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मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)

मेरा स्कूल

विद्यालय अर्थात विद्या का आलय या घर, मतलब वो स्थान जहां विद्या उपार्जन होता हो। हमारे संस्कारों में विद्या को देवी का स्थान दिया गया है और विद्यालय को ‘मंदिर’ की उपमा दी गयी है। मेरा विद्यालय एक ऐसा विषय है, जिस पर अक्सर निबंध आदि लिखने को दिया जाता रहता है। हमारी जिन्दगी का सबसे अहम समय हम अपने विद्यालय में ही बिताते है। विद्यालय से हमारी ढ़ेरो यादे जुड़ी रहती है। इसलिए विद्यालय सबकी जिन्दगी में बहुत मायने रखता है।

मेरा विद्यालय पर छोटे – बड़े निबंध (Short and Long Essay on My School in Hindi, Mera Vidyalaya par Nibandh Hindi mein)

मेरा विद्यालय पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

मेरा विद्यालय एक आदर्श विद्यालय है। मेरे विद्यालय में पठन पाठन उच्च स्तर का है। मेरे विद्यालय में शिक्षा के महत्त्व को समझते हुए, विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करते है। मेरा विद्यालय सारी सुविधाओं से लैस है।

मेरे विद्यालय का स्थान

मेरे विद्यालय का नाम बाल निकेतन है। यह शहर की भीड़-भाड़ से दूर, बेहद शांत माहौल में विद्यमान है। इसके चारों ओर हरियाली ही हरियाली है। जिस कारण वातावरण शुध्द रहता है और हमें शुध्द वायु भी मिलती है। मेरा विद्यालय मेरे घर से थोड़ी ही दूरी पर है। मेरे विद्यालय का व्यास बहुत बड़ा है। इसके चारों तरफ सुंदर-सुंदर फूलों की क्यारियां लगी है।

पठन पाठन का तरीका

हमारे विद्यालय का परिणाम (रिजल्ट) प्रति वर्ष शत-प्रतिशत आता है। मेरे विद्यालय की गणना शहर के अच्छे स्कूलों में की जाती है। मेरे विद्यालय में हर वर्ष वार्षिकोत्सव होता है, जिसमें कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम कराये जाते हैं। जिसमें हर प्रतियोगिता में उत्तीर्ण बच्चों को पुरस्कृत किया जाता है। मेरे विद्यालय में प्रायोगिक शिक्षा पर भी ध्यान दिया जाता है। हमारे शिक्षक हमारे भीतर कौशल के विकास पर भी ध्यान देते है।

हमारा और सरकार का यह दायित्व है की हमारा विद्यालय आदर्श विद्यालय बने। हमारे विद्यालय से आदर्श विद्यार्थी निकलने चाहिए, जो राष्ट्र को नई दिशा दे सके। 

निबंध 2 (400 शब्द) – विद्यालय की भूमिका

मेरा विद्यालय मुझे बहुत पसंद है। हमारा विद्यालय हमारे भविष्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी उपयोगिता कोई नज़रअंदाज नहीं कर सकता। विद्यालय ही है, जो हमें सामान्य से विशेष बनाता है। हमारी छिपी प्रतिभा को खोज निकालता है। हमारा स्वयं से साक्षात्कार कराता है।

विद्यालय की परिभाषा

विद्यालय अर्थात विद्या का आलय या घर। ऐसा स्थान जहां अध्ययन-अध्यापन के द्वारा शिक्षा प्रदान की जाती है।

विद्यालय की परिकल्पना

विद्यालय की परंपरा कोई नयी नहीं है। सदियों से हमारा देश ज्ञान का स्रोत रहा है। हमारे यहां आदिकाल से ही गुरुकुल परंपरा रही है। बड़े-बड़े राजा महाराजा भी अपना राजसी वैभव छोड़कर ज्ञान-प्राप्ति के लिए गुरुकुल जाते थे। यहा तक की ईश्वर के अवतार श्रीकृष्ण और श्रीराम भी पढ़ने के लिए गुरुकुल आश्रम गये थे। गुरू का स्थान ईश्वर से भी ऊपर होता है, संसार को ऐसी सीख दी।

विद्यालय की भूमिका

जिन्दगी का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है, हमारा बाल्यकाल। यही वो समय होता है जब हम केवल खुद के लिए जीते है। दोस्त बनाते हैं। दोस्तों के साथ हंसते है, रोते है। जीवन का असली आनंद अनुभव करते हैं। इन सब खुशी के पलों में हमारा विद्यालय हमारे साथ होता है।

कभी-कभी तो मां-बाप से ज्यादा नजदीकी हमारे शिक्षक हो जाते है। हमें हर कदम पर थामने और सम्भालने के लिए तैयार रहते है। मां-बाप के डर के कारण बहुत से बच्चे अपने शिक्षकों से ही अपनी परेशानियां बताते है। विद्यार्थी के जीवन को सही राह एक शिक्षक ही दिखाता है।

विद्यालय सरकारी और निजी दोनों प्रकार होते है। आजकल ऐसी लोगों की धारणा हो गयी है कि केवल निजी विद्यालयों में ही पढ़ाई होती है। यह धारण गलत है। इसी बात का लाभ ढ़ेरो  विद्यालय वाले उठाते है। हर माता-पिता अपने बच्चों को श्रेष्ठ शिक्षा देना चाहते है। किंतु सबकी हैसियत इतनी नहीं होती कि वो इन विद्यालयों की मोटी शुल्क राशि को भर सकें।

आजकल शिक्षा का व्यवसायीकरण हो गया है। सभी केवल अपनी जेब भरने में लगे है। बच्चों के भविष्य की किसी को चिंता नहीं है। दिन पर दिन शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। विद्यालय ही तो वो जरिया होता है, जहां से देश के भविष्य का सृजन होता है। सरकार ने इस संबंध में कई नियम बनाये हैं। किन्तु पालन तो आम जनता को ही करना है।

निबंध 3 (500 शब्द) – विद्यालय की विशेषताएं व प्रकार

मेरे विद्यालय का नाम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय है। मेरे विद्यालय का परिसर काफी बड़ा है। मेरे विद्यालय में दो-दो मंजिल की चार इमारतें है। इसके चारों तरफ बड़े-बड़े पेड़ लगे हुए है। इसमें बड़े-बड़े पचास से भी ज्यादा कमरे है। हर कमरे में बड़ी-बड़ी खिड़कियां और दो-दो दरवाजे है। बड़े-बड़े तीन खेल के मैदान है। साथ में लगा हुआ बास्केट-बॉल कोर्ट भी है।

हमारे विद्यालय में पचास से ज्यादा शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं। सभी बहुत ही सहृदयी और मिलनसार है। बच्चों की हर संभव सहायता करते है।

विद्यालय की विशेषताएं

नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2005 (NCF 2005) और शिक्षा का अधिकार 2009 (RTE 2009) ने कुछ मानक तय कर रखे हैं, जिसके अनुसार ही विद्यालय की बनावट और वातावरण होना चाहिए। नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2005 (NCF 2005) ने भारत में शिक्षा के स्तर में प्रोन्नति हेतु महत्वपूर्ण कदम उठायें हैं। जो बहुत कारगर भी सिध्द हुएं हैं। RTE 2009 ने विद्यार्थियों के समग्र विकास में विद्यालय की विशेष और महत्वपूर्ण भूमिका बतायी है। विद्यालय की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह बच्चों की हर छोटी-बड़ी आवश्यकताओं का ध्यान रखे।

मानक के अनुसार कुछ विशेषताएं अधोलिखित हैं-

  • शांत वातावरण होना चाहिए।
  • ट्रेंड टीचर्स होने चाहिए।
  • विद्यालय का बोर्ड परीक्षाओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन होना चाहिए।
  • नियमित गृह कार्य दिया जाना चाहिए।
  • छात्र/छात्राओं के मूल्यांकन हेतु सतत मूल्यांकन पद्धति अपनायी जानी चाहिए।
  • स्वाध्याय हेतु एक पुस्तकालय एवं वाचनालय होना चाहिए।
  • अतिरिक्त पाठ्येतर गतिविधि पर बल देना चाहिए ।
  • विभिन्न विषयों में प्रतियोगी परीक्षाओं की व्यवस्था होनी चाहिए
  • अध्यापन हेतु कक्ष विशाल और हवादार होने चाहिए।
  • सी० बी० एस० ई० के निर्देशानुसार सत्र 2009 – 2010 से ही कक्षा 9 व् 10 में भी अंको के स्थान पर ग्रेडिंग व्यवस्था लागू कर दिया गया है, जिसका पालन होना चाहिए।
  • शीतल पेय-जल की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए ।
  • समुचित शौचालयों का प्रबंध होना चाहिए ।
  • शारीरिक, योग, नृत्य एवं संगीत शिक्षा की उचित व्यवस्था होनी चाहिए ।
  • छात्रो की अंतः क्रियाओं एवं मानसिक विकास हेतु वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि कराना चाहिए।
  • विद्यालय की वार्षिक पत्रिका छपनी चाहिए, जिसमें हर क्षेत्र के मेधावी बच्चों का उल्लेख होना चाहिए।
  • सभी कक्षाओं में स्मार्ट कक्षा की व्यवस्था होना चाहिए ।

विद्यालय के प्रकार

बचपन से बड़े होने तक हम अलग-अलग विद्यालयों में पढ़ते है। विद्यालयों के भी कई प्रकार होते हैं, जैसे

  • आंगनवाड़ी – आंगनवाड़ी में सामान्यतः छोटे बच्चों को बैठना और बाकी आधारभूत चीजें सिखाते हैं।
  • प्राथमिक विद्यालय – प्राथमिक पाठशाला में एक से पाँच तक की पढ़ाई होती है।
  • माध्यमिक विद्यालय – इस व्यवस्था में प्रथम से आठवीं तक की शिक्षा दी जाती है। कभी-कभी यह कक्षा छः से आठ तक भी होती है।
  • उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय – बारहवीं तक की शिक्षा यहां संपादित होती है।

विद्यालय में जब हमारा दाखिला होता है तो उस वक़्त हम नन्हें पौधे रहते हैं। हमारा विद्यालय ही हमे सींच कर बड़ा वृक्ष बनाता है। और इस दुनिया में रहने योग्य बनाता है। अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घड़ियां हम अपने विद्यालय में ही बिताते है। बड़े होने पर हम सबसे अधिक विद्यालय में बिताये लम्हों को ही याद करते हैं।

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FAQs: Frequently Asked Questions on My School (मेरा स्कूल पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

उत्तर- सन 1715 में, संत जॉर्ज एंग्लो-इंडियन हायर सेकेंडरी स्कूल, चेन्नई में है।

उत्तर- तक्षशिला

उत्तर- सन 1848 में सावित्री बाई फुले ने देश का पहला बालिका विद्यालय खोला था।

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मेरा विद्यालय पर निबंध –  Essay of my school in Hindi is Important for all classes 5th to 12th.

Essay on My School in Hindi – इस लेख में हमने विद्यालय के बारे में बताया है। विद्यालय और शिक्षा हमारे जीवन में किस प्रकार महत्व रखती है, यह हमने निबंध की सहायता से बताया है। School पर निबंध लिखने से पूर्व आपको अपने विद्यालय की छवि को अपने सम्मुख रखना चाहिए। इससे आपको निबंध लिखने में महत्वपूर्ण सहायता प्राप्त होती है।

सामग्री (Content)

मेरे विद्यालय पर निबंध 200 शब्दों में

विद्यालय स्थल, विद्यालय इमारत, विद्यालय परिसर, विद्यालय की सुख-सुविधाएँ, विद्यालय में अनुशासन, विद्यालय के विविध अध्यापक-अध्यापिकाएँ व् विविध विषय, विद्यालय के प्रधानाध्यापक, विद्यालय में प्रतियोगिताएँ, विद्यालय के समारोह, विद्यालय का परीक्षा-परिणाम.

स्कूल एक ऐसी जगह है जहां बच्चे बड़े हो सकते हैं और खेल सकते हैं। मेरा स्कूल वह है जहाँ मैं अपना अधिकांश दिन बिताता हूँ, और इसने मेरे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मेरे स्कूल में अच्छी तरह से रखे गए बगीचों और खेल के मैदानों के साथ एक सुंदर परिसर है। इसमें एक अच्छी तरह से सुसज्जित पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशालाएँ और कंप्यूटर प्रयोगशालाएँ हैं, जो सभी हमारी पढ़ाई में सहायता करती हैं। कक्षाएँ विशाल और अच्छी तरह हवादार हैं, जिससे सीखने का अनुकूल माहौल बनता है। शिक्षाविदों के अलावा, मेरा विद्यालय खेल, संगीत, नृत्य और नाटक जैसी पाठ्येतर गतिविधियों पर जोर देता है। पूरे वर्ष के दौरान, स्कूल छात्रों को अपनी प्रतिभा और कौशल दिखाने के लिए कई तरह के कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है। मेरे शिक्षक जानकार, अनुभवी और सहायक हैं। वे न केवल हमें विषय पढ़ाते हैं, बल्कि हमें व्यक्तिगत और सामाजिक रूप से विकसित करने में भी मदद करते हैं। वे हमेशा हमारी सहायता करने और हमें आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए तैयार रहते हैं। संक्षेप में, मेरा विद्यालय सीखने की जगह से कहीं अधिक है; यह एक ऐसी जगह भी है जहाँ मैंने आजीवन दोस्त बनाए हैं, बहुमूल्य अनुभव प्राप्त किए हैं, और ऐसी यादें बनाई हैं जिन्हें मैं अपने शेष जीवन के लिए संजो कर रखूँगा। मेरा स्कूल (My School) पर 10 लाइन

विद्यालय को प्राचीन काल से ही मंदिर का स्थान दिया गया है।  प्राचीन काल में बालक 6, 8 अथवा 11 वर्ष की अवस्थाओं में गुरुकुलों (विद्यालयों) में ले जाए जाते थे और गुरु के पास बैठकर ब्रह्मचारी के रूप में शिक्षा प्राप्त करते थे। गुरु उनके शारीरिक और बौद्धिक संस्कारों को पूर्ण करता हुआ, उन्हें सभी शास्त्रों एवं उपयोगी विद्याओं की शिक्षा देता तथा अंत में दीक्षा देकर उन्हें विवाह कर गृहस्थाश्रम के विविध कर्तव्यों का पालन करने के लिए वापस भेजता। वर्तमान के विद्यालय, प्राचीन काल के गुरुकुलों से बहुत अलग अवश्य हैं किन्तु आज भी विद्यालयों को मंदिरों का और अध्यापकों को भगवान् का दर्जा दिया जाता है।

मेरा विद्यालय बहुत सुंदर है और मुझे मेरा विद्यालय बहुत अच्छा लगता है। मेरा विद्यालय मेरे घर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, इसलिए हमारे विद्यालय से एक पीले रंग की स्कूल बस रोज़ सुबह 8 बजे समय पर मेरे घर के सामने मुझे लेने आती है और मेरी माता जी रोज मुझे बस में बिठा कर स्कूल भेजती हैं। मेरा विद्यालय शहर की भीड़भाड़ से दूर एकांत स्थल पर है। प्राचीन काल से ही विद्यालयों के लिए ऐसे स्थान को उपयुक्त समझा जाता था, जहाँ पर किसी प्रकार का शोर न हो, क्योंकि पढ़ाई के लिए शांति की आवश्यकता होती है। मेरा विद्यालय बहुत बड़ी जगह में फैला हुआ है, इसके चारों ओर ऊँची-ऊँची दीवारें हैं।

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मेरे विद्यालय की इमारत चार मंजिला है। जो अंग्रेज़ी के L आकार में निर्मित की गई है। विद्यालय में 80 कमरे हैं। प्रत्येक कमरे में हवादार खिड़कियाँ हैं। इन कमरों की चपरासी द्वारा रोज सफाई की जाती है जिससे हम स्वच्छ माहौल में पढ़ाई कर पाते है। मेरे विद्यालय में कक्षा 6 से कक्षा 12 तक की पढ़ाई होती है। मैं कक्षा आठ में पढ़ता हूँ। मेरी कक्षा विद्यालय के द्वितीय मंजिल पर है।

मेरे विद्यालय के पीछे की ओर एक बहुत बड़ा मैदान है। जिसमें हम सभी विद्यार्थी खेल-कूद का आनंद लेते हैं। यही पर हमारा प्रार्थना स्थल है जहां पर हम सुबह प्रार्थना करते है और अपने दिन की शुरुआत करते हैं। विद्यालय के मैदान के चारों ओर बड़े-बड़े वृक्ष लगे हुए हैं और छोटी-छोटी घास लगी हुई है। विद्यालय परिसर में कई छोटी-छोटी वाटिकाएँ भी हैं, जिनमें रंग-बिरंगे फूल खिले होते है। इससे हमारे विद्यालय का वातावरण बहुत ही अच्छा रहता है और यह देखने में भी बहुत सुंदर लगता है।

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(i) विद्यालय में प्रवेश करते ही माँ सरस्वती का मंदिर है जहाँ हम रोज जाकर प्रार्थना करते हैं और माँ सरस्वती का आशीर्वाद लेकर अपनी पढ़ाई शुरू करते हैं। (ii) मेरे विद्यालय में कक्षा 6 से कक्षा 12 तक के विषयों को हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों माध्यमों में पढ़ाया जाता है। (iii) विद्यालय में जल की व्यवस्था के लिए चार वाटर कूलर लगे हुए हैं जिससे हमें गर्मियों में ठंडा पानी मिलता है और साधारण पानी के लिए पानी की छ: बड़ी टंकियाँ हैं। (iv) मेरे विद्यालय के दोनों तरफ छात्र छात्राओं के लिए अलग-अलग 10 शौचालयों की व्यवस्था है। (v) विद्यालय में एक बड़ी लाइब्रेरी है, जिसमें हम हर रोज जाकर समाचार, पत्र पत्रिकाएँ एवं कहानियों की किताबें पढ़ते हैं। (vi) हमारे विद्यालय में 100 कंप्यूटरों का एक बड़ा कक्ष है, जिसमें हर दिन हमारी एक कक्षा कंप्यूटर से संबंधित होती है। (vii) मेरे विद्यालय में शिक्षकों के बैठने के लिए एक स्टाफ रूम की व्यवस्था भी है, जिसमें सभी शिक्षक बैठकर आपस में विचार विमर्श करते है। (viii) मेरे विद्यालय में प्रत्येक कक्षा में विद्यार्थियों के बैठने के लिए टेबल और कुर्सी की व्यवस्था की गई है और गर्मियों में हवा के लिए प्रत्येक कक्षा में चार पंखे लगे हुए है। (ix) हर कक्षा के बाहर छोटा कूड़ादान रखा गया है, जिसमें विद्यार्थी अपनी कक्षा का कूड़ा डालते हैं। इससे विद्यालय में गंदगी नहीं फैलती। (x) प्रत्येक कक्षा में एक बड़ा ब्लैक बोर्ड है जहाँ पर हमारे अध्यापक-अध्यापिकाएँ आकर हमें किसी भी विषय के बारे में लिखकर समझाते है। (xi) विद्यालय में एक तरणताल भी है, जहाँ छात्र तैराकी करते और सीखते हैं। (xii) विद्यालय में एक विशाल सभागार भी है, जहाँ पर उत्सवों और रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। (xiii) हमारा विद्यालय गरीब छात्रों के लिए वर्दी और पुस्तकों का भी उचित प्रबंध करता है। योग्य छात्रों को छात्रवृत्ति भी दी जाती है।

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अनुशासन किसी भी व्यक्ति की सफलता में अहम् भूमिका निभाता है। जब बच्चा छोटा होता है तो वह पहले परिवार से तथा बाद में विद्यालय में जाकर अनुशासन के महत्त्व को समझता है। अनुशासन की दृष्टि से हमारा विद्यालय बहुत कठोर है। विद्यालय में यदि कोई विद्यार्थी अनुशासन का उल्लंघन करता है तो उसे कड़ा दंड दिया जाता है। प्रतिदिन वर्दी, नाखून और दाँतों का निरिक्षण किया जाता हैं। प्रत्येक विद्यार्थी के घर पर उसके अनुशासन की मासिक रिर्पोट भेजी जाती है।

हमारे विद्यालय में कुल 50 अध्यापक-अध्यापिकाएँ है, जो कि प्रत्येक कक्षा में अलग-अलग विषय पढ़ाते हैं। सभी अध्यापक-अध्यापिकाएँ अपने-अपने विषयों में विद्वान है जिस कारण हमें हर विषय सरलता से समझ में आ जाता है। हमारे विद्यालय में प्रत्येक सप्ताह योगा की कक्षा भी होती है जिसमें योगा करना सिखाया जाता है तथा योगा के महत्त्व को समझाया जाता है। हमें अपने स्वास्थ्य को कैसे अच्छा रखना है, यह भी बताया जाता है। योगा से हमारे तन-मन में चुस्ती और स्फूर्ति बनी रहती है, जिससे हमारा पढ़ाई में मन लगा रहता है।

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हमारे विद्यालय के प्रधानाध्यापक बहुत ही शांत और अच्छे व्यक्तित्व के व्यक्ति हैं। वह हमें हमेशा कुछ नया करने की सलाह देते हैं और रोज प्रार्थना में हमें एक शिक्षाप्रद कहानी सुनाकर हमें शिक्षा का महत्व बताते है। उन्होंने जब से विद्यालय का कार्यभार संभाला है, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और साथ ही विद्यालय की प्रतिष्ठा भी बढ़ गई है।

हमारे विद्यालय में प्रत्येक सप्ताह कोई ना कोई प्रतियोगिता होती रहती है, जैसे – चित्र-कला, वाद-विवाद, कविताएँ आदि की प्रतियोगिताएँ होती रहती है। जिसमें सभी विद्यार्थी बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। हमारे विद्यालय में कुछ बड़ी संस्थाओं द्वारा भी प्रतियोगिताएँ रखी जाती है, जिसमें विद्यार्थियों को इनाम के तौर पर कभी-कभी कुछ शुल्क भी दिया जाता है। हमारे विद्यालय का मैदान बड़ा होने के कारण खेलकूद की जिला स्तरीय प्रतियोगिताएँ हमारे विद्यालय में ही होती है। इसमें हमारे विद्यालय के विद्यार्थी भी भाग लेते हैं। मेरे विद्यालय में हॉकी, फुटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, क्रिकेट, कबड्डी आदि की प्रतियोगिताएँ होती है।

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विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है कि विद्यार्थियों का शारीरिक, मानसिक विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक विकास भी हो। इसके लिए हमारे विद्यालय में हर साल 15 अगस्त, 26 जनवरी और वार्षिक उत्सव पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है। जिनमें सभी विद्यार्थी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन हमारे विद्यालय में एन.सी.सी. के विद्यार्थी परेड करते हैं, इसके बाद हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य हमारे देश का तिरंगा झंडा फहराते हैं, फिर हमारे देश का राष्ट्रगान गाया जाता है और इसके पश्चात देशभक्ति गीतों  पर तरह-तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है। विद्यालय के वार्षिकोत्सव के दिन भी बहुत सारे सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। इसके साथ ही स्कूल में अलग-अलग गतिविधियों में प्रथम, द्वितीय और तृतीय  आए विद्यार्थियों को पुरस्कार दिए जाते है।

हमारे विद्यालय का परिणाम हर वर्ष शत-प्रतिशत ही रहता है, जिसके कारण हमारा विद्यालय हमारे शहर का जाना-माना विद्यालय बन गया है। विद्यालय के परीक्षा-परिणाम  के शत-प्रतिशत रहने का कारण यहाँ के शिक्षकों का विद्वान और अच्छे व्यक्तित्व का होना भी है, जो विद्यार्थियों के सभी प्रश्नों को धैर्य के साथ सुनते हैं तथा उनका समाधान करते हैं। अध्यापकों के साथ-साथ बच्चों और उनके अभिभावकों की मेहनत के कारण भी विद्यालय का परीक्षा परिणाम हर वर्ष शत-प्रतिशत रहता है।

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किसी भी राष्ट्र की सर्वोत्तम निधि उस राष्ट्र के बच्चों को कहा जाता है। राष्ट्र के विकास के लिए आवश्यक है कि बच्चों का सर्वांगीण विकास अच्छे से हो और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए विद्यालय एक उपयुक्त जगह है। जहाँ पर बच्चा पढ़-लिख कर सुसंस्कृत और सभ्य नागरिक बनता है और देश की प्रगति में अपना सहयोग देता है। विद्यालय और शिक्षा का एक व्यक्ति के जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान होता है। अतः हम सभी को चाहिए कि हम प्रत्येक बच्चे को विद्यालय और शिक्षा के समीप लाएँ ताकि वह देश की प्रगति में अपना अथाह सहयोग प्रदान करे।

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Essay on My School in Hindi – मेरा विद्यालय पर निबंध 150, 300 और 600 शब्दों में

Essay on My School in Hindi

Essay on My School in Hindi : हमारी जिंदगी में विद्यालय और शिक्षा काफी महत्व रखती है। बिना विद्यालय और शिक्षा के हम एक अच्छे जीवन की कल्पना नही कर सकते है। इसलिए हमें विद्यालय के महत्व को जानना बहुत ज़रूरी है।

स्कूलों में अक्सर मेरा विद्यालय पर निबंध लिखने के लिए दिया जाता है। अगर आपको भी Mera  School Par Nibandh लिखने के लिए कहा गया है, तो इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े। मेरा विद्यालय निबंध हिंदी में Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7 और 8 सभी के लिए उपयोगी हैं। मैने यहां पर My School Essay in Hindi में 150, 300 और 600 शब्दों में लिखा है।

मेरा विद्यालय पर निबंध 150 शब्दों में (Essay on My School in Hindi)

स्कूल विद्या का मंदिर होता है, जहां पर हमें विद्या (शिक्षा) मिलती है। विद्यालय में हम शिक्षा के महत्व को समझते है, और शिक्षा की मदद से हम अपनी जिंदगी को एक सही दिशा देते है।

अगर मैं अपने स्कूल की बात करूँ तो मेरे स्कूल का नाम “ महावीर विद्या मंदिर ” है, जो राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित है। मेरा स्कूल शहर से थोड़ी दूर शांत जगह पर है, जहां हम बस की मदद से जाते है। मेरे स्कूल में लगभग 1000 छात्र पढ़ते हैं, और सभी छात्र अनुशासन में रहते है।

मेरे विद्यालय का भवन काफी सुंदर है, जहां पर सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां पर एक बड़ा खेल का मैदान, एक पुस्तकालय, एक विज्ञान की प्रयोगशाल और एक कंप्यूटर लैब है। इसके अलावा एक बहुत बड़ा हॉल भी हैं, जहां हम सभी मिलकर सुबह-सुबह प्रार्थना करते है।

मेरे विद्यालय में अनेक तरह के खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है। मेरे स्कूल के सभी अध्यापक और अध्यापिकाएँ बहुत अच्छी हैं, जो हमें प्यार से पढ़ाते हैं। मुझे यहां पर बहुत कुछ सिखने को मिल रहा है, और मैं अपने स्कूल को बहुत प्यार करता हूँ।

मेरा विद्यालय पर निबंध 300 शब्दों में (My School Essay in Hindi)

प्रस्तावना.

विद्यालय हमारी जिंदगी का काफी अहम हिस्सा है। जब बड़े हो जाते है, तब भी स्कूली घटनाएं हमारी जिंदगी की सबसे यादगार घटनाओं में से एक होती है। क्योंकि स्कूल के साथ हमारे बच्चपन की यादे जुड़ी होती है। विद्यालय हमें जिंदगी में आगे बढ़ना सिखाता है।

विद्यालय की परीभाषा

विद्यालय एक ऐसा स्थान है, जहां पर शिक्षा ग्रहण की जाती है। यहां पर बच्चों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक एवं नैतिक गुणों का विकास होता है। यह एक मंदिर है जहां सभी प्रकार के बच्चे एक ही तरह की ड्रेस पहनकर पढ़ाई करते है।

विद्यालय में बिना भेदभाव के अध्यापक बच्चों को शिक्षा देते है। यहां पर बच्चों को शिक्षा, ज्ञान और कौशल प्राप्त होता है, और अंतत बच्चे का व्यक्तित्व निर्माण होता है।

मेरे विद्यालय का भवन

मेरे स्कूल का नाम “ महावीर विद्या मंदिर ” है, और यह राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थिति है। मेरा विद्यालय भवन तीन मंजिला है, जहां सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध है। मेरे स्कूल में कक्षा 10वीं तक पढ़ाई करवाई जाती हैं। मेरे स्कूल में एक बड़ा हॉल और एक बड़ा खेलकूद का मैदान भी है।

मेरे विद्यालय में बड़ी-बड़ी कक्षाएं, एक पुस्तकालय, एक विज्ञान की प्रयोगशाला, और कंप्यूटर लैब भी है। मेरे विद्यालय में प्रेवश करते ही सामने प्रधानाचार्य का ऑफिस है। इसके अलावा विद्यालय के चारों तरफ पेड़-पौधे भी हैं।

मेरा विद्यालय की अध्यापक-अध्यापिकाएँ

मेरे स्कूल में कुल आठ अध्यापक और अध्यापिकाएँ हैं, जो काफी अच्छे से पढ़ाती है। मेरी स्कूल के सभी टीचर्स अनुभवी और विद्वान है। मेरे विद्यालय में सभी तरह के विषय पढ़ाए जाते हैं, जैसे- हिंदी, गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान आदि। और सभी विषय के लिए विशेष अनुभवी अध्यापक मौजुद है।

मेरी स्कूल एक पीटी टिचर और एक योगा टीचर भी है, जो हमारी शेहत का ख्याल रखते है। हमारी स्कूल में समय-समय पर खेल प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते है, जिसमें सभी अध्यापक अपना योगदान देते है।

विद्यालय में अनुशासन

मेरे विद्यालय में काफी अनुशासन है, और इसके लिए विद्याल में कुछ कठोर नियम भी बनाए गए हैं। सभी विद्यार्थी नियमों की पालना करते है, और स्कूल में अनुशासन बनाए रखते है। विद्यालय में अनुशासन बहुत जरूरी है, क्योंकि बिना अनुशासन के पढ़ाई नही की जा सकती है।

उपसंहार

मेरा विद्यालय बहुत अच्छा है, जहां मुझे सभी तरह की सुविधाएं मिलती है। मुझे पूरा यकिन है कि मैं यहां पर पढ़कर एक अच्छा इंसान बनूंगा, और अपने पूरे परिवार व स्कूल का नाम रोशन करूंगा। मैं अपने सभी अध्यापकों का धन्यवाद करता हूँ, जो मुझे इतना अच्छे से और प्यार से पढ़ा रहे है।

Essay on My School in Hindi से हम विद्यालय के महत्व को समझ सकते है।

मेरा विद्यालय पर निबंध 600 शब्दों में (Essay on My School in Hindi)

उपसंहार (विद्यालय का परिचय).

 स्कूल एक ऐसा स्थान है जहां पर हम धीरे-धीरे बड़े होते है, और हमारे व्यक्तित्व का निर्माण होता है। मेरा अधिकतर समय स्कूल में बितता है, जहां मैं अपने दोस्तों के साथ पढ़ाई भी करता हूँ और मस्ती भी करता हूँ। मेरी स्कूल का नाम “ महावीर विद्या मंदिरा उच्च माध्यमिक विद्यालय ”  है, जहां 12वीं तक के विद्यार्थियों को पढ़ाया जाता है।

मेरा विद्यालय बहुत अच्छा है, जहां पर सभी अध्यापक अच्छे और अनुभवी है, और सभी सुख-सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां पर पढ़ाई करने योग्य अनुकूल माहौल है। मेरे स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ नैतिक शिक्षा और कौशल पर भी ध्यान दिया जाता है। सच में, मेरा विद्यालय काफी अच्छा है, जिसे मैं बहुत प्यार करता हूँ।

विद्यालय क्या है, इसके प्रकार

विद्यालय का शाब्दिक अर्थ होता है- विद्या और आलय। इसका मतलब है कि एक ऐसा स्थान जहां पर विद्या मिलती हो। प्राचीन समय में पहले गुरुकुल हुआ करते थे, जहां पर गुरू शिष्यों को अनेक तरह की शिक्षाएं देते थे। हालांकि अब गुरुकुल को विद्यालय और स्कूल बोला जाता है। और इसके साथ ही प्राचीन काल की तुलना में शिक्षा का ढंग भी बदल गया है। विद्यालय मंदिर का रूप होता है, जहां व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण होता है।

हम बचप्पन से बड़े होने तक अलग-अलग विद्यालयों में पढ़े हैं, जैसे- आंगनवाड़ी, प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय और फिर उच्च माध्यमिक विद्यालय। इसके बाद महाविद्यालय (कॉलेज) में जाकर पढ़ाई करते है।

इसके अलावा भी विद्यालय के अन्य प्रकार होते हैं, जैसे- सरकारी विद्यालय, निजी विद्यालय, आवासीय विद्यालय, धार्मिक विद्यालय, कौशल निर्माण विद्यालय और सैनिक विद्यालय।

मेरे विद्यालय की विशेषताएं

मेरा विद्यालय काफी अच्छा हैं, जहां सभी सुविधाएं दी गयी है। यहां पर कोई भी बच्चा आसानी से पढ़ सकता है। मेरे स्कूल की निम्नलिखित विशेषताएं हैं-

  • मेरा विद्यालय शहर से थोड़ा दूर शांत जगह पर है, और चारों तरफ खुला वातावरण है।
  • मेरे स्कूल में सभी विषय के लिए विशेष अनुभवी अध्यापक और अध्यापिकाएं हैं।
  • मेरा स्कूल तीन मंजिला है, और स्कूल के बाहर एक गार्डन भी है।
  • स्कूल में एक प्रार्थन हॉल, एक पुस्तकालय, एक कंप्यूटर लैब, और एक विज्ञान प्रयोगशाला है।
  • विद्यालय में शीतल जल और शुद्ध पानी की व्यवस्था है।
  • विद्यालय में अनेक खेलकूद और सांस्कृतिक प्रोग्राम होते हैं।
  • मेरे स्कूल में पढ़ने के लिए काफी अच्छा वातावरण है।
  • मेरे विद्यालय में काफी अच्छा अनुशासन है।
  • मेरे स्कूल में कक्षा 12 तक पढ़ाई करवाई जाती हैं।

मेरे विद्यालय में विद्यार्थियों का अनुशासन

मेरे विद्यालय में सबसे ज्यादा अनुशासन पर ध्यान दिया जाता है। क्योंकि जब तक अनुशासन नही होगा, तब तक पढ़ाई संभव नही है। अनुशासन की वजह से ही सभी कक्षाएं समय पर लगती है, और बच्चे भी समय पर स्कूल आते है। व्यक्ति के जीवन में अनुसाशन होना बहुत जरूरी है, और यह अनुसाशन स्कूल की मदद से ही आता है।

हमारी स्कूल में अच्छा अनुसाशन होने की वजह से हम समय पर पढ़ते है और समय पर खेलते भी हैं। जिंदगी में अनुशासन का होना बेहद ज़रूरी है।

मेरे विद्यालय की शिक्षण प्रणाली

एक अच्छे विद्यालय में अच्छी शिक्षण प्रणाली होना बहुत ज़रूरी है, और मेरे विद्यालय में है। मेरे स्कूल में एक दिन में दो पारीयां चलती हैं, जिसमें सुबह के समय प्राथमिक कक्षा से 6वीं कक्षा के विद्यार्थी आते है। और फिर 12 बजे के बाद 7वीं कक्षा से 12 कक्षा के विद्यार्थी आते है।

मेरे स्कूल में रेगुलर क्लासेस चलती है, और बीच में रेस्ट भी मिलती है। पढ़ाई के बाद बच्चों को खेलने का समय भी दिया जाता है। इसके अलावा जो भी बच्चे पढ़ाई में कमजोर होते है, उन्हे विशेष क्लासेस भी दी जाती है।

सभी कक्षाओं में समय-समय पर टेस्ट भी होते हैं, ताकि बच्चों की स्थिति का पता चल सके।

प्रतियोगिताओं का आयोजन

मेरे विद्यालय में हर साल अनेक तरह की प्रतियोगिताएं भी होती है जैसे- चित्र-कला, वाद-विवाद, कविताएँ आदि, ताकि हम पढ़ाई के साथ-साथ अन्य कौशल भी सीख सके। यहां पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते है, जिससे हमें काफी कुछ नया सिखने को मिलता है।

विद्यालय के प्रति हमारा कर्तव्य

विद्यालय एक विद्या का मंदिर है, जिसके प्रति हर विद्यार्थी के कुछ कर्तव्य होते हैं। हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य है कि हम अपने स्कूल में अनुसाशन को बनाए रखे। और अच्छा रिजल्ट प्राप्त करके स्कूल का नाम रोशन करें। हमे अपने शिक्षकों को सम्मान देना चाहिए, और उन्हे अपनी लाइफ में हमेशा याद रखना चाहिए।

विद्यालय एक बच्चे के जीवन में काफी अहम भूमिका निभाता है, क्योंकि विद्यालय से बच्चे को शिक्षा, ज्ञान और कौशल मिलता है,और एक अच्छा व्यक्तित्व का निर्माण होता है। यहां पर मुझे पढ़ाई के साथ-साथ और भी कई तरह के अनुभव भी मिल रहे है। मैं अपनी स्कूल को बहुत प्यार करता हूं, और मैं हमेशा अपने विद्यालय पर गर्व महसूस करूंगा।

मेरा विद्यालय पर निबंध हिंदी में 10 लाइन (Mera  School Par Nibandh)

  • मेरी स्कूल का नाम “महावीर विद्या मंदिर माध्यमिक विद्यालय” है जो शहर कुछ दूर स्थित है।
  • मेरा विद्यालय एक शांत जगह पर है, जहां पढ़ाई का माहौल काफी अच्छा है।
  • मेरे विद्यालय में बहुत सारे कमरे, प्रार्थना स्थ, खेलकूद का मैदान, पुस्तकालय और लैब उपलब्ध हैं।
  • मेरे स्कूल में रोज़ाना सुबह 30 मिनट तक प्रार्थना होती है, और फिर भोजन से पूर्व भी छोटी-सी प्रार्थना होती है।
  • मेरे विद्यालय में प्रत्येक विषय को पढ़ाने के लिए अनुभवी और योग्य शिक्षक मौजुद हैं।
  • स्कूल में बच्चों के प्रति प्रधानाचार्य और सभी शिक्षकों का काफी अच्छा व्यवहार है।
  • मेरे स्कूल में अनुशासन पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है।
  • स्कूल के बाहर गार्डन में सभी बच्चे रोज़ाना खेलते है।
  • मेरे विद्यालय में हर साल अनेक तरह के सांस्कृतिक प्रोग्राम और प्रतियोगिताएं होती हैं।
  • मैं अपने स्कूल से काफी प्यार करता हूँ, और मैं अपने स्कूल के लिए गर्व महसूस करता हूं।

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मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi

मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi

इस पोस्ट में हमने मेरा विद्यालय पर निबंध (Essay on My School in Hindi) हिन्दी में लिखा है। स्कूल के विद्यार्थी जो मेरी पाठशाला पर निबंध की खोज में हैं वे इस स्कूल पर सुंदर निबंध की मदद ले सकते हैं।

Table of Content

मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi (1000 Words)

मेरे विद्यालय का नाम और रूप name and structure of my school.

मेरे विद्यालय का नाम अरविन्द पब्लिक स्कूल है। मेरा विद्यालय बहुत बड़ा और भव्य है, यह भुबनेश्वर में स्थित है।  यह तीन मंजिला है और इसकी  इमारत बहुत ही सुन्दर है। यह मेरे घर के पास शहर के केंद्र में स्थित है।

मेरे विद्यालय की सुविधाएँ Facilities in My School

इसमें विज्ञान और वाणिज्य में 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए कक्षाएं हैं तथा नर्सरी के बच्चों के लिए भी यही कक्षायें बनायी गई है और दूसरी मंजिल पर एक कंप्यूटर प्रयोगशाला है, तथा यहाँ पर कक्षा पांच से दश तक के छात्र एवं छात्राओं की पढाई के लिए उत्तम व्यवस्था की गई है।

ड्राइंग रूम, म्यूजिक रूम, साइंस लेबोरेटरीज और ऑडियो वीडियो रूम भी हैं। हमारे विद्यालय में पांच हजार छात्र हैं। जिनमें 2000 लड़कियां और 3000 लड़के है। हमारे स्कूल के ज्यादातर छात्र ज्यादातर स्कूल इंटर-स्कूल प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं और उच्च स्थान लाते हैं और सभी गतिविधियों का समर्थन करते है।

मेरे स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षक Principal and Teachers of My School

मेरे विद्यालय में शिक्षा व उत्सव education and celebrations in my school.

मेरे स्कूल के अध्ययन मानदंड बहुत ही रचनात्मक हैं जो हमें किसी भी कठिन विषय को आसानी से समझने में मदद करते हैं। हमारे शिक्षक हमें बहुत ईमानदारी से सब कुछ सिखाते हैं और हमें व्यावहारिक रूप से ज्ञान भी देते हैं।

मेरे विद्यालय में पाठ्यक्रम गतिविधियाँ Curriculum activities in My School

हमारे विद्यालय में तैराकी, स्काउटिंग, एनसीसी, स्कूल बैंड, स्केटिंग, गायन, नृत्य इत्यादि कई सह-पाठ्यचर्या गतिविधियाँ हैं। विद्यालय के मानदंडों के अनुसार कक्षा शिक्षक द्वारा अनुचित व्यवहार और अनुशासित गतिविधियों वाले छात्रों को दंडित भी किया जाता है।

विद्यालय जाने का समय My School Time

मेरा विद्यालय पर 10 लाइन 10 lines on my school in hindi, निष्कर्ष conclusion.

हमारे विद्यालय के शिक्षक बहुत ही अनुभवी और योग्य है। शिक्षकों और हमारी प्राचार्या के नेतृत्व में हमारा विद्यालय लगातार उन्नति कर रहा है।  आशा करते हैं आपको मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi हिन्दी में अच्छा लगा होगा।

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  • Hindi Grammar /

Mera School Essay in Hindi: कुछ ऐसे लिखें परीक्षा में मेरे स्कूल पर निबंध

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  • Updated on  
  • दिसम्बर 20, 2023

Mera School Essay In Hindi

विद्यार्थियों को अपने स्कूली जीवन में मेरा स्कूल विषय पर निबंध दिया जाता है। क्योंकि अपने स्वयं के स्कूल के बारे में लिखने से छात्रों को अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को व्यक्त करने का मौका मिलता है। इससे वे स्कूल के माहौल के साथ अपने व्यक्तिगत जुड़ाव पर विचार करने के लिए भी प्रोत्साहित होते हैं। इसके साथ ही मेरा स्कूल विषय पर निबंध लेखन से विद्यार्थियों में संचार कौशल विकसित करने में मदद मिलती है। Mera School Essay in Hindi के बारे मैं जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

This Blog Includes:

मेरा स्कूल पर निबंध 100 शब्दों में, मेरा स्कूल पर निबंध 200 शब्दों में, मेरा स्कूल में पहली पसंद, मेरे स्कूल में मिलने वाली शिक्षा का स्तर, मेरे स्कूल पर 10 लाइन्स.

स्कूल हमें जिम्मेदार नागरिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अच्छे शिक्षकों के द्वारा अक्सर अच्छे छात्र तैयार किए जाते हैं। मेरे भी उत्कृष्ट शिक्षक हैं और वे एकेडमिक्स के साथ खेल और अन्य गतिविधियों में भी हमारी सहायता करते हैं।  

ये शिक्षक हमारे स्कूल की नींव की तरह हैं, जो हमें मूल्यवान सबक देते हैं जिन्हें हम अपने दैनिक जीवन में उपयोग कर सकते हैं। स्कूल में हम न केवल गणित और विज्ञान जैसे विषयों के बारे में सीखते हैं बल्कि अपने दोस्तों के साथ सहयोग करने के बारे में भी सीखते हैं। 

हमारे स्कूल में विभिन्न विषयों के लिए अलग-अलग कक्षाएँ हैं, और पढ़ाई और पाठ्येतर गतिविधियों दोनों को समान महत्व दिया जाता है। यह हमें न केवल शैक्षणिक रूप से बल्कि एक जिम्मेदार व्यक्ति के रूप में विकसित होने में मदद करता है।

यह भी पढ़ें : परीक्षा में ऐसे लिखें मेरा देश पर निबंध

Mera School Essay in Hindi 200 शब्दों में नीचे दिया गया है:

मेरा स्कूल एक जादुई जगह है जहाँ पढ़ना एक रोमांच जैसा लगता है। हर दिन, मैं अपने दोस्तों और शिक्षकों से मुस्कुराहट के साथ स्कूल में मिलता हूं। मेरे स्कूल की इमारत बहुत ऊँची है, सभी कक्षाएं रंगीन हैं, जहां पढ़ने में और भी अधिक आनंद आता है।

सुबह में, हम असेंबली एरिया में इकट्ठा होते हैं, जहां झंडा गर्व से फहराता है और हम उत्साह के साथ राष्ट्रगान गाते हैं।  कक्षाएँ खज़ाने की पेटी की तरह होती हैं, प्रत्येक में ज्ञान का एक नया टुकड़ा होता है जो खोजे जाने की प्रतीक्षा कर रहा होता है। शिक्षक जादूगरों की तरह हैं, जो संख्याओं, शब्दों और विज्ञान की दुनिया में हमारा मार्गदर्शन करते हैं।

ब्रेक के दौरान मेरे स्कूल का मैदान मौज-मस्ती और खेल की जगह बन जाता है। मित्र कहानियाँ साझा करते हैं और वातावरण हँसी से भर जाता है। कैफेटेरिया एक जादुई रसोईघर है जहां स्वादिष्ट सुगंध हवा में फैलती है और हम प्यार से भरे दोपहर के भोजन का आनंद लेते हैं।

मेरा स्कूल सिर्फ सीखने की जगह नहीं है; यह एक परिवार है। हम त्यौहार मनाते हैं, खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं और साथ मिलकर नाटक प्रस्तुत करते हैं।  दीवारें हमारी कलाकृति से सजी हैं और बुलेटिन बोर्ड हमारी उपलब्धियों की कहानी बताते हैं।

जैसे ही दिन के अंत में छुट्टी के समय घंटी बजती है, मैं ज्ञान से भरा बैग और यादों से भरा दिल लेकर निकल पड़ता हूँ।  मेरा स्कूल सिर्फ एक इमारत से कहीं अधिक है;  यह एक ऐसी जगह है जहां सपने उड़ान भरते हैं और दोस्ती बनती है।

मेरा स्कूल पर निबंध 500 शब्दों में

Mera School Essay in Hindi 500 शब्दों में नीचे दिया गया है:

शिक्षा हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो हमें दूसरों से अलग करती है और स्कूल इस आवश्यक यात्रा का शुरुआती बिंदु हैं। वे पहली जगह हैं जहां हम सीखना शुरू करते हैं, अपनी शिक्षा की नींव रखते हैं।  अपने स्कूल के बारे में इस निबंध में, मैं बताऊंगा कि मुझे यह क्यों पसंद है और इसने मुझे क्या महत्वपूर्ण सबक सिखाए हैं।

हम सभी ने स्कूल जाने की खुशी का अनुभव किया है, वहां बिताए हर पल को संजोकर रखा है क्योंकि वे हमारे जीवन की आधारशिला हैं। स्कूल वह जगह हैं जहां हमें शिक्षा की पहली चिंगारी मिलती है, हम न केवल शैक्षणिक विषयों को सीखते हैं बल्कि जीवन के बुनियादी सिद्धांतों को भी सीखते हैं, कैसे बढ़ें और फलें-फूलें। वे हमारे अंदर ऐसे मूल्य और सिद्धांत स्थापित करते हैं जो बच्चे के विकास का मूल आधार बनते हैं।

मेरा स्कूल मेरे लिए दूसरे घर की तरह है, जहाँ मैं अपना काफी समय बिताता हूँ। यह व्यक्तिगत विकास के लिए एक मंच प्रदान करता है और मेरे व्यक्तित्व को आकार देने में मदद करता है। मैं खुद को शहर के सबसे प्रतिष्ठित स्कूलों में से एक का हिस्सा होने के लिए भाग्यशाली मानता हूं, जिसमें कई चीज़ें हैं जो मेरे शैक्षिक अनुभव को बढ़ाती हैं। 

किंडरगार्टन से शुरू करके प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय और फिर बारहवीं कक्षा तक की हमारी यात्रा तक, स्कूल एक ऐसा स्थान बन जाता है जहां हम न केवल पढ़ते हैं बल्कि बढ़ते हैं, खुद को स्थापित करते हैं, मेलजोल बढ़ाते हैं, दूसरों से दोस्ती करते हैं, मदद की पेशकश करते हैं और प्यार का अनुभव करते हैं। यह एक निरंतर साथी की तरह है जो हमारे शुरुआती वर्षों से लेकर जीवन के अंत तक हमारे साथ रहता है। स्कूल में हम सभी खुशी से पढ़ते हैं, सभी दोस्त एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं, खुशी के पल बांटते हैं और साथ मिलकर नए कार्यों और उत्सावों के लिए तैयार रहते हैं।

मेरा स्कूल आधुनिक शिक्षा को क्लासिक वास्तुकला के साथ खूबसूरती से जोड़ता है। पुरानी इमारतें न केवल देखने में आश्चर्यजनक हैं; वे नए उपकरणों से सजी हैं। मैं अपने स्कूल को शिक्षा के एक स्तंभ के रूप में देखता हूं, जो मुझे ज्ञान और नैतिक मूल्य दोनों प्रदान करती हैं।

किसी स्कूल की पहचान बनाने में शिक्षण स्टाफ का बहुत महत्व होता है। वे किसी भी शैक्षिक समुदाय की रीढ़ होते हैं, छात्रों को सीखने और समझने के लिए मार्गदर्शन करते हैं, अच्छी आदतें और मूल्य पैदा करते हैं।

मेरा स्कूल हमारे शैक्षणिक प्रदर्शन को बेहतर बनाने के साथ छात्रों के समग्र विकास को प्राथमिकता देता है। यह एक्स्ट्रा कैरिकुलर एक्टिविटीज के लिए एक सहायक वातावरण प्रदान करता है, यहां प्रत्येक छात्र पर ध्यान दिया जाता है, साथ ही यह आत्मविश्वास को बढ़ावा देता है।

जो चीज़ मेरे स्कूल को असाधारण बनाती है, वह इसकी मान्यता है कि हर एक जगह खास है। मेरे स्कूल में एक पुस्तकालय, कंप्यूटर कक्ष, खेल का मैदान और बास्केटबॉल कोर्ट जैसी सुविधाएं हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि छात्रों के पास उनकी ज़रूरत की हर चीज़ हो।

मेरे लिए, मेरा स्कूल एक शैक्षणिक संस्थान से बढ़कर है; यह मेरा दूसरा परिवार है। अद्भुत मित्रों, उत्कृष्ट शिक्षकों और स्कूल की यादों से भरपूर परिवार। मुझे अपने स्कूल से प्यार है क्योंकि यहीं मैं एक अच्छा नागरिक बनना और अपने लक्ष्यों को हासिल करना सीखता हूं।  यह एक ऐसी जगह है जहां दोस्ती बिना किसी निर्णय के बनाई जाती है और करीबी दोस्तों के साथ समय बिताना आरामदायक लगता है, चाहे स्थिति कोई भी हो।

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मेरे स्कूल ने ऐसे पाठ पढ़ाए हैं जो इतने मूल्यवान हैं कि मैं उन्हें एक वाक्य में प्रस्तुत नहीं कर सकता। यहां की सीख अपूरणीय हैं, और मैं उनके लिए अविश्वसनीय रूप से आभारी हूं। उदाहरण के लिए दोस्तों के साथ चीज़ें बांटना और अन्य लोगों के प्रति प्रेम भावना। यहीं पर मैंने जानवरों की सहायता करना सीखा और बाद में इसी प्रेम के चलते मैने एक पालतू जानवर भी गोद लिया। 

स्कूल न केवल शैक्षणिक ज्ञान के बारे सिखाते हैं; 

मेरा स्कूल हमें एक ज़िम्मेदार व्यक्ति बनने के लिए भी प्रेरित करता है। मैने यहां बहुत सारे कौशल सीखे जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों चर्चा या घरेलू कार्यों का प्रबंधन करना, मुश्किल की परिस्थिति में धैर्य से काम करना ये सभी वास्तविक दुनिया में आवश्यक हैं। 

कार्यों में नए विचारों को अपनाना और ज़रूरत पड़ने पर उनका प्रयोग करना, जिससे मुझे ग्रेड से परे अपनी कार्य क्षमता के बारे में सिखाया गया।

विद्यार्थियों के प्रति समर्पित शिक्षकों की बदौलत स्कूल के माहौल में कलात्मक कौशल विकसित हुआ। इससे मुझे अंतर-स्कूल प्रतियोगिताओं में भाग लेने और पुरस्कार अर्जित करने का मौका मिला। सबसे अधिक महत्वपूर्ण में अपने स्कूल में असफलता का सामना और अपनी महत्वाकांक्षाओं को कभी न छोड़ने के बारे में सीखा। 

स्काउट्स और गाइड्स से लेकर खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों तक पाठ्येतर गतिविधियों ने मेरे स्कूल के अनुभव को समृद्ध किया। शिष्टाचार, चरित्र विकास और नैतिक शिक्षा पर हमारे प्रिंसिपल के दैनिक व्याख्यान ने मेरे मूल्यों को आकार दिया।  मैं आज जो भी हूं उसका श्रेय अपने स्कूल को देता हूं, इसे सर्वश्रेष्ठ संस्थान मानता हूं।

स्कूल का एक और महत्वपूर्ण सबक टीम वर्क है। यह अक्सर पहली जगह होती है जहां बच्चे अपने से भिन्न लोगों के साथ सहयोग करना सीखते हैं। यह समझना कि टीम की सफलता प्रत्येक व्यक्ति के योगदान पर निर्भर करती है, छात्रों में स्थापित एक बुनियादी सिद्धांत है, जो उन्हें टीम में मिलकर और व्यक्तिगत उपलब्धियों दोनों के लिए तैयार करता है।

संक्षेप में कहूं तो, एक प्रतिष्ठित स्कूल का हिस्सा बनना मेरे लिए एक जबरदस्त व्यक्तिगत विकास यात्रा रही है। मेरे चरित्र को ढालने और अमूल्य शिक्षाएँ प्रदान करने के लिए मैं अपने विद्यालय का बहुत आभारी हूँ। जो मित्रताएं बनीं और असाधारण शिक्षकों का मार्गदर्शन वे खजाने हैं जिन्हें मैं हमेशा संजो कर रखूंगा। मेरा लक्ष्य अपने स्कूल द्वारा स्थापित मूल्यों को बनाए रखना, जीवन में सफल होने का प्रयास करना और उस संस्थान को सम्मान दिलाना है जिसने आज मैं जो कुछ भी हूं उसे आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

Mera School Essay in Hindi पर 10 लाइन्स नीचे दी गई है:

  • मेरा स्कूल हमारे क्षेत्र में प्रसिद्ध है, स्थानीय लोगों के बीच अपनी लोकप्रियता और उच्च प्रतिष्ठा के लिए जाना जाता है।
  • स्कूल की इमारत विशाल है, हरियाली से सुसज्जित है, एक विशाल और सौंदर्य की दृष्टि से मनभावन वातावरण बनाती है।
  • एक विस्तृत खेल का मैदान विभिन्न बाहरी गतिविधियों और खेलों में शामिल होने के लिए पर्याप्त जगह प्रदान करता है।
  • शारीरिक शिक्षा सत्र साप्ताहिक रूप से आयोजित किए जाते हैं, जो हमारी समग्र फिटनेस और कल्याण में योगदान करते हैं।
  • स्कूल में अच्छे शिक्षक हैं जो एक सहायक और देखभाल करने वाला सीखने का माहौल बनाते हैं।
  • मैं स्कूल में कई दोस्तों के साथ आनंददायक पल साझा करता हूं, जहां हम एक साथ खेलते और पढ़ते हैं, जिससे सौहार्द की मजबूत भावना को बढ़ावा मिलता है।
  • स्कूल की व्यापक लाइब्रेरी पुस्तकों का विविध संग्रह प्रदान करती है, जो सीखने के लिए एक मूल्यवान संसाधन प्रदान करती है।
  • अच्छी तरह से सुसज्जित विज्ञान और सामाजिक विज्ञान प्रयोगशालाएँ हमारी व्यावहारिक समझ और प्रयोग को बढ़ाती हैं।
  • स्कूल सांस्कृतिक विविधता और एकता को बढ़ावा देते हुए कई राष्ट्रीय और धार्मिक त्योहारों को उत्साहपूर्वक मनाता है।
  • स्कूल में हर दिन एक खुशी है क्योंकि मैं नई चीजें सीखने और अपने ज्ञान का विस्तार करने के अवसर का उत्सुकता से स्वागत करता हूं।

स्कूल जीवन के ऐसे पाठ प्रदान करता है जो शिक्षा से परे है इसलिए प्रत्येक बच्चे के लिए स्कूल जाना महत्वपूर्ण है स्कूल हम सभी को शिक्षा के साथ ऐसा अनुभव प्रदान करता है, जो सामाजिक कौशल, पाठ्येतर गतिविधियाँ और मूल्यवान जीवन सबक भी प्रदान करता है।

स्कूल बुनियादी ज्ञान और कौशल प्रदान करता है, जिसमें बुनियादी शिक्षा और कला और सार्वजनिक बोलने जैसी प्रतिभाओं का विकास शामिल है। सबसे बढ़कर, यह छात्रों में अनुशासन पैदा करता है, भविष्य की सफलता के लिए उनके चरित्र को आकार देता है।

मेरा स्कूल अपनी उत्कृष्ट प्रतिष्ठा, विशाल और सुंदर परिसर, समर्पित शिक्षकों और समग्र विकास में योगदान देने वाली पाठ्येतर गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए जाना जाता है।

मेरे स्कूल में हर सप्ताह एक बार शारीरिक शिक्षा कक्षाएं आयोजित की जाती हैं, जिसमें समग्र फिटनेस और कल्याण बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया जाता है।

आशा हैं कि आपको इस ब्लाॅग में Mera School Essay in Hindi पर निबंध के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य   निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स  पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi (Class 1 to10)

मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi

इस लेख में आप मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi पढ़ सकते है। जिसे बेहद ही सरल भाषा में लिखा है। मेरे विद्यालय पर निबंध कक्षा 3 से 8 तक परीक्षाओं में विभिन्न रूपों से पूछा जाता है।

इसमें हमने प्रस्तावना, मेरे विद्यालय का नाम, अनुशासन, शिक्षक, पुस्ताकालय, वार्षिकोत्सव, तथा 10 लाइन के बारे में लिखा है।

Table of Contents

प्रस्तावना (मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi)

किसी भी राष्ट्र के विकास में शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान होता है। बच्चे किसी भी देश की वास्तविक निधि होते हैं क्योंकि शिक्षा के जरिए यही भविष्य में बड़े-बड़े डॉक्टर, नेता, पुलिस और कलाकार आदि बनते हैं।

बच्चों के भविष्य निर्माण में शिक्षा स्थानों की भागीदारी सबसे महत्वपूर्ण होती है। विद्यालय दो शब्दों से मिलकर बना है विद्या+आलय।

शिक्षा प्राप्त करने का प्राथमिक स्रोत विद्यालय होता है जहां सभी बच्चों को शुरुआत से शिक्षा प्रदान की जाती है। विद्यालय में सभी बच्चे अनुशासन के साथ अपनी पढ़ाई करते हैं। अनुशासन तोड़ने पर शिक्षकों द्वारा बच्चों को सजा भी दी जाती है।

विद्यालय में सभी कक्षाओं के लिए अलग-अलग शिक्षक होते हैं जो बच्चों को विभिन्न विषयों का ज्ञान देते हैं। विद्यालयों में कई कमरों की सुविधाएं होती है जिसमें बेंच पर बैठकर बच्चे अपनी पढ़ाई करते हैं। यहां के सभी कमरे हवादार और रोशनी वाले होते हैं।

हर वर्ष बच्चों के बौद्धिक और शारीरिक विकास के लिए अलग-अलग प्रकार के महोत्सव का आयोजन किया जाता है। सभी बच्चे बड़े हर्षोल्लास के साथ प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं जिसमें जीतने वाले को इनाम भी दिया जाता है।

हमारे विद्यालय का नाम Our School Name in Hindi

मेरे विद्यालय का नाम विवेकानंद हाई स्कूल है जो पूरे शहर में प्रख्यात विद्यालयों में से एक है। मेरे विद्यालय में कुल एक से लेकर 12वीं तक की शिक्षा दी जाती है।

हमारे विद्यालय में कुल दो हज़ार छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। इसके अलावा बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए कुल एक सौ पचास शिक्षक और आठ चपरासी हैं।

मेरे विद्यालय में बिजली की अच्छी व्यवस्था है तथा आवश्यकता के लिए जनरेटर भी लगाया गया है। बच्चों के पीने के लिए साफ पानी की व्यवस्था की गई है।

विद्यालय के चारों ओर हरे-भरे मैदान हैं जिनमें कई प्रकार के वृक्ष लगाए गए हैं। यह वृक्ष पूरे विद्यालय को बेहद ठंडा और सुकून भरा वातावरण प्रदान करते हैं।

मेरा विद्यालय बाहर से देखने पर बेहद शानदार दिखाई देता है। विद्यालय में कुल चार मंजिलें हैं जिनमें प्रत्येक मंजिलें में 12 कमरे स्थित हैं। यहां के प्रत्येक कमरे अत्यंत हवादार और रोशनी दार हैं।

विद्यालय के प्रत्येक कमरों में 6 खिड़कियां हैं जिनसे बाहर का हरा भरा दृश्य दिखाई देता है। बच्चों के बैठने के लिए लकड़ी के बेंच तथा शिक्षकों के बैठने के लिए कुर्सियों की व्यवस्था की गई है।

प्रत्येक कमरे में बड़े ब्लैक बोर्ड लगवाए गए हैं जिन पर लिखकर मेरे शिक्षक हमें विभिन्न विषयों की शिक्षा देते हैं।

बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए कंप्यूटर लैब की भी व्यवस्था की गई हैं जिनमें प्रत्येक हफ्ते में 3 दिन सभी बच्चों को यहां पर ले जाया जाता है। इसके अलावा मेरे विद्यालय में स्मार्ट बोर्ड की भी व्यवस्था है जिसके द्वारा शिक्षक हमें पाठ्यक्रम तथा इसके अलावा आवश्यक जानकारियां देते हैं।

मेरे विद्यालय का अनुशासन Discipline My School in Hindi

मेरे विद्यालय के नियम बहुत सख़्त हैं, जिन्हें सभी बच्चों को आवश्यक रूप से पालन करना होता है।

विद्यालय की सुरक्षा के लिए मुख्य द्वार पर एक चौकीदार बैठता है जिसका मुख्य कार्य समय पर द्वार खोलने तथा बंद करने का होता है।

सभी कक्षाएं नियमित रूप से प्रातः काल निश्चित समय पर लगने शुरू हो जाती हैं। विलंब से आने वाले छात्रों को शिक्षक द्वारा दंडित किया जाता है।

मेरे विद्यालय में सभी विद्यार्थियों के वेशभूषा और व्यवहार पर खास ध्यान दिया जाता है। इसके लिए हर रोज शिक्षक सभी बच्चों के नाखून, बाल और यूनिफॉर्म नियमित रूप से देखते हैं। यदि कोई विद्यार्थी विद्यालय के अनुशासन का पालन ना करें तो उसे प्रधानाचार्य द्वारा कड़ी सजा दी जाती है।

इसके अलावा विद्यालय के सभी कक्षाओं में सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। यदि कोई विद्यार्थी दूसरे विद्यार्थी के साथ लड़ाई झगड़ा करता पकड़ाया गया तो उसे विद्यालय से दरखास्त भी कर दिया जाता है।

विद्यालय में प्रवेश तथा छुट्टी के समय सभी बच्चे कतार में खड़े होकर शांति से जाते हैं। यदि कोई बच्चा अनुशासनहीनता करता है तो शिक्षक उसे सबसे आखिर में जाने देते हैं।

मेरे विद्यालय के शिक्षक My School Teachers in Hindi

मेरे विद्यालय में पढ़ाने वाले प्रत्येक शिक्षक बहुत परिश्रमी और विद्वान हैं जो हर समय बच्चों के हित का ध्यान रखते हैं। शिक्षको के परिश्रम के कारण मेरे विद्यालय के विद्यार्थियों का परिणाम बहुत अच्छा आता है।

विभिन्न विषयों को अलग-अलग शिक्षकों द्वारा हमें पढ़ाया जाता है। सभी शिक्षक पूरी लगन और श्रद्धा से बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा देने का प्रयास करते हैं।

वे हमें लिखित तथा मौखिक रूप से अभ्यास करवाते हैं और घर के लिए अभ्यास कार्य भी देते हैं। मेरे शिक्षक सभी विद्यार्थियों पर समान रूप से ध्यान देते हैं और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं।

मेरे विद्यालय का पुस्ताकालय Library in My School in Hindi

मेरे विद्यालय में एक विशाल पुस्तकालय भवन की स्थित है। इस पुस्तकालय में विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के पढ़ने के लिए की व्यवस्था की गई है।

पुस्तकालय भवन बहुत बड़ा है जिसमें साफ सफाई के लिए विशेष ध्यान रखा जाता है, जिसके लिए कूड़ेदान की व्यवस्था की गई है।

जहाँ अलग-अलग भाषाओं में समाचार पत्र , मासिक पत्र, वार्षिक पत्र, तथा अर्धवार्षिक पत्र रखे गए हैं। इसके अलावा विद्यार्थियों के पढ़ने के लिए रोमांचक तथा साहसिक कहानियों की पुस्तकें भी रखी गई हैं।

पुस्तकालय में बच्चों के परीक्षाओं के रिकार्ड्स भी रखे गए हैं। इसके अलावा चित्रकला प्रतियोगिता में जीतने वाले बच्चों के द्वारा बनाए गए चित्र यहां के दीवारों पर लगाए गए हैं।

मेरे विद्यालय का वार्षिकोत्सव School’s Annual Function in My School

मेरे विद्यालय में प्रत्येक वर्ष वार्षिक उत्सव का आयोजन किया जाता है जिसमें विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। इन प्रतियोगिताओं में विद्यार्थी बड़ी प्रसन्नता से भाग लेते हैं।

शुरुआत में सबसे पहले विद्यार्थीगण द्वारा राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत गाए जाते हैं जिसके बाद शिक्षक तथा प्रधानाचार्य अपनी तरफ से विद्यालय के लिए भाषण देते हैं।

वार्षिक महोत्सव के प्रारंभ में प्रधानाचार्य विद्यालय के इतिहास के बारे में सभी को संबोधित करते हैं जिसके बाद कार्यक्रम का प्रारंभ होता है।

मेरे विद्यालय में प्रत्येक वर्ष वार्षिकोत्सव के दिन छुट्टी होती है जिसके अंतर्गत विद्यार्थी द्वारा कला प्रदर्शनी और खेलकूद की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा नाटक, नृत्य, संगीत आदि कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है।

विद्यार्थियों के साथ शिक्षक भी अपनी तरफ से विद्यालय के लिए कविता और लेख प्रस्तुत करते हैं। इन सभी कार्यक्रमों में प्रधानाचार्य द्वारा जीतने वाले उम्मीदवार को पुरस्कार दिया जाता है।

अंत में प्रधानाचार्य द्वारा पूरे वर्ष में आयोजित हुए प्रतियोगिताओं में जीतने वाले विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार के इनाम दिए जाते और उन्हें मंच पर बुलाकर सम्मानित भी किया जाता है। वार्षिक उत्सव खत्म होने पर सभी बच्चों को मिठाईयां और चॉकलेट्स दी जाती है।

मेरे विद्यालय पर 10 लाइन Best 10 Lines on My School in Hindi

  • मेरे विद्यालय में सरस्वती माता का एक छोटा सा मंदिर है।
  • हमारे विद्यालय में साफ सफाई के लिए हर कक्षा में कूड़ेदान की व्यवस्था की गई है।
  • प्रत्येक वर्ष विद्यालय द्वारा सभी छात्र छात्राओं को पिकनिक पर ले जाया जाता है।
  • मेरे विद्यालय में प्रत्येक वर्ष वार्षिक उत्सव का आयोजन किया जाता है।
  • विद्यालय में प्रत्येक दिन अन्य विषयों के साथ पीटी का भी विषय होता है।
  • मेरे विद्यालय में कंप्यूटर लैब तथा साइंस लैब की सुविधा है।
  • हमारा विद्यालय बहुत ही विशाल तथा सुंदर है।
  • मेरे विद्यालय के चारों ओर हरा भरा मैदान है।
  • हमारे विद्यालय में वर्तमान के सभी तकनीकों की सुविधाएं उपलब्ध है।
  • विद्यार्थियों के बौद्धिक विकास के लिए मेरे विद्यालय में सभी प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने मेरा विद्यालय पर निबंध (My School Essay in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको जानकारी से भरपूर लगी हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरुर करें।

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मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi

नमस्कार दोस्तों आज का निबंध मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi पर दिया गया हैं.

मेरी स्कूल पर सरल निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 200, 250, 300, 400, 500 शब्दों में छोटा बड़ा माय स्कूल एस्से इन हिंदी के रूप में याद करवा सकते हैं.

मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi

Paragraph On My School In Hindi & English For Students: Here We Share With You Short Paragraph On My School For Students In English & Hindi Language.

Write A Short Paragraph Of About 100 Words On My School Use Following Words- Govt, Big, Building, Room, Airy, Doors, Hall, Library, Reading Room, Headmaster, Students, Teachers.

My School Paragraph In English In 100 Words

I Read In Government Upper Primary School. The Building Of The School Is Very Grand. It Is In The Center Of the City.

There Are Thirty Rooms In My School. All The Rooms Are Very Big And Airy. Our School Has a Big Hall. There Is A Good Library In Our School.

There Are Two thousand Books In It. There Is A Reading Room. We Read Newspapers And Magazines In It. Our School Has a Big Playground.

We Play Games There In The Evening. There Are Five Hundred Students In Our School. All Are Teachers Are Very Kind And Learned. Our Headmaster Is A Learned Men.

My School Paragraph In Hindi In 100 Words

मैं राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ता हूँ. स्कूल की इमारत बहुत भव्य हैं. यह शहर के मध्य में हैं. मेरे स्कूल में तीस कमरे हैं. सारे कमरे बहुत बड़े और हवादार हैं.

हमारे स्कूल में एक बड़ा हॉल हैं. हमारे स्कूल में एक अच्छा पुस्तकालय हैं. इसमें दो हजार पुस्तकें हैं. इसमें दो हजार पुस्तके हैं. एक वाचनालय हैं. हम इसमें समाचार पत्र और पत्रिकाएँ पढ़ते हैं.

हमारे स्कूल में एक बड़ा खेल का मैदान हैं. हम शाम को वहां खेल खेलते हैं. हमारे स्कूल में पांच सौ विद्यार्थी हैं. सब अध्यापक बहुत दयालु और विद्वान हैं.

(मेरा विद्यालय) Essay On My School In English And Hindi

why I like my school- I read in ramjas senior secondary school no 5. it always shows good results. it is situated in Karol Bagh.

its pass percentages are cent percent. the teacher is good and able. they are hard-working. the principal is a good guide. the students are hard-working and sincere. the school discipline is good.

in has the grand building is good playgrounds. the rooms are big and the games are compulsory.

our school library is housed in a hall. there are 50,000 books in it.

moral teaching is imparted to the students in our school. our principal and teachers take personal care of the students. so I like my school very much.

मेरा विद्यालय पर निबंध ( Mera Vidyalaya Nibandh in Hindi)

मैंने रामजस उच्च माध्यमिक विद्यालय संख्या 5 में पढ़ता हूँ। यह मेरा विद्यालय हर साल अच्छे परिणाम देता है। यह करोल बाग में स्थित है।

हमारे यहाँ का पास शत प्रतिशत रहता है. सभी अध्यापक लग्न व मेहनत से शिक्षण कार्य करवाते है. हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य एक अच्छे गाइड के रूप में विद्यार्थियों को निर्देशित करते है. उनकी इमानदारी व् लग्न से विद्यालय में अच्छा अनुशासन का माहौल है.

मेरे विद्यालय में बड़ा स्कूल भवन है तथा एक अच्छा खेल मैदान है, जहाँ पर नियमित रूप से खेलों का आयोजन किया जाता है. स्कूल में कई बड़े कमरे है, जिनमें एक पुस्तकालय कक्ष भी है, जिनमें पढ़ने के लिए पचास हजार से अधिक विभिन्न विषयों की पुस्तकें है.

विद्यालय में एकेडमिक शिक्षा के अलावा नैतिक शिक्षा का भी अच्छा प्रबंध है. प्रधानाचार्य व सभी अध्यापक छात्र छात्राओं की देखभाल करते है. तथा विद्यालय में घर जैसा माहौल मिलता है. इस कारण मेरा विद्यालय मुझे बहुत पसंद है.

हमारा विद्यालय पर निबंध हिंदी में

हमारा विद्यालय उदयपुर शहर के मध्य में स्थित है. इसका नाम महाराणा भूपालसिंह राजकीय प्राथमिक विद्यालय है. हमारे विद्यालय में लगभग 400 विद्यार्थी पढ़ते है. यहाँ पर शिक्षा का उत्तम प्रबंध है.

इसमें 15 बड़े कमरे, एक विशाल पुस्तकालय और एक वाचनालय है. वाचनालय में अनेक समाचार पत्र और पत्रिकाएँ आती है. हमारे विद्यालय में खेलकूद के लिए एक विशाल मैदान है. और खेलकूद की अच्छी व्यवस्था है.

हमारा विद्यालय अनुशासन में श्रेष्ट है. इसमें आठ अध्यापक तथा सात अध्यापिकाएं है. एक शारीरिक शिक्षक तथा एक पुस्तकालय अध्यक्ष भी है.

हमारे सभी गुरुजनों के साथ छात्रों का अच्छा व्यवहार है, हमारे विद्यालय के प्रधानाध्यापक जी विद्यालय की प्रगति का पूरा ख्याल रखते है. हमारे स्कूल में पढाई के अतिरिक्त कई विषयों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है.

अन्य सह शैक्षणिक क्रियाकलाप भी चलते रहते है. इन सब विशेषताओं से हमें अपने विद्यालय पर गर्व है.

500 Words विद्यालय पर निबंध Essay on School in Hindi

विद्यालय देश का वह पवित्र स्थान हैं जहाँ देश के भविष्य का निर्माण होता हैं, विद्यालय विद्या विद्या की देवी का पवित्र मंदिर हैं. जिस स्थान पर विद्यार्थी विद्याअध्ययन के लिए आते हैं.

वह स्थान ही स्कूल या विद्यालय कहलाता हैं. विद्यालय दो शब्दों से मिलकर बनता हैं- विद्या+आली अर्थात विद्या का घर. विद्यालय में गुरू एवं शिष्य के सम्बन्ध अत्यंत मधुर होते हैं. मुझे अपने विद्यालय पर गर्व हैं. हमारे विद्यालय का नाम आदर्श विद्या मंदिर हैं.

मेरा विद्यालय भवन

हमारे विद्यालय का भवन अत्यंत सुंदर व विशाल है इसमें बीस कमरे हैं. प्रत्येक कमरा हवादार एवं प्रकाशयुक्त हैं. पुस्तकालय कक्ष, विज्ञान प्रयोगशाला, खेलकूद कक्ष, स्काउट कक्ष एवं एक बड़ा मीटिग हॉल भी हमारे विद्यालय में हैं.

शिक्षकों के बैठने के लिए एक स्टाफ रूम हैं. प्रधानाचार्य का कक्ष मुख्य द्वार के पास ही हैं, प्रत्येक छात्र के बैठने के लिए अलग अलग कुर्सी मेज की व्यवस्था हैं.

मेरे विद्यालय का वातावरण

हमारे विद्यालय में चालीस शिक्षक हैं. सभी शिक्षक अपने अपने विषय के विद्वान् हैं. छात्रों के साथ शिक्षक बहुत अच्छा व्यवहार करते हैं. कक्षा में शिक्षक इतनी अच्छी तरह से समझाते हैं कि छात्रों को सब कुछ समझ में आ जाता हैं.

शिक्षक अपने साथ शिक्षण से सम्बन्धित सहायक सामग्री लाते हैं. जिससे हम सब छात्र अत्यंत रूचि के साथ पढ़ते हैं.

हमारे विद्यालय का शैक्षिक वातावरण अत्यंत सुंदर हैं. जिस समय कक्षाएं चलती हैं. उस समय पूरे विद्यालय प्रांगण में शांति रहती हैं.

जिन छात्रों का समय खेलकूद का होता हैं वे चुपचाप पंक्तिबद्ध होकर मैदान में चले जाते हैं, जहाँ खेलकूद के शिक्षक तरह तरह के खेल सिखाते हैं. तथा साथ खेलते भी हैं.

मेरे विद्यालय के प्रधानाचार्य

हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य अत्यंत कुशल प्रशासक हैं. वे अनुशासनप्रिय हैं वे स्वयं अच्छे खिलाड़ी हैं. तथा अंग्रेजी विषय में पीएचडी हैं उनका व्यवहार हमेशा विद्यार्थियों तथा बच्चों के साथ अच्छा रहता हैं.

वे विद्यालय की सफाई पर विशेष ध्यान देते हैं. विद्यालय की सफाई के लिए चार अनुचर भी हैं.

विद्यालय व्यवहारिक विषयों की जानकारी देते हैं. यहाँ हमें मिलकर रहना सिखाया जाता हैं. माता-पिता गुरूजनों का आदर करना हम यही से सीखते हैं. देश के प्रति प्रेम रखना तथा राष्ट्रीय एकता की बाते विद्यालय में ही सिखाई जाती हैं.

अपना विद्यालय मुझे कितना पसंद हैं, इसे शब्दों में व्यक्त कर पाना कठिन हैं. विद्यालय मेरा पूजाघर हैं. मैं इसकी वन्दना करता हूँ और नित्य प्रति इसे शीश झुकाकर नमन करता हूँ.

मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi

मैं एक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पढ़ता हूँ, मेरेव विद्यालय का नाम सरस्वती विद्या मंदिर हैं. इनकी गिनती शहर के प्रसिद्ध विद्यालयों में होती हैं. पढ़ाई खेल तथा अन्य गतिविधियाँ हमारे स्कूल का प्रमुख हिस्सा हैं.

मेरे विद्यालय में लगभग 750 विद्यार्थी हैं. 30 से ज्यादा अध्यापक और अध्यापिकाएं हैं. इनके अतिरिक्त 4 लिपिक और 2 चपरासी भी यहाँ कार्यरत हैं. अध्यापकगण अनुभवी विद्वान एवं परिश्रमी हैं.

हमारे प्रधानाचार्य बहुत ही गुणी और अनुशासनप्रिय हैं. विद्यार्थियों के साथ उनका व्यवहार बहुत ही मधुर हैं. समय समय पर वे विद्यार्थियों को मार्गदर्शन भी देते हैं.

मेरे विद्यालय की इमारत पक्की हैं. इसमें 25 हवादार कमरे हैं. विद्यालय के एक कमरे में प्रधानाचार्य कार्यालय भी हैं. जो कि साफ़ सुथरा और भली भांति सजा हुआ हैं. कक्षाओं में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह आदि स्वतंत्रता सैनानियों के फोटो लगे हुए हैं.

विद्यालय में एक पुस्तकालय भी हैं जहाँ से सभी छात्रों कप पढने के लिए पुस्तकें उपलब्ध होती हैं. विद्यालय में प्रायोगिक कक्षाओं के लिए लैब भी बनी हुई हैं. मेरे विद्यालय का परीक्षा परिणाम लगभग शत प्रतिशत रहता हैं और कई विद्यार्थी मेरिट में भी स्थान पाते हैं.

निर्धन छात्रों को प्रतिवर्ष छात्रवृति भी उपलब्ध करवाई जाती हैं. मेधावी छात्रों का प्रतिवर्ष सम्मान भी किया जाता हैं. बोर्ड की कक्षाओं में गणित और विज्ञान संकाय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल देने की परम्परा हैं. मुझे अपने इस विद्यालय पर बहुत गर्व हैं.

मेरा विद्यालय निबंध Mera Vidyalaya Essay in Hindi

मैं नवम कक्षा का विद्यार्थी हूँ. मैं राजेन्द्र नगर स्थित बाल भारती पब्लिक स्कूल में पढ़ता हूँ. यह विद्यालय नगर के मध्य में एक लम्बे चौड़े स्थान में स्थित हैं. मेरे विद्यालय का दोमंजिला भवन बहुत विस्तृत हैं.

यह नगर के श्रेष्ट विद्यालयों में से एक हैं. इसका परीक्षाफल प्रतिवर्ष बहुत अच्छा रहता हैं. इस विद्यालय के भवन में लगभग ४० कमरें हैं. जो बहुत ही सुंदर हैं ये कमरे विद्यार्थियों को बहुत पसंद हैं. इन कमरों में विद्युत् वायु प्रकाश की उचित व्यवस्था हैं. विद्यालय के प्रांगण में एक सुंदर सी फुलवाड़ी हैं.

जिसकी हरी भरी घास रंग बिरंगे फूल और लहलहाती लताएं विद्यालय में आने वालों का मन मोह लेती हैं. विद्यालय के मध्य एक बहुत बड़ा मैदान हैं. जहाँ हमारी प्रार्थना होती हैं और खेल के समय अध्यापक बच्चों को खेल खिलाते हैं.

मेरे विद्यालय में लगभग दो हजार छात्र एवं छात्राएं विद्या का अध्ययन करते हैं. यह विद्यालय प्रथम कक्षा से 12 वीं कक्षा तक हैं. मेरे विद्यालय में लगभग साठ अध्यापक तथा अध्यापिकाएं कार्यरत हैं. ये सभी प्रशिक्षित तथा अपने विषय के पूर्ण ज्ञाता हैं.

मेरे विद्यालय में एक प्रधानाचार्य तथा एक उप प्रधानाचार्य हैं जो बहुत अनुशासनप्रिय हैं. प्रधानाचार्य तथा उप प्रधानाचार्य जी के कमरों के साथ विद्यालय का कार्यालय भी हैं.

एक बड़े कमरे में पुस्तकालय तथा तीन बड़े बड़े कमरों में विज्ञान की प्रयोगशालाएं स्थित हैं. मेरे विद्यालय के सभी अध्यापक व अध्यापिकाएं बहुत ही दयालु तथा विद्यार्थियों की हितैषी हैं वे विद्यार्थियों की कठिनाइयों को सुलझाने का प्रयास करते हैं. विद्यार्थी भी अपने गुरूजनों का बहुत सम्मान करते हैं.

विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम विद्यालय में चलाए जाते हैं. जैसे स्काउटिंग, रेडक्रोस, एनसीसी वाद विवाद प्रतियोगिता, नाटक, लोक नृत्य आदि. इसके अतिरिक्त कुछ खेल भी खिलवाएं जाते हैं. जैसे वालीवाल, क्रिकेट, फुटबाल, हॉकी आदि.

प्रत्येक वर्ष मेरा विद्यालय मेरा विद्यालय खेल कूद व भाषण प्रतियोगिता में कोई न कोई पुरस्कार प्राप्त कर लेता हैं. स्वच्छता और अनुशासन तो मेरे विद्यालय की मुख्य विशेषताएं है. यहाँ विद्यार्थी अनुशासन, आज्ञाकारिता और सद्व्यवहार की शिक्षा ग्रहण करते हैं.

इन सब विशेषताओं के कारण मुझे अपने विद्यालय पर गर्व हैं. यह सारे नगर में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता हैं.

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about my school essay in hindi

Essay on My school in Hindi – मेरा विद्यालय पर निबंध (1000+ शब्द)

Essay on My school in Hindi: दोस्तो आज हमने मेरा विद्यालय पर निबंध  कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है।

500+ Words Essay on My School

शिक्षा हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है। हम ज्ञान के बिना कुछ भी नहीं हैं, और शिक्षा वह है जो हमें दूसरों से अलग करती है। शिक्षा प्राप्त करने का मुख्य कदम एक स्कूल में स्वयं को नामांकित करना है। स्कूल अधिकांश लोगों के लिए पहली सीखने की जगह के रूप में कार्य करता है। इसी तरह, यह एक शिक्षा प्राप्त करने वाली पहली स्पार्क है। मेरा स्कूल मेरा दूसरा घर है जहाँ मैं अपना अधिकांश समय बिताता हूँ। इन सबसे ऊपर, यह मुझे जीवन में बेहतर करने के लिए एक मंच देता है और मेरे व्यक्तित्व का निर्माण भी करता है। मैं शहर के सबसे प्रतिष्ठित और सम्मानित स्कूलों में से एक में पढ़कर धन्य महसूस करता हूं। इसके अलावा, मेरे स्कूल में बहुत सारी संपत्तियां हैं जो मुझे इसका हिस्सा बनने के लिए भाग्यशाली महसूस करती हैं। अपने स्कूल के इस निबंध में, मैं आपको बताऊंगा कि मुझे अपने स्कूल से प्यार क्यों है और मेरे स्कूल ने मुझे क्या सिखाया है।

आई लव माय स्कूल?

मेरा स्कूल आधुनिक शिक्षा और पुरानी वास्तुकला के बीच सही संतुलन बनाता है। मेरे विद्यालय की पुरानी इमारतें कभी भी अपनी शानदार सुंदरता से मुझे मंत्रमुग्ध करने में विफल रही हैं।

हालांकि, उनकी पुरानी वास्तुकला का मतलब यह नहीं है कि यह आउट-डेटेड है, क्योंकि यह सभी समकालीन गैजेट्स से सुसज्जित है। मैं अपने विद्यालय को शिक्षा के प्रकाशस्तंभ के रूप में देखता हूं जो ज्ञान को प्रदान करने के साथ-साथ नैतिक आचरण भी करता है। अन्य स्कूलों के विपरीत, मेरा स्कूल पूरी तरह से अकादमिक प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित नहीं करता है। दूसरे शब्दों में, यह उनके छात्रों के समग्र विकास पर जोर देता है।

हमारे शिक्षाविदों के साथ, हमारे स्कूल में पाठ्येतर गतिविधियों का आयोजन भी किया जाता है। यह एक मुख्य कारण है कि मैं अपने स्कूल से प्यार करता हूं क्योंकि यह सभी को समान पैमाने पर मापता नहीं है। हमारे मेहनती कर्मचारी प्रत्येक बच्चे को अपनी गति से बढ़ने का समय देते हैं जो उनमें आत्मविश्वास पैदा करता है। मेरे स्कूल में एक पुस्तकालय , कंप्यूटर कक्ष, खेल का मैदान, बास्केटबॉल कोर्ट और बहुत कुछ है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि हमारे पास यह सब है।

मेरे स्कूल ने मुझे क्या सिखाया है?

अगर कोई मुझसे पूछे कि मैंने अपने स्कूल से क्या सीखा है, तो मैं एक वाक्य में इसका जवाब नहीं दे पाऊंगा। सबक के लिए अपूरणीय हैं और मैं उनके लिए कभी भी आभारी नहीं हो सकता। मैंने अपने स्कूल के कारण साझा करना सीखा। सामायिक और सहानुभूति की शक्ति मुझे मेरे विद्यालय ने सिखाई थी। मैंने सीखा कि जानवरों के प्रति कैसे विचार किया जाए और यह भी एक मुख्य कारण है कि मैंने एक पालतू जानवर को अपनाया।

एक स्कूल एक ऐसी जगह है जहाँ मैंने अपने कलात्मक कौशल को विकसित किया है जो मेरे शिक्षकों द्वारा आगे बढ़ाया गया था। इसके बाद, इसने मुझे अंतर-विद्यालयी पूर्णताओं में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जिसके माध्यम से मैंने विभिन्न पुरस्कार अर्जित किए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मेरे स्कूल ने मुझे सिखाया कि कैसे कृपा के साथ असफलताओं का सामना करना पड़ता है और कभी भी अपनी महत्वाकांक्षाओं को नहीं छोड़ना चाहिए, चाहे कुछ भी हो जाए।

इसे योग करने के लिए, सम्मानित स्कूलों में से एक में अध्ययन करने से मुझे व्यक्तिगत रूप से बहुत मदद मिली है। अपने व्यक्तित्व को आकार देने और मुझे अमूल्य पाठ पढ़ाने के लिए मैं हमेशा अपने विद्यालय का ऋणी रहूंगा। इसने मुझे जीवन और शिक्षकों के लिए दोस्त दिए हैं जो मैं हमेशा देखूंगा। मैं जीवन में अच्छा करने और गर्व करने के लिए अपने स्कूल द्वारा आत्मसात किए गए मूल्यों को निभाने की आकांक्षा रखता हूं।

छात्रों और बच्चों के लिए मेरा स्कूल पर निबंध

मेरा स्कूल कक्षा 6 के लिए निबंध.

स्कूल पृथ्वी पर एक ऐसा प्यारा स्वर्ग है जो महान कार्यों के लिए छोटे दिमागों को तैयार करता है। स्कूल बेहतर जीवन जीने और कल के लिए प्रगति करने के लिए शिक्षा प्रदान करता है। यह न केवल शिक्षा प्रदान करता है बल्कि यह एक राष्ट्र के चरित्र निर्माण का एक उपकरण है। अच्छे स्कूल एक राष्ट्र की सच्ची संपत्ति होते हैं। मैं इतने महान स्कूल में पढ़कर धन्य हूं। मेरा स्कूल हमारे पूरे शहर का सबसे अच्छा स्कूल है।

मैं हमारे शहर के सबसे अच्छे स्कूल में से एक में पढ़ता हूं। मेरे स्कूल का नाम (अपने स्कूल का नाम लिखें) है। मेरे विद्यालय में मेरे देश की सेवा करने का एक महान इतिहास है। मेरे स्कूल ने मेरे देश के लिए कई महान लोगों का उत्पादन किया है। इसकी एक बड़ी और खूबसूरत इमारत है जो दूर से देखने में चमकदार लगती है।

मैं अपने निर्धारित समय पर पहुँचता हूँ। मैं अपने अन्य दोस्तों के साथ स्कूल आता हूं। हम बहुत आत्मविश्वास के साथ खुशी से स्कूलों में प्रवेश करते हैं। हम स्कूल असेंबली में हिस्सा लेते हैं और फिर हम अपनी कक्षाओं में जाते हैं। जैसे ही मैं अपनी कक्षा में प्रवेश करता हूं मुझे काफी सुकून मिलता है।

हमारा क्लास टीचर हमें रोजाना बधाई देता है और हमारे बारे में पूछता है। वह काफी कूल और दयालु आदमी हैं। वह अपने विषय को पढ़ाने के साथ हमारा मनोरंजन करता है। हम यहां शिष्य, स्व सहायता, आत्मविश्वास और सहयोग जैसी कई चीजें सीखते हैं।

मेरे स्कूल में खेल के मैदान, एक पुस्तकालय, एक विज्ञान हॉल और एक शानदार कंप्यूटर लैब जैसी सर्वोत्तम उपलब्ध सुविधाएं हैं। हमारे स्कूल का पुस्तकालय बहुत बड़ा है और सभी छात्रों के लिए किताबें रखता है।

हम सभी स्कूल गतिविधियों जैसे गायन, नृत्य, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, लेखन प्रतियोगिता, सारणी और अन्य में भाग लेते हैं। वास्तव में, यह हमारे शिक्षकों द्वारा की गई मेहनत का परिणाम है।

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अच्छे स्कूल भगवान का असली आशीर्वाद हैं। वे एक राष्ट्र की सेवा करते हैं। वे राष्ट्रीय प्रगति के लिए रास्ता तैयार करते हैं। यह आशीर्वाद है कि हमारे देश में बहुत सारे महान स्कूल हैं। मैं खुद को इस स्कूल में पढ़कर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि मैं अपने देश और अपने स्कूल का नाम रोशन करूंगा।

स्कूल पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q.1 प्रत्येक बच्चे को स्कूल क्यों जाना चाहिए?

A.1 स्कूल जाना हर बच्चे के लिए ज़रूरी है क्योंकि स्कूल हमें वो सबक सिखाता है जो कहीं और हासिल नहीं किया जा सकता। अनुभव एक तरह का है और शिक्षा के साथ-साथ, हम कई अन्य चीजें सीखते हैं जैसे सामाजिककरण, पाठ्येतर गतिविधियां और बहुत कुछ।

Q.2 स्कूल हमें क्या सिखाता है?

A.2 स्कूल हमें कुछ बेहतरीन चीजें सिखाता है जैसे सबसे पहले, यह हमें बुनियादी शिक्षा देती है। यह हमें कला, नृत्य, सार्वजनिक बोलना और अधिक जैसे हमारे कौशल विकसित करना सिखाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात, यह हमें अनुशासन सिखाता है।

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Essays - निबंध

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मेरा स्कूल पर निबंध – My school essay in Hindi (1000 Words)

मेरा स्कूल पर निबंध (My school essay in Hindi): जीवन में हमारा दूसरा घर स्कूल होता है. स्कूल में ही हम सब जीवन के मुख्य उद्देश्य को समझते है. और स्कूल में हमे कभी न कभी हमारे स्कूल के बारे में लिखने का मौका मिलता है. और ये लिखने के मौके को हम सिर्फ निबंध में ही व्यक्त कर सकते हैं. इसलिए में आज आपके लिए लेकर आया हूँ मेरा विद्यालय पर निबंध (Essay on my school in Hindi).

मेरा स्कूल पर निबंध – My school essay in Hindi

प्रस्तावना – स्थिति – कक्षाओं और छात्रों की संख्या – स्कूल का घर – स्थापना और प्रबंधन – शिक्षक और अन्य कर्मचारी – त्योहार – बगीचा – पुस्तकालय – खेल मैदान – वस्त्र – परीक्षा परिणाम – उपसंहार

ईश्वर के पास जितने भी संसाधन है, मानव संसाधन उन सभी में सर्वश्रेष्ठ हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि मानव संसाधनों के समुचित विकास के साथ, अन्य सभी प्राकृतिक संसाधनों का विकास संभव होगा. इस मानव संसाधन के विकास के लिए स्कूल कई औपचारिक साधनों में से एक हैं. हमारे देश में कई तरह के स्कूल हैं, जैसे प्राथमिक स्कूल और हाई स्कूल. मैं जिस स्कूल में जाता हूं वह हाई स्कूल है. उसका नाम माध्यमिक बोर्ड हाई स्कूल है. यहाँ 6 वीं से 10 वीं कक्षा तक की शिक्षा देता है.

हमारा स्कूल कटक सहर के बजरकबती रोड के पास स्थित है. मौजूदा बजरकबती रोड रानीहाट चौक को डोलमुंडई चौक से जोड़ता है. पश्चिम में फ्रेंड्स कॉलोनी है, उत्तर में रानीहाट गोपाल साही है और दक्षिण में ओडिशा माध्यमिक शिक्षा समिति का कार्यालय है.

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कक्षाओं और छात्रों की संख्या

हमारा स्कूल में 6 वीं से 10 वीं कक्षा तक शिक्षा प्रदान किया जाता है. 6 वीं से 7 वीं कक्षा में 3 विभाग और अन्य कक्षाओं में 4 विभाग है. स्कूल के अठारह विभागों में लगभग 1,000 छात्रों पढ़ते हैं. यहाँ का पाठ्यक्रम का अनुसरण माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा किया जाता है. उच्च वर्ग साहित्य, अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला, शारीरिक शिक्षा और काम का अनुभव के बारे में शिक्षा दिया जाता है.

स्कूल का घर

हमारा स्कूल तीन मंजिला इमारत है. महल में छोटे बड़े 12 कमरे हैं. इसमें शिक्षकों के विश्राम कक्ष, पुस्तकालय, प्रधानाध्यापक कार्यालय, विद्यालय के कार्यालय भवन, 10 वीं कक्षा के 4 विभाग, हिंदी और संस्कृत के लिए एक अलग कक्षा है. दूसरी मंजिल पर एक खेल शिक्षक का कमरा, राष्ट्रीय युद्ध शैक्षिक बलों के लिए एक विशेष कमरा और एक हवाई क्षेत्र, एक प्रयोगशाला, विज्ञान वर्ग के लिए एक गैलरी और भूगोल के लिए एक विशेष कमरा है. इस दूसरी मंजिल पर 8 वीं और 9 वीं कक्षा में से प्रत्येक में 4 विभाग भी होते हैं. इसी तरह, तीसरी मंजिल में 6 वीं और 7 वीं कक्षा है. इस मंजिल पर एक छोटा हॉल या मीटिंग रूम भी है. यद्यपि यह हमारे विद्यालय के सभी छात्रों के लिए पर्याप्त नहीं है, फिर भी यहाँ छोटी बैठकें करना संभव है.

स्थापना और प्रबंधन

हमारे स्कूल की स्थापना 3 अगस्त, 1959 को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा की गई थी. तब से, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड स्कूल की इमारत का विस्तार कर रहा है, शिक्षकों की आवश्यक संख्या को काम पर रखने के साथ-साथ सभी स्कूल खर्चों को कवर करता है. स्कूल में अधिकारियों को सलाह देने के लिए एक प्रबंधन समिति है. माध्यमिक शिक्षा परिषद के संपादक, स्कूल प्रिंसिपल, शिक्षक प्रतिनिधि और 2 निर्वाचित माता-पिता संचालन समिति के सदस्य हैं. समिति वर्ष के विभिन्न समयों में होती है और सदस्य स्कूल के बारे में सोची समझी सलाह देते हैं.

शिक्षक और अन्य कर्मचारी

हमारे विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री राम शर्मा. उन्होंने मेधावी शिक्षक के रूप में राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार जीते हैं. उनके अलावा, 35 अन्य प्रशिक्षित शिक्षक, 13 4th ग्रेड के कर्मचारी और 2 कार्यालय सहायक यहां काम कर रहे हैं. दो शिक्षकों को राज्यपाल ने मेधावी शिक्षकों के रूप में सम्मानित किया है.

स्कूल में गणेश पूजा, सरस्वती पूजा, गुरु दिवस, पुरस्कार समारोह, स्थापना दिवस, स्वतंत्रता दिवस, बाल दिवस, जन राज्य दिवस आदि मनाया जाता है. हमारे स्कूल के छात्र कटक शहर और राज्य के विभिन्न हिस्सों में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे हैं और पुरस्कार और प्रमाण पत्र जीतने के साथ-साथ स्कूल की प्रतिष्ठा भी बढ़ाते हैं.

बगीचा                                

हमारे स्कूल में एक सुंदर फूलों का बगीचा है. बगीचे के अंदर महात्मा गांधी की मूर्ति है. उद्यान को 8 भाग में विभाजित किया गया है. प्रत्येक कियारी में फ्लैट कालीन की तरह हरी घास और कियारी के चारों ओर फूलों की सुंदर बाड़ है. ये पेड़ बहुत सुंदर लगते हैं क्योंकि वे एक निश्चित ऊंचाई तक कट जाते हैं. हरी घास और उसके चारों ओर मौसमी फूलों की लाइनिंग बगीचे की सुंदरता को कई गुना बढ़ा देती है. यद्यपि एक शिक्षक बगीचे का प्रभारी है, लेकिन स्कूल के अन्य सभी शिक्षक बगीचे के समग्र सुधार में योगदान करते हैं. छात्रों नियमित रूप से समय पर शिक्षक की देखरेख में बगीचे में काम करते हैं. सभी के प्रयासों के कारण, बगीचा बहुत आकर्षक हो गया है.

हमारे स्कूल में एक पुस्तकालय है. इसमें लगभग 10,000 पुस्तकें हैं. एक शिक्षक इसके प्रबंधन का प्रभारी होते हैं. पुस्तकालय के लिए एक निर्दिष्ट समय है. शिक्षक कक्षा की पाठ्यपुस्तकें और अन्य सहायक पुस्तकें पुस्तकालय से लेते हैं. कुछ शिक्षक और छात्र स्कूल के बाद पुस्तकालय में रहते हैं और स्कूल में आने वाली विभिन्न पुस्तकों और समाचार पत्रों और पत्रिकाओं को पढ़ते हैं. जैसा कि हमारा पुस्तकालय एक अच्छी तरह से संचालित पुस्तकालय है, यह शिक्षकों और छात्रों के ज्ञान को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

हमारे स्कूल में एक छोटा सा खेल का मैदान है. शनिवार को यहां सामूहिक अभ्यास आयोजित किए जाते हैं. उत्साही छात्र खेल शिक्षक की देखरेख में स्कूल के काम और अन्य छुट्टियों के बाद खेल का अभ्यास करते हैं. छात्र शहर और राज्य में आयोजित विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे हैं.

स्कूल के छात्रों निर्दिष्ट वस्त्र पहनते हैं. लड़कों  गहरे नीले रंग की पैंट और सफेद हाफ शर्ट पहनते हैं  और लड़कियों आसमानी नीले रंग की फ्रॉक पहनते हैं. स्कूल-नामांकित पदक छात्रों द्वारा उपयोग किए जाते हैं. इससे छात्रों में स्कूल के प्रति जुनून का पता चलता है.

परीक्षा परिणाम

हमारे स्कूल के परीक्षा परिणाम बहुत संतोषजनक हैं. हर साल, सैकड़ों छात्र प्रथम श्रेणी से पास होते हैं. प्रथम श्रेणी में पास होने वाले छात्रों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है और द्वितीय श्रेणी में पास होने वाले छात्रों की संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है. हमारे स्कूल में शिक्षक नियमित कक्षाओं में पढ़ाते हैं. लगभग हर वर्ष, इस विद्यालय के छात्र विद्यालय की प्रतिष्ठा को बढ़ाकर विद्यालय में स्थान प्राप्त करते हैं.

हमारा स्कूल अन्य स्कूलों जितना पुराना नहीं है. इसलिए इसकी कोई समृद्ध परंपरा नहीं है. छात्रों और शिक्षकों के प्रयासों और माता-पिता के सक्रिय सहयोग के लिए धन्यवाद, स्कूल धीरे-धीरे सुधार कर रहा है और एक उज्जवल परंपरा का निर्माण कर रहा है. मुझे अपने स्कूल पर गर्व है. यदि स्कूल का प्रत्येक छात्र इतना गर्व महसूस करता है और समर्पण के साथ काम करता है, तो स्कूल पूरे राज्य में आदर्श स्कूलों में से एक बन सकता है.

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ये था मेरा स्कूल पर निबंध (Essay on my school in Hindi) . अगर आपको कभी अपने स्कूल के ऊपर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है, तो आप ऊपर दिए गए निबंध को अनुसरण कर के लिख सकते हो.

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मेरा विद्यालय पर निबंध, लेख, 10 लाइन

विद्यालय (पाठशाला ) एक ऐसा स्थान है जो विद्या के प्रतीक के रूप में काम करता है, अर्थात् यह वह स्थान होता है जहाँ ज्ञान(विधा) की प्राप्ति होती है। हमारे संस्कृति में विद्या को देवी के रूप में माना जाता है और विद्यालय को ‘मंदिर’ के समान महत्वपूर्ण माना गया है। आज हम विद्यालय यानि पाठशाला पर निबंध, लेख, 10 लाइन, पर विस्तार से पढ़ेंगे।

Also Read: विद्यालय का महत्व पर निबंध-पाठशाला का महत्व पर निबंध // विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध // मेरे विद्यालय में पारितोषिक वितरण समारोह // शिक्षा में चुनौतियों पर निबंध //

मेरा विद्यालय पर निबंध, लेख, 10 लाइन 1

विद्यालय पर निबंध (200 शब्दों में)

मेरे विद्यालय का नाम अर्पण पब्लिक स्कूल है। यह मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और मेरी शिक्षा की यात्रा का संवर्गस्थान है। यहाँ पर हमें न केवल पढ़ाई का मौका मिलता है, बल्कि हम खेल, कला, संगीत आदि में भी विकसित होते हैं।

हमारे विद्यालय में प्रमुख ध्येय है कि हर छात्र को सम्पूर्ण विकास मिले। यहाँ के उच्च प्रतिष्ठान वाले अध्यापक हमें विभिन्न विषयों में पढ़ाते हैं और हमें नए ज्ञान का संचय करने में मदद करते हैं।

विद्यालय में सभी छात्र एक परिवार की भावना से जुड़े रहते हैं। हम उनके साथ समय बिताकर अच्छे दोस्त बनाते हैं और एक-दूसरे की मदद करते हैं।

हमारे विद्यालय में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेल-कूद प्रतियोगिताएं और शिक्षा से जुड़े अन्य गतिविधियाँ भी आयोजित की जाती हैं।

मेरे विद्यालय के प्रिंसिपल और शिक्षक हमें न केवल शिक्षा देते हैं, बल्कि वे हमें अच्छे मानव और सामाजिक नागरिक बनने में भी मार्गदर्शन करते हैं।

आखिर में, मेरे विद्यालय ने मुझे ज्ञान, सामर्थ्य और सजीव शिक्षा का अद्भुत साधना स्तर प्रदान किया है। यहाँ के सुखद और शिक्षाप्रद वातावरण में मेरी पूरी शिक्षा की यात्रा अद्वितीय और प्रेरणास्त्रोत रही है।

mera-school-nibandh

विद्यालय पर निबंध 300 शब्दों में-vidyalaya par nibandh

रुपरेखा : प्रस्तावना – विद्यालय की परिभाषा – विद्यालय की भूमिका – विद्यालय की परिकल्पना – विद्यालय के प्रकार – विद्यालय की विशेषता – उपसंहार।

प्रस्तावना : विद्यालय, जिसे हम सिखने और ज्ञान प्राप्त करने के लिए जाते हैं, हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ पर हम न केवल पढ़ाई करते हैं, बल्कि साथ ही खेल, कला, और विकास के अन्य क्षेत्रों में भी सीख प्राप्त करते हैं।

विद्यालय की परिभाषा: विद्यालय एक स्थान होता है जहाँ छात्र अपने शिक्षा का अध्ययन करते हैं। यहाँ पर हमें अध्यापक मिलते हैं जो हमें विभिन्न विषयों में पढ़ाते हैं और हमारे ज्ञान को विकसित करते हैं।

विद्यालय की भूमिका: विद्यालय छात्रों को न केवल शिक्षा प्रदान करता है, बल्कि उन्हें अच्छे मानवीय मूल्यों, नैतिकता, और समर्पण की शिक्षा भी देता है। यहाँ पर हम जीवन के महत्वपूर्ण सिक्के सीखते हैं जो हमें अच्छे नागरिक बनने में मदद करते हैं।

विद्यालय की परिकल्पना: विद्यालय की परिकल्पना एक सुरम्य और संवेदनशीलता से भरपूर स्थान का चित्रण करती है, जहाँ छात्र न केवल पढ़ाई करते हैं, बल्कि खेल, कला, और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी भाग लेते हैं।

विद्यालय के प्रकार : विद्यालय कई प्रकार के होते हैं, जैसे सरकारी विद्यालय, निजी विद्यालय, आदि। इनमें हर एक का अपना विशिष्टता होता है और यह छात्रों के विकास में योगदान करते हैं।

विद्यालय की विशेषता: विद्यालय एक ऐसी जगह होती है जहाँ हमें अच्छे से सीखने का मौका मिलता है और हम नए दोस्त भी बनाते हैं। यहाँ पर हम जीवन के महत्वपूर्ण मूल्यों को समझते हैं और अपने आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं।

उपसंहार: विद्यालय हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हमें न केवल ज्ञान प्रदान करता है, बल्कि हमारे व्यक्तिगत और सामाजिक विकास में भी मदद करता है। यहाँ पर हम सिखते हैं कि कैसे जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है और समृद्धि प्राप्त की जा सकती है।”

मेरा विद्यालय पर निबंध, लेख, 10 लाइन 2

मेरा विद्यालय पर निबंध- Essay on My School in Hindi.

विद्यालय यानी विद्या और आलय, अर्थात शिक्षा का मंदिर। जहाँ पर हर रोज़ लाखो बच्चे विद्या अर्जन करने जाते है। मेरे विद्यालय का नाम केंद्रीय विद्यालय है। यह असम की पहाड़ियों के बीच स्थित है। मेरा विद्यालय काफी बड़ा है और विश्तृत रूप से फैला हुआ है। मेरे विद्यालय में एक से बारहवीं तक की कक्ष्याएं है। यहाँ विद्यालय का परिवेश शांत और शिक्षा की उत्तम व्यवस्था है। यहाँ हर कक्षा के 4 अनुभाग यानी सेक्शंस है। यहाँ के प्रधानाध्यापक अनुशासन प्रिय है। हमारा विद्यालय तीन मंजिला इमारत है। यहाँ विद्यालय में तक़रीबन 50 कमरे है। कमरे में गुणवत्ता पूर्वक कुर्सियां, पंखे, स्मार्टबोर्ड और श्यामपट्ट का इंतज़ाम है।

यहाँ विद्यालय में विशाल वातानुकूलित पुस्तकालय है जहाँ हर विषय के पुस्तक उपलब्ध है। यहाँ बच्चे दैनिक अखबार पढ़ सकते है। विद्यालय में कंप्यूटर विज्ञान के प्रक्टिकल्स के लिए विशाल कंप्यूटर का कमरा है। यहाँ विद्यार्थी कंप्यूटर क्लास में कंप्यूटर को शिक्षक के निरीक्षण में चला सकते है। यहाँ विज्ञान के हर क्षेत्र जैसे रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान और जीव विज्ञान के अलग और भव्य प्रयोगशाला है। यहाँ खेलकूद के लिए अलग कमरा है। जहाँ फूटबाल, क्रिकेट, और वॉली बॉल से सम्बंधित सारे ज़रूरत की चीज़ें मौजूद है। लेकिन अध्यापकों के निरिक्षण में इनका उपयोग करना अनिवार्य है।

यहाँ विद्यालय में संगीत और नृत्य के लिए अलग कमरा है जहाँ हर प्रकार के वाद्य यन्त्र मौजूद है। यहाँ विद्यालय में खेलने के लिए विशालकाय मैदान है और छायादार पेड़ है। यहाँ अतिसुन्दर उद्यान है जहाँ हर प्रकार के फूल लगे हुए है। हमारे विद्यालय में शिक्षण ग्रहण करने हेतु विद्वान और सुशिक्षित अध्यापक और अध्यापिका है। यहाँ हमेशा कड़े अनुशासन का पालन किया जाता है। यहाँ हर रोज सुबह की प्राथना सभा में प्रतिज्ञा, समाचार, सोच, और भाषण जैसे कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। प्राथना सभा में हर विद्यार्थी उत्सुकता से भाग लेता है। उसके बाद हमारी कक्ष्याएं प्रारम्भ हो जाती है।

यहाँ हर विषय का अध्ययन बहुत ही रोचक होता है। शिक्षक गण हमे बड़े चाव से पढ़ाते है और कई नए पद्धतियों और उपकरण का प्रयोग करते है ताकि विद्यार्थियों को अच्छे से विषय का ज्ञान हो। यहाँ हर एक कालखंड 45 मिनट का होता है। विद्यालय में शुद्ध और स्वच्छ पीने का पानी उपलब्ध है और स्वच्छ शौचालय की व्यवस्था है। यहाँ अगर किसी विद्यार्थी को कुछ विषय में समझ न आये तो उपचारात्मक कक्ष्याओं की सहायता ले सकते है। यहाँ विद्यालय में कई तरह की सह पाठ्यक्रम प्रतियोगिता आयोजित की जाती है जैसे वाद-विवाद, भाषण, सुलेख लेखन, कविता गायन जैसे प्रतियोगिता आयोजित की जाती है ताकि विद्यार्थी हर क्षेत्र में सक्ष्म प्रयास और उन्नति करे। इसके आलावा नृत्य, संगीत, अंताक्षरी और नाटक जैसे मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित किये जाते है।

यहाँ विद्यालय में हर साल भव्य वार्षिक समारोह का आयोजन किया जाता है। इस समारोह विद्यार्थियों को उनके क्षेत्र में उत्तम कार्य करने के लिए पुरस्कार दिए जाते हैं। यहाँ हर साल मुख अतिथि छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत बनकर आते है। नृत्य, नाटक, प्रधानाचार्य महोदय के ज्ञान वर्धक भाषण सुनने और देखने का सुअवसर प्राप्त होता है। विद्यालय में अध्यापको के लिए सुसज्ज्ति स्टाफ कक्ष है। यहाँ शिक्षकगण विद्यार्थिओं की उत्तरपुस्तिकाओं का निरीक्षण कार्य करते है और साथ ही विद्यार्थिओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए उत्तम निर्णय लेते है। नजदीक में प्रधानचार्य महोदय का कक्ष है जो काफी विशाल और भव्य है।

स्कूल की इमारत और छात्रों  की सुरक्षा के लिए बाहर सुरक्षा कर्मी हमेशा तैनात रहते है। स्कूल में हमेशा अनुशासन का अनुकरण किया जाता है। यहाँ विद्यालय के आंगन और सभी कक्षाओं की रोज़ सफाई की जाती है। यहाँ विद्यालय के आँगन के पास जो बगीचा है वहां विभिन्न प्रकार के छायादार पेड़ है इसलिए विद्यालय का एक सुन्दर दृश्य स्थापित हो जाता है। यहाँ बच्चे हर साल दसवीं और बारहवीं में अच्छा शैक्षिक प्रदर्शन करते है। जिसके कारण जिले में हमारा विद्यालय अत्यंत लोकप्रिय है। हमारे विद्यालय में पुस्तकालय का रूप में एक ज्ञान का महसागर है। यहाँ हर विषय और क्षेत्र से सम्बंधित किताबें पायी जाती है। जो बच्चे महंगे किताबे नहीं खरीद सकते है यहाँ पुस्तकालय में आकर ज्ञान अर्जित करते है।

हर प्रकार के दिवस जैसे शिक्षक दिवस , स्वतंत्रता दिवस सुअवसर मनाये जाते है और कई प्रकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

विद्यालय विद्या का मंदिर है जहाँ बच्चे हर प्रकार का ज्ञान प्राप्त करने आते है। ज़िन्दगी में विद्यालय का महत्व अतुलनीय है। ज़िन्दगी में हर विद्यार्थी के बेहतरीन दिन यहाँ बितते है जिसे आजीवन वह याद करते है। विद्यालय का सहयोगमय वातावरण और अपार शिक्षा भविष्य में विद्यार्थिओं को आत्मनिर्भर बनाता है। यहीं से शिक्षा पाकर विद्यार्थी ज़िन्दगी में बहुत कुछ कर दिखाते है। हमे अपने विद्यालय पर गर्व है।

मेरा विद्यालय 10 लाइन-vidyalay per 10 line

  • मेरा विद्यालय मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ हमें शिक्षा के साथ-साथ खेल, कला और सामाजिक गतिविधियों का भी मौका मिलता है।
  • हमारे विद्यालय में अध्यापक हमें विभिन्न विषयों में पढ़ाते हैं और हमारे ज्ञान को विकसित करते हैं।
  • विद्यालय में हम नए दोस्त बनाते हैं और उनके साथ समय बिताते हैं।
  • हमारे विद्यालय में विभिन्न प्रतियोगिताएँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं।
  • विद्यालय में हमें नैतिक मूल्यों की शिक्षा दी जाती है और हमें समाज में उपयोगी नागरिक बनाने के लिए प्रेरित किया जाता है।
  • हमारे विद्यालय के प्रिंसिपल और शिक्षक हमारे मार्गदर्शक होते हैं और हमें सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद करते हैं।
  • मेरे विद्यालय का वातावरण सुरक्षित और प्रेरणास्त्रोत होता है, जो हमें सीखने के लिए परिपूर्ण माहौल प्रदान करता है।
  • विद्यालय में हमें सिखाया जाता है कि कैसे अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मेहनत करें और संघर्ष का सामना करें।
  • मेरे विद्यालय ने मेरी प्रौद्योगिकी, सामाजिक और मानसिक दृष्टि को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • मेरा विद्यालय मेरे जीवन की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जो मुझे नए दर्शनियों की ओर अग्रसर करने में मदद करता है।

मेरा विद्यालय पर निबंध, लेख, 10 लाइन 3

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मेरा विद्यालय पर निबंध। my school essay in hindi

my school essay in hindi

विद्यालय जिसे हम लोग विद्या का मंदिर मानते है। विद्यालय को कोई पाठशाला कहता है तो कोई स्कूल कहता है। जीवन की अनगिनत यादों के साथ साथ सफलता के मुकाम पे पहुंचने का सफर स्कूल से ही होकर गुजरता है। आज आप इस पोस्ट में my school essay in hindi पढ़ेंगे। विद्यालय पर निबंध तो हमेशा ही स्कूल और कॉलेज में जरूर पुछा जाता है। इस हिंदी निबंध को आप essay on my school in hindi for class 1, 2, 3 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 तक के लिए थोड़े से संशोधन के साथ प्रयोग कर सकते है।

जोर जोर से बजती हुई घंटी, माँ का हाथ कस कर पकड़ा हुआ, बिकल कर रोते हुए कुछ ऐसे पहली बार स्कूल के अंदर गया। वो पहला दिन था जब मैने मेरे स्कूल को देखा। पहली बार मेरे साथ ऐसा हुआ था कि कोई बड़ी सी इमारत मुझे पसंद नही आ रही थी। क्योंकि चश्मा लगाई हुई मेडम मेरी माँ से मेरा हाथ छुड़ा कर अंदर की ओर ले जा रही थी। मैंने मेडम के हाथ मे काटा और माँ के पास भागने लगा। इतने में एक मेडम ने किटकैट दिखा कर कहा इसे कौन लेगा। वो टॉफी देख मेने माँ की तरफ देखा, माँ ने कहा जाओ जल्दी जाओ तुम्हारी पसंदीदा चॉकलेट लेलो।मुझे आज भी याद है कि उस दिन मुझे स्कूल भेजने के लिए बहुत झांसे दिए। कुछ इस तरह पहली बार मेने अपने विद्यालय में कदम रखा। आपकी ज़िंदगी मे भी ज़रूर कुछ ऐसे ही रौचक किस्से हुए होंगे जो आप याद करके अकेले में भी खूब हस्ते रहते होंगे।

प्रस्तावना-  जब हमें कुछ पता ही नही होता उस वक़्त हमारा दाखिल स्कूल में होता है।रोते- गाते, खेलते- कूदते, हम ऐसे पढ़ाव पर आ जाते है जब हमारे विद्यालय के हर कोने की तस्वीर हमारे दिमाग मे छप जाती है।रोते से हसना सीख जाना बस इतना ही हमारा स्कूल का सफर होता है। विद्यालय हमे हमारे सबसे निचले स्तर से शुरुवात करा कर एक ऐसे अनुभव की और ले जाता है जो आगे जीवन मे किसी अन्य चीज़ में प्राप्त नही होता।एक ऐसा अनुभव जो अमूल्य होता है और एक ऐसा इंसान  बनाता है जो देश का भविष्य होता है।कुछ यादें जो कहीं बयां करें भी तो कहा करे, ऐसी यादें दिल मे हमेशा पहले स्थान पर विद्यालय की होती है। हर बच्चे की पहली और आखरी पसन्द उसका विद्यालय ही होता है। जीवन के सबसे ना समझ क्षण हमने हमारे विद्यालय में ही बताए है। इसीलिए इससे ऊपर कोई बच्चा किसी संस्थान को अपने पूरे जीवन मे नही रख सकता।

विद्यालय का रंग और मेरे रंगीन मित्र-  मैने अपने विद्यालय रंग बचपन मे पीला समझा था। समझ के साथ कक्षा भी बढ़ी, फिर मुझे समझ आया कि ये तो कत्थई था। ज़्यादा बड़े तो नही बस पहली कक्षा में आकर मेरे जैसे और बच्चों पर मेरी नज़र गयी। ड्राइंग का पीरियड था, कुर्सी पर मेडम बैठ सब पर नज़र रखी हुई थी। मेरे पीछे की सीट पर एक लड़का खाली पेज पर बिना कुछ बनाये रंग भर रहा था। मुझे बहुत तेज़ हंसी आयी,वो भी मुझे हस्ता देख मुस्करा दिया। फिर मैने उसकी शीट पर फूल बनाया और उसने मेरी शिट पर रंग भरे। कुछ इस तरह मेरा जिगरी रंगीन यार बना। यूं  तो जिंदगी में हम हज़ारों लोगों से मिले होंगे लेकिन ऐसे रंगीन दोस्त हर बार नही मिलते।वो दोस्त मेरा पहला व सबसे करीबी दोस्त रहा।रोज़ लंच की घंटी बजती तो साथ खाना खाते। धीरे धीरे हमारा ग्रुप बनने लगा हमारे साथ आधे घण्टे के ब्रेक में 7-8 लड़के और खेलने लगे। पकड़म पार्टी, बर्फ पानी, आमछु बदमछु ये सारे नाम मेने वही पर पहली बार सुने और खेलना सीखे। कभी कभी सोचता हूं तो समझ आता है कि वो खेल ने ही  मेरी ज़िंदगी मे मुझे आज तक सबसे ज़्यादा खुशी दी। न दुनिया की कोई  रीत थीं, न छल- न कपट, न कोई भेद था। धीरे धीरे दोस्ती गहरी होती चली गयी। जब भी सोचता हूं की मेरे स्कूल ने मुझे क्या दिया तो सब छोड़ सबसे पहले ज़ुबान पर आता है हीरे, मेरे स्कूल ने मुझे वो अनमोल रत्न दिए जो, खुशी में शामिल हो न हो पर मेरे दुख में मेरी ढाल बनकर खड़े रहते है। मेरे दोस्त है जो मुझे हर तकलीफ से दूर रखते है। 

स्कूल लाइब्रेरी, किताबें और पीरियड से रिश्ता- जब तक किताबों के सागर में डूबते मेरा दोस्त साइड में प्रार्थना करता , है भगवान आज हां बस आज साइंस का पीरियड खत्म हो जाये। और ऐसे ही प्रार्थना वो रोज़ हर पीरियड में करता था। आप तो समझ ही गए होंगे कि किताबों में से पढ़ने से ज़्यादा, पीरियड खत्म होने की घंटी का इंतज़ार करते थे। कुछ भी कहो सब बच्चों को लाइब्रेरी पीरियड का बहुत इंतज़ार रहता था। बेशक वहां भी किताबें थी। पर वहां हमारे टीचर के अनुसार कोई भी किताब उठा कर पढ़ सकते थे। लेकिन हमारे अनुसार कोई भी किताब उठा कर बस उसके चित्र देख कर रखना होता था। फिर क्या था जिस भी किताब में शेर, चीतह, खरगोश नज़र आते वो उठा लेते। और पूरे पीरियड बस किताबों के पन्ने पलट कर वही चित्रों को निहारते।

किताबों के दोहों से बड़ी सीख मिलती थी। कैसे परोपकार करना है, कैसे दुसरो की सेवा करना है, कैसे दुसरो के लिए जीवन को जीना है। सब बच्चें किताब को हिंदी पीरियड में बड़े ध्यान से पढ़ते। एक अच्छे मनुष्य की पहचान क्या होती है ये मैने उन्ही किताबों से सीखा। खाली दिमाग मे जो अंकुरित करो वही परिणाम स्वरूप सामने आता है। अपने विद्यालय से जीवन जीने का सही तरीका सीखा। वो पाठ ने मेरे जीवन के पाठ में विशेष किरदार निभाया। अच्छा इंसान बनना चाहिए ये तो सब बताते है, पर अच्छा इंसान कैसे बनना है ये मेरे विद्यालय व मेरी किताबों ने सिखाया। जाने अनजाने हमने जीवन के महत्वपुर्ण पढ़ावो को पार करने की तैयारी करली थी जो हमे जीवन मे आगे बाधा बनकर उभरने वाले थे।

विद्यालय के शिक्षक-   नर्सरी से लेकर बारहवीं तक जिस अभिन्न व्यक्ति का साथ था वो थे हमारे शिक्षक। जिस दिन चलना सीखा उस दिन से मेरे जीवन के 18 साल तक उन्होंने हमे चलाया नही चलने का मार्ग भी  दिखाया। हर छोटे-छोटे झगड़े को सुलझाया और हर बार भगवान के समान माफ भी किया।विद्यालय में शिक्षक डरावने लगते थे। पर तब हम ये नही जानते थे कि इनसे कोमल इस दुनिया मे किसी ओर का हृदय नही होता। हर विषय के अलग अलग शिक्षक होते थे। वो हमारे सारे बहानों को जानते थे जो हम होमवर्क ना करके आने पर बनाते थे। उस दिन मुझे समझ आया कि सब समझ कर भी ना समझ बन जाना भी कितना विशेष प्रेम होता है। जो वो हम बच्चों से करते थे। गलती करने पर कई बार डांट भी लगते थे। पर उनका उद्देश्य कभी डांट कर नीचा दिखाने का नही बल्कि ऊपर उठाने का होता था। शिक्षा और शिक्षक का संबंध शायद एक बार को टूट सकता है। पर शिक्षक और बच्चों का संबंध कभी नही टूटता। शिक्षक बच्चों में शिक्षा का संचार कुछ ही सालों में आजीवन के लिए कर देता है।अनाराम से लेकर जीवन मे अलार्म तक का सफर हमे शिक्षक तय कराते हैं। वे सीखते है कि कैसे अपने लक्ष्य के प्रति आगे बढ़ते रहना है, और कैसे जीवन मे अनुशाषित रहना है।

विद्यालय का प्रांगण व आखरी साल- खाली दिमाग में धीरे धीरे अक्ल आने ही लगी थी, फिर बस हमारे विद्यालय में रहने का आखरी साल आगया।कैसे सालो की बिताई यादों को कुछ क्षण में समेट पाते। फेयरवेल लेने जब मैदान में खड़े थे तब आखरी बार अपने स्कूल को निहार रहे थे।तब लगा कि कितना बड़ा है मेरा विद्यालय। आज तक विद्यालय को देखने की फुरसत ही कहा मिली थी।अपने दोस्तों के साथ खेलने, टीचर को समझने सुनने के अलावा, कभी ध्यान ही नही गया।  स्कूल के पहले दिन जब रोते हुए आये थे तब ध्यान गया था। और अब जब रोते हुए जा रहे है तब ध्यान जा रहा है। जितना डरावना पहले दिन लगा था उससे कई ज़्यादा डरावना आज लगा। फर्क इतना है की उस वक़्त विद्यालय में आने का मन नही था , ” और आज जाने का नही है”। सारी यादें  वही पुराने बस्ते में भर कर ले जाते है और आशा करते है कि काश फिर से बच्चे बन पाए। काश फिर ये पल दोबारा से जी पाए।

नम आंखों में आज मैने मेरे पूरे विद्यालय को देखा है। जैसे हर साल विद्यालय की गोद मे खेले बच्चे  जाते है, विद्यालय की आंखें भी नम नज़र आती है। 

उपसंहार- शिक्षक को कभी मैने उनका दुख जताते नही देखा। जिन बच्चों को उनने बचपन से देखा है, और जितनी भी सीख दी है। आज से सब बच्चे उन्हें अपने जीवन मे अमल करने जा रहे थे। बेशक उनका हृदय नम था। पर उन्होंने हमें आशीर्वाद देकर विदा किया। विद्यालय सभी के जीवन का ऐसा अंग होता है जो भुलाए नही भुला जाता।

शिक्षा का कर्ज उतारना अभी बांकी है,  ऐ स्कूल वापिस बुला ले हमे, हमारा बचपन अभी भी बाकी हैं,  हमारा बचपन अभी बांकी है…!!

हमें आशा है आपको my school essay पसंद आया होगा। आप इस निबंध को essay on my school के रूप में भी प्रयोग कर सकते है। इस निबंध को paragraph on my school के लिए भी प्रयोग कर सकते है ।

दा इंडियन वायर

मेरा स्कूली जीवन पर निबंध

about my school essay in hindi

By विकास सिंह

essay on school life in hindi

हमने हमेशा सुना है कि स्कूली जीवन सबसे अच्छा जीवन है, जब तक आप स्कूल में हैं तब तक आनंद से ज़िन्दगी जीते हैं। जब तक आप स्कूल में हैं तब तक आप कई गलतियाँ कर सकते हैं, आदि ऐसे कई वाक्यांश है जोकि बड़े, बच्चो को बताते है तो उन्हें लगता है की यह ज्यादा बड़ाई की जा रही है।

लेकिन जैसे ही स्कूली जीवन समाप्त होता है और लोग वास्तविक दुनिया में प्रवेश करते हैं, उन्हें एहसास होता है कि बुजुर्ग कितने सही थे। बच्चों को अपने स्कूली जीवन को पूरी तरह से जीना चाहिए। वे जीवन में इन दिनों को बहुत याद करेंगे और जब वे बड़े हो जायेंगे तो ऐसे लापरवाह जीवन का आनंद नहीं ले पायेंगे। स्कूली जीवन अच्छी तरह से इया जाता है तो यह पूरी ज़िन्दगी याद रहता है।

मेरा स्कूली जीवन पर निबंध (200 शब्द)

स्कूल को ज्ञान का मंदिर कहा जाता है, सबसे पहला स्थान जिसने आपको दुनिया में पेश किया और इससे भी अधिक इसने आपको खुदको पहचानने में मदद की । मेरा स्कूली जीवन उन सभी यादों के बारे में है जिन्हें मैं गहराई से संजोता हूं।

न केवल मस्ती, दोस्ती और सभी खेल आदि की यादें, बल्कि इससे मुझे अपने दिलचस्पी के विषयों को खोजने में मदद मिली। मैं आज जो भी हूँ और जहां पहुंचा हूँ, इसका सारा श्री मैं अपने स्कूली जीवन को देता हूँ। मेरा स्कूली जीवन वर्षों से विभिन्न अनुभवों से भरा है।

इसने न केवल मेरी विद्वत्तापूर्ण क्षमताओं को विकसित करने के विभिन्न अवसर दिए बल्कि मेरी कला और खेल को भी विकसित किया। इसने मेरे खेल में मेरा साथ दिया और साथ ही मुझे कई तरह के लोगों से अवगत कराया। इन सभी ने मुझे यह समझने में मदद की अपनी ज़िन्दगी में लोगों के साथ रहना और जुड़ना कितना महतवपूर्ण है।

ऐसी कई चीजें हैं जो स्कूली जीवन को एक जीवन में सबसे अच्छा चरण बनाती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि हम युवा होते हैं और गलतियों का बुरा नहीं मानते और साथ ही हम दुसरे लोगों की परवाह नहीं करते हैं। हम यह नहीं सोचते की लोग हमारे बारे में क्या विचार रखते हैं और हम वह करते चले जाते हैं जो हमें पसंद होता है। अतः यह समय सबसे सुख का समय होता है।

मेरा स्कूली जीवन पर निबंध (300 शब्द)

प्रस्तावना :.

अपने स्कूली जीवन में, मैं हमेशा से ही आदर्श अध्ययनशील छात्र रहा हूँ, इसलिए मैं आमतौर पर कुख्यात बैक बेंचरों की तरह यादों के उस अद्भुत समूह को नहीं छोड़ता हूँ, जो मुझे याद है जब मैं अपने आठवीं कक्षा में था।

मेरा स्कूल जीवन का अनुभव :

यह घटना होने तक स्कूल में एक सामान्य दिन था। यह अवकाश के समय के बारे में था जब मैं अपने सहपाठियों के साथ फुटबॉल खेला करता था। एक दिन जब मैं मैदान में था तो अचानक स्टीफन फ्रांसिस नाम का एक लड़का जो हमारे स्कूल की फुटबॉल टीम का कप्तान था, ने मेरी बिलकुल लिवरपूल एफसी सॉकर बॉल को स्कूल के परिसर से बाहर निकाल दिया, जो हमारे स्कूल के मैदान के ठीक पीछे वाली संकरी गली में थी। ।

हमारे स्कूल की दीवारें थोड़ी ऊँची थीं और हर दूसरे स्कूल की तरह परिसर से बाहर जाना सख्त मना था। हम आंशिक रूप से दीवार पर चढ़ गए ताकि हम गेंद पर एक नज़र रख सकें और किसी व्यक्ति के पास से गुजरने का इंतजार करें ताकि हम उसे अपनी गेंद वापस करने के लिए कह सकें।

जब कोई व्यक्ति वहां पर पहुंचा हमें काफी देर तक इन्तेजार करना पड़ा था। वह काफी दूर था लेकिन उसने गेंद को देखा और उसकी ओर चला गया। हमने देखा कि उसने गेंद लेकर भागने की कोशिश की। इसलिए, बिना सोचे-समझे मैंने और मेरे दोस्त ने स्कूल की दीवार पर छलांग लगा दी, लेकिन जब तक हम उसे पकड़ पाते, वह पहले ही फुटबॉल लेकर दौड़ पड़ा था।

हम उसके पीछे भागने लगे और मेरा दोस्त बाइक से टकरा गया और बुरी तरह घायल हो गया। मैंने अपनी फुटबॉल की चिंता छोड़कर दोस्त को देखने लगा। उस चोट से उसे तीन टांके आए। हमें इस वजह से शिक्षकों और प्रिंसिपल द्वारा डांटा गया था, एक सजा के रूप में हमारे माता-पिता को परेशानी की गंभीरता पर चर्चा करने के लिए अगले दिन स्कूल बुलाया गया था।

निष्कर्ष:

तब से मैं और मेरा यह दोस्त कई दुश्वारियों में भागीदार रहे हैं जिन्होंने मेरे स्कूल जीवन को यादगार बना दिया है।

मेरा स्कूली जीवन पर निबंध (400 शब्द)

किसी व्यक्ति के जीवन में हर चरण विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह उसके व्यक्तित्व को विकसित करने में मदद करता है। लेकिन वह कभी भी अपने स्कूल जीवन जितना नहीं सीख सकता है क्योंकि वह समय है जब हम पहली बार सब कुछ कर रहे हैं।

यही समय है जब हम गलती कर सकते हैं और हमें किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है। हम आसपास के लोगों की बहुत परवाह नहीं करते हैं और हर चीज को आजमाने के लिए उत्सुक हैं। हम अपनी गलतियों और अनुभवों से अपने अद्वितीय व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं।

स्कूल लाइफ कैसे होती है सर्वश्रेष्ठ ?

यहां कुछ कारण दिए गए हैं जो साबित करते हैं कि स्कूली जीवन सबसे अच्छा जीवन है:

यूनिफ़ॉर्म: स्कूल में हम स्कूल यूनिफ़ॉर्म से नफरत करते हैं लेकिन जब हम बड़े होते हैं तो हमें एहसास होता है कि हर दिन क्या पहनना है, यह चुनना कितना मुश्किल है।

छुट्टियां: यह स्कूली जीवन का एक प्रमुख कारण है, जिसे समाप्त करने के बाद हम सबसे ज्यादा तरसते हैं। हमें स्कूल में कई छुट्टियां मिलीं और उन्हें बिना किसी तनाव के लापरवाह तरीके से बिताया। हमने अपने चचेरे भाइयों और विस्तारित परिवार का दौरा किया और उन्हें हमारे स्थान पर आमंत्रित किया। जैसे ही हम नौकरी ज्वाइन करते हैं, हमें आराम करने और आनंद लेने के लिए उतनी छुट्टियां नहीं मिलतीं।

दोस्त: सबसे लंबे समय से ज्ञात दोस्ती स्कूल के दिनों में बनाई जाती है। यह मुख्य रूप से है क्योंकि इस दौरान हम लोगों पर आसानी से भरोसा कर सकते हैं। हम नए लोगों से मिलने, नई चीजों की कोशिश करने और नई दोस्ती बनाने के लिए उत्साही और उत्सुक हैं।

शिक्षक: हमें एहसास है कि हमेशा एक मार्गदर्शक होना कितना महत्वपूर्ण है जो अभी भी सोचता है कि हम हर चीज के लिए अपरिपक्व हैं और हमें तदनुसार समझ में आता है। स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद हमें ऐसा कोई मार्गदर्शक / मार्गदर्शक नहीं मिल सकता है।

होमवर्क: एक ऐसी चीज जिसे हम अपने स्कूल जीवन के दौरान घृणा करते हैं और बचने के लिए सैकड़ों रचनात्मक बहाने की कोशिश करते हैं, वास्तव में मजेदार था। स्कूली जीवन इसके बिना इतना अधूरा होता।

सजा और पुरस्कार: सजा पूरे अवधि के दौरान या कक्षा से बाहर निकलने या प्रिंसिपल के कार्यालय में जाने की विविधता में आती थी और सबसे अच्छा इनाम तब होता था जब किसी को कक्षा का मॉनिटर बनाया जाता था।

पहला अनुभव: यह वह समय था जब हमें गलतियाँ करने की अनुमति दी जाती है क्योंकि बहुत सी चीजें हम पहली बार कर रहे थे इनमे चाहे हमारा पहला क्रश हो, पहले बिना रिश्ते के भी दिल टूटना, पहली लड़ाई या पहला चुंबन हो।

ये सभी अनुभव हमारे दिलों में एक विशेष महत्व रखते हैं, जबकि हम बड़े होते हैं। उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया है और मुझे आज मैं जो भी व्यक्ति हूं, बनने में मदद की है।

मेरा स्कूली जीवन पर निबंध (500 शब्द)

एक स्कूल शिक्षा प्रदान करने के लिए सीखने की जगह और पर्यावरण प्रदान करने के लिए समर्पित एक इमारत है। यह एक ऐसी इमारत है, जिसमें आपका अधिकांश बचपन बीता है, एक इमारत जिसे हर कोई याद करता है, क्योंकि वे आखिरकार इसे छोड़ देते हैं, मेरे मामले में भी यही स्थिति है।

मैंने डॉन बोस्को हाई स्कूल वडोदरा, ईसाई मिशनरी स्कूल में अध्ययन किया है। अन्य लोगों को स्वीकार करने के लिए कठिन है, लेकिन एक ऑल-बॉयज़ स्कूल में होने के कारण जो आनंद मिलता है, केवल यहां पढ़ने वाले लोग ही समझ सकते हैं।

प्राथमिक और माध्यमिक कक्षाओं की मेरी यादें:

मैं अपनी दसवीं कक्षा तक बालवाड़ी से डॉन बॉस्को संस्था का हिस्सा रहा हूं। हायर सेकेंडरी में दसवीं के बाद मैं रोज़री हाई स्कूल में गया, जो कमोबेश साइंस स्ट्रीम के छात्रों के लिए अनऑफिशियल डमी स्कूल की तरह था इसलिए मेरे पास हायर सेकंडरी स्कूल से मुश्किल से कोई स्कूल की यादें हैं। तो, मेरे करामाती स्कूल की यादों की कहानी मेरे स्कूल के आसपास के वर्षों से घूमती है।

एक स्टीरियोटाइपिकल स्कूल के बच्चे की तरह मैं स्कूल वैन में स्कूल जाता था। मैं सुबह साढ़े छह बजे उठता, फ्रेश होता, स्कूल यूनिफॉर्म पहनता, दिन के टाइम टेबल के हिसाब से अपने स्कूल बैग का इंतजाम करता और सुबह 6:40 बजे तक क्विक ब्रेकफास्ट करता, जैसे ही सात बजे मेरी स्कूल वैन मेरे घर के सामने आती टब मैं उसमे चढ़ता। फिर, आधे घंटे तक जब तक हम स्कूल नहीं पहुँचे, चिट-चैट का समय था और पहले दिन हमें सौंपे गए होमवर्क के बारे में चर्चा उस समय हुआ करती थी।

स्कूल में दैनिक गतिविधियाँ:

हम स्कूल की घंटी बजने से लगभग पंद्रह मिनट पहले लगभग 7:30 बजे स्कूल पहुँच जाते थे। घंटी बजने से पहले हमें अपनी-अपनी कक्षाओं में रहना था। फिर यह राष्ट्रीय गीत और स्कूल प्रार्थना का समय था जो आठ तक चला जो कि नियमित स्कूल अवधि के शुरू होने का समय था।

यह लगातार चार पीरियड तक जारी रहता, जब तक कि सुबह 10:30 बजे तक की घंटी नहीं बजती। इस समय हमारा ब्रेक होता था। हर कोई इस दौरान अलग-अलग गतिविधियां करता हुआ नजर आता था। वह जिस तरह की कक्षा में था उस पर निर्भर रहने वाली गतिविधियों की तरह।

जब हम प्राथमिक कक्षाओं में थे तो हमने स्कूल के बगीचे में विभिन्न खेल खेले। बास्केटबॉल, फुटबॉल, दौड़ना और छिपना और तलाश करना हमारे कुछ पसंदीदा खेल थे। जैसे ही हम माध्यमिक कक्षाओं में पहुँचे, हम कैंटीन में बैठकर विभिन्न चीजों के बारे में बातचीत करने लगे और स्वादिष्ट भोजन का आनंद लिया।

अवकाश के बाद, हमें चार और कालांश लेने थे। हर कालांश ऊबाऊ नहीं होता था क्योंकि कला और शिल्प, पीटी, नैतिक शिक्षा और गणित के कालांश मेरे लिए दिलचस्प थे।

निष्कर्ष :

स्कूल में इस औपचारिक कार्यक्रम के अलावा, दोस्तों के साथ गपशप करना, कैंटीन में घूमना, वाशरूम में जाकर कालांश के समय को बिता देना, सजा का डर जब हम होमवर्क पूरा करना भूल जाते हैं और वह नोट जो शिक्षक ने हैंडबुक में लिखा है। जब हमने कक्षा में कुछ शरारतें कीं, तो परिणाम के दिन घर से लेकर स्कूल तक की सवारी में घबराहट, अपरिपक्व झगड़े से लेकर मासूम हंसी तक – स्कूल की हर चीज अब इतनी प्यारी लगती है, शायद इसलिए कि चीजें काफी सरल थी।

मेरा स्कूली जीवन पर निबंध (600 शब्द)

ऐसा कहा जाता है कि किसी भी छात्र के जीवन में हाई स्कूल में प्रवेश करना वास्तविक दुनिया में पहला कदम है। यह वह स्थान है जहाँ किसी को जीवन के लिए अनुभव मिलते हैं। इसलिए, इस चरण में प्रवेश करते समय कोई भी स्पष्ट रूप से घबरा जाता है, लेकिन इससे भी अधिक, अति उत्साहित होते हैं क्योंकि अब वे वयस्क होंगे और अपने निर्णय स्वयं ले सकेंगे।

यह ज़रूर कहा जाता है कि महान अधिकार के साथ, बड़ी जिम्मेदारी आती है, और इन जिम्मेदारियों के साथ, सामाजिक दबाव आता है। जिसके बारे में हम सभी बचपन के समय से अनजान थे क्योंकि जब हमें यह सोचकर गलतियाँ करने की अनुमति दी जाती थी कि हम बच्चे हैं, लेकिन हाई स्कूल में ऐसा नहीं होता है क्योंकि हम अभी वयस्क माने जाते हैं।

मेरा हाई स्कूल का अनुभव:

कोई हाई स्कूल में लापरवाह जीवन नहीं जी सकता। अध्ययन का बहुत दबाव होता है। हमें अपनी शिक्षाविदों और पाठ्येतर गतिविधियों के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है और आगे की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी करनी चाहिए। हालांकि हमारे पास इतना सब करने के लिए भी है फिर भी हम अपने दोस्तों के साथ मौज-मस्ती करना नहीं छोड़ना चाहते हैं क्योंकि यह भी दोस्ती और बहुत सारी शरारतों के खिलने का समय है।

द डे आई बंकड माय स्कूल

मुझे हाई स्कूल के कई अनुभव याद हैं। इनमें से एक था जब मैंने अपने दो दोस्तों के साथ, पहली बार एक बंक किया था। न केवल हमने कालांश को बंक किया, बल्कि हमने स्कूल परिसर से बाहर निकलने और एक नई रिलीज़ की गई फिल्म देखने के लिए अपनी स्कूल की दीवारों के माध्यम से छलांग लगाई। हमारे पास 70 छात्रों की एक कक्षा थी, जिसमें से लगभग 55 छात्र उस दिन उपस्थित थे।

अब संयोग से, मेरी कक्षा के 10 और छात्रों ने भी इस क्लास को बंक किया, जिससे कक्षा की ताकत कम हो गई। इसके अलावा, हमारे सहित सभी 13 छात्रों के बैग अभी भी कक्षा में थे, क्योंकि हमें स्कूल के घंटों के दौरान बैग के साथ कक्षा छोड़ने की अनुमति नहीं थी। इसलिए, हमारे शिक्षक ने जाँच की और पता लगाया कि जिन छात्रों ने बंक किया था और इसलिए अंततः हमें अपने प्रयोगशाला सत्रों से एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया गया।

हालाँकि, हमने इसके बाद बंक करना बंद नहीं किया है। हम नए नए रास्ते खोजने में वास्तव में स्मार्ट बन गए। हमने एक अच्छे छात्र होने और हाई स्कूल का आनंद लेने के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की। उन सभी बंक के दौरान, मुझे एहसास हुआ कि अपने जीवन को जीने लायक बनाने के लिए दोस्तों का होना कितना महत्वपूर्ण है।

मेरे हाई स्कूल में उतार चढ़ाव:

फिर, हमारी पहली हाई स्कूल परीक्षा हुई और मैं अपनी कक्षा के शीर्ष 10 छात्रों की सूची में शामिल होने में कामयाब रहा। मैं हमेशा अकादमिक रूप से एक अच्छा छात्र रहा हूं। इसलिए इस बार, मेरे द्वारा लिप्त सभी शनीगनों के बाद भी, मैं अच्छे अंक लाने में सफल रहा।

लेकिन यह आखिरी बार था जब मुझे अच्छे अंक मिले। मेरे ग्रेड उसके बाद गिरने लगे और इससे काफी तनाव और चिंता पैदा हुई। मैंने पढ़ाई में रूचि खो दी और गेमिंग, फिल्में देखना या उपन्यास पढ़ना शुरू कर दिया। शुक्र है, मैंने कुछ भी बुरा नहीं किया, लेकिन इस सामान्य सामान ने स्थिति को बदतर बना दिया क्योंकि मैं अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सका। इसलिए, मैं परामर्श के माध्यम से गया था जिसके बारे में मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे कभी भी आवश्यकता होगी।

मेरे लिए यह मुश्किल दौर था लेकिन आखिरकार मैं अपने फाइनल में अच्छा स्कोर बना पाया। मेरे माता-पिता इस दौरान मेरी शक्ति के स्तंभ के रूप में खड़े रहे। उन्होंने मुझे अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित किया और मुझे सही मार्ग का नेतृत्व करने के लिए प्रेरित किया। मैं उनके मार्गदर्शन और समर्थन के लिए उन्हें पर्याप्त धन्यवाद नहीं दे सकता।

मैं मेरे विद्यालय के सारे अनुभव ज़िन्दगी भर याद रखूँगा। मुझे यह भी सीखने को मिला की इस ज़िन्दगी को खुशहाल बनाने में दोस्तों की क्या भूमिका है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Nibandh

मेरे स्कूल पर निबंध

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रुपरेखा : प्रस्तावना - मेरा स्कूल - मेरे स्कूल के बारे में - मेरे स्कूल की प्राचार्य कक्ष - मेरे स्कूल की पुस्तकालय - मेरे स्कूल के शिक्षक - मेरे स्कूल में खेल - स्कूल के प्रति हमारा कर्तव्य - उपसंहार।

मनुष्य अपने जीवन में कुछ-न-कुछ सीखता है। कोई भी मनुष्य जन्म से ही ज्ञानी नहीं होता है बल्कि इस धरती पर आकर ही किसी भी विषय पर ज्ञान प्राप्त करता है। मानव जीवन को सभ्य बनाने में सबसे बड़ा योगदान स्कूल का होता है। स्कूल का अर्थ होता है जिस स्थान पर ज्ञान का वास हो। मैं भी शिक्षा ग्रहण करने के लिए सेंचुरी स्कूल में जाता हूँ। मेरे स्कूल में सभी जाति, धर्म और वर्ग के बच्चे पढने आते हैं। स्कूल शासकीय और अशासकीय दोनों प्रकार के होते हैं। हमारा स्कूल एक मंदिर के समान है जहाँ हम रोज पढने आते है ताकि अपने जीवन में उज्ज्वल भविष्य प्राप्त कर सके। हमारे स्कूल में सभी को एक समान दर्जा दिया जाता है। हमें प्रतिदिन स्कूल जाना बहुत ही अच्छा लगता है क्योंकि स्कूल एक ऐसा स्थान है जहाँ पर हमें प्रतिदिन कुछ-न-कुछ नया सीखने को मिलता है। सही शिक्षा से ही किसी भी बच्चे का भविष्य निश्चित होता है और सही शिक्षा की शुरुवात स्कूल से ही होती है।

मेरा स्कूल तीन मंजिला का है। हमारा स्कूल हमारे लिए एक मंदिर के समान है। हमारा विद्यालय यूको बैंक से आधे किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हमारे स्कूल को प्रदूषण, शोर, गंदगी और धुएं से दूर सुरक्षित स्थान पर बनाया गया है जिससे बच्चे शांतिपूर्ण वातावरण में मन लगाकर पढ़ सकें। हमारे स्कूल में बहुत से पेड़ हैं जिनकी छाया में बच्चे लंच के समय एक-साथ बैठकर टिफ़िन खाते हैं। इन पेड़ों को एक पंक्ति में लगाया गया है। छोटे बच्चों के खेलने के लिए झूलों का भी प्रबंध किया गया है। हमारे स्कूल सभी विद्यार्थियों के पढने के लिए एक पुस्तकालय का भी निर्माण किया गया जिसमें विद्यार्थी निश्चिंत होकर अध्धयन कर सकते हैं। हमारे स्कूल में एक बहुत बड़ा क्लब हाउस है जहाँ पर कार्यक्रम होते है। हमारे स्कूल में एक बड़ा-सा मैदान भी है जहाँ रोज हमे खेलने के लिए ले जाया जाता है।

हमारा स्कूल सुबह के समय पर होता है। स्कूल में सबसे पहले प्रार्थना होती है। प्राथना होने के बाद हम अपने क्लास टीचर को सुभ नमस्कार करते हैं। हमारे स्कूल में बहुत ही सख्ती से अनुशासन का पालन किया जाता है। बच्चों को घरों से स्कूल तक पहुँचाने के लिए पीले रंग की बस की सुविधा की गई है। सभी बच्चों को अनुशासन में रखने के लिए एक समान वर्दी दिया गया है जिसे पहनना अनिवार्य है।

हमारे स्कूल में हमारी जरूरत की सभी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं। विद्यार्थियों के लिए कंप्यूटर लैब, दो विज्ञान लैब, एक पुस्तकालय, खेलने का मैदान, कार्यक्रम के लिए सुंदर क्लब आदि की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। हमारे स्कुल में नर्सरी से लेकर दसवीं कक्षा तक के विद्यार्थी पढ़ते हैं।

हमारे स्कूल में पुरुष और महिलाओं सहित 35 शिक्षक, 15 सहायक और एक प्रधानाचार्य जी हैं। मेरे स्कूल में 20 शिक्षक हैं जिन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा किये है। हमारे विद्यालय में सभी शिक्षकों का केवल एक ही लक्ष्य होता है बच्चों का उज्ज्वल भविष्य प्राप्त करने में सहायता कर सके। हमारे विद्यालय में सभी विषय पर बहुत गंभीरता से विचार विमर्श किया जाता है तथा विद्यार्थियों के उचित और अनुचित को सर्वप्रथम रखा जाता है। हमारे विद्यालय में बच्चों को बहुत से विषयों पर शिक्षा दी जाती है। हमारे विद्यालय में प्रत्येक छात्र को कोई भी संदेह होने पर वह अपने कक्षा के अध्यापक से प्रश्न पूछ सकते है और अध्यापक भी उसके प्रश्नों का उत्तर बहुत ही विनम्र और प्रेम भाव से देते हैं जिससे की विद्यार्थी को सरलता से समझ आ सके।

हमारे स्कूल में प्राचार्य महोदय के लिए एक अलग कक्ष है। अपने कक्ष में बैठे ही प्राचार्य महोदय सारे स्कूल में चल रही गतिविधियों को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं। इस कक्ष में कक्षा समय सारिणी और अध्यापक समय सारिणी भी दीवार पर लटकी हुई है। इस कक्ष में महापुरुषों तथा प्रेरक उद्धरण के चित्र भी दीवार पर सजे हुए हैं।

इस कक्ष में सभी अध्यापक एक साथ-मिलकर बच्चों के भविष्य और नयी गतिविधियों के बारे में विचार विमर्श करते हैं। किसी भी निर्णय को लेने से पहले सभी अध्यापक प्रधानाचार्य से विचार विमर्श अवश्य करते हैं। अगर कोई बच्चा किसी दूसरे बच्चे को परेशान करता है तो सबसे पहले प्रधानाचार्य को पता चलता है और उस बच्चे को उचित प्रकार से समझाया जाता है जिससे वह इस गलती को दुबारा न दोहरा सके। सभी प्रकार की गतिविधियाँ प्रधानाचार्य के देख-रेख में होता है।

हमारे स्कूल में एक बहुत ही विशाल पुस्तकालय है। इसमें नर्सरी से लेकर दसवीं कक्षा तक की विभिन्न विषयों की पुस्तकें हैं। इस पुस्तकालय में हिंदी के दैनिक समाचार पत्र और कई महत्वपूर्ण मासिक अर्धवार्षिक और वार्षिक पत्रिकाएँ भी आती है। पुस्तकालयाध्यक्ष बहुत ही परिश्रमी और अच्छे व्यक्ति हैं। हमें पुस्तकालय से हमारी जरूरत की प्रत्येक पुस्तक मिल जाती है जिसे घर भी ले जाया जा सकता है। पुस्तकालय से पुस्तक को केवल कुछ निश्चित समय के लिए ही घर पर ले जाने की अनुमति मिलती है।

हमारे स्कूल के अध्यापक बहुत ही परिश्रमी विद्वान् और छात्रों के हित का ध्यान रखने वाले अध्यापक हैं। हमारे स्कूल के अध्यापक बहुत ही परिश्रम और लगन से सिलेबस के अनुसार पढ़ाते हैं और साथ ही लिखित कार्य का भी अभ्यास कराते हैं। सभी अध्यापक हमारे लिखित कार्य को बहुत ही सावधानीपूर्वक देखते हैं और हमारी अशुद्धियों की ओर हमारा ध्यान दिलाते हैं। इससे हमें शुद्ध भाषा सीखने और उसका शुद्ध प्रयोग करने में सहायता मिलती है। हमारे स्कूल के अध्यापक बहुत ही दयालु हैं जो हमें अनुशासन का अनुसरण करना सिखाते हैं। हमारे शिक्षक हमेशा हमें खेल क्रियाओं, प्रश्न उत्तर प्रतियोगिता, मौखिक-लिखित परीक्षा, वाद-विवाद, समूह चर्चा, आदि दूसरी क्रियाओं में भाग लेने के लिए भी प्रेरित करते हैं। हमारे स्कूल के अध्यापक हमें स्कूल में अनुशासन को बनाए रखने और स्कूल परिसर को साफ और स्वच्छ बनाए रखने के लिए प्रेरित करते हैं। सचमुच हमारे स्कूल के शिक्षक बहुत अच्छे है।

हमारे स्कूल में एक बड़ा-सा मैदान है। हमारे स्कूल में खेल कूदों जैसे गतिविधियों पर बहुत महत्व दिया जाता है। सभी विद्यार्थियों के लिए खेल में भाग लेना अनिवार्य होता है जिस कारन स्कूल के विद्यार्थी खेल में बहुत रूचि लेते हैं। हमारे स्कूल के खिलाडी कई खेलों में पुरस्कार भी प्राप्त किये है। हमारे स्कूल में बहुत सी खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं जिससे वह अपने शारीरिक और मानसिक विकास में वृद्धि कर सके। जिस प्रकार से पढाई मनुष्य के भविष्य के लिए बहुत जरूरी होती है उसी प्रकार खेल भी मनुष्य के लिए बहुत जरूरी होते हैं। खेलों से मनुष्य बहुत कुछ जान पाता है तथा अपने स्कूल का नाम को रोशन करने हेतु अपना योगदान देते है।

स्कूल एक विद्या का मंदिर होता है जहाँ मनुष्य ज्ञान प्राप्त करता है। जिस तरह भक्तों के लिए मंदिर और पूजा स्थल पवित्र स्थान होता है उसी तरह से एक विद्यार्थी के लिए उसका विद्यालय एक पवित्र स्थल होता है। इस पवित्र मंदिर के भगवान हैं हमारे शिक्षक जो हमारे अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर हमारे मन में ज्ञान रूपी प्रकाश को फ़ैलाने में मदत करते है। इसी लिए हमें अपने शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए तथा उनके कहने के अनुसार अपने शिक्षण कार्य का संपादन करना चाहिए। हमें अपने विद्यालय के नियमों का श्रद्धा के साथ पालन करना चाहिए। हमारा कर्तव्य बनता है की जब तक हम स्कूल में है तब तक हमें उचित ज्ञान प्राप्त करनी चाहिए तथा अपने शिक्षकों को सम्मान देना चाहिए। स्कूल जीवन समाप्त होने के बाद भी हमे अपने शिक्षक एवं स्कूल को भूलना नहीं चाहिए। जब मौका मिले या जब हम अपने कामों से मुक्त रहे तो हमें अपने स्कूल अपने शिक्षक से भेट करने जाना चाहिए जो कि मैं भविष्य में अवश्य जाऊँगा।

स्कूल एक सार्वजनिक संपत्ति होती हैं। यह हमारी राष्ट्रिय निधि है, इसलिए विद्यार्थी को इसकी रक्षा के लिए हमेशा जागरूक रहना चाहिए। स्कूल सिर्फ पुस्तकीय ज्ञान का माध्यम नहीं है बल्कि ज्ञान प्राप्ति के हर अवसर वहाँ पर उपलब्ध होते हैं। स्कूल बालकों को खेल-कूद, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर देता है जिससे बालकों का मानसिक एवं शारीरिक विकास होती है। उन्हीं विषयों के मार्ग दर्शन के लिए शिक्षक होते हैं इसलिए विद्यार्थी को अपने स्कूलों से पूरा लाभ उठाना चाहिए। स्कूल हमें हर प्रकार के ज्ञान का प्रकाश मिलता है। इसीलिए हमारा स्कूल हर तरह से प्रेणादायक भूमिका निभाती है। इसीलिए मुझे मेरा स्कूल बहुत प्रिय है।

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मेरा स्कूल पर अनुच्छेद | Paragraph on My School in Hindi

about my school essay in hindi

प्रस्तावना:

मैं डी.ए.वी. सीनियर सेकेण्डरी स्कूल में पढ़ता हूँ । यह सरकारी स्कूल स्कूल नहीं है । इसे सरकार से वित्तीय सहायता मिलती है ।

इसकी स्थिति और इमारत:

हमारा स्कूल खुले स्थान पर बना हुआ है । यह शहर की धल-धक्कड़, शोर और धुँए आदि से बहुत दूर स्थित है । इसकी इमारत बडी शानदार है । जिन कमरों में कक्षायें लगती है, उनके दोनो और बरामदे हैं । बरामदों के निकट छायादार वृक्ष हैं । इसके फलस्वरूप ग्रीष्म ऋतु की भीषण तपन, सर्दियों की कड़कड़ाती ठण्ड तथा वर्षा हमें अधिक नहीं सता पाती ।

उद्यान और घास के मैदान:

मुख्य प्रवेश-द्वार के निकट दो छोटे-छोटे उद्यान हैं, जिनमे घास के हरे-भरे मैदान, फूलों की क्यारिया, फलो के वृक्ष तथा सुन्दर फबारे हैं । गर्मियों की शाम के समय इन घास के मैदानो में बैठना बड़ा अच्छा लगता है । फूलों की सुगन्ध और सुन्दर तितलियों का इधर से उधर उड़ना देखकर हम खुशी से झूम उठते हैं ।

प्रयोगशालायें तथा पुस्तकालय:

हमारे स्कूल में विज्ञान की दो प्रयोगशालाये, एक बड़ा पुस्तकालय तथा एक वाचनालय है । पुस्तकालय में सभी विषयों की अनेक पुरतकें हैं । प्रत्येक विद्यार्थी पुस्तकालय से अपनी मन-परनन्द की पुस्तकें ले सकता है । इनके अलावा स्कूल में लगभग चालीस कमरे कक्षाओं के लिए, प्रिंसिपल का कार्यालय तथा क्लर्क का कार्यालय भी है ।

हमारे स्कूल में लगभग पचास अध्यापक हैं । वे सभी बड़े योग्य अध्यापक हैं । वे हमें बडी मेहनत और लगन से पढ़ाते हैं । वे हर संभव तरीके से विद्यार्थियों की मदद करते हैं । वे उनके सच्चे मित्र मार्गदर्शक हैं । हमारे स्कूल का परिणाम नगर के स्कूलों मे से ही वरन् समूवे जिले के स्कूलों से श्रेष्ठ रहता है । सभी अध्यापक बड़े दयालु हैं और विद्यार्थियो से पूरी सहानुभूति रखते हैं । वे हमारी पढ़ाई का पूरा-पूरा ध्यान रखते हैं । साथ ही वे हमारे स्वास्थ और चरित्र पर भी नजर रखते हैं ।

ADVERTISEMENTS:

हमारे रकूल के प्रिंसिपल बड़े योग्य और अनुभवी है । वे अनुशासन का विशेष ध्यान रखते हैं । वे ध्यान रखते हैं कि स्कूल का समूचा अहाता साफ और स्वच्छ रहे । वे बड़े चरित्रवान व्यक्ति हैं । सभी विद्यार्थी उनका बड़ा आदर करते हैं । वे स्वयं ठीक समय पर स्कूल आते है ।

इसलिए वे अपने अध्यापको और विद्यार्थियो से भी ऐसी ही आशा रखते हैं । वे अध्यापकों के लिए उतदर्श है । वे विद्यार्थियों को गंदे कपडों में स्कूल नहीं आने देते । स्कूल में प्रतिदिन प्रार्थना होती है और उसके बाद प्रिंसिपल साहब कुछ समय के लिए भाषण देते हैं, जो बड़ा प्रभावशाली होता है ।

वे कार्य करने मे यकीन करते हैं । वे व्यर्थ की गणबाजी पसन्द नहीं करते । वे स्कूल में हमें ईमानदारी और सच्चाई का पाठ पढ़ाते हैं और उद्यमशील होने पर जोर देते हैं । इसीलिए हमारे स्कूल के विद्यार्थी आज्ञाकारी, अनुशारानशील और मेहनती है ।

खेल-कूद और वाद-विवाद:

हमारे स्कूल की सबसे अच्छी बात यह है कि यहाँ खेल-कूद, वाद-विवाद प्रतियोगिताओं तथा स्काउटिंग का बड़ा अच्छा प्रबन्ध है । प्रत्येक शनिवार को हर विद्यार्थी को किसी न किसी खेल-कूद में भाग लेना पड़ता है । मुझे यह कहते हुए गर्व होता है कि हमारे स्काउटों को प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण दिया जाता है । स्कूल में एन.सी.सी. के दो यूनिट भी हैं । प्रति वर्ष साठ चुने हुए विद्यार्थियों को सैनिक प्रशिक्षण मिलता है ।

हमारा स्कूल सर्वोत्तम स्कूल है । स्कूल को अपने अनुशासित विद्यार्थियों पर तथा विद्यार्थियों को अपने स्कूल पर बड़ा गर्व है । मुझे अपना स्कूल बड़ा प्यारा लगता है

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Hattie Wiener, Sex-Positive ‘Oldest Cougar,’ Dies at 88

She was an evangelist for older women having sex with younger men, and the health benefits that she said came with it.

An older woman with short white hair poses for a portrait on a bed, wearing a gold jacket, white dress and gold heels. Her right leg is crossed over her left leg.

By Penelope Green

Hattie Wiener, an ebullient and bawdy former dancer and therapist who found a measure of celebrity in her 70s for sleeping with younger men and promoting what she said were the anti-aging benefits of her lifestyle, died on June 21 at her home in Manhattan. She was 88.

She had been diagnosed with diastolic heart failure, and chose to end her life by refusing food and liquids, said her daughter, Rama Dunayevich.

Tabloids called her the Tinder Granny and the Oldest Cougar in the World, titles she was proud to claim. Ms. Wiener had long been an evangelist for older women having sex with younger men — a practice she began when she divorced in 1984, when she was 48 — and for the health benefits she felt accrued to those who followed her bedtime regimen, activities she promoted in a self-published book, “Sex and the Single Senior” (2009).

But it wasn’t until she was featured in “Strange Sex,” a 2010 documentary series on TLC, that she began to enjoy a sort of B-list fame, appearing as a reliably naughty guest on television shows like “Access Hollywood” and “Dr. Phil.”

“I realized that by sleeping with young men,” she said in “Strange Sex,” “I’m starting my life over again, because my husband was a young man and we had wonderful sex and now I’m repeating the pattern, but not with my husband or anyone his age.”

In that series, TLC filmed her date with an affable electrician and single father of three named Ron who was 40 years her junior. Ms. Wiener dressed with typical flair, in a studded dog collar, a black minidress and a gold bolero jacket; Ron looked like he was dressed for a barbecue. But he was a kindly date, and noted that he was fond of older women because of their confidence and because, as he put it, “They’re not looking for the happy ever after.”

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