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मेरा पसंदीदा पुस्तक पर निबंध (My Favourite Book Essay in Hindi)

किताबें/पुस्तकें हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इनके द्वारा ही हमारी मानसिक ज्ञान का विकास विस्तृत रूप से होता हैं। किसी वस्तु या विषय की सम्पूर्ण जानकारी हम किताबों के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। मुख्य रूप से यह विषयों से संबंधित विभिन्न सूचनाओं और तथ्यों का एक सम्पूर्ण संग्रह हैं। हममें से बहुत से लोगों को किताबें पढ़ने का शौक होता है, पर हर एक की अपनी एक अलग पसंद होती हैं। जिसे हम अपनी पसंदीदा पुस्तक कहते हैं। इस निबंध में मैंने अपनी पसंद की पुस्तक के बारे में चर्चा की है।

मेरा पसंदीदा पुस्तक पर छोटे व बड़े निबंध (Short and Long Essay on My Favourite Book in Hindi, Mera Pasandida Pustak par Nibandh Hindi mein)

मेरा पसंदीदा पुस्तक पंचतंत्र पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

मैंने बहुत सी किताबों को पढ़ा है, जिनमें से कुछ मेरे पाठ्यक्रम की है जो मेरे बौद्धिक क्षमता को बढ़ाती है तो कुछ किताबें मेरा मनोरंजन भी करती है। बचपन में मेरे माता-पिता ने मुझे पढ़ने के लिए कहानियों की पुस्तकें देते थे, जिसे पढ़ना मेरे लिए बहुत आनंददायी और ज्ञानवर्धक सिद्ध होती थी।

मेरी पसंदीदा पुस्तक

पंचतंत्र की किताब में सारस और केकड़े की एक कहानी है। जिसमें हमें केकड़े की बुद्धि और विवेक का परिचय देखने को मिलता है। इस कहानी में एक बूढ़ा सारस होता है जो अपना भोजन या शिकार आसानी से नहीं ढूढ़पाता था। एक दिन वह तालाब के किनारे वाले पेड़ पर बैठा था और तालाब में ढ़ेर सारी मछलियां, मेढ़क औरकेकड़े को तालाब में देखा। गर्मियों का मौसम होने के कारण तालाब में पानी कम ही बचा था। इसलिए तालाब के सभी जीव बहुत दुखी थे। तब इस चालक सारस ने इन मछलियों, मेढकों और केकड़ों को खाने की एक योजना बनाई। सारस ने तालाब के पास जाकर सभी जलीय जंतुओं से उनके उदासी का कारण पूछा तो सबने तालाब के पानी कम होने का कारण बताया।

तब सारस ने सबसे झूठ कहा की पहाड़ी के उस पार एक बहुत बड़ा तालाब है जिसमें ढेर सारा पानी भी हैं। उसने कहा यदि सब चाहे तो मैं एक-एक करके सभी को अपनी चोंच में पकड़ कर उस तालाब में छोड़ सकताहूं। पर असल में वह सभी को खाना चाहता था। सभी ने आपस में निर्णय कर एक-एक कर उसके साथ उस तालाब में जाने का निर्णय लिया। पर केकड़े ने सारस की चालाकी को समझ गया और जब उसके साथ जाने लगा तो वह सारस के गर्दन में लटकने का फैसला किया। जाते समय उसने सारस को मार कर केकड़ा वहां से भाग निकला।

पंचतंत्र की किताब मेरी पसंदीदा किताब है। इसकी कहानियां पढ़कर मुझे बहुत खुशी और साहस मिलती है। यह किताब हमें जीवन की नैतिक मूल्यों से भी परिचित कराती है। पुस्तकें हमें सारी दुनिया की जानकारी और उनके बारे में ज्ञान देती हैं, इसलिए वो हमारी सबसे अच्छी मित्र कही जाती हैं। एक अच्छे मित्र की तरह यह हमारी मदद करती हैं। हमें ज्ञान प्रदान करती है और हमारा मनोरंजन भी करती हैं।

निबंध – 2 मेरा पसंददीदा पुस्तक – महाभारत (400 शब्द)

सैकड़ो ऐसी किताबें हैं जिन्हें हम अपने जीवन में पढ़ते हैं। इनको पढ़ने से ही हमें रोचकता और हमारे ज्ञान का विकास होता है। कुछ ऐसी किताबें होती हैं जो हमें जीवन में बहुत अधिक प्रेरित करती हैं, और यह हमारे जीवन की सबसे अच्छी किताब होती है।

मेरा पसंदीदा पुस्तक का वर्णन

महाभारत मेरा पसंदीदा किताबों में से एक है। इसे पढ़ने से पहले मुझे इस महाकाव्य के बारे में कुछ भी नहीं पता था। यह पुस्तक मेरे दादा-दादी ने मेरे जन्मदिवस पर उपहार के रूप में दीया था। शुरू में जब मैंने इस किताब को पढ़ना आरम्भ किया तो यह मुझे थोड़ा उबाऊ प्रतीत हुआ, इसलिए मैंने इसे अपने पुस्तकों के दराज़ में सुरक्षित रख दीया। बाद में जब टेलीविजन पर महाभारत का नाट्य रूपांतरण दिखाया गया तो वह मुझे काफी दिलचस्प लगी। वह नाट्य उस दिन थोड़ी ही दिखाई गई थी और मुझे जल्दी से इसकी पूरी कहानी को जानना था। इसलिए मैंने इस महाभारत की किताब पढ़नी शुरू कर दी।

महाभारत हिन्दू सांस्कृतिक की प्रमुख महाकाव्यों में से एक है। यह महर्षि वेदव्यास द्वारा लिखित महाकाव्य है। इस महाकाव्य में 10,000 श्लोक निहित हैं। यह महाकाव्य मुख्यतः पांडवों और कौरवों के बीच हस्तिनापुर के राज शासन को प्राप्त करने की लड़ाई पर आधारित है। इस महाकाव्य के अनुसार कुरुक्षेत्र में इसकी लड़ाई लड़ी गई थी।

महाभारत की कहानी संक्षेप में

यह महाकाव्य मुख्य रूप से कौरवों और पांडवों की कहानी पर आधारित है। धृतराष्ट्र और पाण्डु दो भाई थे। धृतराष्ट्र बड़े थे पर जन्म से ही वो अंधे थे, इसलिए शासन का सारा कार्यभार पाण्डु को सौप दिया गया। पाण्डु की अकस्मातिक मृत्यु के पश्चात् धृतराष्ट्र को शासन सौपा गया जब तक पाण्डु के बेटे शासन के काबिल न हो जाये। धृतराष्ट्र के सौ पुत्र थे जिनमें से दुर्योधन सबसे बड़ा पुत्र था। पाण्डु के पांच पुत्र थे, युधिष्ठिर, अर्जुन, भीम, नकुल और सहदेव। जिन्हे पांच पांडव के नाम से जाना गया। दुर्योधन ने पांडवों को चौसर खेलने के लिए आमंत्रित किया जिसे पांडवों ने स्वीकार कर लिया। इस खेल में पांडवों ने अपना सब कुछ खो दिया दौपदी को भी।

सब कुछ दुर्योधन के हाथों हारने के बाद इन्हें 13 वर्षों के लिए राज्य से निर्वासन की सजा मिली। निर्वासन की अवधी पूरी करने के बाद जब पांडव इन्द्रप्रस्थ लौटे तब दुर्योधन ने हस्तिनापुर पड़ावों को वापस देने से इंकार कर दिया। नतीजतन पांडवों को न्याय और धर्म की लड़ाई लड़नी पड़ी। बाद में पांडवों ने कौरवों और उनकी सेना को हराकर युद्ध को जीत लिया।

कौरवों और पांडवों के इस लड़ाई में अर्जुन अपने भाइयों और अपने रिश्तेदारों से लड़ने के लिए बिल्कुल तैयार न थे। तब अर्जुन को भगवान श्री कृष्ण ने समझाया और उन्हें जीवन के ज्ञान का बोध कराया। कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए इस ज्ञान को “भगवत गीता” के नाम से जाना गया। इस पुस्तक में जीवन के ज्ञान का भंडार है। यह महाकाव्य महाभारत का ही एक हिस्सा है।

इस महाकाव्य के अंतर्गत 18 अध्याय और 700 श्लोक शामिल हैं। यह हमें जीवन के महत्वपूर्ण पाठों के साथ जीवन का आध्यात्मिक पाठ भी सिखाता है।

भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को उपदेश देते हैं कि केवल शरीर का नाश होता है, आत्मा का नहीं। आत्मा एक शरीर को छोड़ती है तो दूसरे शरीर को धारण कर लेती है। आत्मा अजर और अमर है। गीता में समझाया गया है कि परिणामों की चिंता किये बिना हमें अपने कर्म करने की आवश्यकता है। अपनी मेहनत से किये गए कार्य का परिणाम हमें अवश्य ही प्राप्त होता है। इसमें कहा गया है की मनुष्य का जीवन संघर्षों से भरा है और उसे एक दृढ़ निश्चय के साथ अपने जीवन के संघर्षों का सामना करने की आवश्यकता है।

महाभारत में दिए उपदेश मुझे बेहद पसंद है। यही उपदेश हमारे जीवन में उपस्थित समस्याओं को हल करने में हमारी मदद करती है। महाभारत की कहानी में हर किरदार का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है और इससे हमें अलग-अलग जीवन जीने के उद्देश्यों को सीखने की आवश्यकता हे।

Essay on My Favourite Book

निबंध – 3 मेरा पसंददीदा पुस्तक – रामायण (600 शब्द)

किताबें पढ़ना जीवन में एक अच्छी आदत की तरह होती है। यह हमारे अंदर के ज्ञान और हमारे नैतिक मूल्यों को बढ़ाता है। जीवन में हर किसी को किताब पढ़ने की अच्छी आदत को अपनाना चाहिए। किताबें हमारे जीवन में एक सच्चे साथी की तरह होते हैं। ये सभी पुस्तके ज्ञान का भंडार होती हैं और पढ़ने की एक अच्छी आदत को अपनाकर हम अपने जीवन में सभी ज्ञान को अर्जित कर सकते हैं।

अपने जीवन में मैंने कई किताबें पढ़ी हैं। मुझे उपन्यास और कहानियों की किताबें पढ़ने का बहुत शौक है। मुझे रामायण की किताब बहुत ही पसंद है। ऋषि वाल्मीकि द्वारा लिखी रामायण, महाभारत के बाद दूसरी सबसे बड़ी महाकाव्य है। यह हिन्दुओं के लिए बहुत पवित्र पुस्तक के रूप में जानी जाती है।

रामायण की कहानी

महान महाकाव्य रामायण भगवान राम के जीवन चरित्र को दर्शाती है। राम अयोध्या नरेश दशरथ के पुत्र थे। राजा दशरथ की तीन रानियां थी और राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न चार पुत्र थे। इन चारों भाइयों में आपस में बहुत प्रेम था।

सभी चारों भाइयों ने अपनी शिक्षा हासिल करने के लिए अयोध्या से बहार गए और अपनी शिक्षा पूरी की। बाद में सभी ने अपनी शिक्षा पूरी की और अयोध्या वापस आये। सभी का एक साथ ही विवाह संपन्न हुआ। राम का विवाह सीता के साथ हुआ। भगवन राम अपने पिता दशरथ द्वारा माता कैकेयी को दिए वचन का पालन करने के लिए 14 वर्षों के लिए वनवास जाना पड़ा। वनवास तो सिर्फ राम को मिला था पर सीता ने अपने पत्नी धर्म का पालन करते हुए उनके साथ गई और साथ में उनके छोटे भाई लक्ष्मण भी गए। सभी एक साथ 14 वर्ष के वनवास के लिए निकल गए।

वनवास के दौरान 13 वर्ष का समय शांतिपूर्वक बीत गया पर 14वें वर्ष के दौरान राक्षस राज रावण ने सीता का हरण कर लिया। रावण ने सीता का छल से अपहरण करके लंका ले गया। तब राम ने रावण से युद्ध कर सीता को उनके चंगुल से मुक्त कराया और अपने साथ अयोध्या ले आये। राम, सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस लौटने के बाद राम को अयोध्या का राजा घोषित किया गया। उन्होंने अपने जीवन में कई राक्षसों को मारा और संतों की रक्षा की। राम अयोध्या वासियों के लिए एक आदर्श राजा थे। अपनी प्रजा के मन की बातों को जानने के लिए वो अक्सर भेष बदलकर प्रजा के बीच जाते थे और बाद में उनकी समस्या का समाधान करते थे।

रामायण के पात्रों से मिली सीख

वैसे तो रामायण के मुख्य रूप से कई पात्र है जिनसे हमें सीख लेने की आवश्यकता है। उनमें से कुछ मुख्य पात्रों का हमारे जीवन में बहुत गहरा असर छोड़ती हैं।

वे अपने माता-पिता और अयोध्या वासियों के लिए एक आदर्श पुत्र थे। जिन्होंने अपने पिता के वचनों का पालन करने के लिए राजसी सुख को त्याग कर 14 वर्षों के वनवास को अपनाया। सीता के लिए वो एक आदर्श पति, अपने भाइयों के लिए वो एक आदर्श भाई और अयोध्या वासियों के लिए एक आदर्श राजा थे।

सीता का विवाह भगवान राम के साथ हुआ था और वह एक आदर्श पत्नी थी। राम को वनवास मिलने पर अपने पत्नी धर्म का पालन करने के लिए वो राम के साथ गयी। उन्होंने कहा था की पति को निर्वासन मिलने के बाद वो राजसी सुख कैसे भोग सकती है। अपने पत्नी धर्म और वचनों का पालन करते हुए वो सदा ही राम के साथ रही।

लक्ष्मण एक आदर्श भाई का प्रतिक है। वो अपने बड़े भाई राम को सबसे ज्यादा प्रिय थे और छोटे होने के साथ ही वो हमेशा राम की सेवा में लगे रहते थे। सभी चारों भाइयों में बहुत ही प्रेम था।

भरत एक आदर्श भाई का प्रतिरूप है। राम को 14 वर्ष के वनवास और माता कैकेयी के वचनों के अनुसार भरत को राजा बनाया गया था पर वो कभी भी राजगद्दी पर नहीं बैठे। सिहासन पर उन्होंने राम की खड़ाऊ रखी थी और खुद एक झोपड़ी बनाकर उसमें एक वनवासी जैसा जीवन व्यतीत करते थे। ऐसे कई उदाहरण हैं जिससे उनके आदर्श भाई और बड़े भाई के सम्मान का प्रतिक उनमें देखने को मिलता है।

राम के भक्तों में शबरी का अपना एक महत्त्वपूर्ण चरित्र है। उन्होंने भगवान राम से मिलने की आस में रोज राहों में फूल बिछाती और जंगलो से चुनिंदा फल बेर लाती थी। अंत में उनकी ये इच्छा भी पूरी हुई और इस बात से हमें सन्देश मिलता है की हमें अपनी उम्मीद कभी नहीं खोनी चाहिए और अपना प्रयास को जारी रखना चाहिए।

रामायण के सभी पात्र का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान हैं – जैसे हनुमान राम के सबसे बड़े भक्त थे। इसके अलावा राम की सभी माताएं, चारों भाई और रावण इत्यादि सभी एक सन्देश देते हैं।

रामायण पढ़ने के बाद नैतिक मूल्यों का विकास

रामायण को पढ़ने के उपरांत पता चला की हमें अपने जीवन में उदार भावना के साथ-साथ साहसी और बहादुर होना चाहिए। जीवन में सुख और दुःख दोनों चरण होते हैं। इन दोनों को सहजता से हमें अपने जीवन में अपनाने की आवश्यकता है।

महाकाव्य के अनुसार हमें अपने से बड़ों की बातों को और शिक्षकों द्वारा दिए गए ज्ञान का सम्मान करना चाहिए। उनके द्वारा कही गई हर बात को सुनना और उसका पालन करने की आवश्यकता हैं।

यह महाकाव्य हमें सिखाती है कि गलत और बुरे काम का परिणाम हमेशा ही बुरा होता है। हमें अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए सकारात्मक ऊर्जा का सही दिशा में प्रयोग करने की आवश्यकता है। राक्षस राज रावण बहुत ही विद्वान और बलशाली राजा था, पर उसने छल से सीता का हरण किया था। विद्वान होने के बावजूद उसने अपने विवेक और बुद्धि का उपयोग सही तरीके से नहीं किया। अंततः उसका हर्जाना उसे अपने मृत्यु से चुकाना पड़ा। इसलिए हमें हमेशा अपनी बुद्धि और विवेक का इस्तेमाल कर किसी भी कार्य को करने की आवश्यकता है। तभी हम उस कार्य को आसानी से सफल बना सकते है।

महाकाव्य रामायण में अपार ज्ञान और जीवन जीने के सिद्धांत हैं। लगभग हर घरों में रामायण की किताब मिल जाती है। मुझे इस किताब को बार-बार पढ़कर उनके जीवन जीने के नैतिक मूल्यों को समझना और उसे जीवन में अपनाना बहुत ही पसंद है। जिनके घरों में यह पुस्तक नहीं है, उन्हें एक बार जरूर इस किताब को पढ़ने की आवश्यकता है, क्योंकि इसमें जीवन की तमाम आध्यात्मिक और नैतिक बातें बताई गयी है।

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पुस्तक पर निबंध | Essay on Book in Hindi

हेलो दोस्तों, आज हमलोग इस लेख में पुस्तक पर निबंध हिंदी में ( Book essay in Hindi) पड़ेंगे जो कि आपको Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 व अन्य competitive examination जैसे कि SSC, UPSC, BPSC जैसे एग्जाम में अत्यंत लाभकारी साबित होंगे। पुस्तक पर निबंध (Essay writing on Book ) के अंतर्गत हम पुस्तक से संबंधित पूरी जानकारी को विस्तार से जानेंगे इसलिए इसे अंत तक अवश्य पढ़ें।

Essay on Books in Hindi 500 Words

जीवन में पुस्तकों का होना बहुत ही जरूरी है।। अगर आपके पास एक अच्छी पुस्तक होगी तो आप उसके ज्ञान से दुनियाभर के ज्ञान को अपने अंदर समेट सकते हैं। पुस्तक मनुष्य के जीवन का आधार मानी जाती है। 

पुस्तके कई विषयों में उपलब्ध होती है जैसे कि अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, भूगोल, इतिहास, सामाजिक शास्त्र ,राजनीतिक शास्त्र, इत्यादि। दुनिया में भाषाओं में पुस्तकें उपलब्ध जैसे कि धार्मिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक इत्यादि ऐसे किताबें बाजार में मौजूद है जो जिंदगी के कई समस्याओं को हम किताब से पढ़कर आसानी से उसे सुलझा सकते हैं।

पुस्तक का इतिहास (History of Books in Hindi)

अगर हम लोग पुस्तकों के इतिहास की बात करें तो पुस्तकों का इतिहास काफी प्राचीन है। पुस्तकों की कहानी पन्नों की छपाई के साथ शुरू की गई थी और यह आज वर्तमान में पुस्तकों के भंडार के साथ दुनिया के किसी भी पुस्तक को पढ़ने और उसे समझने से पहले उसकी इतिहास को जाना हमारे लिए बहुत ही जरूरी है। पुस्तकों की पहली छपाई 1440 में फ्रांस के प्रिंटिंग प्रेस में शुरू की गई थी। उसके बाद पुस्तकों के प्रचार प्रसार में विश्व धर्म मैं इसे फैलाया गया। पुस्तकों का इतिहास मध्यकालीन से जुड़ा हुआ है। पुस्तकों को पहली बार फ्रांस में पड़ा और लिखा गया था और उसके बाद यह धरती के हर कोने कोने में इसे पहुंचाया गया। इसके 15 साल बाद पहली बार 1455 में सबसे पहली छपाई बाइबल की गई थी।

एन्हेदुअन्ना
दूसरी और पांचवीं शताब्दी ई. के बीच।
The Diamond Sutra
ऋग्वेद संहिता
द फर्स्ट मुस्लिम: द स्टोरी ऑफ मुहम्मद

इन्हें भी पढ़ें : सतर्क भारत, समृद्ध भारत पर लेख हिंदी में

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पुस्तक का महत्व

यदि मनुष्य और पशु में भेद किया जाए तो केवल बुद्धि द्वारा ही किया जा सकता है। बुद्धि तथा ज्ञान के बिना मनुष्य निश्चय ही संसार का एक दयनीय प्राणी होता। अनादिकाल से मनुष्य अपने ज्ञान का ही परिष्कार करता आ रहा है।

ज्ञान उसे या तो गुरु से मिलता है या पुस्तकों से। गुरु तो सीमित समय तक ही ज्ञान दे सकता है, या यों कहना चाहिए कि गुरु तो केवल ज्ञान-प्राप्ति का पथ-प्रदर्शन ही करता है। वास्तव में पुस्तके गुरुओं की भी गुरु होती हैं। अच्छी पुस्तकों को हम अपनी हितैषी* मान सकते हैं। ज्ञान-प्राप्ति और बुद्धि के विकास के लिए विभिन्न प्रकार की पुस्तकों का अध्ययन आवश्यक है। कार्लाइल का कथन है कि ‘मानव-जाति ने जो कुछ किया, सोचा और पाया है, वह पुस्तकों के जादू भरे पृष्ठों में सुरक्षित है।’

बालक में जीवन-शक्ति और इच्छा शक्ति दोनों होती हैं। जीवन में कुछ बनने की और कुछ प्राप्त करने की हर बच्चे के मन में अभिलाषा होती है। अच्छी पुस्तकों के अध्ययन से बालक का सही मार्गदर्शन होता है। जीवन में सफलता के उच्चतम सोपान पर पहुँचने के लिए महापुरुषों, वैज्ञानिकों, साहित्यकारों एवं अन्य उच्च पद पर आसीन होने वाले व्यक्तियों की जीवनियों और आत्मकथाओं का अध्ययन करना श्रेयस्कर होता है। इनके अध्ययन से हमारे व्यक्तित्व का विकास होता है।

पुस्तकें पढ़ने से हमें पता चलता है कि हमें प्रकृति से भी प्रेम करना चाहिए और अपने आसपास के पेड़-पौधों और पशु-पक्षियों के जीवन की गतिविधियों पर ध्यान रखना चाहिए। बचपन से ही प्रकृति-प्रेमी जगदीशचन्द्र बसु लहराते पौधों को, मुस्कराती पत्तियों को मुग्धभाव से टकटकी लगाकर देखते और सोचते तथा प्रश्न करते कि आख़िर इन निर्जीव पदार्थों में गति कैसे आ गई? निरन्तर अध्ययन से एक दिन उनकी जिज्ञासा शांत हो ही गई और कल्पना साकार हो गई। उन्होंने प्रमाणित कर दिया कि पेड़-पौधे निर्जीव नहीं हैं बल्कि उनमें भी जीवन है, स्पन्दन है, गति है और संवेदना है।

अत: उन्नति के लिए आवश्यक है स्वयं को पहचानना और स्वयं को पहचानने के लिए पुस्तकों जैसा अच्छा मित्र और मार्गदर्शक कोई दूसरा हो ही नहीं सकता। एक अंग्रेज़ विद्वान की उक्ति है-‘सच्चे मित्रों के चुनाव के पश्चात् सर्वप्रथम एवं प्रधान आवश्यकता है, उत्कृष्ट पुस्तकों का चुनाव। जो पुस्तकें हमें अधिक विचारने को बाध्य करती हैं, वे ही हमारी सबसे बड़ी सहायक हैं।’

पुस्तकें जहाँ एक ओर मनुष्य के व्यक्तित्व में एक नवीन निखार उत्पन्न करती हैं, वहीं दूसरी ओर बुढ़ापे की लाठी भी हैं। ये मनुष्य को सच्चा सुख और शान्ति प्रदान करती हैं। थामस ए. कम्पिस ने एक बार कहा था, “मैंने प्रत्येक स्थान पर विश्राम खोजा, किन्तु वह एकान्त कोने में बैठकर पुस्तकें पढ़ने के अतिरिक्त कहीं प्राप्त न हो सका।” पुस्तकें किसी देश की अमर निधि होती हैं। किसी जाति के उत्कर्ष (उत्थान) तथा अपकर्ष (पतन) का पता उसके साहित्य से चलता है।

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विचारों के युग में पुस्तकें ही अस्त्र हैं। पुस्तकों में निहित विचार सम्पूर्ण समाज की काया पलट देते हैं। आज का संसार विचारों का संसार है। समाज में जब भी कोई परिवर्तन आता है अथवा क्रान्ति उपस्थित होती है उसके मूल में कोई विचारधारा ही होती है। श्रेष्ठ पुस्तकें समाज में नवचेतना का संचार करती हैं तथा समाज में जागृति लाने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं। हिन्दी साहित्य के अमर कथाकार मुंशी प्रेमचन्द जी ने अपनी कहानियों तथा उपन्यासों के माध्यम से भारतीय किसान की दीन-हीन स्थिति का चित्रण कर भारतीयों के हृदय में उनके प्रति सहानुभूति की भावना जागृत करने में बड़ा योगदान दिया।

पुस्तकें पढ़ना समय का श्रेष्ठ उपयोग तथा उत्तम कोटि का मनोरंजन है। विद्यार्थियों के लिए परीक्षा देने के बाद आगामी पढ़ाई तक समय बिताने का सर्वश्रेष्ठ साधन है-पुस्तकें।

अन्त में, निराशा के क्षणों को दूर करने के लिए हम पुस्तकों के घने काले अक्षरों में अपने मार्ग को तलाशते हैं। पुस्तकें हमारी डगमगाती नौका की सशक्त पतवार हैं क्योंकि ये ज्ञान की वृद्धि और मनोरंजन का साधन ही नहीं बल्कि मनुष्य की सच्ची मित्र हैं, सद्गुरु और जीवन-पथ की संरक्षिका हैं।

Frequently Asked Questions

उत्तर: जोहान्स गुटेनबर्ग

उत्तर: कैक्सटन हिमसेल्फ

दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा लेख पुस्तक पर निबंध (Essay writing on Book) पढ़ कर अच्छा लगा होगा और आपके सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए होगें। यदि आपको यह लेख अच्छा लगा हो इससे आपको कुछ सीखने को मिला हो तो आप अपनी प्रसन्नता और उत्सुकता को दर्शाने के लिए कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook , Google+, Twitter इत्यादि पर Share कीजिए।

इन्हें भी पढ़ें : 

  • मुद्रा क्या है? इसके कार्य,प्रकार और विशेषताएँ क्या है?
  • विश्व बैंक क्या है? इसके उद्देश्य और कार्य क्या-क्या है?
  • साख क्या है? इसके प्रकार तथा लाभ-हानि क्या है?

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पुस्तक पर निबंध – Pustak Par Nibandh In Hindi

Pustak Par Nibandh In Hindi / Essay On Book In Hindi – किताब दुनिया की वो बहुमूल्य चीज है जिससे हमें ज्ञान प्राप्त होता है। पुस्तकें हमारे नैतिक जीवन का आधार हैं।

अगर आप सोच रहे हैं कि पुस्तक पर निबंध कैसे लिखें? तो आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें। यहां हम पुस्तक पर निबंध हिंदी में (Book essay in Hindi) अलग-अलग शब्द सीमा में साझा कर रहे हैं।

ये Short and Long Essay On Book In Hindi निबंध सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए मददगार साबित होंगे।

Table of Contents

पुस्तक पर निबंध – Essay writing on Book / Pustak Par Nibandh

प्रस्तावना:

पुस्तक एक ऐसी वस्तु है, जो मनुष्य को ज्ञान देकर बुद्धि का विकास करती है। आज हमने जो कुछ भी ज्ञान प्राप्त किया है, वह अधिकतर पुस्तकों के माध्यम से ही प्राप्त किया है।

किताबों की दुनिया में कई तरह की किताबें होती हैं, जैसे कहानियां, कविताएं, नाटक, इतिहास, वैज्ञानिक किताबें, दर्शनशास्र की किताबें, धार्मिक किताबें और कई तरह की किताबें। इनमें से प्रत्येक पुस्तक हमें कुछ न कुछ सीख देती है।

किताब पढ़कर हमारी सोचने समझने की शक्ति को बढ़ाया जा सकता है। पुस्तकों के माध्यम से हम नवीनतम विचारों से परिचित हो सकते हैं। 

पुस्तक पर निबंध – 1 (300 शब्दों में)

पुस्तक एक ऐसी वस्तु है जिसमें विभिन्न प्रकार का ज्ञान समाहित होता है। जीवन में ज्ञान की आवश्यकता को पूरा करने के लिए आपको पुस्तकों का अध्ययन करने की आवश्यकता होती है।

चाहे जिज्ञासा की भूख मिटाना हो या किसी विषय की गहराई तक पहुंचना हो, ज्ञानवर्धक पुस्तकें इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। किताबों के पुस्तकालय में हमें कई ऐसे स्रोत मिलते हैं जिनसे हम अपने ज्ञान की सीमा में आगे बढ़ सकते हैं।

किताबों का इतिहास छपाई के उपकरणों के आविष्कार के बाद से नहीं बल्कि अति प्राचीन काल से है। वास्तव में प्राचीन काल में पुस्तकों को ज्ञानियों, पंडितों और महापुरुषों द्वारा हस्तलिखित किया जाता था।

किताबों से हमें बहुत कुछ सीखने और समझने का अवसर मिलता है। ऐसी कई पुस्तकें हैं जो हमें सभी बाधाओं से निपटने और हमारे भविष्य को मजबूत बनाने का ज्ञान देती हैं।

किताबें हमारे जीवन को संपूर्ण बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। हमारे देश में ऐसे कई महापुरुष हुए हैं जिन्होंने पुस्तकों से प्राप्त ज्ञान से अपने व्यक्तित्व में निखार लाया है। 

प्राचीन काल में पुस्तकें हाथ से लिखी जाती थीं, हालांकि आज बाजार में इन पुस्तकों की छपाई के लिए अनेक मुद्रण उपकरण उपलब्ध हैं। आज के आधुनिक समय में पुस्तकों की छपाई में काफी रचनात्मक विकास बहुत हुआ है।

दुनिया का बहुत सारा ज्ञान विभिन्न विषयों पर किताबों में उपलब्ध है और आप उस ज्ञान को अपने जीवन में आसानी से लागू कर सकते हैं। पुस्तकों में वह शक्ति है जो हमारे अंधकारमय जीवन को प्रकाश से भर सकती है।

जीवन में किताबों का होना अपने आप में एक अच्छी बात है जो किसी सच्चे मित्र से कम नहीं है।

Also read: डिजिटल इंडिया पर निबंध

पुस्तक पर निबंध – 2 (500 शब्दों में)

पुस्तकों का परिचय:

देखा जाए तो हमारे प्राचीन वेद और पुराण भी ग्रन्थों के रूप में पुस्तकों के होने का प्रमाण देते हैं, लेकिन उनका सही अर्थों में विकास कई वर्षों के बाद हुआ। हम विभिन्न प्रकार के ज्ञान को संग्रहित करने के लिए पुस्तकों का उपयोग करते हैं।

पहले के समय में लोग मौखिक रूप से शिक्षा ग्रहण करते थे। गुरु को जो ज्ञान अपने गुरुओं से मिलता था, वही ज्ञान वे अपने शिष्यों को देते थे और भविष्य में भी यही अभ्यास दोहराया जाता था। लेकिन शायद इस तरह ज्ञान बांटने की प्रक्रिया में कुछ ज्ञान तो छूट ही जाता होगा।

फिर कागज की खोज के बाद विद्यार्थी अपने गुरुकुल में सीखी हुई बातों को अपने हाथों से लिख लिया करते थे। 

किताबों का इतिहास:

कागज के आविष्कार के बाद लोगों ने लिखना शुरू किया और पहले किताबें हाथ से ही लिखी जाती थीं। 1440 में यूरोप में फ्रांस में प्रिंटिंग प्रेस की शुरुआत हुई और धीरे-धीरे यह पूरी दुनिया में प्रचलित हो गया। इसके बाद पुस्तकों का मुद्रित माध्यम समाज में तेजी से उपलब्ध होने लगा।

पुस्तकों का उपयोग:

किताबें बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी के लिए जरूरी होती हैं। बच्चे अपनी प्रारम्भिक शिक्षा को किताबों के माध्यम से उच्च शिक्षा तक ले जाते हैं, वहीं बड़े-बूढ़े इसका प्रयोग मनोरंजन के साधन के रूप में या धार्मिक कार्यों की पूर्ति के लिए करते हैं। यानी किताबें हर वर्ग और उम्र में जरूरी हैं।

आजकल दो प्रमुख प्रकारों में पुस्तकें उपलब्ध हैं, जैसे ऑनलाइन और ऑफलाइन। वे पुस्तकें जिन्हें आप अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर पढ़ सकते हैं, ऑनलाइन पुस्तकें कहलाती हैं। ये बेहतरीन और पर्यावरण के अनुकूल किताबें होती हैं और आप इन्हें अपने फोन, टैबलेट, लैपटॉप या कंप्यूटर पर आराम से पढ़ सकते हैं।

ऑनलाइन किताबों को कहीं भी ले जाना बहुत आसान है और उनके फटने और कीड़े लगने का खतरा भी नहीं रहता। 

दूसरा प्रकार है कागज से बनी छपी हुई किताबें यानी ऑफलाइन किताबें जिन्हें हम परंपरागत रूप से अक्सर अपने स्कूलों, पुस्तकालयों और घरों में देखते आए हैं। इनके भी अपने फायदे हैं, जैसे कि किताब का पाठक अगर किसी महत्वपूर्ण बिंदु को चिन्हित करना चाहता है, तो वह पढ़ते समय उस पर निशान लगा सकता है और कुछ लिख भी सकता है।

किताबें ज्ञान का साधन होने के साथ-साथ मनोरंजन का माध्यम भी होते हैं। किताबों से हम अपने जीवन में नई खुशियां पा सकते हैं।

पुस्तकों का महत्व:

अगर किसी के जीवन में किताबों की सबसे ज्यादा अहमियत है तो वो है विद्यार्थी। छात्र का उज्ज्वल भविष्य पूरी तरह से किताबों में ही होता है। ये पुस्तकें छात्र को उसके जीवन का उद्देश्य प्रदान करती हैं और उसे एक सफल और महान व्यक्ति बनने में भी मदद करती हैं।

पुस्तकों के लाभ:

किताबें हमेशा हमें हर हाल में फायदा पहुंचाती हैं, ये हमें कभी कोई नुकसान नहीं पहुंचाती हैं। किताबें इंसान के लिए कई तरह से फायदेमंद साबित होती हैं। पुस्तकें पढ़कर मनुष्य कभी अकेलापन महसूस नहीं करता और न ही वह निराशा का शिकार होता है।

किताबें पढ़ने वाला व्यक्ति मानसिक रूप से काफी मजबूत होता है। यह मनुष्य को एक समझदार और आदर्शवादी व्यक्ति बनाने में मदद करती है।

इन किताबों से हम पूरी जिंदगी जीना सीख सकते हैं। यह मनुष्य को उसके लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करती है और उसे एक बेहतर इंसान बनाती है।

पुस्तकों से हम अपने जीवन की सही दिशा प्राप्त कर सकते हैं। किताबों से हम अपने मन की शांति और चेतना को भी बढ़ा सकते हैं।

पुस्तकें पढ़ने से हमारे व्यक्तित्व का विकास भी संभव है। किताबों से हम अपने जीवन का उद्देश्य और लक्ष्य जान सकते हैं।

किताब हमारे जीवन का एक ऐसा आधार है, जो हमें अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करती है। किताबों के माध्यम से हम अपनी सफलता की ओर और भी आगे बढ़ सकते हैं।

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि पुस्तकें आपकी अच्छी साथी हैं। इनका विकास समय के अनुसार होता रहा और इसमें दिन-ब-दिन नए-नए विकास हो रहे हैं, जैसे अब आप ऑनलाइन भी किताब पढ़ सकते हैं। अब सारा साहित्य ऑनलाइन उपलब्ध है और आप आराम से पढ़ सकते हैं। इनकी खासियत है कि ये खराब नहीं होते और इन्हें आसानी से आपके फोन में भी सुरक्षित रखा जा सकता है.

पुस्तक को पढ़कर हम अपने जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं। किताब हमारे जीवन का अहम हिस्सा है, जो हमें जीवन के प्रति समर्पित होने की प्रेरणा देती है।

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पुस्तक पर निबंध – 3 (800 शब्दों में)

जीवन में किताबों का होना बहुत जरूरी है क्योंकि अगर आपके पास ज्ञानवर्धक किताब जैसा हथियार हो तो आप उसके ज्ञान से दुनिया की कोई भी लड़ाई जीत सकते हैं। किताबें कई तरह की होती हैं जिनमें कई अलग-अलग विषय होते हैं।

पुस्तक का महत्व:

हम सबसे पहले स्कूल में किताबें पढ़ते हैं जहां हमें पहली बार किताबों के बारे में बताया जाता है। पुस्तकें हमारे जीवन में एक सच्चे मित्र की भूमिका निभाती हैं।

पुस्तकों में ज्ञान का अथाह भंडार होता है जिसे हम देख और प्राप्त कर सकते हैं। किसी भी तरह का ज्ञान या किसी भी चीज के बारे में सीखने के लिए किताबें सबसे अच्छा विकल्प साबित होती हैं।

किताबें हर उम्र के लोगों के लिए उपयोगी होती हैं, चाहे वे युवा हों या वयस्क या बुजुर्ग। हम जीवन भर उनसे सीखते रहते हैं और उन्हें विरासत के रूप में सहेज कर भी रखते हैं।

पुस्तकें हमारे जीवन का आधार हैं और प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में कभी न कभी उन्हें अपना साथी बनाना ही पड़ता है। पुस्तकें हमारे लिए मार्गदर्शक भी सिद्ध होती हैं, जिनकी सहायता से जीवन को एक सही दिशा दी जा सकती है।

कई बार किताबें हमारी सबसे अच्छी दोस्त भी होती हैं, जो हमें वर्णमाला से लेकर जीवन के कठिन सवालों के जवाब आसानी से दे देती हैं। हम किताबों से नए नए विषयों के बारे में जान सकते हैं।

पुस्तकों से ज्ञान प्राप्त होता है:

विषय-आधारित कई प्रकार की पुस्तकें होती हैं। आप किस तरह की किताब पढ़ना पसंद करते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस विषय में अधिक रुचि रखते हैं। 

किताबों में धार्मिक, ऐतिहासिक, चिकित्सा, व्यवसाय आधारित किताबें या हास्य और मनोरंजन से जुड़ी किताबें और कई अन्य विषय भी शामिल हो सकते हैं।

किताबें सिर्फ ज्ञान ही नहीं देतीं बल्कि आपके व्यक्तित्व को भी दर्शाती हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप हास्य और कविताओं से संबंधित पुस्तकें पढ़ना पसंद करते हैं, तो इसका सीधा सा अर्थ है कि आप बहुत ही शांत व्यक्तित्व के धनी हैं।

अगर आप भयप्रद और डरावनी कहानियों की किताबें पढ़ना पसंद करते हैं, तो इसका सीधा सा मतलब है कि आप हमेशा कुछ नया जानने के लिए उत्सुक रहते हैं।

किसी भी पुस्तक प्रेमी व्यक्ति के लिए पुस्तक को पढ़ने और समझने से पहले उसके इतिहास को समझना आवश्यक है। किताबों के इतिहास की बात करें तो किताबों का इतिहास बहुत प्राचीन है। 

प्राचीन समय में किताबें नहीं होती थीं और तब शिक्षक बच्चों को कंठस्थ कर हर बात पढ़ाते थे। लेकिन पुस्तक के आविष्कार के बाद लोगों ने पुस्तकों के माध्यम से ज्ञान को एक युग से दूसरे युग में स्थानांतरित करना शुरू कर दिया।

आज की किताबों की कहानी पन्नों की छपाई से शुरू हुई और आज किताबों के भंडार के साथ आगे बढ़ रही है।

उपकरणों से छपी किताबों का इतिहास मध्यकाल से जुड़ा है। आधुनिक मशीनों से किताबों की पहली छपाई 1440 में फ्रांस के प्रिंटिंग प्रेस से शुरू हुई। इस विकास के बाद पुस्तकों का प्रचार और प्रसार पूरे विश्व में फैल गया।

इन उपकरणों से छपी पुस्तकों को सबसे पहले फ्रांस में पढ़ा और लिखा गया और फिर पृथ्वी के कोने-कोने में फैलाया गया। इस घटना के 15 साल बाद 1455 में पहली बार बाइबिल की छपाई की गई थी। 

मुद्रित पुस्तकों के आने के बाद ज्ञान के आदान-प्रदान में अभूतपूर्व क्रांति हुई, जो मानव विकास के लिए बहुत निर्णायक सिद्ध हुई।

पुस्तकों के प्रकार:

कई तरह की किताबें अस्तित्व में हैं जिनके बारे में शायद ही हर कोई जानता हो। हमारे स्कूल से लेकर कॉलेज तक हम कई तरह की किताबें पढ़ते हैं, लेकिन इन सबके अलावा भी दुनिया में अलग-अलग तरह की किताबें पढ़ी जाती हैं।

पुस्तकें कई प्रकार की होती हैं, हमें उनके बारे में अवश्य ही जानना और समझना चाहिए –

  • ऐतिहासिक पुस्तकें
  • परी कथाओं, दंतकथाओं और लोक कथाओं पर आधारित पुस्तकें
  • लघु कहानियों की किताबें
  • निबंध पुस्तकें
  • आत्मकथा और संस्मरण पुस्तकें
  • जीवनी किताबें
  • साहसिक कहानियों की किताबें
  • अपराध आधारित पुस्तकें
  • डरावनी किताबें
  • हास्य और व्यंग्य पर आधारित पुस्तकें
  • साहित्यिक कथा पुस्तकें
  • रहस्य किताबें
  • काव्य पुस्तकें
  • नाटक लेखन पुस्तकें
  • साइंस फिक्शन किताबें
  • रोमांटिक किताबें
  • युद्ध पर आधारित पुस्तकें

इन सबके अलावा और भी कई विषयों पर आधारित किताबें पूरी दुनिया में पढ़ी जाती हैं।

जीवन पर पुस्तकों का प्रभाव:

पुस्तक, जो हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, हमारे जीवन की शिखर उपलब्धियों में से एक है। ये हमारे ज्ञान और प्रतिभा का स्तोत्र है।

किताब हमारे दिमाग की शक्ति को बढ़ाने में मदद करती है। किताब पढ़ने से हमारे दिमाग का विकास होता है और हमारी सोचने समझने की शक्ति बढ़ती है।

किताबें ज्ञान का भंडार होती हैं और उनका मार्गदर्शन आपके जीवन में कई बदलाव ला सकता है। किताब आपको कभी धोखा नहीं देती और हमेशा आपका ज्ञान बढ़ाती है।

आप किताबों से रोचक कहानियां, स्वास्थ्य की जानकारी, देश-दुनिया में हो रही गतिविधियों, कुछ नया कैसे सीखें आदि के बारे में आसानी से जान सकते हैं।

पुस्तकें पढ़ना व्यक्तित्व विकास की दृष्टि से भी एक अच्छी आदत है और हम सभी को इन्हें अवश्य पढ़ना चाहिए।

हमारे इतिहास में कई महापुरुष हुए हैं और हम उनके कथनों और ज्ञानपूर्ण वचनों को पुस्तकों के माध्यम से आसानी से पढ़ सकते हैं और उन्हें अपने जीवन में आत्मसात कर सकते हैं।

जैसे नेताजी सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गांधी आदि महापुरुष जो आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके विचार साहित्य लेखन के रूप में आज भी जीवित हैं।

किताबें हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और उन्हें हमारा सच्चा मार्गदर्शक कहा जाता है। वे हर क्षेत्र में हमरा मार्गदर्शन करती हैं और बदले में हमसे कुछ भी नहीं लेती है। जीवन में अच्छा ज्ञान प्राप्त करने के लिए अच्छी पुस्तकें पढ़ना भी आवश्यक है।

पुस्तकों के आविष्कार के कारण ही हम अपने इतिहास का ज्ञान एकत्रित कर पाए हैं। शब्द भले ही कम पड़ जाएं, लेकिन किताबों की उपयोगिता कभी कम नहीं होगी।

पुस्तकों से हम अपने जीवन को बेहतर बनाने की चेतना प्राप्त कर सकते हैं। किताबें हमारे जीवन का ऐसा आधार हैं कि हमें उन्हें कभी छोड़ने की जरूरत नहीं पड़ती।

हम अपने जीवन के सवालों का समाधान भी किताबों से ढूंढ सकते हैं।

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पुस्तक पर 10 पंक्तियां हिंदी में (10 Lines on Book in Hindi)

  • किताब दुनिया की वो बहुमूल्य चीज है जिससे हमें ज्ञान प्राप्त होता है। 
  • पुस्तक एक ऐसी वस्तु है, जो मनुष्य को ज्ञान देकर बुद्धि का विकास करती है। 
  • किताब पढ़कर हमारी सोचने समझने की शक्ति को बढ़ाया जा सकता है।
  • किताबें हमारे जीवन को संपूर्ण बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
  • पुस्तकों में वह शक्ति है जो हमारे अंधकारमय जीवन को प्रकाश से भर सकती है।
  • कागज के आविष्कार के बाद लोगों ने लिखना शुरू किया और पहले किताबें हाथ से ही लिखी जाती थीं।
  • आधुनिक मशीनों से किताबों की पहली छपाई 1440 में फ्रांस के प्रिंटिंग प्रेस से शुरू हुई।
  • आजकल दो प्रमुख प्रकारों में पुस्तकें उपलब्ध हैं, जैसे ऑनलाइन और ऑफलाइन।
  • किताब पढ़ने से हमारे दिमाग का विकास होता है और हमारी सोचने समझने की शक्ति बढ़ती है।
  • किताबें हमारे जीवन का ऐसा आधार हैं कि हमें उन्हें कभी छोड़ने की जरूरत नहीं पड़ती।

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मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध 10 lines (My Favourite Book Essay in hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे

hindi essay on book

My Favourite Book Essay in Hindi – किताबें मानवता के सबसे महत्वपूर्ण आविष्कारों में से एक हैं। वे हमारे सबसे अच्छे दोस्त हैं और उनकी जगह कोई और नहीं ले सकता। किताबें हमें ज्ञान, खुशी और हमारे आसपास की दुनिया में गहरी अंतर्दृष्टि देती हैं। वे हमारे प्रेरणा और प्रेरणा के स्रोत हैं।

मार्क ट्वेन ने ठीक ही कहा था, “अच्छे दोस्त, अच्छी किताबें और एक नींद में डूबा विवेक: यही आदर्श जीवन है।” एक पूर्ण और संतोषजनक जीवन सुनिश्चित करने के लिए पुस्तकों को अवश्य पढ़ें। किसी व्यक्ति के लिए किताबें पढ़ना उतना ही जरूरी है जितना कि दोस्त बनाना और मेलजोल बढ़ाना। जब किताबों की बात आती है तो लोगों के अलग-अलग स्वाद होते हैं। जबकि कुछ को अपराध शैली पसंद हो सकती है, दूसरों को रोमांस पसंद हो सकता है, जबकि अन्य विज्ञान कथाओं पर अड़े हो सकते हैं। जब किताबों की बात आती है तो लोग व्यक्तिगत पसंदीदा होते हैं।

किताबें सबसे अच्छी दोस्त, साथी और शिक्षक होती हैं। वे हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमें एक आंतरिक दृष्टि और एक गहरी अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। वे हमारे अनुभव को समृद्ध करते हैं और हमारी बुद्धि को तेज करते हैं। वे हमें दूसरे लोगों के कंधों पर खड़े होने और दुनिया को एक उच्च दृष्टिकोण से देखने का अवसर देते हैं।

मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध 10 पंक्तियाँ (My Favourite Book Essay 10 Lines in Hindi)100 – 150 Words

  • 1) किताबें ज्ञान का कभी न खत्म होने वाला स्रोत हैं।
  • 2) मुझे भक्ति पुस्तकें पढ़ना अच्छा लगता है।
  • 3) मेरी पसंदीदा पुस्तक जो मुझे प्रेरित करती है वह है “रामचरितमानस”।
  • 4) इस ग्रंथ में भगवान राम के चरित्रों की विस्तार से चर्चा की गई है।
  • 5) मेरी दादी हमेशा मुझे भगवान राम की कहानी सुनाती हैं जो मुझे इस किताब को पढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
  • 6) यह पुस्तक हमें बहुत सी अच्छी बातें सिखाती है।
  • 7) इस पुस्तक में वर्णित सुख और दुख के क्षण मेरे रोंगटे खड़े कर देते हैं।
  • 8) यह पुस्तक मुझे भगवान राम के पदचिन्हों पर चलने की प्रेरणा देती है।
  • 9) यह पुस्तक हर हिंदू के दिल में बहुत महत्व रखती है।
  • 10) रामचरितमानस पढ़ने से मुझे हर बार सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

इनके बारे मे भी जाने

  • Technology Essay
  • Unsung Heroes Of Freedom Struggle Essay
  • Water Conservation Essay
  • Beti Bachao Beti Padhao Essay
  • Dowry System Essay

मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध 200 शब्दों मे (Essay on My Favourite Book 200 words in Hindi)

‘मेरी पसंदीदा किताब – भ्रम का महल’

मैंने कई किताबें पढ़ी हैं। हालांकि, किसी ने भ्रम के महल के रूप में मेरी रुचि को आकर्षित नहीं किया है। चित्रा बनर्जी दिवाकरुनी किताब लिखती हैं। 1956 में जन्मी चित्रा एक प्रसिद्ध भारतीय अमेरिकी लेखिका और कवि हैं। कलकत्ता विश्वविद्यालय और राइट स्टेट यूनिवर्सिटी, संयुक्त राज्य अमेरिका की पूर्व छात्रा चित्रा ने पीएच.डी. कैलिफोर्निया से अंग्रेजी में।

उनकी पुस्तक, द पैलेस ऑफ इल्यूशन्स, महाभारत की महाकाव्य कहानी से पांचाली की कहानी बताती है। चित्रा ने अपनी कथावाचक पांचाली के माध्यम से इस महाकाव्य गाथा की नारीवादी व्याख्या की है। उपन्यास पांचाली के जीवन पर केंद्रित है। इसमें उनके जीवन के उन पहलुओं को शामिल किया गया है जो महाभारत के अन्य रूपांतरणों में छूट गए थे। यह पंचाली के जन्म के समय से उसके जीवन का विस्तृत विवरण देती है। उनका जन्म किसी चमत्कार से कम नहीं था। वह जादुई रूप से आग में पैदा हुई थी।

पांचाली एक धनी राजा की बेटी थी। उसने पांचों पांडवों से विवाह किया। उसकी शादी के बाद उपन्यास में उसकी कठिनाइयों को विस्तार से लिखा गया है। निर्वासन में रहने की चुनौतियाँ, अपने पति और सास के साथ उसका रिश्ता, और भगवान कृष्ण के साथ उसके समीकरण सभी को उपन्यास में शामिल किया गया है।

पांचाली एक करिश्माई और साहसी चरित्र है। मुझे उसके बारे में पढ़ना अच्छा लगा। चित्रा ने चरित्र को चित्रित किया है और घटनाओं को भी बहुत अच्छी तरह से चित्रित किया है।

मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध 250 शब्दों मे (Essay on My Favourite Book 250 words in Hindi)

किताबें हमारी सबसे अच्छी दोस्त होने के नाते हमें पूरी दुनिया के बारे में ज्ञान प्रदान करती हैं। मैंने कई किताबें पढ़ी हैं। उनमें से कुछ मेरे पाठ्यक्रम की पुस्तकें हैं और कुछ कहानी की पुस्तकें हैं जो मेरे माता-पिता ने मेरे लिए खरीदी हैं।

मेरी पसंदीदा पुस्तक

मेरी पसंदीदा किताब पंचतंत्र है। इसे विष्णु शर्मा ने लिखा है। पुस्तक में अनेक कहानियों का संग्रह है। लेखक ने पशुओं के क्रियाकलापों द्वारा जीवन का नैतिक ज्ञान देने का प्रयास किया है। मुझे कहानियों की किताबें पढ़ने का बहुत शौक है और इस किताब ने मुझे अलग-अलग तरह की कहानियाँ उपलब्ध कराईं।

सारस और केकड़े की कहानी केकड़े के मन और बुद्धि की उपस्थिति को दर्शाती है। जब वह बूढ़ा हो गया तो सारस अपने भोजन की तलाश नहीं कर सका और इसलिए उसने एक योजना बनाई। वह तालाब के पास उदास और उदास खड़ा था और जब मछली और केकड़े ने उसकी उदासी का कारण पूछा, तो उसने एक झूठी कहानी बना दी कि तालाब में लोग फसल उगाने के लिए आबाद होंगे। उसकी कहानी से सभी मछलियाँ, मेंढक और केकड़े कायल हो गए। बाद में जब सारस द्वारा केकड़े को मारकर खाने की बात आई तो स्थिति उलट गई। केकड़े ने अपनी बुद्धि का उपयोग किया और सारस के असली मकसद का अनुमान लगा लिया। वह सारस को मारकर फरार हो गया।

पुस्तक में बंदर और मगरमच्छ, हाथी और चूहे, वफादार नेवले आदि जैसी कई कहानियाँ हैं। पुस्तक में कई कहानियाँ हैं और वे दोस्ती, साहस, बुद्धिमत्ता, मन की उपस्थिति और एकता जैसे गुणों पर ध्यान केंद्रित करती हैं।

पंचतंत्र मेरी पसंदीदा कहानियों की किताबों में से एक है। इस किताब को पहली बार पढ़कर मुझे बहुत खुशी हुई। कहानियाँ आकर्षक होने के साथ-साथ हमें जीवन की कुछ नैतिकताएँ भी सिखाती हैं।

मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध 300 शब्दों मे (Essay on My Favourite Book 300 words in Hindi)

‘मेरी पसंदीदा किताब – 2 स्टेट्स बाय चेतन भगत’.

My Favourite Book Essay in Hindi – मुझे रोमांस उपन्यास पढ़ना बहुत पसंद है और मैंने अब तक जो सबसे अच्छा पढ़ा है, वह चेतन भगत द्वारा लिखित 2 स्टेट्स है। मुझे इस उपन्यास के केंद्रीय पात्र पसंद हैं और उनके बीच प्यार कैसे विकसित होता है। उपन्यास को आंशिक रूप से आत्मकथात्मक कहा जाता है। भगत की अपनी प्रेम कहानी ने उन्हें यह पुस्तक लिखने के लिए प्रेरित किया। इस पुस्तक को जनता ने इतना पसंद किया कि इसे एक फिल्म में भी रूपांतरित किया गया।

दो राज्यों की दिलचस्प कहानी

कहानी एक युवा पंजाबी लड़के, कृष और एक खूबसूरत दक्षिण भारतीय लड़की, अनन्या की है। दोनों आईआईएम अहमदाबाद में पढ़ते हैं। वे अच्छे दोस्त बन जाते हैं और साथ में काफी वक्त बिताते हैं। जल्द ही एक दूसरे के प्यार में पड़ जाते हैं। वे शादी करना चाहते हैं लेकिन आगे आने वाली मुश्किलों को नहीं देख सकते। समस्या तब शुरू होती है जब वे अपने माता-पिता को एक-दूसरे से मिलवाते हैं।

दोनों परिवार अलग-अलग सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से हैं और साथ रहना मुश्किल है। कृष और अनन्या स्थिति को शांत करने और दोनों के बीच एक बंधन स्थापित करने की बहुत कोशिश करते हैं। हालाँकि, चीजें हाथ से निकल जाती हैं, और वे अलग होने का फैसला करते हैं। वे अपने संबंधित करियर पर ध्यान देना शुरू करते हैं, लेकिन यह कठिन है। उनके लिए एक-दूसरे को भूलना मुश्किल होता है। अंत में, चीजें अच्छे के लिए एक मोड़ लेती हैं, और वे फिर से मिल जाते हैं।

मुझे कृष और अनन्या के बीच गहरा बंधन पसंद है। इन किरदारों को चेतन भगत ने जीवंत किया है। वे सिर्फ एक दूसरे के लिए बने लगते हैं। कहानी के अन्य किरदार भी काफी मजबूत और मनमौजी हैं। उनमें से प्रत्येक के बारे में पढ़ना दिलचस्प है।

मुझे यह किताब बहुत पसंद है। मैंने इसे तीन बार पढ़ा है और इसे बार-बार पढ़ सकता हूं। इस कहानी के पात्र इतने वास्तविक लगते हैं कि जब भी मैं इस किताब को पढ़ता हूं तो हर बार उनके साथ रहने लगता हूं। मैंने इस पुस्तक पर आधारित फिल्म भी देखी है और इसका पूरा आनंद लिया है।

मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध 500 शब्दों मे (Essay on My Favourite Book 500 words in Hindi)

मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध: किताबें वो दोस्त होती हैं जो आपका साथ कभी नहीं छोड़तीं। मुझे यह कहावत बहुत सच लगती है क्योंकि किताबें हमेशा मेरे साथ रही हैं। मुझे किताबें पढ़ना अच्छा लगता है। उनके पास हमारे स्थानों से हिले बिना दुनिया की यात्रा करने में हमारी मदद करने की शक्ति है। इसके अलावा किताबें हमारी कल्पना शक्ति को भी बढ़ाती हैं। बड़े होकर मेरे माता-पिता और शिक्षकों ने हमेशा मुझे पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने मुझे पढ़ने का महत्व सिखाया। इसके बाद मैंने कई किताबें पढ़ी हैं। हालांकि, एक बूम जो हमेशा मेरा पसंदीदा रहेगा वह हैरी पॉटर है। यह मेरे जीवन के सबसे पेचीदा पठन में से एक है। मैंने इस श्रृंखला की सभी पुस्तकें पढ़ी हैं, फिर भी मैं उन्हें फिर से पढ़ता हूँ क्योंकि मैं इससे कभी ऊबता नहीं हूँ।

हैरी पॉटर सीरीज

हैरी पॉटर हमारी पीढ़ी के सबसे प्रतिष्ठित लेखकों में से एक जेके राउलिंग द्वारा लिखी गई पुस्तकों की एक श्रृंखला थी। ये पुस्तकें विज़ार्डिंग दुनिया और उसके कामकाज का प्रदर्शन करती हैं। जेके राउलिंग इस दुनिया की एक तस्वीर बुनने में इतनी सफल रही हैं, कि यह वास्तविक लगती है। हालाँकि इस श्रंखला में सात पुस्तकें हैं, फिर भी मेरी एक विशेष पसंद है। श्रृंखला की मेरी पसंदीदा पुस्तक द गॉब्लेट ऑफ फायर है।

जब मैंने किताब पढ़ना शुरू किया, तो इसने तुरंत मेरा ध्यान खींचा। हालाँकि मैंने पिछले सभी भागों को पढ़ लिया था, फिर भी किसी भी किताब ने मेरा ध्यान इस तरह नहीं खींचा जैसा कि इस ने खींचा। इसने विजार्डिंग दुनिया में एक बड़ा परिप्रेक्ष्य दिया। इस पुस्तक के बारे में जो चीजें मुझे सबसे ज्यादा उत्साहित करती हैं, उनमें से एक है अन्य जादूगर स्कूलों का परिचय। ट्राई-विजार्ड टूर्नामेंट की अवधारणा हैरी पॉटर श्रृंखला में मेरे सामने आए सबसे शानदार टुकड़ों में से एक है।

इसके अलावा, इस किताब में मेरे कुछ पसंदीदा किरदार भी शामिल हैं। जिस क्षण मैंने विक्टर क्रुम की प्रविष्टि के बारे में पढ़ा, मैं चकित रह गया। राउलिंग द्वारा वर्णित उस चरित्र की आभा और व्यक्तित्व बस शानदार है। इसके अलावा, इसने मुझे श्रृंखला का एक बड़ा प्रशंसक बना दिया।

हैरी पॉटर सीरीज ने मुझे क्या सिखाया? (What Harry Potter Series Taught Me?)

भले ही किताबें जादूगरों और जादू की दुनिया के बारे में हैं, हैरी पॉटर श्रृंखला में युवाओं के सीखने के लिए बहुत कुछ है। सबसे पहले, यह हमें दोस्ती का महत्व सिखाता है। मैंने कई किताबें पढ़ी हैं लेकिन हैरी, हर्मोइन और रॉन जैसी दोस्ती कभी नहीं देखी। ये तीनों मस्किटियर पूरी किताबों में एक साथ रहे और कभी हार नहीं मानी। इसने मुझे एक अच्छे दोस्त का मूल्य सिखाया।

इसके अलावा, हैरी पॉटर की श्रृंखला ने मुझे सिखाया कि कोई भी पूर्ण नहीं है। सबके अंदर अच्छाई और बुराई होती है। हम वही हैं जो चुनते हैं कि हम क्या बनना चाहते हैं। इससे मुझे बेहतर चुनाव करने और एक बेहतर इंसान बनने में मदद मिली। हम देखते हैं कि स्नेप जैसे सबसे दोषपूर्ण चरित्रों में उनके अंदर कितनी अच्छाई थी। इसी तरह, डंबलडोर जैसे सबसे अच्छे लोगों में कुछ बुरे लक्षण कैसे थे। इसने लोगों के प्रति मेरे दृष्टिकोण को बदल दिया और मुझे अधिक विचारशील बना दिया।

आखिरकार, इन किताबों ने मुझे उम्मीद दी। उन्होंने मुझे आशा का अर्थ सिखाया और सुरंग के अंत में प्रकाश कैसे होता है। इसने मुझे सबसे हताश समय में उम्मीद पर टिके रहने की ताकत दी, ठीक वैसे ही जैसे हैरी ने अपने पूरे जीवन में किया। ये कुछ सबसे जरूरी चीजें हैं जो मैंने हैरी पॉटर से सीखी हैं।

अंत में, जबकि किताबों में कई फिल्में बनी थीं। पुस्तकों के सार और मौलिकता के सामने कुछ भी नहीं है। पुस्तकों के विवरण और समग्रता को किसी भी प्रकार के मीडिया द्वारा प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है। इसलिए, आग का प्याला मेरी पसंदीदा किताब बनी हुई है।

मेरी पसंदीदा पुस्तक निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्र.1 ग्रंथ का मूल शब्द क्या है.

उत्तर. Book शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी के पुराने शब्द ‘Boc’ से हुई है।

Q.2 भारत में पहली मुद्रित पुस्तक कौन सी थी?

उत्तर. कम्पेंडियो स्पिरिचुअल दा वीड क्रिस्टा भारत में छपी पहली किताब थी।

Q.3 दुनिया की पहली किताब का नाम क्या था?

उत्तर. दुनिया की पहली किताब का नाम गुटेनबर्ग बाइबिल है जो 1455 में यूरोप में छपी थी।

Q.4 सबसे पुरानी धार्मिक पुस्तक का नाम क्या है?

उत्तर. सबसे पुराने धार्मिक ग्रंथ का नाम ‘ऋग्वेद’ है।

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हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) - छात्र जीवन में विभिन्न विषयों पर हिंदी निबंध (essay in hindi) लिखने की आवश्यकता होती है। हिंदी निबंध लेखन (essay writing in hindi) के कई फायदे हैं। हिंदी निबंध से किसी विषय से जुड़ी जानकारी को व्यवस्थित रूप देना आ जाता है और विचारों को अभिव्यक्त करने का कौशल विकसित होता है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने की गतिविधि से इन विषयों पर छात्रों के ज्ञान के दायरे का विस्तार होता है जो कि शिक्षा के अहम उद्देश्यों में से एक है। हिंदी में निबंध या लेख लिखने से विषय के बारे में समालोचनात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है। साथ ही अच्छा हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने पर अंक भी अच्छे प्राप्त होते हैं। इसके अलावा हिंदी निबंध (hindi nibandh) किसी विषय से जुड़े आपके पूर्वाग्रहों को दूर कर सटीक जानकारी प्रदान करते हैं जिससे अज्ञानता की वजह से हम लोगों के सामने शर्मिंदा होने से बच जाते हैं।

आइए सबसे पहले जानते हैं कि हिंदी में निबंध की परिभाषा (definition of essay) क्या होती है?

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हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

कुछ सामान्य विषयों (common topics) पर जानकारी जुटाने में छात्रों की सहायता करने के उद्देश्य से हमने हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) तथा भाषणों के रूप में कई लेख तैयार किए हैं। स्कूली छात्रों (कक्षा 1 से 12 तक) एवं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में लगे विद्यार्थियों के लिए उपयोगी हिंदी निबंध (hindi nibandh), भाषण तथा कविता (useful essays, speeches and poems) से उनको बहुत मदद मिलेगी तथा उनके ज्ञान के दायरे में विस्तार होगा। ऐसे में यदि कभी परीक्षा में इससे संबंधित निबंध आ जाए या भाषण देना होगा, तो छात्र उन परिस्थितियों / प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन कर पाएँगे।

महत्वपूर्ण लेख :

  • 10वीं के बाद लोकप्रिय कोर्स
  • 12वीं के बाद लोकप्रिय कोर्स
  • क्या एनसीईआरटी पुस्तकें जेईई मेन की तैयारी के लिए काफी हैं?
  • कक्षा 9वीं से नीट की तैयारी कैसे करें

छात्र जीवन प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के सबसे सुनहरे समय में से एक होता है जिसमें उसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। वास्तव में जीवन की आपाधापी और चिंताओं से परे मस्ती से भरा छात्र जीवन ज्ञान अर्जित करने को समर्पित होता है। छात्र जीवन में अर्जित ज्ञान भावी जीवन तथा करियर के लिए सशक्त आधार तैयार करने का काम करता है। नींव जितनी अच्छी और मजबूत होगी उस पर तैयार होने वाला भवन भी उतना ही मजबूत होगा और जीवन उतना ही सुखद और चिंतारहित होगा। इसे देखते हुए स्कूलों में शिक्षक छात्रों को विषयों से संबंधित अकादमिक ज्ञान से लैस करने के साथ ही विभिन्न प्रकार की पाठ्येतर गतिविधियों के जरिए उनके ज्ञान के दायरे का विस्तार करने का प्रयास करते हैं। इन पाठ्येतर गतिविधियों में समय-समय पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) या लेख और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन करना शामिल है।

करियर संबंधी महत्वपूर्ण लेख :

  • डॉक्टर कैसे बनें?
  • सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बनें
  • इंजीनियर कैसे बन सकते हैं?

निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति ही निबंध है।

अन्य महत्वपूर्ण लेख :

  • हिंदी दिवस पर भाषण
  • हिंदी दिवस पर कविता
  • हिंदी पत्र लेखन

आइए अब जानते हैं कि निबंध के कितने अंग होते हैं और इन्हें किस प्रकार प्रभावपूर्ण ढंग से लिखकर आकर्षक बनाया जा सकता है। किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) के मोटे तौर पर तीन भाग होते हैं। ये हैं - प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार।

प्रस्तावना (भूमिका)- हिंदी निबंध के इस हिस्से में विषय से पाठकों का परिचय कराया जाता है। निबंध की भूमिका या प्रस्तावना, इसका बेहद अहम हिस्सा होती है। जितनी अच्छी भूमिका होगी पाठकों की रुचि भी निबंध में उतनी ही अधिक होगी। प्रस्तावना छोटी और सटीक होनी चाहिए ताकि पाठक संपूर्ण हिंदी लेख (hindi me lekh) पढ़ने को प्रेरित हों और जुड़ाव बना सकें।

विषय विस्तार- निबंध का यह मुख्य भाग होता है जिसमें विषय के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। इसमें इसके सभी संभव पहलुओं की जानकारी दी जाती है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) के इस हिस्से में अपने विचारों को सिलसिलेवार ढंग से लिखकर अभिव्यक्त करने की खूबी का प्रदर्शन करना होता है।

उपसंहार- निबंध का यह अंतिम भाग होता है, इसमें हिंदी निबंध (hindi nibandh) के विषय पर अपने विचारों का सार रखते हुए पाठक के सामने निष्कर्ष रखा जाता है।

ये भी देखें :

अग्निपथ योजना रजिस्ट्रेशन

अग्निपथ योजना एडमिट कार्ड

अग्निपथ योजना सिलेबस

अंत में यह जानना भी अत्यधिक आवश्यक है कि निबंध कितने प्रकार के होते हैं। मोटे तौर निबंध को निम्नलिखित श्रेणियों में रखा जाता है-

वर्णनात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है। इसमें त्योहार, यात्रा, आयोजन आदि पर लेखन शामिल है। इनमें घटनाओं का एक क्रम होता है और इस तरह के निबंध लिखने आसान होते हैं।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है। अक्सर ये किसी समस्या – सामाजिक, राजनीतिक या व्यक्तिगत- पर लिखे जाते हैं। विज्ञान वरदान या अभिशाप, राष्ट्रीय एकता की समस्या, बेरोजगारी की समस्या आदि ऐसे विषय हो सकते हैं। इन हिंदी निबंधों (hindi nibandh) में विषय के अच्छे-बुरे पहलुओं पर विचार व्यक्त किया जाता है और समस्या को दूर करने के उपाय भी सुझाए जाते हैं।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है। इनमें कल्पनाशीलता के लिए अधिक छूट होती है। भाव की प्रधानता के कारण इन निबंधों में लेखक की आत्मीयता झलकती है। मेरा प्रिय मित्र, यदि मैं डॉक्टर होता जैसे विषय इस श्रेणी में रखे जा सकते हैं।

इसके साथ ही विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

ये भी पढ़ें-

  • केंद्रीय विद्यालय एडमिशन
  • नवोदय कक्षा 6 प्रवेश
  • एनवीएस एडमिशन कक्षा 9

जिस प्रकार बातचीत को आकर्षक और प्रभावी बनाने के लिए लोग मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविताओं आदि की मदद लेते हैं, ठीक उसी तरह निबंध को भी प्रभावी बनाने के लिए इनकी सहायता ली जानी चाहिए। उदाहरण के लिए मित्रता पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखते समय तुलसीदास जी की इन पंक्तियों की मदद ले सकते हैं -

जे न मित्र दुख होंहि दुखारी, तिन्हिं बिलोकत पातक भारी।

यानि कि जो व्यक्ति मित्र के दुख से दुखी नहीं होता है, उनको देखने से बड़ा पाप होता है।

हिंदी या मातृभाषा पर निबंध लिखते समय भारतेंदु हरिश्चंद्र की पंक्तियों का प्रयोग करने से चार चाँद लग जाएगा-

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल

बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।

प्रासंगिकता और अपने विवेक के अनुसार लेखक निबंधों में ऐसी सामग्री का उपयोग निबंध को प्रभावी बनाने के लिए कर सकते हैं। इनका भंडार तैयार करने के लिए जब कभी कोई पंक्ति या उद्धरण अच्छा लगे, तो एकत्रित करते रहें और समय-समय पर इनको दोहराते रहें।

उपरोक्त सभी प्रारूपों का उपयोग कर छात्रों के लिए हमने निम्नलिखित हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) तैयार किए हैं -

योग के लाभ के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाता है। हमारे हिंदू धर्मग्रंथों में प्राचीन भारतीय योग पद्धति का जिक्र मिलता है। भारत वह देश है जहां योग ने सबसे पहले शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अनुशासन के रूप में लोकप्रियता हासिल की। यह "योज" से लिया गया है, जिसका संस्कृत में अर्थ है "एकजुट होना" और महर्षि पतंजलि को योग के प्रवर्तक के रूप में जाना जाता है। योग के महत्व और फायदों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए इसे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद, 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में निर्धारित किया गया है। इस कार्यक्रम में संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, कनाडा सहित 170 से अधिक देशों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। योग की महत्ता को देखते हुए दुनिया भर में योग के सकारात्मक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत हुई और यह हर साल 21 जून को मनाया जाता है।

15 अगस्त, 1947 को हमारा देश भारत 200 सालों के अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ था। यही वजह है कि यह दिन इतिहास में दर्ज हो गया तथा इसे भारत के स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा। इस दिन देश के प्रधानमंत्री लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते तो हैं ही और साथ ही इसके बाद वे पूरे देश को लालकिले से संबोधित भी करते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री का पूरा भाषण टीवी व रेडियो के माध्यम से पूरे देश में प्रसारित किया जाता है। इसके अलावा देश भर में इस दिन सभी कार्यालयों में छुट्टी होती है। स्कूल्स व कॉलेज में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस से संबंधित संपूर्ण जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी जो निश्चित तौर पर आपके लिए लेख लिखने में सहायक सिद्ध होगी।

सुभाष चंद्र बोस ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सुभाष चंद्र बोस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के नेता थे और बाद में उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया। इसके माध्यम से भारत में सभी ब्रिटिश विरोधी ताकतों को एकजुट करने की पहल की थी। बोस ब्रिटिश सरकार के मुखर आलोचक थे और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए और अधिक आक्रामक कार्रवाई की वकालत करते थे। विद्यार्थियों को अक्सर कक्षा और परीक्षा में सुभाष चंद्र बोस जयंती (subhash chandra bose jayanti) या सुभाष चंद्र बोस पर हिंदी में निबंध (subhash chandra bose essay in hindi) लिखने को कहा जाता है। यहां सुभाष चंद्र बोस पर 100, 200 और 500 शब्दों का निबंध दिया गया है।

भारत में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ। इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस के सम्मान में स्कूलों में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। गणतंत्र दिवस के दिन सभी स्कूलों, सरकारी व गैर सरकारी दफ्तरों में झंडोत्तोलन होता है। राष्ट्रगान गाया जाता है। मिठाईयां बांटी जाती है और अवकाश रहता है। छात्रों और बच्चों के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में गणतंत्र दिवस पर निबंध पढ़ें।

26 जनवरी, 1950 को हमारे देश का संविधान लागू किया गया, इसमें भारत को गणतांत्रिक व्यवस्था वाला देश बनाने की राह तैयार की गई। गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाषण (रिपब्लिक डे स्पीच) देने के लिए हिंदी भाषण की उपयुक्त सामग्री (Republic Day Speech Ideas) की यदि आपको भी तलाश है तो समझ लीजिए कि गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) की आपकी तलाश यहां खत्म होती है। इस राष्ट्रीय पर्व के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक बनाने और उनके ज्ञान को परखने के लिए गणतत्र दिवस पर निबंध (Republic day essay) लिखने का प्रश्न भी परीक्षाओं में पूछा जाता है। इस लेख में दी गई जानकारी की मदद से Gantantra Diwas par nibandh लिखने में भी मदद मिलेगी। Gantantra Diwas par lekh bhashan तैयार करने में इस लेख में दी गई जानकारी की मदद लें और अच्छा प्रदर्शन करें।

मोबाइल फ़ोन को सेल्युलर फ़ोन भी कहा जाता है। मोबाइल आज आधुनिक प्रौद्योगिकी का एक अहम हिस्सा है जिसने दुनिया को एक साथ लाकर हमारे जीवन को बहुत प्रभावित किया है। मोबाइल हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। मोबाइल में इंटरनेट के इस्तेमाल ने कई कामों को बेहद आसान कर दिया है। मनोरंजन, संचार के साथ रोजमर्रा के कामों में भी इसकी अहम भूमिका हो गई है। इस निबंध में मोबाइल फोन के बारे में बताया गया है।

भारत में प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा ने जनभाषा हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया। इस दिन की याद में हर वर्ष 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। वहीं हिंदी भाषा को सम्मान देने के लिए 10 जनवरी को प्रतिवर्ष विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Diwas) मनाया जाता है। इस लेख में राष्ट्रीय हिंदी दिवस (14 सितंबर) और विश्व हिंदी दिवस (10 जनवरी) के बारे में चर्चा की गई है।

दुनिया के कई देशों में मजदूरों और श्रमिकों को सम्मान देने के उद्देश्य से हर वर्ष 1 मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है। इसे लेबर डे, श्रमिक दिवस या मई डे भी कहा जाता है। श्रम दिवस एक विशेष दिन है जो मजदूरों और श्रम वर्ग को समर्पित है। यह मजदूरों की कड़ी मेहनत को सम्मानित करने का दिन है। ज्यादातर देशों में इसे 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है। श्रम दिवस का इतिहास और उत्पत्ति अलग-अलग देशों में अलग-अलग है। विद्यार्थियों को कक्षा में मजदूर दिवस पर निबंध लिखने, मजदूर दिवस पर भाषण देने के लिए कहा जाता है। इस निबंध की मदद से विद्यार्थी अपनी तैयारी कर सकते हैं।

मकर संक्रांति का त्योहार यूपी, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में 14 जनवरी को मनाया जाता है। इसे खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान के बाद पूजा करके दान करते हैं। इस दिन खिचड़ी, तिल-गुड, चिउड़ा-दही खाने का रिवाज है। प्रयागराज में इस दिन से कुंभ मेला आरंभ होता है। इस लेख में मकर संक्रांति के बारे में बताया गया है।

पर्यावरण से संबंधित मुद्दों की चर्चा करते समय ग्लोबल वार्मिंग की चर्चा अक्सर होती है। ग्लोबल वार्मिंग का संबंध वैश्विक तापमान में वृद्धि से है। इसके अनेक कारण हैं। इनमें वनों का लगातार कम होना और ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन प्रमुख है। वनों का विस्तार करके और ग्रीन हाउस गैसों पर नियंत्रण करके हम ग्लोबल वार्मिंग की समस्या के समाधान की दिशा में कदम उठा सकते हैं। ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध- कारण और समाधान में इस विषय पर चर्चा की गई है।

भारत में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है। समाचारों में अक्सर भ्रष्टाचार से जुड़े मामले प्रकाश में आते रहते हैं। सरकार ने भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए कई उपाय किए हैं। अलग-अलग एजेंसियां भ्रष्टाचार करने वालों पर कार्रवाई करती रहती हैं। फिर भी आम जनता को भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है। हालांकि डिजीटल इंडिया की पहल के बाद कई मामलों में पारदर्शिता आई है। लेकिन भ्रष्टाचार के मामले कम हुए है, समाप्त नहीं हुए हैं। भ्रष्टाचार पर निबंध के माध्यम से आपको इस विषय पर सभी पहलुओं की जानकारी मिलेगी।

समय-समय पर ईश्वरीय शक्ति का एहसास कराने के लिए संत-महापुरुषों का जन्म होता रहा है। गुरु नानक भी ऐसे ही विभूति थे। उन्होंने अपने कार्यों से लोगों को चमत्कृत कर दिया। गुरु नानक की तर्कसम्मत बातों से आम जनमानस उनका मुरीद हो गया। उन्होंने दुनिया को मानवता, प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया। भारत, पाकिस्तान, अरब और अन्य जगहों पर वर्षों तक यात्रा की और लोगों को उपदेश दिए। गुरु नानक जयंती पर निबंध से आपको उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की जानकारी मिलेगी।

कुत्ता हमारे आसपास रहने वाला जानवर है। सड़कों पर, गलियों में कहीं भी कुत्ते घूमते हुए दिख जाते हैं। शौक से लोग कुत्तों को पालते भी हैं। क्योंकि वे घर की रखवाली में सहायक होते हैं। बच्चों को अक्सर परीक्षा में मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने को कहा जाता है। यह लेख बच्चों को मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने में सहायक होगा।

स्वामी विवेकानंद जी हमारे देश का गौरव हैं। विश्व-पटल पर वास्तविक भारत को उजागर करने का कार्य सबसे पहले किसी ने किया तो वें स्वामी विवेकानंद जी ही थे। उन्होंने ही विश्व को भारतीय मानसिकता, विचार, धर्म, और प्रवृति से परिचित करवाया। स्वामी विवेकानंद जी के बारे में जानने के लिए आपको इस लेख को पढ़ना चाहिए। यह लेख निश्चित रूप से आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन करेगा।

हम सभी ने "महिला सशक्तिकरण" या नारी सशक्तिकरण के बारे में सुना होगा। "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) समाज में महिलाओं की स्थिति को सुदृढ़ बनाने और सभी लैंगिक असमानताओं को कम करने के लिए किए गए कार्यों को संदर्भित करता है। व्यापक अर्थ में, यह विभिन्न नीतिगत उपायों को लागू करके महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण से संबंधित है। प्रत्येक बालिका की स्कूल में उपस्थिति सुनिश्चित करना और उनकी शिक्षा को अनिवार्य बनाना, महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस लेख में "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) पर कुछ सैंपल निबंध दिए गए हैं, जो निश्चित रूप से सभी के लिए सहायक होंगे।

भगत सिंह एक युवा क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिए लड़ते हुए बहुत कम उम्र में ही अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। देश के लिए उनकी भक्ति निर्विवाद है। शहीद भगत सिंह महज 23 साल की उम्र में शहीद हो गए। उन्होंने न केवल भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, बल्कि वह इसे हासिल करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने को भी तैयार थे। उनके निधन से पूरे देश में देशभक्ति की भावना प्रबल हो गई। उनके समर्थकों द्वारा उन्हें शहीद के रूप में सम्मानित किया गया था। वह हमेशा हमारे बीच शहीद भगत सिंह के नाम से ही जाने जाएंगे। भगत सिंह के जीवन परिचय के लिए अक्सर छोटी कक्षा के छात्रों को भगत सिंह पर निबंध तैयार करने को कहा जाता है। इस लेख के माध्यम से आपको भगत सिंह पर निबंध तैयार करने में सहायता मिलेगी।

वसुधैव कुटुंबकम एक संस्कृत वाक्यांश है जिसका अर्थ है "संपूर्ण विश्व एक परिवार है"। यह महा उपनिषद् से लिया गया है। वसुधैव कुटुंबकम वह दार्शनिक अवधारणा है जो सार्वभौमिक भाईचारे और सभी प्राणियों के परस्पर संबंध के विचार को पोषित करती है। यह वाक्यांश संदेश देता है कि प्रत्येक व्यक्ति वैश्विक समुदाय का सदस्य है और हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, सभी की गरिमा का ध्यान रखने के साथ ही सबके प्रति दयाभाव रखना चाहिए। वसुधैव कुटुंबकम की भावना को पोषित करने की आवश्यकता सदैव रही है पर इसकी आवश्यकता इस समय में पहले से कहीं अधिक है। समय की जरूरत को देखते हुए इसके महत्व से भावी नागरिकों को अवगत कराने के लिए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर निबंध या भाषणों का आयोजन भी स्कूलों में किया जाता है। कॅरियर्स360 के द्वारा छात्रों की इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर यह लेख तैयार किया गया है।

गाय भारत के एक बेहद महत्वपूर्ण पशु में से एक है जिस पर न जाने कितने ही लोगों की आजीविका आश्रित है क्योंकि गाय के शरीर से प्राप्त होने वाली हर वस्तु का उपयोग भारतीय लोगों द्वारा किसी न किसी रूप में किया जाता है। ना सिर्फ आजीविका के लिहाज से, बल्कि आस्था के दृष्टिकोण से भी भारत में गाय एक महत्वपूर्ण पशु है क्योंकि भारत में मौजूद सबसे बड़ी आबादी यानी हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए गाय आस्था का प्रतीक है। ऐसे में विद्यालयों में गाय को लेकर निबंध लिखने का कार्य दिया जाना आम है। गाय के इस निबंध के माध्यम से छात्रों को परीक्षा में पूछे जाने वाले गाय पर निबंध को लिखने में भी सहायता मिलेगी।

क्रिसमस (christmas in hindi) भारत सहित दुनिया भर में मनाए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है। प्रत्येक वर्ष इसे 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस का महत्व समझाने के लिए कई बार स्कूलों में बच्चों को क्रिसमस पर निबंध (christmas in hindi) लिखने का कार्य दिया जाता है। क्रिसमस पर एग्जाम के लिए प्रभावी निबंध तैयार करने का तरीका सीखें।

रक्षाबंधन हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व पूरी तरह से भाई और बहन के रिश्ते को समर्पित त्योहार है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षाबंधन बांध कर उनके लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहनों को कोई तोहफा देने के साथ ही जीवन भर उनके सुख-दुख में उनका साथ देने का वचन देते हैं। इस दिन छोटी बच्चियाँ देश के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को राखी बांधती हैं। रक्षाबंधन पर हिंदी में निबंध (essay on rakshabandhan in hindi) आधारित इस लेख से विद्यार्थियों को रक्षाबंधन के त्योहार पर न सिर्फ लेख लिखने में सहायता प्राप्त होगी, बल्कि वे इसकी सहायता से रक्षाबंधन के पर्व का महत्व भी समझ सकेंगे।

होली त्योहार जल्द ही देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला है। होली आकर्षक और मनोहर रंगों का त्योहार है, यह एक ऐसा त्योहार है जो हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन की सीमा से परे जाकर लोगों को भाई-चारे का संदेश देता है। होली अंदर के अहंकार और बुराई को मिटा कर सभी के साथ हिल-मिलकर, भाई-चारे, प्रेम और सौहार्द्र के साथ रहने का त्योहार है। होली पर हिंदी में निबंध (hindi mein holi par nibandh) को पढ़ने से होली के सभी पहलुओं को जानने में मदद मिलेगी और यदि परीक्षा में holi par hindi mein nibandh लिखने को आया तो अच्छा अंक लाने में भी सहायता मिलेगी।

दशहरा हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। बच्चों को विद्यालयों में दशहरा पर निबंध (Essay in hindi on Dussehra) लिखने को भी कहा जाता है, जिससे उनकी दशहरा के प्रति उत्सुकता बनी रहे और उन्हें दशहरा के बारे पूर्ण जानकारी भी मिले। दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख में हम देखेंगे कि लोग दशहरा कैसे और क्यों मनाते हैं, इसलिए हिंदी में दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।

हमें उम्मीद है कि दीवाली त्योहार पर हिंदी में निबंध उन युवा शिक्षार्थियों के लिए फायदेमंद साबित होगा जो इस विषय पर निबंध लिखना चाहते हैं। हमने नीचे दिए गए निबंध में शुभ दिवाली त्योहार (Diwali Festival) के सार को सही ठहराने के लिए अपनी ओर से एक मामूली प्रयास किया है। बच्चे दिवाली पर हिंदी के इस निबंध से कुछ सीख कर लाभ उठा सकते हैं कि वाक्यों को कैसे तैयार किया जाए, Class 1 से 10 तक के लिए दीपावली पर निबंध हिंदी में तैयार करने के लिए इसके लिंक पर जाएँ।

बाल दिवस पर भाषण (Children's Day Speech In Hindi), बाल दिवस पर हिंदी में निबंध (Children's Day essay In Hindi), बाल दिवस गीत, कविता पाठ, चित्रकला, खेलकूद आदि से जुड़ी प्रतियोगिताएं बाल दिवस के मौके पर आयोजित की जाती हैं। स्कूलों में बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस पर हिंदी में निबंध लिखने के लिए उपयोगी सामग्री इस लेख में मिलेगी जिसकी मदद से बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस के लिए निबंध तैयार करने में मदद मिलेगी। कई बार तो परीक्षाओं में भी बाल दिवस पर लेख लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। इसमें भी यह लेख मददगार होगा।

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। भारत देश अनेकता में एकता वाला देश है। अपने विविध धर्म, संस्कृति, भाषाओं और परंपराओं के साथ, भारत के लोग सद्भाव, एकता और सौहार्द के साथ रहते हैं। भारत में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं में, हिंदी सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली और बोली जाने वाली भाषा है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में अपनाया गया था। हमारी मातृभाषा हिंदी और देश के प्रति सम्मान दिखाने के लिए हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है। हिंदी दिवस पर भाषण के लिए उपयोगी जानकारी इस लेख में मिलेगी।

हिन्दी में कवियों की परम्परा बहुत लम्बी है। हिंदी के महान कवियों ने कालजयी रचनाएं लिखी हैं। हिंदी में निबंध और वाद-विवाद आदि का जितना महत्व है उतना ही महत्व हिंदी कविताओं और कविता-पाठ का भी है। हिंदी दिवस पर विद्यालय या अन्य किसी आयोजन पर हिंदी कविता भी चार चाँद लगाने का काम करेगी। हिंदी दिवस कविता के इस लेख में हम हिंदी भाषा के सम्मान में रचित, हिंदी का महत्व बतलाती विभिन्न कविताओं की जानकारी दी गई है।

प्रदूषण पृथ्वी पर वर्तमान के उन प्रमुख मुद्दों में से एक है, जो हमारी पृथ्वी को व्यापक स्तर पर प्रभावित कर रहा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो लंबे समय से चर्चा में है, 21वीं सदी में इसका हानिकारक प्रभाव बड़े पैमाने पर महसूस किया जा रहा है। हालांकि विभिन्न देशों की सरकारों ने इन प्रभावों को रोकने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं, लेकिन अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना बाकी है। इससे कई प्राकृतिक प्रक्रियाओं में गड़बड़ी आती है। इतना ही नहीं, आज कई वनस्पतियां और जीव-जंतु या तो विलुप्त हो चुके हैं या विलुप्त होने की कगार पर हैं। प्रदूषण की मात्रा में तेजी से वृद्धि के कारण पशु तेजी से न सिर्फ अपना घर खो रहे हैं, बल्कि जीने लायक प्रकृति को भी खो रहे हैं। प्रदूषण ने दुनिया भर के कई प्रमुख शहरों को प्रभावित किया है। इन प्रदूषित शहरों में से अधिकांश भारत में ही स्थित हैं। दुनिया के कुछ सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली, कानपुर, बामेंडा, मॉस्को, हेज़, चेरनोबिल, बीजिंग शामिल हैं। हालांकि इन शहरों ने प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ और बहुत ही तेजी के साथ किए जाने की जरूरत है।

वायु प्रदूषण पर हिंदी में निबंध के ज़रिए हम इसके बारे में थोड़ा गहराई से जानेंगे। वायु प्रदूषण पर लेख (Essay on Air Pollution) से इस समस्या को जहाँ समझने में आसानी होगी वहीं हम वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार पहलुओं के बारे में भी जान सकेंगे। इससे स्कूली विद्यार्थियों को वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution) तैयार करने में भी मदद होगी। हिंदी में वायु प्रदूषण पर निबंध से परीक्षा में बेहतर स्कोर लाने में मदद मिलेगी।

एक बड़े भू-क्षेत्र में लंबे समय तक रहने वाले मौसम की औसत स्थिति को जलवायु की संज्ञा दी जाती है। किसी भू-भाग की जलवायु पर उसकी भौगोलिक स्थिति का सर्वाधिक असर पड़ता है। पृथ्वी ग्रह का बुखार (तापमान) लगातार बढ़ रहा है। सरकारों को इसमें नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त कदम उठाने होंगे। जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए सरकारों को सतत विकास के उपायों में निवेश करने, ग्रीन जॉब, हरित अर्थव्यवस्था के निर्माण की ओर आगे बढ़ने की जरूरत है। पृथ्वी पर जीवन को बचाए रखने, इसे स्वस्थ रखने और ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से निपटने के लिए सभी देशों को मिलकर ईमानदारी से काम करना होगा। ग्लोबल वार्मिंग या जलवायु परिवर्तन पर निबंध के जरिए छात्रों को इस विषय और इससे जुड़ी समस्याओं और समाधान के बारे में जानने को मिलेगा।

हमारी यह पृथ्वी जिस पर हम सभी निवास करते हैं इसके पर्यावरण के संरक्षण के लिए विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1972 में मानव पर्यावरण पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन के दौरान हुई थी। पहला विश्व पर्यावरण दिवस (Environment Day) 5 जून 1974 को “केवल एक पृथ्वी” (Only One Earth) स्लोगन/थीम के साथ मनाया गया था, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने भी भाग लिया था। इसी सम्मलेन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की भी स्थापना की गई थी। इस विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) को मनाने का उद्देश्य विश्व के लोगों के भीतर पर्यावरण (Environment) के प्रति जागरूकता लाना और साथ ही प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करना भी है। इसी विषय पर विचार करते हुए 19 नवंबर, 1986 को पर्यवरण संरक्षण अधिनियम लागू किया गया तथा 1987 से हर वर्ष पर्यावरण दिवस की मेजबानी करने के लिए अलग-अलग देश को चुना गया।

आज के युग में जब हम अपना अधिकतर समय पढाई पर केंद्रित करने का प्रयास करते नजर आते हैं और साथ ही अपना ज़्यादातर समय ऑनलाइन रह कर व्यतीत करना पसंद करते हैं, ऐसे में हमारे जीवन में खेलों का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। खेल हमारे लिए केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं, अपितु हमारे सर्वांगीण विकास का एक माध्यम भी है। हमारे जीवन में खेल उतना ही जरूरी है, जितना पढाई करना। आज कल के युग में मानव जीवन में शारीरिक कार्य की तुलना में मानसिक कार्य में बढ़ोतरी हुई है और हमारी जीवन शैली भी बदल गई है, हम रात को देर से सोते हैं और साथ ही सुबह देर से उठते हैं। जाहिर है कि यह दिनचर्या स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं है और इसके साथ ही कार्य या पढाई की वजह से मानसिक तनाव पहले की तुलना में वृद्धि महसूस की जा सकती है। ऐसी स्थिति में जब हमारे जीवन में शारीरिक परिश्रम अधिक नहीं है, तो हमारे जीवन में खेलो का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है।

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हमेशा से कहा जाता रहा है कि ‘आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है’, जैसे-जैसे मानव की आवश्यकता बढती गई, वैसे-वैसे उसने अपनी सुविधा के लिए अविष्कार करना आरंभ किया। विज्ञान से तात्पर्य एक ऐसे व्यवस्थित ज्ञान से है जो विचार, अवलोकन तथा प्रयोगों से प्राप्त किया जाता है, जो कि किसी अध्ययन की प्रकृति या सिद्धांतों की जानकारी प्राप्त करने के लिए किए जाते हैं। विज्ञान शब्द का प्रयोग ज्ञान की ऐसी शाखा के लिए भी किया जाता है, जो तथ्य, सिद्धांत और तरीकों का प्रयोग और परिकल्पना से स्थापित और व्यवस्थित करता है।

शिक्षक अपने शिष्य के जीवन के साथ साथ उसके चरित्र निर्माण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। कहा जाता है कि सबसे पहली गुरु माँ होती है, जो अपने बच्चों को जीवन प्रदान करने के साथ-साथ जीवन के आधार का ज्ञान भी देती है। इसके बाद अन्य शिक्षकों का स्थान होता है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण करना बहुत ही बड़ा और कठिन कार्य है। व्यक्ति को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उसके चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण करना भी उसी प्रकार का कार्य है, जैसे कोई कुम्हार मिट्टी से बर्तन बनाने का कार्य करता है। इसी प्रकार शिक्षक अपने छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के साथ साथ उसके व्यक्तित्व का निर्माण भी करते हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 1908 में हुई थी, जब न्यूयॉर्क शहर की सड़को पर हजारों महिलाएं घंटों काम के लिए बेहतर वेतन और सम्मान तथा समानता के अधिकार को प्राप्त करने के लिए उतरी थीं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का प्रस्ताव क्लारा जेटकिन का था जिन्होंने 1910 में यह प्रस्ताव रखा था। पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में मनाया गया था।

हम उम्मीद करते हैं कि स्कूली छात्रों के लिए तैयार उपयोगी हिंदी में निबंध, भाषण और कविता (Essays, speech and poems for school students) के इस संकलन से निश्चित तौर पर छात्रों को मदद मिलेगी।

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बाल श्रम को बच्चो द्वारा रोजगार के लिए किसी भी प्रकार के कार्य को करने के रूप में परिभाषित किया गया है जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा डालता है और उन्हें मूलभूत शैक्षिक और मनोरंजक जरूरतों तक पहुंच से वंचित करता है। एक बच्चे को आम तौर व्यस्क तब माना जाता है जब वह पंद्रह वर्ष या उससे अधिक का हो जाता है। इस आयु सीमा से कम के बच्चों को किसी भी प्रकार के जबरन रोजगार में संलग्न होने की अनुमति नहीं है। बाल श्रम बच्चों को सामान्य परवरिश का अनुभव करने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने और उनके शारीरिक और भावनात्मक विकास में बाधा के रूप में देखा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें बाल श्रम या फिर कहें तो बाल मजदूरी पर निबंध।

एपीजे अब्दुल कलाम की गिनती आला दर्जे के वैज्ञानिक होने के साथ ही प्रभावी नेता के तौर पर भी होती है। वह 21वीं सदी के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक हैं। कलाम देश के 11वें राष्ट्रपति बने, अपने कार्यकाल में समाज को लाभ पहुंचाने वाली कई पहलों की शुरुआत की। मेरा प्रिय नेता विषय पर अक्सर परीक्षा में निबंध लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें अपने प्रिय नेता: एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध।

हमारे जीवन में बहुत सारे लोग आते हैं। उनमें से कई को भुला दिया जाता है, लेकिन कुछ का हम पर स्थायी प्रभाव पड़ता है। भले ही हमारे कई दोस्त हों, उनमें से कम ही हमारे अच्छे दोस्त होते हैं। कहा भी जाता है कि सौ दोस्तों की भीड़ के मुक़ाबले जीवन में एक सच्चा/अच्छा दोस्त होना काफी है। यह लेख छात्रों को 'मेरे प्रिय मित्र'(My Best Friend Nibandh) पर निबंध तैयार करने में सहायता करेगा।

3 फरवरी, 1879 को भारत के हैदराबाद में एक बंगाली परिवार ने सरोजिनी नायडू का दुनिया में स्वागत किया। उन्होंने कम उम्र में ही कविता लिखना शुरू कर दिया था। उन्होंने कैम्ब्रिज में किंग्स कॉलेज और गिर्टन, दोनों ही पाठ्यक्रमों में दाखिला लेकर अपनी पढ़ाई पूरी की। जब वह एक बच्ची थी, तो कुछ भारतीय परिवारों ने अपनी बेटियों को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। हालाँकि, सरोजिनी नायडू के परिवार ने लगातार उदार मूल्यों का समर्थन किया। वह न्याय की लड़ाई में विरोध की प्रभावशीलता पर विश्वास करते हुए बड़ी हुई। सरोजिनी नायडू से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इस लेख को पढ़ें।

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Frequently Asked Question (FAQs)

किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है- ये हैं- प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार (conclusion)।

हिंदी निबंध लेखन शैली की दृष्टि से मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं-

वर्णनात्मक हिंदी निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है।

विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

निबंध में समुचित जगहों पर मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविता का प्रयोग करके इसे प्रभावी बनाने में मदद मिलती है। हिंदी निबंध के प्रभावी होने पर न केवल बेहतर अंक मिलेंगी बल्कि असल जीवन में अपनी बात रखने का कौशल भी विकसित होगा।

कुछ उपयोगी विषयों पर हिंदी में निबंध के लिए ऊपर लेख में दिए गए लिंक्स की मदद ली जा सकती है।

निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति निबंध है।

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मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध- Meri Priya Pustak Par Nibandh | Essay in Hindi

In this article, we are providing Meri Priya Pustak Par Nibandh | Essay on My Favourite Book in Hindi मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध हिंदी | Nibandh in 100, 200, 250, 300, 500 words For Students & Children.

दोस्तों आज हमने Meri Priya Pustak Essay in Hindi लिखा है मेरी प्रिय पुस्तक निबंध हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है।

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध- Meri Priya Pustak Par Nibandh

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध- Essay on My Favourite Book in Hindi ( 150 words )

Meri Priya Pustak Panchtantra | Meri Priya Pustak par Anuched

मैंने कई अच्छी-अच्छी पुस्तकें पढ़ी हैं। वे मुझे पसंद भी आई हैं। परंतु मेरी सबसे प्रिय पुस्तक है “ पंचतंत्र की कहानियाँ’ । इस संग्रह में कई रोचक व शिक्षाप्रद कहानियाँ हैं। बहुत समय पहले इन कहानियों को लिखा गया था, परन्तु आज भी इनकी ताजगी पहले जैसी ही है। इनको लिखने वाले एक अत्यन्त विद्वान व्यक्ति थे जिनका नाम था विष्णु शर्मा। यह कहानी संग्रह मैंने एक पुस्तक मेले में खरीदा था।

पंचतंत्र की कई कहानियाँ मुझे जबानी याद हैं। इन कहानियों में पशु-पक्षियों के माध्यम से बहुत-सी नैतिक और व्यावहारिक बातें समझाई गईं हैं। मानव-स्वभाव और प्रकृति का इनमें अच्छा प्रदर्शन देखा जा सकता है। ये कहानियाँ सचमुच अद्भुत हैं।

मनोरंजक होने के साथ-साथ शिक्षा की दृष्टि से भी इन कहानियों का बड़ा महत्व है। इन कथा-कहानियों को कहने-सुनने में मुझे बड़ा आनन्द आता है। ये कहानियाँ एक पाठक या श्रोता को सहज ही पशु-पक्षियों के ऐसे संसार में ले जाती हैं जहां मानव चरित्र और स्वभाव का बहुत सुंदर व मनोवैज्ञानिक चित्रण हुआ है।

जरूर पढ़े- Short Essay on My Favourite Book in Hindi

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध- Meri Priya Pustak Essay in Hindi ( 250 words )

पुस्तकें मनुष्य की सच्ची मित्र हैं। वे बच्चों तथा बड़ों को विद्वान और महान् बनाती हैं। वे उन्हें ऊँची शिक्षा देती हैं। बच्चे, जवान तथा बूढ़े सब पुस्तकों से ज्ञान और मनोरंजन प्राप्त करते हैं।

मैं पाँचवीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। मुझे स्कूल में गणित, भूगोल, विज्ञान, इतिहास, हिन्दी तथा अंग्रेजी की पुस्तकें पढ़ाई जाती हैं। मैं उन पुस्तकों को घर पर तथा स्कूल में पढ़ता हूँ। इन सब पुस्तकों में मेरी प्रिय पुस्तक ‘ज्ञान सागर’ है। इसका पाँचवाँ भाग मुझे विद्यालय में पढ़ाया जाता है। इसके चार भाग मैं. पहले पढ़ चुका हूँ।

‘ज्ञान सागर’ वास्तव में बच्चों के लिए ज्ञान का भंडार है। इसमें सुन्दर उपदेश रोचक ढंग से दिए गए हैं। इसमें कहानियाँ, लेख, पत्र, जीवनियाँ तथा कविताएँ हैं। इसके सम्पादक श्री आनन्द हैं। इसमें 104 पृष्ठ हैं। इसका मूल्य केवल 50 रुपए है। पुस्तक में सुन्दर चित्र हैं जो पाठों को सरल और सरस बनाते हैं।

भिन्न-भिन्न विषयों की पुस्तकें पढ़ते-पढ़ते मन ऊब जाता है। ‘ज्ञान सागर’ में विविधता होने के कारण इसे पढ़ने से मन नहीं ऊबता। इसमें इतिहास, विज्ञान, राजनीति और दूसरे विषयों की बातें दी गई हैं। इन्हें पढ़कर न केवल हमारा ज्ञान बढ़ता है अपितु मनोरंजन भी होता है। महापुरुषों की जीवनियों को पढ़कर हम अपने जीवन को महान बना सकते हैं। कविताओं को पढ़ने से एक विशेष प्रकार के आनन्द की अनुभूति होती है। कहानियाँ और एकांकी मनोरंजन के साथ-साथ हमारा ज्ञान भी बढ़ाते हैं।

मैं अपनी प्रिय पुस्तक ज्ञान सागर को सँभाल कर रखता हूँ।

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मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध- Meri Priya Pustak Par Nibandh ( 300 words )

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जीवन में पुस्तकें पढ़ने का अपना ही आनन्द है। पुस्तकें हमारा ज्ञान बढ़ाने के साथसाथ स्वस्थ मनोरंजन भी करती हैं। यही कारण है कि विद्यार्थी अपनी पाठ्य-पुस्तकों के अतिरिक्त अन्य पुस्तकें भी पढ़ते हैं। मुझे भी पढ़ने का शौक है। मैंने अनेक कहानी, उपन्यास तथा काव्य पुस्तकें पढ़ी हैं। इनमें मुझे कई काफी अच्छी लगी, पसन्द आईं परन्तु मुझे सबसे अच्छी लगी ‘राम चरित-मानस’। यही मेरी प्रिय पुस्तक है।

‘राम चरित मानस’ तुलसीदास की अमर रचना है। यह हिन्दुओं का परम पवित्र धार्मिक ग्रन्थ है। आप कहेंगे कि धार्मिक ग्रन्थ होने के कारण ही मुझे रामचरित मानस सबसे अच्छा लगा तो बात ऐसी, नहीं है। रामचरित मानस में वे सभी गुण हैं जो एक आदर्श रचना में होने चाहिए। यही कारण है कि धनी-निर्धन सभी इस ग्रन्थ का आदर करते हैं। यह रचना सबको प्रिय है।

रामचरित मानस की भाषा अवधी है। इसमें श्रीराम के जीवन चरित्र का वर्णन बालकाण्ड, अयोध्याकाण्ड, अरण्यकाण्ड, किष्किन्धा काण्ड, सुन्दरकाण्ड तथा लंकाकाण्ड, उत्तरकाण्ड इन सात काण्डों – किया गया है। सारा काव्य दोहा-चौपाई छन्द में लिखा गया है।

राम चरित मानस एक समन्वय ग्रन्थ है। इसमें वैष्णव तथा शव मत का तथा आर्य एवं द्रविड़ सभ्यता का समन्वय किया गया है। एक आदर्श रचना है। इसमें बताया गया है कि पिता कैसा होना चाहिए-दशरथ जैसा, पुत्र कैसा होना चाहिए-राम जैसा, माता कैसी ” होनी चाहिए-कौशल्या जैसी, पत्नी कैसी हो-सीता जैसी, भाई कैसा हो-भरत जैसा, सेवक कैसा हो-हनुमान जैसा, मित्र कैसा हो-सुग्रीव तथा विभिषण जैसा, शत्रु कैसा हो-रावण जैसा।

मानव जीवन की सभी समस्याओं का हल मानस में मिल जाता में है। यही कारण है कि आज विश्व की प्रायः सभी प्रमुख भाषाओं में- मेरी प्रिय पुस्तक ‘राम चरित-मानस’ का अनुवाद हो चुका है। विश्व के सभी भागों के लोग रामचरित मानस के अध्ययन में रुचि ले रहे । है। ऐसी महान धार्मिक पुस्तक मेरी प्रिय पुस्तक है, मुझे इस बात का गर्व है।

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Meri Priya Pustak Par Nibandh | मेरी प्रिय पुस्तक- गाँधी जी की आत्म-कथा ( 300 words )

मैं ने गर्मी की छुट्टियों में ‘गाँधी जी की आत्म-कथा’ नामक पुस्तक पढ़ी। वह मुझे बहुत पसंद आयी। गाँधी जी के जीवन का बड़ा प्रभाव मुझ पर पड़ा।

गाँधी जी ने बचपन में ‘सत्य हरिश्चंद्र’ नाटक देखा था। उन्होंने अपने जीवन में सत्य-व्रत का पालन करने का निर्णय किया था। एक बार स्कूल इन्स्पेक्टर उनकी कक्षा में आये । इन्सपेक्टर ने विद्यार्थियों से कुछ शब्द लिखने केलिए कहा। गाँधी जी ने एक-दो शब्द गलत लिखे थे। अध्यापक ने उससे बगल के विद्यार्थी को देखकर सही शब्द लिखने केलिए कहा। उन्होंने वैसे नहीं किया। इन्सपेक्टर के पूछने पर सही बात बतायी। इससे अध्यापक नाराज हुए। गाँधी जी ने जीवन-भर सत्य व्रत का पालन किया।

गाँधी जी ने श्रावण कुमार के माता-पिता की भक्ति कथा की फिल्म देखी थी। इससे प्रभावित होकर वे भी माँ-बाप के प्रति श्रद्धा-भक्ति रखते थे।

गाँधीजी की माँ का प्रभाव उन पर बहुत अधिक था। जिस दिन आकाश में बादल छाये रहते थे और सूर्य नहीं दिखायी पड़ता था, उस दिन गाँधी जी की माँ उपवास का व्रत रखती थी। इसी कारण गाँधी जी स्वतंत्रता-आंदोलन के समय कई दिन अनशन व्रत रखते थे। माता जी की अहिंसा प्रवृत्ति का ज्यादा प्रभाव गाँधी जी पर था। इसी कारण वे अंग्रेजों से लड़ते समय अहिंसा की बातें करते थे।

गाँधी जी की आत्म-कथा का मेरे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा है। मैंने भी गाँधी जी की तरह सत्य बोलने का निर्णय लिया है। मैं भी अपने माँ-बाप के प्रति भक्ति दिखाना चाहता हूँ। मैं एकादशी को उपवास का- व्रत रखता हूँ। मैं अहिंसा में विश्वास रखता हूँ। इस प्रकार इस पुस्तक ने मेरे नटखट स्वभाव को बहुत परिवर्तित कर दिया है।

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भूमिका

कुछ पुस्तकें कालजयी होती हैं; क्योंकि वे जाति विशेष के जीवन, भाव और विचारधारा की सशक्त अभिव्यकति होती है। रामचरित मानस हिन्दू जाति और समाज की भावनाओं, विचारों और दशा का बहुत कलात्मक ढ़ग से व्यक्त करता है। इसकी रचना महाकवि गोस्वामी तुलसीदास ने की है। यह आज से चार सौ साल से अधिक वर्ष पहले रची गयी थी। इसकी रचना जनभाषा अवधी में की गई है। यह हिन्दी साहित्य का सर्वश्रेष्ठ महाकाव्य है। इसमें मर्यादा पुरुषोत्तम रामचन्द्रजी के परम अलौकिक चरित्र का वर्णन किया गया है। इसमें दोहा और चौपाई छंद का प्रयोग किया गया है। यह भारतीय जनता का बहुत लोकप्रिय काव्य है। इसका अनुवाद अनेक देशी विदेशी भाषाओं में हो चुका है।

कथानक

राजा दशरथ अयोध्या के राजा थे। इनकी तीन रानियाँ थींकौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा। कौशल्या से राम, कैकेयी से भरत तथा सुमित्रा से लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म हुआ था। चारों भाई अल्पकाल में विद्योपार्जन में पूर्ण सफल रहे। विश्वामित्र नामक ऋषि राक्षसों से मुनियों की रक्षा के लिए राम और लक्ष्मण को राजा दशरथ से माँग, जंगल ले गए। राम और लक्ष्मण ने अनेक राक्षसों का वध किया और मुनियों की रक्षा की। कुछ दिनों बाद विश्वामित्र दोनों भाइयों को लेकर जनकपुर गए। वहाँ राजा जनक की कन्या का स्वयंवर रचा गया था। राम ने शिवधनुष तोड़ा। राम का सीता के साथ विवाह हुआ। अयोध्या लौटने पर राम को राजगद्दी पर बैठाने का आयोजन किया जाने लगा। विमाता कैकेयी राजा दशरथ से वरदान माँगकर राम को चौदह वर्ष का वनवास और भरत को अयोध्या का राजा बनाने का उपक्रम करती हैं। राम सीता और लक्ष्मण के साथ पिता की आज्ञा पाकर वन चले जाते हैं। दशरथ, पुत्र-शोक में प्राण त्याग देते हैं। ननिहाल से लौटकर भरत जब यह समाचार सुनते हैं तब बहुत दुखी होते हैं। वे अयोध्यावासियों के साथ चित्रकूट जाकर राम को लौटा लाने का प्रयास करते हैं। राम भरत को समझा-बुझाकर अयोध्या वापस कर देते हैं। भरत राम की खड़ाऊ लेकर अयोध्या लौट आते हैं। भरत राम की खड़ाऊ को राजगद्दी पर आसीन कर राज्य का संचालन करते हैं।

राम अनेक राक्षसों का वध करते हैं। एक दिन रावण की बहन लक्ष्मण द्वारा अपमानित होती है। यह समाचार पाकर रावण छल से सीता का अपहरण कर लेता है और लंका की अशोक वाटिका में रखता है। इस समाचार से राम बहुत दुःखी होते हैं। राम वनवासियों की सहायता से लंका पर चढ़ाई करते हैं। राम और रावण के बीच घनघोर युद्ध होता है। रावण मारा जाता है। राम, सीता को लेकर अयोध्या लौटते हैं और राजगद्दी पर बैठते हैं।

महत्व एवं उपयोगिता

रामचारेत मानस एक साहित्यिक कृति के साथ महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रन्थ है। सत्य और धर्म के महत्व पर इस रचना में प्रकाश डाला गया है। यह भी बताया गया है अधर्म पर धर्म की विजय होती है। इस ग्रन्थ में समाज और परिवार के हर सदस्य के कर्त्तव्य पर सुन्दर प्रकाश डाला गया है। रामचरित मानस, निराश दिन्द जनता में आशा का संचार करता है। राम राजा बनने के बाद रामराज्य की स्थापना करते हैं। इस राज्य में कोई दुःखी नहीं है, अन्याय-अत्याचार का नामोनिशान नहीं है। मर्यादा पुरुषोत्तम राम का दिव्य चरित्र प्रत्येक मनुष्य को आदर्श चरित्र प्रदान करता है। समाज, राजनीति, धर्म, नैतिकता आदि के आदर्श रूप का बहुत सुन्दर वर्णन इस ग्रन्थ में हआ है। कौशल्या आदर्श माता हैं, सीता आदर्श पत्नी, भरत और लक्ष्मण आदर्श भाई, राम आदर्श राजा हैं, हनुमान आदर्श सेवक। निषादराज और शबरी के साथ राम का व्यवहार समानता के आधार पर होता है जो ऊँच-नीच के भेदभाव दूर करने की शिक्षा देता है। लोक कल्याण के लिए राम का वन-वन भटकना, ऋषियों मुनियों की राक्षसों से रक्षा करना, अत्याचारियों का विनाश करना, प्रजा का हित साधन करना हमारे सम्मुख राम का महान आदर्श प्रस्तुत करता है।

उपसंहार

आज रामचरित मानस की रचना को चार सौ वर्ष से भी अधिक हुए, किन्तु इसका महत्व अभी भी उतना है जितना रचनाकाल में था। रामचरित मानस की प्रासंगिकता कभी कम नहीं होगी; क्योंकि इसमें मनुष्य के शाश्वत मूल्यों की स्थापना की गयी है। विश्व के प्रख्यात विद्वानों ने इस ग्रन्थ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। रूसी विद्वान वरनाकोव तो इस ग्रन्थ पर इतना अभिभूत थे कि मरने बाद अपनी कब्र पर निम्नलिखित चौपाई खुदवाने का अनुरोध अपने उत्तराधिकारियों से किया था

परहित सरिस धर्म नहिं भाई। परपीड़ा सम नहिं अधभाई।।

रामचरित मानस की लोकप्रियता जितना विद्वानों के बीच है उतना ही साधारण जनता के बीच भी। रामचरित मानस एक कालजयी और अमर कृति है। इस ग्रन्थ पर हमें गर्व है। अपने इन्हीं गुणों और विशेषताओं के कारण रामचरित मानस हमारी प्रिय पुस्तक है। मैं इसका नियमित पाठ कर आनन्द और सन्तोष प्राप्त करता हूँ।

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इस लेख के माध्यम से हमने Meri Priya Pustak Par Nibandh | Essay on My Favourite Book in Hindi  का वर्णन किया है और आप यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

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हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

  • सच्चा धर्म पर निबंध – (True Religion Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
  • पर्वतीय यात्रा पर निबंध – (Parvatiya Yatra Essay)
  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध – (Means Of Entertainment Essay)
  • मेट्रो रेल पर निबंध – (Metro Rail Essay)
  • दूरदर्शन पर निबंध – (Importance Of Doordarshan Essay)
  • दूरदर्शन और युवावर्ग पर निबंध – (Doordarshan Essay)
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  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
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  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
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  • समय का सदुपयोग पर निबंध – (Samay Ka Sadupyog Essay)
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  • जल जीवन का आधार निबंध – (Jal Jeevan Ka Aadhar Essay)
  • जल ही जीवन है निबंध – (Water Is Life Essay)
  • प्रदूषण की समस्या और समाधान पर लघु निबंध – (Pollution Problem And Solution Essay)
  • प्रकृति संरक्षण पर निबंध (Conservation of Nature Essay In Hindi)
  • वन जीवन का आधार निबंध – (Forest Essay)
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Environment Essay)
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)
  • पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi)
  • बढ़ते वाहन घटता जीवन पर निबंध – (Vehicle Pollution Essay)
  • योग पर निबंध (Yoga Essay)
  • मिलावटी खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य पर निबंध – (Adulterated Foods And Health Essay)
  • प्रकृति निबंध – (Nature Essay In Hindi)
  • वर्षा ऋतु पर निबंध – (Rainy Season Essay)
  • वसंत ऋतु पर निबंध – (Spring Season Essay)
  • बरसात का एक दिन पर निबंध – (Barsat Ka Din Essay)
  • अभ्यास का महत्व पर निबंध – (Importance Of Practice Essay)
  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – (Health Is Wealth Essay)
  • महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Tulsidas Essay)
  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

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मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध

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रूपरेखा : प्रस्तावना - मेरी प्रिय पुस्तक - लेखक की ईमानदारी - लेखक के व्यक्तित्व की झलक - अनेक विषयों पर लेखक के विचार और भाषा-शैली - प्रेरणा - उपसंहार।

उत्तम पुस्तके अच्छे मित्र, गुरु और मार्गदर्शक का काम करती हैं। उनके अध्ययन से हमारा ज्ञानकोश बढ़ता है, जीवनदृष्टि विशाल बनती है और अपने व्यक्तित्व के निर्माण में सहायता मिलती है। मानव जीवन में पुस्तक का होना अपने आप में एक अहम भूमिका निभाती है।

मैंने अब तक कई उत्तम पुस्तकें पढ़ी हैं। उन सबमें गांधीजी की आत्मकथा 'सत्य के प्रयोग' ने मुझे सबसे अधिक प्रभावित किया है। इसीलिए मेरा प्रिय पुस्तक गांधीजी की आत्मकथा पर बनी 'सत्य के प्रयोग' हैं।

'सत्य के प्रयोग' के एक-एक प्रकरण में सत्य का उद्घाटन हुआ है। गांधीजी ने अपनी दुर्बलताओं का स्पष्ट चित्रण करते हुए ऐसे प्रेरक प्रसंग प्रस्तुत किए हैं जिनसे पाठक उत्तम शिक्षा प्राप्त कर सकता है। मांसाहार, धूम्रपान, चोरी, पत्नी के प्रति कठोर व्यवहार आदि प्रसंगों में गांधीजी ने अपनी कमजोरियों की खुलकर चर्चा की है। दक्षिण अफ्रीका में उनके स्वाभिमानी, स्वावलंबी और सत्याग्रही स्वरूप का अध्ययन करने से मालूम होता है कि उस साधारण दिखाई देने वाले व्यक्ति में कितने असाधारण गुण छिपे हुए थे।

'सत्य के प्रयोग' या 'आत्मकथा ' गांधीजी की जीवनयात्रा का ही दर्शन कराती है। मोहनदास नाम का एक शर्मीला लड़का माता के वचनों से बँधकर, लंदन में संयम और परिश्रम से वकालत की डिग्री प्राप्त करता है, दक्षिण अफ्रीका में न्याय और मानवता की ज्योति जलाता है और अंत में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के विजयी सेनापति के रूप में विश्ववंद्य बन जाता है ! एक सामान्य व्यक्ति के असामान्य बनने की यह यात्रा जितनी प्रेरक है, उतनी ही रोचक भी है।

इस पुस्तक में गांधीजी ने सत्य, अहिंसा, धर्म, भाषा, जाति-पाँति, अस्पृश्यता आदि अनेक विषयों पर अपने गंभीर विचार व्यक्त किए हैं। इनसे हमें उस महामानव के चिंतन झलक मिलती है। गांधीजी ने अपनी यह आत्मकथा इतने सहज ढंग से लिखी है कि जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है। सरल और छोटे-छोटे वाक्यों में उन्होंने भाषा और भाव का सारा वैभव भर दिया है।

यह पुस्तक पढ़ने से हमे जीवन में बहुत कुछ सिखने को मिलता है। जीवन कितने भी संघर्ष से गुजरे हमे हमेशा सयम से काम लेना चाहिए यह हमे ये पुस्तक सिखाता है। यह पुस्तक सचमुच सभी लोगों के लिए प्रेरणादायक है।

इस प्रकार 'सत्य के प्रयोग' एक महामानव के जीवन की प्रेरक कथा है। इसमें हमारे देश के इतिहास की भी सुंदर झाँकियाँ हैं। इस पुस्तक को पढ़कर न जाने कितने लोगों के जीवन में अद्भुत परिवर्तन हुए हैं। इस पुस्तक के प्रभाव से ही मैं कई बुराइयों से बच गया हूँ और मुझमें सद्गुणों का विकास हुआ है। जिस प्रकार गांधीजी मेरे प्रिय नेता हैं, उसी प्रकार उनकी आत्मकथा मेरी प्रिय पुस्तक है।

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पुस्तक पर निबंध

Essay on Book in Hindi : पुस्तक वो चीज हैं जिससे हमे ज्ञान मिलता हैं। पुस्तक हमारे जीवन का आधार हैं। जीवन में सीख हमे पुस्तकों से ही मिलती हैं। पुस्तक वो चीज़ हैं जो हम पहले स्कूल में पढ़ते है, फिर कॉलेज में पढ़ते हैं उसके बाद कुछ नया सीखने के लिए पढ़ते हैं।

हम यहां पर अलग-अलग शब्द सीमा में पुस्तक पर निबंध (Essay on book in Hindi) शेयर कर रहे हैं। यह निबन्ध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होंगे।

पुस्तक पर निबंध | Essay on book in Hindi

पुस्तक पर निबंध ( 250 शब्द ) .

पुस्तक एक ऐसी वस्तु जिसमे ज्ञान का काफी मात्रा में बोद्ध होता हैं। जीवन में ज्ञान की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पुस्तकों का होना जरुरी हैं। ज्ञान की भूख को शांत करने के लिए पुस्तकों का काफी अहम रोल होता हैं। पुस्तकों के भंडार में हमे कई ऐसे स्त्रोत मिल जाते हैं जिनके जरिये हम  अपने ज्ञान को बाधा सकते हैं। पुस्तक को पुस्तक की संज्ञा भी दी जाती हैं। 

पुस्तकों का इतिहास आज से नही बल्कि काफी प्राचीन समय से हैं। पुस्तकों को प्राचीन काल से हमारे महापुरुष लिखते आ रहे हैं। पुस्तकों से हमे काफी कुछ सीखने को मिलता हैं। कई ऐसी पुस्तके हैं जो हमे भविष्य को मजबूत बनाने के लिए ज्ञान देती हैं। हमारे देश के कई महापुरुष ऐसे भी हुए हैं जिन्होंने पुस्तके लिखी हैं और उन पुस्तकों के ज्ञान अपने जीवन में उतारते हैं। 

हमारे जीवन में पुस्तकों का काफी महत्त्व हैं। प्राचीन पुस्तकों को हाथ से लिखा जाता हैं हालाँकि आज इन पुस्तकों के मुद्रण के लिए काफी प्रिंटिंग प्रेस बाज़ार में उपलब्ध हैं। पुस्तकों की छपाई में आज की तारीख में काफी वृदि हुई हैं। पुस्तकों में काफी ज्ञान उपलब्ध होता हैं ओर उस ज्ञान को आप अपने जीवन में उतार सकते हैं। पुस्तकों में वो ताक़त होती हैं जो हमारे अंधकाररुपी जीवन में उजाला भर सकती हैं। पुस्तकों से हमे काफी कुछ सीखने को मिलता हैं। पुस्तकों का जीवन में होना अपने आप में एक अच्छी बात होती हैं।

पुस्तक पर निबंध ( 800 शब्द ) 

जीवन में पुस्तकों का होना काफी आवश्यक होता हैं। अगर आपके पास एक अच्छी पुस्तक हैं तो आप उसके ज्ञान से दुनिया की कोई भी जंग जीत सकते हैं। पुस्तक को पढने हमे काफी अच्छा लगता हैं। पुस्तके भी कई प्रकार की होती हैं जिसमे कई अलग – अलग भाग होते हैं। पुस्तकों में इतिहास की पुस्तक, ज्ञानवर्धक पुस्तक और रोज़ की खबरों के बारे में बताने वाली पुस्तक को भी इस अव्वल दर्जे की श्रेणी में रखा जाता हैं। 

पुस्तक का महत्त्व

पुस्तकों को हम सबसे पहले स्कूल में पढ़ते हैं जहा हमे पुस्तकों के बारे में पहली बार बताया जाता हैं। पुस्तके भी कई अलग – अलग प्रकार की होती हैं। पुस्तक हमारे साथ एक सच्चे दोस्त की तरह रहती हैं। पुस्तकों में ज्ञान भा भंडार होता हैं जिन्हें हम देख सकते हैं और उनको अधिग्रहण कर सकते हैं। किसी भी प्रकार के ज्ञान या किसी भी चीज़ के बारे में सीखने के लिए हमे सबसे पहले पुस्तकों की ही आवश्यकता होती हैं। पुस्तके हर आयु के लडको के लिए उपयोगी होती हैं फिर चाहे वो छोटे हो या बड़े या बुजुर्ग, हर आयु के व्यक्तियों के लिए पुस्तक काफी महत्वपूर्ण होती हैं। 

पुस्तकों से मिलता ज्ञान

पुस्तकों के कई और भी अलग अलग प्रकार होते हैं। इन प्रकार की पुस्तकों में से आप किस प्रकार की पुस्तक पढना पसंद करते हैं यह इस बात पर निर्भर करता हैं की आप को कौनसी पुस्तक पसंद हैं। पुस्तकों में व्यवसाय इ जुडी पुस्तके या हास्य और मनोरंजन से जुडी पुस्तके भी शामिल हैं। अगर आपको हास्य और कविताओ से जुडी पुस्तके पसंद हैं तो इसका सीधा मतलब यह हैं की आप काफी शांत किस्म वाले व्यक्तित्व के धनि हैं। 

अगर आप हॉरर और डरावनी कहानियो की पुस्तके पढना पसंद करते हैं तो आपको इस बात से सीधा आशय यह हैं की आप हमेशा कुछ नया जानने को उत्सुक रहते हैं। अगर हम किसी प्रतियोगी परीक्षा की तेयारी करते हैं तो भी हमे कई अलग – अलग प्रकार  की पुस्तके पढने को मिलती हैं जैसे भूगोल की किताब, इतिहास की किताब और राजनीती की किताब इतियादी। इन सभी किताबो को पहने से भी की काफी ज्ञान की प्राप्ति होती हैं।

पुस्तकों का इतिहास

पुस्तको के इतिहास की बात करे तो पुस्तकों का इतिहास काफी पुराना हैं। पुस्तकों की कहानी पन्नो की छपाई के साथ शुरू हुई थी और यह आज वर्तमान में पुस्तकों के भंडार के साथ चल रही है। किसी भी पुस्तक को पढने और उसे समझने से पहले उसके इतिहास को  समझना जरुरी होता हैं। पुस्तको की पहली बार छपाई 1440 में फ़्रांस की प्रिंटिंग प्रेस से शुरू हुई थी। उसके बाद पुस्तकों का प्रचार – प्रसार पुरे विश्व में फ़ैल गया। पुस्तकों का इतिहास मध्यकाल से जुड़ा हैं। पुस्तकों को पहली बार फ़्रांस में पढ़ा और लिखा गया था और उसके बाद यह धरती के हर कौने में पहुच गई। इसके 15 साल बाद पहली बार 1455 में पहली बार बाईबिल की छपाई की गई। 

पुस्तकों के प्रकार 

पुस्तकों के कई प्रकार हैं जिनके बारे में आप शयद ही जानते होंगे। हमारे स्कूल और कॉलेज तक हम कई पुस्तके पढ़ते हैं। इन सब के अलावा भी हम और भी कई पुस्तके पढ़ते हैं। किताबो के कई प्रकार हैं जिनके बारे में हमे जानना और समझना चाहिए – 

  • ज्ञानवर्धक पुस्तके – ज्ञानवर्धक किताबो की श्रेणी में वे पुस्तके शामिल हैं जिनसे हमे हमारे जीवन से जुडी ज्ञान की बाते जानने और सीखने को मिलती हैं। ज्ञानवर्धक किताबो की सूची में कई पुस्तके आती हैं जो किसी महान पुरुष दुवारा लिखी गई हो। ज्ञानवर्धक किताबो से ज्यादा हमे ज्ञान की आवश्यकता होती हैं। 
  • मनोरंजन से जुडी पुस्तके – ज्ञानवर्धक किताबो के अलावा मनोरंजन से जुडी पुस्तके भी अगर हम पढ़ते हैं तो वो भी हमारे लिए काफी अच्छी रहती है। जीवन में खुश और हँसी हर किसी को नसीब नही होती हैं। इसके लिए आप अपने आप को सरल बनाये और सोभर बनाये, उसके लिए मनोरंजन से जुडी पुस्तके पढ़े। 
  • तकनीकी पुस्तके – तकनीक किताबे पढना भी आज के समय में काफी अच्छा रहता हैं। तकनीक आज से समय की मांग हैं उसके लिए हमे तकनिकी किताबो का पढना भी जरुरी होता हैं। 

किताबो का महत्त्व वो ही जानता हैं जिसने किताबो के लिए संघर्ष किया हो। आज किताबो के बिना पढाई करना काफी मुश्किल होता हैं। जीवन में अच्छे ज्ञान की प्राप्ति के लिए भी हमे अच्छे पुस्तकों को पढना जरुरी होता हैं। 

अंतिम शब्द 

हमने यहां पर “पुस्तक पर निबंध (Essay on book in Hindi)” शेयर किया है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबन्ध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Rahul Singh Tanwar

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किताब पर निबंध

hindi essay on book

By विकास सिंह

Essay on book in hindi

पुस्तकों को एक व्यक्ति का सबसे अच्छा दोस्त माना जाता है। वे ज्ञान और जानकारी की एक संगृह हैं। यह ठीक ही कहा गया है, “एक पुस्तक से वफादार कोई दोस्त नहीं है”। किताब हमें बहुत कुछ देती हैं लेकिन बदले में यह कुछ नहीं मांगती हैं। । एक अच्छी किताब हमारे मूड को तुरंत उभार सकती है और हम पर गहरा असर छोड़ सकती है। इस प्रकार समझदार बनने के लिए विभिन्न प्रकार की पुस्तकों को पढ़ने की अत्यधिक अनुशंसा की जाती है।

किताब पर निबंध, short essay on book in hindi (200 शब्द)

सदियों से लाखों किताबें लिखी और प्रकाशित की गई हैं। मनुष्य ने प्राचीन काल से लिखना शुरू किया और यह एक प्रथा है जो उसने आज के आधुनिक युग में भी नहीं छोड़ी है।

कई अनुभवी और अनुभवी लेखकों ने विभिन्न विषयों पर कई पुस्तकों को लिखा है। काल्पनिक और गैर-काल्पनिक दोनों तरह की किताबें विज्ञान, ज्योतिष, फैशन, सौंदर्य, जीवन शैली, इतिहास, संस्कृति, दर्शन और प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न शैलियों पर लिखी गई हैं। इन पुस्तकों में विभिन्न विषयों के बारे में ज्ञान है और यह पाठकों को मंत्रमुग्ध कर रही हैं। किताब पढ़ने की आदत उन सबसे अच्छी आदतों में से एक है, जिसे कोई व्यक्ति अपना सकता है।

एक व्यक्ति जो किताबें पढ़ना पसंद करता है, वह कभी अकेला या ऊब महसूस नहीं कर सकता क्योंकि किताबें हमेशा उसके भले के लिए होती हैं। इन्हें आसानी से चलते-फिरते ले जाया जा सकता है और बस कहीं भी पढ़ा जा सकता है। किताबें न केवल बोरियत को मारने और अकेलेपन की भावना से बचने में मदद करती हैं बल्कि ज्ञान भी प्रदान करती हैं।

एक व्यक्ति जो विभिन्न प्रकार की पुस्तकों को पढ़ता है और नियमित रूप से पढ़ने के लिए प्रेरित करता है, वह अच्छी तरह से सीखता है। वह सांसारिक बुद्धिमान होता है। वह विभिन्न स्थितियों को उन लोगों की तुलना में बेहतर ढंग से संभाल सकता है जो पढ़ने में आनाकानी करते हैं।

किताबें पढ़ना आत्मविश्वास बनाता है और यह उसके व्यक्तित्व में प्रतिबिंबित होता है। लोग ऐसे व्यक्ति को देखते हैं जो अच्छी तरह से पढ़ा हुआ है।

किताब पर निबंध, 300 शब्द :

प्रस्तावना:.

यात्रा, प्रौद्योगिकी, पौराणिक कथाओं, खगोल विज्ञान, फैशन, विज्ञान, साहित्य, इतिहास सहित विभिन्न विषयों पर कई पुस्तकें लिखी गई हैं। विभिन्न क्षेत्रों के प्रत्येक और हर पहलू को अलग-अलग पुस्तकों द्वारा छुआ गया है। इन्हें इस प्रकार ज्ञान के खजाने के रूप में जाना जाता है। जितनी गहराई में आप किताबों में ढूंढते हैं, उतना ही अधिक खजाना आपको मिल जाएगा – एक ऐसा खजाना जो हमेशा के लिए आपके पास रहेगा।

पुस्तकें ज्ञान की प्रचुरता प्रदान करती हैं:

कई लेखकों ने विभिन्न विषयों पर कई किताबें लिखी हैं। इन पुस्तकों के माध्यम से एक ही विषय के विभिन्न पहलुओं को छुआ गया है। इस प्रकार किताबें पढ़ना एक व्यक्ति को ज्ञान की प्रचुरता प्रदान कर सकता है और उसे प्रबुद्ध कर सकता है।

बहुत से लोग एक विषय या दो का चयन करते हैं और उनके बारे में गहराई से जानने के लिए उन पर कई किताबें पढ़ते हैं। दूसरों ने सामान्य रूप से अपने ज्ञान को व्यापक बनाने के लिए विभिन्न विषयों पर किताबें पढ़ीं। पुस्तकें ज्ञान की प्रचुरता प्रदान करती हैं। जो लोग किताबें पढ़ने की आदत को बढ़ाते हैं, वे आमतौर पर नियमित पढ़ने के लिए पुस्तकालय की सदस्यता लेते हैं।

पुस्तकें रूचि तलाशने में मदद करती हैं:

किताबें भी हमारी रुचि का पता लगाने में हमारी मदद करती हैं। हर व्यक्ति हर विषय में दिलचस्पी नहीं रखता है। लोगों के अपने निजी हित और पसंद हैं। हालाँकि, जब तक हम किसी विशेष विषय के बारे में नहीं सीखते, तब तक हम यह नहीं जान पाएंगे कि यह हमारी रुचि का है या नहीं।

पुस्तकें यह जानने का सबसे अच्छा तरीका है कि हमारी रुचि किन विषयों के बारे में पढ़ने से है। पुस्तकें हमारी रुचि का पता लगाने में हमारी मदद करती हैं। हम जितना अधिक विषयों को पढ़ेंगे, हम समझेंगे कि वास्तव में हमारी रुचि क्या है। इस प्रकार छात्रों के लिए विभिन्न प्रकार की पुस्तकों को पढ़ना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उन्हें यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि उनकी रुचि कहाँ है। इससे उनके करियर का रास्ता चुनने में काफी मदद मिलती है।

निष्कर्ष:

इस प्रकार, पुस्तकें हमारे ज्ञान का विस्तार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक हैं। वे निश्चित रूप से ज्ञान के प्यासे व्यक्ति को संतुष्ट कर सकती हैं।

पुस्तक पर निबंध, Essay on book in hindi (400 शब्द)

प्रस्तावना :.

किताबें मानव जाति के लिए एक आशीर्वाद हैं। हम भाग्यशाली हैं कि बड़ी संख्या में विद्वानों ने पुस्तकों के माध्यम से अपने ज्ञान और जानकारी को साझा किया है। दुनिया भर में लाखों किताबें प्रकाशित हुई हैं। पुस्तकें हमारे जीवन में बहुत महत्व रखती हैं। एक अच्छी किताब हमारे जीवन को बेहतर बना सकती है।

हमारे जीवन में पुस्तकों का महत्व:

यहाँ बताया गया है कि विभिन्न प्रकार की पुस्तकें हमें जीवन में कैसे मदद करती हैं:

यात्रा पुस्तकें : यात्रा की पुस्तकों में विभिन्न यात्रियों के अनुभव शामिल हैं। वे हमें कथाकार की नजर से दुनिया भर के विभिन्न स्थानों से परिचित कराते हैं। इन पुस्तकों से अक्सर यात्रियों को यह जानने में मदद मिलती है कि किसी विशेष स्थान पर जाने पर सभी को क्या देखना है। जो लोग यात्रा करना पसंद करते हैं, लेकिन किसी कारण से ऐसा करने में असमर्थ होते हैं, वे इन पुस्तकों के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर जाने का आभासी अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।

इतिहास की पुस्तकें : इतिहास की किताबें हमें अपनी जड़ों के करीब ले जाती हैं। विभिन्न देशों के इतिहास अलग-अलग युगों के लेखकों द्वारा विभिन्न पुस्तकों में अंतर्निहित हैं। उसी के बारे में जानने के इच्छुक लोग इन पुस्तकों को पढ़ सकते हैं।

प्रौद्योगिकी पुस्तकें :  प्रौद्योगिकी आज के समय में बात है। प्रौद्योगिकी पर पुस्तकें हमें हमारे आसपास के नए तकनीकी विकासों के बारे में जानने में मदद करती हैं। प्रौद्योगिकी अपने आप में एक विशाल विषय है। प्रौद्योगिकी पर पुस्तकों में विभिन्न प्रौद्योगिकी संचालित उपकरणों के विभिन्न तकनीकी पहलुओं के बारे में जानकारी है।

फैशन और जीवन शैली की किताबें :  फैशन और जीवन शैली की किताबें हमें फैशन और जीवन शैली की दुनिया का पता लगाने में मदद करती हैं। जबकि इनमें से कुछ किताबें नवीनतम फैशन और जीवन शैली के रुझानों के बारे में जानने में मदद करती हैं, जबकि अन्य हमें अलग-अलग युगों और विभिन्न स्थानों में प्रचलित फैशन रुझानों से परिचित कराते हैं।

स्वयं सहायता पुस्तक :  कई सीखा लेखकों ने मानव मनोविज्ञान का गहराई से अध्ययन किया है और लोगों को उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए स्व सहायता पुस्तकें लिखी हैं। एक संचार कौशल में सुधार, मित्रों को जीतने, पैसा बनाने, व्यक्तित्व को बढ़ाने और कई अन्य विषयों पर पुस्तकें बाजार में उपलब्ध हैं। इन्हें पढ़ने से वास्तव में किसी व्यक्ति में सकारात्मक बदलाव आ सकता है।

प्रेरक / प्रेरणादायक पुस्तकें : कई प्रेरक और प्रेरणादायक किताबें लोगों को प्रेरित करने और उनमें सर्वश्रेष्ठ लाने के लिए प्रेरित करने और जीवन में अच्छा करने में मदद करने के लिए लिखी गई हैं।

फिक्शन की किताबें :  विभिन्न विषयों पर गैर-फ़िक्शन पुस्तकों के अलावा, विभिन्न शैलियों पर असंख्य फ़िक्शन पुस्तकें उपलब्ध हैं। ये पुस्तकें मनोरंजन का एक बड़ा स्रोत हैं। इनमें से कई किताबें प्रेरणादायक भी हैं।

इस प्रकार, पुस्तकें व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। एक व्यक्ति जो नियमित रूप से किताबें पढ़ता है, उसके पास एक अच्छा व्यक्तित्व होता है और यह उन लोगों की तुलना में अधिक आश्वस्त होता है जो इसे नहीं करते हैं।

किताब पर निबंध, 500 शब्द :

एक सबसे अच्छा दोस्त वह होता है जो हममें सर्वश्रेष्ठता लाता है और हमेशा हमारी तरफ होता है। पुस्तकों को एक व्यक्ति का सबसे अच्छा दोस्त माना जाता है क्योंकि वे इन दोनों गुणों के अधिकारी होती हैं और बहुत कुछ प्रदान करती हैं। पुस्तकें हमारे ज्ञान को बढ़ाती हैं, हमारी दृष्टि का विस्तार करती हैं, और विभिन्न दृष्टिकोणों से चीजों को देखने की क्षमता प्रदान करती हैं, हमारी रचनात्मक शक्ति को बढ़ाती हैं और बहुत कुछ करती हैं।

हमारे लिए पुस्तकें सर्वश्रेष्ठ हैं:

एक सबसे अच्छे दोस्त की तरह, किताबें हम में सर्वश्रेष्ठ को सामने लाती हैं। पुस्तकें ज्ञान की प्रचुरता प्रदान करती हैं। जीवन में अच्छा करने और एक बेहतर इंसान बनने के लिए, हमें अपने ज्ञान को बढ़ाने की आवश्यकता है जो बदले में हमें समझदार बनने में मदद करता है।

एक व्यक्ति जो पढ़ने की आदत विकसित करता है, वह समय के साथ इन दोनों को प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा, किताबें हमें एक कल्पनाशील दुनिया में ले जाती हैं और हमारी रचनात्मकता को बढ़ाती हैं। वे आत्मविश्वास बनाने में मदद करते हैं। हम चीजों के बारे में अधिक जागरूक हो जाते हैं और विभिन्न परिस्थितियों को संभालने में बेहतर बन जाते हैं। आखिर में, किताबें हमारे लिए सबसे अच्छे दोस्त की तरह होती हैं जो हमारे लिए परवाह करती है और हमें पूरे दिल से जीवन में अच्छा करते देखना चाहती है।

किताबें हमेशा हमारी तरफ होती हैं:

एक अच्छे दोस्त की तरह, किताबें हमें कभी नहीं छोड़ती हैं। वे हमेशा हमारी ओर होती हैं चाहे हम कहीं भी हों। ऐसा कहा जाता है कि किताबें पढ़ने की आदत विकसित करने वाला व्यक्ति कभी अकेलापन या ऊब महसूस नहीं कर सकता है। यह सबसे अच्छा दोस्त होने के समान है।

यदि आपके पास करने के लिए कुछ नहीं है, तो आप एक पुस्तक निकाल सकते हैं और पढ़ सकते हैं। यदि आप अकेले यात्रा कर रहे हैं, तो बस आपको कंपनी देने के लिए एक किताब ले लो। यदि आप एक बारिश के दिन अकेले हैं, तो बस एक किताब खोलें और इसे पढ़ें। अब आप अकेलापन महसूस नहीं करेंगे। यदि आप ऊब महसूस कर रहे हैं क्योंकि आपके पास कोई बात करने के लिए नहीं है, तो एक किताब पढ़ें। इसलिए, किताबें हमेशा आपके बचाव के लिए होती हैं, जैसे एक सबसे अच्छे दोस्त से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस तरह की स्थिति में हैं।

पुस्तकें हमें सही दिशा में निर्देशित करती हैं:

किताबें न केवल बोरियत को मारती हैं और हमारे ज्ञान और रचनात्मकता को बढ़ाती हैं वे उत्कृष्ट भी हैं जब यह सलाह लेने की बात आती है। कई स्व सहायता और प्रेरक पुस्तकें हैं जो हमें सही दिशा में सहायता और मार्गदर्शन करती हैं।

जब भी हमें एक कठिन परिस्थिति का सामना करना पड़ता है, तो समझदारी से कार्य करने के तरीके को समझने के लिए ऐसी पुस्तकों को पढ़ना सबसे अच्छा है। यहां, आपको उच्च शिक्षा प्राप्त लोगों से एक सलाह मिलेगी जिन्होंने जीवन को गहराई से खोजा है।

यह यादृच्छिक रिश्तेदारों और दोस्तों से सलाह लेने से बेहतर है। कई लोगों ने इस तरह की किताबें पढ़कर अपने जीवन को बेहतर बनाया है। एक अच्छे दोस्त की तरह, ऐसी किताबें हमें सही राह पर चलने के लिए मार्गदर्शन करती हैं।

इस प्रकार, किताबें निश्चित रूप से हमारी सबसे अच्छी दोस्त हैं। वे हमारे जीवन को अधिक अर्थ देने में मदद करते हैं। बदले में बिना कुछ मांगे हमेशा किताबें हमारी तरफ से रहती हैं। वे हमारा मनोरंजन करती हैं जब हम ऊब और अकेला महसूस करते हैं और ज़रूरत के घंटे के दौरान हमारा मार्गदर्शन करती हैं। हम उन पर हर समय भरोसा कर सकते हैं जैसे हम अपने सबसे अच्छे दोस्त पर भरोसा कर सकते हैं।

किताब पर निबंध, Essay on book in hindi (600 शब्द)

किताबें पढ़ने से कई फायदे मिलते हैं। यही कारण है कि बच्चों को कम उम्र से पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया जाता है। बाजार में विभिन्न शैलियों की किताबें उपलब्ध हैं। कोई भी व्यक्ति उस विषय को चुन सकता है जो उसे रुचिकर बनाता है और इसके ज्ञान का विस्तार करता है इसके अलावा इसके द्वारा प्रदान किए जाने वाले विभिन्न अन्य लाभों का आनंद लेता है।

किताबें पढ़ने के फायदे:

किताबें पढ़ने के कुछ फायदे इस प्रकार हैं:

ज्ञान को बढ़ाती है :  पुस्तकें ज्ञान का एक भंडार है जो आसानी से कब्रों के लिए तैयार है। विभिन्न विषयों पर कई पुस्तकें उपलब्ध हैं। इन्हें पढ़ना हमारे ज्ञान को बढ़ाने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है।

समझदार बनाती है : विभिन्न चीजों के बारे में ज्ञान होना और समझदार होना दो अलग चीजें हैं। पुस्तकें न केवल विभिन्न विषयों के बारे में ज्ञान प्रदान करती हैं, बल्कि हमें समझदार भी बनाती हैं। किसी विशेष विषय के बारे में पढ़ना हमें इसके बारे में गहन ज्ञान देता है और इससे संबंधित किसी भी चीज़ से निपटने के लिए ज्ञान प्रदान करता है।

बोरियत ख़त्म करती हैं : जिस व्यक्ति को पढ़ने की आदत होती है वह कभी भी ऊब नहीं सकता है या अकेला महसूस नहीं कर सकता है। किताबें हमारी सबसे अच्छी साथी हैं। बदले में बिना कुछ मांगे वे हमेशा निस्वार्थ भाव से हमारी तरफ से हैं। ऊब कभी भी पढ़ने की आदत विकसित करने वाले व्यक्ति को नहीं छू सकती है। उसे कंपनी देने के लिए एक अच्छी किताब की जरूरत है।

ब्याज का पता लगाने में मदद करती है : विभिन्न विषयों पर कई किताबें बाजार में और दुनिया भर के पुस्तकालयों में उपलब्ध हैं। किसी की रुचि का पता लगाने के लिए विभिन्न विषयों के बारे में पढ़ना एक अच्छा विचार है।

जितना अधिक हम पढ़ते हैं, उतना ही हमें यह पता चलता है कि हमें किस क्षेत्र में अधिक रुचि है। यह हमारे करियर विकल्प को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण और सकारात्मक भूमिका निभा सकता है।

रचनात्मकता बढ़ाती है : काल्पनिक पुस्तकें हमें कई पात्रों से परिचित कराती हैं और विभिन्न स्थितियों को सामने रखती हैं। इन पुस्तकों को पढ़ते समय हमें विभिन्न प्रकार की काल्पनिक स्थितियों का सामना करना पड़ता है।

वे हमें अलग-अलग परिस्थितियों में अलग-अलग तरीकों से निपटने की बुद्धि देते हैं। पढ़ना हमें एक काल्पनिक दुनिया में ले जाता है और हमारी रचनात्मकता को बढ़ाने में मदद करता है।

शब्दावली में सुधार करती है :  यह बिना कहे चला जाता है कि जितनी अधिक पुस्तकें हम सीखते हैं उतने अधिक शब्द पढ़ते हैं और इससे हमारी शब्दावली में सुधार होता है। यह एक अच्छा विचार है कि हम पढ़ते समय नए शब्दों को रेखांकित करें और अपनी शब्दावली को व्यापक बनाने के लिए उनके अर्थ की तलाश करें।

पढ़ना और लेखन कौशल में सुधार : किताबें पढ़ने से हमारे पढ़ने के कौशल में भी सुधार होता है। हम जितना अधिक धाराप्रवाह पढ़ते हैं और तेजी से हम उस पर पहुंचते हैं। इसके अलावा, जो व्यक्ति अच्छी तरह से पढ़ा-लिखा है, वह लिखने में भी अच्छा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके पास एक समृद्ध शब्दावली है और उनके पास व्यापक ज्ञान के रूप में बेहतर विचार हैं और रचनात्मकता को बढ़ाते हैं।

आत्मविश्वास बढ़ाती है : जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, पढ़ना हमारे ज्ञान को बढ़ाता है। एक व्यक्ति जो अधिक जानकार है वह निश्चित रूप से अधिक आश्वस्त है। जब वह समूह चर्चाओं, वाद-विवाद और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं के साथ-साथ साक्षात्कार के दौरान भाग लेने के लिए बेहतर होता है।

नया परिप्रेक्ष्य देती हैं  : पढ़ना हमें विभिन्न चीजों के बारे में एक नया दृष्टिकोण देता है। हम लेखकों के साथ-साथ पात्रों के दृष्टिकोण से चीजों को देखने में सक्षम हैं। इससे जीवन के बारे में गहरी समझ मिलती है। जब एक समस्या का सामना करना पड़ता है, तो एक पढ़ा-लिखा व्यक्ति विभिन्न कोणों से चीजों को देख सकेगा और फिर निष्कर्ष पर पहुंचने के बजाय उस पर कार्य कर सकेगा।

व्यक्तित्व पर सकारात्मक प्रभाव : अच्छी किताबें पढ़ने से व्यक्तित्व पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। एक व्यक्ति जो अच्छी तरह से पढ़ा है, सांसारिक बुद्धिमान, आत्मविश्वास और रचनात्मक है, निश्चित रूप से एक बेहतर व्यक्तित्व होगा।

इस प्रकार, हम देखते हैं कि किताबें पढ़ने से कई लाभ मिलते हैं। यह हमें आश्वस्त करती है, हमारी शब्दावली में सुधार करती है, हमारे पढ़ने और लेखन कौशल को बढ़ाती है, हमें जीवन के बारे में एक नया दृष्टिकोण देती है, ज्ञान को बढ़ाती है, हमें बुद्धिमान बनाती है और हमारे समग्र व्यक्तित्व पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। एक व्यक्ति जो अच्छी तरह से पढता  है, वह समृद्ध होता है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Short Essay on My Favorite Book in Hindi – मेरी प्रिय पुस्तक पर अनुच्छेद

November 11, 2017 by essaykiduniya

Here you will get Paragraph and Short Essay on My Favorite Book in Hindi Language for students of all Classes in 100, 125, 150, 200 and 225 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में मेरी प्रिय पुस्तक पर अनुच्छेद मिलेगा।

Short Essay on My Favorite Book in Hindi – मेरी प्रिय पुस्तक पर अनुच्छेद

hindi essay on book

Short Essay on My Favorite Book in Hindi – मेरी प्रिय पुस्तक पर अनुच्छेद ( 100 words )

मैंने कई किताबें पढ़ी हैं लेकिन मुझे एक पुस्तक सबसे अधिक पसंद है। यह `गीता’ है यह हिंदुओं की धार्मिक किताब है इसमें एक बहुत समृद्ध दर्शन है यह हमें सिखाता है कि मनुष्य को कड़ी मेहनत करनी चाहिए। उन्हें परिणाम के बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए भगवान निश्चित रूप से काम के लिए हमें पुरस्कार देता है अच्छा काम हमेशा अच्छे परिणाम की ओर जाता है। तो एक आदमी को केवल अपने काम पर ध्यान देना चाहिए उसे बाकी को भगवान से छोड़ देना चाहिए मुझे यह दर्शन पसंद है। मुझे इस पुस्तक को पढ़ने के द्वारा मन की शांति मिलती है।

Short Essay on My Favorite Book in Hindi – मेरी प्रिय पुस्तक पर अनुच्छेद ( 125 words )

पुस्तकें हर व्यक्ति के जीवन में एक अहम भूमिका निभाती हैं। मुझे भी पुस्तकें पढ़ना बहुत पसंद है। रामचरित मानस जो कि स्वामी तुलसी दास जी द्वारा लिखी गई है मेरी प्रिय पुस्तक है और मैं रोज इसे पढ़ता हूँ। इसे पढ़ने से मन को बहुत शांति मिलती है और सभी समस्याओं का समाधान मिल जाता है। इस पुस्तक में भगवान श्रीराम के आदर्श जीवन का वर्णन किया गया है। यह पुस्तक हमें अच्छाई के मार्ग पर चलने और त्याग भावना रखने की प्रेरणा देती हैं। इसके गुण मुझे आकर्षित करते हैं और दोहा और चौपाई का प्रयोग इसको अत्यधिक आकर्षक बनाते हैं। यह हमें एक चरित्रवान व्यक्ति बनने में सहायता करती है।

Short Essay on My Favorite Book in Hindi – मेरी प्रिय पुस्तक पर अनुच्छेद ( 150 words ) 

मुझे किताबें पढ़ना अच्छा लगता है मैंने कई किताबें पढ़ी हैं लेकिन मैं रामायण को एक धार्मिक किताब बहुत पसंद करता हूं। यह हिंदुओं की एक पवित्र पुस्तक है वे सुबह इसे पढ़ते हैं यह महान कवि वाल्मीकि ने लिखा है यह एक दिलचस्प कहानी है राम उसका नायक है वह एक आज्ञाकारी बेटा था। तो वह चौदह वर्ष के लिए जंगल में रहता था। सीता और लक्ष्मण भी उसके साथ थे। उन्होंने रावण को मार डाला फिर वह अपने देश लौट आया। लोगों ने उसे स्वागत किया वह राजा बन गया रामायण हमें कई सबक सिखाता है। हम अच्छे बेटे बनना सीखते हैं यह सरल शैली में है भाषा आसान है इस पुस्तक को पढ़ना चाहिए मुझे इस पवित्र पुस्तक पर गर्व है।

Short Essay on My Favorite Book in Hindi – मेरी प्रिय पुस्तक पर अनुच्छेद ( 200 words )

पुस्तकें इंसान की सबसे अच्छी मित्र होती हैं। वह हमें सही राह दिखाती है और हमें चरित्रवान बनने में सहायता करती हैं। मैने बहुत सी पुस्तके पढ़ी है लेकिन रामचरितमानस मेरी प्रिय पुस्तक है। यह स्वामी तुलसीदास जी के द्वारा रचियत है और इसमें मुख्य पात्र दशरथ पुत्र श्रीराम है जिन्हें लोग भगवान का अवतार मानते हैं। इस पुस्तक में श्रीराम के पूर्ण जीवन की व्याख्या की गई है। उनके बचपन से लेकर उनके बनवास जाने तक और रावण का वध कर अयोध्या लौट आनै तक सभी बातों का वर्णन किया गया है।

यह पुस्तक बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाती है और साथ ही हमें श्रीराम की तरह आदर्श जीवन व्यतीत करने की प्रेरणा देती है। यह हमें प्यार से मिल जुलकर रहने और एक दुसरे की खुशी के लिए त्याग भावना रखना सिखाती है। एक तरफ राम ने भरत के लिए वनवास लिया वहीं दुसरी तरफ भरत ने राम का दास बनके राज काज को संभाला था। हनुमान जी के भक्तिभाव की बात ही निराली है। मुझे रामचरितमानस को पढ़कर अत्यंत शांति मिलती है और मैं इसे रोज पढ़ती हूँ। इसमें मनुष्य के जीवन से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान मिलता है और इसमें प्रयोग हुए दोहा और चैपाई इसके सौंदर्य को बढ़ाते हैं।

Short Essay on My Favorite Book in Hindi – मेरी प्रिय पुस्तक पर अनुच्छेद ( 225 words )

मेरे पास पुस्तकों का एक बड़ा संग्रह है क्योंकि मुझे पढ़ने का शौक है। तो मेरी चाची ने मेरे जन्मदिन पर एक किताब को प्रस्तुत किया। यह किताब मेरी सबसे पसंदीदा किताब है यह ‘पंचतंत्र’ अंग्रेजी में अनुवादित है|

पंचतंत्र एक पुस्तक है जो मूल रूप से संस्कृत में विष्णु शर्मा नामक पंडित द्वारा लिखी गई पुस्तक है। यह पुस्तक दुनिया के लगभग सभी प्रमुख भाषाओं में अनुवादित है इसमें कई कहानियां हैं इन कहानियों में वर्ण सभी जानवर हैं पिंगलका नाम का शेर है; करात संजीवक नामक दो बैल हैं; दमनका नामक लोमड़ी है। एक हिरण नामित चेर, चित्रग्रेव नामक एक खेत और बहुत से अन्य ये जानवर मानव प्रकृति और प्रवृत्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे अच्छे गुणों, ईमानदारी, सहायकता, सच्चाई मित्रता और कई अन्य जैसे अच्छे गुणों के प्रतिनिधि हैं। ऐसे अन्य जानवर हैं जो कुटिलता, दुश्मनी, ईर्ष्या, असत्य धोखाधड़ी और अन्य जैसे खराब गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

इस पुस्तक में पत्थर वास्तव में अद्भुत और रुचि हैं, उनकी शैली कथा है वे समझने में आसान हैं प्रत्येक कहानी हमें इसके अंत में नैतिक शिक्षा देती है। व्यावहारिक जीवन में यह बहुत सहायक है हालांकि कहानियां पुरानी हैं, वे हमेशा ताजा और सच्चे हैं क्योंकि मुझे इस किताब को बार-बार पढ़ना पसंद है।

हम उम्मीद करेंगे कि आपको यह अनुच्छेद ( Short Essay on My Favorite Book in Hindi – मेरी प्रिय पुस्तक पर अनुच्छेद ) पसंद आएगा।

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पुस्तकें हमारी सच्ची मित्र पर निबन्ध | Essay on Books; Our True Friend in Hindi

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ADVERTISEMENTS:

पुस्तकें हमारी सच्ची मित्र पर निबन्ध | Essay on Books; Our True Friend in Hindi!

कुछ पुस्तकें केवल जायका लेने के लिये होती हैं, कुछ निगलने के लिये होती है तथा कुछ थोड़ी सी चबाने तथा मन में उतारने के लिये होती हैं । मानवता का सही अध्ययन पुस्तकें ही प्रस्तुत करती हैं । पुस्तकें हमारी सच्ची मित्र हैं आज भी और सदा के लिये भी ।

पुस्तकें हमारे लिए एक ऐसे संसार का सृजन करती हैं । जो इस वास्तविक संसार से अलग है । वास्तविक संसार दु:ख और कष्टों से भरा पड़ा है । स्वार्थ, द्वेष और शत्रुता की इस दुनिया में आनन्द और खुशी का काफी सीमा तक अभाव रहता है ।

कोई किसी से शत्रुता और द्वेष की भावना रखकर उसे हानि पहुँचा रहा है । कोई दूसरों के हितों का बलिदान करके अपने स्वार्थ की पूर्ति में लगा है । संवेदनशील पुरुष के लिए यह जीवन पीड़ाओं से परिपूर्ण है । सच्चे सुख के लिए हमें पुस्तकों के संसार में जाना होगा ।

पुस्तकों की दुनिया में केवल आनन्द ही आनन्द है । पुस्तकें न किसी से द्वेष करती है और न ही शत्रुता । पुस्तकों का अपना स्वार्थ क्या हो सकता है ? पुस्तकें अपने भीतर प्रसन्नता, सुख और आनन्द का संसार संजोए बैठी हैं ज्ञान वर्धन मानव की एक मूल प्रवृत्ति है ।

बच्चा जब नई चीजें सीखता है अथवा बोलता है तो बच्चे को असीम आनन्द मिलता है । घरवालों की खुशी का तो ठिकाना ही नहीं रहता । बच्चा नई बात सीख कर विशेष खुशी का अनुभव करता है । भले ही वह बात छोटी ही क्यों न हो । वास्तविकता यह है कि ज्ञान वर्धन से आनन्द मिलता है ।

पुस्तकें ज्ञान का भण्डार है । पुस्तकें हमारी दुष्ट वृत्तियों से सुरक्षा करती हैं । इनमें लेखकों के जीवन भर के अनुभव भरे रहते हैं । यदि कोई परिश्रम करे और अनुभव प्राप्त करने के लिए जीवन लगा दे और फिर उस अनुभव को पुस्तक के थोड़े से पन्नों में दर्ज कर दे तो पाठकों के लिए इससे ज्यादा लाभ की बात क्या हो सकती है ।

पुस्तकों के अध्ययन से ज्ञान की वृद्धि होती है और ज्ञान वृद्धि से सुख मिलता है । ज्ञान वृद्धि से जो सुख मिलता है उसकी तुलना किसी भी सुख से नहीं की जा सकती । किन्तु हर पुस्तक अच्छी नहीं होती और सभी के लिये नहीं होती हैं ।

कुछ पुस्तकें ज्ञान रहित और बकवास होती हैं । ऐसी पुस्तकें जो जीवन सम्बन्धी ज्ञान से खाली हो और हमारी तुच्छ भावनाओं को जगाती हों वे मित्र नहीं बल्कि शत्रु हैं । अत: पुस्तकों का सही चयन बड़ा आवश्यक है ।

हमारा जीवन कुरुक्षेत्र है । बार-बार ऐसे अवसर आते हैं जव हमें नहीं पता चलता कि हमारा कर्त्तव्य क्या है । ऐसे समय में हम तनावग्रस्त हो जाते है । अपना कर्त्तव्य पालन न करने पर हमें हानि भी हो सकती है । पुस्तकें हमारा मार्गदर्शन करती हैं । हमें कर्त्तव्य और अकर्त्तव्य का बोध कराती है विना ज्ञान के व्यक्ति सदैव अन्धकार में रहता है । पुस्तकें हमें अन्धकार से प्रकाश की ओग् ले जाती हैं ।

ज्ञानवान पुरुष जीवन और जगत को समझाता है । उसे संसार के सभी रहस्यों का पता चल जाता है वह सदैव सुख में रहता है । पुस्तक पढ़ने वाला व्यक्ति बुद्धिमान हो जाता है और सदैव उन्नति के पथ पर चलता रहता है । अत: हर घर में पुस्तकों का होना आवश्यक है । बिना पुस्तक का घर बिना खिड़की के कमरे के समान है ।

धर्म और आध्यात्म का मार्ग कठिन है । लोग धर्म का नाम तो लेते हैं किन्तु धर्म के बारे में कुछ नहीं जानते । ईश्वर की चर्चा होती है किन्तु हमें न ईश्वर का पता है न ही उसके स्वरूप का । वेद और शास्त्र पढ़ कर हम धर्म और ईश्वर के बारे में जान सकते हैं ।

हमारे धर्म और आध्यात्म के अधिकारियों और ऋषियों ने न केवल धर्म और ईश्वर के बारे में लिखा अपितु उनके बारे में लिखा अपितु उनके बारे में जाना भी हैं। पुस्तकें हमारी सच्ची मित्र हैं । वे हमारा कल्याण करती हैं । हमें आनन्द देती हैं ।

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    Pustak Par Nibandh In Hindi / Essay On Book In Hindi - किताब दुनिया की वो बहुमूल्य चीज है जिससे हमें ज्ञान प्राप्त होता है। पुस्तकें हमारे नैतिक जीवन का आधार हैं। अगर आप सोच रहे हैं कि ...

  5. मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध 10 lines (My Favourite Book Essay in hindi

    My Favourite Book Essay in Hindi - किताबें मानवता के सबसे महत्वपूर्ण आविष्कारों में से एक हैं। वे हमारे सबसे अच्छे दोस्त हैं और उनकी जगह कोई और नहीं ले सकता।

  6. हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi)

    हिंदी निबंध (Hindi Nibandh/ Essay in Hindi) - हिंदी निबंध की तैयारी उम्दा होने पर न केवल ज्ञान का दायरा विकसित होता है बल्कि छात्र परीक्षा में हिंदी निबंध में अच्छे अंक ला ...

  7. पुस्तक पर निबंध- Essay on Book in Hindi

    Information about Books in Hindi- Essay on Book in Hindi Language. Pustak par nibandh, पुस्तकों का महत्व पर निबंध for students

  8. पुस्तक पर निबंध : Essay on Book in Hindi

    पुस्तक पर निबंध : Essay on Book in Hindi. प्रस्तावना :-. पुस्तक एक वस्तु होती है, जो मनुष्य को ज्ञान प्रदान करती है। आज हम जो भी ज्ञान प्राप्त करते है ...

  9. मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध- Meri Priya Pustak Par Nibandh

    मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध- Essay on My Favourite Book in Hindi ( 150 words ) Meri Priya Pustak Panchtantra | Meri Priya Pustak par Anuched. मैंने कई अच्छी-अच्छी पुस्तकें पढ़ी हैं। वे मुझे पसंद भी आई ...

  10. पुस्तक पर निबंध

    Essay On Books In Hindi इसके अलावा किताबें आज सभी आकारों में और लाखों विषयों पर उपलब्ध हैं। आपको बस अपनी पसंदीदा शैली- धर्म, साहसिक कार्य, विज्ञान, कथा, हास्य, इतिहास ...

  11. My favourite book essay in hindi: मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध, मेरी

    मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध, essay on my favorite book in hindi (300 शब्द) मुझे रोमांस उपन्यास पढ़ना बहुत पसंद है और मैंने अब तक जो भी पढ़ा है उनमें से एक चेतन ...

  12. Hindi Essay (Hindi Nibandh)

    महानगरीय जीवन पर निबंध - (Metropolitan Life Essay) दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध - (Dowry Problem Essay) सुरीला राजस्थान निबंध - (Folklore Of Rajasthan Essay)

  13. मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध

    मेरी प्रिय पुस्तक पर हिंदी निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, और 9 के विद्यार्थियों के लिए। - My Favourite Book Essay in hindi for class 5, 6, 7, 8 and 9 Students.

  14. मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध

    मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध | Essay on My Favorite Book in Hindi! पुस्तकें हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं । वे समय-समय पर एक अच्छे मित्र व गुरु की भूमिका ...

  15. मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध

    मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध. 15/09/2022 Rahul Singh Tanwar. Essay On My Favorite Book in Hindi: पुस्तक वहां ज्ञान का भंडार है, जिसके जरिए व्यक्ति महान बनता है। पुस्तक ही ...

  16. पुस्तक पर निबंध

    पुस्तक पर निबंध. Essay on Book in Hindi : पुस्तक वो चीज हैं जिससे हमे ज्ञान मिलता हैं। पुस्तक हमारे जीवन का आधार हैं। जीवन में सीख हमे पुस्तकों से ...

  17. ePustakalay : Free Library

    ई पुस्तकालय : ऑनलाइन पढ़े व डाउनलोड करें मुफ्त हिंदी पुस्तकें व रिव्यू | EPustakalay provides Free Hindi PDF Books, Reviews and more. Hindi Book Digital Library.

  18. Essay on book in hindi: किताब/पुस्तक पर निबंध

    किताब पर निबंध, short essay on book in hindi (200 शब्द) सदियों से लाखों किताबें लिखी और प्रकाशित की गई हैं। मनुष्य ने प्राचीन काल से लिखना शुरू किया और यह ...

  19. Short Essay on My Favorite Book in Hindi

    My Favorite Book Essay in Hindi Language - मेरी प्रिय पुस्तक पर अनुच्छेद: Paragraph & Short Essay on My Favorite Book in Hindi Language for students of all Classes in 100, 125, 150, 200, 225 words.

  20. पुस्तकें हमारी सच्ची मित्र पर निबन्ध

    पुस्तकें हमारी सच्ची मित्र पर निबन्ध | Essay on Books; Our True Friend in Hindi! कुछ पुस्तकें केवल जायका लेने के लिये होती हैं, कुछ निगलने के लिये होती है तथा कुछ थोड़ी सी चबाने ...

  21. Essay on Book in Hindi

    नमस्कार दोस्तो आज Hindi Essays आप केलिए पुस्तक पर हिंदी निबंध लेकर आया है। इस निबंध में हमने पुस्तको के बारे में जानकारी दी है और बताया है पुस्तक हमारे लिए ...

  22. Essay in Hindi

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  23. Hindi Essay pdf, Nibandh Books » हिंदी निबंध, Nibandh

    Topics Cover Hindi essay PDF, Nibandh book > अनुक्रमांक- 303 (अ) प्रांभिक स्तर पर शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा के प्रयोग का प्रभाव