding phones to record him.

By Oliver Eagleton

Mr. Eagleton is a journalist and the author of “The Starmer Project.” He wrote from London.

The outcome seems predestined. The British Conservative Party, moribund after 14 years in office and struggling to defend its record of routine corruption and economic mismanagement , is heading into Thursday’s general election with the backing of just 20 percent of the electorate. The opposition Labour Party, having run a colorless campaign whose main aim was to channel frustration with the government, is projected to win a huge parliamentary majority. That means that Labour’s leader, Keir Starmer , will be the country’s next prime minister.

How is he likely to govern? A former lawyer with a bland rhetorical style and a tendency to modify his policies, Mr. Starmer is accused by critics on the left and right alike of lacking conviction. He is labeled an enigma, a man who stands for nothing, with no plans and no principles. His election manifesto, which The Telegraph pronounced “the dullest on record,” appears to confirm the sense that he is a void and that the character of his administration defies prediction.

But a closer look at Mr. Starmer’s back story belies this narrative. His politics are, in fact, relatively coherent and consistent. Their cardinal feature is loyalty to the British state. In practice, this often means coming down hard on those who threaten it. Throughout his legal and political career, Mr. Starmer has displayed a deeply authoritarian impulse, acting on behalf of the powerful. He is now set to carry that instinct into government. The implications for Britain — a country in need of renewal, not retrenchment — are dire.

Mr. Starmer has seldom dwelt on the specifics of his legal career, and his personal motives are, of course, unknowable. But it seems clear, based on his track record, that Mr. Starmer’s outlook began to take shape around the turn of the millennium. By that time, he had gained a reputation as a progressive barrister who worked pro bono for trade unionists and environmentalists. But in 1999 he surprised many of his colleagues by agreeing to defend a British soldier who had shot and killed a Catholic teenager in Belfast. Four years later, he was hired as a human rights adviser to the Northern Ireland Policing Board — a role in which he reportedly helped police officers justify the use of guns, water cannons and plastic bullets.

Feted by the judicial establishment, Mr. Starmer was hired to run the Crown Prosecution Service in 2008, putting him in charge of criminal prosecutions in England and Wales. Professional success brought him closer to the state, which he repeatedly sought to shield from scrutiny. He did not bring charges against the police officers who killed Jean Charles de Menezes , a Brazilian migrant who was mistaken for a terrorist suspect and shot seven times in the head. Nor did Mr. Starmer prosecute MI5 and MI6 agents who faced credible accusations of complicity in torture. Nor were so-called spy cops — undercover officers who infiltrated left-wing activist groups and manipulated some of their members into long-term sexual relationships — held accountable.

He took a different tack with those he saw as threatening law and order. After the 2010 student demonstrations over a rise in tuition fees, he drew up legal guidelines that made it easier to prosecute peaceful protesters. The following year, when riots erupted in response to the police killing of Mark Duggan , Mr. Starmer organized all-night court sittings and worked to increase the severity of sentencing for people accused of participating. During his tenure, state prosecutors fought to extradite Gary McKinnon, an I.T. expert with autism who had embarrassed the U.S. military by gaining access to its databases, and worked to drag out the case against the WikiLeaks editor Julian Assange.

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समाचार पत्र पर निबंध | Newspaper Essay in Hindi

Newspaper Essay in Hindi:- मनुष्य सदैव समाज में रहना चाहता है। वह दूसरों का दुःख जानना चाहता है तथा अपनी पीड़ा दूसरों को सुनाना चाहता है। ऐसा करने से उसकी भावना संतुष्ट होती है ।समाज में रहने वाले व्यक्तियों की दशा जानने तथा अपनी लगा दूसरों पर प्रकट करने की प्रबल संभावनाओं ने समाचार पत्रों को जन्म दिया है। आज समाचार पत्रों के माध्यम से हम घर बैठे ही पूरे संसार का परिचय प्राप्त कर लेते हैं।

समाचार पत्र पर निबंध | Newspaper Essay in Hindi

Table of Contents

समाचार पत्रों पर निबंध (100 शब्दों में)

प्राचीन काल से ही मनुष्य के अंदर ज्ञान प्राप्त करने की एक अलग ही जिज्ञासा रही है, उसे जहां से भी जो भी चीजें सीखने को मिली है उसने ग्रहण की है। आज के युग में समाचार पत्र भी कुछ ऐसा ही कार्य मनुष्यों के लिए कर रहे हैं क्योंकि उन्हें देश और दुनिया की सभी प्रकार की खबरों को लाकर देते हैं जिससे कि वह अपने ज्ञान की बढ़ोतरी करते हैं।

समाचार पत्र केवल मनुष्यों को ज्ञान ही नहीं देते बल्कि यह लोगों को आजीविका का एक साधन भी देते हैं जिसके द्वारा बहुत से लोगों के परिवारों का भरण पोषण होता है। भले ही आज के युग में समाचार पत्रों के अलावा भी बहुत से ऐसे अनेक प्लेटफॉर्म आ गए हैं ,जो कि हमें दुनिया की खबरों से अवगत कराते हैं, परंतु हमारे जीवन में घुले समाचार पत्रों के महत्व को फिर भी कम नहीं किया जा सकता।

समाचार पत्रों पर निबंध (250 शब्दों में)

समाचार पत्र जन जागरण के सर्वश्रेष्ठ सर्व सुलभ सस्ते तथा सुगम साधन है। समाचार पत्र के लेखों से जनता पर जादू का सा प्रभाव पड़ता है वह बुरे कर्म से सचित होती है अच्छी और लाभप्रद बातों का लाभ उठाती है।

जनता को विकास पथ पर अग्रसर होने के लिए सचेत करने को जन जागरण कर सकते हैं ।जनता को सतत जागृत रखना समाचार पत्रों का दायित्व है ।जनजीवन के जागरण की विधि विविध दिशाएं है सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, पारिवारिक, आर्थिक, व्यापारिक, वैज्ञानिक, साहित्य आदि वस्तुतः समाचार पत्र जन जागरण के प्रहरी ही नहीं मंत्रदाता और मार्गदर्शक भी हैं।

समाचार पत्र सामाजिक कुरीतियों के पर्दा उठा कर जनता को उनके विषाक्त परिणामों से अवगत कराते हैं। राष्ट्र की आर्थिक दशा का विश्लेषण करके जनता को सचेत करने में समाचार पत्र कभी पीछे नहीं रहे ।आर्थिक विकास के साधनों के प्रयोग को समाचार पत्र प्रकाश में लाते हैं। आर्थिक चेतना की जागृति के लिए तो भारत में अब आने दैनिक पत्र भी छपते हैं। जनता को वैज्ञानिक उन्नति की जानकारी देने एवं उनके लाभ हानि से परिचित कराने का श्रेय समाचार पत्रों को ही हो जाता है।

समाचार पत्र में स्वर की घटनाओं का संक्षिप्त दस्तावेज होते हैं, जिनसे लोग सुबह उठकर ज्ञानवर्धन के साथ-साथ विश्व की घटनाओं की घटनाओं के बारे में जानकारी भी प्राप्त करते हैं। इस प्रकार जनता को जागरूक रखने का बहुत बड़ा श्रेय समाचार पत्रों का है। जनता के अधिकारों के लिए लड़ना और जनता को अपने कर्तव्यों के प्रति सचेत करना समाचार पत्र अपना धर्म समझते हैं‌। अत्याचार और अनाचार के विरुद्ध जनता में पांचजन्य का घोष करके एवं उसे क्रांति के लिए प्रस्तुत करके उसे आर्थिक, धार्मिक तथा सामाजिक विद्रोही तत्वों से सजग रहने में भी समाचार पत्रों की इतिकर्तव्यता है

समाचार पत्रों पर निबंध (300 शब्दों में)

आज देश के कोने-कोने से समाचार पत्र निकलते हैं। दिन प्रतिदिन इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। पाठकों की संख्या भी आए दिन बढ़ रही है‌। 25 वर्ष पहले भारत में समाचार पत्र पढ़ने वालों की संख्या नगण्य थी ।पत्रकारिता की कला में जितनी उन्नति अन्य देशों में हुई है हमारे देश में उसका शतांश भी नहीं ,फिर भी हमारे यहां आने वाले समय में इसके अच्छे लक्षण दिख रहे हैं।

यह विवाद रहित है कि समाचार पत्रों का प्रकाशन बड़ा उपयोगी सिद्ध हुआ है। इसमें विभिन्न प्रकार के राजनैतिक, सामाजिक, और व्यापारिक समाचार छपते हैं, जिन्हें पढ़ने का जनता में बहुत शौक रहता है ।वास्तव में समाचार पत्रों ने आज संसार को एक छोटा सा परिवार बना दिया है। पूरे संसार की खबरें इसने छपती हैं जिससे पाठक विश्व के कोने-कोने के समाचारों से अवगत होते हैं।

समाचार पत्रों से व्यापार में भी उन्नति हुई है। व्यापार को व्यापक और संगठित रूप समाचार पत्रों ने ही दिया है ।समाचार पत्रों का क्षेत्र भारत में अभी तक लोकसेवा तक सीमित था, किंतु अब इसका व्यवसाय आजीविका का साधन हो चला है। जाति एवं राष्ट्रीय विचारों के निर्माण में भी समाचार पत्रों ने काफी सहायता पहुंचाई है।

अन्य देशों के राष्ट्रीय समाचार पढ़ने से पाठक के हृदय में राष्ट्रीय भाव पैदा होते हैं, तथा उन्नति की दौड़ में अन्य राष्ट्रों के साथ दौड़ने की स्पर्धा होती है। समाचार पत्र शासक और शासित में प्रेम भाव स्थापित करने का प्रयास करते हैं। यदि कोई राजनीतिक समस्या खड़ी होती है, तो समाचार पत्र सरकार और जनता के विचार को प्रकाशित करते हैं ,तथा टीका टिप्पणी द्वारा समस्या का हल निकालने का प्रयास करते हैं। यह जनसाधारण के कष्टों को सरकार के सामने रखते हैं, तथा उनके दुखों को दूर करने के उपाय सुझाते हैं।

समाचार पत्र प्रत्येक समय राष्ट्र के लिए आवश्यक है ।आजकल समाचार पत्र सभ्यता की संस्कृति के संरक्षक ,जागृति ,सुधार क्रांति, शांति एवं स्वतंत्रता के मुख्य प्रेरक स्रोत है। तथा राष्ट्र के सजग प्रहरी है इनकी उपाय देता के विषय में विवाद नहीं किया जा सकता।

समाचार पत्र पर निबंध (500 शब्दों मे)

“तुम जब दो आवाज, पहाड़ों की बोली मिट्टी बोले। तुम जब छोड़ो तान, चांदनी घट–घट में चंदन घोलें।।”

प्रस्तावना–

आदिकाल से ही माना की जिज्ञासा रही है कि वह अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त करें ।विभिन्न स्थानों के क्रियाकलापों से यह अवगत होता रहे। मनुष्य की भूख मिटाने के लिए मनुष्य के सन्मुख की एक तरीका है –समाचार पत्र इसके माध्यम से देश विदेशों के राजनीतिक, धार्मिक ,आर्थिक, सामाजिक दशा तथा परिवर्तन का हम ज्ञान प्राप्त करते हैं।

प्राचीन काल में समाचार पत्रों का रूप–

समाचार पत्रों का समाज में समाचार लेकर उपस्थित होना कोई नवीन रूप नहीं है। प्राचीन काल में भी समाचार पत्रों का आदान प्रदान संदेश वाहकों से होता था। चाहे वह संदेशवाहक मानव हो पशु या पक्षी। यह समाचार एक स्थान से दूसरे स्थान तक व्यक्तिगत संदेश के रूप में भेजे जाते थे।

सर्व प्रथम समाचार पत्र का जन्म इटली में हुआ था। इटली के वेनिस प्रांत में एक स्थान से दूसरे स्थान तक विचारों के आदान-प्रदान के लिए समाचार पत्रों का प्रयोग होने लगा । सत्रहवीं शताब्दी में ही इस परंपरा से प्रभावित होकर इंग्लैंड में भी समाचार पत्रों का प्रकाशन प्रारंभ हो गया। इस प्रकार यह प्रक्रिया देश देशांतर में वृद्धि को प्राप्त करने लगी।

भारतवर्ष में समाचार पत्रों का प्रादुर्भाव मुगल काल में ही हो चुका था।”अखबारात–ई–मुअल्ले”नामक समाचार पत्र का उल्लेख हमें उस काल में मिलता है हिंदी में सबसे पहला अखबार कोलकाता से प्रकाशित हुआ इस समाचार पत्र का नाम “उदंत मार्तंड” था। भारतीय समाज सुधारकों ने समाचार पत्रों के प्रकाशन को समाज के लिए एक आवश्यक अंग माना था ।इस दिशा में राजा राममोहन राय तथा ईश्वर चंद्र विद्यासागर आदि ने प्रशंसनीय कार्य किया।

समाचार पत्रों के प्रकार–

समय अवधि में प्रकाशन के आधार पर समाचार पत्रों के विभिन्न रूप हैं उदाहरण के लिए दैनिक समाचार पत्र (प्रतिदिन प्रकाशित), साप्ताहिक जो समाचार पत्र सप्ताह में एक बार प्रकाशित हो, पाक्षिक यह माह में दो बार प्रकाशित होते हैं, मासिक, त्रैमासिक ,अर्धवार्षिक, और वार्षिक समाचार पत्र भी होते हैं। यह विभाजन समय के आधार पर किया गया है लेकिन विभिन्न विषयों के आधार पर इन्ही समय अवधि में प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र हो सकते हैं। इनको स्थान विशेष के आधार पर भी वर्गीकृत किया जा सकता है। इस प्रकार हम देखते हैं कि समाचार पत्रों का एक विशाल क्षेत्र है।

समाचार पत्रों की उपयोगिता–

जैसा कि समाचार पत्रों के वर्गीकरण में बताया जा चुका है विभिन्न विषयों पर समाचार पत्रों का प्रकाशन होता है इसमें समाज और समय की मांग के अनुसार ही प्रकाशन होते हैं।

प्रत्येक व्यक्ति को समाचार पत्रों के माध्यम से उसकी अभिरुचि के अनुसार सामग्री प्राप्त हो जाती है। किसी भी बात की संपूर्ण जानकारी समाचार पत्रों के माध्यम से ही प्राप्त हो पाती है ।आज की स्थिति में समाचार पत्रों की उपयोगिता और अधिक बढ़ती जा रही है। संसार की गतिविधियों का सम्यक ज्ञान इनसे होता है ‌।आज मानव इतना अधिक जागृत हो गया है कि उसकी उत्सुकता तभी शांत होती है जब वह परिस्थितियों से अवगत हो जाता है।

समाचार पत्रों के माध्यम से विभिन्न रोजगार संबंधी समाचार भी प्राप्त होते हैं ।व्यवसायिक पत्र पत्रिकाओं से व्यापार संबंधी ज्ञान भी हम को प्राप्त होता है ‌।समाचार पत्रों में मनोरंजन के लिए कुछ स्तंभ भी निकलते हैं ।मनोरंजन के साथ-साथ संसार में होने वाले खेलकूद के विस्तृत विवरण भी हमको समाचार पत्रों से प्राप्त होते हैं ।इस प्रकार से व्यक्ति के मनोरंजन का एक प्रमुख साधन समाचार पत्र ही है। सामाजिक हित को ध्यान में रखकर प्रकाशित होने वाली बातों के लिए भी सर्वोत्तम साधन समाचार पत्र ही है‌। यह एक ऐसा साधन है जिसके द्वारा राष्ट्रीय चेतना को पैदा किया जा सकता है। जिसने नवीन समाज का निर्माण होता है।

समाचार पत्रों के द्वारा हम लोकतंत्र में विभिन्न प्रकार के सुझाव सम्मिति तथा आलोचना से अपने राजनीतिक सामाजिक तथा आर्थिक हितों की रक्षा करते हैं ।इससे जनता को जागरुक एवं योग्य बनाया जा सकता है। समाज में व्याप्त कुरीतियों, भ्रष्टाचार और अन्याय की अपील सरकार से कर सकते हैं ।समाचार पत्रों के माध्यम से इन का पर्दाफाश कर सकते हैं।

समाचार पत्र मनुष्य के सर्वांगीण विकास का एक माध्यम है ।इनसे जो विचार हम ग्रहण करते हैं उनसे चिंतन शक्ति कि वृद्धि होती है ।श्रमिकों और श्रमजीवी ओं के लिए यह रोजी रोटी का एक साधन भी है।

समाचार पत्रों के अनियंत्रित प्रकाशन से हानियां–

समाचार पत्रों से जहां इतने लाभ है वहीं हानियां भी है ।जब प्रकाशन पर नियंत्रण कम हो जाता है तो कुछ राजनीतिक पत्र सनसनी पैदा करने के लिए कुछ छोटे और हल्के समाचारों को अधिक महत्व देते हैं जिसे समाज पर कुप्रभाव पड़ता है ।समाचार पत्र आकर्षण की दृष्टि से अश्लील चित्र प्रकाशित करते हैं, इससे पाठकों के विचार दूषित होते हैं। असत्य और भ्रामक विचारों को प्रकाशित करने से भी समाज राज्य और राष्ट्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, ऐसे ही विचार राष्ट्रोन्नति में बाधक होते हैं ‌।

समाचार प्रकाशन पर उचित नियंत्रण होना चाहिए ।अश्लील एवं सस्ते साहित्य और उसके प्रकाशन पर पूर्ण पाबंदी होनी चाहिए ।समाचार पत्रों की स्वतंत्रता केवल राष्ट्रहित, समाज हित और मानव कल्याण के समाचार प्रकाशन में होनी चाहिए ,क्योंकि यह राष्ट्र के लिए अपरिहार्य रूप सर्जन शक्ति है ,आशा है कि समाचार पत्र एक शांति समृद्धि एवं सुखी दुनिया के निर्माण में अपनी पावन भूमिका का निर्वाह करेंगे।

किसी शायर के शब्दों में–

“खींचो न कमानो को, न तलवार निकालो। जब तोप मुकाबिल हो, तो अखबार निकालो।।”

समाचार पत्र से क्‍या लाभ हैं?

समाचार-पत्र निस्‍संदेह सूचनाओं एवं संवेदनाओं के आदान-प्रदान का एक प्रमुख स्‍त्रोत हैं। इसके अतिरिक्‍त समाचार-पत्रों के माध्‍यम से व्‍यक्ति अपने व्‍यापार, विवाह, नौकरी अथवा अन्‍य विषयों से संबंधित विज्ञापन भेज सकता हैा। विज्ञापन के माध्‍यम से व्‍यापारिक संस्‍थान अपने उत्‍पाद का प्रचार-प्रसार कर सकते हैं।

समाचार पत्र से आप क्‍या समझते हैं?

समाचार पत्र या अखबार, समाचारो पर आधारित एक प्रकाशन हैं, जिसमें मुख्‍यत: सामयिक घटनायें, राजनीति, खेल-कूद, व्‍यक्तित्‍व, विज्ञापन इत्‍यादि जानकारियां सस्‍ते कागज पर छपी होती हैं। समाचार पत्र संचार के साधनों में महत्‍वपूर्ण स्‍थान रखते हैं।

समाचार के उद्देश्‍य क्‍या हैं?

समाचार पत्र के उद्देश्‍य वस्‍तुत: समाचार पत्रों का मूल उद्देश्‍य मानव कल्‍याण हैं। किन्‍तु जब हम स्‍वार्थवश इस उद्देश्‍य को भूलकर इनके द्धारा अपने संकीर्ण उद्देश्‍यों को पूरा करना चाहते हैं तो उनसे लाभ के स्‍थान पर हानि होती हैं।

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  12. Essay on Newspaper in Hindi समाचार पत्र पर निबंध

    Essay on Newspaper in Hindi 150 Words. समाचार पत्र पर निबंध. समाचार पत्र हमें देश, दुनिया, हमारा शहर, राज्य और वर्तमान मामलों में क्या हो रहा है इस बारे में बहुत सारी जानकारी ...

  13. समाचार पत्र का महत्व (Importance of Newspaper)

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  14. Essay on Newspaper in Hindi

    भारतीय समाचार पत्रों के सामने चुनौतियाँ - Challenges in front of Indian newspapers. समाचार पत्र पर निबंध हिंदी में - Essay on NewsPaper in Hindi (3000 Words) समाचार पत्र का अर्थ - Meaning of ...

  15. समाचार पत्र पर निबंध (अर्थ, महत्व) Essay Newspaper in Hindi

    प्रस्तावना Introduction (Essay Newspaper in Hindi 1800 Words) अखबार हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है। पर डिजिटल विकास के बाद इसका महत्व कुछ कम हो गया है, लेकिन जो लोग इसके महत्व को ...

  16. समाचार पत्र पर निबंध Essay on Newspaper in Hindi

    प्रस्तावना (अखबार पर निबंध Essay on Newspaper in Hindi) प्राचीन समय में कोई घटना या समाचार एक स्थान से दूसरे स्थान तक लोगों के द्वारा पहुंचता था ...

  17. Essay On Newspaper in Hindi

    Essay on Newspaper in Hindi - Free download as PDF File (.pdf), Text File (.txt) or read online for free. Scribd is the world's largest social reading and publishing site.

  18. Hindi Essay (Hindi Nibandh)

    समाचार-पत्र का महत्त्व पर निबंध - (Importance Of Newspaper Essay) समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध - (Samachar Patr Ke Labh Essay) समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)

  19. Essay On Newspaper In Hindi.pdf

    Essay On Newspaper In Hindi.pdf - Download as a PDF or view online for free. ... In conclusion, tackling an essay on "Newspaper In Hindi" requires a blend of research, language proficiency, and creative expression. It is a task that demands dedication, attention to detail, and a deep understanding of the topic. ...

  20. Essay on Newspaper for Students and Children

    500+ Words Essay on Newspaper. Newspaper is a printed media and one of the oldest forms of mass communication in the world. Newspaper publications are frequency-based like daily, weekly, fortnightly. Also, there are many newspaper bulletins which have monthly or quarterly publication. Sometimes there are multiple editions in a day.

  21. Downloads

    अमित कुमार यादव (रैंक: 756) 2022. शुभम सिंह ठाकुर (रैंक: 466) 2022. सतीश कुमार मीणा (रैंक: 876) 2022. रजनीश पटेल (रैंक: 571) 2022. प्रिंस कुमार (रैंक: 89) 2022. पंकज ...

  22. Newspaper Essay in Hindi

    Newspaper Essay in Hindi. विश्व-भर से जोड़ने का साधन - समाचार-पत्र मनुष्य को विश्व-भर से जोड़ता है. प्रातः होते ही सारे संसार की महत्वपूर्ण जानकारियाँ समाचार-पत्र ...

  23. Supreme Court's Chevron Ruling Limits Power of Federal Agencies

    The Supreme Court has overturned major precedents in each of the last three terms: on abortion in 2022, on affirmative action in 2023 and now on the power of administrative agencies.

  24. Opinion

    Mr. Eagleton is a journalist and the author of "The Starmer Project." He wrote from London. The outcome seems predestined. The British Conservative Party, moribund after 14 years in office and ...

  25. समाचार पत्र पर निबंध

    Newspaper Essay in Hindi:- मनुष्य सदैव समाज में रहना चाहता है। वह दूसरों का दुःख जानना चाहता है तथा अपनी पीड़ा दूसरों को सुनाना चाहता है। ऐसा करने से उसकी

  26. Sean 'Diddy' Combs accused of sex trafficking and sexual assault in

    Adria English, a former adult film actor who says she worked for Sean "Diddy" Combs between 2004 and 2009, accused the embattled music mogul of sex trafficking and sexual assault, according to ...