Hindi Essays for Class 7: Top 10 Hindi Nibandhs

essay in hindi class 7

List of popular essays for class 7 students in Hindi language!

स्वावलंबन (आत्म-निर्भरता) पर निबन्ध | Essay on Essay on Self Independent in Hindi

बालक-बालिका एक समान पर निबन्ध | Essay on Boys and Girls are Equal in Hindi

परोपकार पर निबन्ध | Essay on Beneficence in Hindi

ग्रीष्म ऋतु (गरमी की ऋतु) पर निबन्ध | Essay on Summer Season in Hindi

सत्संगति पर निबन्ध | Essay on Good Company in Hindi

छोटा परिवार सुखी परिवार पर निबन्ध | Essay on Small Family is a Happy Family In Hindi

बसंत ऋतु पर निबन्ध | Essay on The Spring Season in Hindi

समाज सेवा पर निबन्ध | Essay on Social Service in Hindi

वर्षा ऋतु पर निबन्ध | Essay on Rainy Season in Hindi

ADVERTISEMENTS:

एकता ही बल है पर निबन्ध | Essay on Unity is Strength in Hindi

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 1

स्वावलंबन का अर्थ है – अपने ऊपर आश्रित या निर्भर होना । वे बड़े भाग्यवान हैं जो अपने ऊपर आश्रित हैं । दूसरों की दया पर निर्भर होकर जीने में आनंद नहीं है । पराधीनता में जीना कष्टप्रद है इसमें दुख ही दुख है ।

कहा भी गया है – ‘पराधीन सुख सपनेहुँ नाहीं ।’ पराधीनता स्वप्न में भी सुखदायी नहीं है । जेल की चारदीवारी में कैदियों को कोई खास काम नहीं करना पड़ता । उन्हें भोजन भी मुफ्त का और ठीक-ठाक मिलता है । पर कैदी कैदखाने में नहीं रहना चाहता क्योंकि वहाँ किसी प्रकार की आजादी नहीं है ।

पिंजड़े में बद पक्षी की भी यही दशा है – ‘कहीं भली है कटुक निबोरी, कनक कटोरी की मैदा से ।’ अर्थात् दूसरों की अधीनता में सुख की कल्पना भी बेकार है । इसीलिए हम लोग स्वावलंबी होना चाहते हैं आ स्वावलंबन आत्मा की पुकार है ।

यह मनुष्य को आत्म-निर्भर बनाता ही है उसे जीवन में कुछ नेक कार्य करने के लिए भी प्रेरित करता है । गाँधी जी इसीलिए चाहते थे कि भारत के गाँव स्वावलंबी बनें । ग्रामवासी अपने छोटे-छोटे कार्यों के लिए शहरों की ओर कातर दृष्टि से न देखें ।

परंतु यह न हो सका । नतीजे में भारत के गाँव अभी भी पिछड़े हुए हैं । ग्रामवासियों को रोजगार की तलाश में शहरों की ओर पलायन करना पड़ रहा है । व्यक्ति और गाँव की तरह देश का भी स्वावलंबी होना आवश्यक है । स्वतंत्रता के बाद दो-तीन दशकों तक राष्ट्र अपने लोगों के लिए खाने भर अनाज भी पैदा नहीं कर सकता था ।

कृषि प्रधान देश भारत की इस दीन-हीन दशा का दुनिया में मजाक उड़ाया जाता था । आज हम खाद्यान्नों के मामले में आत्म-निर्भर हैं । आज हमारे देश में इंजीनियरों, डॉक्टरों तथा तकनीकी पेशे से जुड़े विशेषज्ञों की कोई कमी नहीं है ।

हम अनेक क्षेत्रों में स्वावलंबी हैं । हम दुनिया के परमाणु शक्ति-संपन्न अग्रणी राष्ट्रों में से एक हैं । सूई से लेकर हवाई जहाज तक कुदाल से लेकर हैक्टर तक हम अपने ही देश में बना सकते हैं । स्वावलंबन का गुण मनुष्य को महान बनाता है । यह गुण अपने साथ धैर्य, संतोष, आत्मविश्वास, साहस आदि गुणों को भी समाविष्ट करता है ।

प्रत्येक कार्य में दूसरों पर निर्भरता बुरी चीज है । इससे आत्मा का नाश होता है । वे व्यक्ति जो स्वावलंबन के गुण का महत्व नहीं समझते वे अपनी स्थिति दयनीय बना लेते हैं । स्वावलंब हमें सुख शांति और समृद्धि प्रदान करता है कर्महीन यह नहीं जानते ।

स्वावलंबी व्यक्ति समाज के सामने एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करता है । वह आवश्यकता पड़ने पर जरूरतमंदों की मदद कर सकता है । उसका आत्म-विश्वास उसे किसी भी स्थिति को अपने मनोनुकूल बनाने की प्रेरणा देता रहता है । स्वावलंबन का अर्थ यह नहीं कि हम सब काम अपने हाथों से ही करें ।

समाज में श्रम-विभाजन के बिना काम नहीं चलाया जा सकता श्रम-विभाजन आवश्यक है । स्वावलंबन से तात्पर्य इतना ही है कि हम दूसरों पर उस हद तक आश्रित न हों कि हमारे दैनिक कार्य ही रुक जाएँ । अपने ऊपर इतना विश्वास होना चाहिए कि प्रतिबंधात्मक स्थितियों में भी हमारा काम नहीं रुक सकता ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 2

किसी भी देश या प्रांत में प्रति हजार लड़कों के अनुपात में कितनी लड़कियाँ हैं, इसी को लिंगानुपात कहा जाता है । यह अनुपात लगभग समान होना चाहिए । परंतु प्रति हजार बालकों पर यदि बालिकाओं की संख्या नौ सौ या इससे कम हो जाए तो मामला चिंताजनक स्तर तक पहुँच जाता है ।

हमारे देश में भी ऐसी ही चिंताजनक स्थिति बन गई है । हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और देश के कई प्रांतों में लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या चिंताजनक सीमा से भी काफी कम है । आखिर ऐसा क्यों है कि बालिकाओं की तुलना में बालकों की संख्या अधिक है ? इसके कारण स्पष्ट हैं ।

हमारे समाज में बालकों को बालिकाओं से श्रेष्ठ समझा जाता है । अभिभावक सोचते हैं कि लड़का होगा तो बुढ़ापे में सेवा करेगा जीवन भर सुख देगा । हिंदुओं की धारणा है कि पुत्र माता-पिता को संसार से तारता है मोक्ष प्रदान करवाता है । दूसरी ओर बालिकाओं के बारे में यह धारणा है कि ये पराया धन होती हैं ।

बालिकाओं की शादी में दिया जाने वाला दहेज भी माता-पिता को लड़कियों को एक बोझ मानने पर विवश कर देता है । अभिभावकों के मन में बेटों की चाह इतनी होती है कि कई लड़कियाँ गर्भ में ही मार दी जाती हैं । अल्ट्रासाउंड जैसी आधुनिक तकनीकों से गर्भ के लिंग के बारे में पता चल जाता है और लड़कियाँ गलत धारणाओं की भेंट चढ़ जाती हैं ।

आज का युग पहले जैसा नहीं रह गया है । आज बालिकाएँ भी पट्ट-लिखकर बूढ़े माँ-बाप का सहारा बन सकती हैं । ऐसा भी देखा गया है कि बेटों द्वारा परित्यक्त माँ-बाप की सेवा-सुश्रुषा बेटियाँ करती हैं । आज की लड़कियाँ धार्मिक एवं सामाजिक उद्देश्यों को भली-भांति पूरा कर सकती हैं ।

आज की शिक्षित नारियाँ डॉक्टर, इंजीनियर, आरक्षी, वकील, अंतरिक्ष यात्री, खिलाड़ी, समाज सेविका, नर्स, राजनीतिज्ञ, अभिनेत्री आदि कुछ भी बन सकती हैं । नर्स और अध्यापिका के रूप में तो उनका विकल्प ही नहीं है । फिर क्यों यह भेद-भाव और लैंगिक असमानता ? क्यों वह समाज में उपेक्षित है ?

लड़कियों का अनुपात घटना यह सिद्ध करता है कि शिक्षित समाज भी अपने संकीर्ण मानसिक दायरे से नहीं निकल पाया है । यह असंतुलन भविष्य के लिए खतरे की घंटी है । इसका दुष्प्रभाव अभी से दिखाई पड़ रहा है । कई प्रांतों के युवक इसलिए कुँवारे हैं क्योंकि विवाह योग्य युवतियाँ नहीं मिल रही हैं ।

आज की लड़कियाँ ही तो कल बड़ी होकर माँ बनती हैं । क्या हम ऐसी दुनिया या समाज की कल्पना कर सकते हैं जहाँ केवल लड़के हों, लड़कियाँ नहीं ? बालक और बालिका में किसी भी तरह का भेदभाव अमानवीय है । हमें दोनों को एक समान समझना चाहिए ।

इसी से लिंगानुपात को सुधारा जा सकेगा । हमें गर्भ में ही लड़कियों को मारने की कुप्रथा को दंडात्मक नीति अपनाकर समाप्त करना होगा । यदि इस स्थिति को अभी न सँभाला गया तो भविष्य की परेशानियाँ कहीं बड़ी होंगी ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 3

दूसरों के हित के लिए किया गया कार्य परोपकार है । अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर जनसामान्य के कल्याण के लिए किया गया कार्य परोपकार मैं ।

अपनी छोटी-छोटी समस्याओं एवं दु:खों की परवाह न करते हुए नमूह की हित-चिंता करना परोपकार है । परोपकार के कार्यों से ही मनुष्य समाज में प्रशंसित एव सम्मानित होता है । परोपकार यह लोक ही नहीं परलोक भी सुधारता है ।

ऐसे कार्य जो परहित को ध्यान में रखकर किए जाते हैं वे मनुष्य को महान् वनाते हैं । परोपकारी व्यक्ति हर युग में होते हैं । समाज इनका ऋणी होता है । मनुष्य ही नहीं अन्य जीव समुदाय एवं जड़ वस्तु भी परोपकार की भावना से कार्य करते हैं । इन पंक्तियों से इस तथ्य का खुलासा होता है:

”वृक्ष कबहुँ नहिं फल भखै, नदी न संचै नीर । परमारथ के कारणे साधुन धरा शरीर ।। ”

वृक्ष अपना फल स्वय नहीं खाता, अर्थात् दूसरों के लिए उत्पन्न करता है । नदी कभी भी अपना जल इकट्ठा करके नहीं रखती । प्राणियों के हित के लिए हमेशा प्रवाहमान् रहती है । इसी तरह, परमार्थ के कारण, परोपकार के हेतु साधु पुरुष जन्म ग्रहण करते हैं ।

दुनिया में एक से बढ़कर एक परोपकारी मनुष्य हुए हैं । महर्षि दधीचि ने देवताओं के कल्याण हेतु अपना शरीर त्याग दिया और अपनी हड्डियाँ दान में दे दीं । गिद्धराज जटायु ने अपने प्राणों की परवाह न करते हुए रावण से सीता को छुड़ाने का प्रयत्न किया ।

सुकरात ने प्याले में भरा विष पी लिया । भगवान कृष्ण ने आजीवन परोपकार की दृष्टि से अनेक कार्य किए । राम ने राक्षसों को मारकर विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा की । ईसा मसीह जनहितार्थ सूली पर चढ़ गए । परोपकारी व्यक्तियों के कारण ही सत्य, धर्म और संस्कृति की रक्षा हो सकी है ।

जीवन में अनेक कार्य ऐसे हैं जो परोपकार की दृष्टि से किए जाते हैं । पहले धनी-मानी लोग कुएँ-तालाब खुदवाते थे, राहगीरों के लिए छायादार वृक्ष लगवाते थे । स्थान-स्थान पर धर्मशालाएँ बनवाई जाती थीं ताकि यात्रियों को ठहरने में सुविधा हो ।

आज भी लोग परोपकार के कार्यों में अपना योगदान देते हैं । प्राकृतिक विपत्तियों में फँसे लोगों की मदद के लिए आगे आना परोपकार ही है । भयंकर लू में लोगों के लिए पेय जल की व्यवस्था करना परोपकार ही है । निरक्षरों को शिक्षित बनाना, पेड़-पौधे लगाना, आस-पड़ोस को साफ-सुथरा रखना, भूखों को भोजन कराना आदि कार्य परोपकार की श्रेणी में आते हैं ।

परंतु परोपकार किसी लाभ की प्राप्ति के उद्देश्य से नहीं करना चाहिए । उपकार करके प्रत्युपकार की आशा न रखना ही सही मायने में परोपकार है । आजकल परोपकारी व्यक्तियों की संख्या में कमी आ गई है । इसका कारण समाज में स्वार्थ भावना में वृद्धि है ।

यही कारण है कि सड़क पर पड़े घायल व्यक्ति की सहायता के लिए कोई आगे नहीं आना चाहता । पड़ोसी के घर चूल्हा जले न जले, अपने घर पकवान जरूर बनना चाहिए, यह भावना हमारा उद्धार नहीं कर सकती । जिस शरीर से लोगों का कल्याण न हुआ, वह बेकार और अनुपयोगी है ।

कबीरदास जी कहते हैं:

“बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर पंथी को छाया नहीं फल लागै अति दूर ।”

बड़े खजूर से कहीं अच्छा वह तृण है जिसे खाकर पशु अपना पेट भरते हैं । परोपकार की भावना से ओत-प्रोत कवि तुलसीदास जी कहते है

परहित सरिस धर्म नहिं भाई , पर पीड़ा सम नहिं अधमाई ।

परोपकार के समान दूसरा कोई धर्म नहीं है । अर्थात् परोपकार सबसे बड़ा धर्म है और दूसरों को कष्ट देने से बड़ा कोई पाप, कोई दुष्टता नहीं है । अत: हमें परोपकार की भावना को अपने जीवन में धारण करना चाहिए ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 4

मौसम कभी भी एक जैसा नहीं रहता है । यह परिवर्तित होता रहता है । मौसम के साथ-साथ ऋतुएँ भी बदलती हैं । शीत ऋतु के बाद बसंत की सुहानी ऋतु आती है ।

बसंत ऋतु के बाद प्रचंड गरमी की ऋतु ग्रीष्म ऋतु आती है । हालाँकि कुछ हद तक यह कष्टदायक ऋतु है परंतु इस ऋतु का भी अपना एक आनंद, एक अलग सौंदर्य है । ग्रीष्म ऋतु अप्रैल माह से आरंभ होकर जून-जुलाई तक चलती है । इस ऋतु में पर्णपाती वृक्षों की पत्तियाँ गिर जाती हैं ।

इसलिए इसे पतझड़ ऋतु भी कहते हैं । गरमी इतनी पड़ती है कि दोपहर में घर से निकलना कठिन हो जाता है । जैसे-जैसे दिन अत्मे बढ़ता है प्रखर सूर्य रश्मियों क्य प्रकोप बढ़ता जाता है । दोपहर के तीन-चार घंटे बड़े कष्टदायक प्रतीत होते हैं । लोग घर से बाहर सिर पर टोपी, पगड़ी डालकर या छाता लेकर निकलते हैं ।

त्वचा झुलसने लगती है । शारीरिक श्रम करने वाले पसीने से नहा जाते हैं । इस ऋतु में संध्या क्य समय कुछ सुखदायी होता है । लोग घर, आँगन, छत में जल छिड़ककर राहत महसूस करते हैं । रात्रिकाल में भी काफी उमस होती है । सभी खुली छत पर या कमरे में पंखा-कूलर चला कर सोते हैं ।

गरमियों के दिन बड़े और रातें छोटी होती हैं । ऐसे में कष्टदायक दिन काम बहुतों के लिए कठिन होता है । इसीलिए घरों, दुकानों तथा दफ्तरों में पंखा, कूलर या वातानुकूलित संयंत्र लगाए जाते हैं । इस ऋतु में पानी को ठंडा रखने के लिए हम घड़ा, सुराही, फ्रिज आदि का प्रयोग करते हैं ।

ठंडे पेय पदार्थ, लस्सी, शरबत आदि अत्यंत प्रिय लगते हैं । इस ऋतु में आम, लीची, खीरा, ककड़ी आदि फल-सब्जियाँ तृप्तिदायक होती हैं । ग्रीष्म ऋतु को गरीबों की ऋतु कहा जाता है क्योंकि इस ऋतु में बहुत कम वस्त्रों से भी काम चल जाता है ।

इस ऋतु में सूती वस्त्र बहुत उपयोगी होते हैं जो हमें लू के थपेड़ों से बचाते हैं । कभी-कभी आँधी तूफान भी आते हैं और धूल-भरी हवाएँ आसमान में छा जाती हैं । आसमान लोहित हो जाता है । पर जब वायु जरा भी हिलती-दुलती नहीं तो उमस बढ़ जाती है ।

ग्रीष्म ऋतु में जल का महत्त्व बढ़ जाता है । प्यासे लोग, प्यासी भूमि, प्यासे पशु-पक्षी और झुलसे हुए पेड़-पौधे सभी जल की माँग करते हैं । धन्य है वह किसान जो इस ऋतु में भी फसलों की सिंचाई करता है । वे स्त्रियाँ भी धन्य हैं जो मटके लेकर मीलों जल भरने जाती हैं । सरोवर ताल-तलैया, कुएँ, बावड़ियों, झील, नदियाँ सभी इस ऋतु में सूखने लगती हैं ।

भूमि का जल-स्तर काफी नीचे चला जाता है । प्यासी धरती, आकुल लोग, पशु-पक्षी सब आसमान की ओर निहारने लगते हैं । मयूर भी यह आस लगाए रहता है कि वर्षा हो और मैं नृत्य करूँ । कवि ने कविता के माध्यम से ग्रीष्म ऋतु का वर्णन इस प्रकार किया है:

”सूरज तपता धरती जलती गरम हवा जोरों से चलती । तन से बहुत पसीना बहता हाथ सभी के पंखा रहता । आ रे बादल काले बादल लो घनघोर घटा रे बादल । ”

लोगों की आकांक्षा रहती है कि बादल छाए, बरसे और राहत दे । पर ग्रीष्म ऋतु किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं । जब धरती तपेगी ताप से समुद्र का जल सुखेगा तभी तो वर्षा होगी । अच्छा मानसून आए इसके लिए अच्छी गरमी आवश्यक है ।

सब्जियों एवंग फलों की विविधता की दृष्टि से भी यह उत्तम ऋतु है । लौकी, खीरा, तरबूज, बेल, आम, पुदीना, भिंडी, करेला, परवल, हरे शाक आदि कितनी ही प्रिय वस्तुएँ ग्रीष्म ऋतु की देन हैं । हमें हर मौसम हर ऋतु का आनंद उठाना चाहिए ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 5

सत्संगति का अर्थ है – अच्छी संगति । अच्छे लोगों का साथ सत्संगति है । बुरे लोगों का साथ कुसंगति है । भले लोगों की संगति में जो सुख और आनद है वह कुसंगति में नहीं है ।

विद्वानों, संतों, साधुओं और सदाचारी व्यक्तियों के संपर्क में रहना सत्संगति है । अच्छी संगति में रहने के बहुत से लाभ हैं । यदि हमारा साथ अच्छे लोगों से है तो इससे हमारा चारित्रिक विकास होगा । हम सज्जनों के गुणों का अनुसरण करके आत्म-कल्याण की ओर प्रवृत्त होंगे ।

उनके आचरण का प्रभाव हमारे ऊपर अवश्य पड़ेगा । इसीलिए तो लोग साधु-संतों की शरण में जाते हैं उनके प्रवचन सुनते हैं उनके गुणों का अनुशीलन करते हैं । सत्संगति के प्रभाव से दुर्जन व्यक्ति भी सज्जन बन जाता है । जब अंगुलिमाल नामक दुर्दांत हत्यारा भगवान् बुद्ध के संपर्क में आया तो वह सुधर गया । तुलसीदास जी कहते हैं –

सठ सुधरहिं सत्संगति पाई । पारस परसि कुधातु सुहाई ।

अर्थात् जिस प्रकार पारसमणि के स्पर्श से लोहा सोना बन जाता है उसी प्रकार सत्संगति के प्रभाव से दुष्ट मनुष्य सुधर जाता है । इसलिए समझदार लोग सज्जनों के संपर्क में रहते हैं । जब व्यक्ति कुसंगति में पड़ता है तो उसका पतन निश्चित हो जाता है ।

कुसंगति काजल की कोठरी के समान है जहाँ से गुजरने पर कालिख लग ही जाती है । नशे की लत कुसंगति के कारण ही लगती है । शराबी जुआरी अपराधी आदि जन्म से ही नीच कार्य नहीं करते, बुरे लोगों का साथ ही उन्हें इन कार्यों को करने के लिए विवश करता है । गंदे नालों से जुड़कर ही नदियाँ अपवित्र और प्रदूषित होती हैं ।

अत: हमें कुसंगति से बचना चाहिए और महापुरुषों, विद्वानों और भले व्यक्तियों की संगति में रहना चाहिए । सत्संगति से बुद्धि का विकास होता है, गलत धारणाएं मिटती हैं । मन-प्राणों में सुगंध उठती है वाणी में मधुरता और निष्कपटता आती है । सत्संगति उन्नति का द्वार खोल देती है । यह आत्म-शुद्धि का सरल मार्ग है ।

अच्छे लोगों की संगति मनुष्य को महान बनाती है । बूँद समुद्र में मिलकर अपार जलराशि का रूप ले लेती है । क्षुद्र नदी-नाले गंगा जी में मिलकर अपनी मलिनता खो देते हैं । रामकृष्ण परमहंस की संगति में साधारण से व्यक्ति नरेंद्र स्वामी विवेकानंद बन गए ।

वानर-भालू, प्रभु राम से मित्रता कर इतिहास के सुनहरे पन्नों में अपना नाम लिखा गए । बालक चद्रगुप्त नीति निपुण चाणक्य का शिष्य बनकर महान् सम्राट बन गया । गाँधी जी के संपर्क में आकर हजारों व्यक्तियों ने आत्म-सुधार की दिशा में अपने कदम बढ़ाने आरंभ कर दिए ।

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है । उसे अच्छे या बुरे लोगों के साथ में रहना ही पड़ता है । हमें चाहिए कि हम अच्छे लोगों को अपना साथी बनाएँ । यदि हमारा साथ भले लोगों से होगा तो हम कुसंगति से बचे रह सकते हैं ।

जिस प्रकार कि एक सड़ा आम या सेब पूरी टोकरी के फलों सड़ाने लगता है उसी प्रकार एक असज्जन कई सज्जनों को भी अपने जैसा बनाने का प्रयास करता है । अत: व्यक्ति को हमेशा श्रेष्ठ मनुष्यों का ही संग करना चाहिए ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 6

युग सदैव एक-सा नहीं रहता । युग के अनुसार लोगों की आवश्यकताएँ एवं मान्यताएँ बदल जाती हैं । परिवार का आकार छोटा हो या बड़ा इस संबंध में भी युग के अनुसार विचार करना पड़ता है ।

किसी समय बड़े परिवार की कल्पना की गई थी क्योंकि देश की आबादी कम थी । आज छोटे परिवार को आदर्श माना जाता है क्योंकि हमारे देश की आबादी आवश्यकता से कहीं अधिक है । आज लगभग जनसख्या विस्फोट की स्थिति है । सन् 1950 में भारत की आबादी लगभग तीस करोड़ थी ।

आज हम सौ करोड़ का कड़ा पार कर चुके हैं । सन् 2011 तक हमारी आबादी एक सौ पद्रह करोड़ के आस-पास हो जाएगी । सन् 2035 तक हम चीन से भी आगे निकल सकते हैं । ऐसे में छोटे परिवार की महत्ता काफी बढ़ गई है । छोटे परिवार की कल्पना अब संभव है क्योंकि आज महामारियों पर नियंत्रण पाया जा सका है ।

दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हुआ है । बाल मृत्यु दर में निरंतर कमी आती जा रही है । आज एक या दो संतानों वाला परिवार अधिक सुखी है क्योंकि अभिभावक अपनी एक या दो संतानों को शिक्षा और स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएँ प्रदान कर सकते हैं ।

यदि परिवार बड़ा हो तो उपलब्ध साधनों का बँटवारा हो जाता है, हरेक सदस्य को थोड़ा-थोड़ा ही मिल पाता है । ‘छोटा परिवार सुखी परिवार’ के बारे में लोगों के विचार सकारात्मक होने लगे हैं । समझदार और शिक्षित व्यक्ति अपने परिवार को सीमित रखने का प्रयास करता है । वह जानता है कि अधिक बच्चे हुए तो उनके लालन-पालन में कठिनाई आएगी ।

अधिक संतानों के लिए भोजन, वस्त्र, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास तथा अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति में बाधा आएगी । वह समझता है कि अधिक बच्चे पैदा करने वाली माँएँ कमजोर हो जाती हैं, उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है । आज की शिक्षित स्त्रियाँ छोटे परिवार की खूबियों के प्रति जागरूक हैं ।

छोटे परिवार की महत्ता समझने पर भी हमारे देश की आबादी तेजी से बढ़ रही है । इसका प्रमुख कारण अशिक्षा और निर्धनता है । अशिक्षित व्यक्ति अपना भला नहीं सोच पाता । धर्म की रूढ़ियाँ भी प्रमुख अवरोधक तत्व हैं । गरीबी का दुश्चक्र भी लोगों को बड़े परिवार की ओर उम्मुख करता है ।

समाज और राष्ट्र की खुशहाली इसी में है कि वह छोटे परिवार का महत्व समझे । आज प्रति व्यक्ति आवश्यकताएँ बढ़ रही हैं । सभी को बिजली, पानी, स्वास्थ्यप्रद आवास, क्रीड़ा स्थल, रोजगार और शिक्षा चाहिए । दूध, फल, अनाज और सब्जियों की भी प्रति व्यक्ति उपलब्धता बनाए रखना आवश्यक है ।

दूसरी ओर वन पेड़-पौधे जल भूमि जैसे प्राकृतिक संसाधनों का अभाव होता जा रहा है । अत: समझदारी इसी में है कि हम अपना परिवार छोटा रखें । परिवार का छोटा आकार हमारी खुशहाली के लिए अत्यंत आवश्यक है ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 7

भारत में प्रमुखतया तीन ऋतुएँ वसंत, शीत और ग्रीष्म हैं । इनमें से बसंत को ऋतुओं का राजा या ऋतुराज कहा जाता है । दुनिया के बहुत कम देशों में बसंत ऋतु के दर्शन होते हैं । भारत एक ऐसा देश है जहाँ ऋतुराज बसंत की अपूर्व छटा के दर्शन होते हैं ।

बसंत को ऋतुराज कहा जाता है क्योंकि इस ऋतु में प्रकृति का रंग-रूप पूरी तरह निखरा होता है । इसका आगमन कड़ाके की शीत ऋतु के बाद होता है । बसंत के आगमन के साथ ही प्रकृति और मौसम का मिजाज परिवर्तित होने लगता है ।

चारों ओर का मौसम स्वर्णिम एवं गुलाबी होने लगता है । प्रकृति सुंदर मनमोहक एवं आकर्षक प्रतीत होती है । शीत ऋतु के प्रभाव से आहत वनस्पतियाँ पत्तों एव फूलों के रूप में नए-नए परिधानों से युक्त सुहावने प्रतीत होते हैं ।

खेतों में सरसों के फूल खिल उठते हैं गेहूँ की सुनहरी बालियाँ निकल आती हैं । फूली सरसों का रंग बहुत आकर्षक लगता है जैसे प्रकृति ने पीली चादर ओढ़ ली हो । लताएँ वृक्षों से लिपट कर झूमने लगती हैं । हल्की गरमाहट लिए मंद-मंद बहती वायु नव-विकसित पुष्पों आम्र मंजरियों की भीनी-मधुर सुगंध लिए वातावरण में घुल-मिल जाती है ।

यह सुंगधित वायु मनुष्यों एव जीव-जंतुओं के तन-मन में प्रवेश कर जाती है । खेत-खलिहानों मैदानों एवं बागों में मखमली घास बिछी होती है । घास पर पड़ी ओस की बूँदों के स्पर्श से तलबों में सुखद अनुभूति होती है । उस पर आम के डाल पर बैठी कोयल की पंचम स्वर में ऐसी कूक उठती है कि तन-मन प्रसन्न हो उठता है ।

बच्चे, युवा, वृद्ध सभी उम्र का बंधन तोड़कर बासंती सौंदर्य को निहारने लगते हैं । हालाकि जैसे-जैसे देश का शहरीकरण होता जा रहा है बसंत का मादक प्रभाव भी कहीं खोता जा रहा है । बसंत कब आया और कब चला गया किसी को पता नहीं चल पाता है । परंतु बसंत तो आता है ।

गाँवों में, बाग-बगीचों में, खेतों में और यहाँ तक कि प्रकृति प्रेमियों के लिए महानगरों में भी आता है । जहाँ भी बाग-बगीचे हैं पेड़ हैं लता-कुंज हैं वहाँ बसंत अवश्य आता है । गेंदा, गुलाब, सूरजमुखी, पलास आदि के फूल कहाँ नहीं खिलते । बसंती हवा किसी के साथ भेदभाव नहीं करती ।

वह जहाँ से गुजरती है अपना मादक प्रभाव छोड़ जाती है । बसंत ऋतु पर्व-त्योहारों की भी ऋतु है । हमारा प्रमुख राष्ट्रीय त्योहार ‘गणतंत्र दिवस’ इसी ऋतु के आरंभ काल में मनाया जाता है । देश की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह को खुशनुमा बनाने में खुले दिन वाले सुनहरे मौसम का बहुत बड़ा योगदान होता है ।

लगभग इसी समय में बसंत पंचमी का त्योहार आता है । लोग वीणापाणी माँ सरस्वती की पूजा-आराधना में जुट जाते हैं । सरस्वती पूजन समारोह एवं वसंत पंचमी के अवसर पर लगने वाले मेले वासंती रंग में रंग जाते हैं । युवतियाँ धनी एवं पीले वस्त्र धारण कर वसत की शोभा में चार चाँद लगा देती हैं ।

ऐसा लगता है जैसे वसंत सजीव होकर इधर-उधर डॉल रहा हो । फिर आता है मदमस्त होली का त्योहार । वसंत ऋतु स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बड़ी हितकारी ऋतु है । इस ऋतु में असाध्य रोगी भी स्वस्थ होने लगते हैं । सामान्य जनों को भी सरदी-ज्वर आदि नहीं होता ।

इस समशीतोष्ण ऋतु में सभी नाचते-गाते और आनंदित होते हैं । गाँवों में ढोल-नगाड़े बज उठते हैं । होली के गीतों की थिरकन से जन-समूह उत्साहित हो उठता है । बसंत का गुणगान करने के लिए कवि की लेखनी चल पड़ती है ।

बसंत में कुछ भी असुंदर नहीं होता । यह ऋतु हमें प्रकृति सौंदर्य से परिचित कराती है । यह मानव को दु:ख-पीड़ा से निकलकर आनंदित होने क्य अवसर प्रदान करती है । पर मानव है कि प्रकृति विनाश के कार्यों में लगा हुआ है ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 8

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है । समाज से उसका अंतरंग रिश्ता है । मनुष्य के जन्म के समय सामाजिक उत्सव तथा मृत्यु के समय सामाजिक शोक मनाया जाता है । बच्चा समाज के अन्य हमउम्र सदस्यों के साथ खेलता है पढ़ता-लिखता है ।

जन्मदिन, विवाह आदि अवसरों पर समाज की भागीदारी प्रमुख होती है । संकटकाल में भी समाज ही सहायक होता है । यदि समाज इतना महत्त्वपूर्ण है तो समाजिक उत्थान का कार्य भी बहुत आवश्यक है । समाज की भलाई के लिए जो कार्य किए जाते हैं इन्हें हम समाज सेवा कहते हैं ।

समाज सेवा राष्ट्र सेवा का ही अंग है । बिनोवा जी ने भूदान आंदोलन चलाकर महान समाज सेवा की । करोड़ों ग्रामीण ऐसे थे जिनके पास कृषि-भूमि का एक टुकड़ा न था और कुछ लोग ऐसे थे जिनके पास सौ-पचास एकड़ भूमि थी । भूदान आदोलन के द्वारा यह भारी अंतर पाटने का प्रयास किया गया ।

उन्नीसवीं शताब्दी में राजा राम मोहन राय ने सती प्रथा बाल विवाह आदि कुप्रथाओं को समाप्त करने में समाज की बड़ी सहायता की थी । मुगलकाल में तुलसीदास जी ने अपने अमर काव्यों के माध्यम से हिंदुओं के बीच सामाजिक चेतना लाने का सफल प्रयास किया ।

कबीरदास जी ने सीधे-सादे विचारों के माध्यम से धर्म की कुरीतियों पर आघात किया । उनके प्रयासों से हिंदुओं और मुसलमानों में सामाजिक एकता की स्थापना हुई । मनुष्य जो कुछ भी ग्रहण करता है वह सब समाज की देन है । अत: हमारा कर्त्तव्य है कि हम समाज की सेवा नि:स्वार्थ भाव से करें ।

आज भी हमारे देश में कई तरह की सामाजिक समस्याएँ हैं । दहेज प्रथा अशिक्षा निर्धनता नशाखोरी आदि समस्याएँ हमें अंदर ही अंदर खोखला कर रही हैं । हमारी सामाजिक मान्यताएँ भी बदल रही हैं । आज का आदमी पहले से कहीं अधिक स्वार्थी और आत्मकेंद्रित हो गया है ।

समाज में भ्रष्टाचार की जड़ें काफी गहरी हैं । सामाजिक अपराध का ग्राफ भी ऊँचा होता जा रहा है । ऐसे में समाज सेवकों का उत्तरदायित्व पहले से कहीं अधिक हो गया । समाज सेवा का दायरा विस्तृत है । बाल मजूदरी का अंत, स्त्री शिक्षा, निर्धन व्यक्तियों के लिए रोजगार का प्रबंध, बेसहारा महिलाओं को आत्म-निर्भर बनाना आदि कार्य समाज सेवा के कार्य हैं ।

हमारे देश के कुछ क्षेत्रों में पेय जल का भारी अभाव है । यहाँ के लोग मीलों चलकर पानी लाते हैं । समाज सेवा के द्वारा ऐसे लोगों की मदद की जा मकती है । अनाथ बच्चों के लिए अनाथाश्रम खोलना, उन्हें शिक्षित करना तथा उन्हें समाज की मुख्य धारा में वापस लाना समाज सेवा है ।

अपनों द्वारा परित्यक्त वृद्धों के लिए वृद्धाश्रम खोलना विकलांगों के लिए रोजगार के साधन एवं आश्रय स्थल ढूँढ़ना आदि कार्य समाज के प्रति हमारे दायित्व हैं । एड्‌स के प्रसार को रोकने से संबंधित कार्य भी समाज सेवा के अंतर्गत आता है ।

समाज सेवा का कार्य दिखाऊ नहीं होना चाहिए । धन और सम्मान की प्राप्ति के उद्देश्य से किया गया कार्य समाज सेवा नहीं है । समाज सेवा परोपकार की भावना से की जानी चाहिए । बीमारों वृद्धों, दलितों, शोषितों और आपदा से पीड़ित लोगों के प्रति जिनके मन में दया नहीं है वह समाज सेवा नहीं कर सकता ।

समाज को अपना समझकर तन, मन और धन से किए गए परोपकार के कार्य समाज सेवा के दायरे में आते हैं । अपने लिए तो सभी जीते हैं, बड़प्पन इसी में है कि हम दूसरों की भलाई के लिए जीएँ । यही मानवता है, यही समाज सेवा है ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 9

वर्षा ऋतु बहुत सुहावनी ऋतु होती है । यह मानव पशु-पक्षी और समस्त जीव समुदाय के लिए आनंददायी ऋतु है । ग्रीष्म ऋतु में जब पेडू-पौधे झुलस जाते हैं तब यह ऋतु उनके लिए जीवनदायी जल लेकर आती है ।

प्यासी धरती की प्यास बुझाने वाली वर्षा ऋतु को ऋतुओं की रानी कहा गया है । वर्षा ऋतु का आरंभ जुलाई मास से होता है । सितंबर में इस ऋतु का अत हो जाता है । इन तीन महीनों में आसमान प्राय: बादलों से घिरा रहता है । धूप और छाया का खेल चलता ही रहता है ।

कुछ दिन वर्षा फिर धूप यह क्रम जब चलता है तो किसानों को धान और मक्के की फसल उगाने में बहुत मदद मिलती है । खेतों में पूरा पानी रहता है तालाब लबालब भर जाते हैं । नदी-नालों में पूरा जल आ जाता है । छोटे-छोटे गड्‌ढों में भी पानी भर आता है ।

किसान वर्षा ऋतु का स्वागत करते हैं । वे खेतों में बीज बोते हैं । धान की फसल के लिए खेत जोते जाते हैं । किसान उसका परिवार खेतिहर मजदूर आदि व्यस्त हो जाते हैं । वे भीगते हुए भी कृषि कार्य करते हैं । गाँवों में वर्षा ऋतु आरंभ होने पर लोक गीत गाए जाते हैं ।

श्रावण मास में शिव-भक्ति की लहर फैल जाती है । काँवरिए गेरुआ वस्त्र धारण कर शिव को जल चढ़ाने निकल पड़ते हैं । ग्रामीण स्त्रियाँ कजरी गीत गाती हैं । वर्षा ऋतु के आगमन की प्रतीक्षा आम नागरिक भी करते हैं । जब पहली बारिश होती है तो लोगों को भीषण गरमी से राहत मिलती है ।

खुले बदन पहली बारिश का आनंद लेने वाले भी कम नहीं । कभी अंधी-तूफान के साथ वर्षा होती है तो कच्चे मकानों को नुकसान पहुँचता है । अत्यधिक वर्षा से जल-प्लावन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है । खेत-खलिहानों मैदानों तथा ऊँची भूमि का पानी नदी-नालों में जमा होने लगता है ।

कई नदियों में बाढ़ आ जाती है । नदी का पानी तटबंध फसलों को नुकसान पहुँचाता है । बाद का पानी आबादी वाले स्थानों में घुसकर भयंकर तबाही मचाता है । बाद से जान-माल की भारी क्षति होती है । सड़कें टूट जाती हैं, यातायात व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न हो जाता है ।

टेलीफोन बिजली आदि के खंभे गिर जाते हैं । कभी जब बादल फटते हैं तब भी काफी नुकसान हो जाता है । वर्षा में गंदे जल के जमाव से मच्छरों, मक्खियों एवं तरह-तरह के कीटों का प्रकोप बढ़ जाता है । इस ऋतु में पेय जल अस्वच्छ हो जाता है ।

प्रदूषित जल पीने से तथा मच्छरों आदि के काटने से कई प्रकार के संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ जाता है । गली-कूचों और गिन में कीचड़ हो जाता है । कच्ची गलियों एवं सड़कों पर चलना कठिन हो जाता है । सड़कों पर भी जल-निकास की उचित व्यवस्था न होने से पानी भर आता है ।

कुछ खामियों और परेशानियों के बावजूद वर्षा ऋतु का स्वागत सर्वत्र किया जाता है । इस ऋतु में पेड़-पौधे हरे-भरे हो जाते हैं । एक कहावत भी है कि सावन के अंधे को सर्वत्र हरा-भरा दिखाई देता है । श्रावणी मास की हरियाली सबका मन मोह लेती है ।

वनों में मोर नृत्य कर वर्षा ऋतु का स्वागत करते हैं । पशुओं के लिए इस ऋतु में हरे चारे की कमी नहीं रहती । प्राकृतिक छटा देखते ही बनती है । आसमान में यदा-कदा इंद्रधनुष अपनी अछूत छटा बिखेर कर मन को आह्वादित कर देता है ।

मेढक की टर्र-टर्र एवं झींगुर की आवाज से वातावरण गुंजित हो जाता है । साँप भी अपने बिलों से निकल कर हवाखोरी करने लगते हैं । मल्लाह अपनी नौका सँभालकर नदी तट पर आ जाते हैं । बिजली की गड़गड़ाहट और चमक से विरहिणियों का मन डोलने लगता है ।

वर्षा ऋतु का आनंद अनूठा है । इस ऋतु में प्रकृति तरह-तरह की लीलाएँ करती है । हमें इस ऋतु का पूरा आनंद उठाना चाहिए । इस ऋतु में स्वच्छता का पालन अवश्य करना चाहिए । स्वस्थ रहकर ही हम वर्षा ऋतु का पूरा लुल्क उठा सकते हैं ।

Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 10

एकता में बड़ी शक्ति होती है । यदि परिवार में एकता होती है तो उसके सभी सदस्यों का उचित विकास होता है । यदि समाज में एकता होती है तो समाज उन्नति करता है तथा सामाजिक कार्य आसानी से संपन्न किए जा सकते हैं ।

इसी तरह यदि राष्ट्र के लोगों में एकता होती है तो शत्रु उस राष्ट्र का बाल-बाँका तक नहीं कर पाते । राष्ट्रीय एकता की स्थिति में राष्ट्र का तेजी से विकास होता है । इतिहास गवाह है कि आपसी फूट का फायदा शत्रुओं को मिला है । रावण और विभीषण की आपसी फूट का लाभ राम को मिला ।

जयचंद और पृथ्वीराज की शत्रुता का लाभ मुहम्मद गौरी ने उठाया । सिकंदर ने भारत के राजवंशों के आपसी झगड़े का लाभ उठाकर भारत पर आक्रमण कर दिया । राजपूत राजा आपस में झगड़े तो मुगलों की बन आई । अँगरेजों ने भारतीय राजाओं नवाबों की अनेकता का भरपूर लाभ उठाया और भारत में अपनी प्रभुसत्ता स्थापित कर ली ।

‘फूट डालो और राज करो’ उनकी प्रसिद्ध नीति थी । कांग्रेस में एकता न रही तो देश में अनेक दल बन गए और अंतत: देश का विभाजन हो गया । एकता में असीम बल है । बिखरे हुए लोग किसी बड़े काम को उसके अंजाम तक नहीं पहुँचा सकते ।

कहा भी गया है – ‘अकेला चना भीड़ नहीं फोड़ सकता ।’ यदि सम्मिलित शक्ति से प्रयास किए जाएँ तो असंभव से दिखाई देने वाले कार्य भी पूरे हो सकते हैं । मधुमक्खियाँ एक साथ मिलकर ही मधु संचय कर पाती हैं । सैनिक एकजुट होकर ही शत्रुओं को परास्त कर सकते हैं । नागरिकों की एकजुटता किसी बड़ी क्रांति को जन्म देती है ।

यहाँ तक कि अपराधी भी दल बाँधकर गिरोह बनाकर अपने बुरे मंसूबे में कामयाब हो जाते हैं । लेकिन हमें एकता को शुभ कार्यो में लगाना चाहिए । ऐसी एकता किसी काम की नहीं जिससे दूसरों का बुरा होता हो । एकता का उद्देश्य शुभ होना चाहिए ।

एकता किसी भी समाज अथवा राष्ट्र के लिए संजीवनी शक्ति है । बड़े-बड़े बाँध, कारखाने, आलीशान महल, नहरें, खनन उद्योग, कृषि एवं औद्योगिक विकास की आधारभूमि राष्ट्रीय एकता है । जब राष्ट्र के लोग मिलकर प्रयास करते हैं तो उनकी समस्याओं का अंत होने लगता है ।

स्वतंत्रता आंदोलन के समय राष्ट्रीय एकजुटता अद्वितीय थी इसलिए हम विदेशियों को बाहर करने में सफल हुए । स्वतंत्रता के बाद हमें कई विदेशी आक्रमणों का सामना करना पड़ा हमने सभी आक्रमणों का डट कर एकजुट होकर मुकाबला किया । शास्त्री जी ने ‘जय जवान जय किसान’ का नारा देकर राष्ट्र को उसकी सम्मिलित शक्ति का आभास कराया ।

कारगिल विजय हमारी संगठित शक्ति का प्रतिफल था । अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धियाँ तथा भारत का परमाणु शक्ति से संपन्न होना हमारे वैज्ञानिकों के सम्मिलित प्रयासों का ही परिणाम कहा जा सकता है । आज पूरी दुनिया आतंकवाद का मुकाबला मिलकर कर रही है क्योंकि कोई अकेला देश अपने प्रयासों से इस समस्या पर काबू नहीं पा सकता ।

सामाजिक एकता के लिए आवश्यक है कि लोग अपनी-अपनी जिद छोड़े और लक्ष्यों का निर्धारण कर उनके प्रति संकल्पित हो जाएँ । लेकिन ‘अपनी डफली अपना राग’ छेड़ने वाला समाज बिखर जाता है, उनमें फूट पड़ जाती है ।

मजदूर और कर्मचारी अपना सघ बनाकर अपनी माँगे मनवाने में सफल हो जाते हैं । परंतु जब उनमें फूट पड़ती है तो नियोक्ताओं को लाभ होता है । एकता के बल की महिमा अनंत है । जिन्हें यह समझ है, वे अपने परिवार, समाज और राष्ट्र को सुखी-संपन्न और गौरवान्वित कर सकते हैं ।

Related Articles:

  • Hindi Essays for Class 9 Students: Top 10 Hindi Nibandhs
  • Hindi Essays for Class 8: Top 10 Hindi Nibandhs
  • Hindi Essays for Class 10: Top 20 Class Ten Hindi Essays
  • Hindi Nibandhs for School Students : Top 25 Hindi Nibandhs

Hindi Essay | हिंदी में निबंध for Class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12

Hindi essay for classes 3 to 12 students, benefits of essay writing:, essay writing in hindi:, conclusion:, faqs:      .

Question and Answer forum for K12 Students

Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

  • सच्चा धर्म पर निबंध – (True Religion Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
  • पर्वतीय यात्रा पर निबंध – (Parvatiya Yatra Essay)
  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध – (Means Of Entertainment Essay)
  • मेट्रो रेल पर निबंध – (Metro Rail Essay)
  • दूरदर्शन पर निबंध – (Importance Of Doordarshan Essay)
  • दूरदर्शन और युवावर्ग पर निबंध – (Doordarshan Essay)
  • बस्ते का बढ़ता बोझ पर निबंध – (Baste Ka Badhta Bojh Essay)
  • महानगरीय जीवन पर निबंध – (Metropolitan Life Essay)
  • दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध – (Dowry Problem Essay)
  • सुरीला राजस्थान निबंध – (Folklore Of Rajasthan Essay)
  • राजस्थान में जल संकट पर निबंध – (Water Scarcity In Rajasthan Essay)
  • खुला शौच मुक्त गाँव पर निबंध – (Khule Me Soch Mukt Gaon Par Essay)
  • रंगीला राजस्थान पर निबंध – (Rangila Rajasthan Essay)
  • राजस्थान के लोकगीत पर निबंध – (Competition Of Rajasthani Folk Essay)
  • मानसिक सुख और सन्तोष निबंध – (Happiness Essay)
  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – (My Aim In Life Essay)
  • राजस्थान में पर्यटन पर निबंध – (Tourist Places Of Rajasthan Essay)
  • नर हो न निराश करो मन को पर निबंध – (Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Essay)
  • राजस्थान के प्रमुख लोक देवता पर निबंध – (The Major Folk Deities Of Rajasthan Essay)
  • देशप्रेम पर निबंध – (Patriotism Essay)
  • पढ़ें बेटियाँ, बढ़ें बेटियाँ योजना यूपी में लागू निबंध – (Read Daughters, Grow Daughters Essay)
  • सत्संगति का महत्व पर निबंध – (Satsangati Ka Mahatva Nibandh)
  • सिनेमा और समाज पर निबंध – (Cinema And Society Essay)
  • विपत्ति कसौटी जे कसे ते ही साँचे मीत पर निबंध – (Vipatti Kasauti Je Kase Soi Sache Meet Essay)
  • लड़का लड़की एक समान पर निबंध – (Ladka Ladki Ek Saman Essay)
  • विज्ञापन के प्रभाव – (Paragraph Speech On Vigyapan Ke Prabhav Essay)
  • रेलवे प्लेटफार्म का दृश्य पर निबंध – (Railway Platform Ka Drishya Essay)
  • समाचार-पत्र का महत्त्व पर निबंध – (Importance Of Newspaper Essay)
  • समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध – (Samachar Patr Ke Labh Essay)
  • समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)
  • व्यायाम का महत्व निबंध – (Importance Of Exercise Essay)
  • विद्यार्थी जीवन पर निबंध – (Student Life Essay)
  • विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध – (Students And Politics Essay)
  • विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध – (Vidyarthi Aur Anushasan Essay)
  • मेरा प्रिय त्यौहार निबंध – (My Favorite Festival Essay)
  • मेरा प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favourite Book Essay)
  • पुस्तक मेला पर निबंध – (Book Fair Essay)
  • मेरा प्रिय खिलाड़ी निबंध हिंदी में – (My Favorite Player Essay)
  • सर्वधर्म समभाव निबंध – (All Religions Are Equal Essay)
  • शिक्षा में खेलकूद का स्थान निबंध – (Shiksha Mein Khel Ka Mahatva Essay)a
  • खेल का महत्व पर निबंध – (Importance Of Sports Essay)
  • क्रिकेट पर निबंध – (Cricket Essay)
  • ट्वेन्टी-20 क्रिकेट पर निबंध – (T20 Cricket Essay)
  • मेरा प्रिय खेल-क्रिकेट पर निबंध – (My Favorite Game Cricket Essay)
  • पुस्तकालय पर निबंध – (Library Essay)
  • सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – (Information Technology Essay)
  • कंप्यूटर और टी.वी. का प्रभाव निबंध – (Computer Aur Tv Essay)
  • कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध – (Computer Ki Upyogita Essay)
  • कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध – (Computer Education Essay)
  • कंप्यूटर के लाभ पर निबंध – (Computer Ke Labh Essay)
  • इंटरनेट पर निबंध – (Internet Essay)
  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध – (Science Essay)
  • शिक्षा का गिरता स्तर पर निबंध – (Falling Price Level Of Education Essay)
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध – (Advantages And Disadvantages Of Science Essay)
  • विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा निबंध – (Health Education Essay)
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
  • विज्ञान के वरदान पर निबंध – (The Gift Of Science Essays)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
  • कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र–पुरुष – (Computer Essay)
  • मोबाइल फोन पर निबंध (Mobile Phone Essay)
  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
  • विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर पर निबंध – (Vigyan Ki Khoj Kampyootar Essay)
  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
  • परमाणु शक्ति और भारत हिंदी निंबध – (Nuclear Energy Essay)
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – (If I were the Prime Minister Essay)
  • आजादी के 70 साल निबंध – (India ofter 70 Years Of Independence Essay)
  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध (Importance Of National Integration)
  • भारत की ऋतुएँ पर निबंध – (Seasons In India Essay)
  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
  • किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन पर निबंध – (Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay)
  • राजनीति में अपराधीकरण पर निबंध – (Criminalization Of Indian Politics Essay)
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
  • बाल मजदूरी पर निबंध – (Child Labour Essay)
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
  • दहेज़ प्रथा पर निबंध (Dowry System Essay in Hindi)
  • जनसँख्या पर निबंध – (Population Essay)
  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
  • जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध – (Problem Of Increasing Population Essay)
  • भ्रष्टाचार : समस्या और निवारण निबंध – (Corruption Problem And Solution Essay)
  • मीडिया और सामाजिक उत्तरदायित्व निबंध – (Social Responsibility Of Media Essay)
  • हमारे जीवन में मोबाइल फोन का महत्व पर निबंध – (Importance Of Mobile Phones Essay In Our Life)
  • विश्व में अत्याधिक जनसंख्या पर निबंध – (Overpopulation in World Essay)
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध – (Problem Of Unemployment In India Essay)
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध – (Republic Day Essay)
  • भारत के गाँव पर निबंध – (Indian Village Essay)
  • गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध – (Republic Day of India Essay)
  • गणतंत्र दिवस के महत्व पर निबंध – (2020 – Republic Day Essay)
  • महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay)
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay)
  • परिवार नियोजन पर निबंध – (Family Planning In India Essay)
  • मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – (My Best Friend Essay)
  • अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay)
  • देश के प्रति मेरे कर्त्तव्य पर निबंध – (My Duty Towards My Country Essay)
  • समय का सदुपयोग पर निबंध – (Samay Ka Sadupyog Essay)
  • नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों पर निबंध (Rights And Responsibilities Of Citizens Essay In Hindi)
  • ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध – (Global Warming Essay)
  • जल जीवन का आधार निबंध – (Jal Jeevan Ka Aadhar Essay)
  • जल ही जीवन है निबंध – (Water Is Life Essay)
  • प्रदूषण की समस्या और समाधान पर लघु निबंध – (Pollution Problem And Solution Essay)
  • प्रकृति संरक्षण पर निबंध (Conservation of Nature Essay In Hindi)
  • वन जीवन का आधार निबंध – (Forest Essay)
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Environment Essay)
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)
  • पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi)
  • बढ़ते वाहन घटता जीवन पर निबंध – (Vehicle Pollution Essay)
  • योग पर निबंध (Yoga Essay)
  • मिलावटी खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य पर निबंध – (Adulterated Foods And Health Essay)
  • प्रकृति निबंध – (Nature Essay In Hindi)
  • वर्षा ऋतु पर निबंध – (Rainy Season Essay)
  • वसंत ऋतु पर निबंध – (Spring Season Essay)
  • बरसात का एक दिन पर निबंध – (Barsat Ka Din Essay)
  • अभ्यास का महत्व पर निबंध – (Importance Of Practice Essay)
  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – (Health Is Wealth Essay)
  • महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Tulsidas Essay)
  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

  • CBSE Class 10th

CBSE Class 12th

  • UP Board 10th
  • UP Board 12th
  • Bihar Board 10th
  • Bihar Board 12th
  • Top Schools
  • Top Schools in India
  • Top Schools in Delhi
  • Top Schools in Mumbai
  • Top Schools in Chennai
  • Top Schools in Hyderabad
  • Top Schools in Kolkata
  • Top Schools in Pune
  • Top Schools in Bangalore

Products & Resources

  • JEE Main Knockout April
  • Free Sample Papers
  • Free Ebooks
  • NCERT Notes

NCERT Syllabus

  • NCERT Books
  • RD Sharma Solutions
  • Navodaya Vidyalaya Admission 2024-25

NCERT Solutions

  • NCERT Solutions for Class 12
  • NCERT Solutions for Class 11
  • NCERT solutions for Class 10
  • NCERT solutions for Class 9
  • NCERT solutions for Class 8
  • NCERT Solutions for Class 7
  • JEE Main 2024
  • MHT CET 2024
  • JEE Advanced 2024
  • BITSAT 2024
  • View All Engineering Exams
  • Colleges Accepting B.Tech Applications
  • Top Engineering Colleges in India
  • Engineering Colleges in India
  • Engineering Colleges in Tamil Nadu
  • Engineering Colleges Accepting JEE Main
  • Top IITs in India
  • Top NITs in India
  • Top IIITs in India
  • JEE Main College Predictor
  • JEE Main Rank Predictor
  • MHT CET College Predictor
  • AP EAMCET College Predictor
  • GATE College Predictor
  • KCET College Predictor
  • JEE Advanced College Predictor
  • View All College Predictors
  • JEE Advanced Cutoff
  • JEE Main Cutoff
  • MHT CET Result 2024
  • JEE Advanced Result
  • Download E-Books and Sample Papers
  • Compare Colleges
  • B.Tech College Applications
  • AP EAMCET Result 2024
  • MAH MBA CET Exam
  • View All Management Exams

Colleges & Courses

  • MBA College Admissions
  • MBA Colleges in India
  • Top IIMs Colleges in India
  • Top Online MBA Colleges in India
  • MBA Colleges Accepting XAT Score
  • BBA Colleges in India
  • XAT College Predictor 2025
  • SNAP College Predictor
  • NMAT College Predictor
  • MAT College Predictor 2024
  • CMAT College Predictor 2024
  • CAT Percentile Predictor 2024
  • CAT 2024 College Predictor
  • Top MBA Entrance Exams 2024
  • AP ICET Counselling 2024
  • GD Topics for MBA
  • CAT Exam Date 2024
  • Download Helpful Ebooks
  • List of Popular Branches
  • QnA - Get answers to your doubts
  • IIM Fees Structure
  • AIIMS Nursing
  • Top Medical Colleges in India
  • Top Medical Colleges in India accepting NEET Score
  • Medical Colleges accepting NEET
  • List of Medical Colleges in India
  • List of AIIMS Colleges In India
  • Medical Colleges in Maharashtra
  • Medical Colleges in India Accepting NEET PG
  • NEET College Predictor
  • NEET PG College Predictor
  • NEET MDS College Predictor
  • NEET Rank Predictor
  • DNB PDCET College Predictor
  • NEET Result 2024
  • NEET Asnwer Key 2024
  • NEET Cut off
  • NEET Online Preparation
  • Download Helpful E-books
  • Colleges Accepting Admissions
  • Top Law Colleges in India
  • Law College Accepting CLAT Score
  • List of Law Colleges in India
  • Top Law Colleges in Delhi
  • Top NLUs Colleges in India
  • Top Law Colleges in Chandigarh
  • Top Law Collages in Lucknow

Predictors & E-Books

  • CLAT College Predictor
  • MHCET Law ( 5 Year L.L.B) College Predictor
  • AILET College Predictor
  • Sample Papers
  • Compare Law Collages
  • Careers360 Youtube Channel
  • CLAT Syllabus 2025
  • CLAT Previous Year Question Paper
  • NID DAT Exam
  • Pearl Academy Exam

Predictors & Articles

  • NIFT College Predictor
  • UCEED College Predictor
  • NID DAT College Predictor
  • NID DAT Syllabus 2025
  • NID DAT 2025
  • Design Colleges in India
  • Top NIFT Colleges in India
  • Fashion Design Colleges in India
  • Top Interior Design Colleges in India
  • Top Graphic Designing Colleges in India
  • Fashion Design Colleges in Delhi
  • Fashion Design Colleges in Mumbai
  • Top Interior Design Colleges in Bangalore
  • NIFT Result 2024
  • NIFT Fees Structure
  • NIFT Syllabus 2025
  • Free Design E-books
  • List of Branches
  • Careers360 Youtube channel
  • IPU CET BJMC
  • JMI Mass Communication Entrance Exam
  • IIMC Entrance Exam
  • Media & Journalism colleges in Delhi
  • Media & Journalism colleges in Bangalore
  • Media & Journalism colleges in Mumbai
  • List of Media & Journalism Colleges in India
  • CA Intermediate
  • CA Foundation
  • CS Executive
  • CS Professional
  • Difference between CA and CS
  • Difference between CA and CMA
  • CA Full form
  • CMA Full form
  • CS Full form
  • CA Salary In India

Top Courses & Careers

  • Bachelor of Commerce (B.Com)
  • Master of Commerce (M.Com)
  • Company Secretary
  • Cost Accountant
  • Charted Accountant
  • Credit Manager
  • Financial Advisor
  • Top Commerce Colleges in India
  • Top Government Commerce Colleges in India
  • Top Private Commerce Colleges in India
  • Top M.Com Colleges in Mumbai
  • Top B.Com Colleges in India
  • IT Colleges in Tamil Nadu
  • IT Colleges in Uttar Pradesh
  • MCA Colleges in India
  • BCA Colleges in India

Quick Links

  • Information Technology Courses
  • Programming Courses
  • Web Development Courses
  • Data Analytics Courses
  • Big Data Analytics Courses
  • RUHS Pharmacy Admission Test
  • Top Pharmacy Colleges in India
  • Pharmacy Colleges in Pune
  • Pharmacy Colleges in Mumbai
  • Colleges Accepting GPAT Score
  • Pharmacy Colleges in Lucknow
  • List of Pharmacy Colleges in Nagpur
  • GPAT Result
  • GPAT 2024 Admit Card
  • GPAT Question Papers
  • NCHMCT JEE 2024
  • Mah BHMCT CET
  • Top Hotel Management Colleges in Delhi
  • Top Hotel Management Colleges in Hyderabad
  • Top Hotel Management Colleges in Mumbai
  • Top Hotel Management Colleges in Tamil Nadu
  • Top Hotel Management Colleges in Maharashtra
  • B.Sc Hotel Management
  • Hotel Management
  • Diploma in Hotel Management and Catering Technology

Diploma Colleges

  • Top Diploma Colleges in Maharashtra
  • UPSC IAS 2024
  • SSC CGL 2024
  • IBPS RRB 2024
  • Previous Year Sample Papers
  • Free Competition E-books
  • Sarkari Result
  • QnA- Get your doubts answered
  • UPSC Previous Year Sample Papers
  • CTET Previous Year Sample Papers
  • SBI Clerk Previous Year Sample Papers
  • NDA Previous Year Sample Papers

Upcoming Events

  • NDA Application Form 2024
  • UPSC IAS Application Form 2024
  • CDS Application Form 2024
  • CTET Admit card 2024
  • HP TET Result 2023
  • SSC GD Constable Admit Card 2024
  • UPTET Notification 2024
  • SBI Clerk Result 2024

Other Exams

  • SSC CHSL 2024
  • UP PCS 2024
  • UGC NET 2024
  • RRB NTPC 2024
  • IBPS PO 2024
  • IBPS Clerk 2024
  • IBPS SO 2024
  • Top University in USA
  • Top University in Canada
  • Top University in Ireland
  • Top Universities in UK
  • Top Universities in Australia
  • Best MBA Colleges in Abroad
  • Business Management Studies Colleges

Top Countries

  • Study in USA
  • Study in UK
  • Study in Canada
  • Study in Australia
  • Study in Ireland
  • Study in Germany
  • Study in China
  • Study in Europe

Student Visas

  • Student Visa Canada
  • Student Visa UK
  • Student Visa USA
  • Student Visa Australia
  • Student Visa Germany
  • Student Visa New Zealand
  • Student Visa Ireland
  • CUET PG 2024
  • IGNOU B.Ed Admission 2024
  • DU Admission 2024
  • UP B.Ed JEE 2024
  • LPU NEST 2024
  • IIT JAM 2024
  • IGNOU Online Admission 2024
  • Universities in India
  • Top Universities in India 2024
  • Top Colleges in India
  • Top Universities in Uttar Pradesh 2024
  • Top Universities in Bihar
  • Top Universities in Madhya Pradesh 2024
  • Top Universities in Tamil Nadu 2024
  • Central Universities in India
  • CUET DU Cut off 2024
  • IGNOU Date Sheet 2024
  • CUET DU CSAS Portal 2024
  • CUET Response Sheet 2024
  • CUET Result 2024
  • CUET Participating Universities 2024
  • CUET Previous Year Question Paper
  • CUET Syllabus 2024 for Science Students
  • E-Books and Sample Papers
  • CUET College Predictor 2024
  • CUET Exam Date 2024
  • CUET Cut Off 2024
  • NIRF Ranking 2024
  • IGNOU Exam Form 2024
  • CUET PG Counselling 2024
  • CUET Answer Key 2024

Engineering Preparation

  • Knockout JEE Main 2024
  • Test Series JEE Main 2024
  • JEE Main 2024 Rank Booster

Medical Preparation

  • Knockout NEET 2024
  • Test Series NEET 2024
  • Rank Booster NEET 2024

Online Courses

  • JEE Main One Month Course
  • NEET One Month Course
  • IBSAT Free Mock Tests
  • IIT JEE Foundation Course
  • Knockout BITSAT 2024
  • Career Guidance Tool

Top Streams

  • IT & Software Certification Courses
  • Engineering and Architecture Certification Courses
  • Programming And Development Certification Courses
  • Business and Management Certification Courses
  • Marketing Certification Courses
  • Health and Fitness Certification Courses
  • Design Certification Courses

Specializations

  • Digital Marketing Certification Courses
  • Cyber Security Certification Courses
  • Artificial Intelligence Certification Courses
  • Business Analytics Certification Courses
  • Data Science Certification Courses
  • Cloud Computing Certification Courses
  • Machine Learning Certification Courses
  • View All Certification Courses
  • UG Degree Courses
  • PG Degree Courses
  • Short Term Courses
  • Free Courses
  • Online Degrees and Diplomas
  • Compare Courses

Top Providers

  • Coursera Courses
  • Udemy Courses
  • Edx Courses
  • Swayam Courses
  • upGrad Courses
  • Simplilearn Courses
  • Great Learning Courses

हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) - छात्र जीवन में विभिन्न विषयों पर हिंदी निबंध (essay in hindi) लिखने की आवश्यकता होती है। हिंदी निबंध लेखन (essay writing in hindi) के कई फायदे हैं। हिंदी निबंध से किसी विषय से जुड़ी जानकारी को व्यवस्थित रूप देना आ जाता है और विचारों को अभिव्यक्त करने का कौशल विकसित होता है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने की गतिविधि से इन विषयों पर छात्रों के ज्ञान के दायरे का विस्तार होता है जो कि शिक्षा के अहम उद्देश्यों में से एक है। हिंदी में निबंध या लेख लिखने से विषय के बारे में समालोचनात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है। साथ ही अच्छा हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने पर अंक भी अच्छे प्राप्त होते हैं। इसके अलावा हिंदी निबंध (hindi nibandh) किसी विषय से जुड़े आपके पूर्वाग्रहों को दूर कर सटीक जानकारी प्रदान करते हैं जिससे अज्ञानता की वजह से हम लोगों के सामने शर्मिंदा होने से बच जाते हैं।

आइए सबसे पहले जानते हैं कि हिंदी में निबंध की परिभाषा (definition of essay) क्या होती है?

हिंदी निबंध (hindi nibandh) : निबंध के अंग कौन-कौन से होते हैं, हिंदी निबंध (hindi nibandh) : निबंध के प्रकार (types of essay), हिंदी निबंध (hindi nibandh) : निबंध में उद्धरण का महत्व, योग दिवस पर हिंदी में भाषण (yoga day speech in hindi), स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (independence day essay in hindi), सुभाष चंद्र बोस पर निबंध (subhash chandra bose essay in hindi), गणतंत्र दिवस पर निबंध (republic day essay in hindi), गणतंत्र दिवस पर भाषण (republic day speech in hindi), मोबाइल फोन पर निबंध (essay on mobile phone in hindi), हिंदी दिवस पर निबंध (essay on hindi diwas in hindi), मजदूर दिवस पर निबंध (labour day essay in hindi) - 10 लाइन, 300 शब्द, संक्षिप्त भाषण, मकर संक्रांति पर निबंध (essay on makar sankranti in hindi), ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध - कारण और समाधान (global warming essay in hindi), भारत में भ्रष्टाचार पर निबंध (corruption in india essay in hindi), गुरु नानक जयंती पर निबंध (essay on guru nanak jayanti in hindi), मेरा पालतू कुत्ता पर निबंध ( my pet dog essay in hindi), स्वामी विवेकानंद पर निबंध ( swami vivekananda essay in hindi), महिला सशक्तीकरण पर निबंध (women empowerment essay), भगत सिंह निबंध (bhagat singh essay in hindi), वसुधैव कुटुंबकम् पर निबंध (vasudhaiva kutumbakam essay), गाय पर निबंध (essay on cow in hindi), क्रिसमस पर निबंध (christmas in hindi), रक्षाबंधन पर निबंध (rakshabandhan par nibandh), होली का निबंध (essay on holi in hindi), विजयदशमी अथवा दशहरा पर हिंदी में निबंध (essay in hindi on dussehra or vijayadashmi), दिवाली पर हिंदी में निबंध (essay in hindi on diwali), बाल दिवस पर हिंदी में भाषण (children’s day speech in hindi), हिंदी दिवस पर भाषण (hindi diwas speech), हिंदी दिवस पर कविता (hindi diwas poem), प्रदूषण पर निबंध (essay on pollution in hindi), वायु प्रदूषण पर हिंदी में निबंध (essay in hindi on air pollution), जलवायु परिवर्तन पर हिंदी में निबंध (essay in hindi on climate change), पर्यावरण दिवस पर निबंध (essay on environment day in hindi), मेरा प्रिय खेल पर निबंध (essay on my favourite game in hindi), विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (wonder of science essay in hindi), शिक्षक दिवस पर निबंध (teachers day essay in hindi), अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर निबंध (essay on international women’s day in hindi), बाल श्रम पर निबंध (child labour essay in hindi), मेरा प्रिय नेता: एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (apj abdul kalam essay in hindi), मेरा प्रिय मित्र (my best friend nibandh), सरोजिनी नायडू पर निबंध (sarojini naidu essay in hindi).

हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

कुछ सामान्य विषयों (common topics) पर जानकारी जुटाने में छात्रों की सहायता करने के उद्देश्य से हमने हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) तथा भाषणों के रूप में कई लेख तैयार किए हैं। स्कूली छात्रों (कक्षा 1 से 12 तक) एवं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में लगे विद्यार्थियों के लिए उपयोगी हिंदी निबंध (hindi nibandh), भाषण तथा कविता (useful essays, speeches and poems) से उनको बहुत मदद मिलेगी तथा उनके ज्ञान के दायरे में विस्तार होगा। ऐसे में यदि कभी परीक्षा में इससे संबंधित निबंध आ जाए या भाषण देना होगा, तो छात्र उन परिस्थितियों / प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन कर पाएँगे।

महत्वपूर्ण लेख :

  • 10वीं के बाद लोकप्रिय कोर्स
  • 12वीं के बाद लोकप्रिय कोर्स
  • क्या एनसीईआरटी पुस्तकें जेईई मेन की तैयारी के लिए काफी हैं?
  • कक्षा 9वीं से नीट की तैयारी कैसे करें

छात्र जीवन प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के सबसे सुनहरे समय में से एक होता है जिसमें उसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। वास्तव में जीवन की आपाधापी और चिंताओं से परे मस्ती से भरा छात्र जीवन ज्ञान अर्जित करने को समर्पित होता है। छात्र जीवन में अर्जित ज्ञान भावी जीवन तथा करियर के लिए सशक्त आधार तैयार करने का काम करता है। नींव जितनी अच्छी और मजबूत होगी उस पर तैयार होने वाला भवन भी उतना ही मजबूत होगा और जीवन उतना ही सुखद और चिंतारहित होगा। इसे देखते हुए स्कूलों में शिक्षक छात्रों को विषयों से संबंधित अकादमिक ज्ञान से लैस करने के साथ ही विभिन्न प्रकार की पाठ्येतर गतिविधियों के जरिए उनके ज्ञान के दायरे का विस्तार करने का प्रयास करते हैं। इन पाठ्येतर गतिविधियों में समय-समय पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) या लेख और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन करना शामिल है।

करियर संबंधी महत्वपूर्ण लेख :

  • डॉक्टर कैसे बनें?
  • सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बनें
  • इंजीनियर कैसे बन सकते हैं?

निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति ही निबंध है।

अन्य महत्वपूर्ण लेख :

  • हिंदी दिवस पर भाषण
  • हिंदी दिवस पर कविता
  • हिंदी पत्र लेखन

आइए अब जानते हैं कि निबंध के कितने अंग होते हैं और इन्हें किस प्रकार प्रभावपूर्ण ढंग से लिखकर आकर्षक बनाया जा सकता है। किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) के मोटे तौर पर तीन भाग होते हैं। ये हैं - प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार।

प्रस्तावना (भूमिका)- हिंदी निबंध के इस हिस्से में विषय से पाठकों का परिचय कराया जाता है। निबंध की भूमिका या प्रस्तावना, इसका बेहद अहम हिस्सा होती है। जितनी अच्छी भूमिका होगी पाठकों की रुचि भी निबंध में उतनी ही अधिक होगी। प्रस्तावना छोटी और सटीक होनी चाहिए ताकि पाठक संपूर्ण हिंदी लेख (hindi me lekh) पढ़ने को प्रेरित हों और जुड़ाव बना सकें।

विषय विस्तार- निबंध का यह मुख्य भाग होता है जिसमें विषय के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। इसमें इसके सभी संभव पहलुओं की जानकारी दी जाती है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) के इस हिस्से में अपने विचारों को सिलसिलेवार ढंग से लिखकर अभिव्यक्त करने की खूबी का प्रदर्शन करना होता है।

उपसंहार- निबंध का यह अंतिम भाग होता है, इसमें हिंदी निबंध (hindi nibandh) के विषय पर अपने विचारों का सार रखते हुए पाठक के सामने निष्कर्ष रखा जाता है।

ये भी देखें :

अग्निपथ योजना रजिस्ट्रेशन

अग्निपथ योजना एडमिट कार्ड

अग्निपथ योजना सिलेबस

अंत में यह जानना भी अत्यधिक आवश्यक है कि निबंध कितने प्रकार के होते हैं। मोटे तौर निबंध को निम्नलिखित श्रेणियों में रखा जाता है-

वर्णनात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है। इसमें त्योहार, यात्रा, आयोजन आदि पर लेखन शामिल है। इनमें घटनाओं का एक क्रम होता है और इस तरह के निबंध लिखने आसान होते हैं।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है। अक्सर ये किसी समस्या – सामाजिक, राजनीतिक या व्यक्तिगत- पर लिखे जाते हैं। विज्ञान वरदान या अभिशाप, राष्ट्रीय एकता की समस्या, बेरोजगारी की समस्या आदि ऐसे विषय हो सकते हैं। इन हिंदी निबंधों (hindi nibandh) में विषय के अच्छे-बुरे पहलुओं पर विचार व्यक्त किया जाता है और समस्या को दूर करने के उपाय भी सुझाए जाते हैं।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है। इनमें कल्पनाशीलता के लिए अधिक छूट होती है। भाव की प्रधानता के कारण इन निबंधों में लेखक की आत्मीयता झलकती है। मेरा प्रिय मित्र, यदि मैं डॉक्टर होता जैसे विषय इस श्रेणी में रखे जा सकते हैं।

इसके साथ ही विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

ये भी पढ़ें-

  • केंद्रीय विद्यालय एडमिशन
  • नवोदय कक्षा 6 प्रवेश
  • एनवीएस एडमिशन कक्षा 9

जिस प्रकार बातचीत को आकर्षक और प्रभावी बनाने के लिए लोग मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविताओं आदि की मदद लेते हैं, ठीक उसी तरह निबंध को भी प्रभावी बनाने के लिए इनकी सहायता ली जानी चाहिए। उदाहरण के लिए मित्रता पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखते समय तुलसीदास जी की इन पंक्तियों की मदद ले सकते हैं -

जे न मित्र दुख होंहि दुखारी, तिन्हिं बिलोकत पातक भारी।

यानि कि जो व्यक्ति मित्र के दुख से दुखी नहीं होता है, उनको देखने से बड़ा पाप होता है।

हिंदी या मातृभाषा पर निबंध लिखते समय भारतेंदु हरिश्चंद्र की पंक्तियों का प्रयोग करने से चार चाँद लग जाएगा-

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल

बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।

प्रासंगिकता और अपने विवेक के अनुसार लेखक निबंधों में ऐसी सामग्री का उपयोग निबंध को प्रभावी बनाने के लिए कर सकते हैं। इनका भंडार तैयार करने के लिए जब कभी कोई पंक्ति या उद्धरण अच्छा लगे, तो एकत्रित करते रहें और समय-समय पर इनको दोहराते रहें।

उपरोक्त सभी प्रारूपों का उपयोग कर छात्रों के लिए हमने निम्नलिखित हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) तैयार किए हैं -

योग के लाभ के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाता है। हमारे हिंदू धर्मग्रंथों में प्राचीन भारतीय योग पद्धति का जिक्र मिलता है। भारत वह देश है जहां योग ने सबसे पहले शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अनुशासन के रूप में लोकप्रियता हासिल की। यह "योज" से लिया गया है, जिसका संस्कृत में अर्थ है "एकजुट होना" और महर्षि पतंजलि को योग के प्रवर्तक के रूप में जाना जाता है। योग के महत्व और फायदों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए इसे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद, 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में निर्धारित किया गया है। इस कार्यक्रम में संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, कनाडा सहित 170 से अधिक देशों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। योग की महत्ता को देखते हुए दुनिया भर में योग के सकारात्मक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत हुई और यह हर साल 21 जून को मनाया जाता है।

15 अगस्त, 1947 को हमारा देश भारत 200 सालों के अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ था। यही वजह है कि यह दिन इतिहास में दर्ज हो गया तथा इसे भारत के स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा। इस दिन देश के प्रधानमंत्री लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते तो हैं ही और साथ ही इसके बाद वे पूरे देश को लालकिले से संबोधित भी करते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री का पूरा भाषण टीवी व रेडियो के माध्यम से पूरे देश में प्रसारित किया जाता है। इसके अलावा देश भर में इस दिन सभी कार्यालयों में छुट्टी होती है। स्कूल्स व कॉलेज में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस से संबंधित संपूर्ण जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी जो निश्चित तौर पर आपके लिए लेख लिखने में सहायक सिद्ध होगी।

सुभाष चंद्र बोस ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सुभाष चंद्र बोस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के नेता थे और बाद में उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया। इसके माध्यम से भारत में सभी ब्रिटिश विरोधी ताकतों को एकजुट करने की पहल की थी। बोस ब्रिटिश सरकार के मुखर आलोचक थे और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए और अधिक आक्रामक कार्रवाई की वकालत करते थे। विद्यार्थियों को अक्सर कक्षा और परीक्षा में सुभाष चंद्र बोस जयंती (subhash chandra bose jayanti) या सुभाष चंद्र बोस पर हिंदी में निबंध (subhash chandra bose essay in hindi) लिखने को कहा जाता है। यहां सुभाष चंद्र बोस पर 100, 200 और 500 शब्दों का निबंध दिया गया है।

भारत में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ। इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस के सम्मान में स्कूलों में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। गणतंत्र दिवस के दिन सभी स्कूलों, सरकारी व गैर सरकारी दफ्तरों में झंडोत्तोलन होता है। राष्ट्रगान गाया जाता है। मिठाईयां बांटी जाती है और अवकाश रहता है। छात्रों और बच्चों के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में गणतंत्र दिवस पर निबंध पढ़ें।

26 जनवरी, 1950 को हमारे देश का संविधान लागू किया गया, इसमें भारत को गणतांत्रिक व्यवस्था वाला देश बनाने की राह तैयार की गई। गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाषण (रिपब्लिक डे स्पीच) देने के लिए हिंदी भाषण की उपयुक्त सामग्री (Republic Day Speech Ideas) की यदि आपको भी तलाश है तो समझ लीजिए कि गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) की आपकी तलाश यहां खत्म होती है। इस राष्ट्रीय पर्व के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक बनाने और उनके ज्ञान को परखने के लिए गणतत्र दिवस पर निबंध (Republic day essay) लिखने का प्रश्न भी परीक्षाओं में पूछा जाता है। इस लेख में दी गई जानकारी की मदद से Gantantra Diwas par nibandh लिखने में भी मदद मिलेगी। Gantantra Diwas par lekh bhashan तैयार करने में इस लेख में दी गई जानकारी की मदद लें और अच्छा प्रदर्शन करें।

मोबाइल फ़ोन को सेल्युलर फ़ोन भी कहा जाता है। मोबाइल आज आधुनिक प्रौद्योगिकी का एक अहम हिस्सा है जिसने दुनिया को एक साथ लाकर हमारे जीवन को बहुत प्रभावित किया है। मोबाइल हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। मोबाइल में इंटरनेट के इस्तेमाल ने कई कामों को बेहद आसान कर दिया है। मनोरंजन, संचार के साथ रोजमर्रा के कामों में भी इसकी अहम भूमिका हो गई है। इस निबंध में मोबाइल फोन के बारे में बताया गया है।

भारत में प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा ने जनभाषा हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया। इस दिन की याद में हर वर्ष 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। वहीं हिंदी भाषा को सम्मान देने के लिए 10 जनवरी को प्रतिवर्ष विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Diwas) मनाया जाता है। इस लेख में राष्ट्रीय हिंदी दिवस (14 सितंबर) और विश्व हिंदी दिवस (10 जनवरी) के बारे में चर्चा की गई है।

दुनिया के कई देशों में मजदूरों और श्रमिकों को सम्मान देने के उद्देश्य से हर वर्ष 1 मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है। इसे लेबर डे, श्रमिक दिवस या मई डे भी कहा जाता है। श्रम दिवस एक विशेष दिन है जो मजदूरों और श्रम वर्ग को समर्पित है। यह मजदूरों की कड़ी मेहनत को सम्मानित करने का दिन है। ज्यादातर देशों में इसे 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है। श्रम दिवस का इतिहास और उत्पत्ति अलग-अलग देशों में अलग-अलग है। विद्यार्थियों को कक्षा में मजदूर दिवस पर निबंध लिखने, मजदूर दिवस पर भाषण देने के लिए कहा जाता है। इस निबंध की मदद से विद्यार्थी अपनी तैयारी कर सकते हैं।

मकर संक्रांति का त्योहार यूपी, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में 14 जनवरी को मनाया जाता है। इसे खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान के बाद पूजा करके दान करते हैं। इस दिन खिचड़ी, तिल-गुड, चिउड़ा-दही खाने का रिवाज है। प्रयागराज में इस दिन से कुंभ मेला आरंभ होता है। इस लेख में मकर संक्रांति के बारे में बताया गया है।

पर्यावरण से संबंधित मुद्दों की चर्चा करते समय ग्लोबल वार्मिंग की चर्चा अक्सर होती है। ग्लोबल वार्मिंग का संबंध वैश्विक तापमान में वृद्धि से है। इसके अनेक कारण हैं। इनमें वनों का लगातार कम होना और ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन प्रमुख है। वनों का विस्तार करके और ग्रीन हाउस गैसों पर नियंत्रण करके हम ग्लोबल वार्मिंग की समस्या के समाधान की दिशा में कदम उठा सकते हैं। ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध- कारण और समाधान में इस विषय पर चर्चा की गई है।

भारत में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है। समाचारों में अक्सर भ्रष्टाचार से जुड़े मामले प्रकाश में आते रहते हैं। सरकार ने भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए कई उपाय किए हैं। अलग-अलग एजेंसियां भ्रष्टाचार करने वालों पर कार्रवाई करती रहती हैं। फिर भी आम जनता को भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है। हालांकि डिजीटल इंडिया की पहल के बाद कई मामलों में पारदर्शिता आई है। लेकिन भ्रष्टाचार के मामले कम हुए है, समाप्त नहीं हुए हैं। भ्रष्टाचार पर निबंध के माध्यम से आपको इस विषय पर सभी पहलुओं की जानकारी मिलेगी।

समय-समय पर ईश्वरीय शक्ति का एहसास कराने के लिए संत-महापुरुषों का जन्म होता रहा है। गुरु नानक भी ऐसे ही विभूति थे। उन्होंने अपने कार्यों से लोगों को चमत्कृत कर दिया। गुरु नानक की तर्कसम्मत बातों से आम जनमानस उनका मुरीद हो गया। उन्होंने दुनिया को मानवता, प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया। भारत, पाकिस्तान, अरब और अन्य जगहों पर वर्षों तक यात्रा की और लोगों को उपदेश दिए। गुरु नानक जयंती पर निबंध से आपको उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की जानकारी मिलेगी।

कुत्ता हमारे आसपास रहने वाला जानवर है। सड़कों पर, गलियों में कहीं भी कुत्ते घूमते हुए दिख जाते हैं। शौक से लोग कुत्तों को पालते भी हैं। क्योंकि वे घर की रखवाली में सहायक होते हैं। बच्चों को अक्सर परीक्षा में मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने को कहा जाता है। यह लेख बच्चों को मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने में सहायक होगा।

स्वामी विवेकानंद जी हमारे देश का गौरव हैं। विश्व-पटल पर वास्तविक भारत को उजागर करने का कार्य सबसे पहले किसी ने किया तो वें स्वामी विवेकानंद जी ही थे। उन्होंने ही विश्व को भारतीय मानसिकता, विचार, धर्म, और प्रवृति से परिचित करवाया। स्वामी विवेकानंद जी के बारे में जानने के लिए आपको इस लेख को पढ़ना चाहिए। यह लेख निश्चित रूप से आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन करेगा।

हम सभी ने "महिला सशक्तिकरण" या नारी सशक्तिकरण के बारे में सुना होगा। "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) समाज में महिलाओं की स्थिति को सुदृढ़ बनाने और सभी लैंगिक असमानताओं को कम करने के लिए किए गए कार्यों को संदर्भित करता है। व्यापक अर्थ में, यह विभिन्न नीतिगत उपायों को लागू करके महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण से संबंधित है। प्रत्येक बालिका की स्कूल में उपस्थिति सुनिश्चित करना और उनकी शिक्षा को अनिवार्य बनाना, महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस लेख में "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) पर कुछ सैंपल निबंध दिए गए हैं, जो निश्चित रूप से सभी के लिए सहायक होंगे।

भगत सिंह एक युवा क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिए लड़ते हुए बहुत कम उम्र में ही अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। देश के लिए उनकी भक्ति निर्विवाद है। शहीद भगत सिंह महज 23 साल की उम्र में शहीद हो गए। उन्होंने न केवल भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, बल्कि वह इसे हासिल करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने को भी तैयार थे। उनके निधन से पूरे देश में देशभक्ति की भावना प्रबल हो गई। उनके समर्थकों द्वारा उन्हें शहीद के रूप में सम्मानित किया गया था। वह हमेशा हमारे बीच शहीद भगत सिंह के नाम से ही जाने जाएंगे। भगत सिंह के जीवन परिचय के लिए अक्सर छोटी कक्षा के छात्रों को भगत सिंह पर निबंध तैयार करने को कहा जाता है। इस लेख के माध्यम से आपको भगत सिंह पर निबंध तैयार करने में सहायता मिलेगी।

वसुधैव कुटुंबकम एक संस्कृत वाक्यांश है जिसका अर्थ है "संपूर्ण विश्व एक परिवार है"। यह महा उपनिषद् से लिया गया है। वसुधैव कुटुंबकम वह दार्शनिक अवधारणा है जो सार्वभौमिक भाईचारे और सभी प्राणियों के परस्पर संबंध के विचार को पोषित करती है। यह वाक्यांश संदेश देता है कि प्रत्येक व्यक्ति वैश्विक समुदाय का सदस्य है और हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, सभी की गरिमा का ध्यान रखने के साथ ही सबके प्रति दयाभाव रखना चाहिए। वसुधैव कुटुंबकम की भावना को पोषित करने की आवश्यकता सदैव रही है पर इसकी आवश्यकता इस समय में पहले से कहीं अधिक है। समय की जरूरत को देखते हुए इसके महत्व से भावी नागरिकों को अवगत कराने के लिए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर निबंध या भाषणों का आयोजन भी स्कूलों में किया जाता है। कॅरियर्स360 के द्वारा छात्रों की इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर यह लेख तैयार किया गया है।

गाय भारत के एक बेहद महत्वपूर्ण पशु में से एक है जिस पर न जाने कितने ही लोगों की आजीविका आश्रित है क्योंकि गाय के शरीर से प्राप्त होने वाली हर वस्तु का उपयोग भारतीय लोगों द्वारा किसी न किसी रूप में किया जाता है। ना सिर्फ आजीविका के लिहाज से, बल्कि आस्था के दृष्टिकोण से भी भारत में गाय एक महत्वपूर्ण पशु है क्योंकि भारत में मौजूद सबसे बड़ी आबादी यानी हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए गाय आस्था का प्रतीक है। ऐसे में विद्यालयों में गाय को लेकर निबंध लिखने का कार्य दिया जाना आम है। गाय के इस निबंध के माध्यम से छात्रों को परीक्षा में पूछे जाने वाले गाय पर निबंध को लिखने में भी सहायता मिलेगी।

क्रिसमस (christmas in hindi) भारत सहित दुनिया भर में मनाए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है। प्रत्येक वर्ष इसे 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस का महत्व समझाने के लिए कई बार स्कूलों में बच्चों को क्रिसमस पर निबंध (christmas in hindi) लिखने का कार्य दिया जाता है। क्रिसमस पर एग्जाम के लिए प्रभावी निबंध तैयार करने का तरीका सीखें।

रक्षाबंधन हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व पूरी तरह से भाई और बहन के रिश्ते को समर्पित त्योहार है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षाबंधन बांध कर उनके लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहनों को कोई तोहफा देने के साथ ही जीवन भर उनके सुख-दुख में उनका साथ देने का वचन देते हैं। इस दिन छोटी बच्चियाँ देश के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को राखी बांधती हैं। रक्षाबंधन पर हिंदी में निबंध (essay on rakshabandhan in hindi) आधारित इस लेख से विद्यार्थियों को रक्षाबंधन के त्योहार पर न सिर्फ लेख लिखने में सहायता प्राप्त होगी, बल्कि वे इसकी सहायता से रक्षाबंधन के पर्व का महत्व भी समझ सकेंगे।

होली त्योहार जल्द ही देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला है। होली आकर्षक और मनोहर रंगों का त्योहार है, यह एक ऐसा त्योहार है जो हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन की सीमा से परे जाकर लोगों को भाई-चारे का संदेश देता है। होली अंदर के अहंकार और बुराई को मिटा कर सभी के साथ हिल-मिलकर, भाई-चारे, प्रेम और सौहार्द्र के साथ रहने का त्योहार है। होली पर हिंदी में निबंध (hindi mein holi par nibandh) को पढ़ने से होली के सभी पहलुओं को जानने में मदद मिलेगी और यदि परीक्षा में holi par hindi mein nibandh लिखने को आया तो अच्छा अंक लाने में भी सहायता मिलेगी।

दशहरा हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। बच्चों को विद्यालयों में दशहरा पर निबंध (Essay in hindi on Dussehra) लिखने को भी कहा जाता है, जिससे उनकी दशहरा के प्रति उत्सुकता बनी रहे और उन्हें दशहरा के बारे पूर्ण जानकारी भी मिले। दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख में हम देखेंगे कि लोग दशहरा कैसे और क्यों मनाते हैं, इसलिए हिंदी में दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।

हमें उम्मीद है कि दीवाली त्योहार पर हिंदी में निबंध उन युवा शिक्षार्थियों के लिए फायदेमंद साबित होगा जो इस विषय पर निबंध लिखना चाहते हैं। हमने नीचे दिए गए निबंध में शुभ दिवाली त्योहार (Diwali Festival) के सार को सही ठहराने के लिए अपनी ओर से एक मामूली प्रयास किया है। बच्चे दिवाली पर हिंदी के इस निबंध से कुछ सीख कर लाभ उठा सकते हैं कि वाक्यों को कैसे तैयार किया जाए, Class 1 से 10 तक के लिए दीपावली पर निबंध हिंदी में तैयार करने के लिए इसके लिंक पर जाएँ।

बाल दिवस पर भाषण (Children's Day Speech In Hindi), बाल दिवस पर हिंदी में निबंध (Children's Day essay In Hindi), बाल दिवस गीत, कविता पाठ, चित्रकला, खेलकूद आदि से जुड़ी प्रतियोगिताएं बाल दिवस के मौके पर आयोजित की जाती हैं। स्कूलों में बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस पर हिंदी में निबंध लिखने के लिए उपयोगी सामग्री इस लेख में मिलेगी जिसकी मदद से बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस के लिए निबंध तैयार करने में मदद मिलेगी। कई बार तो परीक्षाओं में भी बाल दिवस पर लेख लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। इसमें भी यह लेख मददगार होगा।

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। भारत देश अनेकता में एकता वाला देश है। अपने विविध धर्म, संस्कृति, भाषाओं और परंपराओं के साथ, भारत के लोग सद्भाव, एकता और सौहार्द के साथ रहते हैं। भारत में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं में, हिंदी सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली और बोली जाने वाली भाषा है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में अपनाया गया था। हमारी मातृभाषा हिंदी और देश के प्रति सम्मान दिखाने के लिए हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है। हिंदी दिवस पर भाषण के लिए उपयोगी जानकारी इस लेख में मिलेगी।

हिन्दी में कवियों की परम्परा बहुत लम्बी है। हिंदी के महान कवियों ने कालजयी रचनाएं लिखी हैं। हिंदी में निबंध और वाद-विवाद आदि का जितना महत्व है उतना ही महत्व हिंदी कविताओं और कविता-पाठ का भी है। हिंदी दिवस पर विद्यालय या अन्य किसी आयोजन पर हिंदी कविता भी चार चाँद लगाने का काम करेगी। हिंदी दिवस कविता के इस लेख में हम हिंदी भाषा के सम्मान में रचित, हिंदी का महत्व बतलाती विभिन्न कविताओं की जानकारी दी गई है।

प्रदूषण पृथ्वी पर वर्तमान के उन प्रमुख मुद्दों में से एक है, जो हमारी पृथ्वी को व्यापक स्तर पर प्रभावित कर रहा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो लंबे समय से चर्चा में है, 21वीं सदी में इसका हानिकारक प्रभाव बड़े पैमाने पर महसूस किया जा रहा है। हालांकि विभिन्न देशों की सरकारों ने इन प्रभावों को रोकने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं, लेकिन अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना बाकी है। इससे कई प्राकृतिक प्रक्रियाओं में गड़बड़ी आती है। इतना ही नहीं, आज कई वनस्पतियां और जीव-जंतु या तो विलुप्त हो चुके हैं या विलुप्त होने की कगार पर हैं। प्रदूषण की मात्रा में तेजी से वृद्धि के कारण पशु तेजी से न सिर्फ अपना घर खो रहे हैं, बल्कि जीने लायक प्रकृति को भी खो रहे हैं। प्रदूषण ने दुनिया भर के कई प्रमुख शहरों को प्रभावित किया है। इन प्रदूषित शहरों में से अधिकांश भारत में ही स्थित हैं। दुनिया के कुछ सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली, कानपुर, बामेंडा, मॉस्को, हेज़, चेरनोबिल, बीजिंग शामिल हैं। हालांकि इन शहरों ने प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ और बहुत ही तेजी के साथ किए जाने की जरूरत है।

वायु प्रदूषण पर हिंदी में निबंध के ज़रिए हम इसके बारे में थोड़ा गहराई से जानेंगे। वायु प्रदूषण पर लेख (Essay on Air Pollution) से इस समस्या को जहाँ समझने में आसानी होगी वहीं हम वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार पहलुओं के बारे में भी जान सकेंगे। इससे स्कूली विद्यार्थियों को वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution) तैयार करने में भी मदद होगी। हिंदी में वायु प्रदूषण पर निबंध से परीक्षा में बेहतर स्कोर लाने में मदद मिलेगी।

एक बड़े भू-क्षेत्र में लंबे समय तक रहने वाले मौसम की औसत स्थिति को जलवायु की संज्ञा दी जाती है। किसी भू-भाग की जलवायु पर उसकी भौगोलिक स्थिति का सर्वाधिक असर पड़ता है। पृथ्वी ग्रह का बुखार (तापमान) लगातार बढ़ रहा है। सरकारों को इसमें नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त कदम उठाने होंगे। जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए सरकारों को सतत विकास के उपायों में निवेश करने, ग्रीन जॉब, हरित अर्थव्यवस्था के निर्माण की ओर आगे बढ़ने की जरूरत है। पृथ्वी पर जीवन को बचाए रखने, इसे स्वस्थ रखने और ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से निपटने के लिए सभी देशों को मिलकर ईमानदारी से काम करना होगा। ग्लोबल वार्मिंग या जलवायु परिवर्तन पर निबंध के जरिए छात्रों को इस विषय और इससे जुड़ी समस्याओं और समाधान के बारे में जानने को मिलेगा।

हमारी यह पृथ्वी जिस पर हम सभी निवास करते हैं इसके पर्यावरण के संरक्षण के लिए विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1972 में मानव पर्यावरण पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन के दौरान हुई थी। पहला विश्व पर्यावरण दिवस (Environment Day) 5 जून 1974 को “केवल एक पृथ्वी” (Only One Earth) स्लोगन/थीम के साथ मनाया गया था, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने भी भाग लिया था। इसी सम्मलेन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की भी स्थापना की गई थी। इस विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) को मनाने का उद्देश्य विश्व के लोगों के भीतर पर्यावरण (Environment) के प्रति जागरूकता लाना और साथ ही प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करना भी है। इसी विषय पर विचार करते हुए 19 नवंबर, 1986 को पर्यवरण संरक्षण अधिनियम लागू किया गया तथा 1987 से हर वर्ष पर्यावरण दिवस की मेजबानी करने के लिए अलग-अलग देश को चुना गया।

आज के युग में जब हम अपना अधिकतर समय पढाई पर केंद्रित करने का प्रयास करते नजर आते हैं और साथ ही अपना ज़्यादातर समय ऑनलाइन रह कर व्यतीत करना पसंद करते हैं, ऐसे में हमारे जीवन में खेलों का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। खेल हमारे लिए केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं, अपितु हमारे सर्वांगीण विकास का एक माध्यम भी है। हमारे जीवन में खेल उतना ही जरूरी है, जितना पढाई करना। आज कल के युग में मानव जीवन में शारीरिक कार्य की तुलना में मानसिक कार्य में बढ़ोतरी हुई है और हमारी जीवन शैली भी बदल गई है, हम रात को देर से सोते हैं और साथ ही सुबह देर से उठते हैं। जाहिर है कि यह दिनचर्या स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं है और इसके साथ ही कार्य या पढाई की वजह से मानसिक तनाव पहले की तुलना में वृद्धि महसूस की जा सकती है। ऐसी स्थिति में जब हमारे जीवन में शारीरिक परिश्रम अधिक नहीं है, तो हमारे जीवन में खेलो का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है।

  • यूपी बोर्ड कक्षा 10वीं सिलेबस 2024
  • यूपी बोर्ड 12वीं सिलेबस 2024
  • आरबीएसई 10वीं का सिलेबस 2023

हमेशा से कहा जाता रहा है कि ‘आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है’, जैसे-जैसे मानव की आवश्यकता बढती गई, वैसे-वैसे उसने अपनी सुविधा के लिए अविष्कार करना आरंभ किया। विज्ञान से तात्पर्य एक ऐसे व्यवस्थित ज्ञान से है जो विचार, अवलोकन तथा प्रयोगों से प्राप्त किया जाता है, जो कि किसी अध्ययन की प्रकृति या सिद्धांतों की जानकारी प्राप्त करने के लिए किए जाते हैं। विज्ञान शब्द का प्रयोग ज्ञान की ऐसी शाखा के लिए भी किया जाता है, जो तथ्य, सिद्धांत और तरीकों का प्रयोग और परिकल्पना से स्थापित और व्यवस्थित करता है।

शिक्षक अपने शिष्य के जीवन के साथ साथ उसके चरित्र निर्माण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। कहा जाता है कि सबसे पहली गुरु माँ होती है, जो अपने बच्चों को जीवन प्रदान करने के साथ-साथ जीवन के आधार का ज्ञान भी देती है। इसके बाद अन्य शिक्षकों का स्थान होता है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण करना बहुत ही बड़ा और कठिन कार्य है। व्यक्ति को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उसके चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण करना भी उसी प्रकार का कार्य है, जैसे कोई कुम्हार मिट्टी से बर्तन बनाने का कार्य करता है। इसी प्रकार शिक्षक अपने छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के साथ साथ उसके व्यक्तित्व का निर्माण भी करते हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 1908 में हुई थी, जब न्यूयॉर्क शहर की सड़को पर हजारों महिलाएं घंटों काम के लिए बेहतर वेतन और सम्मान तथा समानता के अधिकार को प्राप्त करने के लिए उतरी थीं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का प्रस्ताव क्लारा जेटकिन का था जिन्होंने 1910 में यह प्रस्ताव रखा था। पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में मनाया गया था।

हम उम्मीद करते हैं कि स्कूली छात्रों के लिए तैयार उपयोगी हिंदी में निबंध, भाषण और कविता (Essays, speech and poems for school students) के इस संकलन से निश्चित तौर पर छात्रों को मदद मिलेगी।

  • आरबीएसई 12वीं का सिलेबस
  • एमपी बोर्ड 10वीं सिलेबस
  • एमपी बोर्ड 12वीं सिलेबस

बाल श्रम को बच्चो द्वारा रोजगार के लिए किसी भी प्रकार के कार्य को करने के रूप में परिभाषित किया गया है जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा डालता है और उन्हें मूलभूत शैक्षिक और मनोरंजक जरूरतों तक पहुंच से वंचित करता है। एक बच्चे को आम तौर व्यस्क तब माना जाता है जब वह पंद्रह वर्ष या उससे अधिक का हो जाता है। इस आयु सीमा से कम के बच्चों को किसी भी प्रकार के जबरन रोजगार में संलग्न होने की अनुमति नहीं है। बाल श्रम बच्चों को सामान्य परवरिश का अनुभव करने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने और उनके शारीरिक और भावनात्मक विकास में बाधा के रूप में देखा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें बाल श्रम या फिर कहें तो बाल मजदूरी पर निबंध।

एपीजे अब्दुल कलाम की गिनती आला दर्जे के वैज्ञानिक होने के साथ ही प्रभावी नेता के तौर पर भी होती है। वह 21वीं सदी के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक हैं। कलाम देश के 11वें राष्ट्रपति बने, अपने कार्यकाल में समाज को लाभ पहुंचाने वाली कई पहलों की शुरुआत की। मेरा प्रिय नेता विषय पर अक्सर परीक्षा में निबंध लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें अपने प्रिय नेता: एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध।

हमारे जीवन में बहुत सारे लोग आते हैं। उनमें से कई को भुला दिया जाता है, लेकिन कुछ का हम पर स्थायी प्रभाव पड़ता है। भले ही हमारे कई दोस्त हों, उनमें से कम ही हमारे अच्छे दोस्त होते हैं। कहा भी जाता है कि सौ दोस्तों की भीड़ के मुक़ाबले जीवन में एक सच्चा/अच्छा दोस्त होना काफी है। यह लेख छात्रों को 'मेरे प्रिय मित्र'(My Best Friend Nibandh) पर निबंध तैयार करने में सहायता करेगा।

3 फरवरी, 1879 को भारत के हैदराबाद में एक बंगाली परिवार ने सरोजिनी नायडू का दुनिया में स्वागत किया। उन्होंने कम उम्र में ही कविता लिखना शुरू कर दिया था। उन्होंने कैम्ब्रिज में किंग्स कॉलेज और गिर्टन, दोनों ही पाठ्यक्रमों में दाखिला लेकर अपनी पढ़ाई पूरी की। जब वह एक बच्ची थी, तो कुछ भारतीय परिवारों ने अपनी बेटियों को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। हालाँकि, सरोजिनी नायडू के परिवार ने लगातार उदार मूल्यों का समर्थन किया। वह न्याय की लड़ाई में विरोध की प्रभावशीलता पर विश्वास करते हुए बड़ी हुई। सरोजिनी नायडू से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इस लेख को पढ़ें।

  • 12वीं के बाद यूपीएससी की तैयारी कैसे करें?
  • 10वीं क्लास से नीट की तैयारी कैसे करें?
  • 12वीं के बाद नीट के बिना किए जा सकने वाले मेडिकल कोर्स

Frequently Asked Question (FAQs)

किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है- ये हैं- प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार (conclusion)।

हिंदी निबंध लेखन शैली की दृष्टि से मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं-

वर्णनात्मक हिंदी निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है।

विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

निबंध में समुचित जगहों पर मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविता का प्रयोग करके इसे प्रभावी बनाने में मदद मिलती है। हिंदी निबंध के प्रभावी होने पर न केवल बेहतर अंक मिलेंगी बल्कि असल जीवन में अपनी बात रखने का कौशल भी विकसित होगा।

कुछ उपयोगी विषयों पर हिंदी में निबंध के लिए ऊपर लेख में दिए गए लिंक्स की मदद ली जा सकती है।

निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति निबंध है।

  • Latest Articles
  • Popular Articles

Upcoming School Exams

Punjab board of secondary education 10th examination.

Admit Card Date : 24 June,2024 - 17 July,2024

Punjab Board of Secondary Education 12th Examination

Admit Card Date : 24 June,2024 - 20 July,2024

Indian School Certificate 12th Examination

Admit Card Date : 26 June,2024 - 16 July,2024

Himachal Pradesh Board of Secondary Education 12th Examination

Exam Date : 01 July,2024 - 18 July,2024

Jharkhand Academic Council 12th Examination

Admit Card Date : 02 July,2024 - 16 July,2024

Applications for Admissions are open.

Aakash iACST Scholarship Test 2024

Aakash iACST Scholarship Test 2024

Get up to 90% scholarship on NEET, JEE & Foundation courses

JEE Main Important Physics formulas

JEE Main Important Physics formulas

As per latest 2024 syllabus. Physics formulas, equations, & laws of class 11 & 12th chapters

JEE Main Important Chemistry formulas

JEE Main Important Chemistry formulas

As per latest 2024 syllabus. Chemistry formulas, equations, & laws of class 11 & 12th chapters

TOEFL ® Registrations 2024

TOEFL ® Registrations 2024

Accepted by more than 11,000 universities in over 150 countries worldwide

PTE Exam 2024 Registrations

PTE Exam 2024 Registrations

Register now for PTE & Save 5% on English Proficiency Tests with ApplyShop Gift Cards

JEE Main high scoring chapters and topics

JEE Main high scoring chapters and topics

As per latest 2024 syllabus. Study 40% syllabus and score upto 100% marks in JEE

Explore on Careers360

  • Board Exams
  • Navodaya Vidyalaya
  • NCERT Solutions for Class 10
  • NCERT Solutions for Class 9
  • NCERT Solutions for Class 8
  • NCERT Solutions for Class 6

NCERT Exemplars

  • NCERT Exemplar
  • NCERT Exemplar Class 9 solutions
  • NCERT Exemplar Class 10 solutions
  • NCERT Exemplar Class 11 Solutions
  • NCERT Exemplar Class 12 Solutions
  • NCERT Books for class 6
  • NCERT Books for class 7
  • NCERT Books for class 8
  • NCERT Books for class 9
  • NCERT Books for Class 10
  • NCERT Books for Class 11
  • NCERT Books for Class 12
  • NCERT Notes for Class 9
  • NCERT Notes for Class 10
  • NCERT Notes for Class 11
  • NCERT Notes for Class 12
  • NCERT Syllabus for Class 6
  • NCERT Syllabus for Class 7
  • NCERT Syllabus for class 8
  • NCERT Syllabus for class 9
  • NCERT Syllabus for Class 10
  • NCERT Syllabus for Class 11
  • NCERT Syllabus for Class 12
  • CBSE Date Sheet
  • CBSE Syllabus
  • CBSE Admit Card
  • CBSE Result
  • CBSE Result Name and State Wise
  • CBSE Passing Marks

CBSE Class 10

  • CBSE Board Class 10th
  • CBSE Class 10 Date Sheet
  • CBSE Class 10 Syllabus
  • CBSE 10th Exam Pattern
  • CBSE Class 10 Answer Key
  • CBSE 10th Admit Card
  • CBSE 10th Result
  • CBSE 10th Toppers
  • CBSE Board Class 12th
  • CBSE Class 12 Date Sheet
  • CBSE Class 12 Admit Card
  • CBSE Class 12 Syllabus
  • CBSE Class 12 Exam Pattern
  • CBSE Class 12 Answer Key
  • CBSE 12th Result
  • CBSE Class 12 Toppers

CISCE Board 10th

  • ICSE 10th time table
  • ICSE 10th Syllabus
  • ICSE 10th exam pattern
  • ICSE 10th Question Papers
  • ICSE 10th Result
  • ICSE 10th Toppers
  • ISC 12th Board
  • ISC 12th Time Table
  • ISC Syllabus
  • ISC 12th Question Papers
  • ISC 12th Result
  • IMO Syllabus
  • IMO Sample Papers
  • IMO Answer Key
  • IEO Syllabus
  • IEO Answer Key
  • NSO Syllabus
  • NSO Sample Papers
  • NSO Answer Key
  • NMMS Application form
  • NMMS Scholarship
  • NMMS Eligibility
  • NMMS Exam Pattern
  • NMMS Admit Card
  • NMMS Question Paper
  • NMMS Answer Key
  • NMMS Syllabus
  • NMMS Result
  • NTSE Application Form
  • NTSE Eligibility Criteria
  • NTSE Exam Pattern
  • NTSE Admit Card
  • NTSE Syllabus
  • NTSE Question Papers
  • NTSE Answer Key
  • NTSE Cutoff
  • NTSE Result

Schools By Medium

  • Malayalam Medium Schools in India
  • Urdu Medium Schools in India
  • Telugu Medium Schools in India
  • Karnataka Board PUE Schools in India
  • Bengali Medium Schools in India
  • Marathi Medium Schools in India

By Ownership

  • Central Government Schools in India
  • Private Schools in India
  • Schools in Delhi
  • Schools in Lucknow
  • Schools in Kolkata
  • Schools in Pune
  • Schools in Bangalore
  • Schools in Chennai
  • Schools in Mumbai
  • Schools in Hyderabad
  • Schools in Gurgaon
  • Schools in Ahmedabad
  • Schools in Uttar Pradesh
  • Schools in Maharashtra
  • Schools in Karnataka
  • Schools in Haryana
  • Schools in Punjab
  • Schools in Andhra Pradesh
  • Schools in Madhya Pradesh
  • Schools in Rajasthan
  • Schools in Tamil Nadu
  • NVS Admit Card
  • Navodaya Result
  • Navodaya Exam Date
  • Navodaya Vidyalaya Admission Class 6
  • JNVST admit card for class 6
  • JNVST class 6 answer key
  • JNVST class 6 Result
  • JNVST Class 6 Exam Pattern
  • Navodaya Vidyalaya Admission
  • JNVST class 9 exam pattern
  • JNVST class 9 answer key
  • JNVST class 9 Result

Download Careers360 App's

Regular exam updates, QnA, Predictors, College Applications & E-books now on your Mobile

student

Certifications

student

We Appeared in

Economic Times

close menu

Class 7 Hindi Grammar Chapter 38 निबंध लेखन

essay in hindi class 7

Class 7 Hindi Grammar Chapter 38 निबंध लेखन (Nibandh Lekhan). Hindi Vyakaran contents are in updated format according to CBSE Curriculum 2024-25. Sample Nibandh are given below so that students can take the hints from these Nibandh. State board students also take the benefits of these grammar contents for class 7 as it is based on State board Syllabus also.

  • कक्षा 7 के लिए हिन्दी व्याकरण – निबंध लेखन
कक्षा: 7 हिन्दी व्याकरण
अध्याय: 38 निबंध लेखन

निबंध का अर्थ है-बँधा हुआ। किसी विषय पर अपने मन के भावों या विचारों को नियंत्रित ढंग से लिखना निबंध कहलाता है। निबंध किसी विषय-विशेष पर केंद्रित वाक्य-संरचना होती है। निबंध-लेखन से पहले यह सुनिश्चित कर लेना होता है कि हम इस विषय पर क्या कहना चाहते हैं। अपने विचारों को पहले बिंदुओं में विभाजित कर लेना चाहिए, फिर अपनी बात को विस्तार देना चाहिए। किसी विषय पर अपने मन के भावों या विचारों को नियंत्रित ढंग से लिखना निबंध कहलाता है। निबंध लिखते समय भाव-सामग्री को सुंदर ढंग से प्रस्तुत करना चाहिए। इसकी भाषा सरल, प्रवाहमयी, सरस व रोचक होनी चाहिए। निबंध लिखते समय दिए गए विषय के सभी पक्षों पर क्रमानुसार प्रकाश डालना चाहिए। सामाजिक, राजनैतिक तथा आर्थिक विषयों पर लिखे गए गंभीर लेख भी निबंध की श्रेणी में ही आते हैं। साहित्यिक लेख भी निबंध कहे जा सकते हैं, परंतु उनकी भाषा शैली अधिक आकर्षक होती है। निबंध-लेखन के संबंध में ध्यान देने योग्य बिंदु निम्नलिखित हैं:

  • 1. सबसे पहले विषय पर समग्र विचार करके बिंदुओं को मन में बिठा लेना चाहिए।
  • 2. इसे प्रभावपूर्ण बनाने के लिए छोटे-छोटे वाक्यों का प्रयोग करना चाहिए।
  • 3. भाषा सरस व सुबोध होनी चाहिए जो पढ़ने वाले को रुचिकर लगे।
  • 4. इसकी शैली रोचक होनी चाहिए जो पढ़ने वाले पर प्रभाव डाल सके।
  • 5. इसकी भाषा में विराम-चिह्नों का समुचित प्रयोग होना चाहिए।
  • 6. मुहावरों के प्रयोग से भी निबंध सशक्त बनता है। इससे निबंध की भाषा शैली में निखार आता है और वह रोचक बन जाता है।

एक अच्छे निबंध के मुख्य रूप से तीन भाग होते हैं:

  • आरंभ, भूमिका या प्रस्तावना
  • मध्य भाग या कलेवर
  • उपसंहार, निष्कर्ष या अंत

निबंध की शुरुआत भूमिका या प्रस्तावना से ही होनी चाहिए। इसे अधिक विस्तार नहीं देना चाहिए। इसे लिखते समय दिए गए विषय से नहीं हटना चाहिए।

इस भाग में दिए गए विषय के सभी पहलुओं पर विचार करना चाहिए। विषय से संबंधित सभी बिंदुओं का क्रमानुसार वर्णन इसी भाग के अंतर्गत आता है। छोटे-छोटे वाक्यों में विषय के बिंदुओं को पिरोना चाहिए। भाषा सरल एवं सहज रखनी चाहिए।

इस भाग में निबंध का सार तथा निष्कर्ष लिखना चाहिए। इसे अधिक विस्तार नहीं देना चाहिए। आइए, विविध विषयों पर दिए गए निबंधों को पढ़ें और लिखने का अभ्यास करें

महाकवि कालिदास की एक प्रसिद्ध सूक्ति है-“शरीर मायं खलु धर्मसाधनम्।” अर्थात् धर्म का पहला साधन शरीर है। स्वस्थ हो तो वह सभी धर्मों का निर्वाह कर सकता है। स्वस्थ व बल-संपन्न शरीर का स्वामी ही जीवन में सफलता के शिखर पर पहुँच सकता है। समाज में जिसकी लाठी उसकी भैंस का सिद्धांत ही सदा से प्रचलन में रहा है। शक्तिशाली ही पृथ्वी पर राज्य करता है। सारांश यह है कि शारीरिक बल की बड़ी महिमा है और शारीरिक बल का प्रमुख साधन है-व्यायाम। वे सभी विशिष्ट शारीरिक क्रियाएँ जो शरीर को स्वस्थ व चुस्त-दुरुस्त बनाती हैं, व्यायाम कही जाती हैं। व्यायाम के अनेक भेद हैं। विभिन्न प्रकार के आसन, दंड, बैठक, घुड़सवारी, तैराकी आदि ऐसे व्यायाम हैं, जिन्हें व्यक्ति किसी अन्य की सहायता के बिना अकेला ही कर सकता है। लेकिन हॉकी, कबड्डी, कुश्ती आदि व्यायाम के ऐसे प्रकार हैं जिनमें अन्य व्यक्ति अथवा व्यक्तियों की सहायता आवश्यक होती है।

शारीरिक स्वास्थ्य के लिए व्यायाम अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। व्यायाम करने से व्यक्ति क्रियाशील बना रहता है तथा उसका शरीर सुडौल व सुगठित बना रहता है। रक्त-संचार तथा पाचन शक्ति ठीक रखने में व्यायाम सर्वाधिक सहायक होता है। व्यायामशील व्यक्ति सभी प्रकार के शारीरिक रोगों से मुक्त रहता है। व्यायाम न करने से मनुष्य को अनेक प्रकार की शारीरिक व्याधियाँ (बीमारियाँ)घेर लेती हैं। पाचन शक्ति का बिगड़ जाना, शरीर के जोड़ों में पीड़ा होना, पेट का बढ़ जाना, माँसपेशियों का लटक जाना, सिर में पीड़ा होना आदि शारीरिक कष्ट व्यायाम न करने से हो जाते हैं। व्यायाम से होने वाले लाभों तथा व्यायाम न करने से होने वाली हानियों को देखते हुए यह आवश्यक है कि व्यायाम के विविध साधनों का समुचित विकास किया जाए।

बाल, युवा और वृद्ध सभी की अपनी-अपनी शारीरिक क्षमताएँ और सीमाएँ होती हैं। अतः यह आवश्यक है कि ऐसी व्यायामशालाओं तथा व्यायाम-साधनों का विकास किया जाए जो हर आयु वर्ग के मनुष्यों के अनुकूल हों। छात्रों के लिए स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर व्यायामशालाओं की व्यवस्था की जा सकती है तथा अन्यों के लिए सार्वजनिक पार्कों आदि में व्यायाम के साधन जुटाए जा सकते हैं। शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ नागरिक ही किसी समाज या राष्ट्र की समृद्धि का आधार बनते हैं। अतः आवश्यक है कि हम अपने देश के नागरिकों में व्यायाम के लिए रुचि उत्पन्न करें ताकि वे शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहकर देश के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा सकें।

भारत एक विशाल देश है। यह कटक से कच्छ तक, कश्मीर से कन्याकुमारी तक फैला हुआ है। यह प्रदेशों तथा केंद्रशासित प्रदेशों से मिलकर राष्ट्र का रूप धारण करता है। उसमें भिन्न-भिन्न जातियों, धर्मों, रीति-रिवाजों के लोग रहते हैं। यह देश एक ऐसे हार की भाँति है जिसके रंग-बिरंगे फूलों के समान राज्यों, लोगों को एकता के सूत्र में पिरोया गया है। अनेकता में एकता इस राष्ट्र की विशेषता है। देश का इतिहास इस बात का साक्षी है कि जब कभी विघटनकारी शक्तियों ने अपना सिर उठाया-कभी धर्म, कभी जाति, कभी भाषा तो कभी प्रांत के नाम पर घृणा को उभारा-हमारी एकता को कमजोर करने का प्रयत्न किया तो हमें बहुत हानि उठानी पड़ी। अंग्रेजों द्वारा “फूट डालो, राज करो” की नीति से इस देश का विभाजन किया गया। आज भी कश्मीर समस्या मुँह बाए खड़ी है। राष्ट्र की उन्नति उसकी एकता पर आधारित होती है। आज इस एकता में कई बाधक तत्व स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। धार्मिक कट्टरता और सांप्रदायिकता के विष जैसी संकुचित भावना ने हमारे देश को कई बार कमज़ोर करने का प्रयत्न किया है। पाकिस्तान का प्रमाण हमारे सामने स्पष्ट है। यही धार्मिक कट्टरता आज देश को कमज़ोर कर रही है। कश्मीर समस्या तथा अन्य सांप्रदायिक झगड़ों के लिए राजनैतिक दल भी जिम्मेदार हैं।

हम भारतवासियों को राष्ट्रीय एकता के बल पर बाधक तत्वों को मुँह-तोड़ जवाब देना चाहिए। राष्ट्रीय एकता में बाधक तत्वों में भाषा समस्या का विशेष हाथ है। इस आधार पर पंजाब व हरियाणा का निर्माण हुआ। गुजरात और महाराष्ट्र की एकता में दरार पड़ सकती है। यदि हम भारतीय भाषाओं में एकता के दर्शन करें तो भावात्मक एकता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। हमारे ग्रंथ, समाज, संस्कृति तथा भाषा सबको एक लड़ी में पिरोने का काम कर रहे हैं। प्रांतीयता और जातिवाद हमारे राष्ट्र की एक ऐसी समस्या है जिसके कारण हमारे देश को बहुत हानि हुई है। इन्हीं के कारण भारत को विविधताओं का देश भी कहकर पुकारा जाता है। हम सब भारतीयों को मिल-जुलकर रहना चाहिए तथा सरकार के साथ मिलकर इस समस्या को सुलझाना चाहिए ताकि राष्ट्रीय एकता बनी रहे।

हम स्वार्थ, त्याग, धैर्य, सत्य, सहनशीलता, प्रेम, भाईचारे के बल पर अपने देश में राष्ट्रीय एकता को मजबूत करके अच्छे राष्ट्र, प्रांत या समाज के लिए संगठित रहें। हममें उतनी जागरूकता होनी चाहिए कि शत्रु पर कब और कितनी शक्ति के साथ लोहा लेना है। राष्ट्रीय एकता और एकजुटता के साथ हम अपने देश के सामने आने वाली समस्याओं का दृढ़ता के साथ मुकाबला करें। मिल-जुलकर रहते हुए एक-दूसरे की भलाई को ध्यान में रखकर जीने को एकता कहते हैं। यही एकता जब राज्यों या प्रातों में झलकती है तो वह भावनात्मक या राष्ट्रीय एकता कहलाती है। राष्ट्रीय एकता शक्ति को प्रकट करती है। वर्तमान काल में प्रत्येक कठिनाई एकता अर्थात् शक्ति से हल की जा सकती है। अतः हमें छोटी-छोटी बातें भूलकर अपनी तथा देश की भलाई के लिए राष्ट्रीय एकता बनाए रखनी चाहिए।

भारत-भूमि स्वर्ग के समान सुंदर है। यहाँ छह ऋतुएँ बारी-बारी से आकर प्रकृति का श्रृंगार करती हैं। प्रत्येक ऋतु का अपना-अपना महत्त्व है। इन सभी ऋतुओं में बसंत को “ऋतु राज” कहा गया है। बसंत ऋतु सचमुच प्रकृति का यौवन है। इस ऋतु में जिधर भी दृष्टि जाती है, पृथ्वी यौवन के भार से दबी प्रतीत होती है। बसंत ऋतु फरवरी-मार्च के महीनों में आती है। इन दिनों में शरद ऋतु का प्रभाव कम हो जाता है तथा न अधिक गर्मी पड़ती है और न अधिक सर्दी। इस ऋतु में दिन-रात लगभग बराबर होते हैं। शरद ऋतु की कड़ाके की सर्दी को धरती की हरियाली सहन नहीं कर पाती।

फूल मुरझा जाते हैं और पत्ते पीले पड़ जाते हैं। हेमंत ऋतु में पतझड़ होता है तथा पत्ते झड़ जाते हैं। इसके बाद ऋतुराज बसंत का आगमन होता है। पृथ्वी का रोम-रोम सिहर उठता है। समस्त प्रकृति में माधुर्य एवं सुंदरता भर जाती है। पेड़ों पर नए-नए पत्ते निकल आते हैं। आम पर सुनहरा बौर आ जाता है तथा कोयल की कूक सुनाई देने लगती है। उद्यानों में रंग-बिरंगे फूल अपनी सुंदरता बिखेरते हैं तथा भौरे और रंग-बिरंगी तितलियाँ उनके आस-पास मँडराने लगती हैं। ऐसा लगता है मानो वे उनके साथ अठखेलियाँ कर रही हों। सरसों के फूलों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानो पृथ्वी ने पीली चादर ओढ़ ली हो। यह ऋतु स्वास्थ्य के लिए अत्यंत उत्तम है। इस ऋतु में शीतल एवं सुगंधित पवन चलती है जिसमें भ्रमण करने से उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। इस ऋतु में शरीर में नए रक्त का संचार होता है।

बसंत ऋतु का आरंभ बसंत पंचमी के त्योहार से होता है। कहा जाता है कि इसी दिन ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी। यह त्योहार समस्त उत्तर भारत में हर्ष एवं उल्लास से मनाया जाता है। बसंत पंचमी को ही ज्ञान की देवी सरस्वती जी का जन्म हुआ था। इसी दिन वीर हकीकत राय ने हिंदू धर्म की बलिवेदी पर अपने प्राणों की बलि दी थी। इस दिन लोग पीले वस्त्र धारण करते हैं। सरस्वती-पूजन करते हैं तथा पीला हलुआ बाँटते हैं। स्थान-स्थान पर बसंत मेलों का आयोजन किया जाता है। “पतंग-उड़ाना” भी इस दिन का महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम होता है। बसंत वास्तव में ऋतुओं का राजा है। प्रकृति का कोना-कोना रोमांचित तथा पुलकित लगता है। मानो यह ऋतुराज का स्वागत कर रहा हो। बसंत के सौंदर्य से प्रेरणा पाकर ही भगत सिंह ने गाया था, “मेरा रंग दे बसंती चोला।“ कवियों ने बसंत ऋतु की प्रशंसा में अनेक कविताएँ लिखी हैं। बसंत उत्साह, उमंग, स्फूर्ति, चेतना एवं उल्लास की ऋतु है।

मनुष्य अपने जीवन का प्रत्येक क्षण आनंद और उल्लास से बिताना चाहता है। वह स्वभाव से विनोदप्रिय प्राणी है। वैसे तो सभी त्योहार जीवन में नया उल्लास व नई उमंग भरते हैं लेकिन विशेष रूप से होली हर्ष और आनंद का त्योहार है। यह आशा और आनंद का त्योहार है। इसे सभी जातियों के लोग बड़े प्रेम से मनाते हैं। होली के त्योहार का संबंध पौराणिक कथा के साथ जुड़ा हुआ है।

कहा जाता है कि सतयुग में हिरण्यकश्यप नाम का एक अत्यंत बलवान, अहंकारी और दुष्ट नास्तिक राजा था। वह अपने-आपको ईश्वर समझता था। उसने अपने राज्य में यह घोषणा करवा दी थी कि कोई भी भगवान की पूजा न करे। सभी उसी की उपासना करें। प्रजा डर के मारे उसकी पूजा करने लगी। परंतु उसका अपना पुत्र प्रहलाद ईश्वर-भक्त था। गुस्से में आकर पिता ने पुत्र को मार डालने के लिए अपनी बहन होलिका की शरण ली। होलिका प्रहलाद को गोदी में लेकर जलती आग में बैठ गई। देखते-ही-देखते होलिका जलकर भस्म हो गई और प्रहलाद का बाल भी बाँका न हुआ। यह कथा सच्ची है अथवा कल्पित इसे कह नहीं सकते। परंतु इससे यह पता चलता है कि पाप और अत्याचार की सदा पराजय होती है और न्याय, धर्म तथा सत्य की विजय होती है। होली के दूसरे दिन लोग सवेरे-सवेरे रंग-गुलाल लेकर निकल पड़ते हैं। लोग पिचकारियों से रंग छोड़ने जाते हैं। एक-दूसरे के गले मिलते हैं। इस प्रकार सारा दिन मौज और मस्ती में गुजरता है।

परंतु आजकल होली के इस पवित्र त्योहार में कुछ बुराइयाँ पैदा हो गई हैं। लोग अक्सर शराब पीने लगे हैं। इस त्योहार से गलत परंपराएँ जुड़ती जा रही हैं। लोग रंग-गुलाल की जगह पेंट-वार्निश, कीचड़ आदि का प्रयोग करने लगे हैं जिससे यह भय का पर्व बन गया है। होली भारत का सांस्कृतिक त्योहार है। यह सांप्रदायिक एकता का प्रतीक है। दुर्व्यसनों में पड़कर हमें त्योहार के वास्तविक महत्त्व को नहीं भूलना चाहिए। हमें होली इस तरह मनानी चाहिए जिससे अपने साथ-साथ सभी को आनंद मिले। तभी हम इस उत्सव की सांस्कृतिक गरिमा को बनाए रख सकते हैं।

दिल्ली एक महानगर है जिसकी जनसंख्या एक करोड़ से भी अधिक है। दिल्ली वासियों के समक्ष यातायात की समस्या बनी रहती है। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए 24 दिसम्बर 2002 को दिल्ली मेट्रो का शुभारंभ किया गया। प्रारंभिक चरण में यह सेवा शाहदरा से तीस हजारी तक थी जिसकी लंबाई 8.3 कि. मी. है। तत्पश्चात् इस सेवा का विस्तार विश्वविद्यालय, रिठाला, द्वारिका तथा केन्द्रीय सचिवालय तक कर दिया गया। इस योजना के विस्तार का कर्म युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। इसे नौएडा, गुड़गाँव, वैशाली, फरीदाबाद तथा अन्य कई स्थानों तक पहुँचा दिया गया है।

दिल्ली की मेट्रो सेवा दुनिया की आधुनिकतम सेवा है। इसके सभी दरवाजे स्वचालित हैं। इसकी यात्रा के लिए स्वचालित किराया वसूली प्रणाली को अपनाया गया है। यह सेवा या तो भूमिगत है या खंबों के ऊपर ताकि वर्तमान यातायात व्यवस्था में कोई रुकावट न आ सके। इसके कोच में 80 से 100 यात्री सफर कर सकते हैं तथा कोच पूर्णतः वातानुकूलित हैं। मेट्रो रेल में यात्रियों की प्रत्येक सुविधा का ध्यान रखा गया है। स्टेशन परिसरों में खाद्य वस्तुओं, दवाइयों, अखबारों आदि की सुविधा के लिए बूथ बनाए गए हैं। यात्रा के लिए स्मार्ट कार्ड तथा टोकन लेने की व्यवस्था की गई है। यह सारा काम स्वचालित ढंग से संपन्न किया जाता है।

मेट्रो रेल से यात्रा अत्यंत सुरक्षित, सुविधाजनक, प्रदूषण रहित, समय की बचत एवं कम खर्च वाली है। इस व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए हमें पूर्ण सहयोग देना चाहिए। इससे प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी, समय की बचत होगी तथा हम उन्नति की राह पर चलेंगे। हमें इस बात का गर्व होना चाहिए कि हम विश्वस्तरीय सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं।

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का बड़ा महत्त्व है। आज का विद्यार्थी राष्ट्र का भावी निर्माता है। वैसे तो व्यक्ति जीवन-भर कुछ न कुछ सीखता ही रहता है, लेकिन विद्यार्थी जीवन में व्यक्ति जो कुछ भी सीखता है, उसी पर उसका भावी जीवन निर्भर होता है। विद्यार्थी और अनुशासन का आपस में गहरा संबंध है। बिना अनुशासित हुए विद्यार्थी ठीक से विद्या ग्रहण नहीं कर पाता। अनुशासन ही उन्नति का द्वार है। अनुशासित व्यक्ति के मन की चंचलता समाप्त हो जाती है। उसकी शक्तियों का दुरुपयोग नहीं हो पाता। अतः वह दिन दूनी, रात चौगुनी उन्नति करने लगता है।

आजकल हमारी नवयुवा पीढ़ी अनुशासन से विमुख हो रही है। यह बहुत ही चिंता का विषय है। आज शिक्षण-संस्थाओं का भी प्रबंध अच्छा नहीं है। अध्ययन के लिए उपयोगी सुविधाएँ भी उपलब्ध नहीं हैं। इस कारण छात्रों में पढ़ाई के प्रति उदासीनता बढ़ती जा रही है। छात्रों में अनुशासनहीनता पनपने के कई कारण हैं- अभिभावकों और शिक्षकों के बीच संपर्क का अभाव, अध्यापकों का अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक न रहना आदि ऐसे कई कारण हैं जिनसे छात्रों में अनुशासनहीनता पनपने लगी है।

अनुशासनहीनता बहुत हद तक दूर हो सकती है। जैसे- शिक्षा पद्धति में परिवर्तन करके ऐसी शिक्षा जिसमें विद्यार्थियों का नैतिक, चारित्रिक विकास हो सके, ऐसी शिक्षा जिसमें विद्यार्थी जीविकोपार्जन के योग्य बन सकें, होनी चाहिए। इन सबसे विद्यार्थियों में असंतोष बहुत हद तक दूर हो जाएगा। उनमें अनुशासन के प्रति लगाव उत्पन्न होगा। अभिभावक और अध्यापक दोनों मिलकर छात्रों के नैतिक सुधार की ओर विशेष रूप से ध्यान देंगे। अंत में, कहा जा सकता है कि यदि हमें राष्ट्र को अनुशासित बनाना है तो नई पीढ़ी को अपने छात्र जीवन से ही अनुशासन का पाठ पढ़ाना होगा। उसी पर स्वस्थ समाज और दृढ़ राष्ट्र की नींव डाली जा सकती है।

लेखन तथा गणना के क्षेत्र में विगत पाँच दशकों में आश्चर्यजनक प्रगति हुई है। कंप्यूटर भी इन्हीं आश्चर्यजनक आविष्कारों में से एक है। आज दफ्तरों, स्टेशनों, बड़ी-बड़ी कंपनियों, टेलीफोन एक्सचेंजों आदि अन्य अनेक ऐसे कल-कारखानों में जहाँ गणना करने अथवा काफी मात्रा में छपाई का काम करने की जरूरत होती है, वहाँ भी कंप्यूटर लगाए गए हैं ताकि मानवों की संख्या में कटौती की जा सके। कंप्यूटर अब वह काम भी करने लगे हैं जो मानव के लिए काफी श्रम-साध्य तथा समय लेने लगे हैं। वैसे तो कंप्यूटर का इतिहास काफी प्राचीन माना जा सकता है। कुछ लोगों का अनुमान है कि मानव ने लगभग 25000 वर्ष पहले वस्तुओं को गिनना सीखा होगा और तभी से कंप्यूटर के आविष्कार की नींव पड़ी होगी। किंतु यह कहना कहाँ तक तर्कसंगत है। गिनने के लिए उस समय कंकड़-पत्थर, लकीरों अथवा अन्य किन्हीं सहज उपलब्ध वस्तुओं को उसने अपनाया होगा। कंप्यूटर की पहली परिकल्पना सन् 1642 में साकार हुई जब जर्मन वैज्ञानिक ब्लेज पॉस्कल ने संसार का पहला सरल कंप्यूटर तैयार किया था। इस कंप्यूटर में ऐसी कोई खास जटिलता नहीं थी, फिर भी अपने समय में यह आम लोगों के लिए एक कौतूहल का विषय अवश्य था।

वर्तमान कंप्यूटर डॉ. हरमन के प्रयासों का अति आधुनिक विकसित रूप है।कंप्यूटर का निरंतर विकास हो रहा है। ई. सी. जी., रोबोट, मानसिक कंपन, रक्तचाप तथा न जाने कितने जीवन-रक्षक कार्यों के लिए कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है। अमेरिका, फ्रांस, जर्मन, रूस, हालैंड, स्वीडन, ग्रेट ब्रिटेन जैसे-स्मृद्ध देशों में इसका स्थान मनुष्य के दूसरे दिमाग के रूप में माना जाता है। भारत में भी कंप्यूटर विज्ञान की निरंतर प्रगति होती जा रही है। अब भारत भी इस क्षेत्र में समुन्नत देशों की बराबरी करने लगा है। कंप्यूटर एक जटिल गणना प्रणाली का नाम है। इस प्रणाली के अनेक रूप हैं। वर्ड प्रोसेसर, इलेक्ट्रॉनिक टाइपराइटर तथा उसमें मेमॉरी आदि का प्रावधान कंप्यूटर चालन के सिद्धांतों पर आधारित है। कल-पुर्जे तैयार करने, डाक छाँटने, रेल पथ संचालन हेतु संकेत देने, अंतरिक्ष अनुसंधान, वायुयान की गति, ऊँचाई आदि का निर्देशन, टिकट बाँटने, मुद्रण, वीडियो खेल आदि अनेकानेक कार्यों के लिए कंप्यूटर का प्रयोग बढ़ता ही जा रहा है।

हमारे देश में सर्वप्रथम सन् 1961 में कंप्यूटर आया था। तब से आज तक अनेक समुन्नत देशों से प्राप्त जानकारी हमारे लिए काफी लाभप्रद सिद्ध हुई है। अब हम स्वदेश में ही अनेक प्रकार के कंप्यूटर बनाने में सक्षम होते जा रहे हैं। हजारों की संख्या में, विविध कार्यों के लिए कंप्यूटरों का सहारा लिया जा रहा है। बिजली के बिल, वेतन बिल, टिकट वितरण तथा बैंकिग कार्यों के लिए कंप्यूटरों का उपयोग निरंतर बढ़ता जा रहा है। संघ लोक सेवा आयोग तथा विविध परीक्षा बोर्डों में बैठने वाले सहस्रों लोगों की अंक-तालिकाएँ, रोल नंबर आदि तैयार करना कंप्यूटर की वजह से ही सुसाध्य तथा संभव हो सका है।

आज कंप्यूटर के विविध तथा बहुक्षेत्रीय उपयोग हो रहे हैं। भारत में कंप्यूटर कितने लाभप्रद तथा कितने अलाभकारी हैं- इस पर भी विचार करना जरूरी है। यह बात तो हमें स्वीकार कर ही लेनी चाहिए कि कंप्यूटर भी मानव-निर्मित उपकरण है, जिसमें आंकड़े, सूचनाएँ, अंक, हिसाब-किताब आदि मानव द्वारा ही भरे जाते हैं। अतः यदि मानव से कोई त्रुटि हो जाए तो वह कंप्यटूर में बार-बार तब तक होती रहेगी जब तक वह सुधारी न जाए। अतः यह कहना कि कंप्यूटर गलती नहीं करता, एक गंभीर तथ्य को अस्वीकार करना है। हमारा देश निर्धन देश है जहाँ प्रतिवर्ष हजारों नहीं लाखों की संख्या में बेकार युवक बढ़ते जा रहे हैं। बेकारी घटने का उचित तरीका तो यही होगा कि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार दिया जाए। उन्हें विविध उत्पादक कार्यों में लगाया जाए ताकि देश में युवा लोगों का उपयोग हो सके।

कंप्यूटर विज्ञान का उपहार है जिसे प्रयोग न करना आज के युग में संभव नहीं है। इसलिए कंप्यूटरीकरण भी आज समय की माँग बन चुका है। भारत में लगभग सभी निजी व्यावसायिक संस्थानों, बैंकों, कई सरकारी संस्थानों व सेवाओं को कंप्यूटरीकृत किया जा चुका है। भविष्य में भी यह उन्नति जारी होगी।

देशभक्ति का शाब्दिक अर्थ है- देश के प्रति प्रेम, उसके प्रति अनुराग। ये धरती ऊँची पर्वतश्रेणियाँ, ये खेत-खलिहान यही सब कुछ मिलकर देश बनता है! पर देश का सच्चा स्वरूप उसके रोड़े-पत्थरों में नहीं है, वह उसके निवासियों में विद्यमान है। जो व्यक्ति देशभक्त होता है, वह अपने व्यक्तिगत हितों, अपने परिवार के हितों, अपने नगरवासियों के हितों और अपने देश के लोगों के हितों की रक्षा अवश्य करता है। किंतु जहाँ देशहित पर आँच आती है, वहाँ वह अपने सर्वहितों का विचार एकदम भूल जाता है। देशभक्त के सामने सबसे ऊपर एक ही विचार रहता है और वह है देश का विचार। इसके अनेक पहलू उसकी आँखों के सामने रहते हैं- देश की एकता, देश का गौरव, देश का सम्मान, देश की समृद्धि और देश की निरंतर प्रगति। देशभक्त किसी की बपौती नहीं है। इसके लिए न धनी होना आवश्यक है न शक्तिशाली होना। धनी या निर्धन, शक्तिशाली या निर्बल हरेक व्यक्ति देशभक्त हो सकता है। देशभक्ति का संबंध मनुष्य की भावना से है। जिसके मन में राष्ट्रहित की जितनी प्रबल भावना होती है वह उतना ही बड़ा देशभक्त है।

सामान्य अवस्था में देशभक्ति की भावना को समझने से पूर्व इतना जान लेना आवश्यक है कि देशभक्ति एक तरह से कर्तव्य का ही दूसरा नाम है। दूसरे शब्दों में, अच्छा नागरिक अच्छा देशभक्त हो सकता है। सामान्य स्थिति में कर्तव्य की भावना का स्तर मंद अथवा शांत रहता है। वही विशेष स्थिति में, अर्थात् संकट की घड़ी में अधिक मुखर हो जाता है। ऐसा आदर्श नागरिक जो राष्ट्र के प्रति वफादार हो, सच्चे अर्थों में देशभक्त कहा जाएगा। जो व्यक्ति देश के गौरव और सम्मान को अपना गौरव और अपना सम्मान समझता है, वह बड़ा देशभक्त है। इसके विपरीत, जो देश के गौरव और सम्मान को अपना गौरव, सम्मान नहीं समझता, वह उतना ही बड़ा देशद्रोही है। जो सैनिक देश की शत्रुओं से रक्षा करता है, वह सच्चा देशभक्त है। जो किसान निष्ठा के साथ अन्न और धान्य उपजाकर देशभर का भरण-पोषण करता है, वह सच्चा देशभक्त है। जो उद्योगपति, मिल-मालिक अथवा व्यापारी ईमानदारी से धन संग्रह करता है, वह देशभक्त है। मिल-मजदूर, फैक्ट्री का कर्मचारी या दुकान का नौकर जब ईमानदारी से अपना काम करता है तो वह भी देशभक्त का दर्जा पाने का अधिकारी है। यदि वह परिवार के निजी हितों को, समाज के लिए पारिवारिक हितों को और राष्ट्र के लिए निजी, पारिवारिक और सामाजिक हितों को गौण समझता है तो वह सच्चा देशभक्त है। जो अध्यापक छात्रों को बिना भेदभाव के विद्यादान देता है, सच्चा राष्ट्रसेवक है।

इसी प्रकार किसी भी पेशे का व्यक्ति, जिसे अपने देश से प्यार है और जो देश के प्रति अपने कर्तव्यों को पूरा करने से नहीं चूकता, देश का सच्चा सेवक होता है। एक रेलवे इंजन-ड्राइवर, एक बस-कंडक्टर, एक क्लर्क, एक पोस्टमेन, एक दुकानदार, एक जमादार, जो लोग ईमानदारी से अपने-अपने काम को अंजाम देते हैं- ये सभी के सभी परोक्ष रूप में देश की महान सेवा करते हैं। अभिप्राय यह है कि अपनी निष्ठा के रहते, चपरासी भी महान देशभक्त होता है, और देश के प्रति अपने उत्तरदायित्व से भ्रष्ट होकर मंत्री तक भी देशद्रोही की संज्ञा पा सकता है। हम अपने प्रति सच्चे रहें, अपने कुल-परिवार के लिए सच्चे रहें और इससे बढ़कर हम अपने देश के प्रति सच्चे रहें; यही देश-प्रेम का महान आदर्श है। सभी भेदभाव भुलाकर, सभी पूर्वाग्रहों को मन से निकालकर अपने देशवासियों के प्रति हमारे मन में भाईचारे की भावना जागृत हो; यही सच्चे राष्ट्र-प्रेम की निशानी है। हमारा देश एकजुट होकर उन्नति करे, हमारे देश का नाम अमर रहे, हमारा झंडा ऊँचा रहे। हम किसी से दबें नहीं, हम किसी से झुकें नहीं। भले ही हमारे धर्म और संप्रदाय अलग-अलग हैं, हमारे गाँव, नगर और प्रदेश अलग-अलग हैं, पर हम सब एक महान देश के नागरिक हैं। हम अपने देश के प्रति सच्चे रहेंगे- यह भावना देशभक्ति की ही भावना है। बच्चो, आप भी बड़े होकर ईमानदारी से काम करना। ऐसा कोई काम न करना जिससे हमारे देश को हानि हो। तब तुम भी देशभक्त कहलाओगे।

हमारा देश भारत बहुत बड़ा है। आकार को ध्यान में रखते हुए इस देश की जनसंख्या कहीं ज्यादा है। यह चीन के बाद सबसे अधिक आबादी वाला राष्ट्र है। भारत में इस समय भी आवास, भोजन, रोजगार की काफी कमी है। यही नहीं हवा, पानी जैसी प्रकृति-प्रदत्त सुविधाएँ भी निरंतर प्रदूषित होती जा रही हैं। प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है। प्रत्येक देश के लिए उतनी ही जनसंख्या काफी होती है जितनी कि रहने के लिए आवास, भोजन, वस्त्र तथा रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। देशवासियों की खुशहाली से एक अच्छी सामाजिक व्यवस्था सुदृढ़ होती है। देश में महँगाई, बेरोजगारी, गरीबी एवं चरित्र का गिरना यह सूचित करता है कि हम अपनी बढ़ती हुई जनसंख्या की थाड़ा भी परवाह नहीं कर रहे हैं।

जिन देशों की सीमाएँ लंबी-चौड़ी हैं, उनके पास भू-भाग बहुत हैं तथा वन-संपदा एवं भू-संपदा की कमी नहीं है। उन देशों में यदि जनसंख्या बढ़ती है तो कोई चिंता की बात नहीं है। किंतु जहाँ स्थिति विपरीत हो वहाँ नागरिकों तथा सरकार का यह सबसे पहला कर्तव्य होता है कि पूरे मन से जनसंख्या में हो रही वृद्धि को नैतिक, प्राकृतिक एवं वृहत्रिम उपायों से जरूर रोका जाए। कुछ अन्य देश ऐसे हैं जिनकी जनसंख्या ज्यादा है, जैसे जापान, इंग्लैड आदि। किंतु इन छोटे-छोटे देशों ने उद्योग धंधे के क्षेत्र में इतनी अधिक प्रगति कर ली है कि उन्हें जनसंख्या की वृद्धि की ज्यादा चिंता नहीं है। इसके अतिरिक्त व्हाँ के लोग जनसंख्या को नियंत्रित करने में अपना योगदान देते हैं। हमारे देश में संसाधनों में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत जो वृद्धि हो रही है, जनसंख्या में वृद्धि उससे कहीं ज्यादा हो रही है। यदि इसी रफ्तार से वृद्धि होती रही तो संसाधनों की कमी पड़ जाएगी।

जनसंख्या में होने वाली वृद्धि से जो समस्याएँ पैदा होती हैं, वे अलग-अलग प्रकार की होती हैं। इसके अलावा 0-7 वर्ष के आयु वर्ग में 15,78,63,145 बच्चे हैं। क्या उनके लिए दूध एवं खाद्य पदार्थों की जरूरत नहीं पड़ेगी? कपड़ा आवास, औषधियाँ बच्चों के लिए जरूरी होते हैं। साधन न होने से इनकी कमी कैसे पूरी की जा सकेगी? जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए सरकार तथा जनता दोनों को मिलकर काम करना होगा, तभी इसमें सफलता मिल पाएगी। प्रत्येक पंचवर्षीय योजना में परिवार नियोजन के लिए अपार धनराशि निर्धारित करनी पड़ेगी। गर्भ निरोधक औषधियाँ, स्वास्थ्य संबंधी परामर्श की व्यवस्था इतने अंतर पर करनी चाहिए ताकि दंपतियों तथा छोटे बच्चों को उचित सलाह लेने के लिए भागना न पड़े।

सरकारी लाभों को सीमित करके जैसे सरकार की तरफ से ऐसा ऐलान होना चाहिए कि राशन, चिकित्सा, ऋण आदि की सुविधाएँ केवल उन दंपतियों को मिलेंगी जिनकी केवल दो संतानें होंगी। सरकारी नौकरी में भी उन्हीं को तरक्की दी जानी चाहिए जिनके दो से अधिक बच्चे न हों। यदि इस प्रकार के कुछ नियम बनाए जाएँ तथा कुछ अवरोध लगाया जाए, तो एक दशक के भीतर जनसंख्या को काफी सीमा तक काबू किया जा सकता है।

Class 7 Hindi Grammar Chapter 38 निबंध लेखन

Copyright 2024 by Tiwari Academy | A step towards Free Education

google-news

Self Studies

  • Andhra Pradesh
  • Chhattisgarh
  • West Bengal
  • Madhya Pradesh
  • Maharashtra
  • Jammu & Kashmir
  • NCERT Books 2022-23
  • NCERT Solutions
  • NCERT Notes
  • NCERT Exemplar Books
  • NCERT Exemplar Solution
  • States UT Book
  • School Kits & Lab Manual
  • NCERT Books 2021-22
  • NCERT Books 2020-21
  • NCERT Book 2019-2020
  • NCERT Book 2015-2016
  • RD Sharma Solution
  • TS Grewal Solution
  • TR Jain Solution
  • Selina Solution
  • Frank Solution
  • Lakhmir Singh and Manjit Kaur Solution
  • I.E.Irodov solutions
  • ICSE - Goyal Brothers Park
  • ICSE - Dorothy M. Noronhe
  • Micheal Vaz Solution
  • S.S. Krotov Solution
  • Evergreen Science
  • KC Sinha Solution
  • ICSE - ISC Jayanti Sengupta, Oxford
  • ICSE Focus on History
  • ICSE GeoGraphy Voyage
  • ICSE Hindi Solution
  • ICSE Treasure Trove Solution
  • Thomas & Finney Solution
  • SL Loney Solution
  • SB Mathur Solution
  • P Bahadur Solution
  • Narendra Awasthi Solution
  • MS Chauhan Solution
  • LA Sena Solution
  • Integral Calculus Amit Agarwal Solution
  • IA Maron Solution
  • Hall & Knight Solution
  • Errorless Solution
  • Pradeep's KL Gogia Solution
  • OP Tandon Solutions
  • Sample Papers
  • Previous Year Question Paper
  • Important Question
  • Value Based Questions
  • CBSE Syllabus
  • CBSE MCQs PDF
  • Assertion & Reason
  • New Revision Notes
  • Revision Notes
  • Question Bank
  • Marks Wise Question
  • Toppers Answer Sheets
  • Exam Paper Aalysis
  • Concept Map
  • CBSE Text Book
  • Additional Practice Questions
  • Vocational Book
  • CBSE - Concept
  • KVS NCERT CBSE Worksheets
  • Formula Class Wise
  • Formula Chapter Wise
  • JEE Previous Year Paper
  • JEE Mock Test
  • JEE Crash Course
  • JEE Sample Papers
  • Important Info
  • SRM-JEEE Previous Year Paper
  • SRM-JEEE Mock Test
  • VITEEE Previous Year Paper
  • VITEEE Mock Test
  • BITSAT Previous Year Paper
  • BITSAT Mock Test
  • Manipal Previous Year Paper
  • Manipal Engineering Mock Test
  • AP EAMCET Previous Year Paper
  • AP EAMCET Mock Test
  • COMEDK Previous Year Paper
  • COMEDK Mock Test
  • GUJCET Previous Year Paper
  • GUJCET Mock Test
  • KCET Previous Year Paper
  • KCET Mock Test
  • KEAM Previous Year Paper
  • KEAM Mock Test
  • MHT CET Previous Year Paper
  • MHT CET Mock Test
  • TS EAMCET Previous Year Paper
  • TS EAMCET Mock Test
  • WBJEE Previous Year Paper
  • WBJEE Mock Test
  • AMU Previous Year Paper
  • AMU Mock Test
  • CUSAT Previous Year Paper
  • CUSAT Mock Test
  • AEEE Previous Year Paper
  • AEEE Mock Test
  • UPSEE Previous Year Paper
  • UPSEE Mock Test
  • CGPET Previous Year Paper
  • Crash Course
  • Previous Year Paper
  • NCERT Based Short Notes
  • NCERT Based Tests
  • NEET Sample Paper
  • Previous Year Papers
  • Quantitative Aptitude
  • Numerical Aptitude Data Interpretation
  • General Knowledge
  • Mathematics
  • Agriculture
  • Accountancy
  • Business Studies
  • Political science
  • Enviromental Studies
  • Mass Media Communication
  • Teaching Aptitude
  • Verbal Ability & Reading Comprehension
  • Logical Reasoning & Data Interpretation
  • NAVODAYA VIDYALAYA
  • SAINIK SCHOOL (AISSEE)
  • Mechanical Engineering
  • Electrical Engineering
  • Electronics & Communication Engineering
  • Civil Engineering
  • Computer Science Engineering
  • CBSE Board News
  • Scholarship Olympiad
  • School Admissions
  • Entrance Exams
  • All Board Updates
  • Miscellaneous
  • State Wise Books
  • Engineering Exam

CBSE Class 7 Hindi Sample Paper 2023-24 PDF (Free Download)

Free pdf download.

SHARING IS CARING If our Website helped you a little, then kindly spread our voice using Social Networks. Spread our word to your readers, friends, teachers, students & all those close ones who deserve to know what you know now.

Scoring high marks in CBSE Class 7 Hindi is not tough if one prepares for the exam properly. Students should finish their Hindi syllabus earlier and then practice CBSE Class 7 Hindi Sample Paper to understand the important aspects of question papers.

Our subject matter experts analyse the CBSE Class 7 Hindi Syllabus, previous year question papers, and refer to the chapter’s end questions to develop the CBSE Class 7 Hindi Sample Paper. It is one of the best study tools that help class 7 students to prepare for their Hindi exam. 

Here on this page, we have mentioned the class 7 CBSE sample paper Hindi, so that students can download them and use them to solve various sets of questions to develop a strong base in the Hindi subject to perform score better marks in the exam.

Sample Question Paper for Class 7 CBSE Hindi with Solutions

To tackle the difficult questions and to cross check the written answers, Sample Question Paper for Class 7 CBSE Hindi with Solutions are ideal. Because subject experts have prepared the solutions in an easy to understand manner where each Hindi question has been solved in step by step method.

The solution is also very helpful in solving those Hindi questions where students feel stuck. In other words, the Sample Question Paper for Class 7 CBSE Hindi with Solutions is an ultimate study resource that allows students to prepare well for their upcoming annual examination. Every single student of CBSE Class 7 should refer to the sample question papers with solutions, during the classroom or final exam preparation. In the given list here, we have CBSE class 7 Hindi sample paper available for free of cost along with the answers.

CBSE Class 7 Hindi Sample Papers 2021 Set - 1

CBSE Class 7 Hindi Sample Papers  2021 Set - 2

CBSE Class 7 Hindi Sample Papers  2021 Set - 3

Set Wise Sample Question Paper for Class 7 Hindi

Students shouldn’t suffer while accessing and solving the Sample Question Paper for Class 7 Hindi, therefore, here at Selfstudys, we have mentioned the Set Wise Sample Question Paper for Class 7 Hindi. These sample question papers help students to solve as many questions as possible.

Along with that, practicing these sample papers enable the students to build confidence and be prepared for the Hindi examination to score higher marks. Links to download class 7 CBSE sample paper Hindi are available here in this page.

Why Does Someone Need CBSE Class 7 Hindi Sample Paper?

Those who want to understand their level of exam preparation and want to practice lots of Hindi questions can refer to the CBSE class 7 Hindi sample paper. It is also ideal for the students who want to level up their grip in Class 7 Hindi topics. 

However, the CBSE Class 7 Hindi Sample Paper is most importantly a requirement for the students who are preparing for their SA1, SA2 or annual exam. It is their requirement because solving the sample question papers of Class 7 Hindi help them to understand the exam pattern, marking scheme and the question’s type. 

Is It Worth To Use CBSE Class 7 Hindi Sample Paper PDF?

Yes, it is worth using CBSE Class 7 Hindi Sample Paper PDF as it allows students to be thorough with the actual annual exam questions. Referring to the class 7 CBSE sample paper Hindi is also worthy as it helps students to grab all the fundamental details about the Hindi exam.

Also, referring to the CBSE Class 7 Hindi Sample Paper PDF, helps students to deal with all kinds of expected questions.

How to Download CBSE Class 7 Hindi Sample Paper?

The download process of CBSE Class 7 Hindi Sample Paper is very simple - follow the step by step method below, to download the Class 7 Hindi Sample Papers in PDF file format.

  • Open Selfstudys website in your browser

CBSE Class 7 Hindi Sample Paper, CBSE Class 7 Hindi Sample Paper 2022-23, CBSE Class 7 Hindi Sample Paper PDF

  • Hover over the “ CBSE” , a popup will appear where you need to click on Sample papers 
  • Just after clicking on sample papers, a new page will open where you have to click on Class “ 7th ”; like this 👇

CBSE Class 7 Hindi Sample Paper, CBSE Class 7 Hindi Sample Paper 2022-23, CBSE Class 7 Hindi Sample Paper PDF

  • Now, you can click on Hindi to download CBSE Class 7 Hindi Sample Papers for Free in set wise format.

Use CBSE Class 7 Hindi Sample Paper To Know About Question Papers Before Appearing in the Exam

In order to appear in the final examination, all Class 7 students should be able to optimise their time. Also, they should have a proper understanding of the questions types, which is possible by solving or practising the CBSE Class 7 Hindi sample papers.

Therefore, solving the CBSE Class 7 Hindi Sample Paper before appearing in the exam is important and it is advised too.

Benefits of Practicing CBSE Class 7 Sample Paper of Hindi

During the annual exam preparation, students should look for all kinds of study materials that can help them in the preparation process. Class 7 CBSE sample paper Hindi is one of those study resources that benefits students when they are doing the last minute exam preparation. A few benefits a student will get from Practicing CBSE Class 7 Sample Paper of Hindi are -

  • A quick revision to the CBSE Class 7 Syllabus
  • A thorough practice to the std 7 Hindi questions
  • An opportunity for free self-evaluation

Study Tips for Final Exam Preparation Using Sample Question Paper for Class 7 CBSE Hindi with Solutions

In this section, we will cover a few study tips for the final exam preparation using sample question paper for class 7 CBSE Hindi with solutions. Following these study tips students can enhance their learning as well as they will get a roadmap to cover their syllabus and CBSE class 7 sample paper Hindi to perform better in the final exam -

  • Note down all the chapters and subtopics you need to cover in Class 7 Hindi.
  • Read every single chapter thoroughly as questions in class 7 CBSE sample paper Hindi can be asked from anywhere from the chapter.
  • Solve chapter’s end questions simultaneously so that answering the questions in the actual exam can be less hectic.
  • Once everything is done including, a thorough revision and syllabus completion, solving CBSE class 7 Hindi sample paper is advised.
  • While solving the Hindi questions from Class 7 Sample papers, referring to the sample question paper for class 7 CBSE Hindi with solutions are suggested as it will help in cross-checking the answers and assist in understanding the methods to solve the questions.

Manipal MET 2024 Application (Released) (All Pages)

  • NCERT Solutions for Class 12 Maths
  • NCERT Solutions for Class 10 Maths
  • CBSE Syllabus 2023-24
  • Social Media Channels
  • Login Customize Your Notification Preferences

essay in hindi class 7

  • Second click on the toggle icon

essay in hindi class 7

Provide prime members with unlimited access to all study materials in PDF format.

Allow prime members to attempt MCQ tests multiple times to enhance their learning and understanding.

Provide prime users with access to exclusive PDF study materials that are not available to regular users.

essay in hindi class 7

essay in hindi class 7

निबंध लेखन हिंदी में – Essay writing in Hindi Topics for class 10, 9

Essay writing definition, tips, examples, निबंध लेखन की परिभाषा, निबंध लेखन के उदाहरण.

  निबंध लेखन Essay Writing in Hindi – इस लेख में हम निबंध लेखन के बारे में जानेंगे। निबंध होता क्या है? निबंध के मुख्य अंग कौन-कौन से हैं? पाठ्यक्रम में निबन्ध-लेखन को क्यों जोड़ा गया है? निबंध कितनी प्रकार के होते हैं और उन्हें लिखते समय किन विभागों में बाँटना चाहिए जिससे उन्हें लिखने में आसानी हो? निबंध को लिखते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? इन सभी प्रश्नों को जब आप अच्छे से समझ जाएँगे, तो आपको कभी भी किसी भी निबंध को लिखने में कोई भी परेशानी नहीं होगी।

निबंध (Essay)

निबंध की परिभाषा (definition of essay), निबंध के विषय (essay topics in hindi), निबंध के अंग (parts of an essay), निबंध के प्रकार (types of essays).

कई बार लोगों द्वारा यह प्रश्न पूछा जाता है कि आखिर निबंध क्या है? और निबंध की परिभाषा क्या है? वास्तव में निबंध एक प्रकार की गद्य रचना होती है। जिसे क्रमबद्ध तरीके से लिखा गया हो।

निबंध किसी भी विषय के मुख्य विचार और नज़रिए का एक सुव्यवस्थित रूप है । निबंध किसी एक विशेष विषय पर आधारित होता है। निबंध जानकारी, विचार या भावनाओं के संचार का एक प्रबल माध्यम है । निबंध के द्वारा व्यक्ति अपने विचारों का संचार करने में समर्थ हो सकता है। निबंध लेखन आपको एक ऐसा सुअवसर प्रदान करता है, जिससे आप अपने ज्ञान को दूसरों के सम्मुख प्रकट करते हैं।    Top   Related – Essays in Hindi  

अपने मानसिक भावों या विचारों को संक्षिप्त रूप से तथा नियन्त्रित ढंग से लिखना ‘निबन्ध’ कहलाता है। दूसरे शब्दों में – किसी विषय पर अपने भावों को पूर्ण रूप से क्रमानुसार लिपिबद्ध करना ही ‘निबंध’ कहलाता है।

‘निबंध’ शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है- नि + बंध। इसका अर्थ है भली प्रकार से बंधी हुई रचना। अर्थात वह रचना जो विचारपूर्वक, क्रमबद्ध रूप से लिखी गई हो। इसके आधार पर हम सरल शब्दों में कह सकते हैं – ‘निबंध वह गद्य रचना है, जो किसी विषय पर क्रमबद्ध रूप से लिखी गई हो।’    Top   Related – Soil Pollution Essay in Hindi  

साधारण रूप से निबंध के विषय परिचित विषय होते हैं, यानी जिनके बारे में हम सुनते, देखते व पढ़ते रहते हैं; जैसे – धार्मिक त्योहार, राष्ट्रीय त्योहार, विभिन्न प्रकार की समस्याएँ, मौसम आदि। जीवन के सभी क्षेत्रों में सफल विचार-विमर्श के लिए हमें श्रेष्ठ निबंध लेखन की आवश्वयकता होती है। निबंध‍ किसी भी विषय पर लिखा जा सकता है। आज सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और वैज्ञानिक विषयों पर निबंध लिखे जा रहे हैं। संसार का हर विषय, हर वस्तु, व्यक्ति एक निबंध का केंद्र हो सकता है। हिंदी के प्रमुख साहित्यकार आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने निबन्ध को परिभाषित करते हुए कहा है- “निबन्ध लेखन में लेखक अपने मन की प्रवृत्ति के अनुसार स्वच्छंद गति से इधर-उधर फूटी हुई सूत्र शाखाओं पर विचरता चलता है।”

उपरोक्त परिभाषा का अर्थ है कि निबन्ध लेखक के मन की प्रवृत्ति के अनुरूप ही होना चाहिए और निबन्ध का लेखन स्वच्छन्द गति पर आधारित हो अर्थात निबंध ऐसा लिखना चाहिए कि लेखक का चिंतन, वैचारिक स्तर, विषय पर उसकी स्वयं की विचारधारा स्पष्ट हो जानी चाहिए। इसके अतिरिक्त लेखक को नदी की धारा के समान बहना चाहिए, किसी अन्य के मत से प्रभावित हुए बिना। यह अत्यन्त आवश्यक है कि लेखक का व्यक्तिगत परिचय या स्वार्थ विषय-वस्तु को प्रभावित न करे। ज़रूरी नहीं कि आप जो भी लिखें वो सभी को स्वीकार्य हो, ज़रूरी ये है कि आप निष्पक्ष हो कर लिखें क्योंकि निष्पक्षता ही किसी निबंध की प्रथम और अंतिम कसौटी है।    Top   Related – Essay on Women Empowerment in Hindi  

निबंध के चार अंग निश्चित किए गए-

Essay format in Hindi - Parts

(1) शीर्षक – शीर्षक आकर्षक होना चाहिए, ताकि लोगों में निबंध पढ़ने की उत्सुकता पैदा हो जाए। परन्तु यदि आप परीक्षा में बैठे हैं, तो आपको शीर्षक पहले से ही दिया गया होगा।

(2) प्रस्तावना – निबंध की श्रेष्ठता की यह नींव होती है। इसे भूमिका भी कहा जाता है। यह अत्यंत रोचक और आकर्षक होनी चाहिए परन्तु यह बहुत लम्बी नहीं होनी चाहिए। भूमिका इस प्रकार की हो जो विषयवस्तु की झलक प्रस्तुत कर सकें। जो कि पाठक को निबंध पढ़ने के लिए प्रेरित कर सके। निबंध की शुरुआत किसी सूक्ति, श्लोक या किसी उदाहरण से करनी चाहिए। अच्छी प्रभावोत्पादक पंक्तियों का प्रयोग परीक्षक पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा जिससे विद्यार्थी को अच्छे अंक प्राप्त करने में मदद मिलेगी। आकर्षक प्रारम्भ पाठक या परीक्षक के मन में निबंध को आगे पढ़ने के लिए उत्सुकता जगाता है। निबंध में विषय का संक्षिप्त परिचय और वर्तमान स्वरूप भी विद्यार्थी को भूमिका खंड में देना चाहिए।  भूमिका लिखते समय यह बात ध्यान रखनी बहुत आवश्यक है कि भूमिका का विषय से सीधा जुड़ाव होना चाहिए।

(3) विषय-विस्तार – इसमें तीन से चार अनुच्छेदों में विषय के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार प्रकट किए जाते हैं। प्रत्येक अनुच्छेद में एक-एक पहलू पर विचार लिखा जाते है। यह निबंध का सर्वप्रमुख अंश है। इनका संतुलित होना अत्यंत आवश्यक है। यहीं निबंधकार अपना दृष्टिकोण प्रगट करता है। जब कोई निबंध लिखना हो तो रफ लिख लेना चाहिए कि, पहले क्या बताना है, फिर प्वाइंट बना लो, इसके बाद उन्हें पैराग्राफ में लिखो।

(4) उपसंहार – यह निबंध के अंत में लिखा जाता है। इस अंग में निबंध में लिखी गई बातों को सार के रूप में एक अनुच्छेद में लिखा जाता है। इसमें संदेश भी लिखा जा सकता है। उपदेश, दूसरे के विचारों को उद्घृत कर (लिख कर) या कविता की पंक्ति के माध्यम से निबंध समाप्त किया जा सकता है।    Top  

Related – Vayu pradushan par nibandh in Hindi

निबंध के प्रकार और उन्हें किन विभागों में बाँटा जा सकता है जिससे निबंध लेखन सरल हो सके –

विषय के अनुसार प्रायः सभी निबंध तीन प्रकार के होते हैं –

Hindi essay types

(1) वर्णनात्मक – किसी सजीव या निर्जीव पदार्थ का वर्णन वर्णनात्मक निबंध कहलाता है। ये निबंध स्थान, दृश्य, परिस्थिति, व्यक्ति, वस्तु आदि को आधार बनाकर लिखे जाते हैं। वर्णनात्मक निबंध के लिए अपने विषय को निम्नलिखित विभागों में बाँटना चाहिए-

1. यदि विषय कोई ‘प्राणी’ हो – (i) श्रेणी  (ii) प्राप्तिस्थान (iii) आकार-प्रकार (iv) स्वभाव (v) विचित्रता (vi) उपसंहार

2. यदि विषय कोई ‘मनुष्य’ हो – (i) परिचय (ii) प्राचीन इतिहास (iii) वंश-परंपरा (iv) भाषा और धर्म (v) सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन

3. यदि विषय कोई ‘स्थान’ हो (i) अवस्थिति (ii) नामकरण (iii) इतिहास (iv) जलवायु (v) शिल्प (vi) व्यापार (vii) जाति-धर्म (viii) दर्शनीय स्थान (ix ) उपसंहार

4. यदि विषय कोई ‘वस्तु’ हो (i) उत्पत्ति (ii) प्राकृतिक या कृत्रिम (iii) प्राप्तिस्थान (iv) किस अवस्था में पाई जाती है (v) कृत्रिमता का इतिहास (vi) उपसंहार

5. यदि विषय ‘पहाड़’ हो (i) परिचय (ii) पौधे, जीव, वन आदि (iii) गुफाएँ, नदियाँ, झीलें आदि (iv) देश, नगर, तीर्थ आदि (v) उपकरण एवं शोभा (vi) वहाँ बसनेवाले मानव और उनका जीवन

(2) विवरणात्मक – किसी ऐतिहासिक, पौराणिक या आकस्मिक घटना का वर्णन विवरणात्मक निबंध कहलाता है। यात्रा, घटना, मैच, मेला, ऋतु, संस्मरण आदि का विवरण लिखा जाता है।

विवरणात्मक निबंध लिखने के लिए दिए गए विषय को निम्नलिखित विभागों में बाँटना चाहिए-

1. यदि विषय ‘ऐतिहासिक’ हो – (i) घटना का समय एवं स्थान (ii) ऐतिहासिक पृष्ठभूमि (iii) कारण, वर्णन एवं फलाफल (iv) इष्ट-अनिष्ट की समालोचना एवं आपका मंतव्य

2. यदि विषय ‘जीवन-चरित्र’ हो – (i) परिचय, जन्म, वंश, माता-पिता, बचपन (ii) विद्या, कार्यकाल, यश, पेशा आदि (iii) देश के लिए योगदान (iv) गुण-दोष (v) मृत्यु, उपसंहार (vi) भावी पीढ़ी के लिए उनका आदर्श

3. यदि विषय ‘भ्रमण-वृत्तांत’ हो – (i) परिचय, उद्देश्य, समय, आरंभ (ii) यात्रा का विवरण (iii) हानि-लाभ (iv) सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, व्यापारिक एवं कला-संस्कृति का विवरण (v) समालोचना एवं उपसंहार

4. यदि विषय ‘आकस्मिक घटना’ हो – (i) परिचय (ii) तारीख स्थान एवं कारण (iii) विवरण एवं अन्त (iv) फलाफल (v) समालोचना (व्यक्ति एवं समाज आदि पर कैसा प्रभाव ?)

(3) विचारात्मक – किसी गुण, दोष, धर्म या फलाफल का वर्णन विचारात्मक निबंध कहलाता है।

इस निबंध में किसी देखी या सुनी हुई बात का वर्णन नहीं होता; इसमें केवल कल्पना और चिंतनशक्ति से काम लिया जाता है। विचारात्मक निबंध उक्त दोनों प्रकारों से अधिक श्रमसाध्य होता है। अतएव, इसके लिए विशेष रूप से अभ्यास की आवश्यकता होती है।

विचारात्मक निबंध लिखने के लिए दिए गए विषय को निम्नलखित विभागों में बाँटना चाहिए-

(i) अर्थ, परिभाषा, भूमिका और परिचय (ii) सार्वजनिक या सामाजिक, स्वाभाविक या अभ्यासलभ्य कारण (iii) संचय, तुलना, गुण एवं दोष (iv) हानि-लाभ (v) दृष्टांत, प्रमाण आदि (vi) उपसंहार

पाठ्यक्रम में निबन्ध-लेखन को क्यों समाहित किया गया – 1. विद्यार्थी अपने विचारों को एकत्र करना सीख पाए। 2. विचारों को संतुलित तरीके से व्यक्त कर पाएं। 3. भाषा को उपयुक्त रूप से प्रयोग करना सीख पाएं। 4. किसी भी विषय पर छात्रों के स्वयं के विचार हों। 5. उनका वैचारिक स्तर निश्चित हो सके। 6. संवेदनात्मक व वैचारिक स्तर पर परिपक्व हो सके। 7. वे अपने विचारों को सकारात्मक दिशा दे पाए। 8. अपने विचारों को दृढ़ता से रखना सीख सके। 9. आलोचनात्मक दृष्टिकोण विकसित हो सके। 10. रटन्तू तोता न बन विचारशील प्राणी बन सके।    Top  

Related – Pollution Essay in Hindi

निबन्ध लिखते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए- (1) निबन्ध लिखने से पूर्व सम्बन्धित विषय का पर्याप्त ज्ञान होना चाहिए। (2) क्रमबद्ध रूप से विचारों को लिखा जाये। (3) निबन्ध की भाषा रोचक एवं सरल होनी चाहिए। (4) निबन्ध के वाक्य छोटे-छोटे तथा प्रभावशाली होने चाहिए। (5) निबन्ध संक्षिप्त होना चाहिए। अनावश्यक बातें नहीं लिखनी चाहिए। (6) व्याकरण के नियमों और विरामादि चिह्नों का उचित प्रयोग होना चाहिए। (7) विषय के अनुसार निबन्ध में मुहावरों का भी प्रयोग करना चाहिए। मुहावरों के प्रयोग से निबन्ध सशक्त बनता है। (8) निबंध के विषय पर अतिरिक्त जानकारी प्राप्त करें। (9) आरंभ, मध्य अथवा अंत में किसी उक्ति अथवा विषय से संबंधित कविता की पंक्तियों का उल्लेख करें। (10) निबंध की शब्द-सीमा का ध्यान रखें और व्यर्थ की बातें न लिखें अर्थात विषय से न हटें। (11) विषय से संबंधित सभी पहलुओं पर अपने विचार प्रकट करें। (12) सभी अनुच्छेद एक दूसरे से जुड़े हों। (13) वर्तनी व भाषा की शुद्धता, लेख की स्वच्छ्ता एवं विराम-चिह्नों पर ध्यान दें।

Recommended Read –

  • टीचर्स डे पर निबंध
  • वैश्वीकरण पर निबंध
  • जलवायु परिवर्तन पर निबंध
  • मंकी पॉक्स वायरस पर निबंध
  • मेक इन इंडिया पर निबंध
  • भारत में सांप्रदायिकता पर निबंध
  • वेस्ट नील वायरस पर निबंध
  • पीएसयू का निजीकरण पर निबंध
  • भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों का प्रभाव पर निबंध
  • नई शिक्षा नीति 2020 पर निबंध
  • आधुनिक संचार क्रांति पर निबंध
  • सोशल मीडिया की लत पर निबंध
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निबंध
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध
  • प्रदूषण पर निबंध
  • मृदा प्रदूषण पर निबंध
  • वायु प्रदूषण पर निबंध
  • गाय पर हिंदी में निबंध
  • वन/वन संरक्षण पर निबंध
  • हिंदी में ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध
  • चंद्रयान पर निबंध
  • हिंदी में इंटरनेट पर निबंध
  • बाल श्रम या बाल मज़दूरी पर निबंध
  • ताजमहल पर निबंध
  • हिंदी में अनुशासन पर निबंध
  • भ्रष्टाचार पर निबंध
  • मेरा विद्यालय पर निबंध हिंदी में
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध
  • गणतंत्र दिवस निबंध हिंदी में
  • स्वतंत्रता दिवस पर निबंध
  • हिंदी में दिवाली पर निबंध
  • होली पर निबंध
  • नोट-बंदी या विमुद्रीकरण पर निबंध
  • निबंध लेखन, हिंदी में निबंध

Hindi Essays

  • असंतुलित लिंगानुपात पर निबंध
  • परहित सरिस धर्म नहीं भाई पर निबंध
  • चंद्रयान 3 पर निबंध
  • मुद्रास्फीति पर निबंध
  • युवाओं  पर निबंध
  • अक्षय ऊर्जा: संभावनाएं और नीतियां पर निबंध
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का महत्व पर निबंध
  • सच्चे धर्म पर निबंध
  • बैंकिंग संस्थाएं और उनका महत्व पर निबंध
  • नई शिक्षा नीति के प्रमुख लाभ पर निबंध
  • भारतीय संस्कृति के प्रमुख आधार पर निबंध
  • समय के महत्व पर निबंध
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध
  • सामाजिक न्याय के महत्व पर निबंध
  • छात्र जीवन पर निबंध
  • स्वयंसेवी कार्यों पर निबंध
  • जल संरक्षण पर निबंध
  • आधुनिक विज्ञान और मानव जीवन पर निबंध
  • भारत में “नए युग की नारी” की परिपूर्णता एक मिथक है
  • दूरस्थ शिक्षा पर निबंध
  • प्रधानमंत्री पर निबंध
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता
  • हमारे राष्ट्रीय चिन्ह पर निबंध
  • नक्सलवाद पर निबंध
  • आतंकवाद पर निबंध
  • भारत के पड़ोसी देश पर निबंध
  • पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी पर निबंध
  • किसान आंदोलन पर निबंध
  • ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध
  • डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध
  • मदर टेरेसा पर निबंध
  • दुर्गा पूजा पर निबंध
  • बसंत ऋतु पर निबंध
  • भारत में साइबर सुरक्षा पर निबंध
  • भारत में चुनावी प्रक्रिया पर निबंध
  • योग पर निबंध
  • स्टार्टअप इंडिया पर निबंध
  • फिट इंडिया पर निबंध
  • द्रौपदी मुर्मू पर निबंध
  • क्रिप्टो करेंसी पर निबंध
  • सौर ऊर्जा पर निबंध
  • जनसंख्या वृद्धि पर निबंध
  • भारत में भ्रष्टाचार पर निबंध
  • शहरों में बढ़ते अपराध पर निबंध
  • पर्यावरण पर निबंध
  • भारतीय संविधान पर निबंध
  • भारत के प्रमुख त्योहार पर निबंध
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध
  • टेलीविजन पर निबंध
  • परिश्रम का महत्व पर निबंध
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध
  • विज्ञान वरदान है या अभिशाप पर निबंध

Hindi Writing Skills

  • Formal Letter Hindi
  • Informal Letter Hindi
  • ई-मेल लेखन | Email Lekhan in Hindi Format
  • Vigyapan Lekhan in Hindi
  • Suchna lekhan
  • Anuched Lekhan
  • Anuchchhed lekhan
  • Samvad Lekhan
  • Chitra Varnan
  • Laghu Katha Lekhan
  • Sandesh Lekhan

HINDI GRAMMAR

  • 312 हिंदी मुहावरे अर्थ और उदाहरण वाक्य
  • Verbs Hindi
  • One Word Substitution Hindi
  • Paryayvaachi Shabd Class 10 Hindi
  • Anekarthi Shabd Hindi
  • Homophones Class 10 Hindi
  • Anusvaar (अनुस्वार) Definition, Use, Rules, 
  • Anunasik, अनुनासिक Examples
  • Arth vichaar in Hindi (अर्थ विचार), 
  • Adverb in Hindi – क्रिया विशेषण हिंदी में, 
  • Adjectives in Hindi विशेषण, Visheshan Examples, Types, Definition
  • Bhasha, Lipiaur Vyakaran – भाषा, लिपिऔरव्याकरण
  • Compound words in Hindi, Samaas Examples, Types and Definition
  • Clauses in Hindi, Upvakya Examples, Types 
  • Case in Hindi, Kaarak Examples, Types and Definition
  • Deshaj, Videshaj and Sankar Shabd Examples, Types and Definition
  • Gender in Hindi, Ling Examples, Types and Definition
  • Homophones in Hindi युग्म–शब्द Definition, Meaning, Examples
  • Indeclinable words in Hindi, Avyay Examples, Types and Definition
  • Idioms in Hindi, Muhavare Examples, Types and Definition
  • Joining / combining sentences in Hindi, Vaakya Sansleshan Examples, Types and Definition
  • संधि परिभाषा, संधि के भेद और उदाहरण, Sandhi Kise Kehte Hain?
  • Noun in Hindi (संज्ञा की परिभाषा), Definition, Meaning, Types, Examples
  • Vilom shabd in Hindi, Opposite Words Examples, Types and Definition
  • Punctuation marks in Hindi, Viraam Chinh Examples, Types and Definition
  • Proverbs in Hindi, Definition, Format, मुहावरे और लोकोक्तियाँ
  • Pronoun in Hindi सर्वनाम, Sarvnaam Examples, Types, Definition
  • Prefixes in Hindi, Upsarg Examples, types and Definition
  • Pad Parichay Examples, Definition
  • Rachna ke aadhar par Vakya Roopantar (रचना के आधार पर वाक्य रूपांतरण) – Types , Example
  • Suffixes in Hindi, Pratyay Examples, Types and Definition
  • Singular and Plural in Hindi (वचन) – List, Definition, Types, Example
  • Shabdo ki Ashudhiya (शब्दों की अशुद्धियाँ) Definition, Types and Examples
  • Shabdaur Pad, शब्द और पद Examples, Definition, difference in Shabd and Pad
  • Shabd Vichar, शब्द विचार की परिभाषा, भेद और उदाहरण | Hindi Vyakaran Shabad Vichar for Class 9 and 10
  • Tenses in Hindi (काल), Hindi Grammar Tense, Definition, Types, Examples
  • Types of sentences in Hindi, VakyaVishleshan Examples, Types and Definition
  • Voice in Hindi, Vachya Examples, Types and Definition
  • Verbs in Hindi, Kirya Examples, types and Definition
  • Varn Vichhed, वर्ण विच्छेद Examples, Definition
  • Varn Vichar, वर्ण विचार परिभाषा, भेद और उदाहरण
  • Vaakya Ashudhhi Shodhan, वाक्य अशुद्धिशोधन Examples, Definition, Types
  • List of Idioms in Hindi, Meaning, Definition, Types, Example

Latest Posts

  • XAT 2025 Registration process begins
  • CLAT 2025 Registration begins, Exam on December 1
  • WBBSE Class 9 English (Second Language) Syllabus 2024-25
  • WBBSE Class 10 English (Second Language) Syllabus 2024-25
  • Stephen Hawking Question Answers Class 10 Maharashtra State Board
  • Stephen Hawking Summary, Explanation, Theme | Maharashtra State Board Class 10 English
  • The Will to Win Question Answers Class 10 Maharashtra State Board
  • The Will to Win Summary, Explanation, Theme | Maharashtra State Board Class 10 English Poem
  • Birthday Wishes in Hindi
  • Anniversary Wishes in Hindi
  • Father’s Day Quotes and Messages
  • Father’s Day quotes in Hindi
  • International Yoga Day Slogans, Quotes and Sayings
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस Slogans, Quotes and Sayings
  • Good Morning Messages in Hindi
  • Good Night Messages in Hindi | शुभ रात्रि संदेश
  • Wedding Wishes in Hindi

NCERT Solutions for Class 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12

CBSE Class 7 Hindi अनुच्छेद-लेखन

April 26, 2019 by Rama Krishna

CBSE Class 7 Hindi अनुच्छेद-लेखन Pdf free download is part of NCERT Solutions for Class 7 Hindi . Here we have given NCERT Class 7 Hindi अनुच्छेद-लेखन.

अनुच्छेद-लेखक भी एक कला है। किसी विषय पर सीमित शब्दों में अपने विचार लिखना ही अनुच्छेद लेखन है। निबंध तथा अनुच्छेद में अंतर होता है। निबंध में किसी विषय के सभी बिंदुओं की विस्तार से चर्चा की जाती है, लेकिन अनुच्छेद में उन बिंदुओं का निचोड़ एक ही अनुच्छेद में प्रकट किया जाता है। इस प्रकार अनुच्छेद को निबंध का लघुतम रूप कहा जा सकता है। अनुच्छेद लेखन के संबंध में कुछ ध्यान देने योग्य बातें

  • अनुच्छेद की भाषा सरल होनी चाहिए।
  • इनके वाक्य छोटे-छोटे होने चाहिए।
  • इसमें अनावश्यक विस्तार नहीं करना चाहिए।
  • विषय से संबंधित सभी प्रमुख बिंदुओं को अनुच्छेद में समाहित करने का प्रयास करना चाहिए। यदि शब्द सीमा दी गई हो तो उसका पालन करना चाहिए।

नीचे अनुच्छेदों के कुछ उदाहरण दिए जा रहे हैं।

1. परोपकार किसी कवि ने ठीक ही कहा है- ‘यही पशु है कि आप-आप ही चरे, वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे। परहित या परोपकार ही मानव-जीवन का धर्म है। परोपकार की भावना के बिना मनुष्य और पशु में कोई अंतर नहीं रह जाता। इस संसार के सभी तत्व मनुष्य के उपकार में लगे हुए हैं। नदी अपना जल स्वयं नहीं पीती। वृक्ष अपने फल स्वयं नहीं खाते; वर्षा अपने लिए नहीं बरसती; वायु अपने लिए नहीं चलती। अनेक महापुरुषों तथा साधु-संतों का जीवन भी इस बात का साक्षी है कि दूसरों के लिए जीवन ही वास्तविक जीवन है। स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, मदर टेरेसा, आदि के जीवन में यह भली-भाँति स्पष्ट हो जाता है कि मानव को सदैव परोपकार में लगा रहना चाहिए।

2. प्रात:काल सैर। प्रात:काल की सैर का आनंद अनूठा होता है। इस समय वातावरण शांत एवं स्वच्छ होने से तन-मन को अद्भुत शांति एवं राहत मिलती है। प्रात:काल की सैर से व्यक्ति निरोगी रहता है। दिन भर कार्य करने की शक्ति एवं स्फूर्ति मिल जाती है। कार्य करने में मन लगता है और थकावट नहीं होती है। यदि सैर करने के लिए किसी बगीचे या पार्क में जाए तो आनंद दुगुना हो जाता है। उच्च रक्तचाप, तनाव, थकान, मोटापा, मधुमेह इत्यादि बीमारियों से मुक्ति मिल सकती है। अतः प्रात:काल की सैर अनेक रूपों में लाभदायक सिद्ध होती है। हमें प्रात:काल की सैर का आनंद अवश्य उठाना चाहिए।

3. स्वास्थ्य ही धन है। स्वास्थ्य हमारे लिए सबसे बड़ा धन है। यदि किसी के पास धन हो तो वह जीवन के कुछ सुखों से वंचित रह सकता है; लेकिन स्वास्थ्य न हो तो उसे किसी प्रकार का सुख नहीं मिल सकता। स्वास्थ्य अच्छा न होने पर मन हर समय खिला रहता है। अच्छे से अच्छा खाना भी अप्रिय लगता है। व्यक्ति सैर-सपाटे का आनंद नहीं उठा सकता। बीमार व्यक्ति को अच्छी बातें भी बुरी लगती हैं। अतः अपने स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए संतुलित भोजन, गहरी नींद, समय पर शयन एवं जागरण इत्यादि का ध्यान रखना चाहिए।

अच्छे स्वास्थ्य के इच्छुक व्यक्ति को नियमित व्यायाम करना चाहिए। उसे चिंता से दूर रहना चाहिए तथा हर समय प्रसन्न रहना चाहिए। चित्त की प्रसन्नता सौ तरह की व्याधियों से बचाती है और संयमित जीवन व्यक्ति को स्वास्थ्य बनाने में अहम योगदान देता है। इसलिए सच ही कहा गया है कि स्वास्थ्य कीमती है, इसकी हर प्रकार से रक्षा करने का उपाय करना चाहिए।

4. हिमालय भारत के उत्तर में भारत माता के मस्तक पर मुकुट की भाँति ‘सुशोभित’ हिमालय भारत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यह भारत की गौरव तथा रक्षक है। भारत की सीमाओं का यह प्रहरी अनेक युगों से भारत की रक्षा करता आया है। भारत के उत्तर में एक तपस्वी की भाँति अचल, दृढ़ और मौन होकर खड़ा हिमालय हमें धैर्य, सहनशीलता और दृढ़ता का पाठ पढ़ाता है। यदि हिमालय न होता तो भारत की शस्य, श्यामला धरती मरुभूमि होती तथा धरती धन्य धान्य से पूर्ण न होती। इससे निकलने वाली अनेक पवित्र नदियाँ भारतवासियों के लिए गौरव की वस्तु हैं। हिमालय के कारण ही आज हम अनेक प्रकार से सुरक्षित तथा ऐश्वर्यशाली हैं। दिनकर जी ने ठीक ही कहा है-‘मेरे नगपति मेरे विशाल’।

5. राष्ट्रध्वज हर देश का प्रतीक उस राष्ट्र का राष्ट्रध्वज होता है। यह देश की नीतियों, परंपराओं व सिद्धांतों को व्यक्त करता है। भारत का राष्ट्रध्वज तीन रंगों की तीन पट्टियों से बना है। सबसे ऊपर केसरिया रंग की पट्टी है जो शूरवीरता का प्रतीक है। बीच की पट्टी सफ़ेद रंग की है जो शांति का प्रतीक है। तीसरी पट्टी में नीले रंग का अशोक चक्र है जो देश की उन्नति का प्रतीक है। तो वहीं तीसरी पट्टी का हरा रंग देश की समृधि का प्रतीक है। राष्ट्रध्वज का सम्मान करना हर नागरिक का कर्तव्य है। यह नागरिकों में उत्साह का संचार करता है। राष्ट्रध्वज का सम्मान किसी भी व्यक्ति के सम्मान तथा जाने से अधिक महत्त्वपूर्ण है।

6. बाल दिवस 14 नवंबर भारत के प्रथम प्रधानमंत्री स्व० जवाहर लाल नेहरू का जन्म दिवस है। उन्हें बच्चों से विशेष स्नेह था। बच्चे भी उन्हें प्यार से ‘चाचा नेहरू’ कहा करते थे। नेहरू जी की इच्छा थी कि उनका जन्म-दिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाए। अतः 14 नवंबर को बाल-दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन विद्यालयों में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं तथा स्थान-स्थान पर बाल मेले भी लगते हैं। बच्चे बड़े उत्साह से इन कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। इस दिन विद्यालयों में मिठाइयाँ और फल आदि वितरित किए जाते हैं, बालकों को चाहिए कि नेहरू जी के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएँ। बच्चे ही राष्ट्र की नींव हैं; अतः उनकी उन्नति में ही राष्ट्र की उन्नति है।

7. किसान किसान का जीवन काफ़ी संघर्षशील है। वह खेतों में दिन-रात परिश्रम करता है तथा अन्न उगाकर सभी का पेट भरता है। सूर्योदय होते ही वह अपने हल-बैल लेकर खेत पर चला जाता है तथा दिन-भर वहीं काम करता है। गरमी-सरदी बरसात सभी ऋतुओं में उसे कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। किसान का जीवन अत्यंत सादा होता है। वह रूखा सूखा खाकर अपना निर्वाह कर लेता है। पर संसार भर को अन्न प्रदान करता है। यदि वह अन्न न उगाए, तो लोग भूखे मर जाएँ। किसान ने कभी अपने सुख चैन या आराम की परवाह नहीं की। उसे तो अन्य लोगों की चिंता लगी रहती है। इतना परिश्रम करने वाला किसान स्वयं निर्धन होता है फिर भी वह अपने कच्चे घर में, अपने परिवार के साथ संतुष्ट रहता है।

8. हमारा राष्ट्रीय पक्षी मोर हमारा राष्ट्रीय पक्षी मोर है। सभी पक्षियों में पोर अपनी सुंदरता के कारण सभी का मन मोह लेता है। मोर की सुंदरता के कारण ही उसे भारत का राष्ट्रीय पक्षी माना गया है। मोर के पंख बहुत ही सुंदर होते हैं। इन पर चमकदार रंग-बिरंगे चाँद होते हैं। मोर की गरदन नीले रंग की तथा लंबी होती है। इसके सिर पर मुकुट-सा लगा होता है। मोर का नाच बहुत ही आकर्षक होता है। नाचते समय वह अपने पंख पसार लेता है। वर्षा ऋतु में बादलों की गर्जना सुनकर मोर को नाचते देखा जा सकता है। यह किसान का मित्र है, क्योंकि यह खेतों में कीड़े-मकोड़े तथा साँपों को खा जाता है। वह सुंदरता और प्रसन्नता का प्रतीक है। अनेक लोग पंखों से सजावट की वस्तुएँ बनाकर अपने घरों को सजाते हैं।

9. भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार का अर्थ है भ्रष्ट आचरण । भ्रष्टाचार आज हमारे देश की ज्वलंत समस्या है। आज जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं बचा है जहाँ भ्रष्टाचार का बोलबाला न हो। सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। नेता, मंत्री और अफ़सर ही नहीं, कार्यालय का चपरासी तक भ्रष्ट है। इसका सबसे बड़ा कारण लोगों का नैतिक पतन और लोभ है, जिसे जब मौका मिलता है बेईमानी और रिश्वत खोरी पर उतर आता है। ऐसे में देश का ईश्वर ही मालिक है। जो रक्षक है, वही भक्षक बने बैठे हैं। इसके चलते देश का बेड़ा गर्क हो रहा है। अतः आवश्यक है कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध जन आंदोलन चलाया जाए। साथ-ही-साथ आम लोग भी इसका प्रण लें कि ये न तो भ्रष्टाचार में लिप्त होंगे और न ही भ्रष्टाचारियों को किसी प्रकार का प्रोत्साहन ही देंगे।

We hope the given CBSE Class 7 Hindi अनुच्छेद-लेखन will help you. If you have any query regarding CBSE Class 7 Hindi अनुच्छेद-लेखन, drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

Free Resources

NCERT Solutions

Quick Resources

NCERT Solutions

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Bhag 2 & Durva Bhag 2 | 7th Class Hindi NCERT Textbook Solutions PDF

Do you feel studying literature is difficult? Then you are wrong if you understand the concepts no language is hard to study. Take the help of the NCERT Solutions for Class 7 Hindi and learn all the topics in a simple manner. You can be prepared for the exams as well self study at home using these quick resources for Class 7th NCERT Solutions for Hindi. NCERT Class 7 Hindi Vasant Bhag 2 & Durva Bhag 2 Solutions not just focuses on the actual meaning of the phrases in the language but also trains students for exams.

NCERT Hindi Vasanth Book Class 7 Solutions PDFs are free to print and you can use them whenever you want during preparation. Revise the complete CBSE Class 7 Hindi Syllabus wisely using the Class 7 NCERT Solutions Hindi and score better grades in your exams. Step by Step Solutions provided makes it easy for you to learn how to write in final exams to get maximum marks.

CBSE Class 7th Hindi NCERT Solutions वसंत भाग 2

You might feel it difficult to finish the entire Class 7 Hindi Syllabus as it is huge. Thus, we have provided an extensive collection of Chapterwise NCERT Solutions for Class 7 Hindi via quick links. All the 7th Grade NCERT Solutions for Hindi Vasant by experts after ample research and are curated as per the latest CBSE Textbooks & Curriculum.

Hindi NCERT Solutions Class 7

  • Class 7 Hindi Chapter 1 हम पंछी उन्मुक्त गगन के
  • Class 7 Hindi Chapter 2 दादी माँ
  • Class 7 Hindi Chapter 3 हिमालय की बेटियाँ
  • Class 7 Hindi Chapter 4 कठपुतली
  • Class 7 Hindi Chapter 5 मीठाईवाला
  • Class 7 Hindi Chapter 6 रक्त और हमारा शरीर
  • Class 7 Hindi Chapter 7 पापा खो गए
  • Class 7 Hindi Chapter 8 शाम एक किशान
  • Class 7 Hindi Chapter 9 चिड़िया की बच्ची
  • Class 7 Hindi Chapter 10 अपूर्व अनुभव
  • Class 7 Hindi Chapter 11 रहीम की दोहे
  • Class 7 Hindi Chapter 12 कंचा
  • Class 7 Hindi Chapter 13 एक तिनका
  • Class 7 Hindi Chapter 14 खानपान की बदलती तस्वीर
  • Class 7 Hindi Chapter 15 नीलकंठ
  • Class 7 Hindi Chapter 16 भोर और बरखा
  • Class 7 Hindi Chapter 17 वीर कुवर सिंह
  • Class 7 Hindi Chapter 18 संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज
  • Class 7 Hindi Chapter 19 आश्रम का अनुमानित व्यय
  • Class 7 Hindi Chapter 20 विप्लव गायन

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Bal Mahabharat Katha

  • NCERT Solutions for Class 7 Hindi Bal Mahabharat Katha (Chapter 1 to 40)
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 1
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 2
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 3
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 4
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 5
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 6
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 7
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 8
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 9
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 10
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 11
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 12
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 13
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 14
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 15
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 16
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 17
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 18
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 19
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 20
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 21
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 22
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 23
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 24
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 25
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 26
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 27
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 28
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 29
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 30
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 31
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 32
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 33
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 34
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 35
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 36
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 37
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 38
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 39
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 40

Benefits of NCERT Solutions for Class 7 Hindi वसंत भाग & दूर्वा भाग – 2

  • Students can use the 7th Class NCERT Solutions Hindi online or download them offline as PDFs.
  • NCERT Solutions Class 7 Hindi Vasant & Durva Bhag 2 are written in a simple and lucid way for better understanding.
  • All the NCERT Solutions for 7th Class Hindi are given as per the Latest CBSE Curriculum.
  • Concise Notes provided for all the Chapters of CBSE Class 7 Hindi Syllabus makes it easier for you to cover the vast syllabus easily.
  • Helps you Fetch maximum marks in examinations using these best resources available.

FAQs on 7th Class Hindi NCERT Textbook Solutions

1. How to download the Chapterwise NCERT Solutions for Class 7 Hindi easily?

You can download the Chapterwise NCERT Solutions for Class 7 Hindi by simply tapping on the direct links available.

2. Where can I get the NCERT Solutions for Class 7 Hindi for free?

You can find the Class 7 NCERT Solutions for Hindi organized effectively on NCERTSolutions.guru a trusted portal for all your needs.

3. How many chapters are there in CBSE Class 7 Hindi NCERT Solutions Vasant Bhag 2?

There are 20 chapters in CBSE NCERT Solutions Class 7 Hindi Vasant Bhag 2.

We believe the knowledge shared regarding the NCERT Solutions for Class 7 Hindi has helped in your preparation to some extent. If you still have any unanswered questions don’t hesitate to ask us and we would be more than happy to answer them. Bookmark our site to get the latest updates on NCERT Solutions’ different subjects in no time.

ESSAY KI DUNIYA

HINDI ESSAYS & TOPICS

Essay in Hindi Language – निबंध

December 12, 2017 by essaykiduniya

Essay in Hindi –   These Hindi essays are for Nursery Class, Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12. We provide various types of essay in Hindi such as education, speech, science and technology, India, festival, national day, environmental issues, social issues, social awareness, ethical values, nature and health etc in 100, 200, 300, 400, 500, 600, 700, 800, 900, 1000, 1100, 1200, 1300, 1400, 1500 and 1600 words.

ये हिंदी निबंध नर्सरी कक्षा से कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के लिए हैं। हम शिक्षा, भाषण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, एनीमा, भारत, त्योहार, राष्ट्रीय दिवस, पर्यावरण मुद्दों, सामाजिक मुद्दे, सामाजिक जागरूकता, नैतिक मूल्यों, प्रकृति और स्वास्थ्य आदि जैसे विभिन्न प्रकार के निबंधों को हिंदी में प्रदान करते हैं।

हर कोई इन निबंध को आसानी से समझ सकता है क्योंकि हमने  इनमें बहुत सरल और आसान शब्दों का इस्तेमाल किया है। । ये किसी छात्र द्वारा आसानी से समझे जा सकते है| ऐसे निबंध छात्रों को भारतीय संस्कृति, विरासत, स्मारकों, प्रसिद्ध स्थानों, शिक्षकों, माताओं, पशुओं, पारंपरिक त्योहारों, घटनाओं, अवसरों, प्रसिद्ध व्यक्तित्वों, किंवदंतियों, सामाजिक मुद्दों और इतने सारे अन्य विषयों के बारे में जानने में मदद और प्रेरित कर सकते हैं। हमने बहुत विशिष्ट और सामान्य विषय निबंध प्रदान किए हैं। 

ESSAY IN HINDI – निबंध

निबंध कैसे लिखें

त्योहारों पर निबंध – Essay on Festivals

 
   
   
   

महान व्यक्तियों पर निबंध – Essay on great personalities 

    
   
   
   
 
   
   

पर्यावरण के मुद्दें और जागरूकता पर निबंध – Essay on Environment 

    
   
   
   

स्वास्थ्य और तंदुस्र्स्ती पर निबंध – Essay on Health

    
   

 रिश्तो पर निबंध – Essay on Relations

   
   
   

खेल पर निबंध – Essay on Sports

   
   
   
   

सामाजिक मुद्दे और सामाजिक जागरूकता पर निबंध – Essay on Social Issues

निबंध – Essay in Hindi

   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   

भारत पर निबंध –  Essay on India

   
   
   
   
   
   
   
   

जानवर पर निबंध – Essay on Animals

हिंदी निबंध – Hindi Essay

   
 
   
   
   
   
   
   
 
 
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   

We hope that you will like these Essay in Hindi Language. Please do Like, Share and Comment.

HindiVyakran

  • नर्सरी निबंध
  • सूक्तिपरक निबंध
  • सामान्य निबंध
  • दीर्घ निबंध
  • संस्कृत निबंध
  • संस्कृत पत्र
  • संस्कृत व्याकरण
  • संस्कृत कविता
  • संस्कृत कहानियाँ
  • संस्कृत शब्दावली
  • पत्र लेखन
  • संवाद लेखन
  • जीवन परिचय
  • डायरी लेखन
  • वृत्तांत लेखन
  • सूचना लेखन
  • रिपोर्ट लेखन
  • विज्ञापन

Header$type=social_icons

  • commentsSystem

Mera Priya Mitra Essay in Hindi – मेरा प्रिय मित्र पर निबंध

दोस्तों आज के लेख में हमने Mera Priya Mitra पर Hindi निबंध लिखा है अर्थात My Best Friend Essay in Hindi. यहां पर प्रस्तुत किए गए ' मेर...

10 Lines on Mera Priya Mitra in Hindi

Mera priya mitra essay in hindi for class 1, 2, 3 (100  words), mera priya mitra essay in hindi for class 4, 5, 6 (150  words), mera priya mitra essay in hindi for class 5, 6, 7 (200  words), mera priya mitra essay in hindi 7, 8, 9, 10 (250  words), mera priya mitra essay in hindi for class 8, 9, 10 (300  words), mera priya mitra essay in hindi for class 10, 11, 12 (400 words).

Twitter

How to make a blog

100+ Social Counters$type=social_counter

  • fixedSidebar
  • showMoreText

/gi-clock-o/ WEEK TRENDING$type=list

  • गम् धातु के रूप संस्कृत में – Gam Dhatu Roop In Sanskrit गम् धातु के रूप संस्कृत में – Gam Dhatu Roop In Sanskrit यहां पढ़ें गम् धातु रूप के पांचो लकार संस्कृत भाषा में। गम् धातु का अर्थ होता है जा...
  • दो मित्रों के बीच परीक्षा को लेकर संवाद - Do Mitro ke Beech Pariksha Ko Lekar Samvad Lekhan दो मित्रों के बीच परीक्षा को लेकर संवाद लेखन : In This article, We are providing दो मित्रों के बीच परीक्षा को लेकर संवाद , परीक्षा की तैयार...

' border=

RECENT WITH THUMBS$type=blogging$m=0$cate=0$sn=0$rm=0$c=4$va=0

  • 10 line essay
  • 10 Lines in Gujarati
  • Aapka Bunty
  • Aarti Sangrah
  • Akbar Birbal
  • anuched lekhan
  • asprishyata
  • Bahu ki Vida
  • Bengali Essays
  • Bengali Letters
  • bengali stories
  • best hindi poem
  • Bhagat ki Gat
  • Bhagwati Charan Varma
  • Bhishma Shahni
  • Bhor ka Tara
  • Boodhi Kaki
  • Chandradhar Sharma Guleri
  • charitra chitran
  • Chief ki Daawat
  • Chini Feriwala
  • chitralekha
  • Chota jadugar
  • Claim Kahani
  • Dairy Lekhan
  • Daroga Amichand
  • deshbhkati poem
  • Dharmaveer Bharti
  • Dharmveer Bharti
  • Diary Lekhan
  • Do Bailon ki Katha
  • Dushyant Kumar
  • Eidgah Kahani
  • Essay on Animals
  • festival poems
  • French Essays
  • funny hindi poem
  • funny hindi story
  • German essays
  • Gujarati Nibandh
  • gujarati patra
  • Guliki Banno
  • Gulli Danda Kahani
  • Haar ki Jeet
  • Harishankar Parsai
  • hindi grammar
  • hindi motivational story
  • hindi poem for kids
  • hindi poems
  • hindi rhyms
  • hindi short poems
  • hindi stories with moral
  • Information
  • Jagdish Chandra Mathur
  • Jahirat Lekhan
  • jainendra Kumar
  • jatak story
  • Jayshankar Prasad
  • Jeep par Sawar Illian
  • jivan parichay
  • Kashinath Singh
  • kavita in hindi
  • Kedarnath Agrawal
  • Khoyi Hui Dishayen
  • Kya Pooja Kya Archan Re Kavita
  • Madhur madhur mere deepak jal
  • Mahadevi Varma
  • Mahanagar Ki Maithili
  • Main Haar Gayi
  • Maithilisharan Gupt
  • Majboori Kahani
  • malayalam essay
  • malayalam letter
  • malayalam speech
  • malayalam words
  • Mannu Bhandari
  • Marathi Kathapurti Lekhan
  • Marathi Nibandh
  • Marathi Patra
  • Marathi Samvad
  • marathi vritant lekhan
  • Mohan Rakesh
  • Mohandas Naimishrai
  • MOTHERS DAY POEM
  • Narendra Sharma
  • Nasha Kahani
  • Neeli Jheel
  • nursery rhymes
  • odia letters
  • Panch Parmeshwar
  • panchtantra
  • Parinde Kahani
  • Paryayvachi Shabd
  • Poos ki Raat
  • Portuguese Essays
  • Punjabi Essays
  • Punjabi Letters
  • Punjabi Poems
  • Raja Nirbansiya
  • Rajendra yadav
  • Rakh Kahani
  • Ramesh Bakshi
  • Ramvriksh Benipuri
  • Rani Ma ka Chabutra
  • Russian Essays
  • Sadgati Kahani
  • samvad lekhan
  • Samvad yojna
  • Samvidhanvad
  • Sandesh Lekhan
  • sanskrit biography
  • Sanskrit Dialogue Writing
  • sanskrit essay
  • sanskrit grammar
  • sanskrit patra
  • Sanskrit Poem
  • sanskrit story
  • Sanskrit words
  • Sara Akash Upanyas
  • Savitri Number 2
  • Shankar Puntambekar
  • Sharad Joshi
  • Shatranj Ke Khiladi
  • short essay
  • spanish essays
  • Striling-Pulling
  • Subhadra Kumari Chauhan
  • Subhan Khan
  • Suchana Lekhan
  • Sudha Arora
  • Sukh Kahani
  • suktiparak nibandh
  • Suryakant Tripathi Nirala
  • Swarg aur Prithvi
  • Tasveer Kahani
  • Telugu Stories
  • UPSC Essays
  • Usne Kaha Tha
  • Vinod Rastogi
  • Vrutant lekhan
  • Wahi ki Wahi Baat
  • Yahi Sach Hai kahani
  • Yoddha Kahani
  • Zaheer Qureshi
  • कहानी लेखन
  • कहानी सारांश
  • तेनालीराम
  • मेरी माँ
  • लोककथा
  • शिकायती पत्र
  • हजारी प्रसाद द्विवेदी जी
  • हिंदी कहानी

RECENT$type=list-tab$date=0$au=0$c=5

Replies$type=list-tab$com=0$c=4$src=recent-comments, random$type=list-tab$date=0$au=0$c=5$src=random-posts, /gi-fire/ year popular$type=one.

  • अध्यापक और छात्र के बीच संवाद लेखन - Adhyapak aur Chatra ke Bich Samvad Lekhan अध्यापक और छात्र के बीच संवाद लेखन : In This article, We are providing अध्यापक और विद्यार्थी के बीच संवाद लेखन and Adhyapak aur Chatra ke ...

' border=

Join with us

Footer Logo

Footer Social$type=social_icons

  • loadMorePosts

HindiKiDuniyacom

जल संरक्षण पर निबंध (Save Water Essay in Hindi)

जल संरक्षण

यहाँ हमने छोटे व बड़े बच्चों के लिए जल संरक्षण अथवा पानी बचाओ, जल बचाओ पर बहुत ही आसान भाषा में जानकारी युक्त निबंध दिए हैं जो अलग अलग शब्द सीमा में लिखा गया है। जैसे – छोटे बच्चों के लिए जल बचाओ पर 100 – 200 शब्दों में निबंध और बड़े बच्चों के लिए जल संरक्षण पर 300 – 400 शब्दों में निबंध। आप अपने आवश्यकता और क्लास के अनुसार कोई भी निबंध चुन सकते हैं।

पानी बचाओ अथवा जल बचाओ पर निबंध (100-200 शब्द) – Pani bachao ya Jal bachao par Nibandh

पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व के लिए पानी अति आवश्यक है। हम खाने के बिना जी सकते हैं लेकिन पानी के बिना एक दिन भी नहीं जी सकते। पृथ्वी का 70% भाग पानी से ढका हुआ है जिससे अंतरिक्ष से हमारी धरती नीले ग्रह के रूप में दिखाई पड़ती है। पानी की सहायता से हम अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण कार्य करते है जैसे पानी पीना, खाना बनाना, बर्तन धोना, कपड़े धोना, सफाई करना आदि। पानी सिर्फ मानव अस्तित्व के लिए ही आवश्यक नहीं है बल्कि यह पेड़ पौधों, जीव जंतुओं के लिए भी उतना ही आवश्यक है।

 आजकल लोग पानी की बोतलें, चिप्स, कुरकुरे, इत्यादि खाकर उसका पैकेट नदियों नालों में फेंक देते हैं, बड़ी बड़ी कारखाने खुल रहे है जिससे पानी प्रदूषित हो रहा है। बहुत से लोग पानी को बेवजह बर्बाद करते है, इसलिए भारत में कई जगहों पर सूखा पड़ने लगा है, वहां लोग खेती नहीं कर पाते। कई जगहों पर लोगों को पीने के पानी के लिए बहुत दूर जाना  पड़ता है या तो सरकारी वाटर टैंक आने पर ही उन्हें पानी मिल पाता है। निकट भविष्य में आने वाली पीढ़ियों को पानी की बहुत ज्यादा समस्या होगी। इसलिए हमारे लिए पीने का पानी बूँद बूँद कीमती है। ब्रश करते समय या हाथ धुलते समय नल को खुला न रखें, नहाते समय शावर से नहीं बल्कि बाल्टी में भरकर नहाना चाहिए, इस तरह रोजाना जो पानी हम इस्तेमाल करते है अगर उसमे थोड़ा भी ध्यान दें तो हम पानी को बर्बाद होने से बचा सकते है।

जल संरक्षण पर निबंध (300-400 शब्द) – Jal Sanrakshan par Nibandh

पानी बचाओ : एक अनिवार्य कदम

पृथ्वी पर जीवन का आधार पानी ही है और सभी जीवों के लिए समान रूप से आवश्यक है, इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। लेकिन आज, पूरे विश्व में पीने योग्य पानी की कमी एक गंभीर समस्या बन गई है, जिसे सुलझाने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।

हम दैनिक जीवन में पानी का उपयोग विभिन्न कार्यों जैसे पीने, खाना बनाने, साफ-सफाई, कृषि, उद्योग आदि के लिए करते हैं। परंतु, 21वीं सदी में बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण और औद्योगिकीकरण के कारण पानी की मांग में अत्यधिक वृद्धि हुई है। पानी का अनियमित उपयोग और जल प्रदूषण ने स्थिति को और भी ज्यादा गंभीर बना दिया है।

हम सभी को , पानी बचाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे :

  • जल संरक्षण: पानी का सावधानीपूर्वक उपयोग करना चाहिए। अनावश्यक रूप से नल को खुला न छोड़ें और लीक होने वाले नलों को तुरंत ठीक कराना चाहिए।
  • पुनर्चक्रण: पानी का पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग से हम पानी की बचत कर सकते है। घरेलू उपयोग के बाद बचे हुए पानी को बागवानी या अन्य कार्यों में पुनः उपयोग किया जा सकता है।
  • वर्षा जल संचयन: घर की छतों, सार्वजनिक स्थानों पर और छोटे बड़े तालाब खोदकर वर्षा जल को ज्यादा से ज्यादा संग्रहित करने कोशिश करनी चाहिए, ताकि भूजल स्तर में वृद्धि हो सके।
  • प्रदूषण नियंत्रण: जल स्रोतों को प्रदूषित होने से बचाना अतिआवश्यक है। बड़े बड़े उद्योगों को अपने अपशिष्ट जल को शुद्ध करने के बाद ही उसे नदियों और जलाशयों में छोड़ना चाहिए।
  • सामुदायिक भागीदारी: यह सामुदायिक स्तर का अभियान है, लोगों को जागरूक होना होगा और जल संरक्षण के महत्व को समझना होगा। स्कूलों, कॉलेजों, और कानूनी व गैर कानूनी संगठनों द्वारा जल संरक्षण अभियानों का आयोजन किया जाना चाहिए।
  • कृषि में जल का प्रबंधन: ड्रिप इरीगेशन और स्प्रिंकलर इरीगेशन जैसी तकनीकों का उपयोग कर पानी की बचत की जा सकती है।

पानी बचाने का प्रयास केवल सरकार और संगठनों के माध्यम से ही संभव नहीं हैं। प्रत्येक व्यक्ति का इसमें योगदान अतिआवश्यक है। हमें यह समझना होगा कि पानी का बचाव हमारे और आने वाली पीढ़ियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

इसलिए, यदि हम सब मिलकर जल संरक्षण की दिशा में प्रयास करें, तो हम इस बहुमूल्य संसाधन को बचाकर अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकेंगे। पानी बचाना, पृथ्वी पर जीवन को बचाना है। इसलिए, हमें अभी से ही इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

जल का संरक्षण निबंध (300 शब्द)

धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाये रखने के लिये जल का संरक्षण और बचाव बहुत जरूरी होता है क्योंकि बिना जल के जीवन सभव नहीं है। पूरे ब्रह्माण्ड में एक अपवाद के रुप में धरती पर जीवन चक्र को जारी रखने में जल मदद करता है क्योंकि धरती इकलौता अकेला ऐसा ग्रह है जहाँ पानी और जीवन मौजूद है।

जल का संरक्षण

पानी की जरुरत हमारे जीवन भर है इसलिये इसको बचाने के लिये केवल हम ही जिम्मेदार हैं। संयुक्त राष्ट्र के संचालन के अनुसार, ऐसा पाया गया है कि राजस्थान में लड़कियाँ स्कूल नहीं जाती हैं क्योंकि उन्हें पानी लाने के लिये लंबी दूरी तय करनी पड़ती है जो उनके पूरे दिन को खराब कर देती है इसलिये उन्हें किसी और काम के लिये समय नहीं मिलता है।

राष्ट्रीय अपराध रिकार्डस् ब्यूरो के सर्वेक्षण के अनुसार, ये रिकार्ड किया गया है कि लगभग 16,632 किसान (2,369 महिलाएँ) आत्महत्या के द्वारा अपने जीवन को समाप्त कर चुकें हैं, हालांकि, 14.4% मामले सूखे के कारण घटित हुए हैं। इसलिये हम कह सकते हैं कि भारत और दूसरे विकासशील देशों में अशिक्षा, आत्महत्या, लड़ाई और दूसरे सामाजिक मुद्दों का कारण भी पानी की कमी है। पानी की कमी वाले ऐसे क्षेत्रों में, भविष्य पीढ़ी के बच्चे अपने मूल शिक्षा के अधिकार और खुशी से जीने के अधिकार को प्राप्त नहीं कर पाते हैं।

भारत के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते, पानी की कमी के सभी समस्याओं के बारे में हमें अपने आपको जागरुक रखना चाहिये जिससे हम सभी प्रतिज्ञा ले और जल संरक्षण के लिये एक-साथ आगे आये। ये सही कहा गया है कि सभी लोगों का छोटा प्रयास एक बड़ा परिणाम दे सकता है जैसे कि बूंद-बूंद करके तालाब, नदी और सागर बन सकता है।

जल संरक्षण के लिये हमें अतिरिक्त प्रयास करने की जरुरत नहीं है, हमें केवल अपने प्रतिदिन की गतिविधियों में कुछ सकारात्मक बदलाव करने की जरुरत है जैसे हर इस्तेमाल के बाद नल को ठीक से बंद करें, फव्वारे या पाईप के बजाय धोने या नहाने के लिये बाल्टी और मग का इस्तेमाल करें। लाखों लोगों का एक छोटा सा प्रयास जल संरक्षण अभियान की ओर एक बड़ा सकारात्मक परिणाम दे सकता है।

Essay on Save Water in Hindi

FAQs: Frequently Asked Questions on Save Water (जल संरक्षण पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

उत्तर- मासिनराम (मेघालय)

उत्तर- चंडीगढ़

उत्तर- वनों की कटाई पर रोक एवं लोगों के अंदर जागरूकता का आना।

संबंधित पोस्ट

मेरी रुचि

मेरी रुचि पर निबंध (My Hobby Essay in Hindi)

धन

धन पर निबंध (Money Essay in Hindi)

समाचार पत्र

समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)

मेरा स्कूल

मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)

शिक्षा का महत्व

शिक्षा का महत्व पर निबंध (Importance of Education Essay in Hindi)

बाघ

बाघ पर निबंध (Tiger Essay in Hindi)

Talk to our experts

1800-120-456-456

  • NCERT Class 7 Hindi - Durva Book PDF
  • NCERT Books

ffImage

CBSE Class 7 NCERT Hindi - Durva Books Free Download

The solutions to NCERT Hindi Durva Book Class 7 are provided here to download. Students can easily access the same with the basic internet connection. These solutions give an overview of the concepts and teach students how to write answers. Avail the same now and accelerate your exam preparation. Students can also download NCERT Solutions PDFs for preparation for their forthcoming Exams.

NCERT Books Class 7 Hindi - Durva PDF Download

NCERT Books Class 7 Hindi - Mahabharat PDF Download

NCERT Books Class 7 Hindi - Vasant PDF Download

NCERT Books for Class 7

Arrow-right

NCERT Solutions for Class 7

Ncert books for class 7 hindi- durva pdf - free download.

We have arranged standard NCERT solutions for class 7 Hindi Books Durva with a detailed explanation so that students can easily grasp the concept behind every question. These solutions are based on the latest NCERT syllabus. Find the chapter-wise description of each chapter of NCERT Class 7 Book Durva here.

Chapter 1: Chidiya aur Churugan

With the help of this poem, the poet wants to describe the situation of children when they are loaded with lots of questions about themselves. Like the bird, parents also help their kids at every step and inform them about new things. Finally, the poem is written with the message that like churugan, we should also tell everything to our parents so that they can know what is exactly happening in our life and restrict us from making any wrong decision. 

Chapter 2: Sabse Sundar Ladki

This story is based on three children named Harsh, Manjri and Kanak. Manjari had come to Harsh’s house from another village. She was scared of sea waves but loved to go there with Harsh; however, Harsh loved to swim with Kanak. Kanak was a poor girl and her father died at an early age. Manjari didn’t like the friendship between Kanak and Harsh but suddenly her emotions changed for Kanak and she started liking her when Kanak saved her life. This story depicts the importance of the sea as well. 

Chapter 3: Me Hu Robot

Written by Rajiv Garg, this chapter throws light on the qualities of the robot. It points towards the current change in the world and describes how human beings are developing new and advanced things. Robots are quite helpful for human beings as they can do anything and everything. Also, their maintenance cost is quite less than a human's salary. According to the writer, the robot will become the most important in the near future. 

Chapter 4: Gubbare aur Chita

This chapter of Latest NCERT Books for Class 7 Hindi Durva is written by the famous writer Premchand. This story is all about a boy named Baldev who went to see the circus despite being restricted by his headmaster. There he got stuck in a big problem. He saw that one tiger was coming towards him and in order to save his life he sat in the hot air balloon which started flying. He finally gets out of this problem after struggling a lot. All and all, this story teaches us that we should follow the advice of our elders.

Chapter 5: Thodi Dharti Pau

Written by Sarveshwar Dayal Saxena, this poem thodi dharti pau depicts the importance of trees in our life. In this poem, the poet is saying that if he had a small piece of land then he would grow his own garden in it. But this is not possible for him in reality. According to him, there is not even a single piece of land available due to urbanization. Humans have destroyed plenty of forests in order to build new houses but this has created several problems. 

Chapter 6: Garo

This chapter is based on the folk tale of Meghalaya and throws light on the history of the Garo tribe. This folk tale describes the quality of the Garo tribe, their arrival in India and their development. According to this folk tale, students come to know that this tribe earlier lived in the beautiful valleys of China and Tibet. But they shifted to India, owing to the food and other problems. This is one of the important tribes of India. 

Chapter 7: Pustake Jo Amar Hein

This chapter of NCERT Textbooks Class 7 Hindi Durva is written by Manoj Das and is translated in Hindi by Balkram Naagar. This chapter describes the importance of books and offers detailed information about the same. According to this chapter, books are present for a long time in different forms. It throws light on how earlier writers wrote a book on stones and woods. This chapter also discusses Nalanda University and library in Sikandriya. Both these libraries were very old and famous. 

Chapter 8: Kabuliwala

The author of Kabuliwala is Ravindra Nath Tagore. This story revolves around Kabuliwala and a little girl Mini. Kabuliwala is a Pathan and Mini belongs to a Hindu family. Both of them share a good bond and there is no wall of religion between them. Kabuliwala and Mini as his daughter and Mini treats him like her friend with whom she can share everything. But Kabuliwala had to go Jail, owing to some reason and when he came back, Mini had grown up and forgotten about Kabuliwala. This chapter spreads the lesson of love and brotherhood. 

Chapter 9: Vishweshwarya

Written by R.K. Murti, this story is dedicated to the author’s own creation Abhiyanta and Rajnayik Sir Mokshagudam. This story introduces us to their childhood. Vishweshwarya was thoughtful and hard working right from their childhood days. He used to spend his time learning the secrets of nature instead of playing and roaming here and there. His ability to learn new concepts with ease and his curiosity about new things have given birth to new methodologies and later on, these methodologies have changed the entire picture of the nation. 

Chapter 10: Hum Dharti Ke Lal

This poem is written by the famous poet Sheel and motivates us to begin a new country, new humans and new world, free from all tensions and problems. This new world always respects hardships and gives a fair chance to new imaginations. Here, everyone gets equal rights, regardless of religion, caste and financial status. This world will be beautiful like heaven and here every day will be celebrated like a festival. The poet basically wants to eradicate corruption, problems, inequality and negative thinking from the present world to make it a beautiful place to live. 

Chapter 11: Pongal

This chapter is based on the major festival of South India i.e. Pongal. Pongal is celebrated with joy in South India. This festival is related to agriculture and is celebrated with love and belief by farmers. This festival lasts up to four days. The first day of celebration is known as Bhogi Pongal and on this day, the house cleaning is done. The second day is celebrated as Pongal, the third day is known as Matt Pongal and the fourth day of celebration is called kadum Pongal. 

Chapter 12: Shaheed Jhalkaribai

This chapter of NCERT Books PDF Class 7 Hindi Durva is based on the freedom fighter named Jhalkaribai. It mainly presents the picture of freedom riots in 1857 when the British government’s cruelty had reached to their heights. They were destroying innocent kings and were bringing their family to the road. Jhalkaribai is the courtier of Rani Lakshmi Bai and had helped her in their freedom fights. She was ready to do anything for her queen and country in order to save them. 

Chapter 13: Nartyangna Sudha Chandran

This story is dedicated to the famous actress and dancer Sudha Chandran. Her life is a motivation for the people who get disabled accidently. There is no dearth of negative thinkers in this world and disabled people usually lose their hope. Sudha Chandran gives motivation to such people. She had lost her left leg in her early childhood, but she decided to learn dance with a duplicate leg and has transformed her dreams into reality. 

Chapter 14: Paani aur Dhoop

Written by Subhadra Kumari Chauhan, this poem paani aur dhoop is created with the emotions of patriotism in mind. Subhadra was a poet of those times when India was struggling for independence. She was living the curse of dependence and thus her serious tone of writing poems is really obvious. She made aware people of this curse and motivated them to fight for freedom. In this poem, the poet presents the atrocity of the British Government through the medium of a girl, cloud, sun and electricity. Along with this, it also describes the condition of freedom fighters. 

Chapter 15: Geet

This chapter is written by Kedarnath Aggarwal and talks about the development of education. According to him, education is the only medium to bring development and progress in India. This can give a whole new life to poor people. The poet further explains that poor people are always insulted in society because they are uneducated and thus they have no source of income. Illiteracy is the root cause of all problems and appropriate measures should be taken to eradicate this problem fully. 

Chapter 16: Mitti Ki Murti

This chapter describes the importance of soil and how different toys can be made from them. Students here also learn how this soil is obtained from different parts and how toys are prepared from them. Also, this chapter deals with various types of statues or murtis such as Those Murti, Poli Murti, Ubhri Murti etc. It explains the process of statue making as well. 

Chapter 17: Maut Ka Pahad

This story is all about Hachiro and Chiro. Both of them were working in their fields and when they returned home, their mother welcomed them with a smile. There was a huge mountain in their village where sons used to leave their parents when they turned 70 years. Hachiro and Chiro didn’t want to leave their mother in any condition. One day, their mother told them she is not 70 years old and now is the time when they have to send her to that mountain. What happened next comprises the whole story. 

Chapter 18: Hum Honge Kamyab Ek Din

Written by the famous poet Girija Kumar Mathur, the poem Hum Honge Kamyab Ek Din gives motivation to everyone and encourages them to do work to become successful. According to the poet, self-confidence, hardship and passion are important to achieve goals. Moreover, this poem also explains the importance of teamwork. 

Vedantu Gives a Competitive Edge

It is extremely important to keep the confidence high and this can be easily done by accessing solutions of the NCERT Class 7 Hindi Durva Textbook . These solutions help students in understanding all concepts with ease and thus keep their preparation level high. In addition to this, solutions offered by Vedantu also help students in dealing with exam pressure. The solutions are written in a simple and crisp manner and that’s why you can easily learn the same without wasting much time. Students can avail these solutions in PDF format and begin their preparation for the examination. These solutions are the best source to deal with the cutting edge competition and to be exam-ready all the time. 

NCERT Class 7 Hindi - Durva Book

The NCERT publishes and creates the Hindi textbooks of Class 7 for CBSE. There are three CBSE Class 7 Hindi books namely; Vasant, Durva, and Bal Mahabharat Katha. NCERT books follow the latest syllabus which is prescribed by CBSE. These Hindi NCERT books are also the best source for students to develop good comprehension skills and better reading skills in the Hindi language. CBSE-affiliated schools always use Hindi NCERT textbooks to prepare the question paper of class 7. 

The NCERT Class 7 Hindi Book is written with the aim to develop empathy for Hindi literature among students so that they can understand the importance of the language. Students can also learn the various rules and aspects of Hindi grammar by solving the exercise questions as there are a lot of exercises and activities given in the book.

NCERT provides three Hindi books for students of Class 7. The names of these three books are -  Vasant, Durva, and Mahabharat. Each of these books has information that is different from each other. Here, we are talking about the second part of a Hindi textbook of class 7 whose name is - Durva, which includes stories, translated extracts, poetry, folktales, and instructive chapters, among other things. This book i.e. The Durva has 18 chapters. In the NCERT books, every chapter has some important textual questions that help the students in better understanding and learning.

Class 7 is the year when students have to realize that whatever they will perform in their studies, will have an impact on their future prospects. In this stage of a student's life, their interests develop and attention power increases. For this, they need the right study material for their studies so that they can concrete and increase their knowledge correctly. For them, NCERT is the most valuable study resource which is being designed by experienced researchers and subject matter experts.

NCERT books use very simple language for describing any concepts which help the students to easily understand the difficult topics without any problem. The students can even grasp the difficult concepts very easily. Thus, to further help students with their learning, Vedantu provides all the NCERT books of class 7 in PDF Format for the ease and benefit of the students. Click here to avail them.

Other Free CBSE Class 7 Hindi Study Material

S.No

CBSE Hindi Material for Class 7

1

2

Other Free CBSE Study Material for Class 7

S.No

Free Study Material PDFs

1

2

3

4

5

6

arrow-right

Are You Looking for Tuition?

Cbse updates.

CollegeDekho

Frequently Search

Couldn’t find the answer? Post your query here

  • अन्य आर्टिकल्स

दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi): दशहरा पर 10, 100, 150, 200, 500 शब्दों में निबंध

Updated On: October 17, 2023 11:41 am IST

प्रस्तावना (Preface)

आयोजन (events).

  • श्री राम द्वारा रावण का वध (Slaying of Ravana by …

दशहरा और दुर्गा पूजा (Dussehra and Durga Puja)

निष्कर्ष (conclusion).

  • दशहरा पर 200 शब्दों में निबंध (Essay on Dussehra in …
  • दशहरा पर 500+ शब्दों में निबंध (Essay on Dussehra in …

दशहरा पर हिंदी में निबंध

श्री राम द्वारा रावण का वध (Slaying of Ravana by Lord Shri Ram)

दशहरा पर 200 शब्दों में निबंध (Essay on Dussehra in 200 words in Hindi)

दशहरा पर 500+ शब्दों में निबंध (essay on dussehra in 500+ words), are you feeling lost and unsure about what career path to take after completing 12th standard.

Say goodbye to confusion and hello to a bright future!

क्या यह लेख सहायक था ?

सबसे पहले जाने.

लेटेस्ट अपडेट प्राप्त करें

क्या आपके कोई सवाल हैं? हमसे पूछें.

24-48 घंटों के बीच सामान्य प्रतिक्रिया

व्यक्तिगत प्रतिक्रिया प्राप्त करें

बिना किसी मूल्य के

समुदाय तक पहुंचे

समरूप आर्टिकल्स

  • गाय पर हिंदी में निबंध (Essay on Cow in Hindi) - गाय पर निबंध 100, 200, 500 शब्दों में यहाँ देखें

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi): इतिहास, महत्व, 200 से 500 शब्दों में होली पर हिंदी में निबंध लिखना सीखें

  • भारत में बेस्ट सर्टिफिकेट कोर्स 2024 (Best Certificate Courses in India in 2024)- करियर विकल्प, जॉब और सैलरी देखें
  • गणतंत्र दिवस 2024 पर भाषण (Republic Day Speech in Hindi): 26 जनवरी पर शानदार भाषण लिखने का तरीका यहां जानें
  • हिंदी दिवस पर निबंध (Essay on Hindi Diwas in Hindi): हिंदी दिवस पर निबंध 10, 100, 250 और 500 शब्दों में
  • भारत में 12वीं के बाद एंट्रेंस एग्जाम की लिस्ट (List of Entrance Exams in India After Class 12) - यहां देखें

नवीनतम आर्टिकल्स

  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Essay on Miracle of Science in Hindi): 200 से 500 शब्दों में निबंध लिखना सीखें
  • 12वीं में 70 से 80 प्रतिशत स्कोर करने के बाद के विकल्प और बेस्ट कोर्सेस (Best Course Options After Scoring 70 to 80 Percent in 12th)
  • पीसीएम के साथ 12वीं के बाद नॉन साइंस कोर्सेस की लिस्ट (List of Non-Science Courses after 12th with PCM)
  • 15 अगस्त पर हिंदी में भाषण (15 August Speech In Hindi): स्वतंत्रता दिवस पर 500 शब्दों में भाषण
  • मेरा प्रिय खेल पर निबंध (Essay on my favourite Game in Hindi) - कक्षा 6 से 12 के लिए निबंध लिखना सीखें
  • रीट नोटिफिकेशन 2024-25 (REET Notification 2024-25 in Hindi) - डेट, एलिजिबिलिटी, सिलेक्शन प्रोसेस
  • मेरा प्रिय मित्र पर हिंदी में निबंध (Essay on My Best Friend in Hindi)
  • दहेज़ प्रथा पर हिंदी में निबंध (Essay on Dowry System in Hindi): 100 से 500 शब्दों में कक्षा 7 से 10 के लिए
  • यूजीसी द्वारा घोषित 2024 में भारत के फर्जी यूनिवर्सिटी की लिस्ट (List of Fake Universities in India 2024 by UGC): नई सूची यहां देखें
  • सरदार वल्लभभाई पटेल पर हिंदी में निबंध (Essay on Sardar Vallabhbhai Patel in Hindi)
  • बैचलर ऑफ़ वेटरनरी साइंस में एडमिशन 2024 (BVSc) (Bachelor of Veterinary Science Admission in India 2024): पात्रता, कॉलेज और अन्य जानकारी यहां देखें
  • राजस्थान बीएसटीसी प्री डीएलएड रिजल्ट 2024 (Rajasthan BSTC Pre DElEd Result 2024): डायरेक्ट लिंक @panjiakpredeled.in
  • भीम राव अंबेडकर कॉलेज के लिए सीयूईटी यूजी कटऑफ 2024 (Bhim Rao Ambedkar College CUET UG Cutoff 2024): पिछले रुझानों के आधार पर देखें अपेक्षित कटऑफ
  • हिंदी में पत्र लेखन (Hindi Letter Writing): हिंदी में कैसे लिखें फॉर्मल और इनफॉर्मल लेटर
  • 10वीं के बाद आईटीआई कोर्स (ITI Courses After 10th in India) - एडमिशन प्रोसेस, टॉप कॉलेज, फीस, जॉब स्कोप जानें
  • 12वीं के बाद बेस्ट आईटीआई कोर्स (ITI Courses After 12th) - एडमिशन प्रोसेस, एलिजिबिलिटी और स्कोप
  • 12वीं के बाद एनिमेशन कोर्स (Animation Courses After 12th) - फीस, जॉब और सैलरी डिटेल में जानें
  • 12वीं के बाद बेस्ट डिस्टेंस एजुकेशन डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्सेस (Best Distance Education Diploma and Certificate Courses after 12th)
  • 10वीं के बाद डिप्लोमा कोर्स (Diploma Courses After 10th): मैट्रिक के बाद बेस्ट डिप्लोमा कोर्स, एडमिशन, फीस और कॉलेज की लिस्ट देखें
  • 12वीं और ग्रेजुएशन के बाद भारत में टॉप प्रोफेशनल कोर्सेस की लिस्ट (List of Top Professional Courses in India after 12th and Graduation in Hindi)
  • दिल्ली विश्वविद्यालय कोर्सेस (Delhi University Courses) - डीयू यूजी कोर्सेस की स्ट्रीम-वार लिस्ट यहां देखें
  • 90% से कम कट-ऑफ वाले डीयू कॉलेज और कोर्सेस (DU Colleges and Courses with Less than 90% Cut-Off Criteria): यहां देखें
  • हरियाणा पॉलिटेक्निक परीक्षा 2024 (Haryana Polytechnic Exam 2024): यहां चेक करें संबंधित तारीखें, परीक्षा पैटर्न और काउंसलिंग प्रोसेस
  • पहले प्रयास में यूपीएससी कैसे पास करें? (How to Clear Upsc in First Attempt in Hindi)
  • यूपीएससी सीएसई मेन्स पासिंग मार्क्स 2024 (UPSC CSE Mains Passing Marks 2024 in Hindi)

नवीनतम समाचार

  • NTA ने पुनः एग्जाम के लिए नीट एडमिट कार्ड 2024 जारी किया

ट्रेंडिंग न्यूज़

मध्य प्रदेश बीएससी नर्सिंग एडमिशन 2024 (Madhya Pradesh BSc Nursing Admission 2024): तारीखें, चयन, एडमिशन प्रक्रिया, पात्रता

Subscribe to CollegeDekho News

  • Select Stream Engineering Management Medical Commerce and Banking Information Technology Arts and Humanities Design Hotel Management Physical Education Science Media and Mass Communication Vocational Law Others Education Paramedical Agriculture Nursing Pharmacy Dental Performing Arts
  • Select Program Type UG PG Diploma Ph.D Certificate

कॉलेजदेखो के विशेषज्ञ आपकी सभी शंकाओं में आपकी मदद कर सकते हैं

  • Enter a Valid Name
  • Enter a Valid Mobile
  • Enter a Valid Email
  • Select Level UG PG Diploma Ph.D Certificate
  • By proceeding ahead you expressly agree to the CollegeDekho terms of use and privacy policy

शामिल हों और विशेष शिक्षा अपडेट प्राप्त करें !

Details Saved

essay in hindi class 7

Your College Admissions journey has just begun !

Try our AI-powered College Finder. Feed in your preferences, let the AI match them against millions of data points & voila! you get what you are looking for, saving you hours of research & also earn rewards

For every question answered, you get a REWARD POINT that can be used as a DISCOUNT in your CAF fee. Isn’t that great?

1 Reward Point = 1 Rupee

Basis your Preference we have build your recommendation.

IMAGES

  1. Essay Topics For Class 7 In Hindi

    essay in hindi class 7

  2. hindi essay on my first day in class 7

    essay in hindi class 7

  3. Essay Topics For Class 7 In Hindi

    essay in hindi class 7

  4. Essay Topics For Class 7 In Hindi

    essay in hindi class 7

  5. Hindi Essay Topics For Class 7th

    essay in hindi class 7

  6. hindi Class 7 निबंध : खानपान की बदलती तस्वीर

    essay in hindi class 7

VIDEO

  1. Last CHANCE😱 for Hindi Exam

  2. Class 7th Hindi Question Paper 23 March 2024 || Bihar board class 7 Hindi Final yearly exam Original

  3. 10 lines on Diwali in Hindi/Diwali 10 Lines in Hindi Essay Writing

  4. class 7 l Hindi Grammar l sangya or uske prakar l Explanation l Study Studio l

  5. Mera vidyalay nibandh/मेरा विद्यालय निबंध/My school essay in hindi #meravidyalaynibandh

  6. HINDI CLASS 7 || CHAPTER 1 || NEW TEXT BOOK || NEW SYLLABUS || MALAYALAM EXPLANATION || SCERT

COMMENTS

  1. Hindi Essays for Class 7: Top 10 Hindi Nibandhs

    Hindi Nibandh for Class 7 (Essay) # 1. स्वावलंबन (आत्म-निर्भरता) पर निबन्ध | Essay on Essay on Self Independent in Hindi. स्वावलंबन का अर्थ है - अपने ऊपर आश्रित या निर्भर होना । वे बड़े ...

  2. CBSE Class 7 Hindi निबंध-लेखन

    CBSE Class 7 Hindi निबंध-लेखन. निबंध गद्य की विशेष विधा है। नि + बंध अर्थात नियोजित रूप में बँधा होना। यह अपने विचारों को प्रकट करने का उत्तम ...

  3. Hindi Essay

    List of Essay in Hindi for Class 3 to 12. हिंदी में निबंध for Half-yearly and Annually Exam. Hindi Nibandh for all classes.

  4. Hindi Essay (Hindi Nibandh)

    महानगरीय जीवन पर निबंध - (Metropolitan Life Essay) दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध - (Dowry Problem Essay) सुरीला राजस्थान निबंध - (Folklore Of Rajasthan Essay)

  5. हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi)

    हिंदी निबंध (Hindi Nibandh/ Essay in Hindi) - हिंदी निबंध की तैयारी उम्दा होने पर न केवल ज्ञान का दायरा विकसित होता है बल्कि छात्र परीक्षा में हिंदी निबंध में अच्छे अंक ला ...

  6. ‎हिन्दी निबंध

    यहाँ विभिन्न विषयों पर ‎हिन्दी निबंध (Hindi Essay) प्राप्त करें जो आपके बच्चे और कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है ...

  7. CBSE Sample Papers for Class 7 Hindi with Solution 2024-25

    CBSE Sample papers for Class 7 Hindi : Download and solve the CBSE Class 7 Hindi sample papers pdfs for the academic year 2024-25 and develop your skills accordingly to score more in the exams.

  8. Class 7 Hindi Grammar Chapter 38 निबंध लेखन

    Class 7 Hindi Grammar Chapter 38 Nibandh Lekhan updated for academic session 2024-25 CBSE and State boards free to use online or PDF.

  9. CBSE Class 7 Hindi Sample Paper 2023-24 PDF (Free Download)

    The download process of CBSE Class 7 Hindi Sample Paper is very simple - follow the step by step method below, to download the Class 7 Hindi Sample Papers in PDF file format.

  10. NCERT Solutions For Class 7 Hindi

    NCERT Hindi book Class 7 solutions PDF prepares you to answer every question regarding Hindi literature. The PDF course material is comprehensive, easy to memorise, and imparts the necessary knowledge to obtain the class's topmost rank. The chapter improves your vocabulary, writing skills, and the notes are important for your academic success.

  11. समय के महत्व पर निबंध (Value of Time Essay in Hindi)

    समय के महत्व पर निबंध (Value of Time Essay in Hindi) "समय" एक ऐसी चीज है जो भिखारी को राजा और राजा को भिखारी बना सकती है। समय सबसे शक्तिशाली हथियार है ...

  12. NCERT Solutions For class 7 Hindi Vasant

    NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant - Free PDF Download Class 7 of the NCERT The Hindi textbook Vasant is an interesting book to read. This is a basic book on Hindi Literature with a wide range of chapters that will bring the subject to a seventh-grade student's level of knowledge. Many beautiful texts contain many hidden meanings that students must be aware of. This book includes a total ...

  13. निबंध लेखन, हिंदी में निबंध| Hindi Essay Writing topics

    निबंध लेखन हिंदी में - Essay Writing in Hindi. Get Full Details of Hindi Essay writing Topics for class 9, 10, Tips, and Examples of Essays.

  14. CBSE Class 7 Hindi अनुच्छेद-लेखन

    CBSE Class 7 Hindi अनुच्छेद-लेखन. अनुच्छेद-लेखक भी एक कला है। किसी विषय पर सीमित शब्दों में अपने विचार लिखना ही अनुच्छेद लेखन है। निबंध तथा ...

  15. भारत (इंडिया) पर निबंध

    भारत पर निबंध (India Essay in Hindi) By अर्चना सिंह / July 19, 2023. पूरे विश्व भर में भारत एक प्रसिद्ध देश है। भौगोलिक रुप से, हमारा देश एशिया महाद्वीप के ...

  16. NCERT Solutions for Class 7 Hindi for All Chapters Free PDF Download

    NCERT Hindi Vasanth Book Class 7 Solutions PDFs are free to print and you can use them whenever you want during preparation. Revise the complete CBSE Class 7 Hindi Syllabus wisely using the Class 7 NCERT Solutions Hindi and score better grades in your exams. Step by Step Solutions provided makes it easy for you to learn how to write in final exams to get maximum marks.

  17. Essay in Hindi Language

    Essay in Hindi - These Hindi essays are for Nursery Class, Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12. We provide various types of essay in Hindi such as education ...

  18. होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi): इतिहास, महत्व, 200 से 500

    होली पर निबंध 10 लाइन (Holi Par Nibandh 10 Lines) होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) - होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिसे हिन्दू धर्म के लोग पूरे उत्साह और सौहार्द के साथ मनाते हैं ...

  19. Mera Priya Mitra Essay in Hindi

    Mera Priya Mitra Essay in Hindi For class 4, 5, 6 (150 WORDS) मित्र वह व्यक्ति होता है जिसके साथ रहने से हम आनंदित हो। दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति को एक सच्चे मित्र की ...

  20. जल संरक्षण पर निबंध (Save Water Essay in Hindi)

    जल का संरक्षण निबंध (300 शब्द) जल संरक्षण पर निबंध । Essay on Save Water in Hindi । Jal Sanrakshan par Nibandh Hindi mein. Watch on. परिचय. धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाये रखने के लिये ...

  21. NCERT Class 7 Hindi

    Download NCERT Class 7 Hindi - Durva Book PDF as per the latest CBSE Syllabus at Vedantu. Register & Download NCERT Solutions for Free with CBSE Class 7 Hindi - Durva NCERT Books.

  22. दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi): दशहरा पर 10, 100, 150, 200

    दशहरा पर हिंदी में निबंध (Essay on Dussehra in Hindi): दशहरा हिन्दू धर्म के लोगों का प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो हर साल सितंबर-अक्टूबर या हिन्दू पंचांग के अनुसार ...