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Essay On Diwali In Hindi (100, 200, 300, 500, 700, 1000 Words)

दीपावली निबंध 1 (100 शब्द) :.

हम भारत देश में रहते हैं जिसे अपने सौंदर्य और त्यौहारों की वजह से जाना जाता है इन्हीं में से एक त्यौहार दीपावली होता है। इस दिन को भगवान राम की रावण पर अथार्त ज्ञान की अज्ञान पर जीत के रूप में मनाया जाता है। दीपावली को सर्दियों के समय अक्तूबर या नवंबर में कार्तिक मांस की अमावस्या के दिन बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है।

इस दिन भगवान श्री राम राक्षस रावण का वध करके और 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस आये थे जिसकी खुशी में अयोध्यावासियों ने घी के दीप जलाए थे। दीपावली के आने से कुछ दिनों पहले से ही लोग अपने-अपने घरों की साफ-सफाई करने लगते हैं और अपने घर को पूरी तरह से पवित्र कर देते हैं।

इस दिन सभी लोग नए-नए कपड़े पहनकर घरों में लक्ष्मी पूजन करते हैं जिसके बाद सभी लोग मिठाईयां बांटते हैं और पटाखे जलाते हैं। हर घर में अलग-अलग तरह के व्यंजन और पकवान बनाए जाते हैं। इस दिन बहुत से लोग शराब पीते हैं, जुआ खेलते हैं, लड़ाई-झगड़ा करते हैं जिसकी वजह से पर्यावरण भी दूषित होने लगता है जो अच्छी बात नहीं है।

दीपावली निबंध 2 (200 शब्द) :

हम भारत देश में रहते हैं जिसे अलग-अलग धर्मों में एकता, संस्कृति, रीति-रिवाजों और अलग-अलग उत्सवों की वजह से जाना जाता है। भारत देश में सभी धर्मों के त्यौहारों को महत्व दिया जाता है जिस प्रकार हिंदुओं के पर्व दीपावली को महत्व दिया जाता है। दीपावली त्यौहार को कार्तिक मांस की अमावस्या के दिन मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अपने देश अयोध्या लौटे थे।

श्री राम के आने की खुशी में लोगों ने दिए जलाकर पूरी अयोध्या नगरी को जगमगा दिया था। दीपावली का अर्थ होता है दीपों की पंक्ति जिसमें दीयों को एक पंक्ति में जलाया जाता है। इस दिन के महत्व के रूप में लोग यह कहते हैं कि अगर इस दिन घरों, दुकानों और कार्यालयों की अच्छी तरह से साफ-सफाई की जाए तो लक्ष्मी जी का प्रवेश होता है।

इस दिन को बेहतर बनाने के लिए लोग नए कपड़े, पटाखे, बर्तन, साज-सज्जा के सामान खरीदते हैं। दीपावली के दिन लोग नए कपड़े पहनकर सबसे पहले लक्ष्मी पूजन करते हैं जिसके बाद सभी लोग आपस में गले मिलते हैं और मिठाईयां बांटते हैं। बच्चे पटाखे जलाकर अपनी खुशी व्यक्त करते हैं। इस तरह से ओग भगवान श्री राम के प्रति अपनी खुशी और प्रसन्नता प्रकट करते हैं।

दीपावली निबंध 3 (300 शब्द) :

भूमिका : भारत में सभी धर्मों का बहुत महत्व है लेकिन हिन्दू धर्म की दीपावली को सभी धर्मों में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। दीपावली को सिर्फ भारत देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बहुत ही उत्साह और महत्व के साथ मनाया जाता है।

इस दिन को इतना महत्व भगवान श्री राम की रावण पर और अच्छाई की बुराई पर जीत की वजह से मिला है। जिस दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस लौटे थे तो अयोध्यावासियों ने रात को दिन में बदलने के लिए दिए जलाए थे जिसकी वजह से पूरी अयोध्या जगमगाने लगी थी इसलिए इस दिन को सभी लोग दीपावली के रूप में मनाते हैं।

लक्ष्मी पूजन : दीपावली आने की खुशी में लोग अपने घरों, कार्यालयों, दुकानों और कारखानों में अच्छी तरह से साफ-सफाई करते हैं जिससे उनके जीवन के हर अँधेरे को दूर करने के लिए लक्ष्मी जी उनके जीवन में प्रवेश करें। रात के समय लोग नहा-धोकर नए कपड़े पहनते हैं जिसके बाद समय के साथ लक्ष्मी पूजन करके गणेश, लक्ष्मी और सरस्वती जी को याद किया जाता है।

दीपावली के दिन सभी लोग बहुत से मजेदार खेल खेलते हैं, स्वादिष्ट व्यंजन खाते हैं और पटाखे जलाकर इस दिन को बहुत ही खास बना देते हैं। इस दिन सभी जगहों चाहे वह सरकारी कार्यालय हो या सडक सभी को साफ करके अच्छी तरह से सजाया जाता है। इस दिन सभी लोग दिए, मोमबत्ती, लड़ी लगाकर अपने घरों को सजाते हैं। इस दिन लोग एक-दूसरे को उपहार देते हैं, मिठाईयां खिलाते हैं और दीपावली की बधाई देते हैं।

उपसंहार : कोई भी त्यौहार उस देश का इतिहास होता है ठीक उसी तरह से भारत का एक इतिहास को दीपावली त्यौहार के रूप में हर साल याद किया जाता है। इसे भारत में एकता के रूप में देखा जाता है। दीपों के त्यौहार को दीपावली को अलग-अलग नामों से जाना जाता है जो बहुत ही आनंद और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार इतना पवित्र और महत्व वाला होता है कि किसी भी व्यक्ति को न्य जीवन जीने के लिए उत्साह प्रदान करता है।

दीपावली निबंध 4 (400 शब्द) :

भूमिका : दीपावली एक ऐसा त्यौहार है जिसे भारत के साथ-साथ बहुत से अन्य देशों में भी मनाया जाता है जहाँ पर भी भारतीय लोग रहते हैं। जब कोई व्यक्ति अपने अज्ञान रूपी अंधकार को हटाकर उसपर ज्ञान रूपी उजाले को प्रज्ज्वलित करता है तो उसे एक बहुत ही असीम और आलौकिक आनंद का अनुभव होता है।

दीपावली भी इसी तरह का त्यौहार है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम अथार्त ज्ञान ने रावण रूपी अज्ञान को पराजित किया था। राम जी के वनवास से वापसी के लिए लोगों ने पूरी अयोध्या नगरी को फूलों, दीपों और रंगों से बहुत ही अच्छी तरह से सजाया था। जिसकी वजह से इसे दीपावली नाम दे दिया गया और हर साल मनाया जाने लगा।

दीपावली का इतिहास : दीपावली त्यौहार को अक्तूबर या नवंबर के महीने में कार्तिक मांस की अमावस्या के दिन मनाया जाता है क्योंकि इस दिन का हमारे भगवान श्री राम से बहुत ही गहरा संबंध है। इस दिन भगवान श्री राम ने लंकापति रावण को मारकर सीता माता को पुनः प्राप्त किया था।

सीता माता के साथ वनवास काटकर वापस लौटने की खुशी में उनकी प्रजा ने घी के दीए जलाकर अमावस्या की रात को पूर्णिमा में बदल दिया था। इस दिन लोगों ने पूरी अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह सजाया था और वहां के बाजारों में बहुत ही भीड़ थी क्योंकि श्री राम के वापस आने की खुशी में लोग मिठाईयां, कपड़े, खिलौने, पटाखे और उपहार खरीद रहे थे।

दीपावली का दिन : दीपावली का त्यौहार आने से कुछ दिनों पहले से ही लोग उत्साहित होने लगते हैं और अपने घरों और आसपास की साफ-सफाई करें ताकि उनके घर में किसी तरह की अशुद्धि न रह सके। इस दिन लोग बहुत ही खुश रहते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं।

इस दिन लोग अपने बच्चों के लिए खिलौने, मिठाईयां, बर्तन, कपड़े और पटाखे खरीदते हैं। इस दिन लोग अपने-अपने घरों और काम की जगहों को सजाते हैं। रात के समय लोग अपने-अपने घर में लक्ष्मी पूजन करते हैं जिसके बाद वे अपनी कला का भी प्रदर्शन करते हैं। इस दिन सभी लोग अपने आपसी द्वेष और क्लेश मिटाकर एक-दूसरे को गले लगाते हैं और मिठाईयां खिलाते हैं।

उपसंहार : दीपावली भारत में सभी धर्मों के द्वारा मनाया जाने वाला एक त्यौहार है क्योंकि यह सभी के लिए खुशी और आशीर्वाद लेकर आता है। इस त्यौहार की वजह से हर साल लोगों को बुराई पर अच्छाई की जीत का एक नया सत्र सीखने को मिलता है।

किसी भी तरह का पर्व हमें उसके भूत में ले जाता है और हम फिर से एक बार उसके पीछे के कारणों को याद कर पाते हैं। यह एक बहुत ही अच्छा तरीका होता है अपने पुराने समय या अपने देश के अतीत को स्मरण करने का।

दीपावली निबंध 5 (500 शब्द) :

भूमिका : भारत एक त्यौहारों का देश है जिसमें हर महीने कोई-न-कोई त्यौहार या जयंती मनायी जाती है लेकिन इन्हीं में से एक त्यौहार दीपावली होता है जो एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है। दीपावली त्यौहार के पीछे बहुत सी धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं हैं। इस त्यौहार को मनाने के पीछे एक बहुत ही खास कारण है जो भगवान श्री राम से संबंधित है।

इस दिन भगवान श्री राम ने असुर रावण का वध किया था और अपनी पत्नी सीता को रावण की कैद अथार्त लंका से आजाद कराया था। यह पर्व वर्षा ऋतू के जाने के बाद शीत ऋतू के शुरू होने की ओर संकेत करता है। इस त्यौहार को पांच दिनों तक मनाया जाता है जिसमें धनतेरस, छोटी दीपावली, बड़ी दीपावली, गौधन, भाई दूज आदि त्यौहार एक के बाद एक मनाए जाते हैं।

दीपावली का अर्थ : दीपावली दो शब्दों से मिलकर बना है जो संस्कृत से लिया गया है जिसका अर्थ होता है दीपों की पंक्ति या दीपों से सजी हुई पंक्ति। इस दिन बहुत सारे दीप और मोमबत्तियां जलाई जाती हैं जिसकी वजह से इस दिन को रौशनी का त्यौहार और दीपोत्सव भी कहा जाता है।

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इस दिन को मनाने के पीछे वैसे तो बहुत सारी कथाएं होती हैं लेकिन सबसे प्रमुख श्री राम चंद्र जी की असुर रावण पर जीत की कथा है। अमावस्या के दिन बहुत अधिक अँधेरा होता है जिसे दूर करने के लिए दीपों से घरों को सजाया जाता है और अँधेरे को दूर भगाया जाता है। दीपावली के दिन गणेश और लक्ष्मी पूजन किया जाता है जिससे घर में सुख-शांति का प्रवेश हो सके। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने महारस लीला का आयोजन किया था जिसकी वजह से भी इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया था।

दीपावली का महत्व : दीपावली को पूरे भारत में बहुत ही खुशी और धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन को अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई, अज्ञान पर ज्ञान की जीत के रूप में मनाया जाता है।

इस दिन को सभी लोगों के द्वारा बहुत ही सुंदर और पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है जिसका भारत की आर्थिक दृष्टि से बहुत महत्व होता है क्योंकि दीपावली के त्यौहार पर लोग खिलौने, बर्तन, सोना, आभूषण, मिठाईयां, कपड़े आदि की खरीददारी करते हैं और पैसा खर्च करते हैं जिसकी वजह से भारत को भी बहुत लाभ होता है।

इस दिन का महत्व राम, पांडव आदि की वजह से बढ़ जाता है। आज के दिन गणेश, लक्ष्मी और सरस्वती जी की पूजा की जाती है क्योंकि आज के ही दिन समुद्र मंथन हुआ था जिसमें लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था जिसकी वजह से आज के दिन लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है।

बच्चों की दीपावली : दीपावली त्यौहार का नाम सुनते ही बच्चों के चेहरे खुशी से झूमने लगते हैं। सभी बच्चे इस त्यौहार में होने वाली सभी गतिविधियों और प्रतियोगिताओं में बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। दीपावली के दिन स्कूलों में अध्यापकों के द्वारा बच्चों के लिए सजावट, रंगोली प्रतियोगिता, खेल प्रतियोगिता आयोजित की जाती हैं जिसमें बच्चे बहुत ही उत्साह के साथ भाग लेते हैं।

स्कूलों में दीपावली त्यौहार के कार्यक्रम बहुत दिनों पहले से ही शुरू होने लगते हैं। दीपावली के दिन का बच्चों के लिए बहुत अधिक महत्व होता है क्योंकि इस दिन घर के बड़े बच्चों के लिए मिठाईयां, खिलौने, पटाखे, कपड़े और उपहार खरीदते हैं जिसकी वजह से बच्चों को बहुत अधिक प्रसन्नता होती है।

उपसंहार : दीपावली के दिन का धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से बहुत महत्व होता है क्योंकि हमारे इतिहास की वजह से आज हम खुश और संपन्न रहते हैं। इस दिन को और अधिक उत्साहित और सुरक्षित बनाने के लिए जितना हो सके बच्चों को ऐसी चीजों से दूर रखना चाहिए जो प्रदूषण या स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती हों।

आजकल हम देखते हैं कि लोग पटाखे छोड़कर प्रदूषण फैलाते हैं और कभी-कभी तो बड़े-बड़े पटाखों को छोड़ते समय बच्चों को चोट लग जाती है। कभी-कभी तो बच्चे जल भी जाते हैं और बच्चों की मृत्यु भी हो जाती है। हम सभी को अधिक-से-अधिक कोशिश करनी चाहिए कि हम कम शोर, प्रदूषण और जोखिम लेकर इस दिन को और अधिक महत्व दें।

दीपावली निबंध 6 (600 शब्द) :

भूमिका : भारत देश में बहुत से त्यौहार मनाए जाते हैं जो अलग-अलग धर्मों द्वारा मनाए जाते हैं। इन सभी त्यौहारों में से सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार होता है दीपावली जिसे प्रकाश का पर्व, जश्न-ए-चिराग, रौशनी का पर्व आदि नामों से जाना जाता है। इस त्यौहार को दीपों या रौशनी के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है क्योंकि यह पर्व सभी के लिए भरोसा और उन्नति लेकर आता है।

दीपावली के त्यौहार को बहुत अधिक महत्व इसलिए दिया जाता है क्योंकि इस त्यौहार को श्री राम चंद्र जी के घर लौटने की खुशी में लोगों ने तरह-तरह की मिठाईयां बांटी और आतिशबाजी करके अपनी खुशी को प्रकट किया था जिसके बाद इस दिन को दीपावली त्यौहार के नाम से प्रति वर्ष मनाया जाने लगा।

दीपावली की परंपरा : दीपावली के त्यौहार को बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक मन जाता है क्योंकि यह पर्व लोगों में प्रेम और एक-दूसरे के लिए स्नेह की भावना का विकास करता है। दीपावली के त्यौहार को व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।

दीपावली के त्यौहार को भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी अलग-अलग परंपराओं और रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है। सभी लोगों में दीपावली की बहुत ही उमंग होती है क्योंकि इसमें वे अपने मन की चीजें जैसे – खाना, मिठाईयां, कपड़े, खिलौने, आदि सभी खरीदते हैं। इस दिन सभी लोग अपने घर के साथ-साथ अपने मनों की भी सफाई करते हैं ताकि उनके घर के साथ-साथ उनके मन में किसी भी तरह की कोई गंदगी या हीन भावना न रह सके।

दीपावली का वर्णन : दीपावली के त्यौहार को अक्तूबर या नवंबर यानि कार्तिक मांस की अमावस्या के दिन मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम चंद्र 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या नगरी वापस लौटे थे। दीपावली के त्यौहार को पांच दिनों तक मनाया जाता है जिसमें पहले दिन को धनतेरस कहते हैं जिसमें धन के देव कुबेर जी की और अहोई माता की पूजा की जाती है।

धनतेरस के दिन सभी जगह पर बर्तनों की दुकानों को देखा जा सकता है क्योंकि लोग अपने घर में नए बर्तनों को खरीदकर उनकी पूजा करते हैं। दूसरे दिन को छोटी दीपावली कहते हैं क्योंकि इस दिन लोग अपने घर की सारी गंदगी को बाहर निकालकर उसे पवित्र करते हैं।

तीसरे दिन को दीपावली कहा जाता है जिसे लोग बड़े ही उत्साह और धूम-धाम से मनाते हैं। चौथे दिन को गोवर्धन के नाम से जाना जाता है जिसमें भगवान कृष्ण और गोबर की पूजा की जाती है। पांचवे दिन को भाई दूज कहते हैं जिसमें बहनें अपने भाईयों की आरती करती हैं और मिठाईयां खिलाती हैं।

दीपावली की बुराईयाँ : किसी अच्छे और खास उद्देश्य को लेकर बने त्यौहार में भी कालांतर में विकार पैदा हो जाते हैं। जो लोग लक्ष्मी जी की पूजा धन की प्राप्ति करने के लिए करते हैं वहीं पर कुछ लोग इनकी पूजा जूआ खेलकर भी करते हैं। जूआ खेलना एक प्रथा मानी जाती है जिसे पुराने समय से ही खेला जाता रहा है।

इससे समाज व पावन पर्वों के लिए एक कलंक के समान होता है। आज के समय में लोग बहुत अधिक बंब और पटाखे फोड़ते हैं जिसकी वजह से वायु प्रदूषण, भूमि प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण बहुत अधिक मात्रा में बढ़ जाता है। प्रदूषण होने की वजह से व्यक्ति को जीवन जीने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

लक्ष्मी पूजा का इतिहास : रामायण से पहले इस पर्व या त्यौहार को महालक्ष्मी पूजा के नाम से मनाया जाता था क्योंकि इस दिन जब समुद्र मंथन हुआ था तो देवी लक्ष्मी का जन्म हुआ था जिसकी वजह से इस दिन को महालक्ष्मी पूजा के नाम से मनाया जाता था।

इस दिन जो भी व्यक्ति अपने घर की साफ-सफाई रखते हैं और मन से देवी लक्ष्मी जी की आराधना करते हैं तो देवी लक्ष्मी उससे प्रसन्न होकर उस पर अपनी कृपा बरसाती हैं इसलिए इस दिन घर को साफ व स्वच्छ किया जाता है।

इस दिन लोग लक्ष्मी जी के गीत, आरती, मंत्र उच्चारण करते हैं जिससे वे लक्ष्मी जी को प्रसन्न कर सकें। लक्ष्मी जी धन की अधिष्ठात्री देवी होती हैं जिसकी वजह से उन्हें धन का प्रतिक माना जाता है।

उपसंहार : दीपावली के दिन भगवान गणेश, लक्ष्मी और सरस्वती जी की पूजा की जाती है क्योंकि कोई भी शुभ कार्य या त्यौहार मनाने में सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है क्योंकि उन्हें शुभ शुरुआत के देवता, लक्ष्मी जी को धन की देवी और सरस्वती जी को ज्ञान की देवी माना जाता है। दीपावली की रात के समय सभी लोग अपने घरों के दरवाजे खोलकर सोते हैं क्योंकि उन्हें यह उम्मीद रहती है कि आज के दिन उनके घर में लक्ष्मी जी का वास होगा।

दीपावली निबंध 7 (700 शब्द) :

भूमिका : भारत एक ऐसा देश है जहाँ पर अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं जिसकी वजह से उनमें अनेकता में भी एकता दिखाई देती है। भारत में चाहे कितने भी धर्म हों या त्यौहार हों उन्हें पूरा भारत मिलकर मनाता है उसी तरह से हिंदुओं का त्यौहार दीपावली भी बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है जिसे सभी जगह पर अलग-अलग त्रिकोण से मनाया जाता है क्योंकि सभी लोगों के नजरिए अलग-अलग होते हैं वे अपने नजरिए के हिसाब से ही अपने पर्व को मनाने में खुशी महसूस करते हैं।

दीपावली क्यों मनायी जाती है : दीपावली एक ऐसा त्यौहार है जिसका नाम सुनते ही लोगों में खुशी और उत्साह का संचार होता है क्योंकि इसे एक ऐसा त्यौहार माना जाता है जो हर व्यक्ति को एक शुद्ध और नया जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है।

दीपावली पर्व को कार्तिक मांस की अमावस्या को मनाया जाता है क्योंकि इस दिन को भगवान श्री राम के वनवास से वापस आने की खुशी में उनकी प्रजा ने अमावस्या के दिन को पूर्णिमा में बदल दिया था इसी वजह से इस दिन को याद रखने के लिए इसे हर साल दीपावली के नाम से मनाया जाने लगा।

स्वच्छता का प्रतीक : जहाँ पर दीपावली के त्यौहार को खुशी और उत्साह का त्यौहार माना जाता है वहीं पर इसे रौनक, ज्ञान, अंतःकरण के साथ-साथ स्वच्छता का भी प्रतीक माना जाता है।

जब घर की सफाई अच्छी तरह से नहीं की जाती है तब घरों में मच्छर, खटमल, पिस्सू, कीड़े, आदि अपना घर बना लेते हैं लेकिन दीपावली के दिन सभी लोग अपने-अपने घरों में साफ-सफाई करके अपनी घर को पूरी तरह से पवित्र कर लेते हैं जिसकी वजह से इस त्यौहार पर चारों तरफ स्वच्छता दिखाई देती है इसीलिए इसे स्वच्छता का प्रतीक माना जाता है।

दीपावली की तैयारी : दीपावली त्यौहार की तैयारियां बहुत से लोग दीपावली से नौ या दस दिन पहले ही करना शुरू कर देते हैं। दीपावली से पहले लोग अपने घरों की साफ-सफाई के साथ-साथ अपने घरों की लिपाई-पुताई करवाते हैं।

लोग अपने घर की साज सज्जा के लिए सभी प्रकार के सामान खरीदते हैं। दीपावली के त्यौहार पर लोग नए बर्तन, कपड़े, खिलौने, मिठाईयां, पटाखे, रंगोली के रंग आदि खरीदते हैं। दीपावली के दिन लोग अलग-अलग तरह की मिठाईयां और पकवान बनाते हैं, अपने घरों पर दीए और मोमबत्ती लगाकर घर को सजाते हैं।

महापुरुषों का निर्वास दिवस : दीपावली के त्यौहार को मनाने के पीछे बहुत सी पौराणिक कथाएं हैं। दीपावली के दिन जैनियों के तीर्थकर महावीर स्वामी जी ने निर्वाण प्राप्त किया था जिसकी वजह से जैनों के लिए इस दिन का बहुत अधिक महत्व है।

स्वामी दयानंद और स्वामी रामतीर्थ जी भी आज के ही दिन निर्वाह को प्राप्त हुए थे। आज का दिन आर्य समाज और सिक्खों के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है। हिंदुओं के लिए दीपावली का बहुत अधिक महत्व होता है क्योंकि इसी दिन श्री राम चंद्र जी अपना 14 वर्ष का वनवास काटकर वापस आए थे।

पूजा की विधि : दीपावली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है क्योंकि आज के दिन लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था इसलिए अगर कोई लक्ष्मी जी को प्रसन्न कर देता है तो उस पर उम्र भर लक्ष्मी देवी की कृपा बरसती है। आज के दिन पूजा के लिए लक्ष्मी माँ की तस्वीर बनाई जाती है जिसपर चांदी का या किसी भी तरह का सिक्का लगाया या चिपकाया जाता है।

आरती की थाली में कुछ पैसे, सोने, रोली, चावल, हल्दी, घी, प्रसाद, शक्कर, मोली, खील, बतासे, आदि रखे जाते हैं जिसके बाद पूरी विधि के साथ लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है जिसमें लोग मुख्य रूप से गीत, आरती, भजन आदि गाते हैं। पूजा के बाद सभी लोगों को प्रसाद बांटा जाता है और एक-दूसरे को दीपावली की बधाई दी जाती है।

उपसंहार : आप सभी लोग दीपावली तो मनाते हैं लेकिन उसके अंदर जो अर्थ छुपा होता है उस अर्थ को समझना भूल जाते हैं। दीपावली पर्व के अंदर एक अर्थ छिपा हुआ है जो हमें अपने अंदर के अंधकार को मिटाकर उसकी जगह पर प्रकाश करना होता है।

दीपावली के त्यौहार पर कभी-कभी ऐसा होता है कि लोग अपने आपसी लड़ाई-झगड़े की वजह से अपने बच्चों को दूसरे बच्चों के साथ खेलने और बधाई देने से रोकते हैं जिसकी वजह से रिश्तों में और इंसानियत में भी कोसों की दूरी हो जाती हिया जिसके बाद किसी को कुछ भी प्राप्त नहीं होता है।

दीपावली निबंध 10 (1000 शब्द) :

भूमिका : हम सभी लोग भारत के वासी है जिसने अनेक महापुरुषों को जन्म दिया है। भारत के अतीत ने बहुत से त्यौहारों और धर्मों में एकता का रूप स्पष्ट किया है। भारत में बहुत से त्यौहार मनाए जाते हैं लेकिन हिंदुओं का पर्व दीपावली बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह पर्व हमें उसके आदिकाल में ले जाता है।

इस पर्व को मनाने के पीछे बहुत से धार्मिक और आर्थिक महत्व छुपे हुए हैं। दीपावली त्यौहार को मनाने के पीछे का उद्देश्य है भारत में सामाजिक एकता को बढ़ावा देना क्योंकि इसमें सभी लोग आपसी भेदभाव भूलकर एक-दूसरे के गले लगकर दीपावली की बधाई देते हैं।

दीपावली का अर्थ : प्राचीन काल में संस्कृत भाषा अधिक बोली जाती थी जिसकी वजह से उस समय इस दिन को संस्कृत भाषा में दीपावली का नाम दिया गया था क्योंकि इसका अर्थ दीपों की पंक्ति है जो अयोध्यावासियों ने दीपों को पंक्तियों में जलाकर सिद्ध किया था इसी वजह से इस दिन को दीपावली के नाम से जाना जाता है।

इस शब्द के पीछे एक अर्थ छुपा हुआ है जो हमें बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की, अस्वच्छता पर स्वच्छता की, अंधकार पर प्रकाश की विजय का संदेश देता है। इस दिन लोग दीपों को पंक्ति में जलाकर अँधेरे को मिटाने की कोशिश करते हैं क्योंकि वे अँधेरे को चीरकर सभी को प्रकाशमय बनने के लिए प्रेरित करते हैं।

दीपावली का इतिहास : लंकापति रावण एक असुर था जिसने सीता माता का अपहरण किया था। श्री राम ने उस लंकापति रावण को मारकर सीता माता को पुनः प्राप्त किया था जिसे दशहरे के नाम से मनाया जाता है जो दीपावली से 21 दिन पहले आता है।

दशहरे के अगले दिन श्री राम ने अपने भाई भरत से मिल्न किया था और उसे गले लगाया था जिसकी वजह से इस दिन को भरत मिलाव का नाम दिया गया था। इसके बाद दीपावली के दिन भगवान श्री राम, सीता माता और भाई लक्षमण अपना चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे जिसकी खुशी में लोगों ने घी के दीपक जलाकर उनका स्वागत किया था।

दीपावली पर साफ-सफाई : दीपावली के दिन से कुछ दिनों पहले से ही लोग साफ-सफाई करने लगते हैं लेकिन बहुत से लोग तो ऐसे होते हैं कि वे दशहरा आने के पश्चात घर की साफ-सफाई, लिपाई पुताई करवाने लग जाते हैं ताकि उनका घर साफ और स्वच्छ दिखे।

ठीक प्रकार और अधिक दिनों में सफाई करने की वजह से घर में कई तरह के कीट, मच्छर, पक्षी अपना स्थान बना लेते हैं जिन्हें दूर करने के लिए ठीक प्रकार से साफ-सफाई की जरुरत होती है। इस दिन लोग अपने घर की साफ-सफाई करने के साथ-साथ अपने घर की साज-सज्जा की भी अच्छी तरह से व्यवस्था करते हैं।

दीपावली की तैयारियां : दीपावली के दिन से पहले लोग अपने घर की साफ-सफाई करके उसे स्वच्छ और पवित्र कर लेते हैं ताकि उनके घर में शं की देवी लक्ष्मी जी का वास हो सके। दीपावली के दिन के उपलक्ष में बाजारों में बहुत भीड़ पाई जाती है क्योंकि ऐसे समय में लोग नए कपड़े, मोमबत्तियां, खिलौने, पटाखे, बम्ब, मिठाईयां, रंगोली बनाने के रंग, बर्तन और घर को सजाने के लिए बहुत से सामान खरीदते हैं जिसकी वजह से लोगों को बहुत से लाभ होते हैं। दीपावली के दिन लोग अपने घर पर लक्ष्मी पूजन, मिस्ठानों, व्यंजनों आदि की संपूर्ण रूप से तैयारियां करते हैं।

बच्चों की दीपावली : दीपावली का त्यौहार बच्चों के लिए अधिक महत्व रखता है क्योंकि दीपावली का नाम सुनते ही बच्चों के मन में मिठाई, खिलौने, कपड़े, पटाखे आदि के बारे में विचार आने शुरू हो जाते हैं।

दीपावली के लिए स्कूलों में बच्चों के लिए बहुत सी प्रतियोगिताएं जैसे – दौड़, साज-सजावट की प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता, खेल प्रतियोगिता, कहानी प्रतियोगिता आदि की व्यवस्था की जाती है जिसमें बच्चे बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं और विजेता को बहुत ही सम्मान के साथ उपहार दिए जाते हैं। इसके अतिरिक्त बच्चों के लिए आतिशबाजी और पटाखों को लेकर उन्हें सावधानी बरतनी भी बताई जाती है।

दीपावली का आर्थिक महत्व : दीपावली के त्यौहार का जितना धार्मिक महत्व होता है उतना ही इसका आर्थिक महत्व भी होता है क्योंकि दीपावली के त्यौहार पर लोग बहुत सी चीजें खरीदते हैं जिससे बाजारों में बहुत अधिक भीड़ होती है।

दीपावली के दिन लोग नए कपड़े, घर का सामान, उपहार, आभूषण आदि खरीदते हैं क्योंकि आज के दिन खरीददारी और खर्च करने को बहुत अधिक शुभ माना जाता है जो धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी जी के आगमन का संकेत होता है। इस दिन को भारत में सोना और आभूषण खरीदने का दिन माना जाता है क्योंकि आज के ही दिन सभी लोग अपने खर्च की चरम सीमा पर होते हैं।

लक्ष्मी पूजन : आज के दिन जब देवों और राक्षसों के द्वारा समुद्र मंथन किया गया था तो उस समुद्र मंथन के दौरान देवी लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था जिसकी वजह से आज के दिन को महालक्ष्मी पूजा के नाम से जाना जाता था और इसी वजह से आज के दिन धन की देवी लक्ष्मी जी की भी पूजा की जाती है।

कार्तिक मांस की अमावस्या को रात के समय देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है उनकी आरती, गीत और भजन गाकर उन्हें प्रसन्न किया जाता है। पूजा होने के बाद सभी लोगों में प्रसाद बांटा जाता है और एक-दूसरे को दीपावली के पर्व की शुभकामनाएं और बधाईयाँ दी जाती हैं।

दीपावली की बुराईयाँ : दीपावली के त्यौहार का एक दूसरा पहलू भी होता है जिसे हम जाने-अनजाने हर साल बढ़ावा देते रहते हैं। इस दूसरे पहलू में आतिशबाजी और पटाखे फोड़ना आता है। इन सभी चीजों का दीपावली के त्यौहार से कोई लेना देना नहीं है लेकिन फिर भी लोग इसे बढ़-चढकर प्रयोग करते हैं।

इन सभी का कोई ऐतिहासिक या पौराणिक वर्णन नहीं है कि प्राचीन काल में भी पटाखे और आतिशबाजी की जाती थी लेकिन इन सभी की वजह से हर साल प्रदूषण में बढ़ोतरी होती है। इस दिन लोग पैसे को धूल समझकर उससे जूआ खेलते हैं जो ठीक नहीं होता है। आज के लोग अपने कुछ क्षणों के मजे के लिए पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने से पीछे नहीं हटते हैं और अपने जीवन को भी खतरे में डाल लेते हैं।

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - हिंदी में दीपावली पर निबंध कक्षा 1 से 8 तक के लिए 200 से 500 शब्दों में यहां देखें

Updated On: November 09, 2023 04:35 pm IST

  • दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - शुभ …

दिवाली पर पैराग्राफ (Paragraph on Diwali in Hindi)

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  • दिवाली पर हिंदी में निबंध 10 लाइन (Essay on Diwali …
  • हिंदी में दीपावली निबंध (Deepavali Essay in Hindi) - दिवाली …

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi)

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - शुभ मुहूर्त

  • दीपदान: लोग अपने घरों, मंदिरों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर दीपक जलाते हैं।
  • पटाखे चलाना: लोग आतिशबाजी और पटाखे चलाते हैं।
  • भाई दूज: बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उन्हें उपहार देती हैं।
  • छोटी दिवाली: यह दीपावली से एक दिन पहले मनाई जाती है। इस दिन, लोग लक्ष्मी पूजन करते हैं।

दिवाली पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Diwali in Hindi in 200 words)

दिवाली पर हिंदी में निबंध 500 शब्दों में (essay on diwali in hindi in 500 words) - प्रस्तावना.

Paragraph on Diwali in Hindi

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi)

दिवाली पर निबंध हिंदी में (essay on diwali in hindi) - उपसंहार, दिवाली पर हिंदी में निबंध 10 लाइन (essay on diwali in hindi in 10 lines).

  • दिवाली या दीपावली एक भारतीय धार्मिक त्योहार है।
  • यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतिक है.
  • दुनिया भर में लोग अलग-अलग कारणों और अवसरों पर दिवाली मनाते हैं।
  • दीये, मोमबत्तियाँ जलाना और पटाखे फोड़ना दिवाली उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • दिवाली या शुभ दीपावली न केवल हिंदू समुदाय के बीच बल्कि अन्य धर्मों के लोगों द्वारा भी मनाई जाती है।
  • दिवाली आमतौर पर पांच दिवसीय त्योहार है और इस दौरान भारत में हर साल सोने और नए कपड़ों की बिक्री आसमान छूती है।
  • हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली कार्तिक माह के 15वें दिन मनाई जाती है।
  • अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर महीने में मनाया जाता है।
  • आमतौर पर, दिवाली उत्सव के रूप में स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों के लिए 3 से 4 दिनों की छुट्टियों की घोषणा की जाती है।
  • इस अवसर पर देश भर से परिवार और मित्र एकत्रित होते हैं और आनंदमय समय एक साथ बिताते हैं।

diwali ke bare mein

हिंदी में दीपावली निबंध (Deepavali Essay in Hindi) - दिवाली के साथ मनाए जाने वाले अन्य त्यौहार

  • दिवाली लगभग 5 दिनों का त्यौहार है, दिवाली से एक दिन पहले लोग धातु की वस्तुएं (सोना, चांदी, पीतल आदि) की खरीदारी करके धनतेरस का त्यौहार मनाते हैं।
  • दिवाली के अगले दिन को लोग छोटी दीपावली के रूप में भी मनाते हैं।
  • दीपावली के तीसरे दिन देवी महालक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • इसके बाद, दीपावली से ठीक चौथे दिन पर गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने इंद्रदेव के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया था।
  • दीपावली के पांचवे दिन आखिरी पर्व को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है।

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दिवाली का पूरा कैलेंडर यहां दिया गया है- 

शुभ दीपावली का उत्सव कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है और ज्योतिष शाश्त्र के अनुसार इस वर्ष दिवाली 12 नवंबर 2023, दिन रविवार को मनाया जाएगा। 

दीपावली को लेकर कई किस्से हैं लेकिन, हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान राम, रावण को मारकर और 14 वर्षों का वनवास काटकर अयोध्या नगरी वापस लौटे थे, उनके आने की खुशी में अयोध्या वासियों ने घी के दीप जलाए व जश्न मनाया था और तब से भारत में दिवाली की शुरुआत हुई।

दिवाली को दीपावली भी कहा जाता है और इसके पीछे कारण यह है कि दीपावली संस्कृत शब्द से लिया गया है, जिसका का अर्थ होता है- दीप + आवलिः (कतार में रखे हुए दिप)।

प्राचीनकाल में दिवाली को दीपोत्सव के नाम से जाना जाता था, जिसका अर्थ है दीपों का उत्सव होता है। 

प्राचीन काल से दिवाली को विक्रम संवत के कार्तिक माह में मनाया जा रहा है। पद्म पुराण और स्कन्द पुराण में दिवाली का उल्लेख मिलता है। दिये को स्कन्द पुराण में सूर्य के हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाला माना गया है, जो जीवन के लिए प्रकाश और ऊर्जा का लौकिक दाता भी है।

उत्तर भारत में लोग मिट्टी के दीयों को जलाकर रावण को हराने के बाद श्री राम की अयोध्या वापसी का जश्न मनाते हैं, जबकि दक्षिणी भारत इसे उस दिन के रूप में मनाता है जब भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को हराया था।

दिवाली पर निबंध हिंदी में लिखकर नमूना के साथ यहां विस्तार में बताया गया है। इच्छुक इस लेख में दिए गए बिंदुओं से अपने लिए बेहतरीन हिंदी में दीपावली पर निबंध तैयार कर सकते हैं। 

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi 2023): दीपावली पर निबंध हिंदी में 

Diwali essay in hindi : हैप्पी दिवाली यहां देखें दिवाली पर हिंदी निबंध और बच्चों के लिए छोटे-छोटे पैराग्राफ, दीपावली त्यौहार पर आसान 10 लाइन्स और 150 शब्दों में दिवाली निबंध। सभी निबंध pdf रूप में free डाउनलोड करें।.

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दिवाली 2023 की हिंदी शुभकामनाएं: Diwali 2023 Wishes in Hindi

  • शुभ दीपावली! दीपों की रोशनी से दिल में उजाला हो।

दिवाली पर हिंदी निबंध: Hindi Essay on Diwali 2023

Diwali essay in hindi in10 lines.

लाइन 1: दिवाली, दीवाली या दीपावली को 'रोशनी का त्योहार' भी कहा जाता है।

लाइन 2: कई भारतीय संस्कृतियों के लिए दिवाली का त्यौहार ही नए साल की शुरुआत का प्रतीक है।

लाइन 3: दिवाली बुराई पर अच्छाई के डेट का प्रतिक है क्यूंकि इसी दिन भगवान् राम रावण को हराने के बाद 14 साल का वनवास पूरा कर अयोध्या वापस लौटे थे।

लाइन 4: इस दिन अयोध्यावासियों ने अपने श्री राम के लौटने की ख़ुशी में अपने घरों और पूरे शहर को दीयों से सजाया था लोग दीये जलाते हैं.  

लाइन 5: दिवाली पर लोग अपने घरों को साफ करते हैं,  फूलों से सजाते हैं, रंगोली बनाते हैं, दीये जलाते हैं और पूरे घर को रौशनी से भर देते हैं।

लाइन 6: पड़ोसी, दोस्त, रिश्तेदार एक-दूसरे से प्यार से मिलते हैं और उपहार एवं मिठाइयाँ लेते - देते हैं।

लाइन 7: दीवाली की रात देवी लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है।

लाइन 8: दिवाली पांच दिनों का त्योहार है।

लाइन 9: दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है।

हिंदी दिवाली निबंध - Diwali Essay in Hindi in 200 words

दिवाली एक हिंदू त्योहार है जिसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है।आमतौर पर दिवाली अक्टूबर या नवंबर में आता है. इस दिन इस दिन श्री राम लंकापति रावण को हराने के बाद अपनी नगरी - अयोध्या - लौटे थे.  भगवान राम की अयोध्या वापसी राई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

दीपावली पांच दिवसीय त्यौहार है. दिवाली त्यौहार में के दौरान, घरों को साफ किया जाता है और घर के हर कोने को दीपक, फूलों और रंगीन रंगोलियों से सजाया जाता है। लोग उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। दिवाली की रात यानि इस पूरे त्यौहार के मुख्या शाम को लोग धन और समृद्धि के देवी-देवता, लक्ष्मी मान और भगवान गणेश की विशेष पूजा करते है।

दिवाली 2023 

दिवाली का महत्त्व, दिवाली के पांच दिन: about all 5 days of diwali.

दिवाली पांच-दिवसीय उत्सव है। 

पहले दिन के उत्सव को धनतेरस कहा जाता है। यह दिन नई चीजें, खासकर सोना और चांदी खरीदने के लिए यह एक शुभ दिन माना जाता है। 

दूसरा दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने का दिन है क्योंकि इस दिन बुरी आत्माओं को दूर रखने के लिए विशेष अनुष्ठान किये जाते हैं। 

दिवाली, यानि के तीसरे दिन, रावण को हराने के बाद भगवान राम की अपने राज्य अयोध्या में वापसी का जश्न है। इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवन गणेश की भी पूजा की जाती है। 

दिवाली का चौथा दिन गोवर्धन पूजा है। मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाया था। 

हम दिवाली क्यों मनाते हैं?

दिवाली पर लंबा निबंध - long essay on diwali in hindi, प्रदूषण मुक्त और पर्यावरण-अनुकूल दीपावली .

दीपावली भारत में मनाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय और शुभ त्योहारों में से एक है। इसे रोशनी के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है, यह बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की और निराशा पर आशा की जीत का प्रतीक है। दिवाली हिंदू कैलेंडर में कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाई जाती है, जो आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर में आती है।

दिवाली संस्कृत के शब्द दीपावली से बना है, जिसका अर्थ है "दीपकों की पंक्ति।" यह त्यौहार नए हिंदू वर्ष की शुरुआत का भी प्रतीक है। इस पर्व को घर के चारों ओर दीये और मोमबत्तियाँ जलाकर मनाया जाता है। यह अंधकार पर प्रकाश की विजय और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। दिवाली दुनिया भर के हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की और निराशा पर आशा की जीत का जश्न मनाने का समय है। 

दीपावली मानाने के पीछे कई कथन हैं. रावण को हराने के बाद भगवान राम के अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में दिवाली मनाई जाती है। श्री राम को 14 साल के लिए अयोध्या से वनवास दिया गया था और उनकी वापसी को बहुत खुशी और उत्सव के साथ मनाया गया था। अयोध्या के लोगों ने उनके वापस स्वागत के लिए दीये जलाए और अपने घरों को सजाया। दिवाली मनाने का एक अन्य कारण धन और समृद्धि की हिंदू देवी लक्ष्मी का सम्मान करना है। लोग धन और सौभाग्य का आशीर्वाद पाने के लिए दिवाली की रात लक्ष्मी पूजा करते हैं।

दिवाली पूरे भारत में बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाई जाती है। लोग इस त्योहार की तैयारी हफ्तों पहले से ही शुरू कर देते हैं। वे अपने घरों को साफ करते हैं, उन्हें रोशनी और रंगोलियों से सजाते हैं और नए कपड़े खरीदते हैं। दिवाली की रात, लोग अपने घरों और कार्यालयों के चारों ओर दीये और मोमबत्तियाँ जलाते हैं। वे धन और सौभाग्य का आशीर्वाद पाने के लिए लक्ष्मी पूजा भी करते हैं। पूजा के बाद, लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। लोग स्वादिष्ट भोजन और मिठाइयाँ बनाते हैं और उन्हें अपने प्रियजनों के साथ बाँटते हैं।

दिवाली परिवारों और दोस्तों के एक साथ आने और जश्न मनाने का समय है। लोग अपने घरों को साफ करते हैं और सजाते हैं, नए कपड़े खरीदते हैं और स्वादिष्ट भोजन तैयार करते हैं। दिवाली की रात, लोग दीये जलाने, लक्ष्मी पूजा करने और उपहारों का आदान-प्रदान करने के लिए इकट्ठा होते हैं। दिवाली परिवारों और दोस्तों के एक साथ आने और जश्न मनाने का समय है। यह सभी गिले-शिकवे भूल कर नई शुरुआत करने का समय है। दिवाली आनंद और खुशियाँ फैलाने का भी समय है। दिवाली के अवसर पर समृद्ध घर-परिवार के लोग दान देते हैं और जरूरतमंदों की मदद करते हैं। 

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दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi)

दिवाली

दीपावली (Deepawali) या दिवाली का अर्थ है दीपों की अवली मतलब दीपों की पंक्ति। यह पर्व विशेष कर भारत और भारत के पड़ोसी देश नेपाल में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त अन्य देशों में (जहां हिंदू निवास करते हैं) भी यह विधि पूर्वक मनाया जाता है। यह पर्व अपने साथ खुशी, उत्साह और ढ़ेर सारा उमंग लेकर आता है। कार्तिक माह के अमावस्या को दिवाली का पर्व अनेक दीपों के प्रकाश के साथ मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर अमावस्या की काली रात दिपों के जगमगाहट से रौशन हो जाती है। दिपावली पर पुराने रीत के अनुसार सभी अपने घरों को दीपक से सजाते हैं।

दिवाली पर 10 वाक्य   || दिवाली के कारण होने वाला प्रदूषण पर निबंध

दीपावली 2021 पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Diwali 2021 in Hindi, Deepawali par Nibandh Hindi mein)

निबंध – 1 (300 शब्द).

प्रभु राम के चौदह वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या वापस आने के उपलक्ष्य में दिवाली मनाया गया, तब से प्रति वर्ष दिवाली मनाया जाने लगा। स्कंद पुराण के अनुसार दिवाली से जुड़ी अनेक कथाएं प्रचलित हैं। अतः आध्यात्मिक दृष्टि से दिवाली हिंदुओं का बहुत अधिक महत्वपूर्ण त्योहार है।

दीपावली (Deepawali) के उपलक्ष्य में विभिन्न प्रचलित कथाएं (इतिहास)

दिवाली का इतिहास बहुत पुराना है, इससे जुड़ी अनेक पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं जैसे कुछ लोगों के अनुसार सतयुग में भगवान नृसिंह ने इस दिन हिरण्यकश्यप का वध किया था इस उपलक्ष्य में दिवाली मनाया जाता है। कुछ लोगों का मानना है द्वापर में कृष्ण ने नरकासुर का वध कार्तिक आमवस्या को किया था इसलिए मनाया जाता है। कुछ के अनुसार इस दिन माता लक्ष्मी दूध सागर से प्रकट हुई थी, एवं अन्य के अनुसार माँ शक्ति ने उस दिन महाकाली का रूप लिया था इसलिए मनाया जाता है।

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दीपावली की सर्वाधिक प्रचलित कथा

दिवाली मनाए जाने वाले कारणों में सबसे प्रचलित कहानी त्रेता युग में प्रभु राम के रावण का वध कर चौदह वर्ष पश्चात माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में पूरी अयोध्या नगरी को फूलों और दीपों से सजाया गया। तब से प्रति वर्ष कार्तिक अमावस्या को दिवाली मनाया जाने लगा।

दीपावली कब मनाई जाती है

उत्तरी गोलार्द्ध में शरद ऋतु के कार्तिक माह की पूर्णिमा को यह दिपोत्सव धूम-धाम से मनाया जाता है। ग्रेगोरी कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार अक्टूबर या नवम्बर माह में मनाया जाता है।

दीपावली (Deepawali) का महत्व

दिवाली की तैयारी के वजह से घर तथा घर के आस-पास के स्थानों की विशेष सफाई संभव हो पाती है। साथ ही दिवाली का त्योहार हमें हमारे परंपरा से जोड़ता है, हमारे आराध्य के पराक्रम का बोध कराता है। इस बात का भी ज्ञान कराता है कि, अंत में विजय सदैव सच और अच्छाई की होती है।

दिवाली के साथ जुड़ी अनेक पौराणिक कहानियां इसके महत्व को और अधिक बढ़ा देती हैं। इस त्योहार से हम सभी को सच के राह पर चलने की सीख प्राप्त होती है।

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निबंध – 2 (400 शब्द)

दीपावली (Deepawali), स्वयं में अपनी परिभाषा व्यक्त करने वाला एक शब्द है, जिसे हम सब त्योहार के रूप में मनाते हैं। यह दीपों और रोशनी का त्योहार है। हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अमावस्या को हम दीवाली के रुप में मनाते हैं। इसे सभी हिंदू देशों जैसे की भारत, नेपाल, आदि में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। परन्तु इस वर्ष कोरोना के कारण दीवाली की परिभाषा थोड़ी अलग होगी। खुशियां तो आएंगी परंतु अभी लोगों से दूरी बनाने में ही समझदारी है।

2020 की कोरोना वाली दीवाली

इस वर्ष जहां एक ओर पूरा विश्व कोरोना नामक महामारी से लड़ रहा है तो वही त्योहारों का मौसम भी ज़ोर पर है। त्योहारों का आनंद जरूर उठाये परन्तु यह याद रखें की सावधानी हटी, दुर्घटना घटी अर्थात कोरोना किसी भी रूप में आप तक पहुंच सकता है इस लिये कुछ नियमों का पालन करें जैसे:

  • बाज़ार आवश्यक होने पर ही जाएं।
  • सामान लेने के बाद घर आकर सामान को सैनिटाइज जरूर करें।
  • मास्क पहनना न भूलें और एक छोटा सैनिटाइजर भी साथ में अवश्य रखें।
  • दीवाली अपने साथ ठंडक को भी दस्तक देती है तो अपनी सेहत का भी ध्यान दें।
  • एक जिम्मेदार नागरिक बनें और बच्चों को भी पटाखों से होने वाले नुकसान बताएं।
  • मौसम बदलने पर ज्यादातर लोग बीमार पड़ते हैं इस लिये त्योहार की भागा दौड़ी में खुद का ख्याल रखना न भूलें।
  • घरों में डस्टिंग और सफाई आदि करने से कई बार श्वास संबंधी रोग से पीड़ित लोगों को दिक्कत होने लगती है, इस लिये इसे करने से बचें क्यों की किसी भी तरह की श्वास संबंधी बीमारी होने पर लोगों में बेमतलब कोरोना की आशंका हो जाती है।
  • स्वास्थ्य के अतिरिक्त लोकल सामानों को खरीदें और लोकल के लिये वोकल बनें और भारतीय उत्पाद अपनाएं।
  • दीयों से खूबसूरत कुछ नहीं लगते, इस लिये विदेशी लाइटों की जगह घरों को मिट्टी के दीयों से सजाएँ और देश की अर्थव्यवस्था सुधारने में मदद करें।

अपकी दीवाली केवल परिवार के साथ

दीवाली रोशनी का त्योहार तो है ही, साथ में खुशियां भी लाती है। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक हर कोई इस दिन का बेसबरी से इंतजार करता है। नए कपड़ों, रंग-बिरंगी मिठाइयों और रंगोली के सामान से बाजारों में रौनक आ जाती है। लोग जम कर खरीदारी करते हैं और अपने-अपने घरों को भी सजाते हैं। इस दिन पूरे देश में खुशी का माहौल रहता है।

इस दीवाली खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी रखें इस लिये इस वर्ष किसी के घर न जाएं सब को फ़ोन पर ही बधाई दे दें। अच्छा भोजन खाएं, ज्यादा बाज़ार के उत्पाद न खाएं घर पर बना खाना खाएं और स्वास्थ्य का विशेष ध्यान दें और परिवार के साथ इसका आनंद लें।

हर त्योहार की अपनी खासियत होती है, ठीक इसी प्रकार रोशनी के इस पर्व को समृद्धि का सूचक माना जाता है। ज्यादातर घरों में इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है और धन-धान्य का वरदान मांगा जाता है। इस वर्ष पर्यावरण और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक शांत और रोशनी से भरपूर त्योहार अपने-अपने परिवार के साथ मनाएं।

Diwali Essay

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निबंध – 3 (500 शब्द)

दीपावली (Deepawali) धन, धान्य, सुख, चैन व ऐश्वर्य का त्योहार है। भारत के विभिन्न राज्य इस अवसर पर पौराणिक कथाओं के आधार पर विशेष तरह की पूजा करते हैं। दिवाली, भारत तथा नेपाल में प्रमुख रूप से मनाया जाता है। इसके अलावा अन्य देशों में भी उत्साह के साथ मनाया जाता है।

भारत के विभिन्न स्थान पर दिपावली मानाने की वजह

भारत के विभिन्न राज्यों में दिवाली मानाने की अलग-अगल वजह है। उन में से कुछ प्रमुख निम्नवत् हैं-

  • भारत के पूर्वी भाग में स्थित उड़ीसा, बंगाल इस दिन माता शक्ति को, महाकाली का रूप धारण करने के वजह से मनाते हैं। और लक्ष्मी के स्थान पर काली की उपासना करते हैं।
  • भारत के उत्तरी भाग में स्थित पंजाब के लिए दिवाली बहुत महत्व रखता है क्योंकि 1577 में इसी दिवस पर अमृतसर में स्वर्ण मंदिर की नींव रखी गई थी। और इसी दिन पर सिक्खों के गुरु हरगोबिंद सिंह को जेल से रिहा किया गया था।
  • भारत के दक्षिण भाग में स्थित राज्य जैसे तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, आदि दिवाली पर, द्वापर में कृष्ण द्वारा नरकासुर के वध के खुशी में कृष्ण की पूजा करके मनाते हैं।

विदेश में दिपावली का स्वरूप

  • नेपाल – भारत के अलांवा भारत के पड़ोसी देश नेपाल में दिपावली का त्योहार धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिवस पर नेपाली कुत्तों को सम्मानित करते हुए उनकी पूजा करते हैं। इसके अलांवा वह संध्याकाल में दीपक जलाते हैं तथा एक-दूसरे से मिलने उनके घर जाते हैं।
  • मलेशिया – मलेशिया में हिंदुओं की संख्या ज्यादा होने के वजह से इस दिन पर सरकारी अवकाश दिया जाता है। लोग अपने घरों में पार्टी आयोजित करते हैं। जिसमें अन्य हिंदू व मलेशियाई नागरिक सम्मिलित होते हैं।
  • श्रीलंका – इस द्वीप में रह रहे लोग दिवाली के सुबह उठ कर तेल से स्नान करते हैं और पूजा के लिए मंदिर जाते हैं। इसके अतिरिक्त यहां दिवाली के मौके पर खेल, आतिशबाजी, गायन, नृत्य, भोज आदि आयोजित किया जाता है।

इन सब के अतिरिक्त अमेरिका, न्यूजीलैंड, मॉरिशस, सिंगापुर, रीयूनियन, फिजी में बसे हिंदुओं द्वारा यह पर्व मनाया जाता है।

दीपावली (Deepawali) पर ध्यान रखने योग्य बातें

विशेषकर लोग दीपावली (Deepawali)पर पटाखे जलाते हैं, यह पटाखे अत्यधिक खतरनाक होते हैं। मस्ती में होने के वजह से अनचाही दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। अतः त्योहार के धूम-धाम में व्यक्ति को सुरक्षा का भी पूर्ण खयाल रखना चाहिए।

दीपावली (Deepawali)पर अभद्र व्यवहार न करें

कई लोगों का मानना है, दिपावली के अवसर पर जुआ खेलने से घर में धन की बाढ़ आ जाती है। इस कारणवश अनेक लोग इस अवसर पर जुआ खेलते हैं। यह उचित व्यवहार नहीं है।

अत्यधिक पटाखो का जलाया जाना

पटाखों के आवाज से अनेक बेजुबान जानवर बहुत अधिक डरते हैं। इसके अलांवा बड़े-बुजुर्ग और गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज़ भी इन ध्वनि से परेशानियों का सामना करते हैं। इसके साथ ही दिवाली के दूसरे दिन प्रदुषण में वृद्धि हो जाती है।

दिवाली खुशीयों का त्योहार है। इससे जुड़ी प्रत्येक चीज हमें खुशी देती है। हम सभी को समाज के ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते यह कर्तव्य बनता है की हमारे मस्ती और आनंद के वजह से किसी को भी किसी प्रकार का कष्ट न होने पाए।

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दिवाली पर निबंध

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रूपरेखा : परिचय - पौराणिक कथाएँ - दिवाली त्योहार का महत्त्व - दिवाली की तैयारी - सामाजिक महत्व - उपसंहार।

दुर्गापूजा की तरह दीवाली भी भारत के बड़े त्योहारों में एक है। यह हमारे देश में बड़े उत्साह के साथ मनायी जाती है। इसमें सभी तरह की जातियों, धर्मों और संप्रदायों के लोग दिल खोलकर भाग लेते हैं और सारे भेदभाव भुला देते हैं। अतः दीवाली हमारा एक महान राष्ट्रीय पर्व है। दिवाली को दीपावली भी कहते हैं।

दीवाली के आरंभ की अनेक पौराणिक कथाएँ प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार श्रीरामचंद्र जब 14 वर्ष के बाद रावण को मारकर सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे तब सभी जगह खुशी के दीये जलाये गये। उसी विजय की स्मृति में यह दीवाली हर वर्ष मनायी जाने लगी। दूसरी कथा के अनुसार दीवाली उस दिन शुरू हुई, जब श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया। इसी खुशी में दीवाली का श्रीगणेश हुआ। तीसरी कथा है कि जब भगवान विष्णु राजा बलि के दान से प्रसन्न हुए, तब यह वर दिया कि सभी लोग बलि के नाम पर घी के दीये जलायेंगे। एक कथा यह भी प्रचलित है कि जब भगवान शंकर ने महाकाली का क्रोध शांत किया, तभी से दीवाली मनायी जाने लगी।

कथा चाहे जो भी हो, इन बातों से एक बात बिलकुल साफ है कि दीवाली हर साल हम भारतवासियों को जीवन का नया संदेश देने आती है और यह बताती है कि सत्य की जीत और असत्य की हार एक-न-एक दिन अवश्य होती है। यह हमारे जीवन का अंधकार दूर कर फुलझरियों की तरह नया प्रकाश बिखेरती है। हम अपने अंदर नवीनता का अनुभव करते हैं।

दीवाली आने के पहले से ही लोग अपने-अपने घर की सफाई, पुताई-रँगाई शुरू कर देते हैं। छोटे-बड़े, अमीर-गरीब सभी तरह के लोग दीवाली के स्वागत की तैयारी में लग जाते हैं। किसी शुभ कार्य का आरंभ भी दीवाली के दिन होता है। दीवाली आती है अमावस्या की रात में। मकान के छतों-छज्जों और मुँडेरों पर दीपों की माला सजायी जाती है। बच्चे पटाखे और रंग-बिरंगी फुलझरियाँ छोड़ते हैं। हर जगह रोशनी-ही-रोशनी दिखायी देती है। रोशनी की इस जगमगाहट में सबके चेहरों पर खुशी की लहर छा जाती है। लोग बाजार की रोशनी और सजावट देखने घर से बाहर जाते हैं। मिठाइयाँ खाते-खिलाते रात के कुछ घंटे बीत जाते हैं। व्यापारी और सेठ-साहूकार रात में धन की देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, नये-नये कपड़े और बरतन खरीदते हैं।

दीवाली का धार्मिक महत्व तो है ही, इसका सामाजिक महत्त्व भी है। वर्षाऋतु के बाद मकानों की मरम्मत और उसकी पुताई, खिड़कियों और दरवाजों की रँगाई, पास-पड़ोस की सफाई— हमारे यहाँ इसी दीवाली के उपलक्ष्य में होती है। साल में एक बार ऐसा करना जरूरी समझा जाता है। इस प्रकार, सारी गंदगी दूर हो जाती है।

दिवाली हमारे जीवन में नयी प्रकाश लाती है, हमारे आसपास के वातावरण को शुद्ध और पवित्र बनाती है। यह हमें भाईचारे, सहयोग, सुख और शांति का संदेश देती है।

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दीपावली पर निबंध हिंदी में | Diwali Par Nibandh | Diwali Essay in Hindi 2023

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Diwali Essay in Hindi

Diwali Par Nibandh:- दीपावली हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है पूरे भारत में इसे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है दीपावली मनाने के पीछे की कहानी काफी रोचक है I ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन भगवान श्री राम अपनी पत्नी सीता के साथ अपनी नगरी अयोध्या वापस आए थे I जिसके कारण वहां के निवासियों ने दीप जला कर उनका स्वागत किया था .दीपावली को बुराई पर अच्छाई के जीत के तौर पर भी देखा जाता है | इसके पीछे की वजह है कि भगवान श्रीराम ने रावण को युद्ध में हराकर ही अपने नगर वापस आए थे I इसलिए दीपावली का त्यौहार अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है I ऐसे में अगर आप एक छात्र हैं और दिवाली पर निबंध लिखना चाहते हैं लेकिन आपको समझ में नहीं आ रहा है कि आप दीपावली के ऊपर एक बेहतरीन Deepavali Essay in Hindi 2023   कैसे लिखें तो हम आपसे निवेदन करेंगे कि हमारे आर्टिकल पर आखिर तक बने रहे हैं चलिए शुरू करते हैं:–

Deepawali

Diwali Par Nibandh 2023 – Overview

दीपावली भारत का एक प्रमुख त्यौहार है I इसे भारत के प्रत्येक राज्य में मनाया जाता है I दीपावली का अपने आप में एक खास महत्व है I दीपावली के दिन पर हम अपने घर में माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करते हैं I छोटे बच्चे विशेष तौर पर इस दिन पटाखा जलाते हैं I इसके अलावा घर को हम भिन्न प्रकार के रंग बिरंगी लाइट के द्वारा सजाते हैं I इस दिन पूरा वातावरण प्रकाश में रहता है चारों तरफ प्रकाश ही प्रकाश दिखाई पड़ता है I

Diwali ka Nibandh

दीपावली का त्यौहार 2023 में 12 नवंबर को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा I इस दिन हम सभी लोग अपने घर में माता लक्ष्मी भगवान गणेश की पूजा करते हैं I इसके 2 दिन पहले धनतेरस का भी त्यौहार हम मनाते हैं और उस दिन घर के अंदर कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं I ऐसा है कि कुबेर की पूजा करने से आपके घर में धन में वृद्धि होगी क्योंकि कुबेर को जन्म का देवता माना जाता है और अगर आप धनवंतरी की पूजा करते हैं तो आप हमेशा स्वस्थ रहेंगे क्योंकि धनवंतरी को आधुनिक शल्य चिकित्सा का जनक कहा जाता है I

दीपावली पर निबंध कक्षा- 3/ 4 /5 /6 /7 8 /9 10

 दीपावली एक विशेष प्रकार का हिंदू पर्व है और इसे कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है I इसे हम लोग ज्योति और प्रकाश उत्सव के रूप में भी जानते हैं इसकी प्रमुख वजह है कि इस दिन दीप जलाए जाते हैं I दीपावली कार्तिक अमावस्या महीने में आता है और इस महीने में ही और भी चार प्रकार के त्यौहार आते हैं I इसीलिए इस महीने लोग काफी हर्षोल्लास के साथ सभी पर्वों को मनाते हैं I दीपावली के पहले दिन धनतेरस का त्यौहार आता है जिस दिन कोई ना कोई नया वर्तन आभूषण खरीदने की मान्यता है I इसके बाद आती  छोटी दीपावली और फिर बड़ी दीपावली अगले कुछ दिनों में गोवर्धन पूजा और उसके बाद छठ पूजा इस प्रकार सभी त्योहार इसी महीने में समाप्त हो जाते है I

Diwali Quotes

Diwali Essay For Class 3 to 10

Diwali Par Nibandh For Class 3/ 4 /5 /6 /7 8 /9 10:- दीपावली त्यौहार से जुड़ी हुई कई धार्मिक और ऐतिहासिक घटना भी है समुद्र मंथन करते समय प्राप्त 14 रत्नों में से लक्ष्मी देवी प्रकट होते हैं  इसके अलावा जैन मत के अनुसार तीर्थंकर महावीर का महानिर्वाण भी किस दिन हुआ था I  भारतीय संस्कृति के आदर्श पुरुष श्री राम लंका नरेश रावण पर विजय प्राप्त कर सीता लक्ष्मण सहित अयोध्या लौटे थे उस कारण भी दीपावली मनाई जाती है I ऐतिहासिक दृष्टि से इस दिन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं में सिक्खों के छठे गुरु हरगोविन्दसिंह मुगल शासक औरंगजेब की कारागार से मुक्त हुए थे। राजा विक्रमादित्य सिंहासन पर बैठे थे I यह त्यौहार बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है और इस दिन सभी लोग दीप और मोमबत्ती जलाते हैं I इसके अलावा माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है और उसके बाद प्रसाद का वितरण सभी लोगों के बीच में किया जाता है I

दिवाली स्टेटस हिंदी में

दीपावली पर निबंध हिंदी में 10 लाइन (Diwali Essay 10 Lines)

Diwali Essay 10 Lines

  • दीपावली हिंदुओं का विशेष पर्व है I
  • दीपावली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है I
  • दिवाली त्यौहार धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज त्यौहार का समूह माना जाता है।
  • दीपावली के दिन पूजा समाप्त होने के बाद हम सभी अपने बड़ों का आशीर्वाद देते हैं
  • दिवाली के दिन हम अपने घरों को रंग बिरंगी लाइटों के द्वारा सजाते हैं I
  • होली पर नई चीजें खरीदना काफी शुभ माना जाता है I
  • दीपावली लोग एक दूसरे को उपहार और मिठाइयों का भेंट देते है।
  • दीपावली पर छोटे बच्चे काफी पटाखा जलाते हैं
  • दीपावली पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है I
  • दीपावली कार्तिक पूर्णिमा महीने में मनाई जाती है I

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दीपावली पर निबंध 20 लाइन ( Dipawali Per 20 Lines)

  • दीपावली भारत का सबसे बड़ा पर्व है।
  • दिवाली एक प्रमुख हिंदू त्यौहार है .
  •  दीपावली को प्रकाश का पर्व भी कहा जाता है
  • दीपावली के दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या वापस आए थे
  • भगवान राम के आने की खुशी में अयोध्या के लोगों दीप जलाए थे
  • Diwali त्योहार पूरे 5 दिन मनाया जाता है
  • दिवाली के दिनों घरों लाइटों से सजाए जाते हैं
  • इस दिन भगवान गणेश जय माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है I
  • दीपावली के शुभ अवसर पर छोटे बच्चे पटाखे कुछ चलाते हैं
  • दिवाली के त्यौहार से पहले घर के साफ-सफाई काफी अच्छी तरह से की जाती है
  • दीपावली के पांचवे दिन को भाई बीज का त्यौहार मनाया जाता है।
  • दिवाली के दिन दीप जलाए जाते हैं I
  • दिवाली का त्यौहार अमावस्या की रात को मनाया ऐसी मान्यता है कि दीप जलाने से आपके जीवन का अंधकार दूर हो जाएगा
  • दिवाली से पहले धनतेरस और धनतेरस के बाद छोटी दिवाली आती है छोटी दिवाली के बाद गोवर्धन की पूजा होती है और उसके अगले दिन भैया दूज आता है।
  • दीवाली की रात को लोग माता लक्ष्मी की पूजा कर लोग धन की प्राप्ति करते हैं और गणेश जी की पूजा कर उन्हें गणेश जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है जिसे उनके जीवन में अगर कोई भी संकट या दुख है तो उसका निवारण हो जाएगा
  • भगवान श्री राम ने रावण का वध कर अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या आए थे
  • दीपावली को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में देखा जाता है I
  • हर साल कार्तिक मास की अमावस्या की रात को दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है।
  • दीपावली कार्तिक पूर्णिमा महीने में मनाई जाती है
  • मिठाई की दुकाने सजने लगती हैं बाज़ारों में पटाखों और फुलझड़ियों की दुकाने सजती हुई दिखाई देती हैं I

दीपावली पर निबंध 150 शब्द | Diwali Per Nibandh (150 Words)

Diwali Par Nibandh :- भारत में दीपावली का त्यौहार बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता हैं। इस त्यौहार को हिन्दू धर्म के परंपरा और मान्यता के अनुसार मनाया जाता है दीपावली के पहले घर की साफ सफाई की जाती है उसके बाद दीपावली के दिन घर में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर विधि विधान के साथ पूजा की जाती है ताकि आपके ऊपर माता लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहे I इस दिन पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद का वितरण किया जाता है और लोगों के घरों में जाकर मिठाई देने की भी परंपरा है इस दिन सभी व्यक्ति ने नए कपड़े पहनते हैं और छोटे बड़े सभी पटाखा जलाते हैं I दीपावली मनाने के पीछे सबसे प्रमुख वजह है कि इसी दिन भगवान श्रीराम अपनी पत्नी सीता के साथ अयोध्या वापस आए थे और उनके आने की खुशी में वहां के निवासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था तभी से दीपावली मनाने की परंपरा स्थापित हो चुकी है तभी से दीपावली मनाने का प्रयास शुरू हुआ I

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दीपावली पर निबंध 200 शब्दों में | Diwali Par Nibandh 200 Words

Diwali Per Nibandh :- हम भारत देश में रहते हैं जिसे अलग-अलग धर्मों में एकता, संस्कृति, रीति-रिवाजों और अलग-अलग उत्सवों की वजह से जाना जाता है। भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है I यहां पर विभिन्न प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं I ऐसे में दीपावली भी भारत का एक प्रमुख त्योहार है दीपावली मनाने के पीछे क्या कारण है कि इस दिन भगवान श्री राम अपनी नगरी अयोध्या वापस आए थे  I उनके आने की खुशी में दीपावली बनाने की परंपरा शुरू हुई I

दीपावली को हम सभी लोग अपने घर को रंग बिरंगी लाइट से सजाते हैं I इसके अलावा घर में विभिन्न प्रकार के पकवान बनते हैं I हर एक व्यक्ति एक दूसरे के घर में जाता है और वहां पर जाकर दीपावली की हार्दिक बधाइयां देता है I इसके अलावा पूजा संपन्न होने के बाद हम प्रसाद का वितरण करने दूसरे के घर में जाते हैं और वहां पर जाने के बाद हमें वहां से भी प्रसाद मिलता है I दीपावली एक प्रकार का भाईचारा त्यौहार है  I सभी लोग गले मिलते हैं I दीपावली आने से पहले हम अपने घर की साफ सफाई अच्छी तरह से करते हैं उसके बाद ही दीपावली का त्यौहार हम मनाते हैं I

दिवाली पर निबंध 500 शब्द | Diwali Par Nibandh 500 Words

भूमिका : भारत दुनिया का ऐसा देश है I जहां पर विभिन्न धर्म के मानने वाले लोग रहते हैं और यहां के त्यौहार भी काफी अलग अलग है I इसलिए भारत में प्रत्येक महीने कोई ना कोई त्यौहार आता ही रहता है I ऐसे में दीपावली हिंदुओं का एक विशेष त्यौहार है  I इसी दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था और उसके बाद अपनी पत्नी सीता को रावण के कैद से आजाद करवाया और उसके बाद उन्हें लेकर अयोध्या गए I जिसके कारण आज आवासी बहुत ज्यादा खुश है और श्री राम के आने की खुशी में उन्होंने पूरे नगर में दीप जलाए I जिसके बाद से ही दीपावली मनाने की परंपरा और प्रथा शुरू हो गई जो आज तक कायम है I

वर्षा ऋतु समाप्त होने के बाद जब शीत ऋतु का आगमन होता है तो उसे समय दीपावली का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है I इस त्यौहार को पांच दिनों तक मनाया जाता है जिसमें धनतेरस, छोटी दीपावली, बड़ी दीपावली, गौधन, भाई दूज आदि त्यौहार बनाए जाते हैं

दीपावली का अर्थ :

दीपावली दो शब्दों से मिलकर बना है जो संस्कृत से लिया गया है जिसका अर्थ होता है दीपों की पंक्ति या दीपों से सजी हुई पंक्ति। रीना अधिक मात्रा में दीप और मोमबत्तियां जलाई जाती हैं जिसके कारण दीपावली को दीपोत्सव कहा जाता है I

दीपावली का महत्व :

दीपावली को पूरे भारत में बहुत ही खुशी और धूम-धाम से मनाया जाता है। दीपावली को अंधकार पर प्रकाश बुराई पर अच्छाई और अज्ञानता पर ज्ञान की विजय के रूप में देखा जाता है दीपावली को सुंदर और तरीके से मनाया जाता है इस दिन भारत के प्रत्येक राज्य में विभिन्न प्रकार के दीपावली संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसमें अधिक से अधिक लोग भाग लेते हैं इसके अलावा घरों में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की विधि विधान के साथ पूजा की जाती है उसके बाद लोग दूसरे के घर प्रसाद देने के लिए जाते हैं  I दीपावली के दिन लोग बर्तन सोना मिठाइयां कपड़े इत्यादि खरीदते हैं और पैसे खर्च करते हैं उनका मानना है कि इस दिन अगर वह पैसे माता लक्ष्मी के चरणों में अर्पित करेंगे तो उनके धन में वृद्धि होगी I

इस दिन का महत्त्व पांडवों की वजह से भी बढ़ जाता है क्योंकि इसी दिन पांडवों 13 वर्ष का वनवास समाप्त हुआ था I इसके अलावा दीपावली मनाने के पीछे और भी एक रोचक कहानी है ऐसा कहा जाता है कि आज के दिन ही माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था और उन्होंने भगवान विष्णु से विवाह किया था जिसके कारण इस दिन को दीपावली के रूप में मनाया जाता है I

दीपावली की बुराईयाँ :

कोई भी त्यौहार या पर अब खराब नहीं होता है लेकिन उसे खराब करने का काम इंसान ही करते हैं I दीपावली के दिन कई लोग घर में जुआ और शराब का भी सेवन करते जो कि इस महान पर्व के लिए कलंक के समान है I ऐसा करने वाले लोगों की संख्या अधिक है I इसलिए हमें दीपावली त्यौहार को काफी हर्षोल्लास और पवित्र तौर पर बनाना चाहिए ना की कुरीतियों जैसे काम कर I

इसके अलावा आज के समय  आवाज वाले पटाखे का इस्तेमाल किया जाता है I जिसके कारण वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण जैसी समस्या उत्पन्न होती है I जिससे हमारा वातावरण प्रदूषित होता है I और इसका खामियाजा आने वाले पीढ़ी और हमें भी भुगतना पड़ेगा I इसलिए हमें दीपावली के दिन पटाखों का इस्तेमाल कम करना होगा और अगर आप पटाखा जलाना चाहते हैं तो ऐसे पटाखे का इस्तेमाल करें जिसकी आवाज ना के बराबर हो I

Diwali Par Nibandh PDF Download:

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FAQ. Diwali Par Nibandh 2023

Q: भारत में दिवाली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है.

Ans: दीपावली का त्योहार पौराणिक कथा के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीराम 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या वापस आए थे I इसीलिए इस दिन को दीपावली मनाया जाता है

Q. क्या भारत के अलग-अलग राज्यों में दिवाली को एक ही रूप में मनाया जाता है ?

Ans बिल्कुल नहीं प्रत्येक राज्य में दीपावली मनाने की परंपरा और रीति-रिवाज अलग है

Q: दीपावली में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा क्यों की जाती है ?

Ans; दीपावली के दिन माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है इसके पीछे की वजह है कि माता लक्ष्मी को धन का देवी कहा जाता है और भगवान गणेश को बुद्धि का इसलिए अगर आपके पास बुद्धि होगी तभी तो आप धन का सदुपयोग कर पाएंगे I

Q वर्ष 2023 में दीपावली का त्यौहार कब मनाया जायेगा?

12 नवंबर 2023 को दीपावली का त्यौहार मनाया जायेगा

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

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10+ दिवाली पर निबंध – Essay on Diwali in Hindi 2023

Essay on Diwali in Hindi  : दोस्तो आज हमने दिवाली पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है। इस निबंध के माध्यम से हमने भारतवर्ष में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार Diwali के बारे में जानकारी दी है कि यह कब मनाया जाता है और क्यों मनाया जाता है।

दिवाली का त्यौहार पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है इस त्यौहार को सभी धर्मों ने स्वीकारा है और खूब उत्साह है और हर्षोल्लास से हर वर्ष इस त्योहार को मनाते है।

दिवाली के इस निबंध को हमने अलग अलग शब्द सीमा मी लिखा है जिससे सभी विद्यार्थियों को निबंध लिखने में आसानी हो। आप दिवाली पर कविता भी पढ़ सकते है

essay on diwali in hindi

Get Some Best Essay on Diwali in hindi for students 100, 200, 500, 2000 words।

10 Line Essay on Diwali in Hindi For Class 2,3,4

(1) भारत में हिंदू धर्म के लोगों द्वारा बनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली है।

(2) प्रत्येक वर्ष दीपावली अमावस्या के दिन सितंबर से अक्टूबर माह के मध्य में मनायी जाती है।

(3) भगवान श्री राम के 14 वर्ष के वनवास काटने के बाद अयोध्या लौटने पर उनके स्वागत में यह त्योहार मनाया जाता है।

(4) यह त्यौहार पांच दिनों तक चलता है जिसमें धनतेरस गोवर्धन पूजा भैया दूज इत्यादि उत्सव शामिल होते है।

यह भी पढ़ें –  दिवाली की शुभकामनाएं – Diwali ki Shubhkamnaye

(5) इन दिन सभी लोगों सभी लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते है रंग-बिरंगे फूलों और लाइटों से घर को सजाते है।

(6) दिवाली के दिन संध्या के समय भगवान श्री गणेश, महालक्ष्मी और मां सरस्वती की पूजा की जाती है।

(7) दीपावली किस दिन को प्रकाश पर्व भी कहा जाता है क्योंकि इसमें सभी लोग अपने घरों में दीपक जलाते है जिससे चारों तरफ रोशनी ही रोशनी फैल जाती है।

(8) यह भारत देश का सबसे बड़ा त्यौहार है इसलिए इस उपलक्ष में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है।

(9) यह त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है सभी लोग नये कपड़े पहनते है बच्चे पटाखे छुड़ाते है और बड़े लोग एक दूसरे को गले लगाकर दिवाली की बधाइयां देते है।

(10) दिवाली बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में भी मनाया जाता है।

Short Essay on Diwali in Hindi For Class 5,6

भारत एक विशाल देश है जहां पर प्रत्येक दिन कोई ना कोई त्यौहार मनाया जाता है। इनमें सबसे बड़ा त्योहार Diwali को माना जाता है। दिवाली का त्योहार सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में आता है। इस त्यौहार को प्रमुख रूप से हिंदू धर्म के लोगों द्वारा खूब धूमधाम से मनाया जाता है।

इस त्योहार को मनाने के लिए लोग महीने भर पहले से ही तैयारियां करनी चालू कर देते है। सभी लोग अपने घरों दुकानों और अपने आसपास के क्षेत्र की सफाई करते है और अपने घरों को रंग बिरंगे रंगों से रंगते है।

यह भी पढ़ें –  गणेश चतुर्थी पर निबंध – Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi

दीपावली के त्योहार को मनाने की प्रमुख वजह यह है कि इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौट कर आए थे और वहां की निवासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक जलाए थे जिसके कारण पूरा अयोध्या रोशनी से चमक उठा था।

इसीलिए दीपावली के दिन घोर अंधेरे को पराजित करने के लिए दीपक जलाए जाते है। दीपावली के दिन प्रमुख रूप से मां लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है साथ ही भगवान गणेश और मां सरस्वती की भी पूजा की जाती है।

दीपावली के दिन पूरा भारत रोशनी से जगमग हो उठता है चारों ओर खुशहाली ही खुशहाली छाई रहती है।

Diwali Par Nibandh in Hindi for Class 7, 8,9

भूमिका –

भारत विभिन्न, परंपराओं, संस्कृतियों, विचारों, भाषाओं एवं धर्मों वाला देश है यहां पर प्रत्येक धर्म का त्यौहार सभी लोग खूब धूमधाम से मनाते है। दिवाली का त्यौहार हिंदू धर्म के लोगों का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है और यह पूरे देश में मनाया जाता है।

दिवाली का त्यौहार दशहरे के 21 दिन बाद सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में अमावस्या के दिन मनाया जाता है। दिवाली का त्यौहार वर्षा ऋतु के समाप्त होने और शरद ऋतु की प्रारंभ होने का संकेत होता है दीपावली के त्योहार पर मौसम गुलाबी ठंड के लिए भी रहता है जिससे चारों और खुशहाली का मौसम बनता है।

यह भी पढ़ें –  दि‍वाली पर कविता – Best Poem on Diwali in Hindi

दिवाली त्यौहार की पौराणिक मान्यता –

इस त्योहार को सिख, बौद्ध और जैन धर्म के लोग भी मनाते है जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते है क्योंकि इसी दिन जैन धर्म के भगवान महावीर ने मोक्ष की प्राप्ति की थी तथा सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है क्योंकि इसी दिन सिख समुदाय के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था।

दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी को धन-धान्य एवं सुख संपदा की देवी माना जाता है और साथ में भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा भी की जाती है।

दिवाली का त्यौहार आने से पहले ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई और रंगाई पुताई का काम प्रारंभ कर देते है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार Diwali के दिन महालक्ष्मी सभी साफ-सुथरे एवं स्वच्छ घरों में आती है और अपने साथ सुख समृद्धि भी लेकर आती है इसीलिए महालक्ष्मी की पूजा के समय सभी लोग अपने घर के दरवाजे खुले छोड़ देते है।

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दिवाली का आयोजन – 

यह त्यौहार 5 दिनों तक की लंबी अवधि तक चलने वाला त्यौहार है। पहले दिन लोग धनतेरस के रूप में मनाते हैं इस दिन में बाजार से कुछ वस्तुएं खरीद के लाते है दीपावली का दूसरा दिन नारक चतुर्दशी या छोटी दिपावली के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध करके बुराई पर अच्छाई की जीत का परचम लहराया था।

इस त्यौहार का तीसरा दिन बहुत प्रमुख होता है क्योंकि इसी दिन दीपावली का ऐतिहासिक पर्व मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या में पधारे थे इसलिए अयोध्या वासियों ने अपने भगवान राम को खुश करने के लिए उनके स्वागत में सभी जगह फूलों की बरसात कर दी और जी के दीपक जला दिए।

इसीलिए दिवाली के दिन भी दीपक जलाए जाते है वर्तमान में दीपक की जगह मोमबत्तियां और चाइनीज लाइटों ने ले ली है। दिवाली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है माना जाता है कि इसी दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर भगवान इंद्र के क्रोध से हुई भारी वर्षा से बचाया था।

दिवाली का अंतिम दिन भैया दूज के रूप में मनाया जाता है इस दिन सभी भाई बहन एक दूसरे से मिलते है।

उपसंहार –

Diwali के इस पर्व के उपलक्ष में सभी लोग नए कपड़े पहनते है और अपने रिश्तेदारों को मिलते है जिससे समाज में सदभावना उत्पन्न होती है यह त्यौहार धार्मिक परंपरा के साथ साथ सामाजिक भावनाओं के साथ भी जुड़ा हुआ है।

Essay on Diwali in Hindi for Class 10,11,12

प्रस्तावना –.

दीपावली का त्यौहार खुशियों और सुख-समृद्धि का त्यौहार है। यह पांच दिवसीय हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार है। दिवाली के त्यौहार को भारत के प्रत्येक राज्य में मनाया जाता है। इस दिन अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी पूरा भारत रोशनी से जगमगाया हुआ होता है।

Diwali का त्यौहार असत्य पर सत्य की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। इस त्यौहार को सिर्फ हमारे देश में ही ही ही विदेशों में भी मनाया जाता है इससे इसकी प्रमुखता का पता लगाया जा सकता है। केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है बल्कि इसका सामाजिक, आध्यात्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और आर्थिक महत्व भी है।

दिवाली के त्यौहार को हिंदू धर्म के लोगों के साथ साथ वर्तमान में अन्य लोगों द्वारा भी बहुत ही धूमधाम है और हर्षोल्लास से मनाया जाता है। दिवाली के दिन सभी लोग अपने दुख दर्द भुला कर खुशी से इस त्योहार को मनाते है।

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वर्ष 2022 में दीपावली कब है – Diwali Kab Hai

इस वर्ष दीपावली का त्यौहार 24 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा । दिवाली के इस पवित्र पर्व को हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण अमावस्या के दिन मनाया जाएगा।

दिवाली त्योहार का इतिहास – History of Diwali in hindi

दीपावली का त्यौहार भारत में प्राचीन समय से ही मनाया जाता रहा है इस त्यौहार का इतिहास अलग-अलग राज्यों के लोग भिन्न-भिन्न मानते है लेकिन अधिकतर लोगों का मानना है कि जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे तब अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक प्रज्वलित किए थे और साथ ही अयोध्या के हर रास्ते को सुनहरे फूलों से सजा दिया गया था।

जिस दिन भगवान राम अयोध्या लौट कर आए थे उस दिन अमावस्या की काली रात थी जिसके कारण वहां पर कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था इसलिए अयोध्या वासियों ने वहां पर दीपक जलाए थे इसलिए इस दिन को अंधकार पर प्रकाश की विजय भी माना जाता है।

और यह सच भी है क्योंकि इस दिन पूरा भारत अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी दीपको की रोशनी से जगमगाता रहता है। जैन धर्म के लोग दीपावली के त्यौहार को इसलिए मनाते हैं क्योंकि इस दिन चौबीसवें तीर्थंकर, महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी और संयोगवश इसी दिन उनके शिष्य गौतम को ज्ञान प्राप्त हुआ था।

सिख धर्म के लोग भी इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं वे लोग त्यौहार को इसलिए मनाते है क्योंकि इसी दिन ही अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था साथ ही सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को भी इसी दिन जेल से रिहा किया गया था

दिवाली त्योहार की तैयारी –

Deepavali के त्यौहार की तैयारियां भारत में महीने भर पहले ही प्रारंभ कर दी जाती है क्योंकि भारत में ज्यादातर है हिंदू धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं इसलिए यह त्यौहार उनका सबसे बड़ा त्यौहार होता है। इस त्यौहार की तैयारियों को लेकर लोग इतने उत्सुक रहते हैं कि वह महीना भर पहले ही अपने घर और प्रतिष्ठानों की साफ सफाई करने लग जाते है।

हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि अगर घर में साफ सफाई होगी तो मां लक्ष्मी उनके घर पर आएगी और साथ में सुख समृद्धि भी लेकर आएगी।

यह भी पढ़ें – दिवाली पर स्लोगन – Slogan on Diwali in Hindi

आजकल लोग Diwali के कुछ दिन पहले ही घरों की रंगाई पुताई करवाते हैं साथ ही रंग बिरंगी लाइट ओं और फूलों द्वारा अपने घर और प्रतिष्ठान को सजाते है। बाजारों में इस त्यौहार के पहले एक अलग ही रौनक आ जाती है बाजार भीड़ से खचाखच भरे रहते है हर तरफ लोग खरीदारी करते दिखाई देते है।

दीपावली के त्यौहार को धूमधाम से मनाने के लिए लोग इस दिन के लिए नए कपड़े खरीदते हैं बच्चे खेलने के लिए खिलौने एवं पटाखे खरीदते है। दीपावली का यह त्यौहार 5 दिनों तक चलता है जिस के पहले दिन धनतेरस होती है।

धनतेरस के दिन लोग ज्यादा से ज्यादा खरीदारी करना पसंद करते हैं यह दिल लोग अपने घर कुछ ना कुछ बर्तन जरूर लेकर जाते है साथी लोग इस दिन सोने और चांदी के आभूषण खरीदना भी पसंद करते है। लोगों का मानना है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में बरकत होती है।

दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को मार गिराया था। कुछ लोगों द्वारा इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है इस दिन घर के बाहर 5 दीपक जलाए जाते है। प्राचीन परंपरा के अनुसार इस दिन लोग दीपक का काजल अपनी आंखों में डालते है उनका मानना है कि इसे आंखें खराब नहीं होती है।

तीसरा दिन दीपावली त्यौहार का मुख्य दिन होता है एक दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती है साथ ही विद्या की देवी मां सरस्वती और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन घर में रंगोली बनाई जाती है और तरह-तरह की मिठाइयां बनाई जाती है।

दिवाली के दिन सभी लोग शाम के समय मां लक्ष्मी की पूजा करते है। इस दिन घर को दीपक जलाकर रोशनी से जगमग आ दिया जाता है भारत में इस दिन रात के समय सबसे ज्यादा रोशनी होती है जिसका उदाहरण अंतरिक्ष से ली गई फोटो में आप देख सकते हैं –

india space photo on diwali

दिवाली के चौथे दिन को गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र की क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत अपनी एक अंगुली पर उठा लिया था। इस दिन घर के बाहर महिलाएं गोबर रखकर पारंपरिक पूजा करती है।

दिवाली त्योहार का आखिरी दिन भाई दूज के रूप में मनाया जाता है इस दिन बहन ने भाई को रक्षा सूत्र बनती हैं साथ ही तिलक लगाकर मिठाई खिलाती है और बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं और उन्हें अच्छा उपहार भी देते है। यह दिन कुछ कुछ रक्षाबंधन त्यौहार की तरह ही होता है।

दीपावली का महत्व – Importance of Diwali in hindi

दीपावली का त्योहार सभी वर्गों के लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना गया है। सबसे बड़ा त्यौहार होने के कारण सभी की आस्था इस समय से जुड़ी हुई है यह त्यौहार सभी तरह के महत्व अपने अंदर समेटे हुए हैं इसके महत्व का वर्णन हमने नीचे किया है –

आध्यात्मिक महत्व –

दीपावली त्यौहार की आध्यात्मिक महत्व जुड़ा हुआ है यह त्योहार अनेक धार्मिक ऐतिहासिक और कहानियों से मिलकर बना है। इस त्योहार की नीव अच्छाई पर टिकी हुई है इसलिए यह त्योहार जब भी आता है तो सभी लोगों में एक अलग ही खुशी और आस्था होती है।

दीपावली के त्यौहार को हिंदू, जैन, सिख आदि धर्मों द्वारा भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है इन सभी धर्मों में दीपावली के दिन ही ऐसी कोई ना कोई घटना हुई है जिससे अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और निराशा पर आशा बुराई पर अच्छाई की विजय हुई है।

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दीपावली का त्यौहार पूजा पाठ हो रहा अच्छाई से जुड़ा हुआ है इसलिए लोग इस पर्व पर आध्यात्मिकता की ओर बढ़ते है और इससे अच्छे विचारों को उद्गम होता है।

सामाजिक महत्व –

Diwali के त्योहार का सामाजिक महत्व भी बहुत बड़ा है क्योंकि इस त्योहार पर सभी धर्मों के लोग मिलजुलकर त्योहार को मनाते है। इस दिन सभी लोग पूजा करते हैं एक दूसरे से मिलने जाते है जिससे सामाजिक सद्भावना उत्पन्न होती है।

आजकल की भीड़भाड़ जिंदगी में लोगों को एक दूसरे से मिलने का कोई मिलता है इसलिए इस दिन लोग एक दूसरे से स्नेह मिलन के रूप में मिलते हैं साथ में एक दूसरे को मिठाइयां बांटते हैं और गले मिलते हैं जिसे लोगों को एक दूसरे की भावनाओं और धर्मों को समझने में रुचि उत्पन्न होती है।

दीपावली के दिन छोटे बच्चे बड़ों के पैर छूते हैं और बड़े उन्हें आशीर्वाद देते है। इस त्योहार के दिन लोग एक दूसरे के साथ इतना घुल मिल जाते है जैसे कई रंग एक दूसरे में घुल गए हो, इसलिए इस त्योहार का सामाजिक महत्व भी बढ़ जाता है।

आर्थिक महत्व –

दीपावली के त्यौहार पर भारतीय लोग जमकर खरीदारी करते हैं वे अपने घरों में सभी सुख सुविधाओं की चीजें लेकर जाते है। सभी लोग अपने घरों में उपहार, सोने-चांदी के आभूषण, बर्तन, राशन का सामान, कपड़े, मिठाइयां इत्यादि लेकर जाते है। इस पर्व पर लोग वर्ष के सभी दिनों से ज्यादा खरीदारी करते है।

हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि दिन खरीदारी करने से घर में किसी भी वस्तु की कमी नहीं रहती है और इस दिन खरीदारी करने से वह वस्तु फलदाई रहती है। इसलिए बाजारों में इस दिन ज्यादा चहल-पहल और अधिक खरीदारी होती है जिसके कारण लोगों की आमदनी बढ़ जाती है।

दीपावली त्योहार के पीछे सबसे पुराना आर्थिक महत्व इस बात पर जुड़ा हुआ है कि भारत में लगभग सभी फसलें मानसून पर निर्भर करती है इसलिए गर्मियों की फसल इस त्यौहार के पर्व से कुछ दिन पहले ही पक कर तैयार हो जाती है तो किसान इस फसल को काटकर बाजारों में बेचकर आमदनी कमाता है।

चूँकि भारत में अधिकतर लोग खेती करते हैं इसलिए कई दिनों बाद फसल को बेचकर इस चमार पर उन्हें अच्छी आमदनी होती है इसलिए इस बार का आर्थिक महत्व और भी बढ़ जाता है।

ऐतिहासिक महत्व –

दीपावली के त्यौहार के इस दिन बहुत सी ऐतिहासिक घटनाएं घटी है जिसके कारण इस त्योहार का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या में लौटे थे और वे श्रीराम से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम कहलाए थे।

इसी दिन समुंदर मंथन के दौरान मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था जिन्हें धन और सुख-समृद्धि की देवी भी कहा जाता है। स्वामी रामतीर्थ का जन्म व महाप्रयाण दोनों दीपावली के दिन ही हुए थे। दीपावली के पावन अवसर पर आर्य समाज की स्थापना हुई थी।

इसी दिन मुगल समाज के सबसे बड़े बादशाह है अकबर ने दौलत खाने में 40 फीट ऊंचा आकाश दीप जलाकर दीपावली त्यौहार को मनाना शुरू किया था। इस कारण हिंदू और मुसलमान धर्म के लोगों में एक दूसरे के प्रति नफरत खत्म हो गई थी।

1619 में दीवाली के दिन सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था। महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।

विदेशों में दिवाली का त्यौहार – Diwali festival abroad

मलेशिया – दीपावली के पर्व पर मलेशिया में भारत की तरह सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता है। यहां पर सभी धर्मों के लोगों द्वारा मिलकर इस चौहान को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है इस त्यौहार के दिन सभी लोगों द्वारा सभी के लिए भोजन की व्यवस्था की जाती है और पूरे दिन भर लोग अच्छे खाने का आनंद उठाते हैं और एक दूसरे से मिलते है।

दिवाली के इस त्योहार को मलेशिया में सामाजिक सद्भावना के रूप में मनाया जाता है

संयुक्त राज्य अमेरिका –

अमेरिका में भी भारतीय मूल के बहुत से लोग बसे हुए हैं इसलिए वहां पर भी Diwali के त्यौहार को उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। सन 2003 में अमेरिका के व्हाइट हाउस में पहली बार दिवाली का त्यौहार मनाया गया था। उसके बाद से लगभग पूरे अमेरिका ने इस त्योहार को अपना लिया। अमेरिका में 4 लाख भारतीय लोग रहते है।

नेपाल –

हमारे भारत देश का पड़ोसी देश नेपाल एक छोटा सा देश है जहां पर हमारी दीपावली के पर्व के दिन ही नव वर्ष मनाया जाता है। नेपाल में दीपावली को “तिहार” या “स्वन्ति” के रूप में जाना जाता है और वहां पर भी इसे 5 दिनों तक मनाया जाता है इस पर्व पर यहां के लोग दान धर्म करते हैं और पशु पक्षियों को भी खाना खिलाते है।

नेपाल के लोगों का मानना है कि इस दिन दान धर्म करने से पूरा साल अच्छा व्यतीत होता है। भारत का पड़ोसी देश होने के कारण नेपाल में भी भारतीय संस्कृति देखने को मिलती है। यहां पर भी पूरे विधि विधान के साथ मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

सिंगापुर –

सिंगापुर में दीपावली के त्यौहार के उपलक्ष में राजपत्रित अवकाश होता है। यहां पर भारतीय मूल के तमिल समुदाय के लोग रहते हैं जो कि दीपावली के त्यौहार को बड़ी धूम-धाम से मनाते है। दीपावली के त्यौहार पर सिंगापुर के बाजारों में भी रोनक देखने को मिलती है।

यहां पर भी भारतीय बाजारों की तरह ही सजावट की जाती है और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते है। सिंगापुर सरकार द्वारा भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करवाए जाते है।

मॉरीशस –

इस देश की लगभग 44% आबादी भारतीय लोगों की है जिसके कारण यहां पर हिंदू संस्कृति बहुत बड़े पैमाने पर देखने को मिलती है साथ ही यहां पर दीपावली के त्यौहार के दिन सार्वजनिक अवकाश होता है। इस देश में हिंदी भाषा भी बोली जाती है।

श्रीलंका –

श्रीलंका में भी दीपावली के त्यौहार के उपलक्ष में सार्वजनिक अवकाश होता है यहां पर भारतीय मूल के तमिल लोग अधिक मात्रा में रहते हैं जिसके कारण यहां पर भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। यहां पर भी दीपावली को खूब हर्षोल्लास से मनाया जाता है दीपावली के दिन यहां पर महालक्ष्मी की पूजा की जाती है और चारों तरफ मोमबत्तियां और दीपक जलाए जाते है।

इस त्योहार से हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती रहती है यह त्यौहार हमें सिखाता है कि कभी भी अंधकार से नहीं डरना चाहिए क्योंकि एक छोटे से दीपक की लौ भी काले अंधकार को प्रकाश में बदल सकती है। इसलिए समय हमेशा जीवन में आशावादी रहना चाहिए और अपने जीवन में हमेशा खुश रहना चाहिए।

दीपावली का त्यौहार सांस्कृतिक इन सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है इस त्यौहार से सभी के जीवन में खुशियां आती है इसी त्यौहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है।

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Diwali Essay in Hindi- दीपावली | दिवाली पर निबंध हिंदी में

In this article, we are providing Diwali Par Nibandh | Diwali Essay in Hindi दीपावली | दिवाली पर निबंध हिंदी | Nibandh in 100, 200, 250, 300, 500 words For Students & Children.

दोस्तों हमने Deepawali Par Nibandh | Essay on Diwali in Hindi लिखा है दीपावली | दिवाली पर निबंध हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है। 8 Simple Essay on Diwali in Hindi language.

Diwali Essay in Hindi- दिवाली पर निबंध हिंदी में

दीपावली पर निबंध हिंदी में 10 लाइन- Diwali Essay in Hindi 10 lines for Child & Kids ( 100 words )

1. दीपावली हिंदुओं का पावन त्योहार है।

2. यह अक्टूबर-नवंबर के महीने में आता है।

3. दीपावली के दिन ही श्री राम चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।

4. उनके आने पर पूरी अयोध्या नगरी को दीपों से सजाया गया था।

5. दीपावली के आने की तैयारी घर और दुकानों की साफ़-सफ़ाई और रंग-रोगन से होती है।

6. दीपावली से दो दिन पहले धनतेरस के अवसर पर लोग अपने घरों के लिए नया सामान खरीदते हैं।

7. सभी मित्र-संबंधी आपस में मुँह मीठा करवाते हैं।

8. दीपावली के दिन गणेश-लक्ष्मी का पूजन होता है।

9. सभी रात में अपने घर को दीपों से सजाते हैं और पटाखे चलाते हैं।

10. दीपावली की रात रोशनी की रात होती है।

10 lines दीपावली पर निबंध कक्षा 3

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दीपावली पर निबंध 150 शब्द- Diwali Par Nibandh | Diwali Essay in Hindi 150 words

परिचय : दीपावली हिन्दू जाति का प्रधान पर्व है। इसकी प्रतीक्षा लोग बड़ी उत्सुकता से करते हैं।

वर्णन : यह कार्तिक की अमावस्या को खूब धूम-धाम से मनायी जाती है। सबलोग इस दिन संध्या को अपने-अपने घरों को रंग-बिरंगी बत्तियों से सजाते हैं। आज के दिन व्यापारी लोग अपना कार्य शुरू करना शुभ मानते हैं।

लाभ : दीपावली सफाई का त्योहार है। दीपावली के पहले ही घरों एवं दुकानों की लिपाई-पुताई की जाती है। दुकानदारों के पुरान बकाए वसूल हो जाते हैं। लोग मित्रों और संबंधियों से मिलते-जुलते हैं। इससे प्रेम और भाई-चारा बढ़ता है।

हानि : कुछ लोग दीपावली के दिन जुआ खेलना अच्छा समझते हैं लेकिन यह गन्दी आदत है। वे लोग जुआ खेलकर अपना सब कुछ गँवा बैठते हैं। आतिशबाजी के कारण लड़के जल जाते हैं एवं कहीं-कहीं आग लगने की दुर्घटना घट जाती है।

उपसंहार : दीपावली हमारे जीवन में नवीन प्रकाश लाती है। यह हमें भाई-चारा, सहयोग, सुख और शान्ति का सन्देश देती है।

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Short Essay on Diwali in Hindi – दीपावली पर निबंध हिंदी में ( 180 words )

दीपावली हिन्दुओं का एक मुख्य त्योहार है। यह कार्तिक मास की अमावास्या के दिन मनाया जाता है।

भगवान राम चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे। अयोध्या के लोगों ने खुशी में घी के दीपक जलाए। तब से दीपावली मनाते हैं।

दीपावली आते ही खुशी की लहर दौड़ जाती है। घरों और दुकानों की साफ सफाई की जाती है। उन्हें सुन्दर तरीके से सजाया जाता है। घर में अनेक तरह के पकवान और मिठाईयाँ बनती हैं। नए कपड़े खरीदे जाते हैं। इस दिन गाँव एवं नगर दीयों और रंगीन बल्बों के प्रकाश से जगमग करते हैं।

बच्चों को दीपावली बहुत पसंद है। परिक्षाएँ खत्म हो चुकी रहती है और पाठशालाओं में छुट्टियाँ हो जाती है। बच्चे पटाखे खरीदते हैं जैसे -अनार, रॉकेट, फुलझड़ी, चरखी आदि। दीपावली के दो-चार दिन पहले से ही वे पटाखे जलाने लगते हैं । कुछ पटाखे खतरनाक होते हैं। पटाखे सदा बड़ों के संरक्षण में जलाने चाहिए।

दीपावली खुशियों और प्रेम का त्योहार है। इसे हिलमिलकर मनाना चाहिए।

Deepawali Essay in Hindi

Diwali Essay in Hindi

दिवाली पर निबंध हिंदी में- Hindi Essay on Diwali in 200 words

दीपावली या दीवाली हिन्दुओं का एक बहुत पवित्र तथा महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह सारे भारत में बड़े धूमधाम और उत्साह से मनाया जाता है। कार्तिक माह की अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है।

दीपों, मिठाइयों, लक्ष्मीपूजन और पटाखों का यह दिन सचमुच अद्भुत है। इस दिन के लिए बहुत पहले से ही तैयारियाँ प्रारंभ हो जाती हैं। घर-द्वार की सफाई, रंग-रोगन, दूकानों की सजावट, नये वस्त्रों, बरतनों, गहनों आदि की खरीद इस अवसर पर की जाती है। लोग-बाग उदारता से धन खर्च करते हैं और आनन्द मनाते हैं।

इसी दिन भगवान राम अपने 14 वर्ष के वनवास के पश्चात सीता के साथ अयोध्या लौटे थे। राम ने दुष्ट रावण का वध किया था। उन्होंने संतों, सज्जनों और दूसरे सभी अच्छे लोगों को रावण के भय से मुक्त किया था। इसी याद में सारी रात दीपक मालायें जलाई जाती हैं, सजावट की जाती है, मिलन मनाया जाता है और पकवान पकाये जाते हैं।

धनी और व्यापारी वर्ग इस दिन धन की देवी लक्ष्मी तथा विद्या के देवता गणेश का पूजन करते हैं। कुछ लोग इस दिन जुआ खेलते हैं। यह एक बड़ी सामाजिक बुराई है। हमें इससे बचना चाहिये। जैन धर्म के महान प्रवर्तक वर्धमान महावीर का देहावसान इसी दिन हुआ था।

इसी दिन आर्य समाज के प्रवर्तक स्वामी दयानन्द सरस्वती ने देह त्याग किया था।

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दिवाली पर निबंध हिंदी में- Essay on Diwali in Hindi Language ( 250 words )

दिवाली या दीपावली एक मुख्य त्योहार है। यह केवल भारत में ही नहीं, विदेशों में भी मनायी जाती है। लोग’ आश्वयुज अमावास्या के दिन यह पर्व मनाते हैं। दिवाली का अर्थ दीपों की पंक्ति है।

उत्तर भारत में यह पर्व पाँच दिनों का है। आन्ध्र प्रदेश में यह तीन दिन मनाया जाता है। दिवाली के एक दिन पूर्व नरक चतुर्दशी पर्व और दिवाली के बाद दूसरे दिन भैया-दूज पर्व मनाया जाता है। नरक चतुर्दशी पर्व मनाने के सम्बन्ध में एक कथा प्रचलित है। श्रीकृष्ण की पत्नी सत्यभामा ने नरक नामक राक्षस का वध किया था। उस घटना की स्मृति में नरक चतुर्दशी पर्व मनाया जाता है।

दिवाली पर्व के सम्बन्ध में यह कथा प्रचलित है। रावण-वध के बाद जब राम अयोध्या लौटे तब पुरजनों ने उनके स्वागत में दीपों का आयोजन किया था। तब से दिवाली प्रचलित हुई। यह पर्व बूढ़े-बच्चे, स्त्री-पुरुष सब बड़े आनंद से मनाते हैं। इस दिन सब स्नान करके नये कपड़े पहनते हैं। वे मीठे पकवान खाते हैं। वे पटाखे जलाते हैं। रात को दीप जलाते हैं और लक्ष्मी की पूजा करते हैं।

भैया-दूज भाई-बहन का त्योहार है। भाई बहन के घर जाकर खाना खाता है। बहन भाई को कपड़े देती है। भाई बहन को उपहार देता है। इस प्रकार यह पर्व भाई-बहन के प्रेम को बढ़ाने वाला है।

संक्षेप में दिवाली प्रकाश का पर्व है। यह आनंद का त्यौहार है। यह पर्व हमें यह सन्देश देता है कि ज्ञान रुपी प्रकाश अज्ञान रुपी अन्धकार कि दूर करता है।

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दिवाली पर निबंध- Diwali Essay in Hindi for Class 10 ( 300 to 350 words )

दीपावली हिन्दुओं का अत्यन्त प्रमुख पर्व है। यह त्यौहार कार्तिक मास। के कष्ण पक्ष की अमावस्या को समारोह पूर्वक समस्त भारत में मनाया जाता है। यह धन-धान्य की देवी लक्ष्मी की पूजा का पर्व है, इस कारण भी इसका अधिक महत्त्व है।

यह त्यौहार कब से और क्यों मनाया जाता है ? इस सम्बन्ध में एक विचार यह है कि श्रीराम चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात् इसी दिन अयोध या लौटे थे। नगर निवासियों ने उनके स्वागत में दीप जलाए थे, तभी से यह पर्व मनाया जाता है। वैसे यह एक ऋतु पर्व है। वर्षा ऋतु में जो अन्न बोए जाते हैं, वे इस समय तक पक कर तैयार हो जाते हैं। किसानों के घर नए अन्न से भर जाते हैं, उन्हें इसकी प्रसन्नता होती है। किसान के साथ ही व्यापारी और जनता को भी इसकी प्रसन्नता होती है। अतः अन्न और धन-लक्ष्मी के स्वागत का ही यह त्यौहार है।

इसी दिन भगवान् श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था और समुद्र मंथन से लक्ष्मी की उत्पत्ति भी इसी दिन हुई थी। दीपावली अपने साथ कई त्यौहार लेकर आती है। दीपावली से दो दिन पूर्व धन त्रयोदशी होती है। इसके पश्चात् नरक चतुर्दशी (छोटी दीपावली) आती है। अमावस्या को दीपावली का मुख्य उत्सव होता है। अगले दिन अन्नकूट या गोवर्धन पूजा का उत्सव होता है और उससे अगले दिन द्वितीया को भैया दूज का उत्सव मनाया जाता है।

दीपावली से पूर्व लोग घरों की सफाई करवाते हैं। इस दिन प्रातः काल से ही घरों में बड़ी चहल-पहल होती है। लोग बाजार से मिठाइयाँ, फल, खील-बताशे और दीवे लाते हैं। बच्चे फुलझड़ियाँ और पटाखे खरीदते हैं।

सायं होते ही लोग घर की मुंडेरों पर सरसों के तेल के दीपकों की पंक्तियाँ जलाते हैं। बिजली के लटू या मोमबत्ती भी जलाये जाते हैं। दीपकों के प्रकाश से अन्धेरी राम भी पूर्णिमा की राम की तरह चमक उठती है। रात को लोग घरों और दुकानों पर लक्ष्मी पूजन करते हैं। लक्ष्मी पूजन के पश्चात् प्रसाद वितरण होता है। बच्चे फुलझड़ी और पटाखे चलाते हैं। इस अवसर पर मित्रों और सम्बन्धियों को भी मिठाई दी जाती है।

वास्तव में यह आनन्द और उत्साह का अनुपम पर्व है।

दिवाली पर निबंध- Deepawali par Nibandh Hindi mein ( 350 to 400 words )

भारत वास्तव में त्यौहारों तथा मेलों का देश है। यहाँ विभिन्न धर्म, जाति तथा सम्प्रदाय के लोग निवास करते हैं। ये लोग समय-समय पर अपने त्यौहार तथा पर्व मनाते हैं। ये पर्व ही भारत की संस्कृति की असली तस्वीर हैं। दीपावली भारतीय त्यौहारों में अपना प्रमुख स्थान रखता है। यह हिन्दुओं का मुख्य त्यौहार है। पूरे भारत वर्ष में यह अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार श्रीरामचन्द्रजी के चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटने की खुशी में मनाया जाता है। ऐसा विश्वास है कि जब श्रीराम ने लंका के राक्षसपति रावण को हरा दिया तथा सीता माता को उसके चंगुल से मुक्त करा लिया तब वह अपने भाई लक्ष्मण तथा सेवक हनुमान के साथ अयोध्या लौटे थे। तब जनता ने खुशी में घी के दिये जलाकर प्रकाश किया तथा उनका अयोध्या में स्वागत किया। श्री राम के आने से अयोध्या की जनता अत्यंत प्रसन्न थी।

दीपावली आने से पहले लोग अपने घरों में साफ-सफाई तथा पुताई करते हैं। दीपावली से दो दिन पूर्व का दिन धनतेरस माना जाता है। इस दिन बर्तन खरीदना, जेवर या अन्य कोई नयी चीज खरीदना शुभ माना जाता है। दीपावली की रात को लोग लक्ष्मी देवी तथा गणेश की पूजा करते हैं। घरों में दिये, लैम्प आदि जलाये जाते हैं। पकवान बनते हैं तथा मिठाईयाँ पड़ोसियों व रिश्तेदारों में बाँटी जाती हैं। दीपावली की रात को बच्चों की तो मौज होती है। वे मिठाई, पकवान खाते घूमते हैं तथा पटाखे, अनार, फुलझड़ियाँ चलाते हैं। अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है। उसके बाद भाई दौज आता है। इस दिन बहनें भाइयों के तिलक लगाती हैं। भाई बहनों को कुछ रुपये उपहार स्वरूप देते हैं।

दीपावली एक पावन पर्व है। लेकिन कुछ लोग जुआ और शराब में अपना पूरा त्यौहार निकाल देते हैं। वे इस दिन डटकर शराब पीते हैं तथा जुआ खेलते हैं। जुए में बहुत सी रकम हार जाते हैं। क्रोध में बीवी, बच्चों को मारते-पीटते हैं। इस पवित्र दिन यह अपिवत्र बातें नहीं करनी चाहिये। मर्यादा और गरिमा की सीमा में रहकर त्यौहार का आनन्द उठाना चाहिये। अत्यधिक धन खर्च करके पटाखे फोड़ना भी गलत है। इसमें से कुछ धन बचाकर दान दे देना चाहिये। ताकि निर्धन लोग भी खुशी के साथ त्यौहार का आनन्द उठा सकें।

दीपों का त्यौहार दिवाली पर निबंध- Essay on Diwali in Hindi with Headings (500 words )

प्रस्तावना

भारतवर्ष त्यौहारों-पर्वो तथा उत्सवों का देश है। भारतीय त्यौहारों में दीपावली का विशेष महत्त्व है। यह इस देश का सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय त्यौहार है। दीपावली दीपों का त्यौहार है। दीपावली का बिगड़ा हुआ रूप है ‘दीवाली’। इसका अर्थ है दीपों की अवली अर्थात् दीपों की कतार (पंक्ति)। इस दिन हिन्दू लोग अपने घरों में दीये, मोमबत्तियाँ तथा बिजली के बल्बों को जलाकर, उनकी पंक्तियाँ अर्थात् कतार लगा देते हैं।

दीपावली कब मनाई जाती है? Diwali ka tyohar kab manaya jata hai

यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को सारे भारतवर्ष में बहुत धूमधाम तथा उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन सभी ओर इतनी अधिक रोशनी की जाती है जिससे अमावस्या की काली रात भी पूर्णमासी की तरह जगमगाने लगती है। दीपावली से पूर्व ‘धनतेरस’ तथा इसके बाद ‘गोवर्धन पूजा’ और ‘भैया दूज’ के त्यौहार मनाए जाते हैं।

दीपावली क्यों मनाई जाती है? Diwali kyon manai jati hai

इस दिन भगवान श्रीराम चौदह वर्षों का वनवास काटकर तथा लंका पर विजय प्राप्त करके सीता तथा लक्ष्मण सहित अयोध्या लौटे थे। इस तिथि को श्रीरामचन्द्र जी का राजतिलक किया गया था। अतः इस दिन सारे अयोध्यावासियों ने इसी खुशी में आनन्दोत्सव मनाया था तथा अपने हर्षोल्लास को प्रकट करने के लिए दीप जलाए थे और मिठाइयाँ बाँटी थीं। जैन धर्म के महावीर स्वामी तथा आर्य समाज के स्वामी दयानन्द सरस्वती जी को भी इसी दिन मुक्ति मिली थी। इसीलिए जैनी तथा आर्य समाज के लोग भी इस त्यौहार को बहुत धूमधाम से मनाते हैं। यह भी कहा जाता है कि महाराज युधिष्ठिर का राजसूय यज्ञ भी इसी तिथि को सम्पन्न हुआ था।

दीपावली कैसे मनाई जाता हैं? Diwali Kaise manai jaati hai

इस दिन लोग अपने घरों व दुकानों को सजाते हैं। गलियों तथा बाजारों को भी सजाया जाता है बाजारों में हलवाइयों की दुकानें खूब सजी होती हैं और सभी लोग मिठाइयाँ खरीदते हैं। इस दिन बाजारों से सुन्दर-सुन्दर खिलौने व बर्तन आदि भी खरीद कर लाए जाते हैं। इस दिन स्त्रियाँ अपने घरों में पकवान भी बनाती हैं। बच्चे व युवक आतिशबाजी चलाते हैं। घरों में आस्थावान लोग गणेश और लक्ष्मी की पूजा करते हैं। लोग दीवाली पूजन के बाद अपने इष्ट मित्रों व सम्बन्धियों के घर मिठाइयाँ भेजते हैं। व्यापारी बन्धु इस दिन अपना नए वर्ष का नया बहीखाता बनाते हैं।

उपसंहार

दीपावली के दिन कुछ लोग जुआ खेलना व शराब पीना अच्छा मानते हैं। यद्यपि इस कारण से अनेक घर बर्बाद हो जाते हैं। एक ओर लक्ष्मी की पूजा करके लोग उससे धन-प्राप्ति की प्रार्थना करते हैं तो दूसरी ओर बहुत से लोग जुआ खेल कर धन हार जाते हैं। फिर भी यह पर्व धनी-निर्धन, राजा-रंक एवं शिक्षित-अशिक्षित सभी के लिए हर्षोल्लास प्रदान करने वाला त्यौहार है।

दिवाली पर निबंध- Long Essay on Diwali in Hindi with Headings (650 words )

भूमिका

भारत वर्ष में अनेक धर्मो, विश्वासों और आस्थावाले लोग रहते हैं। इसलिए यहाँ अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं। भारत में पर्वो की गौरवशाली परंपरा है। सभी लोग अपने-अपने त्यौहार उल्लास और आनंद से मनाते हैं। हिन्दू बहुसंख्यक हैं, इसलिए उनके त्यौहार भी अधिक हैं। कुछ त्यौहार क्षेत्रीय हैं और कुछ राष्ट्रीय। हिन्दुओं के प्रमुख त्यौहार हैं— दीपावली, विजयदशमी (दुर्गापूजा) रक्षा बन्धन और होली। दीपावली हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है। यह कहना असंगत न होगा कि दीपावली भारत का राष्ट्रीय पर्व है।

परिचय | Dipawali ka arth 

दीपावली मनाने के बारे में एक कहानी प्रचलित है। कहते हैं कि इसी दिन श्री रामचन्द्र जी लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे थे। इस खुशी में अयोध्या-वासियों ने घर-घर दीप जलाए थे और आनंद मनाया था। तभी से यह त्यौहार पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

Dipawali ka Itihas

दीपावली पर्वो का समूह है। यह शरद ऋतु में मनाई जाती है। दीपावली का त्यौहार कार्तिक कृष्ण पक्ष 13 से लेकर कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तक अर्थात 5 दिनों तक मनाया जाता है। इस त्यौहार का पहला दिन ‘धन तेरस’ कहलाता है। इस दिन लोग नए-नए बर्तन खरीदते हैं। घर-घर में यमराज की पूजा होती हैं और दीप जलाकर घर के द्वार पर रखा जाता है। चतुर्दशी का दिन ‘नरक चौदस’ कहलाता है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर अत्याचारी राजा हिरण्य कश्यप का वध किया था और भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी। एक अन्य घटना के अनुसार इसी दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर को मारा था। इस दिन घरों की सफाई की जाती है। मुख्य पर्व कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है। उस दिन शाम को लक्ष्मी जी का पूजन किया जाता है और घर-घर दीप जलाये जाते हैं। बच्चे फुलझड़ियाँ और पटाखे छोड़ते हैं। लोग स्वादिष्ट भोजन करते हैं। बच्चे प्रेम से मिठाइयाँ खाते हैं। चौथा दिन ‘गोवर्द्धन पूजन’ का होता है। इसी दिन श्रीकृष्ण ने गोवर्द्धन पर्वत उठाकर इन्द्र के कोप से गोकुल के लोगों की रक्षा की थी। दीपावली का पाँचवाँ दिन ‘भैया दूज’ या ‘यम द्वितीया’ के नाम से प्रसिद्ध है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं और मिठाइयाँ खिलाती हैं। कहा जाता है कि इस दिन यमुना नदी में स्नान करने से यमराज के चक्कर से बचा जा सकता है।

पर्व की विशेषता | Dipawali parv ka mahatva 

यह पर्व वर्षा समाप्त होने के बाद आता है। बरसात के कारण अनेक मकान टूट-फूट जाते हैं इनकी लोग मरम्मत करते हैं। महीनों पहले से घरों की लिपाई-पुताई और सफाई होने लगती है। सभी घर तरह-तरह से सजाए जाते हैं। बाजारों को साफ-सुथरा करके सजाया जाता है। रंग-बिरंगे फूल-पत्तियों और बल्बों से शहर वाले अपने मकानों, दुकानों और गलियों को सुसज्जित करते हैं। हर ओर प्रसन्नता और आपसी वैर-भाव भूलकर प्रेमपूर्वक लोग एक दूसरे से मिलते हैं और शुभकामनाएँ देते हैं। सभी के मन और हृदय शुद्ध और स्वच्छ हो जाते हैं। सफाई से रोग फैलाने वाले कीड़ों-पतंगों का नाश हो जाता है। आतिशबाजी और पटाखों की गंध और धुएँ से कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।

पर्व के दुरुपयोग से हानियाँ

वह लोग जो जोश में आकर अपनी हैसियत से अधिक खर्च कर देते हैं, वे कर्ज से लद जाते हैं। वे वर्ष भर कष्ट पाते हैं। कई लोग दीपावली पर जुआ खेलना आवश्यक समझते हैं। जुआ खेलने से धन-दौलत हार जाते हैं। इससे उन्हें बहुत आर्थिक हानि हो जाती है, जिससे उनका जीवन दुःखी हो जाता है। कतिपय लोग इस अवसर पर नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं, जो उनके लिए हानिप्रद होता है। लापरवाही से आतिशबाजी छोड़ने से कभी-कभी आग लग जाती है, जिससे जन-धन का बहुत नुकसान होता है।

दीपावली आनंद का पर्व है। इसे प्रेम पूर्वक और सावधानी से मनाना चाहिए। साज-सज्जा, आतिशबाजी आदि पर व्यर्थ पैसे खर्च करना बुरा है। जुआ खेलने तथा दूसरे दुर्व्यसनों से बचना चाहिए। आतिशबाजी छोड़ते समय सावधानी बरतनी चाहिए जिससे दुर्घटनाएँ न हों। यह त्यौहार हमें अंधकार पर प्रकाश की विजय का संदेश देता है। इसलिए हमें ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जो हमारे लिए हानिप्रद हो।

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इस लेख के माध्यम से हमने Diwali Par Nibandh | Diwali Essay in Hindi का वर्णन किया है और आप यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

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दिवाली पर निबंध 600 शब्दों में: दिवाली का महत्व, परंपराएँ और धूमधाम से मनाने के तरीके

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Essay on Diwali in Hindi 600 Words

  • दिवाली पर निबंध 600 शब्दों में

इस पोस्ट मे शुभ दिवाली के शुभ अवसर पर  Happy Diwali   के लिए  Diwali Essay In Hindi 600 Words   शेयर कर रहे है ,  जिस निबंध को C lass 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखी गई है। जिसे इन कक्षा के छात्र अपनों के साथ शेयर  कर सकते है ,   तो चलिये अब 600  Words On Diwali In Hindi Essay   –  दीपावली पर निबंध 600 शब्दों में  को जानते है।

Essay on Diwali In Hindi 600 Words

दिवाली जो की हमारे भारत देश में मनाया जाने वाला सबसे बडा़ त्यौहार है। यह त्योहार भगवान श्रीराम के 14 वर्षो के वनवास के पश्चात अयोध्या मे वापस लौटने की खुशी मे पूरे अयोध्या मे घर घर, गली मुहल्ले, हर जगह दीये जलाए गए थे, जिससे पूरा अयोध्या स्वर्ग के समान जगमगाने लगा था, इस तरह हर साल दीये इस शुभ दिन दीये जलाया जाने लगा, जिसे हम सभी दिवाली के त्योहार के रूप मे मनाते है।

दीवाली के कुछ हफ्ते पहले से ही लोग आते ही लोग अपने घर की साफ-सफाई भी करते है। फिर दिवाली के दिन नए कपड़े पहनते है, मिठाई खाते हैं, दीप जलाते है, पटाखे जलाते हैं, लक्ष्मी-गणेश भगवान की पूजा करते हैं, और एक दूसरे को दिवाली की मिठाई बांटते है, और एक दूसरे को दिवाली की शुभकामना देते है, और मिलजुलकर इस तरह दिवाली का त्योहार मनाते है।

Table of Contents

दिवाली का त्यौहार हर किसी के लिए खुशियां लेकर आता है, फिर चाहे वो बड़ा हो या बच्चा। हर कोई इस त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम से मनाता है। साथ ही स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि में भी दीवाली का त्यौहार बहुत ही उल्लास के साथ मनाया है, दीपावली का ये त्यौहार साल में एक बार आता है जो कि अक्टूबर या नवम्बर की माह में होता है, दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है,

दिवाली के एक माह पूर्व से ही लोग घरों की साफ़ सफाई तथा पर्व की तैयारी में लग जाते हैं. लोग अपने घरों दुकानों तथा ऑफिस आदि को सजाते संवारते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी सबसे स्वच्छ स्थल में वास करती हैं. रात में लोग माँ के स्वागत के लिए घरों के द्वार भी खुले छोड देते हैं.

दिवाली का त्योहार कुल 5 दिनो के लिए मनाया जाता है, जो की दिवाली के दो दिन फले से दिवाली के दो दिन बाद तक रहता है, जिसे हर दिन अलग अलग नामो से दिवाली के इस त्योहार को मनाया जाता है, दिवाली त्यौहार के इन सभी पांच दिनों में खाद्य पदार्थों और मिठाई के स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं, लोग इस दिन पासा, कार्ड गेम और कई अन्य प्रकार के खेल खेलते हैं। वे अच्छी गतिविधियों के करीब आते हैं और बुरी आदतों को दूर करते हैं।

दरअसल दिवाली का पर्व एक दिन का न होकर पंचदिवसीय पर्व हैं. इसका प्रथम दिवस धनतेरस के रूप में जाना जाता हैं. इस दिन कुबेर और धन्वन्तरि का जन्म हुआ था. मान्यता है कि इस दिन खरीददारी करने से धन 13 गुणा बढ़ जाता हैं. इसका दूसरा दिन छोटी दीपावली का होता हैं इसके पीछे मान्यता है कि इस दिन कृष्ण ने नरकासुर का वध कर अधर्म पर धर्म की विजय दिलाई थी.

दीपावली भी इसी तरह का त्यौहार है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम अथार्त ज्ञान ने रावण रूपी अज्ञान को पराजित किया था। राम जी के वनवास से वापसी के लिए लोगों ने पूरी अयोध्या नगरी को फूलों, दीपों और रंगों से बहुत ही अच्छी तरह से सजाया था। जिसकी वजह से इसे दीपावली नाम दे दिया गया और हर साल मनाया जाने लगा।

दिवाली के पहले दिन धनतेरस या धन्त्ररावदाशी के रूप में जाना जाता है जिसे देवी लक्ष्मी की पूजा करके मनाया जाता है। लोग देवी को खुश करने के लिए आरती, भक्ति गीत और मंत्र गाते हैं, दूसरे दिन नरका चतुर्दशी या छोटी दिवाली के रूप में जाना जाता है जिसे भगवान कृष्ण की पूजा करके मनाया जाता है क्योंकि उन्होंने राक्षस राजा नारकसुर को मार डाला था,

विजयादशमी के दिन रावण का वध कर वे सीता समेत कार्तिक अमावस्या के दिन अयोध्या पहुँचते हैं. वहां की जनता अपने राजा का स्वागत घी के दिए जला कर करती हैं. इस तरह से यह दीपों का त्योहार बन गया जिसे हर हिन्दू प्रत्येक वर्ष धूमधाम से मनाता हैं.

दीपावली के दिन सभी लोग बहुत से मजेदार खेल खेलते हैं, स्वादिष्ट व्यंजन खाते हैं और पटाखे जलाकर इस दिन को बहुत ही खास बना देते हैं। इस दिन सभी जगहों चाहे वह सरकारी कार्यालय हो या सडक सभी को साफ करके अच्छी तरह से सजाया जाता है। इस दिन सभी लोग दिए, मोमबत्ती, लड़ी लगाकर अपने घरों को सजाते हैं। इस दिन लोग एक-दूसरे को उपहार देते हैं, मिठाईयां खिलाते हैं और दीपावली की बधाई देते हैं।

दिवाली की शाम को घर घर घी के दिए लाइट आदि से जगमगाहट की जाती हैं. शुभ मुहूर्त के समय माँ लक्ष्मी, श्रीगणेश तथा सरस्वती जी की पूजा आराधना कर सुख सम्रद्धि की कामना की जाती हैं.  दिवाली को पूरे भारत में खूब धूमधाम से मनाया जाता है, यहा तक कि   दिवाली  सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि भारत के बाहर रहने वाले विदेशो मे भी भारतीय और अन्य धर्म के लोग भी बहुत धूम धाम से मनाते हैं…

उसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए हम हर साल दिवाली का उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. इस दिन धन की देवी माँ लक्ष्मी की पूजा आराधना की जाती हैं. इस तरह यह एक खुशियों का पर्व है जो हमारे जीवन में आनन्द बिखेर जाता हैं.

इसके अतिरिक सिख धर्म में भी दिवाली के दिन का ऐतिहासिक महत्व हैं इस दिन छठे सिख गुरु हर गोबिंद जी को मुगलों ने रिहा किया था, अतः सिख लोग इसे बंदी छोड़ पर्व के रूप में भी मनाते हैं.

हिन्दू धर्म की कथाओं के अनुसार माना जाता हैं कि जब रावण सीता का हरण का लंका ले गया तो भगवान राम ने लंका की चढ़ाई की और दशहरा के दिन रावण का वध कर सीता के साथ अयोध्या रवाना हुए थे.  माना जाता है, कि कार्तिक अमावस्या की रात को ही प्रभु राम सरयू के तट अयोध्या पहुंचे थे. अपने प्रिय राम के आगमन पर वहां के निवासियों ने घी के दिए जलाए तथा खुशियों के साथ राम को गले लगाया. 

दिवाली की रात धन दात्री देवी लक्ष्मी जी की पूजा करने का विधान हैं. सुख सम्पदा के लिए लक्ष्मी के साथ ही माँ सरस्वती तथा गणपति का भी पूजन किया जाता हैं. इस रात को घर में विभिन्न तरह के पकवान बनाए जाते हैं दोस्तों रिश्तेदारों को पावन पर्व की बधाई के साथ उपहार भी आदान प्रदान किये जाते हैं.

हर त्योहार का अपना महत्व हैं. जिस प्रकार ईद मुसलमानों में भाईचारे का त्यौहार माना जाता हैं. उसी प्रकार दीपावली भी स्नेह का त्योहार हैं. इस दिन सभी व्यक्ति अपने इष्ट मित्रों से मिलते हैं. और उन्हें शुभकामनाओं सहित मिठाई आदि भेट करते हैं. सांस्कृतिक पर्व की दृष्टि से यह त्योहार पौराणिक परम्पराओं को बनाए रखने वाला हैं.

तो आप सभी को यह  दिवाली के लिए निबंध – Essay on Diwali in Hindi 600 Words  खूब पसंद आया होगा, तो आप अपने विचार कमेंट मे जरूर बताए और दिवाली पर निबंध 600 शब्दों में – Diwali Essay In Hindi 600 Words  को शेयर भी लोगो के साथ जरूर करे। और अंत मे आप सभी को  हैप्पी दिवाली…

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Diwali FAQs: दिवाली से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर: दिवाली के बारे में सब कुछ जानें

दिवाली क्यों और कैसे मनाई जाती है पूरी जानकारी और रोचक तथ्य, 2023 में दिवाली कब है जानिए तारीख और महत्वपूर्ण तिथियाँ.

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Bahut hi best essay. Happy diwali

Thanks Gyanipandit, aapko bhi happy Diwali. Aise hi diwalishare visit karte rahiye.

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मेरा प्रिय पर्व: दीपावली पर निबंध | Essay on My Favorite Festival : Diwali in Hindi

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मेरा प्रिय पर्व: दीपावली पर निबंध | Essay on My Favorite Festival : Diwali in Hindi!

भारत एक विशाल देश है जहाँ विभिन्न धर्मों व संप्रदायों के मानने वाले लोग रहते हैं। अत: यहाँ मनाए जाने वाले पर्व भी अनेक हैं । दीपावली, होली, रक्षाबंधन व विजयदशमी हिंदुओं के चार प्रमुख त्योहार हैं ।

वैसे तो प्रत्येक त्योहार का अपना एक विशेष महत्व है परंतु इन सब में दीपावली का त्योहार मुझे विशेष रूप से प्रिय है । यह त्योहार हिंदुओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है । दीपावली प्रत्येक वर्ष हिंदी महीनों के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है ।

दीपावली का पर्व वास्तविक रूप में अनेक पर्वों का एक समूह है । इस पर्व के साथ धनतेरस, गोवर्धन पूजा, विश्वकर्मा दिवस तथा भैया दूज का पर्व भी मनाया जाता है । धनतेरस का पर्व दीपावली के प्रमुख दिन से दो दिन पूर्व अर्थात् त्रयोदशी के दिन मनाया जाता है ।

इस दिन नए बरतन तथा आभूषण आदि खरीदने की परंपरा है । इसके पश्चात् चतुर्दशी के दिन छोटी दीपावली मनाई जाती है । तत्पश्चात् अमावस्या की रात्रि को दीपावली का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है । प्रतिपदा को विश्वकर्मा दिवस तथा गोवर्धन पूजा होती है । द्‌वितीया को भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक भैया दूज मनाई जाती है ।

दीपावली का धार्मिक, पौराणिक तथा सामाजिक सभी दृष्टि में विशेष महत्व है । इसे मनाने हेतु यह पौराणिक कथा प्रचलित है कि इस दिन श्रीराम लंका के आततायी राजा रावण का वध करने के उपरांत अयोध्या को लौटे थे । अयोध्या की प्रजा ने चौदह वर्षों के उनके वनवास के पश्चात् अयोध्या वापस लौटने पर घी के दीपक जलाकर उनका हार्दिक अभिनंदन किया ।

श्रीराम के सीता तथा लक्ष्मण सहित लौटने तथा उनके अयोध्या की गद्‌दी ग्रहण करने की खुशी को व्यक्त करने हेतु वहाँ की प्रजा ने घरों में घी के दीपक जलाए । तभी से परंपरागत रूप से प्रतिवर्ष इसी दिन हम इस त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाते चले आ रहे हैं ।

ADVERTISEMENTS:

दीपावली के कई दिन पूर्व ही इसकी तैयारियाँ प्रारंभ हो जाती हैं । सभी लोग अपने घरों की सफाई करते हैं तथा उसकी लिपाई-पुताई व नए रंगों से रंगाई कराते हैं । अमावस्या की रात्रि को सर्वप्रथम गणेश तथा लक्ष्मी का पूजन होता है व सभी ओर घरों में दीप जलाए जाते हैं ।

आधुनिक समय में रंग-बिरंगे विद्‌युत प्रकाश का महत्व बढ़ता जा रहा है । धनतेरस से लेकर भैया दूज तक बाजारों की चहल-पहल देखते ही बनती है । चारों ओर सजी दुकानें, साफ-सुथरे दमकते हुए घर, रंग-बिरंगी पोशाकों में दिखते लोग इस पर्व के महत्व को और बढ़ा देते हैं । बच्चों में इसका विशेष उल्लास देखने को मिलता है । दीपावली के दिन पटाखे छुटाते हुए उनके हर्ष और उल्लास को भली-भाँति अनुभव किया जा सकता है ।

दीपावली की प्राचीनता को देखते हुए यह कहा जा सकता है इस पर्व के मनाने का समय ही कुछ ऐसा है कि मनुष्य नए मौसम के हिसाब से अपने को ढाल सके । इस समय कुछ कीट अनावश्यक रूप से उत्पन्न होते हैं जो दीपक की लौ के साथ नष्ट हो जाते हैं । परंतु जिस तरह से आजकल यह प्रकाश पर्व ध्वनि पर्व बनता जा रहा है, वह पूरे समाज के लिए चिंता की बात है ।

दीपावली का त्योहार खुशियों का त्योहार है । यह हमें समाज में फैली अनेक बुराइयों के अंधकार को समाप्त कर अच्छाइयों के प्रकाश की ओर ले जाने हेतु प्रेरित करता है। दीपावली पर कुछ लोग इस मान्यता के साथ जुआ खेलते हैं कि इस दिन जुआ खेलना शुभ होता है ।

परिणामस्वरूप खुशी का यह त्योहार उनके लिए तब अभिशाप बन जाता है जब वे अगली सुभा तक अपनी गाड़ी संपत्ति लुटा चुके होते हैं । दूसरी ओर इस दिन कुछ लोग स्वयं को शराब में डुबोकर अपने परिवार की खुशियाँ छीन लेते हैं । अत: इसे हँसी-खुशी ढंग से ही मनाया जाना चाहिए तभी यह हमें आंतरिक खुशी प्रदान कर सकेगा ।

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) – दीपावली पर निबंध हिंदी में Class 1 से 10 तक के लिए यहाँ देखें

दीवाली हिन्दुओं का सबसे प्रमुख त्यौहार है। आज के इस आर्टिकल में हम दीवाली के महत्व को समझते हुए छात्रों के लिए दीपावली पर निबंध लेकर आये हैं। आप यहाँ से दीवाली पर निबंध हिंदी में कैसे लिखें यह जान सकेंगे। लेख में हमने कक्षा 1 से 10 तक के लिए Diwali essay in Hindi में उपलब्ध कराया है।

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दीपावली पर निबंध हिंदी में Class 1 से 10 तक के लिए यहाँ देखें

यह भी देखें: दिवाली के समान ही हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति को बहुत शुभ माना जाता है यदि आप जानना चाहते है कि यह त्यौहार क्यों मनाया जाता है, महत्व एवं आसान शब्दों में निबंध लिखने के लिए यहाँ क्लिक करें।

Table of Contents

दिवाली पर निबंध / deepawali in hindi

प्रस्तावना – दीवाली हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है। यह त्यौहार प्रत्येक वर्ष बड़ी धूमधाम से भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में मनाया जाता है। दीपावली भारत देश के सभी नागरिकों द्वारा बड़ी धूम धाम से मनाया जाने वाला खुशियों भरा त्यौहार है, दीपावली पर हर घर में भगवान गणेश और लक्ष्मी माता जी की पूजा होती है।

भारत के निवासी दीवाली के त्यौहार को अन्य देश में रहते हुए भी बड़े धूमधाम से मनाते है। दिवाली को 2 दिन तक छोटी दीवाली बड़ी दीवाली के रूप में मनाया जाता है।

दिवाली का अर्थ –

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दीपावली का अर्थ दो शब्दों से मिलकर बनी है दीप + आवली जहाँ दीप का अर्थ होता है दीपक और आवली का अर्थ होता है श्रृंखला या रेखा/पंक्ति। दीपावली शब्द संस्कृत भाषा से लिए गए शब्द है।

दिवाली त्यौहार की विशेषता

दिवाली मुख्यतः हिन्दू धर्म के लोगों के द्वारा जाती है। यह हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है। यह पर्व भारत देश सभी नागरिकों के द्वारा धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

प्रत्येक वर्ष यह त्यौहार कार्तिक मास को अक्तूबर या नवंबर में मनाया जाता है। दीपावली दीपों का त्यौहार है इस दिन भारत देश में विभिन्न प्रकार की लड़ियों और दीयों, मोमबतियों से घर को सजाया जाता है ।

दिवाली क्यों मनाई जाती है

भारत में सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली का त्यौहार है। पौराणिक कथाओं के अनुसार दिवाली के त्यौहार को मनाये जाने के पीछे यह तर्क है की जब भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास को काटकर और रावण का वध करके अपनी जन्मभूमि अयोध्या की तरफ लौटे थे तो उनके अयोध्या लौटने की ख़ुशी में अयोध्या वासियों द्वारा इस दिन घी के दिए जलाये गए थे। उसी दिन से ही दिवाली का यह पवन त्यौहार प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है।

दिवाली में विभिन्न प्रकार के उपहारों और मिठाइयों को अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को दिया जाता है और पटाखे जलाये जाते हैं। दिवाली के त्यौहार में भारत में हर घर में रौशनी फैली होती है।

दिवाली सभी लोगों का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है सभी लोगों के द्वारा इस त्यौहार को ख़ुशी के रूप में उत्साहित होकर मनाया जाता है।

दीपावली कब मनाई जाती है

दीपावली दशहरे के 21 दिन बाद अक्तूबर से नवम्बर माह के बीच में कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। इस त्यौहार को धूमधाम से कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी से कार्तिक शुक्ल द्वितीय अर्थात् पाँच दिनों मनाया जाता है।

दिवाली में हिन्दू देवी देवता जिनकी पूजा की जाती है

दिवाली के शुभ अवसर पर भगवान श्री गणेश और माता लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। यह पूजा धन की प्राप्ति और स्वस्थ जीवन की प्राप्ति के लिए की जाती है।

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लक्ष्मी जी घर में स्वागत के लिए उस दिन हर घर में रंगोली बनाई जाती है। इस दिन लक्ष्मी जी और भगवान गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है।

दिवाली मनाने की तैयारियाँ

इस त्यौहार को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली के कई दिन पहले लोग अपने घरों की साफ-सफाई करने के काम में लग जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में साफ सफाई होती है, उसी घर में दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी अपनी कृपा बनाये रखती है तथा अपना आशीर्वाद प्रदान करती है।

दीवाली के दिन सभी खुशियां मानते हैं। व्यापारी और दुकानदार अपनी-अपनी दुकानों को सजाते हैं और साफ़ सफाई पर विशेष ध्यान देते हैं। दीपावली के दिन बाजारों में खूब भीड़ होती है क्योंकि लोग खरीददारी करने बाजार जाते हैं और ढेर सारी मिठाइयां पटाखे खरीदते हैं और गणेश जी, लक्ष्मी जी, आदि की तस्वीरें खरीद कर घर में लगाई जाती है मंदिर को सजाया जाता है।

बाजारों में खूब रौनक देखने को मिलती है। दिवाली के इस अवसर पर सभी लोग नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते हैं और इक दूसरे को बधाइयाँ देते हैं। रात्रि के समय लक्ष्मी, गणेश के पूजा के बाद पटाखे जलाये जाते हैं । भारत की कुछ-कुछ जगहों पर दीवाली को नया साल की शुरुआत के रूप में माना जाता है।

दिवाली के साथ मनाये जाने वाले त्यौहार

  • दिवाली से पहले दिन- दीपावली का त्यौहार कुल मिलाकर 5 दिनों तक चलता है। दिवाली से एक दिन पहले धनतेरस होता है। इस दिन लोग अपने घर कुछ ना कुछ बर्तन लेकर जरूर आते हैं और कुछ लोग इस दिन सोना- चांदी के आभूषण भी खरीदते है। मान्यता है की धनतेरस के दिन खरीददारी करने से घर में बरकत आती है।
  • दूसरा दिन -दीपावली के दूसरा दिन को नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। लोगों द्वारा इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है। घर के बाहर दीपक जलाये जाते हैं।
  • तीसरा दिन -यह दीपावली त्यौहार का मुख्य दिन होता है। माँ लक्ष्मी जी की पूजा इस दिन की जाती है, मां सरस्वती और भगवान श्री गणेश की पूजा भी की जाती है। इस दिन घरों के आंगन में रंगोली बनाई जाती है और विभिन्न प्रकार की मिठाइयां रसोई में बनाई जाती है।
  • चौथा दिन -दीपावली के चौथे दिन को गोवर्धन पूजा की जाती है, मान्यता अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र के क्रोध के फलस्वरूप हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक छोटी अंगुली पर उठा लिया था। इस दिन महिलाएं घर के बाहर गोबर की पूजा करती है।
  • पांचवा दिन- इस दिन दीपावली के त्यौहार के अंतिम दिन को भाई दूज त्यौहार के रूप में मनाया जाता है।   बहन अपने भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बाँधती हैं और तिलक लगाकर उन्हें मिठाई खिलाती है और सभी भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा करने का वचन और उपहार देते है।

दीपावली का महत्त्व

दीपावली एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जो सभी वर्गों के लोगों के लिए उत्साहवर्धक त्यौहार है यह मुख्यता हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। धर्म का अधर्म पर विजय का सूचक यह त्यौहार सभी की आस्था से जुड़ा हुआ है। इस त्यौहार के मानव जीवन में बहुत महत्व हैं। –

दिवाली का सामाजिक महत्व

इस दीपावली के त्यौहार को सभी धर्मों के लोगों के द्वारा मिल-जुलकर मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घर के मंदिरों में पूजा पाठ किया करते हैं। एक दूसरे से मिलने उनके घर जाते है बधाइयाँ देते हैं जिससे सामाजिक सद्भावना को बढ़ावा मिलता है।

वर्तमान समय में इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में जब किसी के पास किसी अन्य व्यक्ति के लिए समय नहीं है तो यही त्यौहार हैं जिसमें आपको मौका मिल पता है एक दूसरे के साथ मिलने का जिससे लोगों में सद्भावना आती है।

लोगों को एक- दूसरे के त्योहारों की विशेषता का पता लगता है। अलग-अलग धर्मों के लोग एक दूसरे के त्योहारों में रुचि दिखते हैं और त्योहारों को एक साथ मानते हैं। इस तरह त्यौहारों का अपना एक सामाजिक महत्व होता है जो सामाजिक सद्भावना बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करता है।

दीपावली का आध्यात्मिक महत्व

इस त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है, जब कभी भी दिवाली का त्यौहार आता है तो सभी लोगों में एक उमंग और उत्साह का सञ्चालन होता है।

दीपावली के त्यौहार को सभी वर्ग के लोगों जैसे- हिंदू, सिख ,जैन, आदि धर्मों को मानने वाले लोग भी बड़ी धूमधाम से मनाते है। इन सभी धर्मों में दीपावली के दिन ही ऐसी कोई ना कोई ऐसी घटना घटित हुई है, जिसमें बुराई पर अच्छाई की विजय हुई है।

दीपावली का त्यौहार पूजा पाठ और बुराई पर अच्छाई की जीत से जुड़ा हुआ है। इसलिए लोग इस पर्व पर अध्यात्म की ओर अग्रसर होते हैं और इससे अच्छे विचारों का उत्थान होता है।

दिवाली का आर्थिक महत्व

दीपावली के त्यौहार में भारत के हर बाजार में खरीदारी की जाती है। सभी लोग बाजार जाते हैं और अपने लिए नए कपडे मिठाइयां सामान पटाखे खरीदते हैं।

इस त्योहार में नए सामान को खरीदना शुभ माना जाता है, क्योंकि माँ लक्ष्मी को धन-समृद्धि की देवी के रूप में माना जाता है। दीवाली के समय सोने और चांदी की खूब खरीददारी होती है। साथ ही साथ नए वस्त्र ,मिठाई, और पटाखों की खूब बिक्री भी होती है।

इस दौरान हर जगह खूब चहल पहल देखने को मिलती है आसमान में खूब रोशनी प्रकाशमान रहती है। लोग पटाखों पर खूब खर्चा करते हैं।

दिवाली का त्यौहार की विशेषता

अंधकार पर प्रकाश की विजय, बुराई पर अच्छी की विजय का यह पर्व समाज में नयी उमंग, उत्साह का संचार करता है। आपसी भाई-चारा और प्रेम के सन्देश का सूचक यह त्यौहार अपने आप में बहुत ज्यादा महत्व रखता है।

यह त्यौहार सामूहिक रूप तथा व्यक्तिगत रूप दोनों ही प्रकार से मनाया जाने वाला त्यौहार है जो धार्मिक और सामाजिक विशेषता रखता है।

अलग-अलग राज्य, क्षेत्र में दीपावली मनाने के कारण एवं तरीके अलग-अलग हैं। भारत के सभी जगह यह त्यौहार अपनी अलग-अलग विशेषता को संजोये हुए है।

सभी लोगों में दीपावली के त्यौहार को लेकर बड़ी उत्सुकता होती है। लोग अपने घरों, दफ्तरों की साफ सफाई करना कुछ दिन पूर्व से ही शुरू कर देते हैं। मिठाइयों और उपहार को एक दूसरे को भेंट करते हैं, एक दूसरे के घर जाते है। हर घर के आंगन में सुन्दर रंगोली बनाते है, तरह-तरह के दीपक जलाए जाते हैं और आतिशबाजी का आनंद उठाते है।

बड़े-छोटे सभी आयु वर्ग के लोग इस त्योहार में बढ़ चढ़ कर भाग लेते हैं। अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक यह पवन त्यौहार समाज के हर वर्ग के लिए उत्साह सम्पनता को लेकर आता है। दिवाली का यह पर्व समाज में उल्लास, भाई-चारे व प्रेम का संदेश फैलाता है।

Diwali par Nibandh (निष्कर्ष)

प्रातः उठकर नहाने के बाद सरे काम निपटने के बाद सभी लोग शाम के समय अपने घरों के सामने और प्रवेश द्वार में दीपक जलाते है। इस दिन सभी घरों में धन की देवी माता लक्ष्मी और श्री गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है।

ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी उसी के घर में प्रवेश करती हैं जिसके घरों में साफ़ सफाई, रौशनी और सजावट होती है। माता लक्ष्मी के स्वागत के लिए हर घर के आंगन में दीपक प्रज्वलित किये जाते हैं।

इस त्यौहार को भारत में रौशनी का त्यौहार कहा जाता है। इस तरह दिवाली का मानव के जीवन एक खास महत्व है।

दिवाली पर निबंध 10 पंक्तियों में

  • दिवाली को दीपों एवं प्रकाश का त्यौहार कहा जाता है।
  • दीपावली सनातनियों का सबसे बड़ा एवं महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है।
  • दिवाली भारत के अलावा सिंगापुर, मलेशिया, नेपाल, त्रिनिनाद, मॉरिशस जैसे देशों में भी मनाई जाती है।
  • दिवाली के दिन हिन्दू अपने घरों में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं।
  • दिवाली हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती है।
  • यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
  • मान्यताओं और शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम, लंकापति रावण पर विजय प्राप्त करके, चौदह वर्ष के वनवास को पूर्ण करके अयोध्या लौटे थे।
  • इस दिन सभी हिन्दू मिट्टी के दिये जलाते है है।
  • दिवाली के दिन लोग मिठाइयाँ बांटते हैं और पटाखे जला कर खुशियां मनाते हैं।
  • दिवाली के दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित होता है।

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) FAQs –

दीपावली कब मनाई जाती है.

दिवाली प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। जो की अक्तूबर और नवम्बर के दौरान पड़ती है।

दिवाली 2024 में कब है ?

इस बार दीवाली 31 अक्टूबर को है ।

Diwali kab manai jaayegi

इस वर्ष दिवाली 31st October को मनाई जाएगी।

दीपावली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है ?

दीपावली के ही दिन भगवन राम चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके लौटे थे, इस लिए दिवाली मनाई जाती है।

दिवाली पर निबंध कैसे लिखें ?

यदि आप दिवाली पर निबंध लिखना चाहते हैं तो इसके लिए आपको दिवाली क्यों, कब ,कैसे मनाई जाती है और इसका क्या महत्व है इनके बारे में जानकारी होनी चाहिए।

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Essay on Diwali for School Students and Children

500+ words essay on diwali.

First of all, understand that India is the land of festivals. However, none of the festivals comes close to Diwali. It is certainly one of the biggest festivals in India. It is probably the brightest festival in the world. People of different religions celebrate Diwali. Most noteworthy, the festival signifies the victory of light over darkness. This also means the triumph of good over evil and knowledge over ignorance. It is known as the festival of lights. Consequently, there are bright lights all over the whole country during Diwali. In this essay on Diwali, we will see the religious and spiritual significance of Diwali.

Essay on Diwali

The Religious Significance of Diwali

The religious significance of this festival has differences. It varies from one region to another in India. There is an association of many deities, cultures, and traditions with Diwali. The reason for these differences is probably local harvest festivals. Hence, there was a fusion of these harvest festivals into one pan-Hindu festival.

According to the Ramayana, Diwali is the day of the return of Rama. This day Lord Rama returned to Ayodhya along with his wife Sita. This return was made after Rama defeated demon King Ravana. Furthermore, Rama’s brother Lakshmana and Hanuman also came back to Ayodhya victorious.

There is another popular tradition for the reason of Diwali. Here Lord Vishnu as an incarnation of Krishna killed Narakasura. Narakasura was certainly a demon. Above all, this victory brought the release of 16000 captive girls.

Furthermore, this victory shows the triumph of good over evil. This is due to Lord Krishna being good and Narakasura being evil.

Association of Diwali to Goddess Lakshmi is the belief of many Hindus. Lakshmi is the wife of Lord Vishnu. She also happens to be the Goddess of wealth and prosperity.

According to a legend, Diwali is the night of Lakshmi wedding. This night she chose and wed Vishnu. Eastern India Hindus associate Diwali with Goddess Durga or kali. Some Hindus believe Diwali to be the start of a new year.

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The Spiritual Significance of Diwali

First of all, many people try to forgive people during Diwali. It is certainly an occasion where people forget disputes. Therefore, friendships and relationships get stronger during Diwali. People remove all feelings of hatred from their hearts.

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This light festival brings peace to people. It brings the light of peace to the heart. Diwali certainly brings spiritual calmness to people. Sharing joy and happiness is another spiritual benefit of Diwali. People visit each other’s houses during this festival of lights. They do happy communication, eat good meals, and enjoy fireworks.

Finally, to sum it up, Diwali is a great joyful occasion in India. One cannot imagine the delightful contribution of this glorious festival. It is certainly one of the greatest festivals in the world.

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FAQs on Diwali

Q.1 Why there is are differences in the religious significance of Diwali?

A.1 There certainly are differences in the religious significance of Diwali. This is due to the local harvest festivals. These festivals certainly came together to form one pan-Hindu festival.

Q.2 Tell how Diwali brings prosperity?

A.2 Diwali brings prosperity as Hindu merchants open new account books on Diwali. Furthermore, they also pray for success and prosperity.

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Essay on Diwali 2023 for Students: Short Paragraph and 10 Lines on Deepavali

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Diwali Essay: Diwali is one of the prominent festivals of India. Students should know and understand the importance of this festival. Here, we shared some tips on Writing Diwali essay in English. It is important for students to know how to write Deepawali essay in english. They participate inwriting competition of Diwali nibandh english. The below given article on Diwali in english can be helpful in this. Students canwrite essay on Diwali english with the help of given information and they can also add their information to make it sound. From the below-section, students can use 10 lines on Diwali essay in english 150 words and write these Diwali essay in english 10 lines in their own langugage.

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Short Essay on Diwali in English

Essay on diwali in english 10 lines, diwali essay in english 150 words.

Essay on Diwali 2023 for Students: Short Paragraph and 10 Lines on Deepavali

The festival of Diwali is celebrated all across India and the schools with great enthusiasm and joy. Students usually engage in writing an essay on Diwali in English and look for ideas to help them get started. Here is a short essay on Diwali in English, students can use this Diwali festival essay in their school. They can take paragraph on Diwali from here for reference about about Diwali in English. This Diwali paragraph in english will help them in writing an impressive essay on Deepawali. So, here are sample of Diwali easy essay.

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Diwali is one of India's most important and celebrated religious festivals. Diwali is celebrated in honour of Lord Rama as he returned to Ayodhya after a 14-year exile. The inhabitants of Ayodhya lit diyas to welcome Rama back and to commemorate his victory. Since then, people have celebrated Diwali to signify the triumph of light over darkness. Five days are dedicated to celebrating Diwali— Dhanteras, Naraka Chaturdashi, Lakshmi Pooja, Govardhan Pooja, and Bhai Dooj. Read the below-given English paragraph on Diwali to know more on the festival.

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Keep on reading to find more essays on Diwali in English.

Diwali is celebrated as a symbol of victory of good over evil. People celebrate by lighting diyas and arranging them in rows along the parapets of temples and homes. They are later tossed into rivers and streams. Beautiful rangoli designs often made of flower petals, coloured rice and sand grace the floors of the house. Doors and windows are left open in the hope that Lakshmi will enter and bless the people with money and success. In accordance with the Hindu calendar, people worship the Goddess Lakshmi and Lord Ganesh after sunset. This is then followed by an exchange of gifts and wishing each other and others happiness and prosperity.

This was the first sample essay on Diwali in English which can also be used as a short speech on Diwali.

Also Read | Diwali Essay: About, Paragraph, 10 Lines on Diwali

Here is an essay on Diwali in English written in 10 lines —

Diwali celebration has great significance for cleaning because it celebrates the arrival of the goddess Lakshmi, a symbol of peace, prosperity, and money. People clean their houses, shops, and offices a few days before the celebration since it is believed cleanliness is next to godliness. New clothes, jewellery, utensils and sweets are purchased on the auspicious day. It is also believed that buying gold and silver on Dhanteras brings more wealth and good fortune. Dhanteras 2023 is celebrated two days before Diwali followed by celebration of Choti Diwali the next day. Diwali is a significant festival for everyone that brings happiness and blessings. On this day, people abandon bad habits in favour of beneficial ones. With Diwali's triumph of good over evil, a new season begins.

Essay-On-Diwali-In-English-For-Students-lnLine-image

Also Read | दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दीपावली पर निबंध हिंदी में Class 1 से 10 तक के लिए यहाँ देखें

Fireworks, vibrant paintings, sweets, and dry fruits, lord worship are all the things that come to mind while celebrating Diwali. All families gather on this auspicious occasion of Diwali which will fall a day before Bhai Dooj 2023. Diwali festivities spread happiness and unity not just in India but also throughout the world. This occasion is especially cherished by children since they get to break open their favourite crackers and eat whatever they like. Every year, in the months of October or November, the Diwali festival is celebrated. It is observed exactly 20 days after the Dussehra celebration . It holds significance spiritually because it symbolises the triumph of good over evil. People make an effort to adhere to all the customs while celebrating the holiday. Some of cultural practises include decorating homes with candles and diyas and worshipping Lord Ganesha and Goddess Lakshmi.

Students may refer to these essays on Diwali in English to enhance their school projects or class work. The short essays on Diwali in English can also be modified and used as speech on Diwali 2023. Also, use this information to get Diwali essay in english 20 lines or diwali essay in english 1000 words.

Frequently Asked Question (FAQs)

Diwali is celebrated as a symbol of victory of good over evil. People celebrate by lighting diyas and arranging them in rows along the parapets of temples and homes. Beautiful rangoli designs often made of flower petals, coloured rice and sand grace the floors of the house.

Dhanteras 2023 will be celebrated on Fri, 10 Nov, 2023.

Diwali, falls in October or November. It is observed 20 days following the Dussehra celebration. This year it will be celebrated on Sun, Nov 12, 2023.

Bhai Dooj is celebrated one day after Diwali. Bhai Dooj 2023 will be celebrated on Tue, Nov 14, 2023.

Festival of Diwali signifies triumph of good over evil.

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Schools with ongoing admissions: Some schools, due to transfers or other reasons, might still have seats available even after the main admission rush.  Reach out to the schools directly to see if they have any open seats in 10th grade.

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Focus on excelling in your current school: If you can't find a new school this year, focus on doing well in your current school. Maintain good grades and get involved in extracurricular activities. This will strengthen your application for next year if you decide to try transferring again.

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You don't need to worry. The class 7th paper will be simple and made by your own school teachers.

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The eligibility age criteria for class 10th CBSE is 14 years of age. Since your son will be 15 years of age in 2024, he will be eligible to give the exam.

Popular CBSE Class 10th Questions

A boy standing on a stationary lift (open from above) throws a ball upwards with the maximum initial speed he can, equal to 49 m s-1. How much time does the ball take to return to his hands? If the lift starts moving up with a uniform speed of 5 m s-1 and the boy again throws the ball up with the maximum speed he can, how long does the ball take to return to his hands?

A player throws a ball upwards with an initial speed of 29.4ms ?1 . (a) What is the direction of acceleration during the upward motion of the ball ? (b) What are the velocity and acceleration of the ball at the highest point of its motion ? (c) Choose x = 0 m and t = 0 s to be the location and time of the ball at its highest point, vertically downward direction to be the positive direction of x-axis, and give the signs of position, velocity and acceleration of the ball during its upward, and downward motion. (d) To what height does the ball rise and after how long does the ball return to the players hands ? (Take g=9.8m/s 2 and neglect air resistance).

Choose the correct statement of the following a. conversion of solid into vapours without passing through the liquid state is called vapourisation. b. conversion of vapours into solid without passing through the liquid state is called sublimation. c. conversion of vapours into solid without passing through the liquid state is called freezing. d. conversion of solid into liquid is called sublimation.

Fill in the blanks: a. Evaporation of a liquid at room temperature leads to a __________ effect. b. At room temperature the forces of attraction between the particles of solid substances are __________ than those which exist in the gaseous state. c. The arrangement of particles is less ordered in the _________ state. However, there is no order in the _______ state. d. _____________ is the change of gaseous state directly to solid state without going through the _____________ state. e. The phenomenon of change of a liquid into the gaseous state at any temperature below its boiling point is called ___________.

For the following statements, write T for True and F for False. (a) J.J. Thomson proposed that the nucleus of an atom contains only nucleons. (b) A neutron is formed by an electron and a proton combining together. Therefore, it is neutral. (c) The mass of an electron is about 1/2000 times that of proton. (d) An isotope of iodine is used for making tincture iodine, which is used as a medicine.

General electronic configuration of outermost and penultimate shell of an atom is (n-1)s^{2} (n-1)p^{6} (n -1)d^{x} ns^{2} . If n=4  the number of proton in the nucleus is

In an electrical circuit three incandescent bulbs A, B and C of rating 40 W, 60 W and 100 W respectively are connected in parallel to an electric source. Which of the following is likely to happen regarding their brightness? a. Brightness of all the bulbs will be the same b. Brightness of bulb A will be the maximum c. Brightness of bulb B will be more than that of A d. Brightness of bulb C will be less than that of B

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    दिवाली निबंध हिंदी में | ( कक्षा- 3 से 10 के लिए )- Diwali Per Nibandh Hindi Me, 150, 200, 300 500 शब्दों में दीपावली पर निबंध, हिंदी में बच्चों के लिए दीपावली पर निबंध यहां पाएं..!

  10. 10+ दिवाली पर निबंध

    Get Some Best Essay on Diwali in hindi for students 100, 200, 500, 2000 words।. विषय-सूची. 10 Line Essay on Diwali in Hindi For Class 2,3,4. Short Essay on Diwali in Hindi For Class 5,6. Diwali Par Nibandh in Hindi for Class 7, 8,9. Essay on Diwali in Hindi for Class 10,11,12. प्रस्तावना -.

  11. Diwali Essay in Hindi- दीपावली

    दीपावली पर निबंध हिंदी में 10 लाइन- Diwali Essay in Hindi 10 lines for Child & Kids ( 100 words ) 1. दीपावली हिंदुओं का पावन त्योहार है।. 2. यह अक्टूबर-नवंबर के महीने में आता ...

  12. दीपावली पर निबंध हिंदी में (Diwali Essay In Hindi 2023)

    Diwali is the biggest festival of India and this year Diwali will be celebrated on Novemeber 12 in 2023. Lord Kuber is worshiped along with Mata Lakshmi on Diwali. The significance of Diwali is very high, as it is a symbol of light and gaiety. Essay competition is organized in school on Diwali, in which children have to write essay on Diwali.

  13. दिवाली पर निबंध 600 शब्दों में: दिवाली का महत्व, परंपराएँ और धूमधाम से

    दिवाली पर निबंध 600 शब्दों में Essay on Diwali In Hindi 600 Words Essay on Diwali In Hindi 600 Words. दिवाली जो की हमारे भारत देश में मनाया जाने वाला सबसे बडा़ त्यौहार है। यह त्योहार भगवान श्रीराम ...

  14. दिवाली पर निबंध

    दिवाली पर निबंध | Diwali Essay in Hindi. दिवाली का त्यौहार हर किसी के लिए खुशियां लेकर आता है, फिर चाहे वो बड़ा हो या बच्चा। हर कोई इस त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम से मनाता ...

  15. मेरा प्रिय पर्व: दीपावली पर निबंध

    मेरा प्रिय पर्व: दीपावली पर निबंध | Essay on My Favorite Festival : Diwali in Hindi! भारत एक विशाल देश है जहाँ विभिन्न धर्मों व संप्रदायों के मानने वाले लोग रहते हैं। अत: यहाँ मनाए ...

  16. दिवाली पर निबंध हिन्दी में, Essay on Diwali in Hindi 2023

    दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi 2023, Format, Examples | दिवाली पर निबंध - इस लेख में हम दिवाली (दीपावली) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दे रहे हैं - दिवाली का अर्थ, दिवाली कब ...

  17. दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) दीपावली पर निबंध हिंदी में

    दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) FAQs - दीपावली कब मनाई जाती है? दिवाली प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। जो की अक्तूबर ...

  18. दीपावली

    दीपावली (संस्कृत: दीपावलिः = दीप + आवलिः = पंक्ति, अर्थात् पंक्ति में रखे हुए दीपक) शरदृतु (उत्तरी गोलार्ध) में प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला एक पौराणिक सनातन ...

  19. हिन्दी निबंध : दीपावली क्यों, कब और कैसे मनाई जाती है?। Diwali essay in

    दीपावली के त्योहार का बच्चों और बड़ों को पूरे साल इंतजार रहता है। कई दिनों पहले से ही इस उत्सव को मनाने की तैयारियां शुरू हो जाती है। - diwali essay

  20. Diwali Essay in Hindi

    Diwali Essay in Hindi (दीपावली पर निबंध हिंदी में/diwali par nibandh hindi mein): जैसा की आप इस पोस्ट की शीर्षक में देख पा रहे है ये पोस्ट किस बारे में होने जा रही है। यह हिंदी दीपावली पर ...

  21. Essay on Diwali for School Students and Children

    500+ Words Essay on Diwali. First of all, understand that India is the land of festivals. However, none of the festivals comes close to Diwali. It is certainly one of the biggest festivals in India. It is probably the brightest festival in the world. People of different religions celebrate Diwali.

  22. दीपावली पर निबंध 20 लाइन/Diwali par nibandh/Essay on Diwali in hindi

    दीपावली पर निबंध 20 लाइन/Diwali par nibandh/Essay on Diwali in hindi/Diwali essay in hindiYour Queries:diwali par nibandh 20 lineदिवाली पर ...

  23. Essay on Diwali 2023 for Students: Short Paragraph and 10 ...

    Diwali Essay in English 150 words. Essay on Diwali 2023 for Students: Short Paragraph and 10 Lines on Deepavali. The festival of Diwali is celebrated all across India and the schools with great enthusiasm and joy. Students usually engage in writing an essay on Diwali in English and look for ideas to help them get started.